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2008 वित्तीय संकट का विश्लेषण

2005 से लेके 2007 की बात है, Angelis Mozilo, जिसको Golden Boy का भी नाम दिया गया है, वो हर साल 100 million dollars कमा रहा है, उसको हर magazine cover कर रही है, यही नहीं, Investment Banking की दुनिया में सबसे बड़ा नाम, जी हाँ, 1850 से चलती आओई एक Investment Bank, Lehman Brothers, इसके top 5 officials सालाना 1 billion dollar रुपए कमा रहे हैं, याद रखे, एक साल मे यही नहीं real estate का पूरा market boom पे है, share market की बात करें तो IPOs पे IPOs आ रहे हैं and everything is actually having a stellar listing, जिसका मतलब public भी धेर सारा पैसा बना रही है share बजार से because सब कुछ उपर जा रहा है, इसी के साथ जो top insurance company है उसके भी मुनाफ़े पे मुनाफ़ा होते जा रहा है, यही नहीं moody's जो समय की स� तो इन सारे चीजों के बीच में अचानक से ये 2008 में इतना बड़ा बौखाल क्यूं आया? दोस्तो अगर जानना चाहते हो पूरे अच्छे तरीके से कि what exactly propelled the 2008 crisis? चलिए शुरू करते हैं तो काफी सारे लोगों को लगता है कि 2008 के चीज एकदम latest 2006 या 2005 से चाले हुई थी लेकिन ये एकदम गलत है इसकी शुरुवात late 90s से हो गई थी actually में late 90s में जैसे ही dotcom bubble की शुरुवात हुई थी तो काफी सारे लोग share बजार में interested हो गए थे काफी सारे लोग देश विदेश में share market पर पैसा लगा के पैसा कमाते थे और जब IT bubble फटा early 2000s में तो उस समय उनको भारी नुकसान हुआ इसके बाद आने वाले 2-3 साल तक पूरी economic conservative मोड पे चले गई सरल भाषा से कहूं तो ये लोग saving driven economy हो गई थी instead of spending driven economy, अगर economics को सरलता से मैं आपको समझाओ, तो यहाँ पर एक simple सी बात है, अगर किसी देश के companies को grow करना है, तो obviously लोगों को spend करना पड़ेगा, because जब तक लोग spend नहीं करेंगे, commodities और goods and services नहीं खरीदेंगे, तब तक companies कैसे कमाएंगे, और जब तक companies कमाएंगे नहीं, तब because interest rate उस समय पे high था, करीब 6% के उपर interest rate था, जब Fed ने एक decision लिया, 11 बार अपनी rate of interest change करने के लिए, और 11 बार change करने के बाद इसको लेके आ गई 1.75%, अब इसका मतलब क्या हुआ, इसका मतलब simple सा ये हो गया, that जो loan पहले एक व्यक्ति को महंगा पढ़ रहा था, वो सस्ता पढ़ने लग गया, जिसके कारण अचानक से customers को ये लगने लग गया, कि यार loan और credit card के basis पे, अगर मैं कुछ सामागरी खरीदता हूँ, तो मुझे सस्ते दाम पर ये चीज़े मिल रही है, because rate of interest बहुत कम है, और यहीं से इन सारे बवालों की जड़ शुरुवात हुई थी, दोस्तों, लोगों ने अलग-अलग कसम की चीज़े, जैसे की घर, बंगला, गाड़ी, on credit as well as loan fund, यही नहीं, यहीं पर Mr. Bush अपने एक सपने के साथ आये, कि हर अमेरिकन के पास अपना एक घर हो, और याद रखें यूएस में जो चीजे होती हैं उसका एक सिगनिफिकंट इंपाक्ट ओवर आल पूरे ग्लोब में पड़ता है बिकॉस बाकी सारी इकनॉमीज एक्सपोर्ट ओरियंटेड होती हैं और लिंग्ड होती हैं यूएस मार्केट से तो जिस तरह की पॉलिसेज जि चलता है जिसके कारण ग्लोबली बहुत बड़ी रैली होने लग यह पूरी अच्छे तरीके से चल रहा था अंटिल 2005 में माइकल गुरी जहां जो खुद एक हेचफंड मैनेजर जो एलेक्ट्रिक बेस हेचफंड चलाते थे उन्हें एक चीज लोट करी कि भाई यहां तो बहुत बड़ी गड़बड़ है और बाद में जैरेट जो कि डॉश बैंक में काम करते थे वहां गवर करूं तो कमेंट में जरूर लिखेगा बिग शॉट अब इसके बाद शुरू होता है गोल्डन एज गोल्डन एज क्यों बिकॉस अब आसान किष्टों में कम दाम में लोन रे लेकर लोग काफी सारी चीजें खरीदना श इस चक्कर में काफी सारे लोग land खरीदते, land क्यों?

because लोगों को अभी भी share market से डर था, because 2000 bubble के फटने के बाद, दो तीन साल तक लोगों को लगता था कि अब यहाँ पर कुछ नहीं हो सकता था, in fact हमारे देश में भी 2015 में पूरा साल इसी तरह गया था, in fact 2016 के start तक कोई भी इधर invest नहीं करना चाता था, तो यहाँ पर एक important lesson यह है, कि हमेशा market एक linear fashion में नहीं जाता, और stop भी आता है, ठीक उसी तरह 2018 में हमारे share बाजार में काफी सारे लोग जो enthusiastic थे small cap और mid cap पे वो अभी तक अपना पैसा recover नहीं कर पाए जी हाँ 64% of the small cap companies market इतना उपर जाने के बाद भी अपने 2018 के high के उपर quote नहीं कर रहे हैं तो इसलिए बहुत बड़े high level पे बहुत सारा सामान लेना भी ए प्राउड जिस चीज के लिए फील होना चाहिए रगुराम राजन सहाब ने भी ये चीज कही थी कि बॉस यहाँ पर बहुत बड़ा धन्दला चल रहा है इजी क्रेडिट के चक्कर में पूरी दुनिया डेट में डबरी है सेम एयर कुछ और इंटरेस्टिंग चीजें हो रही थी, प्रोफेसर्स और काउंसिलर्स बन गए थे, हेजफ़न्ड मैनेजर्स के कंसल्टेंट, जी हाँ, वो स्पीच के लिए बहुत पैसा ले रहे थे, और उनको दिया जाता था बहुत सारे पैसा, आर्टिकल्स लिखने के उन लोगों ने उन दो साल में, जी हाँ, 2005 से लेके 2007 के बीच में, 60 to 70 क्रोर रुपीज कमा लिये थे, just imagine, professors earning this much, just by writing article, यही नहीं, Iceland के साथ भी बहुत dramatic change हुआ, पूरी एकनॉमी 13 billion dollar worth थी, लेकिन पूरी एकनॉमी में 100 billion dollar worth banking operations होने लग गये थे, यह specifically तब शुरू हुआ, जब वहाँ के prime minister ने 2000s में deregulation वहाँ पर apply कर दिया, basically उनने, उन्हें वहां के सबसे प्रमुख तीन बैंक्स को एकदम प्राइवरटाइज कर दिया जिसके कारण काफी सारे लेवरेज्ड बेट्स के साथ वह बैंक्स खेलने लगी यहीं पर एक और चीज हुई थी हैंक पॉल्सन जो कि गोल्डमेन सैक्स के एक bankers और इनके corporate fellows के help करेंगे लेकिन बुजजी को लगा कि इस तरह की decentralization लाना ज़रूरी है और इसलिए उन लोगों ने ये कदम उठाया था, तो अब समझते हैं कि यहाँ पर issue शुरू कहां से हुआ, इसमें issue शुरू हुआ था bank की liquidity से, देखे दोस्तों, loan काफी सस्ते हो गया थे जिसके कारण काफी सारे बैंक्स के पास अब उतना यह लिक्विडिटी नहीं बची जिससे कि वो नए लोगों को लोन दे सके, लोग क्या कर रहे थे, लोग यहां से लोन ले रहे थे और उसके बाद घर खरीद रहे थे, जो लोग अफोर्ड कर सकते हैं लोन्स इस तरह के लोगों को क्रेडिट और लोन देना, लेकिन अब बैंक्स ने शुरू कर दिया एक नया माया जाल जिसको कहते है सब प्राइम लोन्स, मतलब जो लोग अफोर्ड भी नहीं कर सकते थे लोन्स उनको भी लोन्स देना शु लेटरल में घर तो है, घर बेचके हम कमा लेंगे पैसा, तो वो housing loan specifically subprime basis पर देने लग गई, अब इसमें क्या होता था, for example, अगर किसी की उमर 70 साल है, और उसके पास कोई active source of income नहीं है, 70 की age में भी, वो लोग बड़े-बड़े loans दे दे रहे थे, अब जाहर से बात है, ये लोन और क्रेडिट बाते जा रहे थे अब यूजियल इस तरह की चीजें इकनॉमिय में क्यों होती है इस ऑफ गेटिंग मनी जब इंटरेस्ट रेट लो हो जाता है आसानी से पैसा आता है तो बहुत सारा पैसा शेयर बाजार में घूमता है बहुत सारा तो जिसके कारण काफी सारे लोगों को लगता था EMI तो बहुत कम आ रही है, principal और EMI बहुत कम आएंगे, बढ़ धीरे धीरे adjusted rate मतलब flexible interest rate रहता था, अगले साल वो 2%, फिर 4%, फिर 6%, अब इसमें scene ऐसा होने लग गया, that जिसे जैसे interest उपर जाने लग गये, तो कुछ लोग इस चीज़ पर default करने लग गये, जिसके कारण banks इन घरों को auction करने लग गई, धीरे धीरे इनकी संख्या बढ़ेने लग गई, जिसके कारण mass auction होने लग गई, अब scene ऐसा हो गया कि इसी समय के साथ साथ interest rate भी उपर चले गए थे, जो 1.75% interest rate था वो 5% plus जाने लग गया, जिसके कारण, अब scene यह होने लग गया क कोलेटरलाइज डेट ऑब्लिगेशन इसको सरलता से मैं आपको समझा देता हूं इसका मतलब क्या होता है दोस्तों सीन क्या होता था कि बैंक्स जब अपने लोन्स देती है तो बदले में आप इनको मॉडगेज पेपर देते हो सो बेसिकली बैंक आपको लोन लिए एक पेपर मिलता मॉडगेज पेपर जो बैंक के पास रह प्रेपरेट ली यूएस में यह बहुत प्रचलित रहता था इन फैक्ट हमारे देश में भी बहुत बार हुआ है कि इस मॉर्गेज पेपर को हम किसी और को बेच देते हैं अब बेचने की बात में वो क्या करते थे कि फर एक्सेंपल एक सरलता से मैं बताओ मानलीजिए आप देते investment bankers को investment bankers हमेशा एक नए asset zone रहते तो उनको ये लगता था कि ये package एकदम secured है क्यों because rating agencies इस package को AAA rating देते थे AAA मतलब सबसे safe and secured तो जिसके कारण इन सारे investment bankings को लगता था कि यार ये इतने secured हैं और सारे loans एक साथ करके दे रहे हैं अगर loan पर default भी हो गया तो इनकी property तो हम cg कर लेंगे ना property बेच के पैसा कमा लेंगे जिसके कारण banks अपना risk transfer करे थे investment bank को अब investment bank वालों को भी तो commission कमाना था था वो लोग इसको और थोड़ा ब्यूटिफाई करके प्रोडक्ट्स बनाकर अपने HNI Clients, HNI Clients जिनके पास 15, 20, 30 करोड रुपे रहते थे इनवेस्ट करने के लिए उनको ट्रांसफर करती थी, उनको वो जब बताते थे कि यह AAA रेटिंग है तो साइकल पास उन द पास, पास उन द पास का तब तक चलता रहा जब सब प्राइम वाले अपना डिफॉल्ट करने लग गए, डिफॉल्ट करने के कारण जाने लग गया जिसके कारण housing price जो बहुत inflated थे वो धीरे धीरे आने नीचे लग गया है जिसके कारण काफी सारे लोगों को realistic avenues पता चलने लग गया है कि boss यहां पर यह चीज सस्टेन नहीं करने लगेगी कि यार एक करोड का घर 50 लाग हो गया, तो मैं इसमें interest देते देते 80 लाग क्यों भरू, तो मैं भरूंगा नहीं, भाड मैं जाया, मैं कोई दूसरा घर लूँगा, तो उन लोगों ने भी default करना शुरू कर दिया, और फिर शुरू हुआ cascading effect, अब इसका cascading effect इस तरह शुर� उसके बेचने लग गए और इसे के साथ बीच में 2005 से लेके 7 की बीच में एक और interesting चीज हुई थी जो आपने big shot movie में भी देखी होगी वहाँ पर ये लोग क्या करने लग गए थे कहीं न कहीं इस पर derivatives में short करने का कोई तरीका नहीं था इसलिए इन लोगों ने credit swaps निकाला simple तरीके से बताओ insurance on that CDO उनका ये simple सा था कि कल को मान लो CDO डूब गई तो हम आपको insurance कर रहे हैं तो यहीं पर AIG जो उस समय की सबसे बड़ी insurance company थी उसने ये सोचा कि वैसे बिट भी ट्रिपल ए रेटेड है कुछ नहीं तो घर तो बिकी जाएंगे तो उन्हें भी इतने एडवर्स एफेक्ट सोचा ही नहीं था कि इतना बुरा चीज हो सकता है तो उन्हें इस तरह के इंशॉरेंस वाली चीजें बनाने शुरू कर दी थी जिसके कारण माइकल गुरी बहुत पैसा बनाया था आफ्टर सेलिंग दीजिट थैंक्स जो हमारा क्रेडिट स्वाप्स था तो सिंपल जा सीन यह हो गया कि एएजी जिसने इतना इंशॉरेंस दिया हुआ था सीडियोस के कारण और सीडियोस सब डिफॉल्ट करने लग गए तो एएजी बैंक जो उस समय पर थे उस पर बियर्स टर्न्स जी हां उनका सीओ साल का एक बिलियन डॉलर कमाता था और वह टाइम पास के लंच के टाइम पर अपने चॉपर के साथ वॉल्स्ट्रीट के आसपास चक्कर लगा था देखने के लिए वहीं सब सही चल रहा में घूम रहे हो अब सिंपल सी बात है एक बिलियन डॉलर साल का कमारे साल का और यह मैं बात कर दो थोड़ा जनसिक तो अजय को अजय को विरसिफ्ट उन्हें बोला था मेरी कंपनी डू भी नहीं सकती है 1850 से चल रही है अब कौन माईकालाल इसको डूबाएगा लेकिन उनकी कंपनी की भी वाट लग गई बेसिकली जो हमारे फेड के ट्रेजरी हेड थे पॉल्सन उन लोगों ने उनने एक मीटिंग बुलाई जिसमें की टॉप इंवेस्मेंट बैंकर्स को बुलाया गया फ्रम सिटी बैंक, जेपी मोर्गन, मोर्गन स्टैनले एटसेक्टरा लेकिन वहाँ पर उनने लेमन ब्रेदर्स के CEO को नहीं बुलाया एक दे एंड हर जगह मैसाकर फ़स किया एइजी को बेल आउट करना पड़ा बहुत बड़ी रकम से जो की टैक्स पेयर का रकम था स्टिमिलिस पैकेज एट हंड्रेड बिल्लियन डॉलर्स का निकाला इकनॉमिक को सुधारने के लिए और स्टॉक मार्केट को सुधारने के लिए लेकिन अगें लोगों का ट्रस्ट इतना ज्यादा हर्ट हो गया था कि 30 मिलियन लोग वहां पर रातों रात अनेंप्लॉइड हो गए थे और इसका कैसकेटिंग इफेक्ट बाकी जो पर पड़ा बि अपिसेस बहुत सारी कंट्रीज में थे, वहाँ पर मास फाइरिंग करनी पड़ी, उसके बाद कुछ कंपनीज, करीब करी 30 से 32 सब प्राइम बेस्ट कंपनीज बैंकरप्ट हो गई और हर जगा हाकार मज़ गया। मैंने इकदम शार्ट में दोस्तों, आपको ये एक लि करती है वह आज के इस वीडियो में बताती है अगर आपको यह वीडियो पसंद लाइक जरूर कीजिए लेकिन जानने से पहले मैं आपको कुछ इसके इंपॉर्टेंट लर्निंग्स बताऊंगा कि इस पूरे इंस्टेंट से में सीखा किया कि हम डरना चाहिए नहीं ह कभी भी अपने लिमिट के बियॉंड बेट मत करो, बैंक्स ने क्या किया था, अपने लिमिट के बियॉंड CDOs इशू कर दिये थे, इंवेस्ट्मेंट बैंक्स क्या कर रहे थे, लिमिट से ज़ाधा CDOs कर रहे थे, AIG क्या कर रहा था, बॉश्य हो जाओ और जब हर कोई पॉशिस होता उस टाइम पर ग्रीडी हो जाओ बिकॉज हर कोई पॉजिटिव ऑप्टिमिजम लेकर चल रहा था तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि कोणे से इतना बड़ा डेविल आ जाएगा और सबका नाश कर देगा लेकिन करते हैं