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ड्रेनेज और नदी प्रणाली का महत्व
Aug 30, 2024
ड्रेनेज और रिवर सिस्टम
परिचय
पानी का बहाव "ड्रेनेज" कहलाता है।
ड्रेनेज की परिभाषा: किसी इलाके में नदी का बहना।
ड्रेनेज बेसिन: एक नदी क्षेत्र जिसमें कई ट्रिब्यूटरी नदियाँ मिलती हैं।
ड्रेनेज सिस्टम
दक्षिण एशिया में
ड्रेनेज सिस्टम का महत्व।
हिमालयन नदियाँ
: पेरिनियल (साल भर पानी)
पेनिनसुलर नदियाँ
: नॉन-पेरिनियल (वर्षा पर निर्भर)
ड्रेनेज बेसिन
ड्रेनेज बेसिन
: एक क्षेत्र में नदी और उसकी ट्रिब्यूटरीज का समूह।
वाटर डिवाइड
: किसी ऊँचे क्षेत्र (जैसे पहाड़) से पानी दो अलग-अलग बेसिन में बंटता है।
प्रमुख नदियाँ
गंगा नदी
गंगा का उद्गम: भागीरथी और अलकनंदा का मिलन।
मेन ट्रिब्यूटरीज
: यमुना, घागरा, गंधक, कोसी।
गंगा का डेल्टा: सुंदरबन डेल्टा।
ब्रह्मपुत्र नदी
उद्गम: चेमायुंगडुंग ग्लेशियर, तिब्बत।
भारत में प्रवेश: नामचा बरवा पर्वत से यूटर्न लेकर।
प्रमुख ट्रिब्यूटरीज: दवांग और लोहित।
अन्य नदियाँ
सिंधु नदी
: तिब्बत में उद्गम, पाकिस्तान में गिरती है।
नर्मदा और तापी नदी
: मध्य प्रदेश से गुजरती हैं और अरब सागर में गिरती हैं।
गोदावरी, कृष्णा, कावेरी
: पश्चिमी घाट से निकलती हैं, बे ऑफ बंगाल में गिरती हैं।
झीलें और उनके महत्व
झीलें: कुछ स्थायी (परमानेंट), कुछ अस्थायी (टेम्पररी)।
झीलों का उपयोग: पानी का भंडारण, बाढ़ नियंत्रण, हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी।
जलवायु और इकोसिस्टम पर प्रभाव
जल स्तर में कमी: प्रदूषण के कारण।
रिवर पॉल्यूशन
: औद्योगिक और घरेलू अपशिष्ट।
निष्कर्ष
जल का सही तरीके से प्रबंधन आवश्यक है।
रिवर्स का संरक्षण और साफ-सफाई पर ध्यान देना चाहिए।
भविष्य के लिए जल संकट से बचने के उपायों की आवश्यकता।
पाठ्यक्रम का समापन
सभी विद्यार्थियों से अपील: जल का संरक्षण करें।
किसी भी प्रश्न के लिए संपर्क करें।
धन्यवाद!
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