भगवान जगन्नाथ के मंदिर का खजाना और उड़ीसा की राजनीति
उड़ीसा में सत्ता परिवर्तन
- लंबे समय बाद सत्ता परिवर्तन: नवीन बाबू की सरकार की जगह बीजेपी सत्ता में
- चुनावी मुद्दा: भगवान जगन्नाथ के मंदिर के खजाने का तहखाना खोलने का वादा
- राजनेतिक बयानबाजी: पहले वाली सरकार क्यों नहीं खोल रही थी तहखाना?
भगवान जगन्नाथ का रथ यात्रा
- जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरूआत
- भगवान जगन्नाथ का इतिहास और सांस्कृतिक महत्व
रत्न भंडार की जानकारी
- रत्न भंडार के तीन प्रकार:
- बाहरी रत्न भंडार (डेली यूज के लिए)
- बाहरी रत्न भंडार (त्यौहारों के लिए)
- आंतरिक रत्न भंडार (लंबे समय से बंद)
- आंतरिक रत्न भंडार की सुरक्षा सांपों द्वारा की जाती है
- 1978 के बाद से बंद, 46 साल बाद खुल रहा है
- खजाने में 50 किलो सोना, 134 किलो चांदी संभावित है
इतिहास: भगवान जगन्नाथ का मंदिर
- पुरी जगन्नाथ मंदिर: चार धामों में से एक
- भगवान नील माधव की मूर्ति की कहानी
- राजा इंद्रद्युम्न और विश्व वसु का योगदान
- भगवान विश्वकर्मा द्वारा मूर्ति निर्माण
- वर्तमान मंदिर का सातवीं सदी में जीर्णोधार
- मंदिर के चार द्वार: सिंह द्वार, अश्व द्वार, व्याघ्र द्वार, हस्ती द्वार
- 20 फीट ऊंची दीवारें
- 2018 में हाई कोर्ट का आदेश: रत्न भंडार खोलने के लिए
- 16 लोगों की टीम: चाबी खोने की वजह से वापस लौट आई
चुनावी मुद्दा
- बीजेपी का वादा: खजाने की इन्वेंटरी पब्लिश करना
- नई सरकार ने 16 सदस्य वाली हाई लेवल कमेटी गठित की
- रत्न भंडार को खोलने का प्रयास
हाल की जानकारी
- 14 जुलाई को रत्न भंडार खुला गया
- बाहरी खजाने का सामान शिफ्ट किया गया
- आंतरिक रत्न भंडार अभी भी बंद
- सांपों की सुरक्षा की तैयारी
- एक पुलिस अधिकारी बेहोश हुए
भविष्य की योजना
- आंतरिक रत्न भंडार फिर खोला जाएगा
- सामान की पूरी लिस्ट और वीडियोग्राफी की जाएगी
अन्य जानकारी
- पाठशाला ऐप पर कोर्सेस और किताबें उपलब्ध हैं
नोट: यह पूरी कहानी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है।