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Daily Hindu News and Editorial Analysis - 13th July 2024

हाय गाइज एंड वेलकम बैक टू द चैनल दीपक यादव एजुकेशन वेलकम टू द डेली हिंदू न्यूज़ एंड एडिटोरियल एनालिसिस ऑफ 13 ऑफ जुलाई 2024 तो गाइज आज है तारीख 13 जुलाई 2024 और है सैटरडे देखेंगे आज के द हिंदू कंप्लीट न्यूज़पेपर को कंप्लीट न्यूज़पेपर को एनालाइज करेंगे बट लेक्चर में आगे बढ़ने से पहले अगर आपको इस लेक्चर का पीडीएफ चाहिए तो क्या करना है सबसे पहले डाउनलोड करना है टेलीग्राम देन उसके बाद जाकर सर्च बॉक्स में टाइप करना दीपक यादव एजुकेशन यूपीएससी एज यू कैन सी गाइज आपको यह वाला चैनल मिल जाएगा इस पे क्लिक करना और जाकर इस चैनल को जवाइन कर लेना यहां से आप डेली बेसिस पे इस लेक्चर के पीडीएफ को डाउनलोड कर पाओगे नाउ हमेशा की तरह हम लोग अपने लेक्चर को एक मैप के क्वेश्चन के साथ स्टार्ट करेंगे तो आज आप सभी को मैप में जाकर देखना है बिलीगिरी रंगनाथ और स्वामी टेंपल टाइगर रिजर्व को कहां पर है एगजैक्टली लोकेटेड इसको अच्छे से मैप में देखना देन उसके बाद आकर नीचे कमेंट सेक्शन में टाइप करना जिससे कि आप लोग इसको लंबे समय तक याद रख पाएंगे साथ ही साथ एक क्वेश्चन सॉल्व करेंगे जो कि यूपीएससी पैटर्न के ऊपर बेस्ड है डेली बेसिस पे हम यहां पर प्रैक्टिस क्वेश्चन को भी सॉल्व करते हैं आपको याद होगा आज से कुछ दिनों पहले जो मैप का क्वेश्चन मैं देता हूं वहां पर मैंने पैंगोंग सो लेख का प्रश्न आपको दिया था कि उसको अच्छे से मैप में देख लेना आज उसी के बेसिस पे प्रैक्टिस क्वेश्चन भी आपके सामने है देखते हैं कितना अच्छे से आपने पढ़ा हुआ है तो जो पैंगोंग सो लेक है दोस्तों यह कौन-कौन सी पहाड़ियों से घिरा हुआ है यह आपने बताना है ऑप्शन नंबर ए हिमालयाज एंड अरावली रेंज या ऑप्शन नंबर बी काराकोरम रेंज एंड कैलाश रेंज या ऑप्शन नंबर सी इस ईस्टर्न घटस एंड वेस्टर्न घाट या ऑप्शन नंबर डी विंध्या रेंज एंड सतपुरा रेंज तो उसका सही आंसर सभी को नीचे कमेंट सेक्शन में देना है एटलीस्ट सभी को उसमें पार्टिसिपेट करना है जैसे मैं आप लोगों से डेली बेसिस प बोलता हूं बाय द वे इसका जो करेक्ट आंसर है वह मैंने आपको वाले इंपॉर्टेंट आर्टिकल की तरफ तो दोस्तों रिसेंटली यहां पर यह बहुत ज्यादा चर्चा में रहने वाली खबर बन चुकी है क्योंकि सरकार ने स्पेशली यहां पर केंद्र सरकार ने बोला है कि अब से हर साल 25 जून को हम संविधान हत्या दिवस ऑब्जर्व करेंगे तो इस दिवस को मनाया जाएगा अब क्वेश्चन यह है कि संविधान हत्या दिवस यह क्या है और किस बेसिस पर यहां पर इसको 25 जून को ही ऑब्जर्व करने के लिए बोला गया तो दोस्तों याद होगा 25 जून 1975 यह वो तारीख है जब देश में इमरजेंसी लगाई गई थी तो आज इस पर्टिकुलर वीडियो में आपको इमरजेंसी के बारे में भी जानने को मिलेगा यानी पॉलिटी का जो पूरा कांसेप्ट इमरजेंसी का वो सब कुछ क्लियर होने वाला है तीन प्रकार की इमरजेंसीज कौन-कौन सी हैं और उससे संबंधित जितने भी हिस्टोरिकल अमेंडमेंट्स हुए हैं वो सारी चीजें दोस्तों एक ही पर्टिकुलर टॉपिक में हम कवर करेंगे अच्छे से चीजों को सुनते हुए चलना क्योंकि लास्ट में आपको एक मेंस का क्वेश्चन भी दूंगा वो भी इसी आर्टिकल से रिलेटेड ठीक है लेकिन दोस्तों पहले जान लेते हैं कि आखिरकार यह मामला है क्या तो आज के अखबार में पेज नंबर नाइन पर आपको यह न्यूज़ देखने को मिल जाएगी जिसको हम जीएस पेपर नंबर टू पॉलिटी के साथ में लिंक करेंगे क्योंकि यहीं पर हमारे बहुत सारे कांसेप्ट निकल कर आने वाले हैं तो क्या बात है तो हुआ क्या है हमारी केंद्र सरकार ने डिसाइड किया कि हम 25 जून को ऑब्जर्व करेंगे एज अ संविधान हत्या दिवस इस चीज के बारे में हमारे गृहम मंत्री ने भी कल के दिन एक बड़ा अनाउंसमेंट कर दिया है या कह सकते हैं इसके बारे में ऐलान कर दिया है नाउ क्वेश्चन यह है 25 जून ही क्यों क्योंकि मैंने आपको बताया यह जो 25 जून है यह हमें बार-बार याद दिलाएगा कि कैसे देश में संविधान की हत्या की गई थी क्यों क्योंकि 25 जून 1975 में देश में इमरजेंसी लगाई गई और उस इमरजेंसी के खिलाफ में कई सारे लोगों ने प्रोटेस्ट किया कई सारे लोगों को यहां पे अरेस्ट करवाया गया अलग-अलग अपोजिशन पार्टी से लोगों को अरेस्ट करवाया गया तो यहां पर यह बताया गया है कि यह जो दिन है यह दिखाएगा कि कैसे यहां पे लोगों ने एक बहुत बड़ा दर्द झेला था उस इमरजेंसी के समय पर ऐसा यहां पे गवर्नमेंट बोलती है फिर उन्होंने बोला कि जो यह गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया गया है दोस्तों यहां पर केवल हिंदी में नाम दिया गया है संविधान हत्या दिवस अगर हम इसको इंग्लिश में ट्रांसलेट भी करें तो सिंपल सी बात है कांस्टिट्यूशन एसासिनेशन डे के तौर पर यहां पर ये जाना जाएगा तो नेक्स्ट ईयर से हर बार 25 जून को यहां पर यह आर्टिकल छपने वाले हैं और इनकी चर्चाएं होने वाली हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इन्होंने भी यहां पर यह मेंशन किया है कि यह जो दिन है यह याद करवाएगा कि आखिरकार हमारे संविधान के साथ में पहले क्या हुआ है और किस तरीके से बदलाव करने की कोशिश की गई है और कैसे बदलाव करके सीधा सारी की सारी पावर गवर्नमेंट ने अपने आप खुद लेने की कोशिश की है इस इमरजेंसी को लगाकर तो गैजेट नोटिफिकेशन ऑलरेडी कल के दिन शू कर दिया गया है ठीक है और इसकी मांग क्या है इस नोटिफिकेशन की वो मैं आपको बता ही चुका हूं कि 25 जून को इस तरीके से इस डे को डिक्लेयर किया जाएगा प्लस गवर्नमेंट ऑफ इंडिया यह भी बोलती है कि देखो 25 जून इसलिए भी इंपॉर्टेंट होगा क्योंकि इस दिन हम क्या करेंगे जितने भी लोग यहां पर इस इमरजेंसी से अफेक्ट हुए थे जितने भी लोग यहां पर सफर किए थे इस पूरे इमरजेंसी की वजह से उन सभी लोगों को यहां पर ट्रिब्यूट दिया जाएगा उनको श्रद्धांजलि दी जाएगी यह यहां पर मेंशन किया जा रहा है फिर यहां पर हमारे होम मिनिस्टर जी का स्टेटमेंट है यह बोलते हैं 25 जून 1975 यह वह तारीख है कि उस समय के जो प्रधानमंत्री थी इंदिरा गांधी जी इन्होंने एक डि डिक्टेटोरियल माइंडसेट को दिखाया एक डिक्टेटरशिप को यहां पर दिखाने की कोशिश की गई और जो डेमोक्रेसी है बेसिकली उसके ऊपर में कई सारे प्रकार के रोक लगा दिए गए इस इमरजेंसी को इंपोज करके स्पेशली पूरे देश में एक इमरजेंसी लगाकर जिस इमरजेंसी के दौरान लाखों लोगों को यहां पर अरेस्ट किया गया था भले यहां पर उनका कोई भी फॉल्ट हो या ना हो फॉल्ट ना होने के बावजूद भी यहां पर दोस्तों उनको अरेस्ट किया गया मीडिया की जो वॉइस वगैरह है वह सब कुछ दबा दी गई थी उस इमरजेंसी के समय पर ये होम मिनिस्टर का स्टेटमेंट आया ठीक है तो आपको न्यूज़ आर्टिकल समझ में आ गया कि चर्चाओं में क्या चल रहा है पॉलिटी के पर्सपेक्टिव से इंपॉर्टेंट है अब दोस्तों एग्जामिनेशन में यहां पे इस आर्टिकल से तो डायरेक्टली कुछ नहीं आने वाला हां अगर वन डे एग्जामिनेशन में कुछ पूछा जाएगा तो यह ध्यान रखिएगा इसके बारे में कि ये कौन सी तारीख है जिसको यह दिन ऑब्जर्व करने के लिए चुना गया है तो तारीख और दिन यह दोनों ध्यान रखोगे अब तो याद रहेगा दूसरी बात अब एग्जाम में अगर डिटेल्स पूछी जाएंगी इमरजेंसी के बारे में तो कैसे लिखना है मेंस में कोई क्वेश्चन आएगा प्रीलिम्स में आएगा इवन इंटरव्यू में आएगा तो कैसे हैंडल करना है आइए उसको समझते हैं तो दोस्तों बाकी इंफॉर्मेशन आपको एक प्रॉपर नोट्स के फॉर्म में मिलेगी बस खाली ध्यान से चीजों को सुनते हुए चलना यानी कि आपको ना नोट्स वगैरह बनाने में बहुत आसानी हो जाएगी सामने ही आपके सामने कंटेंट रखा हुआ है तो यह क्यों चर्चाओं में है यह हम ने डिस्कस किया अभी 2024 में 25 जून को अभी इसकी 49th एनिवर्सरी भी दोस्तों मार्क की गई थी कि हमारे देश में नेशनल इमरजेंसी लगे हुए 49 साल हो चुके हैं अब क्वेश्चन यहां पर यही है कि सर यह इमरजेंसी होती क्या है अब वैसे इसका हिंदी में देखोगे तो उसको बोलते हैं आपातकाल तो आपातकाल स्थिति आप खुद ही यहां पर समझ पा रहे होंगे एक बहुत बड़ी क्राइसिस आ जाना उसको यहां पर हम बेसिकली इमरजेंसी के तौर पर देख स पाएंगे अब क्वेश्चन यह है क्राइसिस में आपका क्या हो सकता है अब यह देखिए इमरजेंसी बेसिकली एक देश में क्या हो सकती है जब उस देश के ऊपर में किसी दूसरे देश ने हमला कर दिया हो जब एक युद्ध की सिचुएशन हो रही हो या देश भर में विद्रोह चल रहा हो किसी चीज को लेकर लोग हथियार लेकर विद्रोह कर रहे हो या कोई और दूसरे क्राइसिस हो गए ऐसे क्राइसिस जिससे देश की स्टेबिलिटी को खतरा है देश की सुरक्षा को खतरा है हमारी सोटी को खतरा है डेमोक्रेसी को खतरा है अगर ऐसी कोई स्थिति बन रही है तो आपकी इमरजेंसी स्थिति वाली सिचुएशन कहलाए गी ठीक है वो आपकी इमरजेंसी ही कहलाए गी तो इमरजेंसी क्या है वो आपको समझ में आ गया अब इमरजेंसी से संबंधित दोस्तों हमारे संविधान में कई सारे प्रावधान है कई सारे प्रोविजंस हैं सबसे पहले आपको देखने को मिलेगा हमारे कांस्टिट्यूशन में आर्टिकल नंबर 352 वेरी वेरी इंपॉर्टेंट यही आर्टिकल सबसे ज्यादा रिलेवेंट है दोस्तों और एक बात और जो ध्यान रखने वाली चीज है भारत के अंदर हमारा जो संविधान तैयार किया गया था कांस्टीट्यूएंट असेंबली के थ्रू इस संविधान में हमने कई सारे कंट्रीज के संविधान से पपायर होके उन्हीं की कई सारी चीजों को अपने संविधान में ऐड किया था याद है है ना कई सारी चीजें ली गई थी अलग-अलग संविधान से वहीं पर जो यह इमरजेंसी प्रोविजंस है दोस्तों यह भारतीय संविधान में जर्मनी के वेमार कांस्टिट्यूशन से लिया गया था यह पहली बात दिमाग में बैठा लेना जर्मनी के संविधान से यह यहां पे हमने इमरजेंसी वाला आपातकाल वाला यहां पर जो पूरा प्रोविजन है प्रावधान है इसको अपने संविधान में ऐड किया क्लियर हो गया अब दोस्तों बात आती है इसके इंपॉर्टेंस के बारे में यानी कि यह जो एजेंसी है इसका कह सकते हैं कि जरूरत क्या है अब देखिए यह ना प्रोविजन जो है यह टेंपरेरी बेसिस के लिए लेकर आया गया है कि मान लो देश में स्थिति खराब हो रही है तो उस समय पर यह इमरजेंसी लगाकर चीजों को नॉर्मलाइज करना अब क्वेश्चन यह है भारतीय संविधान के अंदर जो इमरजेंसी की बात की गई है इसमें कुछ प्रकार दिए गए और ध्यान रखिए दोस्तों यहां पर आपको इंडियन कांस्टिट्यूशन में तीन प्रकार की इमरजेंसी नजर आती हैं पहली है नेशनल इमरजेंसी जो पूरे देश के स्तर पर लागू की जाती है और इसके बारे में हमारे संविधान में आर्टिकल नंबर 352 में मेंशन किया गया है तो आर्टिकल 352 यह बोलता है हमारे प्रेसिडेंट के पास में सीधा एक बड़ी पावर आती है कि वह स्टेट ऑफ इमरजेंसी को डिक्लेयर कर सकते हैं अगर यह वर्ड लगा हुआ है इफ ध्यान रखना अगर व सेटिस्फाई होते हैं और यह समझते हैं कि हां हमारे देश को खतरा है किसी युद्ध की वजह से या कोई एक्सटर्नल अग्रेशन आ रहा है बाहर से या कोई हमारे देश में इमरजेंसी आ रही है देश में विद्रोह चल रहा है लोग हथियार लेकर खड़े हैं अगर कोई ऐसे सिनेरियो बन चुका है तो उस दौरान प्रेसिडेंट के पास में पावर है कि वह इस प्रकार की इमरजेंसी को इंपोज कर सकते हैं लागू कर सकते हैं ठीक है अब देखिए यहां पर वॉर एक्सटर्नल अग्रेशन यह सारे वर्ड्स पहले से ही लाए गए थे लेकिन यहीं पर जो आर्म रिबेलियस वाला वर्ड है यह हमने 44 अमेंडमेंट के तहत यहां पर इसको इंसर्ट किया था इंटरनल डिस्टरबेंस को रिप्लेस करके 44 व अमेंडमेंट के तहत इस संशोधन के तहत आर्म रिबेलियस वर्ड लाया गया ठीक है यह भी बात ध्यान रखने वाली है फैक्ट है ये अब देखिए इसी इमरजेंसी के अंदर में इसी आर्टिकल 352 में और क्या मेंशन किया गया है कि इसके तहत प्रेसिडेंट को ऐसी पावर मिलती है कि वह सीधा इमरजेंसी इंपोज कर सकते हैं अगर उन्हें यह यह स्थिति लगती है जो अभी हमने डिस्कस किया लेकिन यहां पर क्या होगा इमरजेंसी लगने के बाद लोगों के पास में कोई पावर नहीं रह जाएगी उनके कोई फंडामेंटल राइट्स वगैरह जो संविधान के तह अधिकार मिलते हैं वो सब के सब रोक दिए जाएंगे एक्सेप्ट आर्टिकल 20 एंड आर्टिकल 21 आर्टिकल 20 और 21 को छोड़कर अच्छा मुझे आप बता सकते हैं आर्टिकल 20 और 21 क्या-क्या है नीचे कमेंट सेक्शन में बताइए बहुत इजी प्रश्न है आपसे ठीक है तो यहां पे क्या है गवर्नमेंट सही तरीके से स्टेप लेके इस पूरे स्थिति को सुधार सके इसलिए इमरजेंसी लगाती है और उस इमरजेंसी के तहत लोगों के सारे हक खत्म हो जाएंगे एक्सेप्ट आर्टिकल 20 एंड आर्टिकल 21 यह वाला हक आपके पास में रहेगा ई ठीक है फिर अब दोस्तों बात यह है ड्यूरेशन एंड पार्लियामेंट्री अप्रूवल यानी इमरजेंसी लगाना इतना आसान नहीं है उसका एक पर्टिकुलर ड्यूरेशन होता है कब तक आप लगा सकते हैं कब तक लागू कर सकते हैं पार्लियामेंट से कैसा अप्रूवल चाहिए होता है यह भी जरूरी है समझना सबसे पहली चीज इमरजेंसी की जो प्रोक्लेमेशन होती है प्रोक्लेमेशन मतलब घोषणा करना इसकी अनाउंसमेंट करना तो जब भी मान लो ऐसी स्थिति बनी और इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई हां देश में इमरजेंसी लगने वाली है ऐसे नहीं लग सकती पहले उसको उस अनाउंसमेंट को अप्रूवल मिलना होगा पार्लियामेंट के दोनों हाउसेस के माध्यम से यानी लोकसभा और राज्यसभा और यह अप्रूवल कब मिलना होगा कि मान लीजिए यहां पे अनाउंसमेंट कर दिया गया कि इमरजेंसी लगेगी देश में उसके एक महीने के भीतर भीतर ध्यान रखिएगा है ना उस इशू से लगभग एक महीने के अंदर-अंदर पार्लियामेंट के दोनों हाउसेस का अप्रूवल अगर मिलता है तो तो यह कार्यक्रम आगे बढ़ाया जाएगा अदर वाइज वहीं पर मामला खत्म हो जाएगा तो पहली चीज तो पहला स्टेप ये हो गया अब मान लीजिए यहां पे यही घोषणा जो इमरजेंसी की है वो ऐसी समय पर लेकर आई जाती है जब लोकसभा डिजॉल्वेशन समाप्त हुए लोकसभा डिसोल्व हो रहा आपको पता है ना लोकसभा यहां पर डिसोल्व होता है टेंपररी हाउस है जबक राज्यसभा डिसोल्व नहीं होता तो लोकसभा डिसोल्व होता है अबकी बार भी डिसोल्व हुआ था अब मान लीजिए इस समय पर इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई और अब क्या है प्रोक्लेमेशन का कोई अप्रूवल मिला ही नहीं तो वो जो प्रोक्लेमेशन है दोस्तों यह जब तक दूसरी लोकसभा नहीं बैठ जाती उसके फर्स्ट सिटिंग जो होगी उसकी फर्स्ट सिटिंग में 30 दिन तक वो प्रोक्लेमेशन सरवाइव करेगा यानी वो घोषणा सरवाइव करेगी यानी उस परे तब भी एक्शन लिया जा सकता है है ना जो लोकसभा की नई फर्स्ट सीटिंग होगी उसके 30 दिन के भीतर भीतर भी काम किया जा सकता है समझ गए लेकिन राज्यसभा के पास में पावर है कि वो अप्रूव कर सकता है तो यह बात की हो गई सिचुएशन यानी एक अगर ऐसी सिचुएशन बनती भी है तो ये यहां पे इसका प्रोविजन हो गया अब क्वेश्चन यह है कि मान लीजिए अगर दोनों हाउसेस ने अप्रूवल दे दिया लोकसभा राज्यसभा दोनों के माध्यम से अप्रूव कर दिया गया तो वैसे दोस्तों अप्रूवल मिलते ही इमरजेंसी लागू हो जाएगी और इमरजेंसी लागू होने के बाद में 6 महीने तक वह लागू रहेगी बस 6 महीने बाद क्या अपने आप हट जाएगी देखिए अगर मान लीजिए 6 महीने बाद वापस से लग रहा है इस इमरजेंसी को बढ़ाना है आगे तो वह आगे कितनी बार तक इन डेफिनेट पीरियड तक एक्सटेंड कर सकते हैं लेकिन हर 6 महीने बाद पार्लियामेंट का अप्रूवल चाहिए होगा अब मान लीजिए इमरजेंसी लग गई आज अब 6 महीने बाद पार्लियामेंट का अप्रूवल मिलेगा फिर ही उसको आगे 6 महीने के लिए एक्सटेंड कर पाएंगे और ऐसे मान लीजिए फिर लग रहा है कि फिर से एक बार और अप्रूवल मिलना है तो फिर से अप्रूवल देके फिर से छ महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है तो ऐसे छछ महीने करके बार-बार अप्रूवल मिलता रहेगा तो इमरजेंसी बढ़ाई जा सकती है लंबे समय तक समझ गए लेकिन हर छ महीने में पार्लियामेंट का अप्रूवल अनिवार्य है अब क्वेश्चन है कि इसी प्रोक्लेमेशन य जो इमरजेंसी लगाई गई है जो घोषणा हुई है इसकी इसका रिव केशन कैसे किया जा सकता है इसको खत्म कैसे किया जा सकता है रिपील कैसे किया जा सकता है तो ध्यान रखिए इमरजेंसी का जो भी प्रोक्लेमेशन जो भी अनाउंसमेंट होता है इसको हमारे प्रेसिडेंट रिव कर सकते हैं प्रेसिडेंट चाहे तो उसको वापस ले सकते हैं तो कहोगे यहां पे क्या वापस से पार्लियामेंट का अप्रूवल चाहिए नहीं अब कोई पार्लियामेंट का अप्रूवल नहीं चाहिए वापस लेने के लिए पार्लियामेंट का अप्रूवल नहीं चाहिए लेकिन उसको लागू करने के लिए पार्लियामेंट का अप्रूवल चाहिए ठीक है या फिर एक कंडीशन ऐसी भी हो सकती है जो ये इमरजेंसी है ये रिव क की जा सकती है अगर फिर से यह वर्ड है इफ कांस्टिट्यूशन में ये इफ वर्ड ना चीजें बदल देता है तो यहां पर इमरजेंसी को फिर से हटाया रोका जा सकता है रिपील किया जा सकता है अगर लोकसभा एक रेजोल्यूशन पास करती है बाय अ सिंपल मेजॉरिटी सिंपल मेजॉरिटी से उन्होंने एक रेजोल्यूशन पास कर दिया और यहां पर कह सकते हैं वह जो इमरजेंसी कंटिन्यू हो रही थी आगे उसको डिसएप्रूव कर दिया यहीं पर मैटर खत्म हो गया आगे बढ़ेगा ही नहीं वो या प्रेसिडेंट सीधा रिव कर सकते हैं ठीक है यह हो गई बात रेवोकेशन की अब क्वेश्चन यह है कि नेशनल इमरजेंसी के एप्लीकेबिलिटी के बारे में बात करते हैं यहां पे लागू कैसे किया जाता है और इसमें कैसे-कैसे यहां पर ये अप्लाई किया जाता है ध्यान रखिए जो नेशनल इमरजेंसी का अनाउंसमेंट है ये अप्लाई होता है या तो पूरे देश में क्योंकि नाम से पता चल रहा है नेशनल इमरजेंसी या तो पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा या देश के कुछ हिस्सों में भी यहां पर इसको लगाया जा सकता है लेकिन दोस्तों अब यहां पर होता यह है कि जो 42 कॉन्स्टिट्यूशन अमेंडमेंट एक्ट आया था 1976 में यानी जो 42वां संशोधन किया गया था हमारे संविधान के अंदर में इस संशोधन के तहत हमारे प्रेसिडेंट को पावर ये दी गई कि वो जो नेशनल इमरजेंसी है इसको वह देश में किसी स्पेसिफिक पार्ट तक ही सीमित रखें ऐसा ना हो कि पूरे देश में ही लगाई जाए जहां पर आपको लग रहा है सिचुएशन गंभीर है जिस एरिया में लग रहा है आप उस एरिया में ही उसको लिमिट रखेंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा ठीक है तो यह यहां पर बात हो गई इसकी अपलिक बिलिटी की अब क्वेश्चन यह है नेशनल इमरजेंसी में हमारा जुडिशियस है दोस्तों यह बहुत इंटरेस्टिंग पॉइंट है और यह थोड़ा डरावना भी आप यहां पर समझिए इसको बात यह है कि मान लीजिए नेशनल इमरजेंसी लगती है या उससे पहले यह समझ जो हमारे कांस्टिट्यूशन के थ्री मेन इंपॉर्टेंट पिलर्स कौन-कौन से हैं लेजिस्लेटिव एग्जीक्यूटिव एंड जुडिशरी है ना तीनों के बारे में आपको पता है अब भय लेजिस्लेटिव क्या कर रहा है आपके कानून को बना रहा है एग्जीक्यूटिव उसको लागू कर रहा है जुडिशरी उसको चेक कर रहा है कि वह किस तरीके से चल रहे हैं लॉज जुडिशरी बहुत इंपॉर्टेंट है बिना जुडिशरी के कोई काम हो सकता है नहीं हो सकता या आप एक खुद इमेजिन कीजिए अगर जुडिशरी नहीं होगी तो गवर्नमेंट तो अपने हिसाब से ही हर चीज की मनमानी कर लेगी ना है ना गवर्नमेंट जो चाहे वो करें कोई है नहीं उनके ऊपर चेक करने के लिए तो एक दूसरे को चेक करने के लिए एक दूसरे की रिस्पांसिबिलिटी इस तरीके से यहां पर तैयार किया गया था कांस्टिट्यूशन तो जुडिशरी का एक इंपॉर्टेंट रोल है तो सवाल यही उठता है कि मान लीजिए नेशनल इमरजेंसी का मुद्दा आया तो क्या उसमें जुडिशियस पर आ सकता है बीच में देख सकता है कि यहां इमरजेंसी सही तरीके से लगाई गई है या मतलब सिचुएशन अगर ऐसी थी कि लगानी पड़ी ये सही सिचुएशन है या नहीं है या सरकार ने फालतू में ही पावर गेन करने के लिए इमरजेंसी लगा दी तो इस केस में जुडिशियस रिव्यू होना चाहिए लेकिन दोस्तों होता यह है कि भारतीय संविधान में 48 वा सॉरी 48 बोल रहा हूं 38 वां 38 कॉन्स्टिट्यूशन अमेंडमेंट एक्ट आया 1975 में 1975 में ही 38 वां संविधान के अंदर में बदलाव किया गया अब जो यह बदलाव हुआ दोस्तों यहां पर देखिए नेशनल इमरजेंसी को इम्यून कर दिया टू द जुडिशियस रिव्यू कहने का मतलब है अब जो नेशनल इमरजेंसी होगी यहां पर कोर्ट का कोई हक नहीं है सरकार चाहे तो लगाए यहां पर कोर्ट नहीं आ सकता समझ गए अब मान लीजिए गवर्नमेंट ऐसे ही बे फालतू में लगा रही है पावर्स को गेन करने के लिए या उन्हें लग रहा है कि यहां पर सिचुएशन बदल रही है उनके फेवर में नहीं जा रही उन्होने नेशनल इमरजेंसी लगा दी लेकिन वो नेशनल इमरजेंसी क्यों लगाई जाती है वो तो रीजन आपको पता है एक्सटर्नल अग्रेशन वॉर ऐसी सिचुएशन में लेकिन बे फालतू में लगा दी गई अपने पावर को रिटेन करने के लिए यह चीज गलत है अब यहां पर आपने कोर्ट का किस्सा भी खत्म कर दिया अभी कोर्ट होता कोर्ट रिव्यू करता इस को तो कोर्ट रोक देता इसके ऊपर कि भाई आप सही तरीके से काम नहीं कर रहे आप ये इमरजेंसी नहीं लगा सकते लेकिन दोस्तों इस वाले जुडिशल रिव्यू को 38 वें संशोधन के माध्यम से हटा दिया गया था यहां पर बात हो रही थी कोर्ट का कोई लेना देना नहीं है हम डिसाइड करेंगे गवर्नमेंट कह रही थी लेकिन दोस्तों इस चीज को बदला गया क्योंकि यह सही नहीं था क्योंकि इसको बदला गया 44 कॉन्स्टिट्यूशन अमेंडमेंट एक्ट के तह तो 38 वा यह बदलाव हुआ था जब 44 वा बदलाव किया गया 44 कॉन्स्टिट्यूशन अमेंडमेंट एक्ट आया 1978 का तो यहां पर इस 38 वाले अमेंडमेंट को रिपील कर दिया गया इसको ह दिया इसके प्रोविजंस को और वापस से जुडिशरी की जो एबिलिटी है इस नेशनल इमरजेंसी डिक्लेरेशन को रिव्यू करने की उस एबिलिटी को वापस से रिस्टोर किया गया जुडिशरी को वापस से पावर दी गई कि भाई हां आपके पास में पावर है आप इसको रिव्यू करेंगे ऐसा ना हो फालतू में ही इमरजेंसी लग रही है समझ गए तो इसके लिए यहां पर कोर्ड जरूरी है कोड रिव्यू करने करेगा तो इस तरीके से 44 अमेंडमेंट के माध्यम से इसको वापस से कोर्ट को दिया गया और दोस्तों ऐसे ही ना कई सारे और भी कदम उठाए गए उस समय पर गवर्नमेंट के माध्यम से जहां पर लोगों के राइट्स हटाए जा रहे थे या छीने जा रहे थे कोर्ट को हटाया जा रहा था रास्ते से बट धीरे-धीरे करके चीजों को वापस से कोर्ट ने रिटेन किया जैसे एक केस होता है बाकी तो मुद्दा मैंने आपको बताया ऊपर तक क्या चला यहां पर देखिए 1980 में केस होता है मिनेरवा मिल्स केस इस पर्टिकुलर केस में सुप्रीम कोर्ट ने रूल किया और यह बोला कि जो नेशनल इमरजेंसी का अनाउंसमेंट है इसको कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है कि भाई यह जो डिक्लेरेशन है यह कहीं इरेलीवेंट फैक्ट के ऊपर बेस तो नहीं है गवर्नमेंट ने बे फालतू में अपनी अपने फायदे के लिए तो इमरजेंसी नहीं लगा दी है है ना उस चीज के ऊपर में इसको कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है यह बात खुद इस पर्टिकुलर मिनेरवा मिल्स केस के तहत निकल कर आई दोस्तों यह केस बहुत इंपॉर्टेंट है बहुत बार चर्चाएं होती है जब भी इमरजेंसी का डिस्कशन होता है तो समझ गए तो यह मैंने आपको नेशनल इमरजेंसी के बारे में हर एक बेसिक पॉइंट्स को बता दिए हैं आई होप आपको एक बढ़िया क्लेरिटी मिली होगी अच्छे से चीज समझ में आ रही होंगी लेकिन हमने डिस्कस किया था तीन प्रकार की इमरजेंसी होती है एक तो कर दी खत्म दूसरी यहां पर आती है दोस्तों स्टेट इमरजेंसी या इसको हम राष्ट्रपति का शासन प्रेसिडेंट रूल का नाम भी देते हैं और जो स्टेट इमरजेंसी है ये हमारे कांस्टिट्यूशन में आर्टिकल 356 के अंदर में डिफाइन की गई है अब पहले ना मैं आपको थोड़ा सा इसके बारे में एग्जांपल देता हूं अब देखो यह क्या होता है यहां पे आपको समझना होगा जैसे हमारी स्टेट गवर्नमेंट होती है वैसे सेंट्रल गवर्नमेंट है अब सेंट्रल गवर्नमेंट के पास में यहां पर मेन पर्सन है प्रेसिडेंट ठीक है वैसे ही दोस्तों स्टेट गवर्नर के पास होते हैं गवर्नर जो सेंट्रल गवर्नमेंट में पद है प्रेसिडेंट का वही स्टेट गवर्नमेंट के अंदर में पद है गवर्नर का गवर्नर को अपॉइंटमेंट ही करते हैं ठीक है तो गवर्नर बेसिकली यहां पर स्टेट में रूल करता है लेकिन वह हमारे सेंट्रल गवर्नमेंट का ही रिप्रेजेंटेटिव होता है अब दोस्तों यहां पे मान लो किसी राज्य में हालात बहुत खराब हो रहे हैं सिचुएशन बहुत बिगड़ गई है इमरजेंसी सिचुएशन आ रही है तो उसका जो प्रस्ताव है पहले गवर्नर उठाएंगे गवर्नर मांग करेंगे कि हां भैया यहां पर इमरजेंसी की जरूरत है लगाइए समझ गए तो गवर्नर के पास में पहला यह स्टेप होता है या गवर्नर को ऐसा लग रहा है कि वह जो पर्टिकुलर स्टेट गवर्नमेंट है वह संविधान के हिसाब से नहीं चल रही है क्योंकि हमारा कांस्टिट्यूशन है उसी के हिसाब से सबको चलना है उसमें इस चीजों को बांधा गया है अगर स्टेट गवर्नमेंट उसके हिसाब से नहीं चल रही है तब भी गवर्नर यह मुद्दा उठा सकते हैं सीधा मांग कर सकते हैं प्रेसिडेंट से भैया इमरजेंसी लगाइ है हमारे यहां समझ गए तो इसके ऊपर फिर बाद में प्रेसिडेंट एक्शन लेते हैं तब जाके वो राष्ट्रपति का शासन लगता है तो आर्टिकल 356 में यह बात की गई है इसके भी एग्जांपल है दोस्तों तो ध्यान रखिए हमारे देश में नेशनल इमरजेंसी लग चुकी है स्टेट इमरजेंसी कई बार लग चुकी है राष्ट्रपति का शासन भी कई बार लग चुका है अच्छा कब-कब जरा देखते हैं उत्तराखंड 2020 याद होगा थोड़े समय के लिए इस प्रकार का प्रेसिडेंट रूल लगाया गया था वहां पर क्योंकि पॉलिटिकल क्राइसिस हो गए थे फिर उत्तर प्रदेश 1991 से लेकर 1992 के बीच में अगेन जब प्राइम मिनिस्टर राजीव गांधी जी हुआ करते थे उनकी हत्या कर दी गई थी उसके बेसिस पर पॉलिटिकल इंस्टेबिलिटी हो गई थी तो उस अस्थिरता की वजह से यूपी में लगाया गया था उस समय पर यह स्टेट इमरजेंसी फिर पंजाब में 1987 से लेकर 1992 के बीच में यहां पर यह हाई मिलिटेंसी और इंटरनल डिस्टरबेंस की वजह से यह इमरजेंसी लगाई गई अब यहां पर फिर से क्वेश्चन आता है जुडिशल रिव्यू का क्या जुडिशरी के पास में पावर है इनको रिव्यू करने की इन इमरजेंसीज को देखने की तो देखिए वैसे तो पावर आ गई है मिनेरवा मिल्स केस के तहत वैसे मैं आपको बता चुका हूं वापस से अब क्या होता है एक और केस होता है सुप्रीम कोर्ट ने कुछ गाइडलाइंस यहां पर दी हैं अलग-अलग केसेस में उसमें से एक केस बहुत इंपॉर्टेंट है आपने नाम भी सुना होगा एसआर बोमई वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया 1994 का केस है दोस्तों यह फिर ऐसे ही यहां पर 2006 का भी एक इंपॉर्टेंट केस है रामेश्वर प्रसाद वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया यहां सभी जगह पर इस आर्टिकल 356 के इस्तेमाल को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ गाइडलाइन शेयर कि हैं जैसे गाइडलाइन क्या है पहले जरा एसआर बोमई वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया केस को डिस्कस कर लेते हैं यहां पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या बोला था सुप्रीम कोर्ट ने यह बोला था कि देखिए जो प्रेसिडेंट का रूल भी होगा यह भी जुडिशियस रिव्यू के अंडर में है जुडिशरी इसको भी रिव्यू कर सकती है देख सकती है कि आपने बे फालतू में तो नहीं लगा दिया जरूरत थी तभी तो लगाया है ना इसको चेक करने के लिए जुडिशरी यहां पे शामिल है है तो यहां पर यह क्या करेगा यह देखेगा देखो कि प्रेसिडेंट का जो सेटिस्फैक्ट्रिली कर दी गई तो वो चीज गलत है वो रेलीवेंट है या नहीं है इसको चेक करने के लिए सुप्रीम कोर्ट है यहां पर जुडिशियस रिव्यू है यहां पर यह बात इस पर्टिकुलर केस में मेंशन की गई साथ ही साथ में इसमें कुछ और बातें सुप्रीम कोर्ट ने बोली जैसे कि स्टेट लेजिसलेटिव असेंबली जो है इनको तभी डिजॉल्ड्रिंग है पहले ही स्टेट लेजिस्लेटिव असेंबली को डिसोल्व कर दिया जाएगा तो वह चीज ना हो सुप्रीम कोर्ट ने बोला भैया असेंबली वगैरह बे फालतू में डिसोल्व ना की जाए पहले अप्रूवल मिल जाए पार्लियामेंट से उसके बाद ही करें तब तक के लिए प्रेसिडेंट केवल असेंबली को एक स्टेट के असेंबली को सस्पेंड कर सकते हैं काम रोक सकते हैं वहां पर क्योंकि ओबवियस सी बात है वहां पर राष्ट्रपति का शासन लगेगा तो जो स्टेट की गवर्नमेंट है उनकी नहीं चलेगी फिर सेंट्रल गवर्नमेंट अपने हिसाब से रूल करेगी इसीलिए तो लगाया जाता है है ना फिर सुप्रीम कोर्ट ने एक और बात बोली यहीं पर कि यह जो आर्टिकल 356 के तहत यही प्रेसिडेंट रूल के तहत जो पावर है यह एक्सेप्शनल है और यह बहुत ज्यादा रेलीवेंट पावर्स हैं इनका इस्तेमाल बार-बार नहीं होना चाहिए यह अपने पर्सनल सेटिस लेक्शन के लिए नहीं होना चाहिए इनका यूज ओकेज होना चाहिए कि यहां लग रहा है सिचुएशन बहुत गंभीर है तभी इनका इस्तेमाल होना चाहिए यानी कि ये बिल्कुल लास्ट ऑप्शन होना चाहिए अगर स्थिति गंभीर है तो वहां पर हर एक तरीका अपना लो स्थिति को सुधारने की फिर अगर कुछ नहीं दिखता है रास्ता नहीं बचता है तब आपका यहां पर ये आता है प्रेसिडेंट रूल यह बात सुप्रीम कोर्ट मेंशन करता है और यहीं पर ना कुछ कमीशन से हमारे उनके रिकमेंडेशन भी आते हैं इसी आर्टिकल 356 से रिलेटेड पंछी कमीशन ने कुछ बातें बोली सरकारी कमीशन ने कुछ डिटेल्स शेयर की पंची कमीशन तो यह बोलता है कि भाई देखो यह जो इमरजेंसी के प्रावधान है आर्टिकल 355 और 356 में इनको पूरे स्टेट में भी लागू ना किया जाए आपको लग रहा है जिस डिस्ट्रिक्ट में हालत खराब है दंगे हो रहे हैं उसी डिस्ट्रिक्ट में लागू करके मामले को वहां पर सुधार दिया जाए पूरे राज्य में भी अगर आप लागू करते तो वह बात सही नहीं है उससे छवि भी बहुत खराब होती है तो यहां पे सजेस्ट किया गया कि जो ये इमरजेंसी प्रोविजंस है इनको थोड़े समय के लिए जहां पर दंगे हैं उस एरिया में लागू ना कि पूरे राज्य में दूसरी बात तीन महीने से ज्यादा य इमरजेंसी नहीं रुकनी चाहिए यह केवल एक रिकमेंडेशन था पंची कमीशन का कि हां ऐसा होना चाहिए हम ऐसा बता रहे हैं ठीक है ऐसे दोस्तों एक सरकारीय कमीशन था इनके भी कुछ रिकमेंडेशन थे इन्होंने क्या बोला इन्होंने बोला कि जो ये आर्टिकल 356 है अगेन वही प्रेसिडेंट रूल वाले की बात कर रहे हैं हम तो आर्टिकल 356 एकदम लास्ट ऑप्शन होना चाहिए मैं आपको बता ही चुका हूं कि हां आपको लग रहा है कि यहां जो स्टेट गवर्नमेंट है वो अब कांस्टिट्यूशन को नहीं मान रही है संविधान हिसाब से नहीं चल रही है अपने हिसाब से चल रही है संविधान के अगेंस्ट में चल रही है तो उस बेसिस पर यहां पर आप यह लगा सकते हैं एकदम लास्ट ऑप्शन होना चाहिए यह बात इन्होंने बोला ठीक है तो यह दो प्रकार की इमरजेंसी दोस्तों हो गई समाप्त आपकी नेशनल इमरजेंसी समाप्त हो गई साथ ही साथ में हमने स्टेट इमरजेंसी यानी प्रेसिडेंट रूल को कवर कर लिया अब दोस्तों आइए आते हैं थर्ड प्रकार की इमरजेंसी जिसका नाम है फाइनेंशियल इमरजेंसी है ना तो भगवान के आशीर्वाद से अभी तक हमारे देश में फाइनेंशियल इमरजेंसी नहीं लगी है ध्यान रखना इमरजेंसी जो नेशनल इमरजेंसी और स्टेट इमरजेंसी ये लग चुकी है इकलौती इमरजेंसी फाइनेंशियल इमरजेंसी आज तक नहीं लगी है और इसके बारे में आर्टिकल नंबर 360 में मेंशन किया गया है अब नाम से पता चल रहा है फाइनेंशियल मतलब पैसों से रिलेटेड जब समस्याएं हो रही हो देश में गंभीर समस्याएं हो रही हो तब यहां पर यह वाली इमरजेंसी लगाई जाती है जैसे यह जो प्रोविजन है यह वाले प्रावधान हमारे प्रेसिडेंट को पावर देते हैं कि वो इस प्रकार की फाइनेंशियल इमरजेंसी को डिक्लेयर कर सकते अगर अगर वह सेटिस्फाई होते हैं और यह देखते हैं कि हमारे भारत में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी नहीं मेंटेन हो पा रही है उनको यहां पर ल लगता है कि देखिए हमारी जो देश की आर्थिक स्थिति है वह बहुत खराब हो चुकी है ठीक है फाइनेंशियल स्टेबिलिटी को बहुत बड़ा खतरा है तो उस बेसिस पर फाइनेंशियल इमरजेंसी लगाई जाती है अब जब यह फाइनेंशियल इमरजेंसी लगेगी तो उस दौरान होगा क्या-क्या आइए वह समझते हैं तो दोस्तों इस फाइनेंशियल इमरजेंसी के दौरान जो हमारे प्रेसिडेंट होते हैं वह डायरेक्ट कर सकते हैं किस चीज को लेकर कि जितने भी सिविल सर्विसेस हैं सिविल सर्विसेस की यहां पर जितनी जॉब्स हैं सुप्रीम कोर्ट के जज हैं हाई कोर्ट के जज हैं यह सब जो गवर्नमेंट जॉब में काम कर रहे हैं इनकी सैलरी को कट कर दिया जाएगा कट मतलब खत्म नहीं किया जाएगा सैलरी कम कर दी जाएगी इनको उस समय के लिए सैलरी कम दी जाएगी क्यों इस समय पर खुद हमारे देश की सरकार के पास में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी नहीं बनी हुई है उधारी बहुत ज्यादा हो चुकी है पैसा है नहीं गंभीर स्थिति है तो उस बेसिस पे इनकी सैलरीज कट कर दी जाएंगी या कम कर दी जाएंगी यह यहां पर बताया गया इस प्रोविजन के अंदर साथ ही साथ में जो सेंट्रल गवर्नमेंट है इस सेंट्रल गवर्नमेंट को सीधा हमारे राज्य सरकारों के फाइनेंशियल रिसोर्सेस के ऊपर भी कंट्रोल मिल जाता है कहने का मतलब है राज्य सरकार जितना भी फाइनेंस का रिसोर्स मैनेज कर रही हैं उन सबका कंट्रोल भी किसके पास में होगा सीधा सेंट्रल गवर्नमेंट व सारी पावर्स ले लेगी ताकि उस पैसों का अच्छी तरीके से मैनेजमेंट किया जा सके यानी राज्य सरकारों का पैसों का हक भी सीधा केंद्र सरकार के पास जाएगा नाउ अब जो यह फाइनेंशियल इमरजेंसी होती है इसका जो अनाउंसमेंट होता है इसकी जो घोषणा होती है इसको भी जैसे यहां पर मान लीजिए आज अनाउंसमेंट कर दिया तो अनाउंसमेंट करने के बाद 2 महीने के अंदर-अंदर पार्लियामेंट के दोनों हाउसेस से अप्रूवल लेना जरूरी है राज्यसभा लोकसभा दोनों का अप्रूवल जरूरी है अगर अप्रूवल नहीं मिला पार्लियामेंट का तो यह लागू ही नहीं होगी सिंपल सी बात है है ना अब क्वेश्चन यह है कि इस वाली इमरजेंसी को कब हटाया जा सकता है तो इसको कभी भी रिव किया जा सकता है हमारे राष्ट्रपति कभी भी इसको रिव कर सकते हैं हटा सकते हैं रिपील कर सकते हैं ठीक है आपको बता ही चुका हूं फाइनेंशियल इमरजेंसी की नौबत देश में नहीं आई है अभी तक नेशनल इमरजेंसी या स्टेट इमरजेंसी ही लगी है क्वेश्चन अब यह आता है हमारे देश में कितनी बार इमरजेंसीज लगाई जा चुकी हैं यह भी तो एक इंपॉर्टेंट सवाल है तो दोस्तों नेशनल इमरजेंसी का अनाउंसमेंट या इसको तीन बार इंडिया में प्रोक्लेम किया जा चुका है तो तीन बार नेशनल इमरजेंसी लग चुकी है भारत में कहोगे तीन बार हां अब तीनों बार में कहेंगे हम केवल 1975 वाली इमरजेंसी की क्यों बात करते हैं अभी बताओ उसके बारे में देखिए जो तीन बार इमरजेंसी लगी उसमें पहली जो इमरजेंसी लगी थी देश में वह थी 1962 के वॉर के समय पर 1962 में भारत और चाइना के बीच में जो वॉर हुआ था तो यहां पर एक्सटर्नल अग्रेशन वाला टॉपिक आ गया था क्योंकि आपको पता है ना इमरजेंसी तब लगाई जाएगी जब वॉर एक्सटर्नल अग्रेशन या यहां पर अ आर्म रिबेलियस जैसी सिचुएशन बन रही है तब लगाई जाएगी तो एक्सटर्नल अग्रेशन की वजह से यहां पर यह इमरजेंसी लगाई गई दूसरी जो इमरजेंसी भारत में लगी वो 1971 में 1971 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच में युद्ध हुआ अगेन वही एक्सटर्नल अग्रेशन के ग्राउंड्स के बेसिस पर यह इमरजेंसी लगाई गई तीसरी जो इमरजेंसी लगती है दोस्तों यह सबसे ज्यादा कंट्रोवर्शियल है हमारे इतिहास की 1975 से 1977 के बीच में जो यह इमरजेंसी लगी यह तीसरी मोस्ट कंट्रोवर्शियल नेशनल इमरजेंसी है 1975 की क्यों क्योंकि इसको इंटरनल डिस्टरबेंस की वजह से लगाया गया लेकिन किस वजह से पॉलिटिकल अनरेस्ट हो रहा था पॉलिटिकल पार्टीज के डिस्प्यूट्स की वजह से समझ गए और आपस में ही पॉलिटिकल डिस्टरबेंसस की वजह से यहां पर इमरजेंसी लगा दी गई जो कि सही नहीं था ऐसा यहां पर मेंशन किया जाता है अब सवाल यह है कि जो यह इमरजेंसी लगाई गई थी हमारे देश में 1975 में जो सबसे ज्यादा कंट्रोवर्शियल है जिसके ग्राउंड्स वैलिड नहीं माने जाते हैं उसका इंपैक्ट क्या पड़ा था उसका असर क्या हुआ था उसका असर यह हुआ दोस्तों संविधान में सीधा बदलाव करने की कोशिश की गई उस समय पर गवर्नमेंट के माध्यम से जैसे मैंने आपको बता ही चुका हूं पहले कि 39 अमेंडमेंट एक्ट 195 70 लेकर आया गया और यह एक्ट लेकर आया गया था क्यों क्योंकि अलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह बोला कि जो इंदिरा गांधी जी ने इमरजेंसी लगाई है यह गलत है यह सही नहीं है किसी वैलिड ग्राउंड्स पर नहीं लगाई गई है कोर्ट खुद बोल चुका था यह बात लेकिन दोस्तों यहां पर अब क्या हुआ इन चीजों से गवर्नमेंट यहां पर समझकर क्या करती है गवर्नमेंट ने बोला चलिए हम 39 अमेंडमेंट एक्ट ला रहे हैं हम कोर्ट को बीच में आने ही नहीं देंगे बात ही खत्म जुडिशियस कर दिया 39 अमेंडमेंट एक्ट के माध्यम से समझ रहे हो लेकिन बाद में 42 व संशोधन के माध्यम से वापस से दोस्तों यह कांसेप्ट लेकर आया गया सॉरी 42 सॉरी कह रहा हूं 42 नहीं 44 व से 44 से क्योंकि पहले तो 39 अमेंडमेंट किया गया इसके तहत जुडिशरी का स्कोप खत्म कर दिया इसमें कि भैया जुडिशरी हमारे बीच में नहीं पड़ेगी फिर 42 अमेंडमेंट एक्ट जो आया यहां पर अगेन सेंट्रल गवर्नमेंट की पावर्स बढ़ गई थी प्राइम मिनिस्टर की पावर्स को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया गया था सेंट्रल गवर्नमेंट का पूरा हक बढ़ा दिया गया था दोस्तों सेंट्रल गवर्नमेंट के पास में यह सारी पावर्स आ गई थी 42 अमेंडमेंट के तहत कि वह राज्यों में अपनी जो फोर्सेस है वह तैनात कर सकते हैं स्टेट के जितने भी नियम वगैरह है इमरजेंसी के समय पर वो सब ओवरराइड करा जा सकता है वहां पर केवल केंद्र सरकार की चलेगी जुडिशियस ही कर दिया गया उसको लिमिट कर दिया गया कि जुडिशरी का कोई लेना देना नहीं है यहां से है ना उसके अलावा दोस्तों यहां पर जो टर्म्स हैं पार्लियामेंट के स्टेट असेंबलीज के वो एक्सटेंड कर दिए गए थे यह सारे काम हो रहे थे स्पेशली फंडामेंटल राइट्स तक लोगों के नहीं छोड़े गए मान लो एंटी नेशनल एक्टिविटीज है तो उस केसेस में सभी फंडामेंटल राइट खत्म कर दि जाएंगे एक इंसान के यह सारी बातें इस 42 अमेंडमेंट एक्ट के तहत लाई गई लेकिन इन सबका सुधार 44 व संशोधन से सही कर दिया गया था 1978 में कि भाई यहां पर आप यह गलत कर रहे हैं आप लोग के जो फंडामेंटल राइट छीन रहे हैं ठीक है उसमें आर्टिकल 21 जो उसका जीवन जीने का अधिकार है उसको तो नहीं छीन सकते ना उसको भी छीन ले का मतलब क्या उसके पास में अपना जीने का अधिकार भी नहीं है जो संविधान के माध्यम से मिला हुआ है कोई भी जान ले ले तो यह चाहे कैसी भी इमरजेंसी लग जाए ध्यान रखिए दोस्तों चाहे नेशनल इमरजेंसी लगे चाहे स्टेट इमरजेंसी लगे या चाहे यहां पर फाइनेंशियल इमरजेंसी लगे आपका फंडामेंटल राइट आर्टिकल 21 राइट टू लाइफ कभी नहीं हटेगा कभी नहीं सस्पेंड किया जाएगा किसी भी इमरजेंसी के दौरान यह बात खुद 44th अमेंडमेंट एक्ट के तहत मेंशन की गई और सुप्रीम कोर्ट के पास में इसको रिव्यू करने की पावर भी वापस से दी गई कि भैया सुप्रीम कोर्ट भी देखेगा भैया कोर्ट का भी जरूरत है यहां पर बीच में समझ गए आई होप आपको क्लेरिटी मिल चुकी है थोड़ा लंबा टॉपिक हो चुका है लेकिन इंपॉर्टेंट है क्योंकि पॉलिटी का एक स्पेसिफिक वीडियो कवर करने में समय लग जाता यहीं पर आपको मैंने पूरा मटेरियल कवर करवा दिया है अब जाके आप लक्ष्मीकांत पढ़ेंगे दोस्तों आपको मजा आएगा लगेगा यार ये सारी चीजें मैंने पढ़ चुका है इसी तरीके से आपने जीएस को अपने करंट को स्टैटिक से लिंक करना है चलिए अब देख लेते हैं आज का मेंस का क्वेश्चन क्या है दोस्तों तो क्वेश्चन यह है कमेंट ऑन द इमरजेंसी प्रोविजंस अंडर द कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया भारतीय संविधान के तहत इमरजेंसी से संबंधित जितने भी प्रावधान है उसके ऊपर टिप्पणी करें 15 मार्क्स का क्वेश्चन है 250 शब्दों में आपने इसको लिखना है एक बार हिंदी में रीड कर देता हूं ताकि हिंदी माध्यम वाले एस्परेंस भी अच्छे से पढ़कर एक बढ़िया सा आंसर लिख सक क्वेश्चन है भारत के संविधान के तहत आपातकालीन प्रावधानों पर टिप्पणी करें और आंसर लिखने के बाद में कहां पर सबमिट करना है सा काम और करना है एटलीस्ट सभी लोगों को दो-दो आंसर्स रिव्यू भी करने हैं जब सभी लोग दो-दो आंसर्स को रिव्यू करेंगे बहुत सारे फायदे होंगे आपको भी और सामने वाले को भी आपको कुछ इंपॉर्टेंट पॉइंट्स मिलेंगे जो आप अपने नोट्स में इंक्लूड कर सकते हैं सामने वाले के आंसर में अगर कोई मिस्टेक होती है तो आप उनको बता सकते हैं कि यहां यहां पर इंप्रूवमेंट की आवश्यकता है ठीक है चलिए आगे आते हैं नेक्स्ट आर्टिकल पर बाकी दोस्तों आज के पेज नंबर वन पर दो आर्टिकल्स आपको देखने को मिलेंगे दोनों हमारे काम के हैं एक तो यह वाला और दूसरा यहां पर यह वाला नेपाल में सरकार गिर चुकी है तो उसके बारे में भी थोड़ा सा बात करेंगे अभी के लिए सबसे पहले इस टॉपिक पर ध्यान दीजिए इसको पेज नंबर एट पर भी कंटिन्यू किया गया है खैर यहां पर ही हम सब कुछ कवर कर लेंगे जीएस पेपर नंबर टू एजुकेशन के पॉइंट ऑफ व्यू से बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट है चलिए क्या-क्या बात हो रही है आइए समझने की कोशिश करते हैं यहां पर बात हो रही है ईएमआरएस के बारे में ठीक है तो जो हमारा एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल्स हैं इनकी बात हो रही है हुआ क्या है कि हाल ही में इन ट्राइबल रेसिडेंशियल स्कूल्स क्योंकि यह जो यहां पर स्कूल्स बनाए गए दोस्तों यह स्पेशली ट्राइबल स्टूडेंट्स के लिए बनाए गए हैं शेड्यूल ट्राइब्स के लोगों के लिए यहां पर इनको बनाया गया है है ना जो भी हमारे ट्राइबल एरियाज है जहां पर सबसे ज्यादा आदिवासी कम्युनिटीज हैं तो वहां के लिए इन कॉलेजेस स्कूल्स सॉरी स्कूल्स को बनाया गया ताकि बच्चों को एजुकेट किया जा सके स्पेशली ट्राइबल स्टूडेंट्स को उसके लिए ईएमआरएस स्कूल का कांसेप्ट भी लेकर आया गया था लेकिन हाल ही में दोस्तों इस ट्राइबल रेसिडेंशियल स्कूल का जो रिक्रूटमेंट होता है वगैरह को अपॉइंट्स कर दिया गया यानी कि केंद्र सरकार को सौंप दिया गया तो आज अगर वहां पर रिक्रूटमेंट भी करना है टीचर्स को अपॉइंटमेंट भी किया लेकिन दोस्तों रिसेंटली मुद्दा बहुत गंभीर हो चुका है जिस वजह से यह डिस्कशन हम कर रहे हैं मामला यह है कि ज्यादा मात्रा में जो बच्चे अपॉइंट्स अपॉइंट्स के अंदर में वह हिंदी स्पीकिंग स्टेट से हैं यानी नॉर्थ नॉर्दर्न स्टेट से आते हैं जहां पे सबसे ज्यादा हिंदी बोली जाती है ठीक है नदन स्टेट्स में आप देख पाए होंगे अप्रॉक्स सभी स्टेट्स यहां पर हिंदी समझ लेते हैं बोलते भी हैं तो वहीं से सबसे ज्यादा टीचर्स अपॉइंट्स को अपॉइंट्स में कर दिया गया तो वह टीचर परेशान है आज वह यहां पर मांग कर रहे हैं इनसे कि भई हमारा ट्रांसफर कीजिए हमारा जो यहां पर लैंग्वेज है वह कुछ और है हमने साउथ इंडियन नहीं सीखी है का फूड कल्चर लैंग्वेज सारी चीजें हमारे लिए अनफैमिलियर है और आपको वहां पर पढ़ाना लोकल लैंग्वेज में ही है इन एमआरएस के अंदर में तो फिर यहां पर जब हमें भाषा आती नहीं है तो हम कैसे करेंगे है ना तो हमने तो हिंदी स्पीकिंग स्टेट्स के बेसिस पर ही अपना अपॉइंटमेंट किया था तो गवर्नमेंट कहती है कि देखिए जो भी यहां पर यह चीजें हैं यह सब जब आप जॉब के लिए अप्लाई करते हैं वहां पर ऑलरेडी मेंशन किया गया है है ना कि आपका यहां पर ट्रांसफर वगैरह जो है इस तरीके से किया जा सकता है कहीं पर भी लेकिन प्रॉब्लम यह है कि गवर्नमेंट को सोचना चाहिए जब टीचर्स को यहां पर वहां की लैंग्वेज नहीं आएगी लैंग्वेज बैरियर है कल्चर को लेकर एक बैरियर है तो वह क्या सिखाएंगे फिर बच्चों को यह भी तो सिंपल बात है क्योंकि यहां पे पढ़ाना लोकल लैंग्वेज में उनको लोकल वो हिंदी पढ़ा रहे हैं अब वहां पे गए यहां पे तेलुगु मलयालम का यूज हो रहा है तो वह कैसे पढ़ाएंगे या उनको फिर उनको ट्रेन करो सिखाओ वो चीजें है ना तो ऐसे किया जा सकता है तो उनके लिए फिर स्कूल खोलने की जरूरत पड़ेगी तो बात यह है कि भाई आपको वहां के टीचर उस पर्टिकुलर एरिया के लिए पॉइंट करने चाहिए है ना तो यह जो चीजें हैं इसकी वजह से थोड़ा मुद्दा उठा हुआ है और यहां पर बोला गया है कि भैया हमारा ट्रांसफर चाहिए कई सारे जो टीचर्स व उसके डिमांड कर रहे हैं तो जो सेंट्रलाइज रिक्रूटमेंट हुआ है इसमें यह एक बड़ा इशू आ रहा है इन ईएमआरएस स्कूल्स में यह क्लियर किया गया फिर यह भी बोला जा रहा है कि साल 2023 का जो हमारा बजट सेशन है पार्लियामेंट का इसमें जो हमारी फाइनेंस मिनिस्टर है निर्मला सीतारमन जी इन्होंने अनाउंस कर दिया था कि जो यह रिस्पांसिबिलिटी है सभी इन स्कूल्स को चलाने की वो सब रिस्पांसिबिलिटी केंद्र सरकार को दी जा रही है और स्पेशली कौन सी बॉडी को नेस्ट एनई एसटीएस नाम की बॉडी को इसकी फुल फॉर्म है नेशनल एजुकेशन सोसाइटी फॉर ट्राइबल स्टूडेंट्स इनको काम सौंप दिया गया और इस बॉडी ने इस बॉडी को काम दिया गया कि वो लगभग 38000 जो पोजीशंस है स्टाफ की वो भरेंगे 400 अलग-अलग एकलवे स्कूल्स में जो हमारे देश भर में फैले हुए हैं इनको यह काम सौंपा गया तो कई सारे लोगों को दोस्तों यहां पे बताया जा रहा है भी 303 प्रिंसिपल्स हो गए 707 जूनियर सेक्रेटरी असिस्टेंट हो गए इन सबको सेलेक्ट किया गया हजारों टीचिंग और नॉन टीचिंग जॉब्स भी दी गई हैं लेकिन यहां पर मुद्दा यही है कि जो रिक्रूटमेंट है व हिंदी स्टेट से ज्यादा हुआ है अब उनका अपॉइंटमेंट आप सदर्न स्टेट्स में कर देंगे तो प्रॉब्लम्स आएंगी तो यहां पर ये जो स्कूल है इनको रन करने में इनके जो एफिशिएंसी लेवल है वोह भी यहां पर रिड्यूस हो जाएगा तो इस पे कुछ करने की जरूरत है वो मुद्दा हमारे सामने निकल कर आ रहा है ठीक है तो आपको यह समस्या समझ में आई कि आखिरकार चर्चाओं में क्या चल रहा है लेकिन लेन दोस्तों एग्जाम में क्या केवल यह आर्टिकल आपको हेल्प करेगा कभी नहीं इस आर्टिकल के साथ-साथ आपको कुछ बेसिक डाटा पता होना चाहिए कि जो यह एकलवे मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल्स हैं ये होते क्या हैं कैसे वर्क करते हैं गवर्नमेंट किस पर्पस से यहां पर यह कांसेप्ट लेकर आई है इसके नियम क्या हैं नए नियम अभी आए हैं कुछ सालों पहले तो वह नए नियम क्या हैं यह बेसिक चीजें हैं जानना जरूरी है आइए मैं आपको बताता हूं तो दोस्तों यहां पे बात हो रही है एकलवे मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल्स के बारे में ये जो ईएमआरएस स्कूल का कांसेप्ट है इसकी शुरुआत हुई थी 1997 से लेकर 98 के बीच में और इसकी शुरुआत यहां पर यही हुई थी कि जो स्पेशली शेड्यूल ट्राइब्स चिल्ड्रन है है ना एसटी वाले चिल्ड्रन जो है उनको क्वालिटी एजुकेशन प्रोवाइड करवाया जाए स्पेशली रिमोट एरियाज में ऐसे एरिया जहां पर कोई फैसिलिटी नहीं मिल पा रही है कोई एजुकेशन नहीं है वहां पर यहां क्या हो कि यह एजुकेशन हम दे सके एक बेस्ट अपॉर्चुनिटी उनको एजुकेशन के मामले में मिले और इसी वजह से यहां पर जो गवर्नमेंट टीचर्स है उनका रिक्रूटमेंट भी किया जाता है ईएमआरएस में आपको पता होगा एमआरएस के पेपर वगैरह भी आते रहते हैं तो यह जो पर्टिकुलर रेसिडेंशियल स्कूल का कांसेप्ट है यह लाया गया है मतलब स्टेट्स के लिए यूनिन टेरिटरीज के लिए और इन सब स्टेट्स यूनिन टेरिटरीज को जो पैसा है वो गवर्नमेंट देगी इन सबको जो ग्रांट्स है दोस्तों वो रिसीव होंगे अंडर द आर्टिकल 275 क्लॉज व ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया भारतीय संविधान के आर्टिकल 275 क्लॉज वन के तहत सभी ग्रांट्स इन स्टेट्स यूनि टेरिटरीज को दिए जाएंगे ताकि वह इस प्रकार के स्कूल्स को अपने यहां पर एस्टेब्लिश कर सके क्वेश्चन यह है ईएमआरएस स्कूल के फीचर्स क्या होंगे सबसे पहला फीचर दोस्तों यहां पर यह होगा कि यह वेड रेसिडेंशियल स्कूल्स होंगे यानी कि गर्ल्स और बॉयज दोनों के लिए इन स्कूल्स को रेडी किया जाएगा क्लास सिक्स से लेकर एट तक की सभी सॉरी 12 तक की सभी यहां पर पढ़ाई इसमें दी जाने वाली है प्लस एकलव्य स्कूल्स के अंदर में यहां पर जैसे नवोदय विद्यालय हैं है ना उन्हीं के बेसिस पर चलेंगे एक लव्य स्कूल में आपको स्पेशल फैसिलिटी मिलेंगी आपका लोकल आर्ट कल्चर की प्रोटेक्शन की बात की जाएगी जो आपकी लोकल लैंग्वेजेस है आपका जो खुद का कल्चर है ट्रेडीशन है उसको सुरक्षित तौर पर रखते हुए यहां पे पढ़ाया जाएगा ऐसा ना हो आपको आपका कल्चर भुला दिया जाए नहीं आपके कल्चर के साथ में जोड़कर ही पढ़ाई करवाई जाएगी प्लस स्पोर्ट्स और स्किल्स डेवलपमेंट के ऊपर भी फोकस किया जाएगा हर एक स्कूल की जो कैपेसिटी है वह है 480 बच्चों की जिसमें इक्वल नंबर सीट्स होंगी बॉयज और गर्ल्स की है ना गर्ल्स भी होंगी और बॉयज भी होंगे प्लस यह तो मैंने आपको बता दिया कि भाई ये शेड्यूल ट्राइब के स्टूडेंट्स के लिए स्पेशली ओपन किया गया है लेकिन क्या इसमें नॉन शेड्यूल ट्राइब्स एडमिशन ले सकते हैं तो हां इसका भी एक छोटा सा प्रोविजन है प्रोविजन यह है कि नॉन एसटी स्टूडेंट्स जो हैं इनको इन स्कूल्स में एडमिट किया जा सकता है लेकिन केवल 10 प्र की सीट पर केवल 10 पर सीट्स पर ही नॉन एसटी स्टूडेंट्स को एडमिट किया जाएगा ठीक है बाकी जो सीबीएससी का जितना भी एक्टिविटी है वह सब फॉलो किया जाएगा इन स्कूल और एजुकेशन स्कूल्स के अंदर में और एजुकेशन जो है कंप्लीट फ्री रखी गई है और जैसा आपको बताया यह सारा काम किसको सौंपा गया है हमारी नेशनल बॉडी को सौंपा गया जिसका नाम है नेस्ट नेशनल एजुकेशन सोसाइटी फॉर ट्राइबल स्टूडेंट्स जरा नेस्ट के बारे में कुछे बेसिक तथ्य आपको पता होने चाहिए जैसे क्या-क्या नेक्स्ट जो है दोस्तों एक ऑटोनोमस ऑर्गेनाइजेशन है एक ऐसी ऑर्गेनाइजेशन जो खुद से सारे डिसीजंस लेती है इस ऑर्गेनाइजेशन को सेटअप किया गया है मिनिस्ट्री ऑफ ट्राइबल अफेयर्स के तहत ताकि वह हमारे देश में इन एकलवे मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल्स को मैनेज कर सकें इसके मैनेजमेंट के लिए ही ये पर्टिकुलर बॉडी बनाई गई है गवर्नमेंट ने जब यहां पर इस प्रकार के कांसेप्ट को लेकर आया तो बजट 2018 से 19 के बीच में अनाउंस यह भी किया था कि जो हमारे हर एक ब्लॉक है जहां पर 50 पर से ज्यादा शेड्यूल ट्राइब की पॉपुलेशन है या एटलीस्ट 20000 के आसपास ट्राइबल पॉपुलेशन वहां पे होगी उस हर एक जगह पर इस प्रकार का स्कूल ओपन किया जाएगा ठीक है तो मान लीजिए कोई एरिया है कोई ब्लॉक है जहां पर 50 पर से ज्यादा आबादी शेड्यूल ट्राइब्स की है या 20000 के आसपास शेड्यूल ट्राइप्स उस पर्टिकुलर कॉलोनी में है तो उस जगह पे दोस्तों ईएमआरएस स्कूल्स को ओपन किया जाएगा यह सरकार का टारगेट था जब वो लेकर आए ये कांसेप्ट इसी टारगेट के तहत यहां पे कुछ इंपॉर्टेंट नई गाइडलाइंस भी हैं जैसे 2018-19 में यह नई गाइडलाइन भी आई इन गाइडलाइंस में हमारी केंद्र सरकार ने जो ज्यादा पावर है स्कूल्स वगैरह और यह सब स्कूल को मैनेज करने की बावर अपने पास में रखी और नेस्ट को थमा दी नेस्ट क्या है वो ऑलरेडी डिस्कस कर ही चुके हैं ठीक है अब आगे आते हैं यह मैं आपको बता ही चुका हूं प्रोविजन कैसे स्कूल्स यहां पर बनाए जाएंगे हां एक चीज और है कि जो नए नियम आए हैं ना इसमें बोला क्या है जो मिनिमम लैंड रिक्वायरमेंट है मान लो स्कूल बनाना है एक जगह पे जहां पर एसटी पॉपुलेशन आपको चारों तरफ नजर आ रही है अब जब यहां पे एक स्कूल बनाना होगा तो उसके लिए जमीन चाहिए तो स्टार्टिंग में जब ईएमआरएस कांसेप्ट लेकर आया गया था तो बोला था कि यह जो स्कूल है यह 20 एकड़ की जमीन में बनाया जाएगा लेकिन नए नियम के तहत दोस्तों यहां पे बोला गया कि ये स्कूल जो है 20 नहीं 15 एकड़ की जमीन में बनाया जाएगा तो मिनिमम लैंड रिक्वायरमेंट को कम कर दिया गया था नए नियम में अभी दोस्तों यहां पर चैलेंज यही है हमारे सामने इन स्कूल्स को ऑपरेट करने में चुनौतियां बहुत सारी हैं स्टैंडिंग कमेटी रिपोर्ट के अकॉर्डिंग बताया गया है कि 15 एकड़ की जमीन भी ले पाना काफी मुश्किल है है ना काफी दिक्कत आती है स्पेशली पहाड़ी इलाकों में जहां पर शेड्यूल ट्राइब्स की पॉपुलेशन है अच्छी खासी या ऐसे एरियाज जहां पर लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिस्म यानी कि जो मोइस्ट है नक्सलवाद बहुत ज्यादा है तो ऐसे एरिया में ऑपरेट कर पाना काफी मुश्किल है तो हमारे सामने या ईएमआरएस के मॉडल कांसेप्ट पे सामने यहां पर चैलेंज में पहली चुनौती यही है दूसरी चुनौती आती है पॉपुलेशन क्राइटेरिया स्टैंडिंग कमेटी ने दोस्तों यहां पर यही मेंशन कर रखा है कि जो पॉपुलेशन क्राइटेरिया है यह भी इशू है मान लीजिए चलो कहीं पर पॉप क्राइटेरिया फुलफिल भी हो गया है कहीं पर 15000 के आसपास अगर सॉरी 20000 के आसपास एसटी की पॉपुलेशन है या एक पर्टिकुलर एरिया ऐसा है जहां पर % से ज्यादा एसटी की पॉपुलेशन है अगर क्राइटेरिया फुलफिल हो रहा है वैसे तो ज्यादातर होता नहीं है अगर हो रहा है तो वहां पे जमीन खरीदने में दिक्कत आ जाती है तो ये कुछ चैलेंजेबल मेंट करने में तो आपसे अगर चैलेंज पूछे जाए तो वो भी आप मेंशन कर सकते हैं ठीक है मजा आया अच्छे आर्टिकल कवर हो गया चलिए अब आते हैं नेक्स्ट आर्टिकल पर लेकिन दोस्तों आगे बढ़ने से पहले आज याद दिलाना भूल गया हूं एक इंपॉर्टेंट इंफॉर्मेशन अगर आप लोग हमारे पेड ग्रुप्स को ज्वाइन करना चाहते हैं आपके पास में बढ़िया मौका है इसको जवाइन करने का यहां पर डेली बेसिस पे करंट नोट्स के पीडीएफ वगैरह प्रोवाइड करवाए जाते हैं फॉर एग्जांपल जैसे आपने अभी देखा हमने दो-तीन आर्टिकल डिस्कस किए हैं विद प्रॉपर डाटा वो जो बैकग्राउंड नट्स हैं वो सभी नोट्स दोस्तों आपको एक पीडीएफ में कंपाइल करके दिए जाते हैं यानी अगर आप नोट्स नहीं बना रहे हो तो कोई टेंशन नहीं है मत बनाओ आपको सीधा इस ग्रुप में फायदा मिल रहा है कि आपको सीधे पीडीएफ कंपाइल करके मिल रहे हैं ऐसा पीडीएफ जो प्रिंटेबल फॉर्म में है जिसका प्रिंट आउट वगैरह आप निकलवा सकते हैं बस खाली वीडियो देखो शाम में सोने से पहले एक बार रिवाइज कर लो काम आपका हो जाएगा टाइम बहुत बचेगा बहुत ज्यादा बचेगा लगभग दो-तीन घंटे आपके बचेंगे जिसमें आप अपना स्टैटिक पोर्शन कवर कर सकते हैं और इस ग्रुप में जितने भी पीडीएफ है दोस्तों वो हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में मिल रहे हैं तो दोनों मीडियम के एस्परेंस को हेल्प मिल जाती है दूसरी इंपॉर्टेंट चीज यह है कि इस ग्रुप में आपका सारा करंट अफेयर का कंटेंट सिक्योर हो जाता है सारे पीडीएफ सिक्योर हो जाते हैं डेट वाइज पढ़े हुए हैं किसी भी तारीख का पीडीएफ उठाओ पढ़ो डिलीट करो अनलिमिटेड ऑप्शंस आपके पास में अवेलेबल है मान लीजिए कोई टॉपिक बहुत पुराना हो चुका है आपको याद आ रहा है यार मुझे उसके बारे में पढ़ना है कोई जानकारी नहीं आ रही है सीधा यहां पर टॉपिक सर्च करो एकदम सारी इंफॉर्मेशन आपके सामने निकल कर आ जाएगी पढ़ लो ठीक है अब दोस्तों यह सारा कांटेक्ट आपको इस तरीके से हेल्प कर रहा है और यहां पे आपका स्टोरेज का इशू वगैरह कुछ भी समस्याए आपको सामने आने वाली है नहीं क्योंकि ग्रुप में सारा कंटेंट पड़ा हुआ है उठाओ पीडीएफ डाउनलोड करो डिलीट करो पढ़ो अनलिमिटेड ऑप्शंस अब ग्रुप को जवाइन करने के लिए क्या करना है और उससे पहले ये जान लो इसको जॉइन करने का फी पेमेंट भी बहुत मिनिमम है जस्ट 499 फॉर द लाइफ टाइम एक्सेस जब तक आपका सिलेक्शन ना हो जाए तब तक आप 4 99 में इस ग्रुप को जवाइन करके रख सकते हैं दोस्तों ग्रुप को जवाइन करने कैसे होगा whatsapp2 4873 68 इस नंबर पर मैसेज कर देना कि हां आई वांट टू जॉइन दिस ग्रुप इस प्रकार का मैसेज करने के साथ-साथ वहां प आपको रिप्लाई मिलेगा और रिप्लाई के साथ-साथ दोस्तों आपको वहां पे पेमेंट का प्रोसेस दिया जाएगा साथ में ही डेमो वीडियो का लिंक भी मिलेगा तो एक और ऑप्शन आपके पास में है कि आप पूरे डेमो वीडियो को एक बार चेक कर सकते हैं कि मुझे किस तरीके से यहां पर फायदे होंगे और अपने आप को कंप्लीट सेटिस्फाई करने के बाद में जाकर वह इन्वेस्टमेंट आप कर सकते हैं ठीक है बाकी दोस्तों मेक श्यर यह करना यार वीडियो प जो लाइक का बटन है उसको जरूर से प्रेस कर देना 5000 लाइक्स का टारगेट है जिसको आप सभी लोग सपोर्ट कर सकते हैं बहुत मेहनत लगती है इन वीडियोस को क्रिएट करने में स्पेशली थोड़ा डिले हो जाता है वीडियो लेकिन एक रिलेवेंट कंटेंट में देने की कोशिश अपनी तरफ से पूरी करता हूं ठीक है बाकी दोस्तों आइए थोड़ा सा नेपाल के बारे में पढ़ लेते हैं जीएस पेपर नंबर टू पॉलिटी के पर्सपेक्टिव से रिलेवेंट हो जाएगा सॉरी पॉलिटी नहीं इंटरनेशनल रिलेशंस के पॉइंट ऑफ व्यू से क्या बात हो रही है आइए जानते हैं बोला जा रहा है नेपाल में जो सरकार थी पुष्प कुमा कमल दहल की तो अब दोस्तों यहां पर इनकी सरकार जा रही है क्यों इनकी सरकार को जो सपोर्ट था वह सपोर्ट खत्म हो गया तो यही होती है यहां पर गठबंधन वाली सरकार यहीं पर एक सबसे बड़ी प्रॉब्लम होती है जब नेपाल की पार्लियामेंट में जो ट्रस्ट वोट किया गया तो उस ट्रस्ट वोट में दोस्तों यहां पर यह हार गए ज्यादा सपोर्ट था ही नहीं इनको ठीक है इनका जो वोट ऑफ कॉन्फिडेंस था इसमें वोट ऑफ कॉन्फिडेंस में अगर आप देखेंगे तो बताया यह जा रहा है कि प्राइम मिनिस्टर के फेवर में केवल 63 लोगों ने वोट किया केवल 63 लोगों ने और अगेंस्ट में 194 लोगों ने वोट किया कि भाई कौन-कौन सपोर्ट में है पूछा गया तो केवल 63 लोगों ने हाथ उठाया कौन-कौन अगेंस्ट में है 194 लोगों ने हाथ उठा दिया काम खत्म सरकार गिर गई अब जब यहां पर पुष्प कमल दहल की सरकार गिरी तो अगर आप नेपाल का पार्लियामेंट देखेंगे तो नेपाल के पार्लियामेंट का 275 टोटल मेंबर है अब 275 अगर मेंबर है तो इनका अगर हम कैलकुलेशन करें तो उस बेसिस पर यहां पर लगभग 138 वोट चाहिए होते हैं सरकार बनाने के लिए अब 138 वोट चाहिए पहले तो थे पुष्प कुमर कमल दहल के पास में लेकिन अब क्या है केवल 33 वोट बचे हुए हैं क्योंकि अभी जो वही तो ये जो ट्रस्ट वोट करवाया गया था क्योंकि अभी थोड़े मतलब मामला हट रहा था एगजैक्टली हुआ यह 3 जुलाई की बात है 3 जुलाई में अ इनकी तरफ से एक पार्टी है उसने सपोर्ट हटा दिया उन्होंने बोला कि भाई हम यहां पे सरकार को सपोर्ट नहीं कर रहे विड्रॉ कर रहे हैं हम अपना सपोर्ट तो ऐसा हो गया मामला अब मामला होते ही यहां पर दोस्तों अनाउंसमेंट हुआ कि देखें भैया सरकार के पास में पूरा ट्रस्ट वोट है या नहीं है यह मेजॉरिटी में अप्रूवल मिला है या नहीं मिला है जब करवाया ट्रस्ट वोट तो वहां पर फेल हो गए सरकार गिर गई अब 275 मेंबर हैं पार्लियामेंट में 138 वोट चाहिए सरकार बनाने के लिए तो यहां पे बोला जा रहा है कि अभी एक पॉसिबिलिटी हमें नजर आ रही है पॉसिबिलिटी हमको यह नजर आ रही है कि पुष्प कुमार दहल की जगह केपी शर्मा ओली दोस्तों सरकार बना सकते हैं केपी शर्मा ओली जो यूएमएल पार्टी से बिलोंग करते हैं ठीक है तो ये जो डील हुई है यहां पर एक नेपाली कांग्रेस है उसके अलावा सीपीएन यूएमएल है तो इनके बीच में यहां पे अगर एग्रीमेंट हो जाता है तो यह दो सबसे बड़ी पार्टी है वैसे पार्लियामेंट में एक के पास में 88 सीट है एक के पास में 78 सीट हैं तो दोनों मिलकर यहां पर सर बना सकते हैं ऐसा हमको दिखाई दे रहा है तो ये जो प्रचंड साफ थे दोस्तों यह 25 दिसंबर साल 2022 में नेपाल की सरकार बनाते हैं और सरकार को रन करते हैं फिलहाल के लिए अब यह प्रधानमंत्री के पद से हट गए हैं नई सरकार आ रही है केपी शर्मा ओली यहां पर गवर्नमेंट बनाएंगे अबकी बार लेकिन मैं आपको यह भी बता दूं यह इंडिया के लिए सही न्यूज़ नहीं है क्यों प्रचंड जी के समय पर तो भारत नेपाल के रिलेशन सही रहे केपी शर्मा ओली एक बार सरकार चला चुके हैं जब यह सरकार में थे दोस्तों पावर में थे तो इन्होंने भारत के साथ में नेपाल के संबंध कर दिए थे बहुत ही ज्यादा खराब बहुत ज्यादा रिलेशन खराब हो गए थे मतलब इवन इतने रिलेशन खराब हो गए थे कि पीपल टू पीपल रिलेशंस खत्म हो रहे थे जबकि दोस्तों यहां पर हम बात करते हैं दोनों देशों के बीच में एक ऐसा रिश्ता है जहां पे हम आपस में दोनों कंट्रीज के बीच में शादियां भी हो रही हैं फैमिलीज आपस में एक दूसरे को सपोर्ट कर रही बहुत सारी चीजें हैं बट वो सब खराब हो रहा था उस समय पर क्योंकि इनके स्टेटमेंट्स ऐसे आ रहे थे स्टेटमेंट्स आने के साथ-साथ एक और प्रॉब्लम है केपी शर्मा ओली के साथ में ये प्रो चाइना है चाइना की तरफ इनका झुकाव ज्यादा रहेगा और नेपाल एक इंपॉर्टेंट कंट्री है अगर हम स्पेशली बात करें भारत चाइना के बीच का एक बफर जोन है तो भले ही नेपाल को इंपॉर्टेंस ज्यादा मिल रहा है इंडिया से बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स बड़े बड़ी सप्लाई हम कर रहे हैं बट अगर चाइना की तरफ झुकाव होगा तो चाइना का एक्सपेंशन नेपाल में बढ़ेगा और एक बार चाइना का एक्सपेंशन पैर पसारना शुरू कर दिया यानी श्रीलंका वाली हालात अगर नेपाल के क्रिएट कर दिए तो इससे दिक्कत नेपाल के साथ-साथ भारत को भी होगी क्योंकि वो हमारे बॉर्डर्स पर आकर हमें ही परेशान करेगा समझ गए तो ये कुछ प्रॉब्लम्स होने वाली हैं फिलहाल के लिए देखते हैं ये इनकी सरकार आती है नहीं आती है बस खाली एक एज्यूम किया जा रहा है कि हां यह बनाएंगे अपनी गवर्नमेंट जो कि काफी हद तक ये पॉसिबिलिटी भी लग रही है ठीक है तो चलिए इसका भी एनालिसिस अपन ने कर लिया है चलते हैं आगे अपने एक और अ इंपॉर्टेंट न्यूज़ आर्टिकल की तरफ ना दोस्तों यहां पर पेज नंबर 10 पर एक छोटा सा आर्टिकल है लेकिन हमारे लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है आर्टिकल क्या बात करता है यह जो आपको फिश दिख रही है ना यह जो मछली दिख रही है यह एक मछली की नई स्पीशी है जो कि रिसेंटली डिस्कवर की गई है जिस वजह से यह चर्चा में है तो यही बताया गया कि यह एक प्रकार की डॉग फिश शार्क है इस डॉग फिश शार्क की नई स्पीशी केरला के एक पोर्ट से डिस्कवर की गई है जो हमारे साइंटिस्ट हैं जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से उन्होंने इस नई प्रजाति को डिस्कवर किया है इस प्रजाति का नाम है स्क्वाले हिमा वेरी वेरी इंपॉर्टेंट क्वेश्चन बन सकता है हाल ही में स्क्वाले हिमा नाम की एक स्पीशी चर्चा में है क्या है तो ध्यान रखिए डॉग फिश शार्क की की एक प्रजाति है डॉग फिश शार्क यहां पर अपने आप में एक बड़ी फैमिली है जो कि स्कवल फैमिली से बिलोंग करती है तो उसी की स्पीशी है यहां पर ये इक्वल अस हिमा ये डिस्कवरी इंपॉर्टेंट है जैसे मैंने आपको बताया और दूसरी बात दोस्तों यहां पे ध्यान रखिएगा यह जो स्क्वाले अस वाली जीनस से बिलोंग करने वाली शार्क की स्पीशीज आती हैं यह वाली जो मछलियों की प्रजातियां हैं ये अक्सर यहां पे एक्सप्लोइट की जाती है इनके लिवर ऑइल के लिए लिवर ऑयल इनका जो है वो बहुत ही ज्यादा महत्त्वपूर्ण है स्पेशली दवाइयों के इंडस्ट्री में फार्मेस टिकल इंडस्ट्री में इनकी डिमांड बहुत ज्यादा है इसलिए इनको इन मछलियों को मारा भी जाता है शिकार भी किया जाता है ठीक है इस प्रकार की प्रजातियों का इन प्रजाति में से नया डिस्कवरी नई स्पीशी जो मिली है उसका नाम है स्क्वाले अस हिमा यह नाम जरूर ध्यान रखिएगा एग्जाम के लिए काफी रिलेवेंट होने वाला है ठीक है आगे आते हैं तो दोस्तों क्योंकि आर्टिकल अभी समाप्त नहीं हुआ है तो इसके बारे में कुछ बेसिक डाटा और है जो कि हम लोग यहां पर समझने वाले हैं व बेसिक डाटा क्या है स्कवल अस हिमा तो जो हमारे साइंटिस्ट हैं स्पेशली फ्रॉम द जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया उन्होंने हाल ही में डिस्कवर किया नई स्पीशी को जिसका नाम मैंने आपको बता ही दिया है उसके अलावा इस स्क्लर कुछ बेसिक फीचर्स के बारे में बात करें तो यह डॉग फिश शार्क की एक नई स्पीशी है ठीक है और इसका यहां पर पूरा स्ट्रक्चर शेप देख ही चुके हो यह मछली ऐसे है जिसका यहां पर जो मुंह है स्पेशली आगे इस तरीके से लंबी चोंच जैसा एक स्ना उट की तरह यहां पर इसका फेस देखने को मिलता है ये फोटो आप देख पाएंगे है ना तो ये लंबा सा है इसको बोलते हैं स्ना उट ठीक है तो वैसा इसका फेस है थोड़ा राउंड सा यहां पर फेस भी आपको नजर आएगा इसका उसके अलावा मेंशन किया जा रहा है कि भाई इनका जो लेवर ऑयल है उस लेवर ऑयल की वजह सेन मछलियों को सबसे ज्यादा पकड़ा जाता है क्योंकि इनके लेवर ऑयल का इस्तेमाल अपनी फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में यूज करते हैं क्योंकि इनके लिवर ऑल में दोस्तों ज्यादा मात्रा में स्क्वानॉर्म प्रोडक्ट्स में उसके साथ-साथ जो यहां पर एंटी कैंसरस प्रोडक्ट्स हैं कैंसर को खत्म करने के लिए यहां पर जो स्पेशली कई सारी मेडिकेशंस है उसमें भी यहां पर इन लेवर ऑयल का यूज होता है ठीक है अब जब बात करते हैं भारतीय कोस्ट की तो इंडियन कोस्ट में दोस्तों स्क्वाले की दो स्पीशीज पाई जाती हैं और दोनों स्पीशीज जो है वोह हमारी साउथ वेस्ट कोस्ट से पाई जाती हैं ध्यान रखिएगा यानी केरला वाले रीजन से जो नई स्पीशी है वो है स्क्वाले हिमा यह काफी ज्यादा सिमिलर है स्क्वाले लेलना से लेकिन थोड़े कैरेक्टरिस्टिक इनके बीच में फर्क में है दो वैसे दो स्पीशीज इंपॉर्टेंट है स्क्लर स्क्वाले अस लनाई ध्यान रखना बड़े अजीब से नाम है पूछ लिया जाएगा ये दो प्रजाति चर्चा में थे ये क्या हैं तो ये दोनों फिश की स्पीशीज हैं ठीक है अब इनकी डिस्कवरी किसने की है जोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने तो जोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के बारे में बेसिक फैक्ट्स पता होने बहुत ज्यादा जरूरी हैं क्योंकि आपको पता होगा डायरेक्टली एक बार आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से रिलेटेड क्वेश्चन यूपीएससी ने पूछ लिया था कि बताइए एएसआई कौन से मंत्रालय के अंडर में आता है चलिए आपसे मेरा भी यही सवाल है आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया कौन से मिनिस्ट्री के अंडर में आता है उस मिनिस्ट्री का नाम नीचे कमेंट सेक्शन में लिखिए ठीक है अब यहां पे बात हो रही है जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तो यह जो मंत्रालय है दोस्तों सॉरी यह जो पर्टिकुलर बॉडी है यह आती है मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट फॉरेस्ट के अंडर में तो यह वाला जो मंत्रालय है स्पेशली हमारा मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट इसके तहत यह बॉडी आती है और इस बॉडी को एस्टेब्लिश यानी बनाया गया था 1916 में 1916 फिर मेंशन किया गया है ये एक प्रकार का नेशनल सेंटर है नेशनल लेवल की बॉडी जिसका मेन काम है जितने भी यहां पर एनिमल्स की स्पीशीज है ना उनका प्रॉपर तरीके से सर्वे करना उनके बारे में एक्सप्लोर करना यह इसका मेन पर्पस है क्योंकि हमारा देश के अंदर में बहुत बड़ी डायवर्सिटी नजर आती है फनल की यानी अलग-अलग जानवरों की स्पीशीज आपको यहां पर देखने को मिलती है तो उनके बारे में डी डिस्कवरी करना उनको एक्सप्लोर करना नई रिसर्च हमारे सामने लेकर आना है जैसे अभी सिमिलर रिसर्च इस स्क्वाले हिमा के माध्यम से देखने को मिली फिर ध्यान रखिएगा जोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का जो हेड क्वार्टर है वोह कोलकाता में है अगेन वेरी इंपॉर्टेंट पॉइंट क्योंकि कई बार यह जो हेड क्वार्टर्स वगैरह है डायरेक्टली क्वेश्चन के फॉर्म में पूछ लिए जाते हैं उसके अलावा इसके 16 रीजनल स्टेशंस भी हैं जो 16 रीजनल स्टेशंस है वह देश में अलग-अलग जगह पर लोकेटेड है तो यह बात हो गई हमारी जोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की चलिए आगे आते हैं नेक्स्ट आर्टिकल की तरफ तो जो हमारा सेम पेज है दोस्तों यानी कि पेज नंबर 10 उसी पर यहां पर एक और आर्टिकल मेंशन है जहां पर बताया गया है कि भारत ने एक बढ़िया प्रोग्रेस दिखाई है सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स से रिलेटेड ऐसा यहां पर नीति आयोग की रिपोर्ट के अंदर में बताया गया है आपको पता है ना कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स ऐसे यहां पर टोटल 17 गोल हैं जिसको यूनाइटेड नेशन के मेंबर कंट्रीज ने साल 2030 तक अचीव करने का गोल बनाया है इन 17 गोल में बेसिकली यहां पर मेन गोल वही है गरीबी कम करना साफ सफाई प्रोवाइड करवाना है ना हाइजीन को मेंटेन करना साफ पीने का पानी लोगों को देना जेंडर इक्वलिटी मेंटेन करना एनवायरमेंट की सुरक्षा करना यह सारे यहां पर हमारे सत्र है इस प्रकार के गोल्स हैं बहुत सारे मैंने आपको बता दिया एक आईडिया आपको लग गया होगा ठीक है तो इसकी रिपोर्ट आती है क्योंकि टारगेट यह है कि 2030 तक हमें 17 गोल अचीव करने हैं लेकिन दोस्तों हर बार रिपोर्ट यह आ रही थी कि हम कोई ज्यादा बढ़िया काम नहीं कर रहे इन गोल्स को अचीव करने के लिए लेकिन अभी एक अच्छी रिपोर्ट आई है नीति आयोग ने फ्राइडे में यहां पर रिलीज किया अपना फोर्थ इवेलुएशन रिपोर्ट ऑफ दी इंडियाज प्रोग्रेस इन दी कांसेप्ट ऑफ सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स कि भारत का क्या प्रोग्रेस हुआ है तो यह पता चला कि दोस्तों यहां पर जो 2015 में गोल्स अडॉप्ट करे गए थे यूनाइटेड नेशन के सभी मेंबर्स के माध्यम से यहां पर भारत को 2018 में जो स्कोर है वह थोड़ा सही नहीं मिला था बट अभी स्कोर थोड़ा सही मिला है इंडिया का स्कोर अबकी बार जो आया है वह 100 में से 71 है जबकि पहले 2018 में 100 में से केवल 57 था तो स्कोर इंप्रूव हुआ है स्कोर इंप्रूव होने का मतलब यह है कि जो सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स है दोस्तों ये डायरेक्टली लोगों के कल्याण से रिलेटेड है जिसको भारत अचीव कर रहा है धीरे-धीरे है ना और इनमें क्या-क्या चीजें इंप्रूव हुई है इंडिया में तो इंडिया में स्पेशली जो हमारी हेल्थ कंडीशंस है वो इंप्रूव हुई है बेटर पब्लिक हेल्थ कवरेज इंश्योरेंस कवरेज प्रोवाइड करवाया गया है एजुकेशन यहां पर इंप्रूव हुआ है है ना हायर टीचर स्टूडेंट रेशो बड़ा है टीचर की जो क्वालिटीज है वो यहां पर इंप्रूव की गई है यह सारी बातें नीति आयोग की इस रिपोर्ट ने बताया इवन इतना ही नहीं इनकम और जो जेंडर है इनकम और जेंडर में जो इनक्व असमानता आई थी दोस्तों व कम हुई है उसमें एक ड देखने को मिला है तो यह सारी बातें नीति आयोग की इस पर्टिकुलर रिपोर्ट में मेंशन की गई है खैर इस रिपोर्ट का कोई ज्यादा रोल नहीं है एग्जाम के पर्सपेक्टिव से एक आ दिन में कुछ डिटेल्स भी शेयर होंगी इनसे रिलेटेड वह डिटेल्स आपके साथ में मैं डिस्कस करूंगा तो यह है दोस्तों आज का हमारा कंप्लीट न्यूज़पेपर एनालिसिस फिलहाल के लिए वीडियो को एंड करेंगे लेकिन अपना पहले वर्ड ऑफ द डे कवर करेंगे आज का वर्ड ऑफ द डे क्या है वर्ड ऑफ द डे है बिल्क क्या बिल्क बिल्क का मतलब होता है टू चीट और ट्रिक समवन स्पेशली बाय टेकिंग मनी एक इंसान से पैसा ले लेना है ना और उसको यहां पर फिर उसके बेसिस पर चीट कर देना धोखाधड़ी करना पैसा लेके या पैसा लेक यहां पर उसको पागल बनाना ज्यादातर हो रहा है तो किसी को चीट करना स्पेशली बाय टेकिंग मनी या ट्रिक करना यह आपका बिल्क वाली कैटेगरी में आता है तो बताइए चलिए बस वर्ड का यूज करके एक सेंटेंस बनाओ फटाफट नीचे कमेंट सेक्शन में आज इस सेंटेंस में मजा आएगा देखते हैं क्या-क्या सेंटेंस लोग बनाते हैं चलिए आते हैं प्रैक्टिस क्वेश्चन की तरफ तो क्वेश्चन स्टार्टिंग में ये था कि बताइए जो पोंग लेख है यह जो झील है यह कौन-कौन से पहाड़ियों से घिरी हुई है तो इसका सही उत्तर है ऑप्शन नंबर बी काराकोरम रेंज एंड कैलाश रेंज यह वो पहाड़ी आपको देखने को मिलेंगी जिसके बीच में यहां पर यह पोंग सो लेक नजर आती है ठीक है तो काराकोरम रेंज एंड कैलाश रेंज आर बोथ लोकेटेड इन वेस्टर्न हिमालयाज और ये सराउंड करती हैं हमारे पैंगोंग सो वाले रेंज को या पैंगोंग से वाले रीजन को ये बेसिकली रीजन जो है खुद एक डिस्प्यूटेड रीजन है यह काफी ज्यादा विवाद में आता है स्पेशली भारत और चाइना से रिलेटेड क्योंकि आपको पता है चाइना कई बार कोशिश करा है हमारी इस टेरिटरी में एंटर करने की ठीक है तो चलिए दोस्तों होता है यहां पे हमारा सेशन समाप्त मिलते हैं आप लोगों से अगले वीडियो में आज के लिए बाय बाय हैव अ नाइस डे थैंक यू एंड जय हिंद