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शादी में खर्च और भारतीय समाज पर इसका प्रभाव
Jul 14, 2024
शादी में खर्च और भारतीय समाज पर इसका प्रभाव
ग्रैंड वेडिंग्स
मुक़ेश अंबानी की बेटे की फाइवस्टार वेडिंग
:
जामनगर, गुजरात, इटली और सदर्न फ्रांस में हुई प्री-वेडिंग्स, खर्चा ₹5000 करोड़ तक।
प्री-वेडिंग्स में जस्टिन बीबर और रिहाना की परफॉर्मेंस।
दुल्हन राधिका मर्चेंट का परिवार भी बड़ा बिज़नेस फैमिली है।
इंपैक्ट
:
बड़ी शादियाँ सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनती हैं।
इंडियन वेडिंग इंडस्ट्री
आकड़े
:
नवंबर 2023 में 38 लाख शादियाँ, खर्चा 5 लाख करोड़।
इंडियन वेडिंग इंडस्ट्री: 10 लाख करोड़।
शादी और सोशल स्टेटस
:
बड़े खर्च की वजह से पारिवारिक वित्तीय दबाव।
अनहेल्दी सोशल प्रेशर।
समाज पर प्रभाव
मिडिल-क्लास फैमिली इंपैक्ट
:
अधिकतर मिडिल-क्लास फैमिली की इनकम टियर-2 सिटीज में ₹27000/माह।
शादी में औसतन 15-25 लाख खर्च होता है, जो इन परिवारों के लिए भारी है।
अनहेल्दी सोशल कंपटीशन
:
ज़्यादा खर्च करने की होड़।
शादी में दहेज का बड़ा रोल।
सेक्स सिलेक्ट िव अबॉर्शन
अतीत और वर्तमान
:
1971 में लीगलाइजेशन।
सेक्स सिलेक्टिव अबॉर्शन बढ़ा, लड़की का बोझ महसूस करना।
2001/2011 सेंसेस डेटा: हरियाणा (831/1000), छत्तीसगढ़ (961/1000)।
सरकार की स्कीम: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, लाडली लक्ष्मी योजना आदि।
यूथ और आधुनिक अवलोकन
युवा वर्ग के प्रभाव
:
युवाओं में शादी ना करने का ट्रेंड।
वित्तीय दिक्कतें और अस्थिर शादियों से दूर भागना।
वेस्टर्न वेडिंग तुलना
:
सिंपल और पा रंपरिक शादियाँ, कम खर्च।
इंडियन वेडिंग में अत्यधिक खर्च।
निष्कर्ष
समाज में दीर्घकालिक प्रभाव
:
बड़े खर्च के चलते मिडल क्लास फैमिली फाइनेंशियली स्ट्रेस्ड।
सेलिब्रिटीज की शादियाँ पब्लिक वैलिडेशन और बिजनेस प्रमोशन के उद्देश्य से।
तरह से शादी को समाज की वास्तविक स्थिति बड़ी साफ़ दिखाता है।
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