[संगीत] सर सर सर अरे सर आपकी वो मूवी है ना हमने आपको दिल क्यों दिया स उसमें वो डायलॉग है ना सबको आती नहीं मेरी जाती नहीं सर इमोशनल सीन के बीच में क्या डायलॉग मारा है सर एक सेल्फी पापा ये काम नहीं कर रहा बकैती काट रहा है पैसे लेके सर ऑर्डर क्या रहेगा आपका दो बटर नान अच्छा कढ़ाई पनीर कढ़ाई पनीर स्पाइसी रहेगा नॉन स्पाइसी ठीक है सर मैं करा देता हूं आपका मैम मैम वाइन लेंगे कोल्ड ड्रिंक बोलो भाई कोल्ड ड्रिंक कोल्ड ड्रिंक कोल्ड ड्रिंक लेगा क्या भाई इंडियन बिलियने मुकेश अंबानी के बेटे अंबानी की दो प्रीवेडिंग सेरेमनी के बाद फाइनली शादी होने जा रही [संगीत] है आमल [संगीत] जामनगर गुजरात इटली और सदर्न फ्रांस में एक लग्जरी क्रूज में हुई इन दोनों प्री वेडिंग्स में लगभग 2260 करोड़ र खर्च हुए शुरू से हुई प्रीवेडिंग से लेकर ग्रैंड वेडिंग तक टोटल एक्सपेंस 1800 करोड़ बताया जा रहा था लेकिन नई रिपोर्ट्स के हिसाब से यह खर्चा 5000 करोड़ तक है लेकिन मुकेश अंबानी के लिए कोई भी बड़ी बात नहीं है इसी रिपोर्ट में बताया गया कि फोब्स के अकॉर्डिंग 2024 में मुकेश अंबानी की नेट वर्थ लगभग 124 बिलियन डॉलर्स है तो इस हिसाब से उन्होंने अपनी नेटवर्थ का 0.5 पर खर्च किया यानी मान लो अगर आपके पास ₹1 हो तो उसमें से 50 50 पैसे शादी के लिए बनाए गए ग्रैंड सेट पर भी कई स करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं प्रीवेडिंग की तरह ही वेडिंग नाइट पर भी काफी चीजें होने जा रही हैं जैसे कि लेडी संगीत पे सिंगिंग परफॉर्मेंस के लिए जस्टिन बीबर को बुलाया गया जिसके लिए ₹ करोड़ पे किए गए इसके पहले रिहाना ने भी प्रीवेडिंग सेरेमनी में परफॉर्म किया था और उस परफॉर्मेंस के लिए उन्हें ₹ करोड़ पे किए गए थे सेलिब्रिटीज की इस कैटेगरी में बॉलीवुड के भी बहुत सारे लोग इस वेडिंग का हिस्सा होंगे जामनगर में तीनों खांस ने स्टेज पर डांस किया था इससे पहले मुकेश अंबानी की डॉटर ईशा अंबानी की शादी में ऐश्वर्या राय बच्चन अमिताभ बच्चन अभिषेक बच्चन आमिर खान और शाहरुख खान ने खाना परोसा था वेडिंग कार्ड की कॉस्ट लगभग ₹ से ₹ लाख तक होने का एस्टिमेटर तो एक चीज क्लियर है कि हम इंडिया की सबसे बड़ी ग्रैंड वेडिंग विटनेस करने वाले हैं लेकिन ऐसी ग्रैंड वेडिंग का इंपैक्ट सिर्फ सोशल मीडिया तक ही लिमिटेड नहीं रहता बल्कि अलग-अलग फॉर्म्स में ये हम सबकी लाइफ को इंपैक्ट करती है नवंबर 2023 की एक रिपोर्ट में बताया कि सिर्फ एक महीने से कम में 38 लाख वेडिंग्स हुई जिनके ऊपर खर्च हुआ 5 लाख करोड़ वहीं एक दूसरी रिपोर्ट के अकॉर्डिंग इंडियन वेडिंग इंडस्ट्री का साइज 10 लाख करोड़ बताया गया जो फूड एंड ग्रोसरी इंडस्ट्री के बाद सेकंड नंबर पर आती है अब भले ही नंबर्स और डेटा के अकॉर्डिंग शादियों से जुड़ी यह बात काफी अच्छी और फैसटिकट का हिस्सा है लेकिन इन चेंज होती प्रैक्टिसेस और नए-नए ट्रेंड से एक्सपेंसिव होती मैरिजस इंडिया की पॉपुलेशन के एक बड़े हिस्से के लिए काफी प्रॉब्लमैटिक और चैलेंजिंग होती जा रही हैं और ये सोसाइटल इंबैलेंस का भी एक बहुत बड़ा कारण रही है क्योंकि इंडियन फैमिलीज में जो शादी कभी फेस्टिवल की तरह सेलिब्रेट की जाती थी आज वो फाइनेंशियल बर्डन अननेसेसरी रिस्पांसिबिलिटीज अनहेल्दी सोशल प्रेशर और और कैपेसिटी से बाहर शो ऑफ करने का कारण बन गई है इंडियन सोसाइटी में शादी की इंपॉर्टेंस बहुत ज्यादा है और इसे हम सभी एक फेस्टिवल की तरह सेलिब्रेट करते हैं रामायण महाभारत से लेकर वैदिक टेक्स्ट में भी हमें शादी और इसकी इंपॉर्टेंस के बारे में लिखी बहुत सारी इंफॉर्मेशन मिलती है यानी कि इंडियन सोसाइटी में और स्पेशली हिंदू रिलीजन में शादी एक हजारों सालों से फॉलो होने वाला कल्चरल ट्रेडिशनल रिलीजन में बताए गए 16 संस्कारों में से विवाह भी एक संस्कार है जिसे ब्रह्मचार्य से ग्रस्त जीवन में जाने के लिए हर किसी को पूरा करना पड़ता है लेकिन आज के टाइम में शादी किसी कल्चर और संस्कार तक ही लिमिटेड नहीं है क्योंकि टाइम के साथ हुए सोसाइटल चेंजेज ने शादी को कल्चर ट्रेडीशन से हटाकर सोशल स्टेटस का एक सिंबल बना दिया है हर कुछ टाइम के बाद शादी के सेलिब्रेशन में नई-नई प्रैक्टिसेस ऐड होती जा रही हैं जिनका ट्रेडिशनल से कोई लेना देना नहीं है चाहे वो प्रीवेडिंग सेरेमनीज हो प्रीवेडिंग फोटोशूट्स हो या फिर डेस्टिनेशन वेडिंग्स हो ये सारी प्रैक्टिसेस कुछ ही सालों में शुरू हुई हैं इंडिया के बड़े सेलिब्रिटीज और बड़ी बिजनेस फैमिलीज ही इन ट्रेंड्स को सेट करती हैं उन पर हजारों करोड़ रुपए खर्च करके और फिर इन्हीं ट्रेंड्स को मैक्सिमम इंडियन हाउसहोल्ड्स बना लेते हैं जहां सोशल मीडिया एंड ट्रेंड्स को पॉपुलर करने का काम करता है वहीं पहले यह काम टेलीविजन किया करता था जिसका बड़ा एग्जांपल है शादी के बाद होने वाली हनीमून ट्रिप आज से 30-35 साल पहले तक इंडियन सोसाइटी का एक बड़ा हिस्सा इन चीजों के बारे में नहीं जानता था लेकिन लेट 90स में मनी बॉलीवुड की बहुत सारी फैमिली ड्रामा और मैगजीन पे सेलिब्रिटीज की पिक्चर और मूवीज जिनको मैरिज के आसपास रखा गया था उन्होंने हनीमून के स्टंड को पॉपुलर करने में काफी काम किया आज इंडिया की मैक्सिमम फैमिलीज मिडिल क्लास या फिर उससे नीचे वाली कैटेगरी में आती हैं रिपोर्ट्स के हिसाब से इंडिया की 31 पर पॉपुलेशन यानी लगभग 45 करोड़ लोग मिडिल क्लास से बिलंग करते हैं और 204 7 तक ये नंबर 100 करोड़ के पार चला जाएगा वहीं मिडिल क्लास फैमिलीज की इनकम पर हुई एक रिपोर्ट यह बताती है कि टियर वन सिटीज में 30000 और टियर टू सिटीज में एक एवरेज फैमिली 27000 पर मंथ कमाती है अब अगर हम वेडिंग में होने वाली एवरेज एक्सपेंस की बात करें तो वो है 15 से 25 लाख वो भी बेयर मिनिमम यानी किसी मिडिल क्लास फैमिली में अगर दो बच्चे हैं और उनकी शादी में 40 लाख खर्च हुआ तो वो उस फैमिली की 12 साल की इनकम के बराबर है इंडिया की मैक्सिमम मिडिल क्लास फैमिलीज में एक ही अर्निंग मेंबर होता है और मान लो अगर वो 30 साल भी जॉब करेगा तो उसके 12 साल की इनकम तो सिर्फ शादी करने में ही चली जाएगी वो भी दो दिन के अंदर ये पूरे नंबर साफ-साफ बताते हैं कि इंडिया में लगातार एक्सपेंसिव होती मैरिजस मिडिल क्लास के लिए एक कितना बड़ा बर्डन बनती जा रही है और ये चीज एक बहुत बड़ा रीजन है सोसाइटल इंबैलेंस का जिसने आज तक बहुत ज्यादा डिस्ट्रक्शन किया है अब लड़की की शादी हो गई तो कंधों से बोझ भी हल्का हो गया भाई साहब अब होगा क्यों नहीं जमीन जो सारी बेच दी अब समाज में रहना है तो अच्छी दावत भी देनी है दहेज भी बढ़िया ही देना पड़ेगा और आजकल तो ये डेस्टिनेशन वेडिंग भी चल गई है और बताइए साब हम तो बस सुबह बैठे थे तो ये फाइनेंस वाले आ गए डंडा बहुत खड़ा बजाते हैं ये वो घर गिर भी रखा था ना खैर देखो जी कुछ भी हो समाज में दबदबा पूरा बन गया बेटी की शादी का टिंकू अरे भाई पंखा चला यार घर में लग रही बिजली वालों ने कनेक्शन काट दिया टाइम के साथ लगातार कॉस्टली होती मैरिजस और डाउी जैसे फैक्टर्स ने दूसरी सोशल इविल प्रैक्टिसेस को प्रमोट करने का भी काम किया है जो थी सिलेक्टिव सेक्स अबॉर्शन 1971 में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट आने के बाद इंडिया के अंदर अबॉर्शन को लीगल कर दिया गया जिसके कुछ सरकमस्टेंसस भी मार्क करे गए थे इंडिया में लोगों ने इस एक्ट का बहुत मिसयूज किया प्रेगनेंसी से पहले लोग पता लगाने लगे कि बॉय होगा या फिर गर्ल यह पता करने के बाद लोग गर्ल चाइल्ड का अबॉर्शन करा दिया करते थे और अबॉर्शन का सबसे बड़ा रीजन था गर्ल चाइल्ड की एजुकेशन पर होने वाला खर्चा और बाद में उनकी शादी की रिस्पांसिबिलिटी कोई भी फैमिली ये बियर नहीं करना चाहती थी यानी घर में लड़की का होना लोगों को बोझ लगता था और उससे बचने के लिए लोगों ने सेक्स सिलेक्टिव अबॉर्शन की तरफ जाना शुरू किया और फिर तेजी से बढ़ रहे सेक्स सिलेक्टिव अबॉर्शन के नेगेटिव इंपैक्ट भी बहुत जल्दी देखने के लिए मिले जब 2001 और 2011 की सेंसस डाटा में इंडिया के कई स्टेट्स में सेक्स रेशो का डिफरेंस तेजी से चेंज हुआ जिसमें हरियाणा का रेशो सबसे ज्यादा खराब था 1000 मेल्स पे 831 फीमेल्स और छत्तीसगढ़ का रेशो सबसे बेटर था 1000 मेल्स पर 961 फीमेल्स यानी सबसे बेटर सेक्स रेशो वाले स्टेट में भी 39 फीमेल्स कम थी पर 1000 मेल्स कि 1991 के सेंसस में इंडिया के अंदर मेल्स और फीमेल्स में सिर्फ 35 लाख का डिफरेंस था जबकि 2001 में ये डिफरेंस 1 करोड़ से भी ज्यादा चला गया था अब इंडियन गवर्नमेंट ने इस चीज पर कंट्रोल पाने के लिए बहुत सारे इनिशिएटिव लांच किए जैसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिसमें एक गर्ल चा के बर्थ से लेकर उनकी एजुकेशन और मैरिज के लिए बहुत सारी सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट स्कीम्स को लांच किया गया जैसे लाडली लक्ष्मी योजना सुकन्या समृद्धि योजना ंदा गोरा योजना इन स्कीम्स के जरिए गर्ल चाइल्ड की एजुकेशन को प्रमोट किया गया और एजुकेशन कंप्लीट करने के बाद उन्हें एक अमाउंट भी पे किया जाने लगा इन सारे फर्ड्स का पॉजिटिव रिजल्ट भी देखने के लिए मिला और आज सेक्स रेशो का डिफरेंस धीरे-धीरे कम होते हुए दिखाई पड़ रहा है जो भी मिडिल क्लास फैमिलीज से है वो इस चीज से रिलेट कर पाएगा कि कैसे छोटे से छोटे खर्चे के लिए घर में एक डिस्कशन होता है और पेरेंट्स अपनी सारी नीड्स को कंप्रोमाइज करते हैं ऐ स्पेशली घर में जो अर्निंग मेंबर होता है वो स्टार्टिंग से ही इस चीज की प्लानिंग करके चलता है अपनी डेली नीड्स को इग्नोर करते हुए छोटी से छोटी सेविंग करने की कोशिश करता है भले कितनी भी सीरियस बीमारी हो जाए पर उसे खुद ही क्योर करना ताकि कुछ पैसा सेव हो सके और इस सारे स्ट्रगल के पीछे का रीजन क्या है लोगों के बीच में अनहेल्दी कंपटीशन इंडियन फैमिलीज खुद को एक दूसरे से बड़ा और बेहतर दिखाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती और यही सेम कंडीशन है मैरिजस के साथ अगर किसी की शादी में 15 डिश बनी तो हम 18 बनवाए मतलब जितना पैसा शादी में खर्च किया जाएगा सोसाइटी में आपकी इमेज उतनी ही ज्यादा बड़ी होगी अब अंबानी फैमिली के लिए 1200 करोड़ खर्च करना बहुत छोटी सी बात है लेकिन एक मिडिल क्लास फैमिली के लिए इस अनहेल्दी कंपटीशन और शो ऑफ का हिस्सा बनना यह उन्हें वापस कई साल पीछे ले जाकर छोड़ देता है और दूसरी प्रॉब्लम जो शादी को एक बर्डन बना देती है वो है डाउी शादी में दहेज लेना आज भी बहुत नॉर्मल सी बात है 1961 में इस प्रैक्टिस के इलीगल हो जाने के बाद भी 95 पर इंडियन मैरिजस में दहेज लिया दिया जाता है और आज भी इंडिया में डाउी से रिलेटेड क्राइम के केसेस रोज सामने आते हैं डाउ किसी भी शादी के बजट को कई गुना से बढ़ा देती है और कई बार इस फॉर्मेलिटी को पूरा करने के लिए लोगों को अपनी प्रॉपर्टी तक बेच नी पड़ती है मिडिल क्लास फैमिली पे इसके इंपैक्ट के ऊपर बात करते हुए एक न्यूज़ आर्टिकल में 2019 के इस इंसीडेंट का जिक्र किया गया है जिसमें बताया गया कि सुनीता जो कि 26 ईयर ओल्ड थी और नवंबर 2019 में उनकी शादी होनी थी दहेज देने और वेडिंग हॉल बुक करने के लिए उनकी फैमिली ने अपनी सारी प्रॉपर्टी बेच दी लेकिन शादी के दिन लड़के की साइड से कार की डिमांड रख दी गई और सुनीता की फैमिली वो डिमांड पूरी नहीं कर पाई तो वो शादी वहीं पे रुक गई और कंसर्निंग बात ये है कि ये बहुत रियर इंसिडेंट नहीं है बैक एंड में ऐसे इंसीडेंट्स रोज हमारी सोसाइटी में चलते हैं शादी को लेकर अक्सर सेलिब्रिटीज ही नए-नए ट्रेंड्स को शुरू करते हैं भले ही वो शादी में पहने जाने वाले कपड़े हो डेस्टिनेशन वेडिंग में डेकोरेशंस का आईडिया अब इन लोगों का इस चीज को इतने ग्रैंड स्केल पर करने का रीजन है पब्लिक की अटेंशन ग्रैब करना क्योंकि उसी चीज से वो रिलेवेंट बने रहेंगे उन्होंने ये काम पब्लिक वैलिडेशन के लिए किया क्योंकि उनका बिजनेस उस चीज पे चलता है बट अगर एक आम इंसान इस चीज को फॉलो करेगा तो वो चीज उसे फाइनेंशियलीईएक्सप्रेस और लाइटिंग का अरेंजमेंट करना बहुत जरूरी होता है शादी को एक बहुत ही एक्सपेंसिव और कॉम्प्लिकेटेड प्रोसेस बना दिया गया है और इसका नेगेटिव इंपैक्ट हमारे यूथ पर भी दिखता है एक रिपोर्ट के अकॉर्डिंग चार में से एक यूथ शादी ना करने का डिसीजन ले रहा है और इस डिसीजन के पीछे का रीजन है मनी सर्वे के अकॉर्डिंग जिनको सैलरी कम मिलती है वो शादी नहीं करना चाहते क्योंकि वो शादी और उसके बाद के होने वाले खर्चे को लेकर तैयार नहीं है यूथ के शादी ना करने का दूसरा बड़ा रीजन है अनस्टेबल मैरिजस ऑन रिकॉर्ड इंडिया दुनिया भर में सबसे कम डाइवोर्स रेट वाला देश है लेकिन पिछले कुछ सालों में इंडिया का डाइवोर्स रेट बढ़ा है और एक फैक्ट भी है कि हमारे यहां ज्यादातर डाइवोर्स बैक एंड में ही सेटल हो जाते हैं तो काफी सारी स्टोरीज तो हमें सामने भी देखने के लिए नहीं मिलती और डाइवोर्स को लेकर इंडिया के लॉस भी काफी ज्यादा बाइज नजर आते हैं इनका मिसयूज बहुत इजली किया जाता है फेक डाओरी के केसेस आए दिन हमारे सामने आते हैं ये फैक्टर्स यूथ में एक बहुत बड़े नंबर को शादी ना करने के लिए फोर्स करते हैं और अब जो लोग मैरिजस में अपनी कैपेसिटी से ज्यादा खर्च करते हैं उन पर भी इसका एक बहुत नेगेटिव इंपैक्ट पड़ता है एक रिपोर्ट के अकॉर्डिंग एक एवरेज इंडियन अपनी शादी के ऊपर अपनी एजुकेशन से पूरा दो गुना खर्च करता है अपनी पर कैपिटा इनकम से पांच गुना और अपनी एनुअल इनकम से तीन गुना ज्यादा खर्च कर देता है अब आप खुद ही सोचो कि पढ़ाई पर खर्च करना इन्वेस्टमेंट है या फिर शादी के ऊपर अब इसके कंपैरिजन में अगर वेस्टर्न कंट्रीज की वेडिंग को देखा जाए तो एकदम अपोजिट पिक्चर निकल के सामने आती है वो सिंपल ट्रेडिशनल प्रोसेस फॉलो करते हैं अपने क्लोज रिलेटिव्स के साथ जब कि पर कैपिटा इनकम और एनुअल इनकम इन दोनों ही पैरामीटर्स में वेस्टर्न कंट्रीज इंडिया से बहुत आगे हैं एक शादी में अपनी लिमिट से ऊपर खर्च करके ज्यादा से ज्यादा क्या होगा एक दिन के लिए सोसाइटी के कुछ लोग आपकी तारीफ कर लेंगे और कुछ लोग आपके इतने एफर्ट्स के बाद भी शायद खाने और वेन्यू को देखकर मुंह बना देंगे बात रही बिजनेसमैन और सेलिब्रिटीज की शादी की हमें सिर्फ इतना देखने के लिए मिलता है कि उन्होंने महंगे कपड़े पहने और एक ग्रैंड लेवल पर इवेंट ऑर्गेनाइज किया जिसमें सब कुछ रॉयल था लेकिन जो हमें नहीं दिखता वो है हर एक स्टेप हर एक इवेंट काफी प्लानिंग के साथ किया जाता है जिसमें इनके सेकेंडरी बेनिफिट्स भी जुड़े होते हैं अनंत अंबानी की शादी में ब्लैक रॉक और मेटा जैसी और भी बड़ी-बड़ी कंपनीज के सीईओ वहां पर प्रेजेंट होंगे जिनके साथ reliance1 डील्स हो रखी हैं राधिका मर्चेंट खुद एक बहुत बड़ी बिजनेस फैमिली से बिलोंग करती है यानी कि जितना खर्च होगा लॉन्ग टर्म में उससे कई गुना इस इवेंट से जनरेट भी हो जाएगा और अगर नहीं भी हुआ तो reliance1 दिन में कई 100 करोड़ कमा देती है 2018 की एक रिपोर्ट के हिसाब से मुकेश अंबानी ने हर रोज 00 करोड़ कमाए थे अगर 2018 की इनकम के हिसाब से भी देखा जाए तो ये शादी 5 दिन की इनकम के अंदर-अंदर निमटोला माउंट का टैक्स सेव करते हैं क्योंकि इंडियन लॉ के अकॉर्डिंग शादी में मिलने वाले किसी भी लग्जरी आइटम पर कोई टैक्स नहीं लगता दूसरी चीज इन सेलिब्रिटीज की शादी में बहुत सारे लग्जरी ब्रांड्स कंट्रीब्यूट करते हैं और अपने प्रोडक्ट्स का प्रमोशन करते हैं जैसे कि विराट और अनुष्का की शादी से ठीक पहले दोनों ने एथनिक यर ब्रांड मान्यवर का प्रमोशन किया था यानी कि इनके लिए शादी करना एक खर्चा नहीं है बल्कि टैक्स सेविंग और अर्निंग करने का एक जरिया बन जाता है लेकिन एक मिडिल क्लास फैमिलीज जब इन ट्रेंड्स को फॉलो करने की कोशिश करती है तो वो बस कई सालों तक लोंस की ईएमआई भरते रहती है सो आज की इस वीडियो में इतना ही एंड टू बी ऑनेस्ट मुझे थोड़ा बुरा फील हुआ कि मेरे को इन्विटेशन नहीं आया बट आप मेरे सोशल मीडिया को जाके फॉलो कर सकते हो लिंक मेरे डिस्क्रिप्शन में है आल्सो अगर आपको ब्लॉग्स देखने पसंद है बैचलर्स ब्लॉग में इंटरेस्ट है तो जाके टैप करो चैनल चेक आउट करो शायद अभी तक वहां पर 5 लाख सब्सक्राइबर्स हो गए होंगे और नहीं हुए तो जाकर सब्सक्राइब करो