What's up everyone, welcome back to the channel तो guys अब हम करने वाले हैं हमारा complete BST part A का revision और revision में सारे ही chapters cover करेंगे one shot आपको जिस भी chapter में थोड़ा सा doubt हो या जो ऐसा लगे कि weak है उसका detailed lecture जाके देख लेना और आपकी तयारी हो जाएगी detailed lecture देखने के बाद उसके PYQ कर लेना अलरेडी वो भी uploaded है तो आपको help मिलेगी जब उससे हो जाओ तो test देना हो तो test भी देना वो भी already available है आपको जो चाहिए जाके चेक कर सकते हो आओ जली सब revision करते हैं और start करते हैं with part A Let's begin तो विल स्टार्ट विच अपने वन जिसमें सबसे पहले हमारे बाद मैनेजमेंट की डेफिनेशन आ जाती है मैनेजमेंट इज प्रॉसेस ऑफ प्रोसेस क्यों है क्योंकि मैनेजमेंट में बहुत सारे इंटर रिलेटिड और इंटर डिपेंडेंट फंक्शंस है जो एक मैनेजर को परफॉर्म करने पड़ते हैं उसके बाद काम करवाना दूसरों से, effectively as well as efficiently, effectively as well as efficiently का क्या मतलब है, लेको यहाँ पे जब भी effectively होगा, तो T stands for time, और जब भी efficiency होगा, तो C stands for cost, तो याद रखना, efficiency में minimum cost, आनी चाहिए और minimum wastage of efforts होना चाहिए, effectiveness का मतलब है कि सही समय पे काम पूरा हो जाना चाहिए, यहाँ पे time की बहुत एहमियत है, तो effectiveness क्या है, accomplishment of goals, end results पे focus करता है, इसके बाद concerned with satisfaction of customers, employees, investors, emphasize on doing the right thing, सही चीज़े होनी चाहिए, सही समय पे, और इधर cost में क्या आता है, efficiency में क्या होता है, utilization of resources proper होना चाहिए, focus on getting maximum output, by using minimum resources, इसके बाद यह याद रखना unidimensional है, इसमें सिर्फ और सिर्फ resources की बात हो रही होती है, और उसके बाद it emphasis on doing things right, यह याद रखना right things होगा, तो effectiveness, things right होगा, तो efficiency, यह line काफी मदद करेगी exams में, इसके बाद जब हम आगे चलते हैं, तो we have characteristics of management, characteristics की बात करें, तो goal oriented process है, management हमेशा एक goal के उपर focus करता है, pervasive है, छोटी organization, बड़ी organization, profit making, non profit, पर फिर जो करेगा उस काम को मैंनेजमेंट ऑफ पीपल फिर जब एक्चुली में काम शुरू हो जाता है उस ऑपरेशन को मैंनेज करना पड़ता है तो मैंनेजमेंट ऑफ ऑपरेशन कांटिनियर्स प्रोसेस मैंनेजमेंट कभी रुकता नहीं नहीं है एक ऑर्गेनाइजेशन को सक्सेसफुल बनाने में बहुत सारे लोगों का हाथ होता है सबको मैनेज करके चलना पड़ता है that is why management is a group activity dynamic function समय के साथ चीज़े बदलती रहती हैं तो वैसे ही management को भी बदलना बढ़ता है intangible force management आपको कभी दिखता नहीं है आप touch नहीं कर सकते हो सिर्फ उसको feel कर सकते हो आपके results से right then we have objectives of management objectives की बात करें तो तीन प्रकार के objectives होते हैं organizational, social, personal जब हम organizational की बात करते हैं तो उसके अंदर हम organization के point of view से तो सबसे पहले चाहिए survival करने का लिए कॉस्ट कवर हो जाए कॉस्ट कवर हो गया फिर चाहिए प्रॉफिट कि अब थोड़ा एक्स्ट्रा कमा लें प्रॉफिट आ फिर रिग्रोथ ग्रोथ कैसे नंबर ऑफ इंप्लोईज बड़े नंबर ऑफ बिल्डिंग बड़े नंबर ऑफ एसेट्स बड़े वेल्ट बड़े कस्टमर बड़े यह ग्रोथ है ठीक है यह तो हो गया और गनाइजेशनल सोशल में हम बात करेंगे सोसाइटी की कि आप सोसा करते हैं तो आप employees के लिए क्या कर रहे हो कि आप fair wages दे रहे हो अच्छी working conditions दे रहे हो आप उनको benefits दे रहे हो आप उसको pension medical benefits ये सब दे रहे हो नहीं दे रहे हो तो employees के लिए क्या कर रहे हो वो सब personal में आ जाता है तो हमारे पास तीन हो जाते हैं organizational social personal इसके बाद जब हम importance की बात करते हैं क्यों ज़रूरी है management क्योंकि management आपको अपना individual goal ही नहीं पूरे group का goal achieve करने मदद करता है individual तो हो जाएगा management से efficiency बढ़ती है अच्छे management इसे वेस्टेज कम से कम होता है तो आप ज्यादा अच्छे से काम कर पाते हो कम से कम रिसोर्सेस के साथ एक डाइनामिक ऑर्गेनाइजेशन क्रिएट करता है मैंने जो कि मैंने जम्मेंट खुद एक डाइनामिक प्रॉसेस है समय के साथ बदलता गई काफी समय पे चारिटी, डोनेशन्स वगैरा करना आतो मैनेजमेंट डेवलप्मेंट ओफ सोसाइटी में भी काफी मदद करता है नेचर ओफ मैनेजमेंट की बात करें तो मैनेजमेंट कुछ लोग कहते हैं साइंस है कुछ लोग बोलते हैं आर्ट है मैनेजमेंट एक प्यूर साइंस नहीं है मैनेजमेंट एक आर्ट डेफिनिटली है बट मैनेजमेंट इस तरफ जा रहा है तो we cannot say management as a full-fledged profession, but हाँ, management profession की तरफ बढ़ रहा है, science होने के लिए, किसी भी individual या किसी भी चीज़ को चाहिए, systematic body of knowledge, जो की management में है, जो science के principles हैं, these are based on experimentation, management के principles भी based on experimentation हैं, but humans के उपर हैं, तो humans को exactly define कर पाना possible नहीं है, तो ये fulfill नहीं होता, science के principles की universal validity होती है, यानि सब जगा same चलते हैं, ने मैंने में के प्रिंसिपल्स की यूनिवर्सल वैलिडिटी नहीं है डाइज़ वायर हम लोग बोलते हैं कि मैंने में एक प्यूर साइंस नहीं है इन एक्सेड इन प्यूर साइंस हम बोल सकते हैं आट की बात करें तो सिस्टमेटिक बॉडी ऑफ नॉलेज चाहिए इसके बाद आता है हमारे पास profession, profession में भी सबसे पहले knowledge चाहिए, management में होती है, profession में आपको restricted entry है, यानि आप बिना exam के, बिना paper clear करे, बिना training के professional नहीं हो सकते, management में भी ऐसा कुछ नहीं है, बट धीरे हो रहा है, presence of professional associations, हमेशा professionals की associations होती हैं, जिस वे lawyers की bar council, doctors की medical council, इस तरीके से क्या managers की भी कोई council है, managers की है, but अभी उसके अंदर register करना compulsory नहीं है, but देर देरे शायद हो जाए, ethical code यानि हर profession के कुछ code of conduct होते हैं, rules, regulations होते हैं, जिनको professionals follow करते हैं, management में अभी ऐसा कुछ नहीं है, service motive, service में ही होती है usually सभी professions, उनका मकसद serve करना होता है, but management में अभी ऐसा नहीं है, तो हम लोग बोल सकते हैं कि management एक full project profession तो नहीं है, लेकिन कुछ चीज़ें, दिख रही है हमें कि वो प्रोफेशन की तरफ जा रहा है इसके बाद आता है बेटा जी लेवल्स आफ मैनेजमेंट तो हमारे पास तीन लेवल होते हैं टॉप लेवल, मिडल लेवल, लोगल लेवल टॉप लेवल पे कौन-कौन लोग होते हैं यह सब टॉप लेवल पे होते हैं मिडल पे प्रोडक्शन हेड, सेल्स हेड, मार्केटिंग हेड लोग पर सुपरवाइजर, सुपरिटेंड एंड फॉर्मेंट, सेक्शन ओफिसर, क्लर्क ये लोग वो होते हैं जो कनेक्टिड होते हैं वरकर्स से ठीक है अब अथॉरिटी उपर से नीचे से लेगी और responsibility, accountability नीचे से उपर हैं टॉप लेवल क्या functions perform करता है they are responsible for welfare, overall welfare के लिए responsible होते हैं business environment को ये analyze करते हैं overall organizational goals, strategy ये बनाते हैं सबी activities के लिए overall top management responsible होता है middle का काम होता है interpretation करना जो इन्होंने policies बनाई उसको आगे लेके जाना department में necessary person है या नहीं है staff है या नहीं है उनका इनको ध्यान रखना होता है duties को assign करना further lower level को ये लोग करते हैं motivate करना ये लोग करते हैं cooperation बना के रखना other departments के साथ इन्ही का काम होता है lower level की बात करें तो worker के साथ interact ये ही लोग करते हैं supervision ये ही लोग करते हैं quality standards ये ही maintain करते हैं उसके बाद ये make sure करते हैं कि safety workers की maintained है नहीं है, worker के कोई भी grievance है, problem है, तो ये ही लोग आगे तक पहुँचाते हैं, सही है, ये functions होते हैं, last topic बच्चे हमारे बाद इस chapter में आता है coordination, coordination क्या है, synchronization, ये word याद रखना, synchronization, now what is synchronization, जैसे video और audio, आपको एक साथ दिखाई दे रहा चैनल डिफाइंड एस सिंक्रोनिजेशन ऑफ फर्ट्स फ्रॉम द पॉइंट ऑफ टाइम एंड सीक्वेंस टू एक्जिक्यूट ओके कोडिनेशन प्राइमरी फंक्शन होता है हर मैनेजर का क्या-क्या बेसिकली फीचर्स होता है कोडिनेशन के इंटीग्रेट आप नहीं है डेलिबरेटली करना ही पड़ता है और रिस्पॉंसिबिलिटी है सभी मैनेजर्स की कब जरूरत पड़ती है कॉर्डिनेशन की जब साइज ग्रो करता है जब ऑर्गेनाइजेशन बड़ा होता है तो पॉइंटिशन बड़ा चाहिए जब फंक्शनल डिफरेंसेशन हो जाता है जब आप अलग-अलग डिप इन नेशन की स्पेशलाइजेशन जब आपके ऑर्गेनाइजेशन में बहुत सारे स्पेशलिस्ट हो जाते हैं तो वह सोचते हैं उनसे अच्छा कोई नहीं है तो स्पेशलाइजेशन में काफी जरूरत रहती है कोडिनेशन को ही हम लोग एसेंस आफ मैनेजमेंट में बोलते और गनाइजेशन इसी के साथ गाइस हमारा कोर्डिनेशन और चाप्टर वन समाप्त अब हम चलते हैं चाप्टर नंबर टू की तरफ इसमें सबसे पहले आता है कि what is actually the principle of management principles of management होते क्या है तो principles of management का मतलब कुछ general guidelines कुछ rules जो आपको दिये गए हैं जिसकी मदद से आप management अच्छा कर सकते हो ये management के principles एक general guidelines हैं किसी भी चीज़ का ready made solution नहीं है मतलब आपको अपने हिसाब से इनको modify थोड़ा बहुत change करना पड़त What are principles of management? Principles of management are broad and general guidelines for decision making and behavior of the manager. इसके क्या features होते हैं?
Number one, सभी principles universally application होती हैं. मतलब, हर जगा लग जाती हैं, छोटा बड़ा organization सब जगा चल जाती हैं, अपने इसाब से modify करके. General guidelines है, किसी भी चीज़ का ready made solution यह नहीं है. कैसे develop हुई है? Practice और experimentation से.
Science के principles रिजिड होते हैं, यह फ्लेक्सिबल होती हैं. इस प्रोटीजेंट होती है यानि डिपेंडिंग ऑन सिचुएशन होती है सिचुएशन टू सिचुएशन वेरी करेंगी बिहेवियरल ह्यूमिन बिहेवियर पर बेस्ट है तो अकॉर्डिंग लिए आपको देखना पड़ेगा कि कैसे कहां पर कितने लगानी है बेस्ट ऑन कॉर्डिंग इफेक्ट यानि हर चीज का कॉर्डिंग और इफेक्ट दोनों होगा कि ऐसा करोगे तो ऐसा होगा यह काफी क्लियर है ठीक है जी अब हमारे पास क्यों जरूरी है प्रिंसिपल्स क्योंकि प्रिंसिपल्स की मदद से आप ऑ टेक्नोलॉजी की improvement के हिसाब से आप खुद को change कर सकते हो, effective administration होगा, obligation social भी आप perform करोगे, यानि social objective भी पूरा करोगे, और research और development में भी काफी मदद मिलती है, कितने principles हमारे पास FIOL ने दिये हैं, FIOL सर है कौन, FIOL को हम father of management बोलते हैं, ठीक है, याद रखना, FIOL कौन है, फादर आफ जनरल मैनेजमेंट और फियॉल के ही 14 प्रिंसिपल्स हैं जो आपको अच्छे से तैयार करने हैं सबसे पहले है डिविजिन ओफ वर्क बोलता है काम बातो काम बातोगे तो आपको स्पेशलाइजेशन मिलेगा और अगर आप किसी को पावर दे रहे हो साथ responsibility भी दो अगर एक भी चीज missing होगी तो target पूरे नहीं होगे discipline में हम लोग बोलते हैं कि आपको rules, regulations फॉलो करके चलने चाहिए अगर आपके organization में rules, regulations होगे तो timely सारा काम होगा कोई wastage नहीं होगा unity of command में हम लोग बोलते हैं कि जितने भी organization हैं उसमें order हमेशा एक boss से आना चाहिए अगर multiple boss होंगे तो आपके subordinates confused रहेंगे वो कभी भी अच्छे से काम नहीं कर पाएंगे Unity of Direction में हम लोग बोलते हैं कि एक unit का एक plan होना चाहिए One unit, one plan मुझे लगता है कि इससे question आ सकता है तो आप बहुत अच्छे से Unity of Command, Unity of Direction जरूर पढ़के जाना इस पे question बनना चाहिए ठीक है One unit, one plan और एक organization का एकी goal होना चाहिए Subordination of Individual Interest to General Interest का मतलब है कि Organization का जो goal है वो हमेशा बड़ा होना चाहिए personal goal से यानि आप हमेशा organization को preference दोगे ना कि अपने personal goal को remuneration of employees में हम लोग बोलते हैं कि जितने भी हमारे employees हैं उनको fair salaries मिलनी चाहिए उनकी education skill के आधार पे और उसके साथ company की paying capacity के हिसाब से तो तीन चीज़ें आपको देखनी है कि employee अपनी education के हिसाब से कितना deserve करता है market में fair compensation क्या चल रही है और paying capacity कितनी है उससे आप से remuneration मिलना चाहिए Centralization and Decentralization should have a balance. Centralization is when all decision making is only top level, and Decentralization is when all decision making is across the organization.
So in an organization, it should not be like everything is centralized, and it should not be like everything is decentralized. There should be a balance. Principle of scalar chain is that in an organization, all the communication or flow of information should be through a chain, that it should be like this.
और यह चेन सिर्फ और सिर्फ एमरजेंसी के अंदर ब्रेक कर जा सकती है यानि इनसान डारेक्टली से बात कर सकता है और इसको हम बोलते हैं गैंग प्लैंक ठीक है प्रिंसिपल आफ आर्टर का मतलब क्या है कि प्रॉपर अरेंजमेंट होना चाहिए देश बिया फिक्स प्ल Discrimination किसी भी तरीके का कोई भी discrimination organization में नहीं होना चाहिए, अगर किसी भी organization में discrimination होगा तो वो grow नहीं कर पाएगी, initiative का क्या मतलब होता है, initiative का मतलब होता है कि आप new ideas को welcome करो, creativity को welcome करो, हर इंसान को बोलने का मौका दो तो आप organization में एक तो unity दिखाई देगी, cooperation दिखाई देगा औ या टर्मिनेशन किसी का भी नहीं करो आप अपने employees को समय दो उन्हें stable रखो अगर organization में stability होगी tenure की तो चीज़े अच्छी रहेंगी Aspirate decops का मतलब होता है team spirit कि I को हटा के V लगा दो replace I with V ये बहुत important है इससे भी exam में question आ जाता है तो Aspirate decops usually ये बोलता है कि हर organization में there should be a spirit of team यहाँ नी team spirit होना चाहिए कभी भी अलग ना चलें सब लोग मिल के चलें इसका screenshot ले सकते हो, मैंने हर principle को define कर दिया है शॉट में, चलो जी, इसके बाद scientific management की बात करें, तो scientific में जो योगदान है, mainly वो Taylor का है, Taylor का मानना यह है कि हर चीज में science apply होनी चाहिए, और science से ही better output, better results मिल सकते हैं, Taylor ने mainly चार principles दिये हैं, सबसे पहला है science, not rule of thumb, यानि हर चीज क आप साइंस को फॉलो करके चलो, रूल आफ थम को फॉलो मत करो, सब कुछ अच्छा होगा दूसरा हार्मनी नोट डिसकॉर्ड, आप हार्मनी को फॉलो करो, डिसकॉर्ड को फॉलो मत करो हार्मनी का मतलब यह होता है कि सब लोग मिल जुल के काम करो एक सोच बदलनी होगी जिसमें हर इंसान एक दूसरे की रिस्पेक्ट करें उसके बाद cooperation not individualism इसको जब हम practically apply करते हैं, यानि एक step आगे आते हैं, it is extension of harmony not discord, तो उसमें हम बोलते हैं कि क्या होना चाहिए एक organization में cooperation होना चाहिए, individualism नहीं होना चाहिए, अपने बारे में नहीं सब के बारे में सोच के चलो, development of worker to their greatest efficiency and prosperity, हर worker को बहुत ध्यान से select करो, और फ नेक्स्ट आते हैं हमारे पास टेक्नीक्स जो टेलर ने दी हैं और गनेशन को अच्छा बनाने के लिए नंबर वन फंक्शनल फॉरमेंशिप, फंक्शनल फॉरमेंशिप में टेलर ने एक फैक्टरी को दो पार्ट्स में डिवाइड कर दिया और टेलर का मानना है कि प्लानिं और सही खर्चा बताना होता है कितना आएगा उसके बाद जब हम बात करते हैं execution की या production की तो उसके अंदर सर जी S से होता है speed boss जिसमें हम बात करते हैं कि timely काम पूरा हो जाए I से होता है inspector जिसका काम quality inspect करना होता है कि सब कुछ as per quality standards बन रहा है R का मतलब होता है repair boss और G का मतलब होता है gang boss जो सारे के सारे resources arrange करके देता है तो ये हमारे पास functional formantship में आता है तो सिंप्लिफिकेशन सेंड आइएशन के अगर हम बात करें तो स्टेंडरडाइजेशन में हम लोग बोलते हैं कि हर चीज एक प्रॉपर स्टैंडर्ड शेप साइज कलर के हिसाब से बननी चाहिए और फिर ऑग्नाइजेशन को इसको रिपीट करना चाहिए ठीक है जैसे हमारा टीवी का रिमोट का सेल है तो वह सेल हर रिमोट में डल जाता है एक स्टैंडर्ड साइज मेंटेंड हैं तो यह बेसिकली स्टैंडर्ड आइजेशन सिंप्लीफिकेशन का मतलब होता है अनेसेसरी वेराइटी जो आपकी नहीं बिकती है उसे बंद कर दो उसे मत बनाओ काम को सिंप्लीफाइड रखो उसके बाद work study में हमारे पास combination है इन चार study का जिसमें हम बोलते हैं motion study इसके अंदर हम movements को देखते हैं कि worker कितना productive और कितने unproductive movement कर रहा है फिर unproductive को eliminate कर देते हैं time study इसमें हम time major करते हैं कि कितना समय चाहिए किसी भी target को पूरा करने का method study में हम एक best method निकालते हैं one best method of doing jobs using scientific techniques fatigue study जिसमें हम rest intervals के बारे में पढ़ाई करते हैं कि कितने rest interval देने चाहिए, कितनी bar देने चाहिए और कितने समय के देने चाहिए, ये तीन चीज़े important होते हैं. Differential piece weight system ये बोलता है कि हर worker को payment करो as per productivity, pay as per productivity. जो जादा productive हो उसको जादा पैसा, जो कम productive हो उसको कम पैसा.
Mental revolution, mindset में change लेके आना है workers को और management को, दोनों एक तूसरे के लिए positive attitude रखें तो काम हो जाएगा. तो ये हमारे पास सारी techniques थी जो Taylor ने हमें बताई थी. नेक्स्ट क्या होता है हमारे पास बेटा जी, अगला होता है हमारे पास functional formantship का पूरा diagram ये मैं आपको अलड़ी बता चुका हूँ, इसके बाद फियॉल और टेलर में एक difference है, इसका पूरा का पूरा screenshot ले लो बहुत ध्यान से, ये आपके काम आएगा examination में ध्यान से लिखके पर फोकस करते हैं यह लोड लेवल फ्लोड लेवल या शॉप लेवल पर फोकस करते हैं इनकी जो प्रिंसिपल्स हम यूनिवर्सली एप्लीकेबल हैं यह सिर्फ स्पेशलाइज्ज और इनिजिन्स के लिए काम करती हैं इन्होंने प्रिंसिपल्स पर्सनल एक्सपीरियन से बनाई इन्होंने अब्जर्वेशन एक्सपीरियन टेशन से बनाई यह मैनेजिरियल फंक्शन के लिए और यह करते हैं चीजों को और यह प्रडक्शन और इंजिनिरिंग के इनका जो सिस्टम ह है ठीक है अब आ रहा है हमारे बाद चैप्टर नंबर थ्री देट इज बिजनेस एनवायरमेंट विजनेस एनवायरमेंट क्या है दोस्तों टोटल ऑफ एक्सटरनल फोर्सेस एक बिजनेस के बाहर बहुत सारी फोर्सेस होती है जो इसको इंपैक्ट करती है जैसे उसका कस्टमर उसका सप्लायर उसका कॉम्पिटीटर उसका सोसाइटी जीएसटी इंटरस्ट्रेट तो कितने सारे पर मार्केट को इंपैक्ट करते हैं जैसे जीस्टीडी मोनेटाइजेशन कोई कोड का जजमेंट कोई डिमांड में चेंज होना ऐसी चीज है यह सब होते हैं हमारे पास जनरल फोर्स जिसमें कि पांच आते हैं पॉलिटिकल इकनॉमिक सोशल इस प्रेसिफिकेंट जनरल फोर्स कुछ सिर्फ आपको इंपैक्ट करते हैं कुछ जनरली हर बिजनेस को इंपैक्ट करती हैं इंटर रिलेटेड हर फोर्स एक दूसरे से इंटर रिलेटेड है डाइनामिक समय के साथ चेंज होती रहती है अनसर्टेन प्रेडिक्ट कर पाना पॉसिबल नहीं है कंप्लेक्सिटी समझना काफी मुश्किल होता है इसके बाद हम तो आप यूज़फुल रिसोर्स जो शायद शॉर्ट हो एंड्रामेंट में वह जल्दी से टैप कर पाओगे रैपिट चेंजेस खुद को समय के साथ बदल कि कॉस्ट रिवेन्यू वह सब आपको इक्नॉमिक एनवायरमेंट में चला जाएगा सोशल एंवायरमेंट में आप सोसाइटी की बात करना कि सोसाइटी में क्वालिटी ऑफ लाइफ बेटर हो रही है क्या फेस्टिवल से कितना बिजनस पर इंपैक्ट बात करेंगे स्टेबिलिटी पीस कितना है नेशन में गॉर्मेंट कितनी स्टेबल है हमारे देश का दूसरे देश के साथ कैसे relations हैं यह सब political में आ जाता है legal में हम court judgment बोलेंगे administration orders बोलेंगे जितनी भी चीज़े हमारे इस तरीके की होती हैं जो law से related हैं कोई act है कोई चीज़े है तो वो सब legal environment में आ जाता है यह हमारे पास business environment के components होते हैं new economic policy हमें करने की जुरत नहीं है after this we will move forward to our chapter number 4 that is planning यहां से आपके शुरू हो जाते हैं सारे functions of management फंक्शन की बात करें तो पांच फंक्शन होते हैं Post DC Planning, Organizing, Staffing, Directing, Controlling ठीक है न? Planning, Organizing, Staffing, Directing, Controlling सबसे वाले Planning क्या होता है? Planning is Thinking in Advance Advance में सोचना What is to be done, When it is to be done Who will do, How to do ये सब Planning है It bridges the gap Between where we are and where we want to go इसके बाद क्या Planning के Features होते हैं?
Usually इसके Features जैसे ही हैं ये हमारा सबसे पहला Primary Managerial Function है यह भी goal oriented होता है, goal पर focus करता है, pervasive, हर तरीके के organization को चाहिए, continuous planning का भी खतम नहीं होती, mental process, क्योंकि इसके अंदर intellect लगता है, दिमाग लगता है, तो एक mental process है, futuristic, planning is all about future, decision making, इसमें आपको अच्छी decision making करनी पड़ती है, क्योंकि एक काम को करने के बहुत सारी तरीके होते हैं, क्योंकि planning से आपको एक direction मिल जाता है, that is why planning is important, Risk of uncertainty काफी कम कर देता है planning Planning से आप बिलकुल भी uncertain नहीं रहते क्योंकि आप पहले से ही हर चीज सोच लेते हो कि क्या हो सकता है Overlapping नहीं होती, wasteful activities नहीं होती Overlapping का मतलब repeat होना, एक चीज दो बार होना, तीन बार होना जब सब कुछ well planned है तो क्यों होगा Innovative ideas, planning में नए ideas आप लगाते हो, दिमाग लगाते हो तो innovation आता है Decision making आपको मदद करता है decision making में क्योंकि एक अच्छे planning में आप हर चीज पहले से ही assume करके चलते हो standards for controlling, इसका मतलब यह एक base देता है, जिसकी मदद से आप compare कर बाओगे, कि आपने सब कुछ ठीक करा है या नहीं करा है, attention on objectives of the company, planning हमेशा वो ही है, objectives पर focus करता है, planning के क्या-क्या drawbacks हैं, South and India काफी important है, number one, leads to rigidity, planning एक बार हो गई तो लोग उसको बदल नहीं पाते, तो काफी rigidity क्योंकि जैसे से समय बदलता है, planning नहीं बदल पाते कई बार, तीसरा reduces creativity, usually planning सिर्फ top management करता है, middle और lower उसको सिर्फ execute कर आ रहे होते हैं, तो उनकी creativity कम हो जाती है, involves huge cost, planning usually हम experts से कराते हैं, professionals से कराते हैं, तो काफी खर्चा आता है, वो free में नहीं करते, time consuming process, बहुत समय लगता है लैक ऑफ एक्यूरेसी प्लानिंग बिल्कुल भी हंड्रेड पर्सेंट एक्यूरेट नहीं होती चीजें बदल जाती है राइट इसके बात क्या जिसको हम कैसे याद करते हैं, planning process को बेटा जी हमने याद करा है, S dies if, कैसे याद करते हैं, S dies if, याद रखना भूल मत जाना, S क्या है आपके वाद, setting objective, जो भी आपने objective set करा, आपने target set करे, उसको हम setting objective बोलते हैं, दूसरा developing premises, यह important है, exam में आ सकता है premises, premises का मतलब होता है assumptions, future को लेके assumptions बनाना, कि क्या हो सकता है, कैसा हो सकता है, उसको हम developing premises बोलते हैं, उसके बाद identifying alternative course of action, alternative course of action का मतलब अब check करना कि किस तरीके से काम हो सकता है, फिर उनको evaluate करना, यानि positives और negatives चेक करना, उसको हम बोलते है evaluating alternative course of action, then we select इसमें जिसमें भी सबसे ज़ादा positives होंगे और सबसे कम negatives होंगे, उसको हम select कर लेंगे, यहीं पर decision making भी हो रहा है, था ना planning कि प्लान के हिसाब से काम चल रहा है नहीं चल रहा है कोई दिक्कत तो नहीं आ रही तो यह होता है हमारे पास पूरा ऐसा इस व्हाट्सनेक्स्ट उसके बाद हमारे पास प्लान क्या होता है प्लान हमारे पास होता है बेटा जी एक वह लाइन जो यह बताता है कि गोल्स किस तरीके से पूरे होंगे ठीक है प्लान दो प्रकार के हो सकते हैं एक बार बना लंबे समय तक चलता रहेगा अ सिंगल यूज एक बार बना और अब बस खतम, यूज होते ही खतम, हर बार नया बनेगा, तो कुछ होंगे स्टैंडिंग, कुछ होंगे सिंगल यूज प्लान्स, अब इसमें कितने प्लान्स होते हैं हमारे पास, PPP, ROMBUS, मैंने आपको क्या याद कराया है, PPP, ROMBUS, सबसे पहल पॉलिसी क्या होता है किसी भी चीज को सॉल्व करने की कोई जनरल स्टेटमेंट आपको कोई प्रॉब्लम आ रही है उसको सॉल्व कैसे करें उसको हम पॉलिसी बोलते हैं जैसे कंपनी का बहुत पैसा मर रहा था बैट डेट हो रहे थे प्रॉब्लम थी क्यों रहा था क्योंक कोई बार्गेनी नहीं होगा तो यह चीज एक उनकी पॉलिसी है ठीक है उसके बाद प्रोसीजर होता है किसी भी चीज को लाइन टू लाइन कैसे करना है स्टेप टू स्टेप कैसे करना है उसको प्रोसीजर बोलते हैं उसके बाद आर होता है रूल वो method है उसके बाद strategy strategy हम किसको बोलते है strategy हम basically बोलते है हमारे पास किसी competitor को हराने के लिए अगर आपने कोई चीज़ adopt करिया है तो उसको strategy बोलते है यानि हमेशा से आप अपने competitor से अलग कैसे दिख रहे हो उसको आप strategy बोलते हो budget ये quantitative statement होती है जिसमें आप numbers में define करते हो profit कितना होना चाहिए, जब भी आप numbers में ठीक है जी, तो ये हमारे पास types of plans अब हमारे पास अगला चैप्टर शुरू हो गया, जिसको हम लोग बोल देते हैं, Organizing, Organizing का काम क्या होता है, मेंली Department बनाना, Organizing का मतलब, मेंली Departmentalization से होता है, Defining and Grouping, Define करना, और एक Groups बनाना, जो Similar Nature के Activities हैं, उनके Groups बनाना ही Organizing होता है, इसका Process आ जाता है, IDAE, वहाँ क्या था, S-DISEF, यहाँ क्या है, IDAE, सबसे वहले तो Identify करो, Divide करो, Identification Division of Work, उसके बाद डिपार्टमेंट बना दो डिपार्टमेंटलाइजेशन डिपार्टमेंट कैसे बनते हैं डिपार्टमेंट या फंक्शंस के अधार पर बन सकते हैं या प्रोडक्ट के अधार पर बन सकते हैं वो भी आगे आएगा उसके बाद असाइनमेंट आफ डूटीज ड� तो सुपीरियर सबोडिनेट रिलेशन डेवलप करना इसको हम बोलते हैं establishing reporting relationships इसके बाद क्या आता है इसके बाद आता है the importance of organizing organizing क्यों ज़रूरी है number one सबसे पहले आपको specialization के benefits मिलते हैं specialization के benefits का क्या मतलब है कि देखो जब एक department एकी काम बार कर रहा होगा तो obviously वो उसको काम को करने में perfect हो जाएगा तो specialization मिलेगा development of personnel लोगों काम बाटा जाता है लोगों काम दिया जाता है तो उनको खुद का भी development होता है अडाप्टेशन टू चेंज आप खुद को समय के अनुसार चेंज करते हो नए-नए चीजों के हिसाब से काम करते हो तो अडाप्टेशन एक है बिटा जाती है रोल क्लारिट काफी क्लियर होता है तो ओवरलापिंग रिसोर्सेस का वेस्टेज नहीं होता एफेक्टिव एड्मिनिस्ट्रेशन, रूल्स रेगुलेशन काफी क्लियर होते हैं तो एड्मिनिस्ट्रेशन असान होता है क्लारिटी और वर्किंग रिलेशन्शिप, कौन सुपीरर, क नेक्स्ट क्या आता है हमारे पास स्पैन ऑफ मैनेजमेंट, स्पैन ऑफ मैनेजमेंट का मतलब होता है कितने सबोर्डिनेट्स एफेक्टिवली मैनेज कर लेगा एक सुपीरियर, एक सुपीरियर कितने अच्छे से सबोर्डिनेट्स को मैनेज कर रहा है इसको हम स्पैन ऑ� को एक फ्रेमवर्क को जो डिफाइन करता है कि ऑर्गेशन कैसी दिखेगी दो तरीके का हो सकता है फंक्शनल डिविजिनल फंक्शनल स्ट्रक्चर होता है जब ऑर्गेशन को बनाया जाता है ऑन द बेसिस ऑफ फंक्शन यानी प्रोडक्शन डिपार्टमेंट है जब ऑर्गेशन को बनाया जाता है ऑन द बेसिस ऑफ प्रोडक्ट कि कितने प्रोडक्ट है यानी मेडिसिन डिपार्टमेंट डिवार्टमेंट बन रहे हैं उसको हम बोलते हैं डिविजिनल इट इस बेज़्ड ओन दा फंक्शन्स एंड इट इस फॉर्म डाउन दा बेस ऑफ प्रोडक्ट्स इट नीचे हुई है वहां पर आप ढूंढ लेते हो रिस्पॉंसिबिलिटी फिक्स करना आसान होता है इसके बाद डिवांटेड डिसेडवांटेज पर आपको पढ़ लेने है इसका स्क्रीनशॉट ले लो फटा-फट से ठीक है नेक्स्ट आता है हमारे पास फॉर्मल और इनफॉर्मल ऑर्गेनाइजेशन एक ऑर्गेनाइजेशन दो प्रकार का हो सकता है फॉर्मल जिसमें काफी कुछ क्लियर डिफाइन होगा इनफॉर्मल क्या होता है इनफॉर्मल आपके खुद के बिहेवियर से हम फ्रेंड्स बन गए ग्रुप बना लिए ये जो खुदी बनाए हैं, organization नहीं बनाए, खुदी बन गए हैं एक जगा काम करते करते, उसको हम informal बोलते हैं, तो formal क्या है, system of well defined jobs, जिसका एक definite authority, responsibility, accountability है, formal है, informal क्या है, network of personal and social relationships, समाज में जो आपने दिश्टे बना लिये, not established by formal, but arising as a people associated with one another, origin, ये company की policy से बनता है, ये basically लो� और वह क्वालिटी से अच्छा होता है ठीक है ना इसमें बिहेवियर रूल्स और रेगुलेशन से चलता है इसमें बिहेवियर का कोई पैटर्न नहीं है अपने हिसाब से लोग बातचीत करते हैं कॉम्यूनिकेशन इसमें चेन में चलती इस तरीके की चीजें हैं ठीक है नेक्स्ट टॉपिक आ रहा है बच्चे हमारे पास डेली के delegation और decentralization, तो delegation क्या होता है, यह याद रखना कि delegation दो लोगों के बीच में एक relationship है, एक superior और एक subordinate, बस इसके अंदर दो ही लोग होते हैं, इसके अंदर पूरी organization नहीं होती, बस एक superior जो है, वो कई बार अगर overburden है, तो वो अपना काम इसको दे देगा, वो लेगा यार यह वाल within limits delegation is the transfer of authority from superior to subordinate यह आद रखना दो ही लोग होंगे बस एक superior और एक subordinate इसके बाद कितने elements होते हैं वो ही authority यानि power to take decision responsibility यह होती है जिम्मेदारी obligation to perform the given duty accountability being answerable जवाब देई अगर कुछ गलत करोगे तो जवाब देना पड़ेगा यह हमारे पास delegation के तीन elements हो जाते हैं आगे चलें तो आप लोग authority responsibility accountability अथॉरिटी कैन बी डिलीगेटेड कैन नॉट बी याद रखना उसके बाद यह फॉर्मल पोजेशन से बनता है अथॉरिटी क्या इंपोर्टेंस है मैंने अच्छा हो जाता है क्योंकि एक इंप्लॉई ओवर बड़न था उसने अपना काम बाता अच्छा coordination बनता है और management system का ये part है नेक्स्ट है सेंट्रलाइशन डिसेंट्रलाइशन यह हम फेवल में भी पढ़कर आ चुके हैं जब सारी डिसिजन मेकिंग एकी जगह से होती है टॉप मेलेजमेंट से होती है उसको सेंट्रलाइजेशन बोलते हैं जब डिसिजन मेकिंग बाट दिजाती है हर लेवल तक लेक देखो उसमें भी क्या होगा इनिशेटिव डबलप होगा जिसको काम दोगे वो अच्छे से करेगा ना नमबर टू टैलेंट मिलेगा आपको फ्यूचर के लिए कि कौन आपका फ्यूचर में अच्छा मैनेजर हो सकता है नेक्स चैप्टर हमारे पास शुरू हो रहा है देट इज स्टाफिंग अब प्लानिंग हो गया और ग्रोथ देखने के साथ तीसरा फंक्शन आफ मैनेजमेंट आपने पहले प्लान कर लिया सब कु� अब इसके अंदर आप staff की बात कर रहे हो कि कौन लोग चाहिए, कहाँ पे चाहिए, क्या qualification होनी चाहिए, तो क्या है staffing? It is described as a function of filling and keeping filled, यहाँ रखना filling, लोगों को भरना है और फिर भर के रखना है, ऐसा नहीं है एक बार लोग लिया है तीन दिन बाद भाग गए छोड़के, तो position बन ही रहनी चाहिए, staffing आता है finding the right person for the right job, having right qualification, doing right work at the right time, क्यों staffing जरूरी है, क्यों यह ध्यान से करना important है, क्यों लो ताकि आप competent person ही लाओ, competent का मतलब क्या होता है, जो जिस particular job के लिए बना है उसी को लेके आना, number two, placing the right person at the right job, सही इंसान को सही जगा पर रखना, growth के लिए काफी ज़रूरी होता है, जितने अच्छे employees होंगे, उतना जल्दी organization grow करेगा, optimum resources का utilization हो पाएगा, यानि जितने भी resources हैं वर्कफोर्स है जानी अच्छे लोग हैं तो आप कंपिटीटर को वैसे ही हरा दोगे improves job satisfaction आपको job satisfaction में काफी help मिलेगी moral boost होगा आपका ठीक है next आता है हमारे पास process of staffing तो process of staffing जो start होता है उसमें क्या हमारे पास memory technique है देखो planning में क्या था planning में था s dies if IDAE था organization organizing इसमें है engineer SP TPPC, तो सबसे पहले ER SP, engineer SP TPPC, ठीक है, perfect हो गया, clear हो गया, अच्छा जी, आओ अब check करते हैं, सबसे पहले E क्या है, estimating the manpower requirement, estimating manpower requirement का क्या मतलब होता है, देखो कितने लोगों की जुरूत है, इसके लिए हमें क्या करना पड़ता है, इसके लिए हमें करना पड़ता है, workload analysis, यानि required कितने है, Work Force Analysis, अभी कितने काम कर रहे हैं, फिर दोनों को compare कर दो. Number 2, Recruitment. Recruitment एक positive process है, जिसके अंदर आप ज़ादा से ज़ादा लोगों को motivate करते हैं to apply for your job, to apply for your work.
जितने ज़ादा लोग apply करेंगे, उतने probability अच्छा candidate मिलेगा. Then we have Selection. फिर आपको select करना है, यह एक negative process है, एक number में आ सकता है, कौन सा positive, कौन सा negative.
Selection एक negative process है, जिसमें आप बहुत सारे candidates में से अपने काम के candidates को select करते हो, बाकी को reject कर देते हो. उसके बाद we have placement and orientation, इसको ऐसी करेंगे, placement and orientation, placement and orientation का मतलब अब जो आपने select करा है उसको job पे place करना और उसका orientation कराना, orientation का मतलब जान पे जान कराना लोगों के साथ, उसके बाद उसकी training करनी बढ़ती है, development का ध्यान रखना बढ़ता है, then we have performance appraisal, क्योंकि TPPC है ना तो उसको यह फिर प्रमोशन होना चाहिए, performance appraisal हो पहले तो, appraisal का मतलब कि check करो कि ठीक से काम हो रहा है या नहीं हो रहा है, उसके बाद promotion and then compensation, यानि उसके wages वगैरा तै करो कितना पैसा देना है, कितना नहीं देना, तो ये था हमारे पास staffing process जिसमें ER, SP, TP, PC याद रखना, क्या-क्या components हो जो भी best candidate है उसको select करना training and development training एक skill का होता है development overall होता है अगर आप किसी individual को कोई एक skill सिखा रहे हो तो आप उसकी training कर रहे हो और overall वो develop हो रहा है तो that is development ठीक है recruitment के कितने sources है recruitment के mainly दो sources होते है internal external internal क्या होता है जब आप organization के अंदर से employee को ढूंढते हो उसको हम बोलते है internal जब बाहर internal में दो होते है promotion promotion होता है जब आप नीचे से उपर किसी भी employee को promote कर दो यह vertical माने आता है transfer horizontal होता है जब level same रहता है pay same रहता है बस एक जगा से उठा के दूसरे department में डाल दिया जाता है यह ट्रांसफर यह इंटरनल होते हैं यह रखना और ग्रेशन के अंदर से ही इसके बाद आता है एक्सटरनल सोर्सेस एक्सटरनल में हमारे पास बहुत सारे सोर्सेस हैं कौन-कौन से एक्सटरनल सोर्सेस हैं हमारे पास रिक्रूटमेंट के सबसे पहला और जो बहुत पॉप� campus होता है college campus से बच्चों को लेना, बड़ी-बड़ी companies colleges में जाती हैं, campus से बच्चों की jobs लगती हैं, उसको हम बोलते हैं campus recruitment, इसके बाद we have direct recruitment, direct recruitment क्या होता है, यह हमारे पास gate पे board लग जाता है, gate पे factory gate, गेट पर, ओफिसेस के गेट पर लगा होता है, कि आप directly interview के लिए आ सकते हो, तो उसको हम बोलते हैं direct recruitment, अगर आपके बास पहले से ही कोई list है, जिसके अंदर आपके already selected candidates है, और आप उसी में से select कर लेते हो, तो उसको हम बोलते है casual callers, ठीक है, उसके बाद आप advertisement कर सकते हो, बाहर से आ जाओ, advertisement, अगर TV पर कर रहे हो, तो advertisement on TV, अगर आप सिर्फ और सिर्फ internet के थूँ, जैसे बहुत सारी websites हैं, jobstreet.com व्यक्ति डॉट कॉम नौकरी डॉट कॉम बहुत सारी वेबसाइट है तो वह पब्लिशिंग वर्ल्ड वाइड वेब डब्लू डॉट ना उसके बाद employees रेकमेंडेशन और प्रेजेंट एंप्लोईज में होता है कि जो आपके लिए भी ऑलरेडी काम कर रहे हैं आप उनसे रेकमेंडेशन ले लेते हो कि भाईया बताओ हमें कुछ लोगों की जरूरत है आपकी कोई रेकमेंडेशन है जान-प्रचान है हैं तो हमारे पास बहुत सारे सोर्चेंज हैं एक्सचेंज और जिसमें आप एजिली स्टाफिंग कर सकते हो ठीक है इसके बाद हमारे पास क्या आता है सेलेक्शन प्रोसेस कि आपको अगर सेलेक्ट करना है किसी इंप्लाई को तो क्या प्रोसेस चलेगा सबसे पहले आपको प्रिलिमिनारी स्क्रीनिंग करनी पी क्या है personality ठीक है personality में हम लोग basically overall personality चेक करते हैं किसी भी individual की then we have aptitude aptitude क्या होता है potential कि आप कितने अच्छे से कोई नई skill सीख पाओगे trade आपका existing skills कौन सी है intelligence जिसमें आप IQ चेक करते हो और interest कि आपका interest किस field में है उदर ही आपको job देंगे तो पाँच चीज़ें हमारे पास test में आती हैं जो आपको पता होनी चाहिए टेस्ट के बाद इंटरव्यू होता है, इंटरव्यू में क्या होता है, ओरल डिसकशन होता है, confidence चेक करना, body language चेक करना, यह interview का काम होता है, फिर reference और background चेक करा जाता है, कि employee का background क्या है, पिसली वाली organization से क्यों छोड़ा, भाग के तो नहीं आया, चोरी तो नहीं करी, reference चेक क चीजें पर फैक्ट हो अब आपको इतना पैसा ऑफर करेंगे चीजें ऑफर करेंगे एक इंप्लोई जो ऑफर को एक्सेप्ट करेगा फिर उसको एक फाइनल कॉन्ट्रैक्ट दिया जाएगा जिसको हम बोलते हैं कॉन्ट्रैक्ट ऑफ एंप्लॉयमेंट यानि ऑफर आने के बाद आपकी इच्छा है कि आपको एक्सेप्ट करना है या नहीं करना है नेक्स्ट क्या आता है हमारे performance अच्छी हो जाती है, attitude build हो जाता है and manpower अच्छे से manage हो जाता है और employee जिसको training दी जा रही है उसको क्या फाइदा है, एक तो अच्छा career ज़्यादा पैसा कमाएगा, accident कमाएगा और moral उसका काफी boosted रहेगा उसके बाद training कितने प्रकार की होती है दो, on the job और off the job on the job कौन सी होती है, learning while doing करते सीख जाओ, off the job कौन सी होती है पहले सीखो, फिर काम मिलेगा on the job में काफी popular है हमारे पास सबसे पहले apprenticeship program electrician वह कारपेंटर इनके साथ छोटे-छोटे चिंटू घूम रहे होते हैं और वह चिंटू क्या कर रहे होते हैं उसको ऑप्शन कर रहे होते हैं अपने बॉस को कि वह कैसे काम कर रहा है क्या कर रहा है किस तरीके से कर रहा है ऑप्शन करते वह सारा काम और इंडक्शन और ऑफ द जॉब में एक ही आपके सिलेबस में है जिसको हम बोलते हैं vestibule school vestibule school में क्या होता है एक similar environment बनाया जाता है डेमो मशीन पर आपको प्रैक्टिस कराई जाती है और फिर जब आप उस मशीन में परफेक्ट हो जाते हो तो फिर आपको एक्चुअल प्लेश पर ले जाकर एक्चुअल काम दिया जाता है इसको बोलते हैं आफ द जॉब ट्रेनिंग और ट्रेनिंग खतम होने के साथ ह चीजें बस चल रही थी, अब action असली यहां से शुरू होगा, क्या है directing, instruct करना, guide करना, inspire करना, coaching देना, lead करना, motivate करना employees को कि वो perfectly काम करना है, क्या features है, initiate action, यहां से काम शुरू होता है, continuous है, लगबग सारे ही सारे functions continuous है, हर level पे चलता है, top, middle, lower सबको चाहिए, top से bottom चलता है, उ� इंप्लॉइस के एफर्ट्स को एक साथ लेकर चलने के लिए इंप्लॉइस को गाइड करने के लिए इंट्रोडक्शन आफ नीडिट चेंजेस समय के इसाप से बदलाव लाने के लिए और उसके बाद स्टैबिलिटी और बैलेंस लाने के लिए कितने एलिमेंट बोलते हैं उसके बाद ही है आप मोटिवेशन अ मोटिवेशन क्या होता है एक ऐसा प्रोसेस जिसमें आप किसी को फोर्सफुली नहीं आप किसी को इस तरीके से उसके बिहेवियर को चेंज करते हो उसको इंटरनली एक पुष्ट मिले और वो किसी भी काम को करने के लिए डायरेक्शन मिल जाए उसको हम मोटिवेशन बोलते ह motivation एक goal directed behavior produce करता है कि जो आपका goal है उसी की तरफ आप जाओगे, motivation positive भी हो सकता है, negative भी हो सकता है, यानि काम दोनों तरीसे हो जाएगा, प्यार से भी, डंडे से भी, कुछ लोग प्यार से काम करा लेते हैं, कुछ डरा के काम करा लेते हैं, तो motivation दोनों हो सकते हैं, complex process है, समझन मैसलो की थ्यूरी एब्राहाम मैसलो ने दी है इन्होंने बोला कि कोई भी इंसान मोटिवेटिड होगा पाँच चीजों को लेकर यानि हर इंसान की पाँच नीड्स हैं जिसको लेकर वो मोटिवेट होगा एक बार वो नीड पूरी हो गई तो फिर वो दुबारा मोटिवेट जो एक इंसान है वो अगली नीड पर चले आता है सबसे वाली नीड कौन सी होती है उसकी basic needs जिसको हम सबसे नीचे रखते हैं डाइग्राम बना के आना है एक्जाम में basic needs रोटी कपड़ा मकान जब एक बार वो हो जाएगा फिर उसको चाहिए safety security safety security किस तरीक है कि जैसे उसको एक pension plan चाहिए या फिर उसको job security चाहिए कि उसको job से ना निकाला जाए उसको stable income चाहिए यह है safety and security यह हो गया फिर उसको affiliation friendship चाहिए अच्छे relationships चाहिए तो यह basically क्या होता है affiliation needs इनसान की अब affiliation needs जब हो जाती है फिर वो डूनता है status इजदत, society में उसका नाम है या नहीं है यानि status, job title, यह esteem है last होता है self-actualization जिसमें हम बात करते हैं self-fulfillment achievement of goals, जिसमें उसको लगता है कि हाँ ठीक है मैं किस purpose के लिए मेरी life में आया था वो हो गया self-achievement, self-fulfillment, यह हमारे बाद self-actualization होता है उसके बाद motivate करने के लिए incentives दिये जाते हैं इंसेंटिव्स का मतलब benefits होते हैं जो labor को आपके employees को आप देते हो ताकि वो motivated रहें दो प्रकार के incentives होते हैं कुछ पैसे की terms में नहीं होते पैसे की terms में है तो monetary या financial पैसे की terms में नहीं है तो non-financial या non-monetary अब देखो पैसे की terms में क्या होता है जब आपने pay बढ़ा दी salary दे दी पैसा दे दी extra वो pay में आ जाएगा productivity linked incentives यानि आपने उसकी productivity के साथ पैसा जोड़ दिया जितना ज़दा काम करोगे इतना ज़दा पैसा मिलेगा bonus दिवाली पे होली पे न्यू एयर पर क्रिस्मस पर इद पर फेस्टिवल पर बोनस दे रहे हो प्रॉफिट शेयरिंग आपने बोला कि भी आप 50,000 तक हम कमाते कि नॉन मोनेटरी कौन से होते हैं नॉन फाइनेशल कौन से होते हैं जिनके पास अलरेडी पैसा है टॉप लेवल के लिए होते हैं यूजुअली उनको पैसे से मोटिवेशन मिलती नहीं है उनको यह चाहिए भी यह स्टेटस चाहिए इजद चाहिए वहां पर वह काम कर रहे हैं वह चाहिए आप लोगों को बोलो कि हम पैसा देंगे ना भाई मुझे जहां बुला करियर अद्वांसमेंट अपॉर्टिटीज, करियर अद्वांसमेंट, करियर डेवलप होना चाहिए, जॉब एंरिच्मेंट, चैलेंजिंग टास्क मिलना चाहिए, मुझे जो अच्छा लगता है वो ही काम मिलना चाहिए, रिकागनिशन, इजदत होनी चाहिए, जॉब सिक्य जब एक इंसान दूसरे से कोई idea, message, कुछ भी share करता है, तो उसको हम communication बोलते हैं, communication is the process of passing information and understanding from one person to another, कितने elements हैं हमारे पास, शुरुवात होती है sender से, sender एक message भेजता है, जो उसके दिमाग में होता है, message को पहले encode करना पड़ता है, यानि उसको convert करना पड़ता है इस language में, कि मैं बता पाऊं, encoding, फिर जिस media से आता है, वो media, then decode होगा, सामने वाला समझ पाए, receiver को पहुंच जाएगा, and last में feedback आएगा. अगर communication ठीक से नहीं हो पारी है, बीच में एक barrier है, उसको हम बोलते है noise, ठीक है, communication दो प्रकार का होता है, formal और informal, formal कौन सा होता है, जब हम बोलते हैं कि हम return में communication कर रहे हैं, formal usually return होता है, return में कर रहे हैं और official roles के तहत ही कर रहे हैं, मतलब फाल्तू एक भी बात नहीं, एक प्रॉपर chain में communication हो रहा है, उसको हम formal बोलते हैं, informal कोई किसी से कुछ भी बात कर रहा है, इसको हम grapevine बोलते हैं, इसका कोई order नहीं होता, कोई pattern नहीं होता, फॉर्मल में वर्टिकल होता है चाहिए वह ऊपर से नीचे हो जाए नीचे से ऊपर हो और जॉनटल सेम लेवल पर चलता है डाइग्नल जब दो अलग-अलग लेवल के लोग आपस में बात कर रहे होते हैं इन फॉर्मल इसको हम ग्रेप वाइन बोलते हैं कोई ऑर्टर नहीं यह एक फॉर्मल रिलेशन बिल्ड करता है सुपीर सबोर्डिनेट के वहां पर पर्सनल रिलेशन बिल्ड होता है यह रिजिड और यह फ्लेक्सिबल होता है यह रिटर्न फर्म में होता है यह ओरल होता है इसमें एक फॉर्मल कमांड होती है इसके अंदर ऐसी कोई कमांड नहीं है, formal के records maintain कर आते हैं, उसके कोई records नहीं होते है, यह needs of the organization को serve करता है, और यह basically, कई बार organization इसको positively use कर लेती है, अपनी needs को fulfill करने के लिए, जिम्मेदारी ढूंढनी इसमें आसान होती है, सब को लिखना होती है, लिखित में होता है, पकड़ना आसान है कि इसने गलत लिखा, यहाँ पे मुश्किल है, इसकी speed slow होती है क्योंकि एक chain में चलता है, वो fast है, फड़ा बट फैल जाते हैं, rumors वो के गरा, formal के कुछ patterns है, इसको बस आपको एक बार नजर दोडानी है, ताकि आ जाये तो आपको match the following उसके बाद informal में देखो कोई भी कहीं भी बात करता है इसका कोई pattern नहीं है grapevine, gossip, कोई किसी से भी कर रहा है, cluster, इस तरीके से groups में बातचीत होती है, probability, कुछ भी कहीं भी चलता है, single strand, इस तरीके से chain है लेकिन बात informal हो रही है, ठीक है? कई बार बात करते वे barriers आते हैं, उनको हम बोलते हैं, barriers to effective communication, क्या-क्या barriers आ जाते हैं हमारे पास, लिखो हमारे पास barriers में सबसे बहुत से semantic barriers आते हैं, semantic ध्यान रखना, ये encoding, decoding के barriers होते हैं, यानि या तो आपने गलत समझाया या सामने वाले ने गलत समझा, जैसे badly expressed message, अलग-� करें तो सामने वाले को समझ ही नहीं आया तो देखो encoding, decoding, समझने, समझाने से related body language नहीं समझ में आ रहा ये psychological होते हैं state of mind से आपका mind कहीं और busy है already occupied है तो ये इसमें आ जाते हैं organization की policy कैसी है नहीं इसके अंदर ये आएगा premature evaluation premature evaluation का मतलब कि आपने क्या करा ये organization की policy organization के rules, status का difference ये सब organizational barrier नहीं रहें और नशन बैलर का मतलब कि ऑर्गेनेजेशन में क्या-क्या प्रॉब्लम जानी थी पाइटलॉजिकल की बात करें तो साइकोलॉजी माइंड हमारा जैसे डिस्ट्रस्ट मैं दिमाग से बरोसा ही नहीं करता किसी पर उसकी बात ही नहीं सुनूंगा नहीं मिलते बात करने पर फिर ऑफ ऑथोरिटी डर लगता को चैलेंज न कर दिया था थोड़ी को और अन्य लिंग्नेस टू कॉम्यूनिकेट कोई बात करना नहीं चाहता तो क्यों करेगा यह सारे पर्सनल बैठेज में आ जाता है ठीक है नेक्स्ट क्या आता है हमारे पास को कमिनिकेशन को ऐसे बेटर करना है यह बेसिक रीडिंग वाला टॉपिक आप पढ़ सकते हो बोलते हैं इसको हम बोलते हैं बॉस एंटर ऑटोक्रेटिक ऑथोरिटेटिव इसमें डिसीजन मेकिंग सारी सेंटलाइज होती है बस बॉस के पास होती है जो उसने बोल दिया तो बोल दिया जो कह दिया तो कह दिया ना सुनना ना बताना बस इस नो इफ नो बट यह होती है और थोड़ा टो क्रिटिक लेजी फेयर क्या होती है फ्री रेन यह होती है बेसिकली कि सब्सक्राइब यानि कि यह बॉस है यह सबसे ऊपर बैठ गया और बीसीडी इंप्लॉइज है यह बस आपस में ही सारा काम कर रहे हैं अ कि इन्हें अब किसी भी तरीके का बॉस से लेना देना नहीं है और ग्राइजेशन बस यह लोग चला रहे हैं तो यह कौन सा होता है लेजीफेयर या फिर फ्री रेन हम इसको बोलते हैं डेमोक्रेटिक या पार्टिसिपेटिव किसको बोलते हैं इसके अंदर जो बॉस है वह सबको मिला कर चलता है यानि टू वे कॉम्यूनिकेशन हो रहा है चारों तरफ कि यह क्या है यह हमारे पास डेमोक्रेटिक लीडरशिप होता है तो हमारे पास ऑटो क्रिटिक आ गया डेमोक्रेटिक आ गया और लेजीफेयर आ गया आपको पता होना चाहिए तहीं यह तीन प्रकार की लीडरशिप होती है लास्ट चैप्टर पर बेटा जी हमारे लास्ट चैप्टर इस कंट्रोलिंग वोट इस कंट्रोलिंग क्या होता है हमारे पास तो कंट्रोलिंग इस कि जो प्लांस बनाए हैं उसके हिसाब से काम हुआ है नहीं हुआ है यह चेक करना ठीक है इसको हम क्या बोलते हैं कंट्रोलिंग यानि कोई कमी आई तो फिर करेक्टिव एक्शन भी लेने उसको सही भी करना है अ इसके बाद हमारे पास controlling का क्या meaning है हमने discuss कर लिया then we have features of controlling controlling एक goal oriented function है यानि goals के उपर based है pervasive function है सबको चाहिए जैसे planning pervasive तो controlling भी pervasive backward looking as well as forward looking पीछे भी देखता है आगे भी देखता है सर पीछे कैसे देखता है controlling देखो पीछे plans के इसाब से काम हुआ है नहीं हुआ है और अगर कोई कमी निकली तो आगे सही करके कैसे plan करना है तो forward looking भी है राइट इसके बाद कंट्रोलिंग कोंटिनेस प्रोसेसर कभी रुकता नहीं है इसके बाद हमारे पास इंपोर्टेंस आफ कंट्रोलिंग क्यों जरूरी है ताकि इंप्लोई मोटिवेटर रहे ओर्डर डिसिप्लिन बना रहे, कॉर्डिनेशन बना रहे, परफॉर्मेंस इंप्रूव हो, कोई गलती ना हो, एरर्स कम से कम हो, कोल्स अचीव हो जाए, एक्यूरेसी मेंटेन हो सके, ये सब आता है standard set करते हैं हम लोग सबसे पहले कि हमें क्या करना है किस तरीके से करना है क्या goal है उसके बाद measurement करते हैं कि actual में performance कैसा हुआ है then हम इन दोनों को compare करते हैं ठीक है उसके बाद अगर कोई गलती निगलती है तो उसको हम बोलते है analyzing deviation deviation दो तरीके से analyze कर जाती है एक तो होता है critical point control एक होता है management by exception critical point control बोलता है कि आप सब कुछ पे तो focus नहीं कर सकते कि areas पे focus कर लो कि result areas पे focus कर लो वो important है और management by exception बोलता है कि आप एक limit set करो, a manager who tries to control everything end up controlling nothing, तो एक limit set करो, उस limit के हिसाब से ही आप काम करो, उस limit के हिसाब से करोगे तो बहुत बढ़िया होगा, limit से बाहर कोई चीज जा रही है, उसको फटफट correct करो, limit के अंदर थोड़ा बहुत deviation तो चलता है, ठीक है, यह analyzing deviation है, और last between planning and controlling इसको जरूर देख लेना बेटा जी important question है यह ऐसे भी आ सकता है कि planning and controlling are considered as inseparable twins of management ठीक है यह planning and controlling are two sides of the same coin ऐसे भी आ सकता है तो वहाँ पे आपको यही लिख कर आना है पहले तो दोनों की definition लिख देना उसके बाद लिख देना planning and controlling both are forward as well as backward looking दोनों ही backward looking भी है और forward looking भी है उसके बाद लिख देना बोतार इंटर रिलेटेड इंटर कनेक्टेड प्लानिंग के बिना कंट्रोलिंग कुछ नहीं है कंट्रोलिंग के बिना प्लानिंग कुछ नहीं है उसके बाद बोतार रिक्वायड आट ऑल द लेवल्स इस तरीके से डिफाइन करके दोनों को ही अच् पूरा part A revise कर पाओगे और सारे concepts आपके दिमाग में वापिस से rewind हो जाएंगे thank you so much for watching everyone part B में मिलता हूँ इसी तरीके से छोटा सा one shot जिसमें आपको काफी मदद मिलेगी thank you so much