कि मैनेजमेंट सपोर्ट सिस्टम नाम से क्लियर है कि यह क्या है एक ऐसा कंप्यूटर बेस सिस्टम है जो कि क्या करता है मैनेजमेंट को डिसीजन मेकिंग में मैनेजमेंट को अपने अक्टिविटी अपने फंक्शन को परफेंट आज सपोर्ट टू वी यूज बाय मैनेजर्स और एट लिस्ट टू सपोर्ट मैनेजर तो यह जो मैनेजमेंट सपोर्ट सिस्टम होता है वह मैनेजर्स यूज करते हैं जहां से वह इनफॉर्मेशन जो है वह पाते हैं और उस इनफॉर्मेशन के बेसिस पर और जो है वह और उस डेटाबेस का अ यूज करके जो है इंफॉर्मेशन प्रोवाइड करता है मैनेजर्स को जिससे कि वह अपनी डिसेट मेकिंग कर सके वह अपनी प्लानिंग कर सकें द इंफॉर्मेशन प्रोवाइड बाइट दिस सिस्टम इस बेज्ड ऑन बोर्थ द इंटरनल एंड एक्सटरनल डेटा दोनों का ही डेटा यहां पर स्टोर किया था डेटाबेस में और फिर जो है वह इंचो मैनेजर से उनको प्रोवाइड कर जाता है तो इन मैजमेंट सपोर्ट सिस्टम का यूज करके जो मैनेजर से हैं वह अ कि कहां पर स्पेंड करना है कहां पर इंवेस्टमेंट करना है प्राइस कैसे डिटरमाइन करना है कि प्रोडक्ट के प्राइसिंग करने तो कितनी प्राइसिंग की जा सकती है कंपेटीटर के नाशिस करनी हो या फिर सेस फ्रोकास्टिंग करनी तो गूगल मेप आप ओपन करते हैं वहां पर आपको जो है मल्टिपल ऑप्शन सब्सक्राइब आपको दिखा देता है यानी कि मल्टिपल ऑप्शन उसने दिखा दिया अब आपकी ऊपर डिपेंट करते हैं कि आप कौन सा रास्ता चूज करोगे आप गल्ली वह सारी चीजें आपको इंफोर्मेशन प्रोवाइड करते हैं उसके बाद आप जो है उसके बेसिस पर आप डिसेंट ले सकते हो कि आपको कौन सा रोड इस्तेमाल करना है तो देट इज मैनेजमेंट सपोर्ट सिस्टम तो इस तरीके से जो इंटरनल और एक्सटरनल वार्मेंट में जो इंफोर्मेशन होता है जिससे डिसिजन मेकिंग में हेल्प की मिलती है उस विन फॉर्मेशन को एक्सेक्यूटिव इनफॉर्मेशन सिस्टम या फिर इसको हम एक्सेक्यूटिव सपोर्ट सिस्टम भी कहते हैं और वहीं पर तीसरा है एक्सपोर्ट सिस्टम क्लियर तो एक-एक करके डिस्कस करते हैं तो सबसे पहले है डिसीजन सपोर्ट सिस्टम तो देखिए डिसीजन सपोर्ट सिस्टम नाम से क्लियर है कि डिसीजन में हेल्प करता है डिसीजन लेने में यह जो है इनफॉर्मेशन डिसीजन लेने में क्लियर जो कि अभी हमने आपको एग्जांपल दिया कि गूगल मैप क्या करता है आपको चार-पांच अल्टरनेटिव दो है बता देता है कि उस रास्ते तक आपको जो है डेली जाना है लखनाओं से तो डेली जाने के लिए आपको इट एनलाइजेज लाज अमाउट आफ डेटा एंड प्रेजेंट एन ऑग्नाइजेशन विद दिए बेस्ट पॉसिबल ऑप्शंस एडिवेल तो प्रोजेक्टेड रेवेन्यू फिगर यानि कि आगे का रेवेन्यू क्या हो सकता है कॉन्सिक्वेंसेंस आफ डिफरेंट डिसीजन्स यानि कि कुछ डिसेंस लिए गए तो उसके क्या कॉन्सिक्वेंसेंस हो सकते हैं इस यह सारी डेटा जो है वहां पर शो कि एक नॉलेज डाटाबेस होता है नॉलेज डाटाबेस यानि कि जहां पर सारे इंटरनल और एक्सटरनल इंफॉर्मेशन को स्टोर किया जाता है जो इंफॉर्मेशन सिस्टम है जो कंप्यूटर सिस्टम होता है वह क्या करता है उसी नॉलेज इंटरनल एक्सटरनल दोनों सोचेज से कलेट किया गया है तो वहाँ पर उसको कहेंगे knowledge database जहां पर information सारी इस्टोर करके रखी जाती है लाबरेरी होती है एक तरीके से वहीं पर दूसरा है the software system यानि कि वो model कह लीजिए आप जो आपके database से information को निकालेगा उसको जो है तो यह तीन important part होते हैं, हर support system आपको मिल जाएगी, एक database होगा, एक software यूज किया जाएगा, वहीं पर तीसरा क्या है, user interface होता है, जिसके जरिये जो managers होते हैं, वो उसको operate करते हैं, decision support system का use करते हैं, clear, तेरे तीन चीज़ें आपको ध्यान रखनी है, अब बात कर लें, executive information, यान इन्फॉर्मेशन प्रोवाइड की जाती है तो ए टाइप आफ में सपोर्ट सिस्टम देट फैसलिटेट एंड सपोर्ट सीनियर एग्जिक्यूटिव इनफॉर्मेशन एंड डिसिजन मेकिंग नेट पर यह अपने मैनेजमेंट लेवल पड़े हैं तो टॉप लेवल तो इट प्रोवाइड इजी एक्सेस टू इंपोर्टेंट डेटा नीडेट टू अचीफ्ट इस्ट्रैटेजिक गोल इन एन ऑर्गनाइजेशन यानि किसी ऑर्गनेशन में कोई स्ट्रैटेजिक गोल को अचीफ करना है तो उसके लिए जो भी आपको इनफॉर्मेशन चाहि आप कंपेटीटर के बारे में आसानी से यहां पर एक्सेस कर सकते हो कि कंपेटीटर क्या एक्सेंस ले रहा है क्या प्राइसिंग कर रहा है कैसे एडवर्टाइजिंग कर रहा है कहां पर प्रमोशन कर रहा है साइड चीजें जो आपको आपसे अनलाइज कर सकते हैं तो एक्सेस इनफॉरमेशन सिस्टम प्लेट तो जो एक्सेस इनफॉरमेशन सिस्टम होता है यह डाटा कहां यहां से जो क्रिटिकल इनफॉर्मेशन होते हैं उनको निकालता है और एग्जिक्यूटिव को देता है जो सीनियर एग्जिक्यूटिव होते हैं और अगर उनको प्रोवाइड करता है जिससे कि वह स्टैटेजिक डिसेंट मेकिंग कर सकें तो फीचर की बात करें अगर हम ए� फ्रॉम पर्टिकुलर इनफॉर्मेशन ड्रॉप इन कॉर्परेट सेल्स इन पर्टिकुलर जन यानि कि इसे पर्टिकुलर जन में सेल्स ड्रॉप हो कर देते यानि कि आप यहां पर डिप इनफॉर्मेशन जो है वह निकाल सकते हैं इस टैटस एक्सेस किसी भी सेल्स का या वह सारी ट्रेंड आप जो यहां से अनालिसिस कर सकते हैं एक्सेप्शन रिपोर्टिंग यानि कि यहां पर जो एक्सेडेटिव निफर्म सिस्टम है वह आपको एक्सेप्शन अगर हुए कहीं पर कि अचानक से सेल बहुत ज्यादा हो गया फिर अचानक से प्रेजेंट ग्राफिकल टैबुलर एंड और टेक्स्ट वर्ल इनफॉरमेशन तो यहां पर जो है आपको ग्राफिस के फॉर्म में भी आप जो है टेबल के फॉर्म में या फिर आप जो है टेक्स्ट के फॉर्म में इनफॉरमेशन को आप जो है एक्सेस कर सकते हो आपको आईएस या फिर एसस हो गया, executive information system, तो देखिए decision support system और executive information system, दोनों ही क्या है, दोनों ही आपको decision making में help करते हैं, क्योंकि दोनों क्या है, management support system है, लेकिन DSS जो है, normally managers दोरा यूज़ किया जाता है, वहीं पर जो executive information system है, वह top level दोरा जो है, यूज़ किया जाता है, strategic decisions के लिए एक लोगों को नहीं बल्कि किसी प्रॉब्लम के ऊपर जब चार पांच लोग मिलकर एक साथ काम कर रहे होते हैं तो उनको सपोर्ट करता है उनको डिसिजन मेकिंग में हेल्प करता है तो एन इंटरेक्टिव कंप्यूटर बेस सिस्टम देट फैसिलिटेट ए नंबर आफ डि कि उसमें जो है सब्सक्राइब करता है आई डिजाइंड इन सच अवेद एड इनपुट फ्रॉम मल्टिपल यूजर्स इंटरेक्टिंग सैमिल्टेंसली विद्दी सिस्टम एक साथ बैठकर एक ही टाइम पर आपस में कमुनिकेट भी करेंगे इनफॉर्मेशन को एक्सेस करेंगे और जो है अपने जो इंपूर्ट होते हैं वो जो है वहाँ पर फिट करेंगे और जो है किसी पर्टिकुलर डिसिजन पर एक साथ हैं लेकिन आप सब्सक्राइब करना तो उसके लिए पांच लोगों को जिम्मेदारित दी गई है और तो पांचों लोग जो है group decision support system का एक साथ use करके जो है किसी एक common solution पे जो है आ सकते हैं तो group decision support system तो यहाँ पे क्या होता है कि अब सबोस्ट के पांच लोग हैं पांच लोग एक साथ अलग लग जगह बैठे हैं अलग लग जगह पे उस group decision support system का use करके एक साथ communicate करके जो है किसी problem को solve कर सकते हैं तो that is group decision support system clear तो it comprises different phases जैसे यहाँ पे idea generation हो गया discussion हो गया voting हो गया vote counting हो गया यह सारी चीज़े जो हैं यहाँ पे group decision support system में वह चीज होती है अब सब्सक्राइब करके फाइट में से तेन ने बोला कि नहीं जो ऑप्शन ए वह ज्यादा बेटर है वहीं पर दो बोलें नहीं ऑप्शन भी वह ज्यादा बेटर है तो इसमें फिर कंफ्यूज होता है या कि कॉन्फ्लिक्ट होता है तो उस कि जो communication है different people में आसानी से, decision makers में वो आसानी से हो सके क्लियर आप सभी ने चैट बोर्ड का तो यूज जरूर किया होगा जब भी आपको वेबसाइट यूज करते हैं तो नॉमली क्या एक्सपर्ट सिस्टम जो कि नॉलेज के बेसिस पर आपके आंसर आपके प्रॉब्लम को आपके क्वेश्चन का आप आंसर जो आपको प्रोवाइड करता है इसी तरीके से वॉइस रिकोगनेशन तो जब भी आप कुछ बोलते हैं तो आप टाइप होने लगता है वह जो आप बोलते हैं वह सर्च कर देता है वह क्या है एक्सपोर्ट सिस्टम है यानि कि वह क्या करें एजर यूमन बिंग काम कर रहा है आप अगर किसी से बोलें कि फ्रेंड है आपका तो आपने बोला कि मिश्चर अमित आप जो पूछा कि टाइम क्या हो रहा है तो फ्रेंड ने बता दिया कि इस वक्त 6 बज रहे हैं तो सेम एक्सपोर्ट सिस्टम भी करता है आपने पूछा हेलो गूगल वाट इज द टाइम ना हो तो गूगल आपको बताता है कि इट्स इक्स ऑक्लॉक तो यही इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजीज टू इस साइमुलेट द जजमेंट एंड बिहेवियर ऑफ ए यूमन और एन ऑर्ग् देट है एक्सपर्ट नॉलेज एंड एक्सपीरियंस इन पार्टिकुलर फिल्ड तो क्या करता है एक्सपर्ट सिस्टम यह जो है एज ए यूमन बिंग को कॉपी करता है आर्टिफिशल इंटरजेंस अगर आपने नहीं पढ़ा है तो नेचर डिस्क्रिप्शन लिंक प्रॉब्लम को सॉल्व करने की कोशिश करता है क्लियर तो यह क्या करता है एक्सपर्ट की नॉलेज को कैप्चर करता है और उसके कोड फिर प्रॉब्लम को सॉल्व करता है ठीक ड्रॉज ए तो यहां पर क्या होता है एक्सपर्ट सिस्टम में दो चीजें आपको ध्यान रखनी है कि क्या करता है कि एक्सपर्ट की नॉलेज को ड्रॉप करता है यानि कि उनकी नॉलेज को कैप्चर करता है और उसको जो है अपने नॉलेज बेस में इकठा प्रेडिट करना है तो डेनरल एक्सपोर्ट सिस्टम का यूज करते हैं इसी तरह के से पीएक्स डेस है पीएक्स डेस क्या है यह भी एक डिटेक्ट कर लेता है तो एक्सपोर्ट सिस्टम यानि कि एक ऐसा कंप्यूटर टेक्नोलॉजी जो कि ह्यूमन बिंग की तरह जो भी है करता है और उन्हीं की तरह जो आपके प्रॉब्लम को सॉल्व करता है यहां पर इसकी आर्किटेक्चर की बात करें बज रहा है तो आपके पास घड़ी होनी चाहिए और उसमें टाइम सही से होना है तभी तो आप सामने वाले को बताओगे तो सिमिलरली जो मशीन है जब आप मशीन यूजर कोई है वह मशीन से क्वेइरी करेगा तो उसके पास डाटा होना चाहिए तो को क्लियर फिर जो है उसमें जो है इन फ्रेंड एंजन एक्सप्लानेशन सिस्टम और नॉलेज बेस एचिडर इनका जो है यह एक रूल होते हैं जो कि इसका यूज करके जो है यूजर इंटरफेस को आंसर प्रोवाइड किया जाता है एक्सप्लानेशन सिस्टम यानि हाउ वाई इस ताइप के क्वेश्चन पूछे आते हैं तो यहां पर आता है इनफरेंस इंजन जो कि लॉजिकल आंसर जो है फाइंड आउट करने की कोशिश करता है इन फ्रेंड्स इंजन क्या है जट इंटरप्रेट एंड इवाल्यूएट डिफरेंट इन दिन ऑलेज इस एक्सपर्ट सिस्टम का यूज कर सकता है तो यूजर क्या करता है यूजर इंटरफेस के जरिए एक्सपर्ट सिस्टम से अपने क्वेश्चन पूछता है और एक्सपर्ट सिस्टम उस नॉलेज बेस के बेसिस पर यूजर को आंसर प्रोवाइड करता है तो यही चीज जो जजमेंट और बिहेवियर होता है यूमन बिंग का या फिर किसी ऑग्नेशन का उसको साइमुलेट करता है ठीक है एक्सपर्ट की नॉलेज को एक्सपर्ट के एक्सपीरेंस को किसी भी फिल्ड में उसको साइमुलेट करने की कोशिश करता जो है एसिस्ट करता है और इस ट्रैक्टर देमोस्ट्रेट करता है कि जिसको डिवाइविंग सोल्यूशन निकालता है किसी प्रॉब्लम का लिखा सकता है क्स्प्लेन कर सकता है और जो घटना घट रहे उसके बेजेस पर वह जेस्टिफाई कर सकता है और रिजल्ट को predict भी कर सकता है that is expert