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Importing from Alibaba and Chinese Manufacturers

कैसे हो दोस्तों मैं हूं रोनाल्ड तो दोस्तों इस वीडियो में मैं आपको किस तरह आपके प्रोडक्ट्स आली बाबा और चाइनीज मैन्युफैक्चरर से आप इंपोर्ट कर सकते हैं वो मैं आपको एक्सप्लेन करूंगा तो सिंपल रखने के लिए मैंने एट स्टेप्स में डिवाइड किया है फर्स्ट स्टेप में हाउ यू कैन पिक राइट सप्लायर सेकंड स्टेप में हाउ यू कैन टॉक विद द सप्लायर थर्ड स्टेप में हाउ यू कैन मेक द पेमेंट टू द सप्लायर फोर्थ स्टेप में हाउ यू कैन शिप योर प्रोडक्ट्स फ्रॉम चाइना टू इंडिया अलग-अलग मेथड्स क्या है और इनको टर्म्स क्या है वो एक्सप्लेन करूंगा और फिफ्थ स्टेप में अ शिपिंग कॉस्ट किस तरह कैलकुलेट होगा वो मैं को बताऊंगा और सिक्सथ स्टेप में कस्टम क्लीयरेंस एंड डॉक्यूमेंटेशंस रिक्वायर्ड और सेवेंथ स्टेप में कस्टम ड्यूटी किस तरह कैलकुलेट होता है और लास्ट और एथ स्टेप में हाउ यू कैन सेंड योर प्रोडक्ट्स डायरेक्टली टू amazononline.in लॉन्ग टर्म के लिए अगर आपको करना है और सक्सेसफुली करना है तो ज्यादा यूनिट्स आप ऑर्डर करेंगे ही आगे जाकर 500000 यूनिट्स अगर आपको मंगवाना है तो डायरेक्टली मैन्युफैक्चरर से मतलब आलीबाबा और चाइना के थ्रू मंगवाए तो आपको बेनिफिशियल रहेगा और डिफरेंशिएबल ही इंपोर्टेंट है कई सारा लोग इंपोर्ट करना मतलब डर जाते हैं कि कॉम्प्लिकेटेड प्रोसेस है उतना कॉम्प्लिकेटेड नहीं है मैं 2017 से करते आ रहा हूं 2017 में जब मैंने स्टार्ट किया था मतलब मैं लिटरली फाइनल ईयर पे था मेरे इंजीनियर पे तो उस वक्त मैंने मतलब कई सारा इंफॉर्मेशन मैं गेन कर रहा था उतना इंफॉर्मेशन नहीं था youtube2 में किस तरह करना है और ब्रीफ मतलब स्टेप बाय स्टेप मैं एक्सप्लेन करते जाऊंगा आप फॉलो करते जाएंगे अगर आपको कुछ क्वेश्चंस है तो आप मुझे कमेंट्स में लिख सकते हैं और मेरा सारा रिसोर्सेस भी आपको डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा आप चेक आउट कीजिए तो पहला स्टेप है हाउ यू कैन पिक राइट सप्लायर तो उसके लिए मैं आपका आलीबाबा प्लेटफॉर्म के ऊपर ही मैं आपको एक्सप्लेन कर देता हूं तो जैसे आप देख रहे हैं मैंने google2 इंपोर्ट ही होता है यहां पर जो लोग मिलेंगे भी मतलब आपको जैसे मैंने पहले कहा था जो लोग आपको लोकल सप्लायर्स देंगे व भी आपको इंपोर्ट करके ही देंगे आ एक्रेस अलग वेबसाइट है आ बाबा अलग वेबसाइट है alkabir.in सर्च बार में एग्जैक्ट जो आपको प्रोडक्ट चाहिए वही आपको सही से स्पेलिंग के साथ मेंशन करना है वो मैंने नोटिस किया है और एक चीज क्या है कि यहां ट्रेड एश्योरेंस ट्रेड एश्योरेंस पे क्लिक करना है आपको ट्रेड एश्योरेंस एक ऐसा पेमेंट मोड है जहां पर आपको एक सिक्योरिटी रहता है एक एश्योरेंस रहता है आपके पेमेंट के लिए जो भी आप पेमेंट सेंड करते हैं वो सबसे पहले तो इसलिए वो सिक्योर मेथड है तो इसलिए ट्रेड एश्योरेंस आप हमेशा सेलेक्ट कीजिए और उसके बाद यहां वेरीफाइड सप्लायर और यहां कितना इयर्स एक्सपीरियंस है वह सब कुछ आपको दिख जाएगा बहुत ही मतलब सिंपल प्रोसेस है उन्होंने इस तरह डिज़ाइन किया है कि हम आसानी से सप्लायर्स को ढूंढ सकते हैं यहां हम उस उनका एक्सपीरियंस जितना ज्यादा एक्सपीरियंस रहेगा मैं यूजुअली वन ईयर या उससे ज्यादा लोगों को कांटेक्ट करना पसंद करता हूं और यहां वेरीफाइड रहेगा तो मतलब एक एश्योरेंस है हमको एक एक्स्ट्रा एश्योरेंस है अलीबाबा की तरफ से मतलब यह जो सप्लायर यह जो जो सप्लायर है जिन्होंने इस प्रोडक्ट का लिस्टिंग किया है वह एक मेंबरशिप फी पे करते हैं अलीबाबा के लिए तो आलीबाबा खुद उनके फैक्ट्री को विजिट करके यह वेरीफाइड बैड और गोल्ड सप्लायर का बैज देते हैं तो इसलिए यह सेलेक्ट करना बहुत ही इंपॉर्टेंट रहेगा और आपको ज्यादा स्क्रॉल करना है मतलब सप्लायर्स ढूंढने के वक्त जितना ज्यादा सप्लायर्स को आप कांटेक्ट करेंगे उतना बेहतर है मैं तो कहता हूं एटलीस्ट 15 टू एक प्रोडक्ट के लिए एटलीस्ट 15 टू 20 सप्लायर्स को आपको कांटेक्ट कर ना है हमेशा तो अब आते हैं हमारा नेक्स्ट स्टेप में हाउ टू टॉक विद द सप्लायर्स हमेशा सप्लायर से कांटेक्ट करने के वक्त आपको ये क्या एक चीज याद रखना है टाइमिंग्स अलग-अलग रहता है क्योंकि वो चाइना में रहते हैं जो सप्लायर्स है जो मैन्युफैक्चरर्स है तो इसलिए टाइम का वेरिएशन होता है तो रिस्पांस टाइम में थोड़ा दिक्कत हो सकता है तो इनिशियली हमको थोड़ा सतर्क रहना चाहिए और एक चीज क्या है कि हमको जितना प्रोफेशनली हो सकते हैं उतना प्रोफेशनली उनके साथ बात करना है या मैन्युफैक्चरर्स और सप्लायर्स मैंने ओवर द इयर्स मेरा एक्सपीरियंस से देखा है है बहुत ही प्रोफेशनल तरीके से काम करते हैं तो इसीलिए आपको भी उतना ही प्रोफेशनल दिखाना है ओबवियसली आप इंडिविजुअल एज ए वन पर्सन बिजनेस आप स्टार्ट कर रहे हैं पर एक कंपनी के जैसा आपका अप्रोच रहना चाहिए आपको फॉर्मली दिखाना है अ आपका ईमेल आईडी हुआ हो मतलब एक कस्टम ईमेल आईडी रहता है तो बेहतर है अगर मैं हां कांटेक्ट सप्लायर के थ्रू आप कांटेक्ट कर सकते हैं पर ऑब् वियस आप बैक एंड फोर्थ उनके साथ कन्वर्सेशन कर सकते हैं आप उनको कंपनी नेम आपका एक कंपनी नेम जो आपका जीएसटी का ट्रेड नेम रहता है amazon2 500 इवन 5000 यूनिट्स तो डीडीयू एयर शिपिंग प्राइस शिपिंग प्राइस के साथ उनको प्राइस पूछना है चाहे आप 5000 यूनिट्स ऑर्डर नाना कर रहे हो फिर भी आपको पूछना है कि कितना प्राइस वह देते हैं कितना कोट करते हैं 5000 यूनिट्स के लिए उससे आपको पता चलता है कि एक टारगेट प्राइस कितना लो स लो तक वह जा सकते हैं उस प्रोडक्ट के लिए तो उसको आप लेवरेज कर सकते हैं नेगोशिएट करने के लिए और उसके बाद कोड व सब कुछ प्रिंट करना है एफएनएस क लेबल अगर कर रहे हैं तो आपका एफएनएस क लेबल प्रोडक्ट के ऊपर चिपकाना है तो वह पूछना है और लोगो डिजाइन तो ओबवियसली मैन्युफैक्चरर है तो लोगो डालते ही है पर फिर भी एक बार पूछना है आपको और प्लीज डू नॉट आंसर विदाउट द शिपिंग कॉस्ट शिपिंग कॉस्ट बहुत ही इंपोर्टेंट है और उसके बाद पिक्चर्स लाइव फोटोस आपका इंफो इंफॉर्मेशन आप दे सकते हैं यहां और सिंसियर तो यहां वी चैट amazonbusiness.in फोटो लाइव वीडियोस चेक कर लेता हूं क्योंकि हम ट्रेड एश्योरेंस से पेमेंट कर रहे हैं तो हमारा पेमेंट तो सिक्योर रहता है तो अगर आपको मटेरियल इंस्पेक्शन करना है प्रोडक्ट का तो तब आप सैंपल मंगवा सकते हैं तो इस तरह प्रोसेस रहेगा सप्लायर से बात करने के लिए ओबवियसली ये स्टार्टिंग में आप टेंप्लेट यूज कर सकते हैं उसके बाद बैक एंड फोर्थ कन्वर्सेशन आप लाइव वीडियो ही बनाया है मेरा एक पेमेंट मैंने लिटरली रिकॉर्ड किया है मैंने मेरे सप्लायर को पेमेंट करने के वक्त और उसके ऊपर एक वीडियो भी बनाया है ऑफकोर्स थोड़ा पुराना वीडियो है पर सिमिलर प्रोसेस है किस तरह पेमेंट कर सकते हैं वह मैं आपको डिस्क्रिप्शन में इस वीडियो का लिंक भी डाल दूंगा तो यह वीडियो आप देख सकते हैं इंपोर्ट स्टार्टेड एंड मेकिंग पेमेंट टू सप्लायर ऑन आलीबाबा यह लॉकडाउन के टाइम में मैंने किया था रिकॉर्ड किया था तो अलग-अलग मेथड है जैसे कि ट्रेड एश्योरेंस आप paypal.in टू इंडिया तो इसके लिए टू मेथड्स रहता है एक एयर शिपिंग है और सी शिपिंग है तो एयर शिपिंग में अराउंड 10 टू 15 डेज में आपके प्रोडक्ट्स आ जाता है और सी शिपिंग में अराउंड 25 टू 35 डेज हो जाता है तो दो मेथड से आप इंपोर्ट करवा सकते हैं इनको टर्म्स में ड है एओ है डीडीयू है और डीडीपी है तो इसको मैं एक्सप्लेन कर दे हूं वन बाय वन ड मतलब एक्स वर्क्स है इसका मतलब क्या है कि आपका जो मैन्युफैक्चरर है सिर्फ प्रोडक्ट को मैन्युफैक्चरर करेंगे उनका कोई जिम्मेदारी नहीं रहता है आपके तक प्रोडक्ट पहुंचाने तक आपको ही अलग लॉजिस्टिक्स पार्टनर को हायर करना है उनके मतलब चाइना में जो मैन्युफैक्चरर रहते हैं उनके प्रेमिसेस से उनके प्लेस से आपका डेस्टिनेशन तक लाने का जिम्मेदारी आपका रहता है मतलब आप ओबवियसली लॉजिस्टिक्स पार्टनर को हायर करना है आपको तो ये एक्स वर्क्स होता है और एक चीज है एफ ओबी मतलब फ्री ऑन बोर्ड आपका जो सप्लायर रहता है जो मैन्युफैक्चरर रहते हैं उनका जिम्मेदारी उनके पोर्ट तक मतलब पोर्ट तक रहता है तो उनके पोर्ट तक वो लाकर देते हैं फिर आपको एक अलग लॉजिस्टिक्स पार्टनर को हायर करना है उनका पोर्ट से आपका डेस्टिनेशन तक पहुंचाने के लिए तो यह फ्री ऑन बोर्ड रहता है एओ बी और उसके बाद डीडीयू रहता है यह मोस्ट कॉमन यूज्ड है डिलीवरी ड्यूटीज अनपेड तो आपको मतलब चाहे तो इसमें जिम्मेदारी ओबवियसली सप्लायर्स का रहेगा वह लॉजिस्टिक्स पार्टनर को हायर करेंगे आपके प्रोडक्ट्स आपके गुड्स आपका डोर तक मतलब आपका प्लेस तक पहुंचाने के लिए पर बीच में जो ड्यूटीज रहता है इंडिया में क्योंकि जब प्रोडक्ट इंडिया के के इंडिया में आता है तो वो कस्टम्स के पास जाता है कस्टम्स क्लियर करने के लिए डॉक्यूमेंट आपको देना पड़ता है तो इसीलिए डिलीवरी ड्यूटीज अनपेड मतलब ड्यूटीज भी आपको पे करना है और यह कंपैरेटिव मतलब डीडीपी और एक मेथड है तो उससे कंपेरटिवली यह थोड़ा कॉस्ट इफेक्टिव मेथड है तो आपको डॉक्यूमेंट देना पड़ता है लॉजिस्टिक्स पार्टनर को जो आपके सप्लायर हायर कर चुके होते हैं तो वो डॉक्यूमेंट को इस्तेमाल करके आपका लॉजिस्टिक्स पार्टनर आपके प्रोडक्ट का कस्टम क्लीयरेंस करवा के आप प्लेस तक पहुंचाते हैं तो उसके कस्टम क्लीयरेंस करने के वक्त आपको ड्यूटीज भी पे करना पड़ता है वो मैं आगे बताता हूं किस तरह वो कैलकुलेट हो जाएगा तो वो डीडीओ मेथड है डिलीवरी ड्यूटीज अनपेड और उसके बाद डीडीपी है डिलीवरी ड्यूटीज पेड तो इसमें आपको कोई डॉक्यूमेंटेशन देने की जरूरत नहीं है तो लॉजिस्टिक्स पार्टनर जो आपके सप्लायर हायर करते हैं उनके प्लेस से आपके प्लेस तक प्रोडक्ट को पहुंचाते हैं तो थोड़ा कॉस्ट ज्यादा होता है डीडीपी का इसको सीआईएफ भी बोलते हैं अ कॉस्ट इंश्योरेंस फ्रेट तो सीआईएफ भी बोलते हैं अलग-अलग टर्म से पर यूजुअली डीडीपी बोलते हैं तो मैं हमेशा डीडीयू रिकमेंड करता हूं वरना एओ भी रिकमेंड करता हूं तो आप कंपेयर कीजिए अगर आपके सप्लायर लॉजिस्टिक्स पार्टनर प्रोवाइड कर रहे हैं और उनका रेट्स बहुत ही अच्छा है मार्जिन आपको आ रहा है तो उनके साथ आप जा सकते हैं वरना आप खुद लॉजिस्टिक्स पार्टनर ढूंढ सकते हैं आलीबाबा पर भी अगर आप सर्च करेंगे आपको मिल जाएंगे लॉजिस्टिक्स पार्टनर तो कंपेयर करके जो आपको बेटर प्राइस प्रोवाइड कर रहे हैं उनके साथ आप जा सकते हैं अ एओ या डीडीयू मेथड ए अगर आप खुद लॉजिस्टिक्स पार्टनर को हायर कर रहे हैं तो एओ मेथड से आप अपना प्रोडक्ट ला सकते हैं और वेट के हिसाब से आप एयर शिपिंग या सी शिपिंग डिसाइड कर सकते हैं कितना क्वांटिटी आप मंगवा रहे हैं तो वो आप उससे डिसाइड कर सकते हैं और अगर उनके तरफ से मतलब लॉजिस्टिक्स पार्टनर वो प्रोवाइड कर रहे हैं और बेटर रेट्स प्रोवाइड कर रहे हैं तो हमेशा डीडीयू के साथ जाइए जहां पर ड्यूटीज आप खुद पे कीजिए तो उससे आपको कॉस्ट इफेक्टिव हो जाएगा और उसके बाद फिफ्थ स्टेप शिपिंग कॉस्ट तो शिपिंग कॉस्ट किस तरह कैलकुलेट हो होगा वह सिंपल है तो दो चीज वह कंसीडर करते हैं एक है वॉल्यूमेट्री वेट और एक्चुअल वेट वॉल्यूमेट्री वेट मतलब वॉल्यूम भी कंसीडर करते हैं क्योंकि प्रोडक्ट शिपिंग कॉस्ट ना सिर्फ वेट के ऊपर डायमेंशन के ऊपर भी जाता है कई बार वह पिलोस वगैरह रहता है बेड वगैरह तो उसका वेट तो कम रहता है पर डायमेंशन ज्यादा होता रहता है तो जो कैरियर रहता है शिपिंग कैरियर चाहे वह शिप हुआ हो या एरोप्लेन हुआ हो तो उसमें ज्यादा जगह लेता है वह तो इसीलिए वॉल्यूम भी कंसीडर करते हैं वॉल्यूम मेट्रिक वेट के लिए एक फॉर्मूला है तो उससे वॉल्यूमेट्री वेट कैलकुलेट कर सकते हैं और एक्चुअल वेट एक्चुअल वेट मतलब वेट ऑफ द प्रोडक्ट तो जो भी ज्यादा है वॉल्यूमेट्री वेट या एक्चुअल वेट उसको कंसीडर कर लिया जाता है आज के डेट में अराउंड 400 टू 50 पर केजी है एयर शिपिंग का कॉस्ट और सी शिपिंग के लिए अराउंड ₹2000000 अ डॉक्यूमेंटेशंस रिक्वायर्ड तो जैसे मैंने पहले कहा आपके प्रोडक्ट जब कस्टम्स जब इंडिया को आता है चाहे वह सी शिपिंग के थ्रू हो एयर शिपिंग के थ्रू हुआ हो तो वो कस्टम्स के पास जाता है तो तब कस्टम क्लीयरेंस करवाना पड़ता है मतलब एक बिल ऑफ एंट्री फाइल करना पड़ता है वो आपको खुद करने की जरूरत नहीं है आपको फिजिकली प्रेजेंट होने की जरूरत नहीं है आपके लॉजिस्टिक्स पार्टनर आपके तरफ से आप करते हैं व वो बिल ऑफ एंट्री फाइल कस्टम क्लीयरेंस तो उसके लिए डॉक्यूमेंटेशन आपको प्रोवाइड करना है अगर एओ मेथड या डीडीयू मेथड से आप जा रहे हैं तो डॉक्यूमेंटेशन में क्या-क्या चाहिए वह मैं आपको बताता हूं सबसे पहले आपको जीएसटी सर्टिफिकेट चाहिए आईसी सर्टिफिकेट चाहिए जो है इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड सर्टिफिकेट इस दोनों का प्रोसेस मैंने मेरे स्टेटमेंट जो बैंक से आप ट्रांसफर करते हैं उस बैंक का बैंक स्टेटमेंट ही आप देख स दे सकते हैं एज अ पेमेंट प्रूफ और उसके बाद प्रोडक्ट का डिटेल्स एक सॉफ्ट कॉपी आप बना सकते हैं स्मॉल पीडीएफ जहां पर आपके प्रोडक्ट का कलर क्या है मटेरियल क्या है किसका उसका वेट कितना है लिटरली आप पर इतना जो भी जीएसटी सर्टिफिकेट आईसी सर्टिफिकेट इनवॉइस कॉपी पेमेंट प्रूफ वह सब कुछ पूछेंगे ही तो वह आपको लॉजिस्टिक्स पार्टनर को देना है तो लॉजिस्टिक्स पार्टनर आपके बिल ऑफ एंट्री फाइल करते हैं तो इस तरह आपका कस्टम क्लीयरेंस होता है और उसके बाद सेवंथ स्टेप कस्टम ड्यूटी तो कस्टम ड्यूटी किस तरह कैलकुलेट होता है वह मैं एक एग्जांपल के थ्रू आपको एक्सप्लेन करूंगा यहां मेरा एक बिल ऑफ एंट्री आप देख सकते हैं जहां पर अराउंड 81000 मेरा एक्सेसिबल वैल्यू हुआ है एक्सेसिबल वैल्यू मतलब प्रोडक्ट कॉस्ट प्लस शिपिंग कॉस्ट तो प्रोडक्ट का कॉस्ट प्लस शिपिंग कॉस्ट दोनों मिलाकर कस्टम ड्यूटी हमको पे करना है तो वह एक्सेसिबल वैल्यू होता है उसके बाद कस्टम ड्यूटी आप देख सकते हैं बेसिक कस्टम ड्यूटी जो है बीसीडी तो वह 10 पर लगा है उस प्रोडक्ट के लिए तो जो भी एसेबल वैल्यू है उसका 10 परज होता है और एक सोशल वेफल सरचार्ज होता है जो एस डब्लू सरचार्ज करके मेंशन है तो वह बीसीडी का मतलब जो बेसिक कस्टम ड्यूटी है उसका 10 परज है और उसके बाद आईजीएसटी है तो आपके प्रोडक्ट का कैटेगरी के हिसाब से आप एचएसएन कोड देखकर google3 भी मतलब जीएसटी फाइल करने के वक्त आप क्लेम कर सकते हैं एज ए आईटीसी तो व वो प्रोडक्ट कॉस्ट नहीं है तो इस तरह आपका कस्टम ड्यूटी कैलकुलेट होता है तो आपको बेसिकली बेसिक कस्टम ड्यूटी बीसीडी जो 10 पर होता है एसेसेबल वैल्यू का और उसके उस बीसीडी के ऊपर ही 10 पर सोशल वेलफेयर सरचार्ज तो वो आपको पे करना पड़ता है वो आपका कस्टम ड्यूटी चार्जेस होता है तो वो पेमेंट किस तरह आप कर सकते हैं आप यदि लॉजिस्टिक्स पार्टनर को पे करके वो आपकी तरफ से आप पे कर सकते हैं वरना आप डायरेक्टली आइस गट के वेबसाइट में जाकर आप पे कर सकते हैं लॉजिस्टिक पार्टनर आपको लिंक भेज देंगे अगर आप फेडेक्स के साथ या लोकल लॉजिस्टिक्स पार्टनर से के साथ भी आप काम कर रहे हैं तो व आपको बता देंगे आपको ईमेल के थ्रू वोह सेंड करेंगे डॉक्यूमेंटेशन भी आपको ईमेल के थ्रू ही उनको सेंड करना है जब आपके प्रोडक्ट कस्टम क् कस्टम्स के पास जाता है वो आपको मेल भेजेंगे उस मेल को रिप्लाई देते हुए आपको अटैच करके सारा डॉक्यूमेंटेशन भेजना है उसी के साथ पेमेंट भी अ फेडेक्स यूजुअली क्या करते हैं व यूपीआई ट्रांसफर या उनका बैंक अकाउंट देकर आपका कस्टम ड्यूटी पे करने के लिए बोलते हैं और आपकी तरफ से वह कस्टम ड्यूटी पे करते हैं व मैंने पहले कहा आइस गट के थ्रू जाकर आपको पे करना है उसमें कोई दिक्कत है मतलब कुछ ही बैंक्स अलाउड है पेमेंट करने के लिए जैसे कि एसबीआई वो सब कुछ अगर आपके पास एसबीआई नहीं है तो आपके लॉजिस्टिक्स पार्टनर के थ्रू आप व कस्टम ड्यूटी पे करवा सकते हैं और उसके बाद एथ स्टेप सेंडिंग प्रोडक्ट्स डायरेक्टली टू द amazononline.in अगर मैं ज्यादा क्वांटिटी मंगवा रहा हूं कस्टम क्लियर होस होने के बाद जो भी लॉजिस्टिक्स पार्टनर रहते हैं उनके फैसिलिटी के पास जाता है तो तब मैं यहां पर लेटर के साथ amazonbusiness.in का सारा मेरा रिसोर्सेस डिस्क्रिप्शन में है मुझे सोशल मीडिया में भी फॉलो कीजिए वहां पर मैं एक्टिव रहता हूं वहां पर भी मुझे क्वेश्चंस पूछ सकते हैं तो उम्मीद करता हूं दोस्तों यह वीडियो आपको हेल्पफुल हुआ होगा और इसी तरह मेरे साथ जुड़े रहिए मैं आपके साथ और भी ई-कॉमर्स का नॉलेज amazonbusiness.in h