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ब्रिटिश नीतियों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

Hello everyone, कैसे आप सब? I hope कि आप सब ये अच्छी होंगे मैं संगीता from LearnHub, the free learning platform जहां आप पढ़ सकते हैं Maths, Science, SST absolutely free at learnhub.com बच्चों, आज हम डिस्कुस करेंगे ICC Class 8 टॉपिक हमारा है British Policies and Their Impacts चले बच्चों स्टार्ट करते हैं हमारा आज का चेप्टर सबसे पहले बात करेंगे Indian Economy Before The British इंडियन इकाउनमी ब्रिटिशर्स के पहले किस तरीके की थी यह हम यहाँ पर बात करेंगे देखिए इसके पहले की चेप्टर में हम लोगों ने डिस्कस किया था rulers ठीक है पूरा सफर जो था वो हम लोग ने पढ़ा गई वो traders के रूप में आय थे फिर वो यहाँ पर rulers बन गए जिसका हमारी economy पे बहुत ज़ादा impact पढ़ा लेकिन उनके आने से पहले हमारी economy किस तरीके की थी वो हम लोग यहाँ पर discuss करेंगे ठीक है पहले फिर उसके बा बाद हम लोग बाकी चीज देखते जाएंगे कि उनके आने के बाद क्या इंपैक्ट पड़ा उस पर ठीक है चलिए तो इन्हें इकानमी थी रूलर राइप की कि सभी लोग मैक्सिमम लोग जो थे लगभग 95 परसेंट से ज्यादा जो पब्लिक थी यह पॉपुलेशन तो थी वह कहां रहती थी वह गावों में रहती थी गावों में वह अपना प्रोडक्शन होता था उनका और उसी से क्या शहरों में लोग नहीं रहते थे शहरों में लोग रहते थे जो उनके रूलर्स होते थे भी पहले तो राजा महराजा भी होते थे तो जो उनके रूलर्स होते थे तो उनकी जो पॉलिटिकल कैपिटल्स वगैरह होती थी वहाँ पर लोग रहते थे या फिर जहाँ पर इं गया थी इसको समझते लोग जो थे ज्यादा से ज्यादा विलेजर्स में रहा करते थे ठीक है इन इकार्मी या कह सकते हैं उनका लाइवली हूट जो था वह किस तरीके से चलता था तो यह जो लोग रहते थे विलेजर्स ठीक है तो यह छोटी-छोटी लाइव में और सबसे बड़ी चीज कि वह सेल्फ डिपेंडेंट होते थे ठीक है सब डिपेंडेंट होते थे अपने काम करते थे ले लेते थे या कैश ले लेते थे ठीक है तो और उसके अलावा एग्रीकल्चर के अलावा और क्या सपोर्टी चीज थी इनकी लाइवलीहूट के लिए जैसे पॉटर हो गया वो अपने काम कर रहा है आर्टिसन्स हो गया वो अपने काम कर रहा है कारप्रेंटर्स हो गया वो ही हो रहा है उनके गाउं में ठीक है छोटे-बोटे सामान जो थे वह बाहर से चाहिए थे बाकि तो यह लोग अपना खुदी प्रोडक्शन जो था वह चीजों का कर लेते थे और उन्हीं से चीजें जो बनती थी उन्हीं को जाकर सेल करते थे ठीक है तो शहरों की तरफ इनका जाना बहुत कम होता था या कह सकते हैं शहरों पर डिपेंडेंसी इनकी बहुत कम थी कुछ छोटे-बोटे सामान थे वह लेने के लिए जाना होता था और या फिर कह सकते हैं जो अपने हाँ प्रोडक्ट रेडी होता था उसको वहाँ पर बेचने के इनसे जो रेवेन्यू कलेक्ट किया जाता था, ऐसा तो था नहीं कि बस अपना उगाया इन्होंने और जो चीजे ग्रो कर रहे हैं और उसको खा लिया बस उतने से ही मतलब था, नहीं रेवेन्यू तो देना पड़ता था, ये चीज तो हमेशा से रही कि लैंड जो थी, ठीक ह नहीं कनेक्शन था गॉवर्नमेंट जो थी वहां पर नहीं आती थी ना इनकी हेल्प के लिए न किसी और चीज के लिए बस रेवेन्यू उसको मिल जाना चाहिए तो रेवेन्यू जो था गॉवर्नमेंट से उसी का इनका रिलेशन था अब यह रेवेन्यू जो उनको कलेक्ट करने का काम करता था गॉवर्नमेंट के ऑफिसर्स होते थे वह करते थे या फिर जमीनदार्स होते थे उनको अपॉइंट कर दिया जाता था वह किया करते थे अभी जमीनदार्स जो थे ठीक है तो ऐसा नहीं था जिसकी जमीनदार्स ऐसा जरूरी नहीं था कि उनके पास लैंड हो ही ठीक है उनको क्या था कि उनको बस काम दे दिया गया था वो जाते थे वहां से रेवेन्यू कलेक्ट करते थे और उसके बाद जो उनको रेवेन्यू मिल जाता था उसमें का एक हिस्सा अपने पास रखते थे बाकी जो होता था समझ है तो ब्रिटिश जो थे यहां पर कह सकते हैं कि उनकी पकड़ जो थी वह मजबूत होती जा रही थी उन्होंने एक ट्रीटी की थी ट्रीटी ऑफ इलहाबाद अगर आपको याद होगा ठीक है इसके बारे में तो हम लोग पहले काफी अच्छे से डिस्कस कर चुके हैं कि क्या था ट्रीटी ऑफ इलहाबाद जब शुजावद्दोला के साथ शालम आते हैं फाइट करने ब्रिटिश इंडिया एस्ट इंडिया कंपनी के साथ तो वहां पर क्या होता है कि यह जब हार जाते हैं तो इनको एक यह ट्रीटी करनी पड़ती और उसके बदले में क्या होता है बैंगॉल भी बिहार और उडिसा इन जगों पर रेवेन्यू कलेक्ट करने का राइट जो है वो बिरिटिश इंडिया कंपनी को मिल जाता है ठीक है तो कंपनी जो है शुरू में क्या करती है रेवेन्यू जो कलेक्ट करती है तो जो ट्रेडिशनल तरीके चले आ रहे थे उसी तरीक उनके खर्चे बढ़ते जा रहे थे क्योंकि उनके यहां से भी आर्मी ज्यादा आ रही थी दूसरे जब अपने पास राइट्स आ जाते हैं तो इनसान जो है और ज़्यादा प्रॉफिट जाता है तो ज़्यादा प्रॉफिट के चकर में उन लोगों ने क्या किया कि जो रे अब जाहिर सी बात है जब भी हम लोगों ने देखा ये revenue collect किया जाता था वो जबरदस्ती ही किया जाता था कुछ एक दो शासक के टाइम में हम लोगों ने देखा नहीं था वरना ये जबरदस्ती ही collect किया जाता था अब ऐसे में revenue जो था वो बढ़ा दिया गया और ये revenue ज किस रूप में लिया जाता था ये कैश के रूप में ही ये लोग accept करते थे इनका कहना था भाई कैश के ही रूप में लेंगे ठीक है अच्छा भाई कैश कहीं से भी आराम से ले जा सकते हैं और उसके बाद जो उससे जरूरत है वहाँ पे उससे खर्च कर सकते हैं ठीक है उसके बदले में अनाज लेकर क्या करेंगे वो लो तो इनका यही कहना था कि cash के रूप में अब ऐसे में हुआ क्या कि जो इन्होंने बोला एक तो higher rate कर दिया बढ़ा दिया दूसरा cash के रूप में ही लेने की बात कही अब जब demand होने लगी कि जो revenue चाहिए वो cash में ही चाहिए ठीक है तो इनके बदले में कैश आसनी से मिल जाता था शुगर केन है ये सारी कैश क्रॉप्स होती है ना तो ऐसी फसले जो थी वो ये लोग ग्रो करना शुरू कर दिये इसको शुरू कर दिये वीट और राइस जो ग्रो करते थे इसको इन्होंने कम कर दिया काफी अब क्या ह वह तो हर रोज चाहिए होती है अब जब अगर इसको इन्होंने उगाना बंद कर दिया तो या कम कर दिया तो ऐसे में क्या था कि एक बहुत बुरी सिचुएशन हो गई कि अनाज की कमी होने लगी ठीक है तो ऐसे में क्या हुआ सेमी स्टार्वेशन की कंडीशन हो गई ठीक ह थे कई बार ऐसा होता था कि crop जो होती थी वो failure हो जाती थी ठीक है जैसे बारिश नहीं होई तो crop भी नहीं होगी लेकिन उनको revenue देना पड़ता था क्योंकि company को इससे कोई मतलब नहीं था कि crop हुई है कि नहीं हुई है बट उन्हें जो revenue है वो चाहिए ही होता था और उसी high rate पर ही ठीक है जैसा उन्होंने high charge लगा दी थे उसी तरीके से उनको revenue चाहिए था अब ऐसे में क्या था जो farmers होते थे कि उनको revenue जो है वो pay करना है वरना फिर उनकी market जो है वो बरदाश करनी होगी ठीक है या खेती करनी है अब उनके पास कुछ नहीं है रेवेन्यू के लिए उससे दे दिया अब उनको चाहिए पैसे तो money lender के पास जाते थे जो कि उनसे अच्छा खासा high interest rate पर उनको पैसे देता था अब उनको वो चुकाना होता था crop भी failure हो गई by chance तो वो उसको हम देख रहे हैं कंडीशन कैसे बुरी होती जा रही थी यहां पर क्रॉप जो थी वो कम होने लगी ठीक है उसको नहीं उगाए जाना कम होने लगी फिर बारिश नहीं हुई क्रॉप फेल्यूर हो गई उनकी लैंड भी जाने लगी सिर्फ इतना ही नहीं सबसे बड़ी चीज आई बैंगॉल फेमाईन यह आया सेवन्टीन सेवन्टी में ठीक है जो कि ह्यूमन हिस्ट्री अगर देखा जाए तो अब तक का सबसे बड़ा फेमाईन था अकाल ठीक है सबसे बड़ा अब तक का अकाल था अ जिसमें कि वन थर्ड आवादी जो थी या फिर पॉपुलेशन जो थी वो बैंगॉल की खत्म हो गई जो बैंगॉल कहा जाता था भी पिछले चैप्टर में हम लोग पर पढ़ रहे थे कि बैंग� बैंगॉल बहुत फर्टाइल था उस बैंगॉल में इस तरह की फहमाईन आई जो कि आज तक की हिस्ट्री में अगर हम देखें तो सबसे बड़ी फहमाईन थी ठीक है तो उस तरह के से वहाँ पर भूख से लोगों की बहुत ज़्यादा डेथ हो बहुत सारे लोगों की डेथ ठीक है तो लेन रेवेन्यू जो जिन स्टेट्स को ये लोग कॉनकर्ट कर रखे थे वहाँ से रेवेन्यू कलेक्ट किया करते थे ठीक है सब जगह से तो नहीं ले लेंगे लेकिन जिस एरिया को इन्होंने कॉनकर्ट कर रखा था वहाँ से रेवेन्यू कलेक्ट करते थे ओके सालाना का कह सकते हैं home charge के रूप में 4 lakh pounds जो था वो देना पड़ता था annually ठीक है 1767 से ठीक है समझ में आगे इस time से इनको इतना annually पे करना पड़ता था British government इनको as a एक चीज दूसरा यह क्या करते थे कि जो बैंगॉल से रिसीव होता था रेवेन्यू उसका यूज अपनी मिलिटरी जो थी उसके रख रखाव के लिए करते थे दूसरा एडमिनिस्ट्रेटिव कॉस्ट जो आती थी उनकी ठीक है जो उनके अधिकारी वगैरह है ठीक है वो सारी चीजें मैनेज करने के लिए जो कॉस्ट आती थी वहां पर खर्च करते थे इसके अलावा जो इनका ट्रेड होता था रॉ मेटेरियल वगैरह खरीदना है उस पर ये इस पैसे आते थे रेवेन्यू से उसको खर्च करते थे ठीक है अब वह गॉवर्मेंट के पास जाता है और वह टैक्स उस गॉवर्मेंट के पास जाता है तो गॉवर्मेंट जो है उससे हमारे वेलफेयर के लिए काम करती है ठीक है रोड्स हो गई वाटर हो गया एलेक्ट्रिसिटी हो गई इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत के लिए कुछ भी काम नहीं किए जा रहे थे जैसे अभी हम लोगों ने बैंगॉल फैमाइन की बात की तो हो सकता है अगर उनकी उन्होंने हेल्प कर दी होती तो फिर इतना ज्यादा डिस्ट्रक्शन नहीं होता है ना तो यह लोग अपने जरूरते जरूरी हो गया बनाना एफिशेंट सिस्टम ठीक है रेवेन्यू कलेक्शन के लिए जिसके लिए बैंगॉल के गवर्नर थे वारिंड हेस्टिंग्स ठीक है कौन थे वारिंड हेस्टिंग्स थे बैंगॉल के गवर्नर उन्होंने एक कह सकते हैं एक बैंग का अपनाया कि उन्होंने लाया सिस्टम ऑफ ऑक्शन ठीक है सिस्टम ऑफ ऑक्शन क्या था कि जैसे कोई एरिया है ठीक है अब इसके लिए ऑक्शन लगाया जाता था कि भाई चलो ऑक्शन लगाओ और जो सबसे ज्यादा वहां देने को तैयार हो जाता था उसको को वह एरिया दे दिया जाता था अब यह एरिया उनको ऐसे नहीं दिया जाता था यह एरिया दिया जाता था कि तुम जाओ यहां से रेवेन्यू कलेक्ट करो उसका कुछ पोर्शन अपने पास रखो जो भी फिक्स होता था और बाकी का पोर्शन जो है वो ले आके गौर्वमेंट को दो ठीक है यह इस्ट इंडिया कंपनी को ब्रिटिश इस्ट इंडिया कंपनी को ले आके बाकी का हिस्सा जो है वो दो क्योंकि ब्रिटिश इस्ट इंडिया कंपनी जो थी उनको तो सिर्फ रेवेन्यू से मतलब था अब बैठे उनको थ कलेक्ट करें तो इसलिए उन्हें ने सिस्टम आफ ऑक्शन जो था वो ले आया कि इसके तहट कोई परसन जाएगा वो कलेक्ट परेगा आ जाएगा लेकिन उनका ये एक्सपेरिमेंट जो था वो फेलियोर हो गया क्यों फेलियोर हुआ क्योंकि जो लोग ऑक्शन लगाए और पास रखा और इस्ट इंडिया कंपनी जो ब्रेटिश इस्ट इंडिया कंपनी थी उनका पोर्शन उनके पास दे दिया लेकिन लैंड की क्या कंडीशन है उस पे उन्होंने ध्यान नहीं दिया क्रॉप किस तरीके की हो रही है उस पे ध्यान नहीं दिया अगर ध्यान दिया होता हो सकता है लैंड अगर बहुत अच्छी वहाँ पे फर्टाइल नहीं है उसको फर्टाइल किया सकता है क्रॉप अच्छी नह थे उनके साथ यह बहुत ही क्रूअल विहेवियर कर रखते थे क्योंकि क्या था कि जो टारगेट है वह पूरा करना है ठीक है तो पर जो पेजेंट है उनको यह फोर्स करते थे कि जो रेवेन्यू टारगेट है उसको पूरा किया जाए तो भाई हम बात करते हैं द परमानेंट सेटलमेंट 1793 ठीक है परमानेंट सेटलमेंट 1793 बिल्कुल आप जो यह है चीजों का और नाम और कह सकते का कॉनसेप्ट यह चीजें बिल्कुल समझ के चलिएगा ठीक है तो परमानेंट सेटलमेंट क्या था यह समझते हैं तो बैंगॉल के पिछले गवर्नर जो थे वारेंट हेस्टिंग्स उन्होंने जो लाया था सिस्टम आफ ऑक्शन वो फेलियोर रह गया तो रेवेन्यू कले सिस्टम था उसकी जो कमिया थी उसको इसमें दूर किया जाए तो इसलिए इन्होंने यह लाया जिसको कि या फिर कह सकते हैं इस सिस्टम से इंट्रड्यूज कराया जिसको कि कहा जाता है परमानेंट सेटलमेंट ऑफ बैंगॉल इस नाम से बना जाता है अब सिस्टम के कई सारे फीचर्स थे जिनमें से दो फीचर्स इसके बहुत मेन थे वह क्या थे इस दो पेशल फीचर्स पहला था परमानेंट ओनर्शिप ऑफ लैंड और दूसरा था fixed revenue चले अब हम बात करते हैं permanent ownership of land क्या था ये ठीक है अभी हम लोगों ने बात किया ना permanent ownership of land दूसरा था fixed revenue ठीक तो permanent ownership of land पहले हम इसकी बात करेंगे तो इसमें किया क्या गया जो जमीदार पहले जिनको बोला जा रहा था बट उनकी पास ऐसा नहीं था कि land हो ही उ जो जमीदार जिनको बोला गया था ना अब वो केवल रेवेन्यू कलेट करने वाले नहीं बन गए अब उनको ओनर्शिप दे दी गई उस लैंड की ठीक है तो अब वो जो लैंड थी उसके वो लीगली ओनर्शिप उनको मिल गई अच्छा उसके अलावा ये जमीदारी की जो revenue देते थे ठीक है अब वो क्या बन गए अब वो tenants बन गए इन जमीदारों के वो जो cultivators थे वो अब tenants बन गए एक तरीके से की वो land जो है यानि कि वो किराये पर एक तरीके से लिए है ठीक है तो इस तरीके से अगर देखा जाए तो अब वो tenants बन गए अब land उनकी नहीं रह गई तो यानि कि जमीदार जो थे वो उनका हक या उनके right जो थे वो छीन गए क्योंकि जो land होती थी वो हमेशा से हमने देखा है आज भी ऐसा है कि जो लेंड होती है वह लोग अपने जो एंसेस्टर्स होते हैं ठीक है जो हम लेंड मिली होती वह क्या होती हमारे एंसेस्टर्स मिली होती है अब जैसे मेरे पिताजी के पास या आपके पिताजी के पास जो लेंड होगी वह क्या होगा उनके पास मिली होगी लेकिन अब उनके थी वह अब उनसे उसके जो थे वह अब इनसे छिन गए अब जो थे ठीक है जमीन के मालिक भी collect करेंगे और वो जो revenue वो collect करेंगे उस revenue को वो बढ़ा भी सकते हैं ठीक है और इस land के वो इस तरीके के मालिक बन गए चाहे वो इस land को बेच भी सकते थे या फिर इसे क्या कर सकते थे गिरवी भी रख सकते थे mortgage ठीक है तो उसे चाहे गिरवी भी रख सकते थे तो यह यानि कि दिया जाएगा ठीक है कंपनी जो है वह लोग रेवेन्यू कलेक्ट करके आएंगे और कंपनी को देंगे लेकिन कंपनी को वह एक फिक्स अमाउंट जो कर दिया गया अगले पांच सालों के लिए ठीक है फाइव यह के लिए फिक्स कर दिया जाता था जाएगा उसके लिए एक एन्युअल डेट जो थी वह फिक्स कर दी गई थी स्पेसिफिक डेट कि उसी डेट पर ले जाकर रेवेन्यू जो है वह कंपनी को दे देना है अगर उस डेट पर नहीं दिया गया तो लैंड जो थी वह उनसे छिंद जाती थी और उसे बेच भी दिया जाता था ठीक है तो यह नहीं जो ओनर्शि वह उनसे अब छिन सकती थी अगर वह उस डेट पर नहीं देते थे ठीक है अच्छा अब ऐसे में क्या था कि अब देखिए इसमें सुधार यही चीज दिख रहा है कि अब जो जमीदार है उनके प्रॉफिट यहां पर ज्यादा थे ठीक है अच्छा इसके बाद यह परमेंट सेटेलमेंट जो था यह इंट्रड्यूस कराया गया कहां पर बैंगॉल में और बिहार में पहले उसके इन जगहों पर इसको introduce कराये गया चले देखते हैं कि यह जो सिस्टम लाया गया इसके advantages क्या थे इसके फायदे क्या थे पहली चीज यह थी कंपनी के पास एक सही एक फिक्स टाइम पे फिक्स रेवेन्यू जो था वो पहुंच जाता था ठीक है वरना भाई कोई जा रहा है लेने फिर उसके बाद उसको मिल रहा है नहीं मिल रहा है ये सारी चीजे थी अब यह एक फिक्स डेट थी उस समय तक वो कलेक्ट कर लेता था और ले आके द कितने लोग हैं कितना आया कितना नहीं आया fixed revenue company के पास आ रहा है तो ये एक simple तरीका जो था ये भी हो गया दूसरे ये cheaper भी था क्यों सस्ता था सस्ता इसलिए ये तरीका था क्योंकि company जो थी अगर अपने officers को भेज दी तो अच्छी खासी salary लेते हैं यहां जो जमीदारों को रख दिया गया एक और चीज थी company जो थी उसको ये जो powerful जमीदार थे इनका support और loyalty जो थी ये भी मिली इस वज़े से ठीक है अच्छा इसके लवा जमीदार जो थे पहले क्या था पहले जिनको ये rights दिये गए थे उन्होंने land के कह सकते हैं या फिर जो agriculture था जो production था उसको increase करने के लिए कोई step नहीं लिए बट यहाँ पर इनको profit ज़्यादा चाहिए था इसलिए जो agriculture production था उसको increase करने के लिए सबसे पहली चीज कि जो farmers थे उनका exploitation, उनका harassment जो था वो बहुत ज़ादा बढ़ गया था, ठीक है, क्यों, क्योंकि अब ये जो जमीदार्स थे, जो revenue collect करना है, कभी भी उस revenue को ये बढ़ा देते थे, जबकि उन्हें government को जो है वो एक fixed revenue ही देना है, लेकिन फिर भी अपने profit के उसके सुधार का भी काम कर रहे थे क्योंकि ज्यादा इनको रेवेन्यू जो है वह मिल सके ठीक है तो उसका जो प्रॉफिट है कि भाई ज्यादा फसल हुई तो प्रॉफिट गॉवर्नमेंट ले सकती थी अब गॉवर्नमेंट ने तो कि फिक्स कर रखा का नुकसान था यहां पर तीसरा यह था कि फार्मर्स जो थे इन्हीं में एक ऐसे ग्रूप का भी ऐसा भी ग्रूप राइज हुआ कौन देखेगा तो इसके लिए इन्होंने क्या किया जैसे ये A है जमीदार ठीक है जो D है ये है Peasants ठीक है जिनसे कि इनको Revenue Collect करना है अब ऐसे में ये क्या करते थे पहले तो Direct इनसे लेते थे बड़न वैसे ही ज़्यादा था अब इन्होंने क्या किया B को Hire कर लिया B को Hire कर लिया तो जो Revenue ये लेते थे अब B कभी उसमें से निकालना है खर्चा तो वो और ज़्यादा बढ़ा दिया अब B आया B Direct इनसे Revenue ले रहा है तो वो क्या करेगा वो भी कुछ भाई Profit इनसे ले रहा है इधर से भी लेगा इधर से भी तो बढ़ा के लेगा कई बार होता था यह जो बी होते थे ना यह भी टेनेंट रख लेते थे सी ठीक है यह भी अगले परसन को हायर कर लेते थे तो अब यह परसन जो है यह भी क्या करेगा और ज़्यादा ठीक है कि वहाँ जो देना है उसमें से और ज़ादा प्रॉफिट जो है वो भी निकाल लें तो इस तरीके से सारा बर्डन जो हम देख रहे हैं जो फार्मर्स होते थे वैसे ही उनकी कंडिशन बहुत बुरी होती थी कि उनको रिवेन्यू देना ही पड़ता था अब जब बी� जो फार्मर्स थे और जो पहले हम लोगों ने देखा कि जो जब इन जमिदार को बनाया गया तो लैंड जो थी उसमें सुधार हुआ लेकिन अब जो ग्रुप जो है वो शहरों की तरफ रह रहा है ठीक है तो उसने कोई इंटरेस्ट नहीं लिया लैंड को सुधारने का और ज कि जो कल्टिवेटर्स थे उन्हें कहा जाता था रायत ठीक है तो यहीं इसी से जुड़ा हुआ यह सिस्टम जो था वह लाया गया था यह सिस्टम सबसे पहले मैडरास प्रेसिडेंसी जो थी वहां पर इंट्रड्यूस कराया गया था या उसके पर इंट्रड्यूस कराया गया था इसके फीचर्स क्या था वह हम लोग देख लेते हैं इसके फीचर यह थे कि अंटिवेटर्स यानि कि रोयस्ट जो है वह खुद को लैंड का ओनर माने यह तो बड़ी अच्छी चीज है भाई वहां पर क्या था लैंड का ओनर जमीदार ही बना दिया गया था वह चाहे उसको बेचे चाहे गिरवी रखे जो भी चीजे करे ठीक है यहां पर क्या किया गया जो कल्टिवेटर्स थे उन्हें रिकनाइज कराये गया कि वो लैंड के किया जाएगा वो directly pay किया जाएगा यानि कि government officers जो हैं उनको direct यहाँ पर revenue pay किया जाएगा revenue जो था वो 30 year के लिए fix कर दिया गया कि ये fix revenue जो है अगले 30 years तक इतना ही देना होगा सबको हाँ इसमें समय पे जरुरत के हिसाब से सुधार किया जा सकता है ऐसा नहीं है कि पत्थर की लकीर है कि 30 year के लिए बोल दिया गया तो उसमें कोई changes नहीं होंगे अच्छा इसके लवा revenue जो था वो fix तो था ठीक है कितना देना होता था जो पूरी crop होती थी उसका लगभग आधा उसको fix कर दिया गया ठीक है कि आपकी जितनी crop हो रही जितना production हो रहा है उसका लगभग आधा जो है वो देना पड़ेगा ऐसा fix कर दिया गया ठीक है लेकिन collection जो होता था वो काफी reset था reset था मतलब कि अगर by chance crop जो हो वो failure हो गई तो कोई छूट नहीं मिलेगी जो यहाँ पर fix कर दिया गया है वो revenue आपको हमेशा देना पड़ेगा चाहे क्रॉप फैलियोर हो गई और चाहे आपकी क्रॉप अच्छी हो रही है चले बात करते हैं दम बहालवारी सिस्टम यह क्या था सबसे पहले इसको इंट्रड्यूस कराया गया उत्तर प्रदेश पंजाब और कुछ पा मध्यप्रदेश के उन जगहों पर इसको इंट्रोड्यूस कराया गया अब यह महाल जो महाल वारिस को नाम दिया गया क्यों दिया गया महाल का अर्थ होता है या मीनिंग होता है विलेजर्स का ग्रुप ठीक है तो इस सिस्टम में क्या किया जाता है विलेजर्स के ग्रुप को कहा जाता था महाल ठीक है इसमें क्या किया गया कि जो विलेजर्स का ग्रुप होता था उनका जो हेड होता था या तालुगदार्ज होते थे वह रेवेन्यू कलेक्ट करने का काम करते थे यानी कि जैसे जो विलेजर्स हो गए ठीक है अब इनका कोई हेड है वो क्या करता था वो इन सभी से कलेक्ट करता था revenue और ले जाके जो British collector होता था revenue collect करने वाला उसको ले जाकर और ये revenue दे दिया करते थे ठीक है तो एक तरीके से ये जो तालुकदार या फिर कह सकते हैं इनके जो हेड होते थे ये mediator का काम करते थे इधर रोयत्रवारी सिस्टम यह जो सिस्टम लाए गए थे इसकी वजह से जो ट्रेडिशनल लैंड सिस्टम था उसमें फंडामेंटल चेंजेस हो गए किस तरीके से चेंजेस हो गए कि लैंड जो थी वह अब कमोडिटी के रूप में देखी जाने लगी यानी कि वस्तु के रूप में यह बन गई ठीक है जो लैंड मानी जाती थी कि हमारे एंसेस्टर्स का आशिर्वाद है या एंसेस्� अब वो एक वस्तु के रूप में मानी जाने लगी जिसको कभी भी खरीदा जा सकता था, बेचा जा सकता था और या फिर मॉड गेज उसको गिरवी रखा जा सकता था। अब उस लैंड पे कभी भी कोई भी अपना हग जमा सकता था, बहुत पहले क्या था कि जिसकी लैंड है उसके अंसेस्टर्स जो हैं वो छोड़ गए हैं अब वो उसकी लैंड है। अब क्या था कि ज बिना किसी वजह के रेवेन्यू नहीं चुका पाए तो उसकी वजह से वो लैंड जो है वो हटानी पड़ी ठीक है डेप्ट लिया है वो नहीं दे पाए तो फिर लैंड जो है वो उनसे छिन गई ठीक है तो ये सारी वजह से इस तरीके से लैंड जो थी वो अब एक कमोडिट तो तरीके से नहीं रह गई जिसकी वज़े से जो गाउ थे ठीक है या फिर रूरल सोसाइटी जो थी उसका ट्रेडिशनल स्ट्रक्चर अब चेंज होता जा रहा था चले देखते हैं हमारा नेक्स्ट टॉपे कमर्शियल पॉलिसी 1773-1857 ठीक है इस समय तक देखा जाए यानि कि 17 और 18th century में अगर देखा जाए तो इंडिया जो था ठीक है agriculture तो यहाँ पर बड़े level पर था ही उसके अलावा यहाँ का trade यहाँ की industries जो थी वो भी काफी important थी और कह सकते हैं करते हैं कि वर्ल्ड में उनकी इंपोर्टेंस थी ठीक है इंडिया जो था वह प्रोड्यूसर भी था मैनुफेक्शन भी था और साथ ही साथ एक्सपोर्टर भी था ठीक है यहां की जो डिमांड यहां की चीजें जो थी उनकी रिमाण बहुत ज्यादा थी दूर-दूर ठीक है इसके अलावा अगर देखा जाए जैसे कि कौन सी चीजे यहां का देखा जाए तो कॉटन काफी फेमस था मसलिन क्लॉथ ठीक है वो यहां फिर यहां का कोर्ट सिल्क मोटा सिल्क जो था वो फेमस था दूर यह सारी चीजे जो थी वो यहां से जाया करती थी जब था पहला level जो villagers थे ठीक है जैसे काम कर रहे हैं जो village में अब उनके आसपास के लोग जो हैं उनकी जरूरतों को पूरा करते थे ठीक है तो वो villagers की जो जरूरते होती थी demand होती थी उनको meet करते थे उनको पूरा करते थे दूसरा level जो होता था जो लोग cities में रहते थे भाई वो प्रांट्स को भी यह पूरा करते थे ठीक है क्राफ्ट परसन यूजिली अगर देखा जाए तो जो इनके काम होते थे वह हरिडिटेरी होते थे यानि जो आर्टिसन है ठीक है कि उनकी जो फैमिली के लोग हैं वहीं काम करते थे जैसे व्याद भी यह कुछ चीजें जो थी इस तरीके की वह क्या थी हैरिडेरी ऑक्यूपेशन थे गोल्डस्मिथ हो हो गए कार्पेंटर हो गए पॉटर हो गए सिल्वर स्मिथ हो गए ठीक है तो उनके बच्चे भी वही काम करते थे ठीक सिटीज जो थी ठीक है कुछ सिटीज ऐसी थी मतलब या फिर कह सकते कुछ सामान ऐसे थे वह अपनी सिटीज के नाम से प्रगाने जाते थे जैसे बनार्शी सिल्क की बात करें ठीक है जैसे बनार्शी साड़ियां देखिए हम आज के टाइम में भी हमेशा फेमस में रहती है हमेशा फैशन में रहती बनार्शी साड़ियां ठीक है तो बनार्शी सिल्क जो था वह काफी फेमस था धाका की मलमल की वह वह चीजें जो है वह अपनी जगह के पर्टिकुलर जगह की वह चीज जो है उसी जगह पर बनाई जाती है फिर वहां के कारीगर ही उन चीजों को बना सकते हैं तो वह चीजों उन चीजों का नाम जो था उन सिटीज के नाम के साथ जुड़ गया इसी कमर्शनल पॉलिसी स्टील था उससे इसकी क्वालिटी जो थी वह काफी हाई थी जिसकी वजह से जैसे विशाखा पत्रनम हो गया गोवा हो गया सूरत हो गया ऐसी जगहों पर शिप बिल्डिंग इंडस्ट्रीज जो थी वह भी लगाई जाने लगी ठीक है वह इंडस्ट्रीज उन ब्रास, सिल्वर, ठीक है? यह सारी चीजें भी ऐसी थी जिनकी डिमार्ड जो थी वह बहुत ज्यादा थी क्यों क्योंकि यह हाई क्वालिटी के होते थे ठीक है जो मर्चेंट्स होते थे वह अपने गिल्ड बनाकर रखते थे मर्चेंट्स यानि कि व्यापारी ठीक है यह सारा काम कौन करेगा जो गिल्ड बनाकर रखते थे किसले अपने वेलफेयर के लिए कि जिससे किसी को कोई नुकसान भी ना हो साथ ही साथ जो क्वालिटी हो और प्राइस भी सही रहे ठीक है तो इसके लिए यह लोग बगदा गिल्ड बनाते थे अभी जो मर्चेंट्स होते थे या फिर गोल्ड स्मिथ वगैरह होते थे यह सभी पैटरोनाइज किए जाते थे राजा महराजा के द्वारा ठीक है अब आपको समझ में बता कि राजा महराजा जो थे वह पैटरोनाइज करते थे मतलब क� कि कई सारे राजा महाराजा ऐसे होते थे कि उनके दरबार के लिए एक फिक्स होता था कि यह इनका जूलर है हमीं लोग बहुत छोटी-बहुती भी चीज लेते हैं बट हमारा जूलर जो होता है वह फिक्स होता है ठीक है तो उनके द्वारा इनको बैटरनाइज किया जाता था उनको सरक्षर दिया जाता था जिससे कि जो इनका प्रॉफिट होता था उसका एक परसेंट जो होता था वह शाही खजानी में जमा करवा दे देते एवं रेवेन्यू तो इससे क्या होता था कि रेवेन्यू जो था वह भी इनको एक तरफ से और मिल जाता था ठीक है इसके अलावा देखा जाए तो यहां की जो चीजे थी उसकी क्वालिटी काफी हाई थी जिसकी वजह से जो यूरोपियन थे या जो ट्रेडर्स बाहर से आते थे वो भर के सामान यहां से लेकर जाते थे मतलब इतनी जादा मात्रा में ले जाते थे कि उसकी जो पेमेंट वो करते थे वो ट्रिकट थी वहां पर यह बेच लिया करते थे काफी मात्रा में ले जाते थे ठीक है तो जब यह कंपनी यहां पर आई थी तो स्टार्टिंग में यह क्या करती थी कि गोल्ड और सिल्वर में ही पेमेंट करती थी वह तो जैसे-जैसे इन्होंने खरीदने लगे वरना पहले जो वह पेमेंट करते थे वह किससे करते थे उन्हीं चीजों से करते थे जो गोल्ड और सिल्वर crafts and industries ठीक है तो Indian crafts and industries जो था वो किस तरीके से decline हो गया वो हम यहाँ पर समझेंगे जो कि इतना ज़ादा जिसकी demand थी ठीक है इतना ज़ादा flourish हो रहा था वो कैसे decline हो गया वो हम समझते हैं तो company जो थी उसकी यहाँ पर century पुरी होते company ने इस तरीके की conditions बना दी कि यहाँ का जो traditional trade और industry था वो decline and destruction हो गया उसका पुरी तरह से कह सकते हैं विना नाश हो गया किस तरीके से कंपनी ने क्या चीजें की चलिए वह समझते हैं तो सबसे पहली चीज उन्होंने क्या किया कि इस तरीके की पॉलिसीज लाई ठीक है पहले क्या था जो यूरोपियन मार्केट थी वह पूरी तरह से इंग्रेज जो प्रदेश सामान थे उनसे भरी हुई थी ठीक है यहां का जो हाथ की ब���ी हुई चीजें थी ठीक है यहां पर थी वह सारी चीजें वहां की मार्केट से पूरी तरह से गायब हो गई कैसे गायब हो गई गई यह हम समझते हैं पॉलिसी क्या लाई गई थी पॉलिसी जैसे इस तरीके से ला दी गई कि वहां के जो ट्रेडर्स वगैरह थे उन्होंने क्या किया अपनी गॉर्नमेंट से बोला भाई हमें पैटरोनेज करिए हमको संरक्षण दीजिए कि हमारा इंडिस्ट्री इंडिया के जो सामान है उस पे रोक लगानी पड़ेगी तो क्या किया गया कि जो चीज़ी अब इंपोर्ट होके आएंगी तो उन पे टैक्स बढ़ा दिया गया ठीक है तो इस तरीके की पॉलिसी जो ने लाई जिसकी वज़े से वहां के मार्केट जो थी वो इंडियन ग� कि एक यह किया दूसरा क्या हुआ कि बैटल आफ प्लासी 1757 याद होगा अभी पिछले चेप्टर में हम लोगों ने डिस्कस किया है बैटल आफ प्लासी किसके बीच में हुआ था अगर याद हो तो यह हुआ था कंपनी जो इस टीमिक ब्रिटिश इस्तिनिया क और सिराजुद दौला के बीच में याद आया कौन हारा कौन जीताब तो याद आ गया होगा तो बैटल आफ प्लासी जो था ठीक है वहां से पॉलिटिकल पावर जो थी इन ब्रिटिशर्स के हाथ में आ गई थी अब जब पॉलिटिकल पावर जो थी वो इनके हाथों में आ गई तो उसका भी फायदा इन्होंने अच्छी तरह से उठाया कि यहां के जो ट्रेडर्स थे ठीक है कि जो चीज यहां का जो रॉ मेटेरियल था जिसकी बहुत ज्यादा डिमांड थी या यहां से हैंड लूम से कपड़ा बनकर और बाहर जाया था जिसकी डिमांड थी इन्होंने क्या किया कि उन जो यहां पर कपड़े रेडी होते थे उसको वह काफी कि कीमतों पर खरीदते थे और अपने आप भेजते थे ठीक है अब जो है लूम वाला काम कर रहे थे ठीक है जो लोग यह वीवर्स वीविंग वाला काम कर रहे थे तो उनको क्या था उनको भाई कॉटन खरीदना होता था वह कॉटन अपने ही यहां से वह अब क्या था कि जब यहां बैटल आफ प्लासी के बाद पॉलिटिकल पावर इनके पास आ गई तो जो रॉ मेटेरियल ये लोग खरीदते थे अब उनको ये रॉ मेटेरियल कमपनी से खरीदना पड़ता था और कमपनी क्या करती थी जो रॉ मेटेरियल में अच्छी क्वाल वह अपने यहां भेज देती थी जो खराब क्वालिटी का होता था लो क्वालिटी का होता था वह इन इंडियन वीवर्स को काफी ऊचे रेट पर देती थी हाई रेट पर देती थी जिसको कि यहीं के लोगों से वह लोग काफी कम रेट पर मिल रहा है और जो रेडी है हो रहा है सामान जो गुट्स है वह क्या कर रहा है कंपनी काफी कम रेट पर ले रही है तो इससे भी क्या हुआ उनकी कंडीशन जो थी वह है खराब हो गई उसके अलावा इन्होंने क्या किया कि जो इंग्लैंड इसी समय क्या था इंडस्ट्रियल रेवोलूशन भी आ गया था इंग् ठीक है 18th सेंचुरी का लास्ट होते और इन 19th सेंचुरी का कि स्टार्टिंग जो था ठीक है इस समय में इंडेस्ट्रेय रेवोलूशन आ गया इंग्लैंड में तो वहां पर कपड़े जो थे वह मशीन में बनने लगे अब मशीन में जब कपड़े बनेंगे तो लेंगी लेकिन वो काम जो है बहुत जल्दी हो जाएगा काफी सस्ते में होगा तो वहां का जो बना हुआ कपड़ा था वो यहां की मार्केट में पूरा डंप कर दिया गया ठीक है यहां की जो मार्केट थी कह सकते है वो डंपिंग ग्राउंड बन गई इंग्लैंड के कपड और बुरी हो गई कि उनकी बनाई हुई चीजें जो थी ठीक है उनका जो प्रोडक्शन था वह यहां के लोग ही नहीं खरीद रहे थे ठीक है और वह क्या कर रहे थे जो फॉरेंड से आया हुआ कपड़ा था सस्ता था दूसरा जैसे हम लोग मेन की चीजें खरीदेंगे तो यहां के जो ट्रेडर है तो उनकी कंडीशन जो थी वह बुरी है ही होगी ठीक है उसके अलावा क्राफ्ट परसन और आर्टिसन पहले जो राजा महराजा हुआ करते थे जो रूलर थे वो क्या करते थे वो इन्हें पैटरनाइज करते थे ठीक है इनको सरक्षर दिया करते थे अपने हाँ अब क्या था अब इन्हें पैटरनाइज करने वाला कोई था ही नहीं कोई ना कोई रॉयल कोर्ट थी ना कोई रॉयल रूल थे तो जिसकी वज़से इनकी कंडीशन भी काफी खराब होने लगी जो इतने नोबल टाइप के थे ठीक है काफी रिच थे तो वो सभी अब इन्हें कोई पूछ यहां से बिगड़ने लगी ठीक है तो यह चीजें जो थी आई होप कि समझ में आ गया होगा कि किस वजह से डिक्लाइन हुआ इंडियन क्राफ्ट एंड कि इंडस्ट्रीज अब इसको आगे और भी समझेंगे जो हम लोग पढ़ते जा रहे हैं देखिए जब आप इसको देखिए तो साथ में एक पेपर और पेन या फिर कॉपी पेन अपने साथ रखिए कुछ चीजें जो हो उनको नोट कर लीजिए ठीक है तो उससे अब महाल स्वारी सिस्टम पढ़ा ठीक है तो यह सारी चीजें भूलना नहीं है रहत्वारी क्या था रहत्वारी रोइट जो अभी हम लोगों ने बोला कल्टिवेटर्स को कहा जाता था तो कल्टिवेटर्स को कहा जाता था यानि कि उसमें क्या था कि जो लैंड है वो उनको ही दे दी जा रही कि वो लैंड पर राइट जो है वो उनी रोइट्स के हो राइट रोइट्स के होते थे लैंड इंडिस्ट्रीज थी तो उसके डिक्लाइन होने का और भी कारण था जैसे जो ब्रिटिश मिलिटरी के लोग थे ठीक है ब्रिटिश सिविल सर्विस के लोग थे उनकी आर्मी के लोग उनका कोई इंटरेस्ट नहीं था इंडियन जो मेटेरियल था उसमें इंडियन गुट्स में उनका कोई इंटरेस्ट नहीं था वो लोग जो भी यूज करते थे वो अपने आगा इंग्लैंड का ही वो यूज किया करते थे ठीक है तो यह हो गया दूसरा यहां पर एक ग्रूप था जो अभी पढ़ाई लिखाई करने लगे थे जो यहां पर मिडि बात है इनकी कंडीशन थोड़ा अच्छी होगी तो यह लोग भी क्या करते थे कि काफी ज्यादा इन्फ्लूएंस थे जो ब्रिटिश माल थे या फिर ब्रिटिश जो गुट्स थे ब्रिटिश कल्चर जो था उससे यह लोग इन इन्फ्लूएंस थे इसके अलावा अगर इनकी कंडीशन जो थी वह अच्छी हो रही थी तो जहर सी बात है कि इनका जो लेविश लाइफ स्टाइल था ठीक है तो बताओ उसमें भी बढ़ा वह भी बढ़ा रहा था तो उस तरीके के भी जो सामान यह खरीदते थे वह इनसे इन्फ्लूएंस थे और उन्हीं चीजों को यह खरीद रहे थे तो इससे भी कि जो अगर इनकी कंडीशन अच्छी हो रही है चीजों को यह खरीदना सकते हैं तो लेकिन यहां के लोगों से ना खरीद के अब वह विदेश की चीजें अगर खरीद रहे फॉर इनकी चीजें और किया कि यहां से पहले क्या होता था रेडी गुट्स जो होते थे वो भी जाते थे ठीक है जो प्रोडक्ट रेडी हो जाता था वो भी जाता था और साथ ही साथ रॉ मेटेरियल जाता था अब इन्होंने क्या किया कि सिर्फ यहां से रॉ मेटेरियल वहां पर जाता था और जो रॉ मेटेरियल होता है वो सस्ता होता है ठीक है कोई भी चीज अगर हम खरीदते हैं तो जिसे आपने राइस खरीदा वो सस्ता होता है वही राइस अगर आप बना हुआ कहीं से लाते हैं तो काफी महंगा होता है ना पनीर की सबजी आप अपने घर में बनाओगे तो व बन रेडी गुट्स भी ले जाते थे रॉ मेटेरियल्स भी ले जाते थे अब वो लोग सिर्फ रॉ मेटेरियल ले जाते थे वहाँ पर चीजें बनती थी और उसको लाकर इंडिया जो था अब उनके जो प्रोडक्ट थे उसके लिए अब वो मार्केट था वो सारी चीजें में लाद दी जाती थी तो इससे भी यहां के जो मैनिफेक्टर थे उन सब की कंडीशन बिगड़ने लगी और यहां से रॉ मेटेरियल ले जाते थे तो उसको भी अपने रेट पर ले जाते थे अपने के रेट पर क्योंकि पॉलिटिकल पावर जो थी वह पूरी तरह से इनके पास आ गई थी तो पॉलिटिकल पावर आने से अपने अकॉर्डिंग सारी चीजें यह लोग चला रहे थे ठीक है इसके अलावा इन्होंने क्या किया कि इंडिया बाय इकनॉमिक के लिए वह पीछे रहे ठीक है और उसके अलावा under developed रहे तो इसके लिए भी इन्होंने क्या काम किया कि भाई आगे ना बढ़ो तुम ठीक है तो जैसे कि daily use की जो चीजे है ठीक है कि आप under developed ही रहो आपके यहां बनी हुई वाली चीजे जो है वो नहीं कोई use करेगा तो आपका production जो है वो बढ़ेगा नहीं था काफी अच्छा था लेकिन फिर भी बाहर से निडल भी चाहिए वह बाहर से आती थी सोप बाहर से आता था ठीक है बिस्किट वह बाहर से आता था पेपर बाहर से आता था मतलब डेली यूज की जो चीजें हैं वह सारी भी क्या थी इंग्लैंड से आने लगी अब इंग्लैंड यहां के लिए क्या था रेडी प्रोडक्ट जो था अपने यहां पहुंचाता था और यहां से रॉ प्रोटीट ले जाता था एक नया कैपिटलिस्ट ग्रुप जो था वह यहां से इमर्ज हो रहा था जैसे एक ग्रुप था वह अमीर हो रहा था ठीक है कैपिटलिस्ट था तो लेकिन उनको गौर्मेंट की तरफ से कोई सपोर्ट नहीं था जैसे कैपिलिस्ट है वह कहीं न कहीं इन्वेस्ट करेगा फैक्टरी लगा लिया उन उसने मान लीजिए कहीं पर तो उसमें और भी लोगों को काम पर रख सकेगा लोगों को काम धन्य लेंगे लेकिन गौर्मेंट की तरफ से यहां पर सपोर्ट नहीं दिया गया था लेकिन फिर भी 1851 में बॉंबे में एक अच्छा का सा एक्सपोर्टर था अब एटीन फिटीज के बाद से इंपोर्टर बनकर रह गया तो यह सारी कंडीशन जो है वह हमें बताती है कि किस तरीके से यहां की इंडस्ट्रीज जो थी यहां के जो प्रोड्यूसर थे वह यहां के जो मैनिफेक्चर थे वह किस तरीके से डिक्लाइन चले गए अब देखते हैं ड्रेन ऑफ वेल्थ मतलब क्या है कि यहां से धन की निकासी जो थी या वेल्थ जो था वह यहां से कैसे जा रहा था यह हम समझेंगे दादा भाई नौरोजी की बात पहले समझ लेते हैं उन्होंने बोजो की एक नेशनलिस्ट थे इन्होंने बोला था कि यह क्या है जो यहां के लोग जो इंग्लैंड के लोग यहां पर आ गए हैं यह क्या है यह foreign invasion है जो कि तुरंत असर नहीं कर रहा है धीरे ही सही बट यहां की जो wealth है उसको पूरी तरह से drain कर दे रहा है ठीक है समझ में आया किस तरीके से कि हम लो� यह इस तरीके का foreign invasion था कि यह लोग यहीं पर बस गए और धीरे country को या country की wealth जो थी उसको पूरी तरह से खतम कर रहे थे ठीक है अच्छा यहां से चीजे वहाँ जा रही थी और यहां की कह सकते है economy को पूरी तरह से खतम कर दिया इन्होंने और वहाँ का industries वगेरा भी ज रही थी ठीक है यहां तक समझ में आ गया चलिए इसको समझते हैं कैसे ग्रेटर पार्ट आफ द सैलरीज पहले यह हम देखते हैं यह क्या है तो जो इनको रेवेन्यू मिलता था ठीक है तो उसका मैक्सिमम पार्ट जो था सैलरी भाई उनके भी ऑफिसर्स यहां पर थे तब मैटेरियल रिसोर्सेस यहां के जैसे इंडिगो हो गया टी हो गया ठीक है जूट हो गया यह सारी चीजें यहां से लेकर और वहां पर इंग्लैंड यह सारी चीजें भेजी जाती थी गुट्स पर्चेस्ट का क्या मतलब है कि जो गुड़ से लोग खरीदते थे पहले क्या होता था अब हम लोगों ने बात की ना कि यह लोग यहां से सामान जो ले जाते थे उसके बदले में सोने चांदी दिया करते थे सिल्वर और गोल्ड के बदले में यहां से सामान ले जाते थे अब जब वो प� वह यहां से जो रेवेन्यू कलेक्ट होता था उसी से खरीदते थे तो समझ में आ रहा है कि यहां से वेल्थ ड्रेनेज किस तरीके से हो रहा है एक सालरी के रूप में जा रहा है मैटेरियल रिसोर्सेस जो थे इस रूप में गुट्स जो पर्चेस कर रहे हैं वो भी उसी वे यहां तक अगर देखें जैसे टेक्स्टाइल इंडस्ट्री की बात अभी हम लोग कर रहे थे तो उनके हां जो इंग्लैन की टेक्स्टाइल इंडस्ट्री थी वहां जो कह सकते हैं मैनिफेक्ट्रियर हो रहा था कपड़ा ठीक है टेक्स्टाइल वो सारा यहां पर डम कर दिय तो ट्रांसपोर्ट एंड कम्यूनिकेशन बहुत ही ज़रूरी चीज है अब जब ब्रिटिशर्स यहां पर रह थे तो 18 संचुरी तक उन्होंने देखा कि यहां पर ट्रांसपोर्ट एंड कम्यूनिकेशन सिस्टम जो है वो अच्छा नहीं है वो काफी पिछरा हुआ है अ सिस्टम भी अच्छा होना चाहिए तो इसलिए अपनी सिच्वेशन को अच्छा करने के लिए इनको रिलाइज हुआ कि यहां पर ये चीजे सुधारी बहुत जरूरी है जैसे में सिटीज हो गई एग्रिकल्चर सेंटर्स हो गए पोर्ट्स जहां से इनका सारा ट्रेड हो रह वो inaugurate की कहां से कहां तक Bombay to Thane ठीक है Lord Dalhousie के दौरा 1853 में इसके बाद तो हम देखते हैं रेल्वे का काम यहाँ पर बहुत तेजी से होता है ठीक है फर्स्ट रेल्वे इस समय में inaugurate होती ही है ठीक है यह याद रखियेगा इसके अलावा इसी समय में इन्होंने communication के लिए post and telegraph जो था उसे भी start किया Grand Trunk था यह शेर सास सूरी के दौरा द्वारा बनवाया हुआ था ठीक है तो ग्रांट रंग रोड जो था काफी रोड लंबी रोड थी मतलब एक काफी लंबी दूरियों को यह जोड़ती थी तो इस रोड को भी इन्होंने क्या कंस्ट्रक्शन इसका करवाया ठीक है जिससे कि ट्रांसपोर्टेशन जो है वह सही तरीके से हो सके अभी हमने देखा कि जबकि एक तर था कॉर्टेज इंडस्ट्रीज जो थी लगव उद्योग वो डिक्लाइन हो रहे थे उनका बहुत नुकसान हो रहा था दूसरे जब क्राफ्ट परसन जो थे उनका नुकसान हो रहा था लेकिन यही पर एक ग्रूप था जिसका यहाँ पर फायदा हो रहा था जिसकी इनकर्स थे इन्होंने क्या किया डल हॉजी की जो पॉलिसी थी उन सभी का फायदा उठाया जो चीजें यहां पर इंपोर्ट होती थी वह चीजें यह इंपोर्ट करने लगे जो चीजें एक्सपोर्ट होने होती थी फार्मर से खरीदते थे और उन अच्छी खासी वेल्थ आने लगी दूसरी तरफ यहां पर कम्यूनिकेशन और ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम जो था वह जो इनके प्रॉफिट के लिए था वह सिस्टम जो था वह किसके लिए था कि वह था सिस्टम जो ट्रांसपोर्टेशन और कम्यूनिकेशन सिस्टम था यह ब्रिटिशर्स ने अपने फायदे के लिए कराया था जो यह ट्रेड किया जा रहा है आसानी से हो सके इसके लिए कराया जा रहा था यहां पर अचानक से लोग है वह रेबल कर दिए तो गोला बारूद मंगाना है वह उसके लिए हो रहा था ठीक है तो यह सारी चीजें वह कर जरूर रहते हैं बट उसे अंदाजा नहीं था कि लॉन वे में आगे चाहिए चलकर इंडियन के लिए बहुत ही फायदेमंद होगा जैसे ट्रेड एंड कॉमर्स जो था वो इंकरेज हुआ ठीक है भाई यह सारी चीजें बढ़ी अभी हम लोगों ने देखा कि मर्चेंट जो थे उन्होंने किस तरीके से ट्रेड करना शुरू कर दिया ठीक है तो trade and commerce जो था वो encourage हुआ उसके साथ ही साथ हम देखें कि लोग जो थे एक दूसरे से ज़्यादा connected होने लगे roads अच्छी हो गई dark and postal जो services post and ऐसी services जो थी वो शुरू हो गई तो लोग इसकी वज़े से connected हो रहे थे दूर तक उनकी पहुंच हो रही थी इसके बाद हम देखते हैं कि revolution आता है तो वो सारी चीजे भी इन लोगों को क्या करती है जैसे इंडिया के जो लोग थे वो लोग क्या करते हैं उनके बारे में जानते हैं जिसकी वजह से वह रिलूशन जो वहां आ रहा था उसे नेशनलिस्ट की एक भावना जो थी नेशनलिजम की वो इनके अंदर भी आने लगी तो ठीक है उन्होंने करवाया ये अपने प्रॉफिट के लिए था बट आगे देखते हैं कि वही चीजे आता है कि वह यहां की एजुकेशन पॉलिसी जो है वह भी सुधारी जाए उससे अपना भी प्रॉफिट होगा क्या प्रॉफिट होगा भी आगे समझते जाएंगे ठीक है तो उसके लिए फिर आगे यह चार्टर एक्ट 1813 लाते हैं ठीक है एजुकेशन पॉलिसी के लिए कौन सा चार्टर लाते हैं चार्टर एक्ट 1813 लाते हैं सबसे पहले वह लो जिसमें होता है कि कंपनी की तरफ से ठीक है जो ब्रिटिश गॉवर्नमेंट है उसकी तरफ से क्या किया जाएगा कि इंडिया को वन लाख रुपीज चाहिए ठीक है तो बात हो गई कि भाई एडूकेशन के लिए यहां पर इतना जो अमाउंट है वह दिया जाएगा कि जैसे कि यहां के लोगों को एडूकेट किया जा सके जो कि काफी बैकबर्ड है लेकिन कंपनी के कुछ लोग जो थे उनका जानना था कि जो एडूकेशन है वह लिटरेचर इंडिया की जो एडूकेशन है लिटरेचर और साइंस की एडूकेशन होनी चाहिए लेकिन कंपनी की तरफ से क्या था पैसे तो आ गए थे बट कोई गाइडलाइन तब तक नहीं जारी हुई थी कि किस है कैसे स्कूल होंगे उनकी जो एडिकेशन होगी किस वे में होगी किस मीडियम में होगी कि चीजों की होगी ऐसा कुछ नहीं तब तक क्या था इंडिया की जो एडिकेशन थी वह किस तरीके की थी कि यहां पर जो रिलीजियस एडिकेशन वह दी जाती थी ठीक है तो चाहे मुस्लिम में देखा जाए हिंदू में ठीक है इसी तरीके की एडिकेशन दी जाती थी अब क्या हुआ कि कोई भी यहां पर गाइडलाइन जो थी वह नहीं दी गई थी जिसकी वजह से जो यह मनी मिला था एडिकेशन के लिए टू डिकेट्स तक यह पढ़ा ही रहा टू डिकेट्स मतलब मतलब 20 यह लगभग यह पड़ा ही रह गया इसको किसी ने छूआ ही नहीं ठीक है तब तक क्या हुआ कई कंट्रोवर्सी जो थी वह आगे आ गई क्या कंट्रोवर्सी थी वह हम लोग अभी आगे देखते हैं अब बात करेंगे देख दिवेट तो जो यह पर ध्यान देना है तो डिवेट इस बात का हुआ कि यहां पर एक ग्रुप जो था वह यह चाहा रहा था कि जो एजुकेशन हो दूसरा वह लोग चाह रहे थे कि क्लास मीडियम जो हो वह क्लासिकल हो यानि लैंग्वेज का जो मीडियम हो वह क्लासिकल हो ट्रेडिशनल जिस तरीके से चली आ रही थी जैसे गुरुकुल थे मदर से थे ठीक है उनमें एजुकेशन दी जाती थी तो यह इसी तरीके से चलते रहें बस उसमें सुधार करने की जरूरत है मीडियम लैंग्वेज का उन्होंने बोला कि होना चाहिए रीजिनल भाई जो कि छेत्र है उस हिसाब से लैंग्वेज होनी चाहिए रीजन के अकॉर्डिंग और दूसरा क्या कि जैसे हिंदूज है ठीक है गुरुकुल वगैरह में संस्कृत्र चलती थी ठीक है तो संस्कृत्र में एडुकेशन देना मदर्श है वहां पर पर्शियन लैंग्वेज उर्दू यह चलती थी तो उसमें करना तो इसी को बोला गया क्लासिकल मीडियम ठीक है तो उनका यह मानना यह था उसको कहा गया ओरियंटलिस्ट ठीक है क्लियर अगर कभी भी आ जाए और इंटलिस्ट ग्रूप क्या था तो आपको समझ में आ गया कि वो पुरानी जो शिक्षा पद्धिती या फिर कह सकते हैं एडुकेशन पॉलिसी चली आ रही थी उसी के फेवर में था बस उसमें कुछ सुधार के साथ नेक्स्ट जो सेकंड ग्रूप था ठीक है जिसको लीड कर रहे थे कौन लॉर्ड में कॉले इनकी लीडरशिप में था तो इनका कहना था कि जो इंग्लिश जो मीडियम होगा वो क्या होगा इंग्लिश होगा क्यों कि ये लोग मानते थे कि इंग्लि ठीक है तो इसी वजह से इन्होंने बोला कि इंग्लिश ही इसका मीडियम होना चाहिए यहां की education का इनकी जो बात थी उसको पूरा support किया किसने विलियम बेंटिक ने कि भाई ये सही कह रहे हैं education का जो medium हो वो English हो और जैसा की कहा जा रहा है कि यहाँ पर education किस तरीके से इनको कहा गया एंग्लोसिस्ट ठीक है तो यह ओरियंटलिस्ट हो गए यह हो गए एंग्लोसिस्ट ठीक है तो ये favor में किसके थे ये किसके favor में थे ये हम लोग को समझ में आ गया तो इस तरीके से यहाँ पर दोनों ने अपनी बात रखी उसके बाद British Government जो थी उनकी तरफ से Education Policy यहाँ पर पास की गई 1835 में कब 1835 में ठीक है तो नई Education Policy जो थी वो कब पास हुई थी 1835 में जिसके लि� जो मीडियम होगा वह इंग्लिश होगा और लिटेरेचर वेस्टर साइंस इन चीजों की इसमें एडुकेशन दी जाएगी परपर्स ऑफ वेस्टर एडुकेशन इस वेस्टर एडुकेशन का परपर्स क्या था वह हम समझते हैं कि बिना परपर्स के तो कोई काम नहीं होता क्या परपर्स था चलिए देखते हैं तो सबसे जो प्राइमरी एम था इनका यह था कि एक ऐसा ग्रुप जो है एक ऐसा क्लास यहां पर क्रिएट हो जाएगा जो देखने में तो इंडियन होगा बट उसकी सोच जो होगी उसकी जो मांसिकता होगी वह हम ब्रिटिशर्स की तरह हो होगी ठीक है मोराल्स वगैरह में भी वह हमारी तरह होगा जिससे क्या होगा जो सिविल सर्विसेस हमारी है वहां पर इनको एज़क लर्ख हम लोग रख लेंगे उची पोस्ट नहीं देंगे ठीक है वरना उसके पास पावर ज्यादा आ जाएगी उसको एज़क लर्ख हम लोग सिविल सर्विसेस में रख लेंगे जहां पर उनसे हम कम सैलरी में काम करा सकेंगे ठीक है वहीं पर अगर वो अपने ऑफिसर्स रखेंगे अपने क्लर्स रखेंगे यानि ब्रिटिशर्स को अगर उन लोग क्लर्क रखेंगे तो वहां पर उन्हें अ� अब इससे क्या होगा कि वो salary की जो cost थी वो अब reduce होगी क्योंकि वो इनको काम देंगे कम salary पे ठीक है इसके अलावा क्या होगा कि जब वो हमारे जो education है उसको adopt करेंगे हमारे साथ काम करेंगे तो उनकी सोच उनकी मानसिकता भी change होगी जिससे कि उनका taste भी change होगा और उससे हम चीजों को पसंद करेंगे ठीक है उन्हीं चीजों को प्रेफरेंस देंगे तो जो हमारे मैनिफेक्टर है उनको भी फायदा होगा जिससे हम जो हमारी कंट्री है उसका भला होगा हमारी कंट्री बढ़ेगी ठीक है ऐसा था उसके अलावा उनकी एक और फीलिंग थी मतलब एक और उनकी सोच थी कि जब हम इन्हें अपनी एडुकेशन देंगे हम इन्हें जॉब देंगे तो उससे क्या होगी इनके अंदर हमारे लिए एक रिस्पेक्ट की फीलिंग होगी ठीक है जिससे हम यहां पर जो अपना एंपायर बढ़ाना चाहते हैं उसको मजबूती मिलेगी ठीक है तो इसलिए वो फेवर में थे या कह सकते हैं उनका यही परपस था वेस्टर एजुकेशन यहाँ पर फलाने का जॉब उसी को दी जाएगी गवर्नमेंट जॉब जो कि इंग्लिश एड्यूकेशन लिया होगा ठीक है तो इंग्लिश स्पीकिंग रूप जो था या इंडियन जो थे वह रेडी हो गए जो कि ब्रिटिश रूल जो था ब्रिटिश एंपायर जो था उसको रूल करने में हेल् जिसने की पूरी तरह से इंडियन जो कह सकते हैं कि रिचुअल्स थे या फिर इंडियन जो कल्चर था उसको उन्होंने रिजक्ट किया साथ ही साथ उन्होंने क्या किया ब्रिटिश गुट्स ब्रिटिश कल्चर उनको पैटरनाइज किया उनको उन्होंने अडॉप्ट किय अप्ट किया क्या इतना हुआ और भी बहुत कुछ वह एक ऐसी चीज जो कि ब्रिटिश ने सोची भी नहीं थी वह यह थी कि लोगों के अंदर अवेरनेस भी बहुत ज्यादा आ गई से ठीक है कि उनके साथ गलत हो रहा है जो ब्रिटिश अंपायर है यहां पर पर बैड इफेक्ट वह डाल रहा है ठीक है जिससे कि हम बाद में देखते हैं कि नेशनलिजम की भावना जो है वह लोगों के अंदर और ज्यादा आ जाती है अच्छा अब जब लोग यह पढ़ लिख गए थे लोगों का कम्यूनिकेशन और लोगों का एक तो उससे लोगों के अंदर एक डिमांड आने लगी कि उनको डेमोक्रेटिक इंस्टिटूशन चाहिए इसी जमान यूरोपेन नेशनलिस्ट मुविमेंट भी चल रहे थे और उससे भी लोग जो थे वो अवेर हुए उससे लोग इंफ्लूएंस हुए उससे लोगों को समझ म क्या करेंगे हम लोग भी इनके अगेंस्ट मूवमेंट जो है वह कर सकते हैं ठीक है इस तरह से इंग्लिश की इंट्री जो थी हमारी एजुकेशन में उसने प्रूव किया कि वह हमारे लिए ब्लेसिंग है ठीक है और यहां पर देखा जाए तो इंग्लिश अब क्या थी अब वह इंग्लिश जो थी ना वह अब लोगों के बीच में क्या बन गई कम्यूनिकेशन का एक माध्यम बन गई एक मीडियम बन गई कि लोग इसमें अपने आइडियाज जो थे वह एक दूसरे के साथ एक्सचेंज कर सकते थे यहां पर रीजिनल बैरियर जो थे वह टूट गए अच्छा अब इसका मतलब क्या है कि यहां पर लोग जो थे वह युनाइटेड हो गए अ ठीक है एडिकेटेड इंडियन जो थे वह उन्हें यूनिटी बॉर्ड था वह बन गया ठीक है रिजिनल बेर बेरियस टूट गए कम्यूनिकेशन जो था वह ज्यादा अच्छे से होने लगा इसका मतलब यह था कि देखिए पहले क अलग रीजन में लोग रहते थे ठीक है कोई पंजावी बोल रहा है कोई उडिया बोल रहा है कोई तमिल बोल रहा है ठीक है सबकी अपनी लैंग्वेज थी तो हर कोई दूसरे की लैंग्वेज नहीं बोल रहा है ठीक वो नहीं समझता नहीं बोलता ठीक बनने के साथ ही साथ idea के exchange का भी medium बन गया ठीक है समझ में आ गया और इसी लिए ही यहाँ पर एक वरदान की तरह एक blessing की तरह साबित हुआ जिसने की आगे चल कर nationalism का nationalism की spirit का shape लिया की मतलब लोग के अंदर nationalism इस तरीके से आगे और ज़्यादा बढ़ गया तो यहाँ पर हमारा