हेलो हेलो फ्रेंड्स वेलकम टू माय ब्रदर्स वेयर रूपाली वर्मा आरजू मैं आपके लिए वीडियो लेकर आई हूं वह क्लास नाइंथ के लिए क्लास नाइंथ हिंदी कोर्स ए में व्याकरण का आज का टॉपिक हम आपको समझाने जा रहे हैं वह इस समाज इसका डिटेल एक्सप्लेनेशन में पहले दे चुकी हूं तो आर्ट हम इसमें कंप्लीट चैप्टर जो कंप्लीट टॉपिक रिवीजन है इसमें हम फटाफट पूरे टॉपिक को रिवाइज करेंगे जो मेल मैसेजेस भूत यह सभी को समझेंगे याद रखिए अगर आप पहली बार इस टॉपिक को देखने जा रहे हैं तो इसे डिटेल एक्सप्लेनेशन के साथ स्टार्ट करें का यह नहीं कि आप एक रिवीजन ले लिया रिवीजन तो तब हम करते हैं ना कि जब उसको पहले से पढ़ चुके हैं तो यह ध्यान रखिएगा पहले डिलक्स ने सिर्फ डेढ़ कंप्लीट चैप्टर ई सब ओके चलिए स्टार्ट करें क्या है हमारा टॉपिक हमारा टॉपिक है समाज क्या है यह चमार शब्द का शाब्दिक अर्थ है संग्रह सम्मिलन संख्या मिश्रण कहने का तात्पर्य यह कि यहां पर किसी भी चीज को मिलाकर छोटा कर दिया जाता है तो अब जाहिर सी बात है यहां पर कोई दाल सब्जी को भी तो मिलाएंगे नहीं तो हम यहां पर शब्दों को मिलाते हैं यानी कि जो बड़े-बड़े शब्द होते हैं उनको हम मिलाकर छोटा करेंगे अब यह क्यों किया जाता है देखिए इसका बुक कई कारण है जैसे कि हमारी जो भाषा है हिंदी उसमें हम सौंदर्यीकरण करने के लिए अक्सर ऐसी चीजों का इस्तेमाल करते जैसे अलंकार का इस्तेमाल होते हैं उसी तरीके से समाज का इस्तेमाल होते तो इसमें इसमें सुंदरता तो आती जाती है दूसरा हम लर्न देने से बचते हैं कि काफी चीज की व्याख्या काफी लंबे शब्दों में करनी पड़ती थी उसे हम सिंगल एक शब्द में ही व्यतीत कर देते हैं एक पिक तो समझ में आ गया आपको कि समाज का शाब्दिक अर्थ होता है संग्रह सम्मेलन संछेप यह मिश्रण अर्थ किसी भी चीज को मिलाकर छोटा करती ना फिर है व्याकरण दृष्टि से दो या दो से अधिक पदों के मेल से जो नया शब्द बनता है उसे समस्त कहते हैं व्याघ्र दृष्टि से अब यह क्या होता है अब यह जितने भी आप देख रहे हैं यहां पर जितने भी लिखे हैं इस तरह का अपना स्थान है अपना एड्रेस है और वह कहलाता है यानि कि किसी भी वाक्य में की पोजीशन यानि कि उसका पता होता है वह व्यक्ति पर ही होता है यहां से हम क्या करते हैं को मिला देते होंगे या दो से अधिक शब्दों में मिलाने के बाद वह क्या मस्त है है अब इसमें आपको यह तो समझ में आ गया क्या है शब्दों के मेल से नए शब्द बनाने की प्रक्रिया को समाज कहते अब नया शब्द बन गया वह समस्त पद लेकिन इसके पूरे प्रोसीजर को हम क्या बोलेंगे समाज यानि कि शब्दों के मिलाने के पोर्स तरीके को हम बोलते हैं समाज और बनकर जो नया शब्द प्यार होता है वह कहलाता है समस्त पत्र आदि जैसे गंगाजल रामावतार पत्र उत्तर तो आप इसमें आप देख रहे हैं इसमें क्या था अब इसको अगर पहला देखें तो गंगा जल तो यहां पर अगर इसका हम यह एक समस्त पर है इसका अगर हम ग्रहण करेंगे तो क्या कहने का यह काजल हैं है अब इसे बोलते हैं रामावतार तो क्या हो जाएगा राम का अवतार विपत्र उत्तर पत्थर पत्र का उत्तर तो यह ग्रह अब इनको हमने क्या किया छोटा कर दिया तो यह हमारा क्या कहना है नया जो पद नया पथ जो बनाया जाकर वह कहलाया आपका समस्त पद और इसको मिलाने की कोशिश जरूर को हमने बोला समाज अब क्या वास्तव में कम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट करना ही समाज का मुख्य प्रयोजन है अब यह हम क्यों करते हमने आपको बताया था हमने बोला था कि अपनी भाषा को थोड़ा और अच्छा और प्रभावशाली बनाने के लिए करते हैं लेकिन इसका क्या बताया कि यहां पर हम कम शब्दों में अधिक चीजों को बयां करने के लिए इसका प्रयोग करते हैं मतलब कम शब्दों में दादा को एक मुहावरा घर में यानी कि कम शब्दों में बयां करना मैं अभी क्या है सुबह है जो आगमन ठीक है अब यहां पर इतना बड़ा शब्द है वह है जो आगमन तो अब इसको गरम छोटा करेंगे तो क्या हो जाएगा शुभागमन कि अब कितना बड़ा आधार इतने बड़े को हमने छोटा कर दिया तो वह अब देखिए देखने में तो सुंदर लगा ही लगा साथ ही इतने लंदपुर जिससे हम बचकर छोटे में आगे कम शब्दों में हमने ज्यादा जिसको बयां कर दिया तो यह हमारा समाज का प्रयोजन रहता है फिर आते हैं चक्र है विशुद्ध चक्र है पानी में इसके अतिरिक्त चक्र है पानी में इसके तो क्या होगा चक्रपाणि अर्थात विशुद्ध चक्र धारण करने वाले तो एक ही है ना तो पानी मतलब हाथ हो गया अब चक्र चक्र है पानी में इसके तो सिर्फ हम किसकी तरफ बोल रहे विष्णु जी की तरफ लेकिन अब क्योंकि हमें चक्र पानी को भी लेना है तो उन्हें चक्रपाणि अर्थात् विष्णु को बता दिया तो आप समाज क्या होता है इसका क्या प्रयोजन है हमने आपको यह समझा दिया क्यों हम ऐसा करते हैं फिर आते हैं समाज में दो पद होते हैं अब याद रखिएगा जब भी हम अ करें समाज बनाने की प्रक्रिया से पहले मैं हमेशा उसमें दो पद का उधर उधर मतलब हमने समाज बना लिया अब बनाने जैसे कि हम यहां पर बना रहे हैं गंगाजल लें तो अब इसमें दो पद हैं हमारे लिए पहला पदक पूर्व और उत्तर प्रद कभी पूर्व पद कभी उत्तर पर और कभी दोनों पद प्रधान होते कभी दोनों ही पद प्रधान हो जाते हैं और उनका एक विशिष्ट अर्थ महत्वपूर्ण हो जाता है अब क्या है देखिए यहां पर आप ध्यान से देखोगे तो यह एक समस्त पद है यहां पर हम बना चुके हैं यह अब यहां पर यह जल और यह गंगा ठीक है यह दो पद है तो आप अगर इसको ध्यान से देखोगे तो यह हमारा पहला पहले तो पहला पर हमारा क्या कह रहा है वह कहलाता है पूर्व पति फिर आते हैं यह दूसरा वाला दूसरा वाला हमारा क्या कहलाता है उत्तर-अ कि यह पुष्टि से आपको याद रखूंगी ध्यान रखिएगा ठीक है यह बहुत इंपोर्टेंट है क्योंकि इन्हीं के बेसिस पर हमारा समाज चलता है तो कभी पूर्व पथ यानी कि कभी इसकी प्रधानता होती है कभी उत्तर प्रदेश की प्रधानता होती है कभी दोनों की प्रधानता होती अच्छा यह तो 250 आपको बता दिए आप यह बूरा ही मतलब यह जो पूरा हमारा बनकर तैयार हो रहा है यह हमारा क्या कहलाता है समस्त पद ठीक है के दो पद होते हैं और उन्हीं से जो नए पद का निर्माण होता है वह कहलाया जाता है समस्त योग्य अब समस्त पदों को अलग करने की विधि को कहते हैं अब जो समस्त पद यानी कि यह हमारा समस्त पद अब इसको आपने समझ गया को क्लियर कर देती हूं कि मैं तो समझा सकूं है तो हमारा हमने पूर्व पर उतर पर दोनों बता दिया कभी पूर्व प्रधान रहेगा कभी उत्तरपद प्रधान रहेगा कभी दोनों ही प्रधानी अभी प्रधान का क्या तात्पर्य प्रदान करता है पर इंपॉर्टेंट इससे अब अगर दोस्त वर्ड है तो दो में क्या होगा कभी एक वर्ड इंपॉर्टेंट ज्यादा होगी कभी दूसरे इंपॉर्टेंट ज्यादा होगी कभी दोनों इक्वल इंपोर्टेंट करेंगे ठीक है अभी कैसे होगा मैं आपको आगे बताऊंगी तो अब हम सबसे पहले देख लेते हैं कि समास विग्रह क्या होता है जब समस्त पद हमारे पास दिया रहता है उसको जब हम अलग करते हैं तो वह कहलाता है हमारा समास विग्रह जैसे आप यहां देख रहे थे जल्दी इसको हमने अलग हो गया गंगा जल जाते हैं तो पद को ग्रहण किया तो क्या यह हमारा अलग करने की प्रक्रिया क्या कहलाती है तो अभी तक आपने जो सीख लिया क्या कि समाज का निर्माण ठीक है समाज का निर्माण तू पदों से होता है पूर्व पद उत्तर प्रद और उनसे जो नया पद बनता है वह कहलाता है समस्त इस पूरी प्रक्रिया को हम कहते और जब हमारे पास समझ कर दिया रहता है तब विक्रय करते हैं तो वह कहलाता है यह अभी तक हमने समझा हमने हमारे पास समस्त पद समास-विग्रह तो इसमें हमें सब्सक्राइब भी बहुत जरूरी होता के नाम पूछे जाते हैं तो यहां पर दो ए क्या है तत्पुरुष समास कर्मधारय समास विग्रह समास द्वंद समास बहुव्रीहि समास अव्ययीभाव समास तो यह हमारे क्या होते हैं समास होते हैं उनको ध्यान रखना है इन में अपनी हर एक पहचान अलग होती है सबको बताएंगे कुछ अगर इजी है तो कुछ सकती है अब सबसे पहले हमारे पास आता है तत्पुरुष समास तत्पुरुष समास को बहुत ही अच्छे तरीके से आप पहचान सकते हो अगर आपको कारक अच्छे से याद है तो अब हमने बताया था कारक कर्ता ने कर्म उद्धरण से यह हमने कारक आपको बता देना तो उन्हें इसे हम फटाफट जो है तत्पुरुष समास की पहचान कर लेते कैसे कि तत्पुरुष समास में उत्तरपद प्रधान होता है अब मैं उत्तर पथराव बताया था वाला है है तथा पूर्ण पर गौर होता है पहला वाला पति इंपोर्ट ड्यूटी इस पर समस्त पदों का लिंग और वचन अंतिम पद के अनुसार ही होता है यानि कि इसमें जो भी आपके लिंग रहेगा अंतिम पर यानि उत्तर-पूर्व में दोनों संध्या संध्या और दूसरा होता है तो दोनों ही रहेंगे या आप बहुत सारी में बहुत पसंद आया होगा और दूसरा अब यह ध्यान रखें दोनों पहला और दूसरा भाग कि इस समाज में समस्त पर क्लिक करते समय कारक विभक्ति या एकाधिक शब्दों का लोप हो जाता है यानि कि जब हम इसमें इनका सकते हैं समस्त बनाते हैं तो उनके बीच कारक विभक्ति लगी होती है ताकि के लिए से पर में यह सब विपत्तियां आती हैं यह सब व्यक्तियों का लोग जाता है कि व्यक्ति हट जाती है अब हम इसे उपयोग व्यक्तियों के कारक के अनुसार इस समय में लिखित किए जाते हैं अर्थात तत्पुरुष समास के भी व्यक्ति खत्म होती में बनाएंगे तो खत्म हो जाएंगे खत्म होंगी तो उन्हें व्यक्तियों के अनुसार है जैसे कि हमारा देखिए कर्म तत्पुरुष समास अब तक पूर्व तो अब कर्म की व्यक्ति को पता है चाहिए तो यहां पर कर्म की भक्ति क्या होती है को क्या है कर्म उत्तर-पूर्व के अंतर्गत समस्त पद में कर्म कारक विभक्ति को का का लोप हो जाता है को ठीक है यह हमारी व्यक्ति को का लोप हो जाता है लोग हो जाना मतलब मिरजाना गायब हो यहां पर क्या है आप देख रहे हैं समस्त पद क्या है आदि थे अर्पण तो क्या होगा अतिथि को अर्पण तो अब यहां पर आप देखेंगे अगर तो यहां पर को लगा है अगर आपके पास इस तरीके से दिया है आप इसका समस्त पद बना रहे हैं तो यह क्या होगा आपका यह आधा तत्पुरुष कर्म तत्पुरुष समास हो जाएगा फिर देखिए परलोक गमन परलोक गमन यहां पर भी को तो जहां पर भी अगर को लगा हुआ है और आप समझ बना रहे हैं तो सिंपल लीजिए कि वह क्या है आप कर्म तत्पुरुष समास है तो चलिए आगे बढ़े नेक्स्ट वैध है हमारा तक पुरुष का व है करण तत्पुरुष समास पृथ्वी के कण तत्पुरुष के अंतर्गत समस्त करण कारक कि व्यक्ति से के द्वारा का लोप हो जाता है एवं पूर्व प्रश्न का उत्तर प्रदेश संबंध स्थापित हो जाता है मतलब जब हमारे पास इस तरीके से दूसरे दिया हुआ तो इसमें से जो है वह आपका हट जाएगा और हमारा शपथ बन जाएगा किस तरीके से अब जहां से लगा होगा आप तुरंत समझ जाइए का वह कण तक उसे अच्छे से एक व्यक्ति में और लगता है उसको भी आपको ध्यान देना है जो से लगता है एक जगह होता है कहीं पर से होता है जहां पर कोई चीज अलग होने का हमें बुध होता है जैसे हम बोलते हैं आपका कोई चीज जैसे अधीन तो क्या है धन से ही तो किसी व्यक्ति से धन अलग हो रहा है तो जहां पर इस अलग होने का बोध होता है वह हमारा कर्ण तक पुरुष में नहीं आएगा कि वह क्या है वह बनाकर बताऊंगी मैं यहां पर क्या है जब आप देख रहे हैं यह चीज गुड से युक्त यानि कि गुणयुक्त दूसरा है जन्म से अंधा यानि कि जन्नत यह जाएगा आपका करण तत्व अब इसके बाद हम आते हैं नेक्स्ट हमारे संप्रदान तत्पुरुष के लिए संप्रदान तक पुरुष में हमारी जो भक्ति है वह एक के लिए संविधान उत्तर-पूर्व के अंतर्गत समस्त पद रमेश संप्रदान कारक कि व्यक्ति के लिख लो हो जाता है तो इसकी व्यक्ति हमारी क्या है के लिए लूप होता है यहां पर कह समस्त पद है रसोई घर और रसोई के लिए तो जहां पर भी आप देखेंगे के लिए है तुरंत जान चाहिए क्योंकि यह संप्रदान कारक है और यहां पर क्या लग रहा है संप्रदान तत्पुरुष समास लगेगा फिर है युद्ध क्षेत्र तो युद्ध के लिए क्षेत्र जहां के लिए लगा तो तुरंत हमने उस क्वॉलिफाई कर लिया कि यह हमारा संप्रदान तत्व आपको विपक्ष याद रखनी है तो उसके लिए आपको कारक क्विक भक्ति चिन्ह याद करने पड़ेगी जैसे आपको याद हो जाएंगे इसमें कोई भी तरह की परेशानी आपको नहीं आई और फिर अपादान तत्व तत्पुरुष समास तो यहां पर क्या है अब तक पुलिस के अंतर्गत समस्त पद में प्रधान कारण कि व्यक्ति से का लूप हो जाता है अब यहां पर देखिए फिर से करण कारक से था ना मैंने आपको बताया था कि से एक और लगे का यहां पर एवं पूर्व उत्तर प्रदेश से संबंधित यहां पर जो हमारा पदार्थ में लगता है मतलब यहां पर किसी से पूछ इस रोग से युक्त रोग से मुक्त यहां पर आप किसी व्यक्ति किसी से अलग हो रहा है तो इसलिए वहां पर मुक्त ऋण से मुक्त यहां पर किसी का कर्ज से मुक्त हो रहा है के दंश से ही निर्मित कोई व्यक्ति धन से जो है उसके जरनल अधूरा तो जहां पर अलग होने के भाव के साथ से लगता है वहां पर हमारा क्या होता है प्रधान तत्पुरुष समास इसके अलावा से जहां पर भी लगेगा वह हमारा करण तत्पुरुष समास के अंतर्गत आएगा तो फिर हमारा है शिफ्ट चहल संबंध तक उस बहुत ही इजी है इसकी विभक्तियां होती है कि यहां संबंधों के अंतर्गत समस्त पदों के संबंध कारक शुक्र लूप होता कैसे देखिए भारत रत्न भारत कार आज्ञानुसार आज्ञा के अनुसार घुड़दौड़ घोड़े की दौड़ तो आप यहां देख रहे हैं का तो जहां पर यह इस तरीके की लगी कि वहां पर हमारा क्या होगा वहां हमारा होगा संबंध तत्पुरुष समास को देख सकते हैं आप अ का नशा तत्पुरुष समास अब यह क्या होता है इसमें होता है जिस समस्त पद में पहला पद नकारात्मक को उसे नष्ट तत्पुरुष कहते हैं आप यहां पर क्या है आप इसमें यह देखो अवस्थित यहां पर होगा नत अज्ञान तो आप यहां पर जो होता है ना का प्रतीक होता है यानि कि यहां पर पहले में जहां किसी तरह की कोई बात से इनकार किया कि जैसे तत्पुरुष समास है है अब आते हैं हम कर्मधारय समास में किस में आ जाएंगे हम कर्मधारय समास अभी पहला हमारा तत्पुरुष समास अब दूसरा आ रहा है कर्मधारय समास तो अब तत्पुरुष समास अमिताभ सीधे समझ लो कि कारक विभक्ति हैं जहां लगेंगी से के लिए के द्वारा का की के मैं पर यह सभी हमारे किस पर आते हैं हमारे तत्पुरुष समास के अंतर्गत आइए अब इसके बाद और आगे चलते हैं वह हमारा दूसरा समाज यानि कि कर्मधारय समास कि गर्भ धारण समास में पहला पद विश्लेषण और दूसरा पद विशेष होता है ठीक है पहला विश्लेषण और जिसकी विशेषता बताई जाए अर्थात विशेष वह दूसरा पदों का पूर्व तथा उत्तर प्रदेश में उपयुक्त मान संबंध भी हो सकता है यानी कि हम किसी की उपमा दे रहे हैं वह भी हो सकता है कैसे देखिए स्पेलर समस्त क्या है नीलकंठ अब यहां पर आपको दो पैर दिखाई दे रहे हैं देखिए नीचे और कंठ यह दो पैर दिखाई दे रहे हैं अब इन दो पलों में पहला पद हमारा क्या है विशेषण है और दूसरा क्या है विशिष्ट विशेष मतलब वह जिसकी विशेषता बताई जा रही है तो यहां गले की विशेषता बताई जा रही है कि वह नीला है तो यह हमारा विशेष है और मीन हमारा क्या है विशेषणों का उसका विग्रह क्या होगा नील है जो घंटा ध्यान रखिए कर्मधारय समास में हमेशा विग्रह इसी तरीके से किया जाएगा यानी कि आप पहले पाद के पद आदमी है जैसे शब्द के साथ जोड़कर बनाऊंगी नीला है कंठ जिसका फिक्र नीला है जो कंठ सिंपल अभी-अभी विग्रह के तरीके पर आपको बहुत कुछ डिपेंड करता अगर आपने यहां पर बोल दिया नीलकंठ का विग्रह नीलकंठ अ श्री नीलकंठ तो यह ग्रह सही नहीं हुआ इसलिए आपने कर्मधारय समास का विग्रह जो है सही से नहीं किया कि वह गलत कर दिया जाएगा इसका विग्रह इसी तरीके से होता है नीला है जो कंठ उसी तरह दूसरा आते हैं परमानंद जो परम है जो आनंद जो पहला हमारा विश्लेषण है और दूसरा हमारा क्या है विषैले यानि की संख्या भाववाचक संज्ञा है आनंद उसकी विशेषता बताई जा रही है कि वह परम है यानि कि बहुत सकता है तो इसका देखिए अब यह ध्यान रखना है आपको पहला पद विशेषण दूसरा यानी कि उत्तर पर आप का विषय होगा साथ ही आपको इसका विग्रह का तरीका यानि इसको हमें करना कैसे मिला है जो कि इसी तरीके से हम करेंगे है नेक्स्ट जाते हैं तीसरा आपका दिग्गू समाज को समाज में क्या होता है जिससे मानसिक पद यानि कि समस्त पद का पहला पद संख्यावाचक विशेषण हो उसे द्विगु समास कैसे संख्यावाचक विशेषण अर्थात पहले पद में आपको संख्या दिखाई देगी संख्या कैसे देखें त्रिफला तो पहला आपका यहां पर जो प्रधानमंत्री और फिर है सबसे पहली बात याद रखना यह संख्यावाची होगा और साथ ही यानि कि अब तो दूसरा जो उत्तर प्रदेश है वह कर्मधारय में विशेषण-विशेष्य था लेकिन यहां क्या फर्क है यहां पर चीज दूसरा विशेष है लेकिन इसमें पहला पद संख्यावाचक तो यहां पर मतलब हुआ तो क्या हुआ 3 फलों सब्सक्राइब ध्यान रखिएगा हम समुद्र में समा झाल जैसे शब्दों का इस्तेमाल करेंगे तो समाज के विक्रम यह चीज ध्यान रखनी पड़ेगी आपको जैसे हमने बताया त्रिफला तो क्या होगा अत इन फलों नवरत्न मतलब मतलब स्कूल रहते हैं तो क्या होगा नवरत्नों तो यहां पर आप देख रहें हैं कि समूह और को हम करते समय तो वह बहुत जरूरी है उसे आपको करने के तरीके पर बहुत कुछ इस पर डिपेंड करता है बहुत ही भव्य समारोह में पद में कोई भी पद प्रधान ने दोनों मिलकर किसी पद की ओर संकेत करते हुए कहते अर्थात हमारे पास जो दिए गए हैं उन्हें किसी की लेकिन जब मिलेंगे और तब मिलकर वह किसी 30 आपके तरफ ही हमें इशारा करें ठीक है कैसे देखिए बताती हूं जैसे चतुर्मुख अब चतुर्मुख अब यहां पर हम किसकी तरफ इशारा है वह चार मुख बहुत सारे लोग होते हैं यह लोग यहां तो आप पहला पद विषय रहे हैं और विश्लेषण देख रहे हैं दूसरा पद विशेष है और संख्या में लेकिन नहीं डालेंगे हम क्यों नहीं डालेंगे कारण यह है कि चतुर्मुख जो है वह संसार में सिर्फ कौन है वह चार मुख जिसके किसके हुए ब्रह्माजी के ब्रह्म के चारों और किसी के नहीं होते ना तो यहां पर हम क्या कर रहे हैं किसी तीसरे की तरफ इशारा करते हैं अच्छा ठीक है तो वह हमारा क्या कहलाता है Baahubali ए तो यहां पर गए चतुर्मुख चार है मुकेश के अर्थात ब्रह्म फ्रंट त्रिलोचन अब तीन नेत्र किसके बूते संसाधनों पर पहला पसंद चाहिए तो यही चीज आपको जरा-जरा सी चीज ध्यान रखें कि संख्या जहां पर तो आप होगा लेकिन यह भी ध्यान रखना है कि उससे निर्माण जो है अगर वह संसार में सिर्फ है तो हम हमेशा इस पर डाल देंगे अब जैसे यहां पर हमने त्रिलोचन तो क्या होगा तीन आंखें हैं जिसकी मदद से होते होते हैं ठीक है तो यहां पर किसी तरह मिश्रा वीणा पानी पानी पानी यहां पर किसके किसका हाथ है अपने हाथ में तो क्या होगा वीणा है पानी में इसके अर्थ सरस्वती सिंपल बहुत इजी तो इसको आपको यह ध्यान रखना है कि यह संसार में सिर्फ एक जैसे हम गजानन तो वजह के समान है जिसका अर्थ होगा कि शीघ्र पूरे संसार में तो क्या होगा वहां यह मुकेश अर्थात रावण तो यह जो आपके विश्व में सिर्फ यह हमें इसी तरीके से आप चाहे तो इसे अर्थात कर सकते हैं जैसे यहां पर त्रिलोचन हैं कि अ हुआ है है अर्थात क्या हो जाएगा आप का शेप अगर आप ऐसे भी लिखना चाहते हैं तो ब्रैकेट में आप ऐसे करके है ब्रह्मा भी लिख सकते हैं ठीक है बट में लिख दीजिए या अर्थात करके इस तरीके से लिपटे दोनों ही तरीके से आप इसको लिख सकते हैं हैं नेक्स्ट जाते हैं स्वस्थ द्वंद समास समास क्या होता है जिस समाज में दोनों पद प्रधान मध्यमिक देखा तो कोई भी पत्थर धानी यहां पर दोनों ही प्रधान है और जिसमें पदों के मिलाने वाले समुच्यबोधक शब्दों वह और जिसमें पदों के मिलाने वाले समझ फूलों दौड़ तथा यह अथवा एवं का लुट जाता है उसे उन समाज कहते तो कहने का मतलब यहां पर क्या है कि यहां पर दोनों पद समान होंगे कि ध्यान रखिएगा और इनको मिलाने के लिए बीच में जो समुच्चयबोधक अव्यय कौन-कौन से आ गए और तथा या अथवा एवं का जो है लोप हो जाएगा मिट जायेंगे अब इसमें एक चीज जो आपको ध्यान देनी है क्या शब्दों के बीच में तो लगा लेते छोटे से इसको बोलते हों तो आप देखिए गंगा यमुना गंगा और यमुना स्वर्ग नर्क स्वर्ग और नर्क जैसे लाभ हानि लाभ या हानि लाभ हो सकता है यानी और हम सब खाते जो हम दोनों माता-पिता तो माता और पिता मम्मी-पापा हमारे पास दोनों एक साथ मौजूद वह सकते लेकिन अगर हम दोनों की होगी तो उस कंडीशन में में ऑन करो है अब आते सिक्स हमारा है अव्ययीभाव समास अव्ययीभाव समास क्या होता है हमारा यहां पर पहला पद भव्य होगा अवयवों शब्द जो किसी भी कंडीशन यानि की संख्या जो है लिंग वचन कारक क्रिया काल कुछ भी लगा लें उनका स्वरूप नहीं बदलता वह आप देख लेते हैं इसीलिए उसको क्या बोलते अबे बहुत समास कि जिस पद में पूर्व यानी कि पहला पद जो है वह भव्य हो तथा उसके योग से समस्त पद भी भव्य बन जाए उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं तो ध्यान रखिएगा यहां पर पहला पर आप जो भी हो सकता है और आपका उत्सर्ग भी हो सकता है ठीक है कैसे अब जहां पर भी पथराव किया था मतलब क्या होता है जो कि जैसी उसी के अनुसार था मतलब अनुसार तो क्या था विधि के अनुसार विग्रह पर ध्यान दीजिए फिर यथासंभव जितना संभव हो सके तो यहां पर जो है यथा यथा अब जैसे देखेंगे प्रतिदिन तो यहां पर प्रतिशत जो है वह हमारा क्या होगा अब यहां पर हम ना में प्रसिद्ध तो आप यह जो देख रहे हो यहां पर यह प्रति हमारा क्या है यह भव्य क्या है अब जैसे अ कि अब यह और हम किसके बारे में बात करें दिन के बारे में बात करें तो जहां पर पहला पद हमारा पहला पद अर्थात हमारा पूर्व वध कि पूर्व पद हमारा अवयव रहेगा वह हमारा क्या कहलाएगा आपका अव्ययीभाव समास कहलाएगा अच्छा इसमें पहला पद आपका उपसर्ग भी हो सकता है ठीक है तो यह आपको बहुत ध्यान से लिखते हुए देखते हुए उतरना पड़ेगा किसको क्या है तो चलिए अब यह हमारे छह समाप्त हो गए अब वो मानते हैं कुछ पृष्ठ और कुछ अभ्यास कर सकते तो पहला प्रश्न है समास का शाब्दिक अर्थ बताइए डेफिनेशन याद रखनी पड़ेगी क्या है क्या समाज का शाब्दिक अर्थ है संग्रह सम्मिलन संक्षेप आदि तो यह इसका शाब्दिक अर्थ होता है परिभाषा भी याद कर लीजिए का यह भाषा भी पूछे जा सकते हैं दूसरा प्रश्न है समाज के कितने भेद है प्रत्येक का नाम लिखिए तो क्या होता है समाज के आपके कितने हैं छह भूत पहला है तत्पुरुष समास विग्रह समास द्वंद समास कर्णधार समाज बहुव्रीहि समास अध्यापक अगर आपसे तत्पुरुष समास पूछा जाएगा तो उस अगर मान पूछ लीजिए कि तत्पुरुष समास तत्पुरुष समास के भी छह भेद हैं आपको भी बताने पढेंगे कर वृद्ध पुरुष संप्रदान तक पुष्कर्ण तत्व प्रधान सर उत्तर शुरुआत आपके नव तत्पुरुष और आपका अधिग्रहण तत्पुरुष समास तो यह सारे तत्व समय-समय पर यहां मैं बता देंगे तो इतने आपके 6 हो जाएंगे अब आते हैं कुछ अभ्यास कार्य क्या है आप व्यास कार्य निम्नलिखित समस्त पदों का विग्रह कीजिए तथा समास का नाम लिखिए अब यहां पर क्या है हमारे पास समय पर दिया है विग्रह इसका करना है और हमें नाम भी बताने तो ध्यान से देखिए जो समझ कर दिया है वह देव मूर्ति इसको अगर प्रेस करेंगे तो क्या है देव की मूर्ति तो अब यहां पर जैसे ही आप की आता है कि हमने यह आपका या संबंध तत्पुरुष संबंध यहां पर इसकी पहचान संबंधी तक पुष्टि की कि यह संबंधित पर उसकी पहचान फिर लिखित हाथ से लिखित यहां पर हम किसी भी तरह के अलगाव का पता नहीं चल टॉर्च लाइट इसलिए यह से हमारा किसके अंतर्गत आ जाएगा करण तत्पुरुष के अंतर्गत आ जाएगा और फिर आते हैं कि रीडर क्षेत्रीयता के लिए क्षेत्र के लिए शब्द किस की पहचान होती है संप्रदान तक पुरुष की पहचान होती फिर हम कुल परंपरा कुल की परंपरा अब की होने के कारण यहां पर हमारा संबंध तत्पुरुष समास अगर आपको कार्य किया है तो बहुत अच्छा है हमेशा के साथ ही पुरुष को करें जैसे यहां पर की तो संबंध तत्व आ सकती हैं यहां पर आप देख रहे हैं हमारा क्या है वह भव्य विग्रह करेंगे तो क्या होगा आपका शक्ति के अनुसार था मतलब ही अनुसार प्रति का मतलब क्या होता है हर दिन प्रति व्यक्ति हर आधे तो यहां पर अब इस कि अगर एक्सर्साइज देखेंगे क्या निम्नलिखित विग्रहों के समस्त वन आइए तथा समास का नाम लिखिए अगर आपके पास में क्या दिया गया है आपको समास विग्रह प्रस्तुत कर दिया गया उसका समस्त बनाना है जिस समास का नाम लिखना है तो यहां क्या हो रहा है कार्य में रत अब मैं इसमें आता है आपका अधिकरण में इसमें आता है अधिकरण तो यहां पर क्या कार्य में रत कार्रत अधिकरण तत्पुरुष समास में पर ऊपर अपने कार्य किया कि हैं तो बिल्कुल भी दिक्कत नहीं होगी मैं पर ऊपर पहचान होती है अधिकरण तक पूर्व यानी कि अधिकरण कारक कि इसे यहां पर आएगा अधिग्रहण तत्पुरुष समास फिर आते हैं चंद्र की कला अब यहां पर क्या देख रहे हैं कि के कारण यहां पर क्या हो जाएगा संबंध तत्पुरुष समास तो क्या होगा चंद्रकला संबंध तत्पुरुष समास नीला है जो गगन अभियुक्त किस तरीके से आपको सबसे पहले देखना विग्रह मिला है जो गगन तो सिंपल नील तो बन जाएगा लेकिन इसका अगर हम नाम लिखेंगे तो क्या हो जाएगा पहला पद आपका विशेषण दूसरा विशेष यानि कि आपका कर्मधारय समास होगा फिर देश से निकाला अब यहां पर सेवन उद्देश से अलग किया जा रहा है तो जहां अलग किया जाता है वह क्या होता है पदान तत्पुरुष समास तो यहां पर देश से निकाला यानि कि देश निकाला अब यहां पर अलग की भावना है इसलिए क्या कर दिया हमारा आप तांत्रिक पूर्व देख सकते हैं बिना लगाम के तो क्या हो गया बिग विन लगाम ठीक है अबे जो बेलगाम आपका बिना लगा यानि कि हमारा उत्सर्ग हमने आपको बताया था अबे समाज में प्रथम पद हमारा जो होगा और साथ ही साथ उपसर्ग भी हो सकता है यहां पर पहले हमारा आ रहा है आप पर गर्व है हुआ है कि अब सरकार है तो इसलिए यह हमारा क्या हो जाएगा अब यह भाव समाज भी वह चाहे सिंपल इस तरह एक्सरसाइज करते रहिए तो आप बहुत अच्छी तरीके से समास समझ भी जाएंगे हमेशा प्रैक्टिस बनी रहनी चाहिए प्रैक्टिस करके रखेंगे आपके लिए यह सारी चीजें रूटीन इजी होती चली जाएगी तो यह सब चीजें जो तब हम बता रहे हैं आपको कहां मिलता रहेगा इसके लिए आप हमारे चैनल पर यह मेज़ पर यहां पर आप इस तरीके से पेज ओपन होगा सीबीएसई के ट्यूटर इंग्लिश प्रवेश करते ही आपके सामने ला सजायेंगे अब क्लास सिलेक्ट कीजिए नाइंथ नाइंथ में सारे सब्जेक्ट आपके सामने आएंगे जो कुछ पढ़ना चाहते हैं सिर्फ हिंदी ही नहीं बाकी सारे यह सब्जेक्ट है जो पढेंगे जो भी आप क्लिक करेंगे जैसे कि अब हम ग्रामर पढ़ाने ग्राम पर क्लिक करेंगे आप यहां पर ग्राहक क्लिक करते हैं आपके सामने इस तरीके से पूरी प्लेलिस्ट कि आप किसी और भी सब्जेक्ट को क्लिक करोगे तो प्ले लिस्ट आएगी उस प्ले लिस्ट में जो भी आप चैप्टर पढ़ना चाहते हैं वह चैप्टर क्लिक करेंगे उसके अनुसार एडिफिस आफ के लिए सारे इस साल एक्ट्रेस रहते हैं सारे टॉपिक दिए आप उसको कि जिस तरीके से आपके सामने वीडियो स्टार्ट होगा वीडियो देखिए अपने अच्छे से परेशान कीजिए नहीं समझ में आ रही है अच्छे से पढ़ाई करें थैंक यू फॉर वाचिंग माय