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मैना सुंदरी की प्रेरणादायक कथा
Sep 24, 2024
मेना सुंदरी की कथा
परिचय
आज की वीडियो में मेना सुंदरी की कथा के साथ सिद्ध चक्र महा मंडल विधान की महिमा के बारे में बताया जाएगा।
प्रमुख पात्र
राजा प्रजा पाल
: उजेन नगर के महा प्रतापी राजा।
राणियाँ
:
सोभाग्य सुंदरी
: पुत्री - सुर सुंदरी (मिठ्यात्व को मानने वाली)।
रूप सुंदरी
: पुत्री - मैना सुंदरी (सम्यक्त को धारन करने वाली)।
कथा के मुख्य बिंदु
सुर सुंदरी ने अपने पिता की कृपा से सब कुछ प्राप्त करने का उत्तर दिया।
मैना सुंदरी ने कहा कि सुख-दुख कर्मों के अनुसार मिलते हैं।
राजा ने सुर सुंदरी का विवाह राजा अरीदमन के साथ किया।
मैना सुंदरी के अपमान पर राजा ने कहा कि उसे दंड मिलेगा।
राजा ने शिकार पर जाने पर 700 कोडियों का जुंड देखा और मैना का विवाह कोडियों के राजा श्रीपाल के साथ करने का निर्णय लिया।
विवाह की तैयारी
श्रीपाल की बारात राजमहल की ओर बढ़ी।
बारात में शामिल लोग बीमार और पीड़ित थे।
राजा ने कहा कि मैना अपने कर्मों के अनुसार सुख भोगेगी।
मैना ने बिना देर किए श्रीपाल को पति स्वीकार किया।
श्रीपाल का पूर्वजन्म
श्रीपाल पूर्व जन्म में राजा श्रीकांत थे, जो शिकार के व्यसन में थे।
राजा ने मुनिराज को मारने का आदेश दिया, जिसके परिणामस्वरूप उनका पुनर्जन्म कोड़ रोग से ग्रसित हुआ।
मैना का धर्म मार्ग
मैना ने पति से कहा कि वे भगवान आदिनाथ के मंदिर चलें।
भगवान के दर्शन के बाद मैना ने गुरु से सिद्ध चक्र विधान की सलाह मांगी।
गुरु ने उसे चार वर्षों तक आराधना करने का निर्देश दिया।