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आल्डिहाइड और कीटोन का अध्ययन

कार्बन और ओक्सीजन में जब हो जाए डबल दोस्ती बोले तो डबल बॉंड तब बनते हैं कार्बनिल कमपाउंड्स ऐसे ही दो बहुती मश्कूर कार्बनिल कमपाउंड्स डिस्कस करेंगे आज आल्� Hello everyone, मुझे उम्मीद है कि आप सबी अच्छे हैं और आज में लेकर आई हूँ Class 12 Chemistry, The Most Wanted Video on Aldehydes and Ketones. ये है एक One Shot Video जिसके अंदर हम Aldehyde और Ketone को खतम करेंगे पूरा और इस पूरे वीडियो को देखने के बाद आपके Concepts होंगे हमेशा की तरह Crystal Clear. तो मैं हूँ रोश्टी फ्रॉम Learn-A-Hub, The Free Learning Platform जहां पर आप पढ़ सकते हो Physics, Chemistry, Maths, Biology सब कुछ Absolutely for Free at learn-a-hub.com. So तैयार है सबी लोग, Let's get started. तो बच्चो इस चैप्टर का नाम है अल्डिहाइट कीटोन कारबोक्सिलिक आसिड इस वीडियो के अंदर हाला कि हम सिर्फ अल्डिहाइट और कीटोन कवर करेंगे कारबोक्सिलिक आसिड कवर करेंगे एक अगले वीडियो में ठीक है लेकिन अब चैप्टर का नाम जब है अल्डिहाइट तो कम से कम इन तीनों से थोड़ी introduction या थोड़ी जान तचाम तो बनती ही है कि नहीं तो इन तीनों में common बात यह है कि इन तीनों में होता है carbonyl group बोले तो carbon और oxygen के बीच में double bond यानि जानी की डबल दोस्ती एक्जाटली तो जब आईडी हाइट को देखते हैं हम तो वहां पर हम देखते हैं कि जो अपना कार्बोनिल ग्रुप है ना यह एक तरफ कार्बन से अटैस्ट होता है और दूसरे तरफ हाइड्रोजन से अटैस्ट होता है जब देखते हैं हम पीटोन को तो वहां देखते हैं कि हमारा कार्बोनिल ग्रुप दोनों तरफ कार्बन से अटैस्ट होता है जब हम देखते हैं एक कार्बोक्सिलिक आसिड को तो वहां हम देखते हैं कि हमारा कार्बोनिल ग्रुप एक तरफ कार्बन से अटैस्ट है और group से attached है ठीक है तो अभी देखो तीनों चीज़ें आपके सामने दिख रही हैं तो आपको क्या एक चीज़ common फिर से दिख रही है aldehyde, ketone, carboxylate तीनों में carbonyl group है और तीनों में carbonyl group एक तरफ एक carbon से attached है फरक सिरफ दूसरे तरफ का है ना तो इसे आप याद कैसे रखोगे कि किस case में क्या attached होता है aldehyde, hide मतलब दूसरे तरफ ये hydrogen से attached होता है ketone, toe मतलब two, toe तो से मतलब नहीं है टो का टू पर टो से आप टू याद कर सकते हो इसका मतलब कीटोन में दो कार्बन अटैस्ट होते हैं दोनों तरफ कार्बन अटैस्ट होते हैं कार्बॉक्सिलिक आसिड में अगर देखो तो कार्बॉक्सिल से याद आएगा हाइड्रॉक्सिल तो क राइट या फिर आर सी एच ओ जैसे भी कह लो मतलब एक तरफ आर है आर इज आल काईल ग्रुप आलकाईल बोले तो कारबन के साथ बॉंड है और दूसरे तरफ एच है बात अगर करें कीटोन की तो वहाँ पर है आर सी ओ आर देखो दोनों तरफ कारबोनियल के दोनों तर� यानि कि दोनों तरफ carbon है, ओके, बात अगर करें carboxylic acid की, तो वहाँ पे क्या है, R, C, O, H, एक तरफ R है, यानि कि एक तरफ alkyl group है, carbon है, दूसरे तरफ O, H है, यानि कि hydroxyl group है, ठीक है, so I think, चुरुवात में इतनी जान पहचान तीनों के साथ काफी है, अब बच्चों, कार्बोनिल ग्रूप जो है, और भी कई सारे कमपाउंट्स में हमें देखने को मिलते हैं, जैसे की असाईल हलाइड, असाईल हलाइड क्या होता है, जिसके अंदर हम देखते हैं कि हमारा कार्बो तो इसे हम कहते हैं acyl halide, acyl क्यों? ये RCO जो group है इसको acyl group कहा जाता है, तो acyl group halogen से attached है इसलिए acyl halide, ठीक है? इसी तरीके से एक और class of compounds होता है जिसे हम कहते है amides, amides कैसा होता है? वहाँ पे carbonyl group के साथ, अटाश्ट होता है अमीनो ग्रूप देट इस एनएच टू ग्रूप ठीक है तो कैसा दिखता है यह देखो सी डबल बॉंड ओथ एंटिस कार्बोनियल ग्रूप एक तरफ एलकाइल ग्रूप एटाश्ट है आर और दूसरी तरफ एनएच टू एटाश्ट है तो इस तरह के कम ideally तो acid and hydride जो है ये carboxylic acid से ही बनते हैं by removal of water मतलब जैसे मान लो एक कोई भी carboxylic acid का example लेते हैं let's say ethanoic acid थोड़ी बहुत idea तो आपको है ethanoic है et हम किसके लिए use करते हैं 2 carbon मतलब 2 carbon वाला carboxylic acid ethanoic acid है ठीक है अगर 2 ethanoic acid जैसे देखो यहाँ पे 2 ethanoic acid साथ में आ रहे ह वाटर को रिमूव कर दिया जाए तो जो बनता है उसे हम कहते हैं इथेनोइक एन हाइड्राइड तो इसे हम कहते हैं एसिड एन हाइड्राइड जो है यह कार्बोक्सिलिक एसिड से ही बनते हैं बाइट रिमूवल ऑफ वाटर ठीक है इसके अलावा एस्टर तो बच्चों अब बात करेंगे एस्टर की तो इस टर्के अंदर क्या होता है अ एस्टर में आप समझ लो जो कारबॉक्सिलिक आसिड था ना उस कारबॉक्सिलिक आसिड का सिरफ हाइड्रोजन को रिप्लेज कर दिया एक आलकाइल ग्रूप से मतलब कारबॉक्सिलिक आसिड कैसा होता था R-C-O-O-H तो इस हाइड्रोक्सिल ग्रूप में से O-H ग्रूप मे ठीक है, तो यानि कि यहाँ पर हमने जितने भी compounds की बात करी, जाहे वो acyl halide हो, जाहे वो ester हो, जाहे वो acid anhydride हो, जाहे वो amides हो, इन सब के बारे में डीटेल में डिसकस करने का फिलहाल हमारा कोई अजेंडा नहीं है बट मैंने बता दिया कि कार्बोनिल ग्रूप जो है वो इन सब कमपाउंट्स में भी आपको देखने को मिलता है ठीक है बट फिलहाल हमारा फोकस रहेगा सिर्फ आल्डिहाइड और कीटोन क्योंकि ये लाइफ के बायो केमिकल प्रोसेसस में बहुत इंपोर्टन्ट रोल प्ले करते हैं इन फैक्ट कई सारे आल्डिहाइड और कीटोन अपने फ्लेवर्स और ओडर्स के लिए जाने जाते हैं जैसे कि वैनिलिन, सिनमाल्डिहाइड, सालिसाल्डिहाइड इतना ही नहीं कई ऐसे applications इनके देखने को मिलते हैं चाहे medicine industry में या फिर food industry में as flavoring agents इसके अलावा असीटोन जो की एक कीटोन है और ये एक बहुत ही पॉपुलर सॉल्वेंट भी है। इसके अलावा अल्डिहाइड और कीटोन के हेल्प से हम बहुत सारे चीजों को बना सकते हैं। बहुत सारे चीजों के मैनुफाक्टर में ये हेल्प करते हैं जैसे की पेंट तो चलो बच्चो अब हम अल्डिहाइड और कीटोन के बारे में सब कुछ डीटेल में जानने और सीखने के लिए तैयार हैं थोड़ा बहुत इंट्रोड़क्शन तो मैं अलडिडी दे चुकी हूँ अलडि�हाइड मतलब जहां पर हमें दिखेगा की कार्बोनिल ग् hydrogen से ketone यानि की carbonyl group दोनों तरफ alkyl group या फिर carbon से attached हैं तो इतने जानकारी तो हमें हो चुकी है ठीक है तो चलो सबसे पहले देखेंगे इनका नाम करन तो चलो बच्चों सबसे पहले बात करते हैं हम aldehyde के common names की, ठीक है, common names बोले तो, जिस तरीके से हम सभी के दो नाम होते हैं, एक school का नाम होता है और एक घर का नाम होता है, वैसे ज़रूरी नहीं है कि घर का नाम हो, बट बहुतों का होता है, right, nickname जिसे हम कहते हैं, अब जो school का नाम होता है, उस नाम से हमें सब जानते हैं, right, हमार दोस्तों ने कुछ निकरें रख दिया, बट वो नाम आम तोर पर यूज होता है, बट आज सच जो ओफिशियल हमारा नाम होता है, वो स्कूल वाला नाम होता है, उसे तरीके से हमारे औरगानिक कमपाउंड्स के भी दो नाम होते हैं, एक होता है कॉमन नेम, जिसे कॉमन तोर हर सकते हैं हम कर सकते हैं क्योंकि उनके लिए कुछ रूल सेट कर दिए गए हैं ठीक है तो फिलहाल हम बात कर रहे हैं एलडीहाइड के कॉमन नेम्स की कि आमतौर पर एलडीहाइड को किस तरह के नाम दिए जाते हैं तो आमतौर पर एलडीहाइड के जो नाम होते हैं वो डिराइव किये जाते हैं उनके कॉरेस्पॉंडिंग कारबॉक्सिलिक असिड से अब यहां पर होगा एक बड़ा सा कंफ्यूजन कि मैम एलडीहाइड का नाम कारबॉक्सिलिक असिड से क्यों दिया जाएगा एलडीहाइड और कारबॉक्सिलिक असिड में क्या लिंक है देखोगे जब हम रिएक्शंस की बातें करेंगे कि एलडी हाइड्स को ऑक्सिडाइज करके हम कार्बॉक्सिलिक आसिड बना सकते हैं ठीक है तो जो एलडी हाइड्स को ऑक्सिडाइज करके हम जो वाला कार्बॉक्सिलिक आसिड बनाते हैं इन दोनों के नाम में भी एक सिमिलारिटी होती है जैसे मान लो कि जिस आईडी हाइट से हम फॉर्मिक ऐसिड बनाते हैं उस आईडी हाइट को हम कह देते हैं फॉर्म आईडी हाइड जिस आईडी हाइट से हम एसिटिक ऐसिड बनाते हैं उस आईडी हाइट को हम कह देते हैं एसिटिट आईडी हाइट तो इस तरह के तरह से इनके कॉमन नेम्स रखे जाते हैं अब कॉमन नेम्स के अंदर सब्स्टिट्यूएंट लेटर्स एलफा बीटा गामा एक्सएटरा का ठीक है मतलब लेटर सपोस्ट वह हमारे पास एक स्ट्रक्चर है जो कार्बन कार्बोनियल ग्रुप का बिल्कुल पड़ोसी है उस कार्बन को हम कहते हैं एलफा कार्बन के पड़ोसी को कहते हैं बीटा कार्बन के पड़ोसी को कहते हैं गामा कार्बन तो इस तरीके से हम इन्हें दिन का नोटेशन है बेसिकली ठीक है फॉर एग्जांपल लेट अगर हम इस रिंग स्ट्रक्चर की बात है तो देखो इस बेंजीन के रिंग में जिस पॉइंट पर चीज ओग्रूप एटेश्ट है चीज ओग्रूप चीज डबल बॉंड और एट कार्बोनियल ग्रूप तो जिस carbon पे attached है वो carbon हमारा alpha carbon है अगर मैं बात करूँ इस open chain structure की इस structure में अगर ध्यान से देखो तो जो carbonil का एकदम अगला वाला neighbor है जो carbon है वो alpha carbon है alpha carbon का जो पड़ोसी है वो beta है beta का जो पड़ोसी है वो gamma है तो इस तरीके से हम denote करते हैं तो बच्चो ये जो कहानी है ये aldehyde के common names की कहानी है तो चलो बच्चो अब बात करते हैं हम aldehyde के IUPAC name की देखो IUPAC पीएसी नेमिंग के बारे में हमने बहुत डिटेल में डिसकस किया था जब हम जनरल ऑर्गानिक केमिस्ट्री पढ़ रहे थे क्लास 11 में तो आयोपीएसी के रूल्स बदलते नहीं है वो सभी के लिए वही रहते हैं क्या रहते हैं जो भी स्ट्रक्चर तुम्हें दिया हुआ देते हो ठीक है तो उसका जो सफिक्स है चुकी वो एलडिहाइड है तो सफिक्स में आप लगा दोगे एल ये आपका सफिक्स रहेगा इसका मतलब जैसे अगर मान लो एक तीन कार्बन वाला एलडिहाइड है तो वो एलकेन का नाम क्या होता तीन कार्बन वाला एलकेन ठीक है यह clear हो गया ओके अब अगर substituents है तो क्या करेंगे substituents को हम prefixes की तरह लिखते रहेंगे और substituents के साथ numbering के help से उनकी position भी बताएंगे कि let us say एक methyl group present है अगर तो methyl group कौन से number वाले carbon पे हैं let's say 2 number वाले carbon पे हैं तो हम लिखेंगे 2 methyl ठीक है बात समझ में आ गई तो naming तो बच्चो ये तो कहानी थी open chain compounds की aliphatic compounds की अब अगर मार लो हमारे पास ring वाले compounds तो जहाँ पर aldehyde group लगा है तो उनके case में क्या हम all suffix ही use करेंगे या फिर कोई नया suffix का option भी है well एक नया suffix का option भी है तो हम इनके साथ use कर सकते हैं carbaldihyde का suffix ठीक है so carbaldihyde this will be our suffix in these cases ठीक है बाकि जो chain की numbering है मतलब ring में जो carbon है उनकी numbering उसी हिसाब से होगी such that जहाँ पर भी aldehyde group है हम वहीं से numbering शुरू करें ताकि aldehyde group को lowest number मिलें तो चलो भाई किया जाए कुछ practice IUPAC nomenclature की है कि नहीं तो यहां पर बने हुए हैं कुछ structures और अभी हम करेंगे इन सभी का नाम करन exactly तो सबसे पहला structure CH3 whole to CH CHO क्या करना होगा पहले इसको हमें अपने हिसाब से लिख लेना होगा ठीक है यह कह रहा है इधर है CH इधर है CHO और इस CH से देखो CH3 bracket में 2 यानि कि इस वाले CH3 से यह वाले CH से यहाँ पे एक CH3 लगा हुआ है इधर भी एक CH3 लगा हुआ है तो ये structure अपना कुछ इस तरीके का है ठीक है numbering करेंगे सबसे पहले longest carbon chain ठीक है कहां से numbering करेंगे जिस तरफ से aldehyde वाले group को lowest number मिले तो obvious बातें यहाँ पे हम यहाँ से करेंगे एक दो तीन carbon का longest chain एक 2, 3, इधर से भी 3 carbon का longest chain, तो कहीं से भी numbering कर लो, 1, 2, 3, ठीक है, numbering का काम खतम, अब देखो कहां पे क्या है, 2 वाले position पे लगा हुआ है, एक methyl group, तो यानि कि इसका हम नाम दे देंगे, 2 methyl, और जो main chain है, उसमें कितने carbon है, 3, 3 carbon के लिए हम कौन सा root word use करते है, propane, प्रोपेन का लास्ट का ई हटा के क्या डाल देंगे, यहाँ पे कौन सा ग्रूप है, अल्डिहाइट ग्र� तो इसका IUPAC नेम हो जाएगा 2-मिथाईल-प्रोपेनल, ठीक है, कोई डाउट, ओके, चलो आगे बढ़ते हैं फिर अगला है CH3, CH2, CHO, काफी simple है ये, देखो इसमें फिर से बनाने की भी ज़रूरत नहीं है, 1, 2, 3, 4, 5 carbon है, numbering किधर से करोगे, जिधर aldehyde group को सबसे smallest number मिले, यानि कि इधर से, 1, 2, 3, 4, 5, 5 carbon के लिए कौन सा root word use करते हैं, pentane, last वाला E नहीं लिखेंगे, यहाँ पे है अल भी लिख सकते हो, पेंटेन वन अल भी लिख सकते हो, और सीधा पेंटेन अल भी लिख सकते हो, और ये हो जाएगा तुम्हारा IUPAC नेम, असान था, बहुत असान था, याना, इसके अगला वाला देखते हैं, चलो इसको देखते हैं, यहाँ पे क्या है, इसको बना ठीक है, सबसे पहला काम, numbering, longest chain का, longest chain ऐसा होना चाहिए कि aldehyde को मिलेगा smallest number, तो देखो, 1, 2, 3, यही longest chain है, तो 1, 2, 3, ठीक है, अब दो नंबर carbon पे ये कौन सा substituent लगा हुआ है, CH3 होता तो अब तो methyl होता, but OCH3 है, that means methyl और oxy का combo, that is methoxy exactly, तो इसका नाम हो जाएगा, 2 position पर है, methoxy, 2 methoxy, और 3 carbon के लिए propane, और aldehyde group के लिए al, गलती से भी propanol की जग़ा propanol मत लिख देना, al की जग़ा all मत लिख देना, all यूज़ होता है alcohol के लिए, aldehyde के लिए यूज़ होता है al, ठीक है, तो चलो ये भी हो गया, तो इसका ये निकल के आज, आ गया आयू पी एसी ने बहुत बढ़िया चलो एक लास्ट कमपाउंड और है वो भी देखी लेते हैं यह है चीज टू डबल बॉंड चीज यहां पर लिख देती हूं थोड़ा क्लियरली दिखेगा चीज टू डबल बॉंड चीज ओ ठीक है अब बताओ क्या होगा यहां पर 3 कार्बन है बिल्कुल है कैसे करेंगे numbering aldehyde को smallest number मिले तो 1, 2, 3 कर दिया ठीक है अब 3 कार्बन वाले chain के लिए हम लिखते हैं propane, propane लिखते हैं जब सारे single bond हैं यहां पर तो भाई double bond है तो यानि कि in लिखना पड़ेगा double bond कितने number व इन का भी लास्ट वाला इ नहीं लिखेंगे उसकी जगा क्या लिखेंगे अल वन अल भी लिख सकते हो या सीधा अल भी लिख सकते हो तो यह हो जाएगा प्रॉप टू इन अल ठीक है देखो यह छोटा सा जो डबल बॉंड है ना कई बार अनोटिस्ट रह जाता है और आप लिख देते हो प्रोपेनल और बस आपका आंसर हो जाता है गलत ठीक है तो छोटी बातों पर भी ध्यान देना है चलो बाई तोड़े रिंग वाले कमपाउंड की भी नेम कैसे handle करेंगे, बताओ कैसे कर सकते हैं, अभी हमने सीखा था, कि जबी भी इस तरह के rings होते हैं, तो वहाँ पर हम एक suffix use करते हैं, carbaldehyde, right, लेकिन यहाँ पर 2 carbaldehyde हैं, पहले तो बही numbering कर लेंगे हम, 1, 2, 3, 4, 5, 6, ऐसे numbering कर लिया, अब हम इसको कैसे लिख सकते है position पे है, 2 carb aldehyde है, 2 aldehyde के groups हैं, तो यहां लिखेंगे, 1 2 di carb aldehyde ठीक है, so benzene 1 2 di carb aldehyde यह नाम हो जाएगा इसका, ओके अब देखते हैं दूसरा वाला, यहां पे देखो, benzene के ring है, यहां पे aldehyde group है, और यहां पे bromine लगा हुआ है, ठीक है तो सबसे पहले देखो कि chain के number कैसे करोगे such that aldehyde वाले group को क्या मिले सबसे छोटा वाला number मिले यानि कि इस वाले carbon को 1, 2, 3, 4, 5, 6 ठीक है तो अब मेरा जो substituent है वो क्या है bromo कौन से position के carbon पे लगा हुआ है 3 number वाले carbon पे तो इसका नाम क्या हो जाएगा इसका नाम हो जाएगा 3 bromo benzaldehyde ठीक है, चुके यहाँ पे एक ही CHO ग्रूप लगावा था, एक ही आल्डिहाइट ग्रूप लगावा था, बेंजीन रिंग के साथ, तो हम इसे बेंजाल्डिहाइट कह सकते हैं, सीधा सीधा, तो वही कह दिया हमने, और सिर्फ 3 ब्रोमो लगा दिया इसके पहले, ठीक है, ओक करेक्ट क्योंकि क्यों देखो अंदर आपको डबल बॉंट्स दिख रहे हैं क्या नहीं दिख रहे हैं so this is not benzene ring what is this ये 6 carbon वाला एक cyclic compound है यानि कि ये cyclohexane है exactly अब cyclohexane में भी आप numbering कैसे करोगे such that आपको aldehyde group जो की यहाँ है उसको सबसे छोटा वाला number मिले तो ये one अब इसको देखो one two three four five भी कर सकते हो तो उस case में methyl group पांच number वाले carbon पे आएगा दूसरा option है one two three कर सकते हो तो तीन number वाले मिठाइल ग्रूप आएगा तो हम तीन नंबर वाला प्रेफर करेंगे तो यह हो जाएगा 1, 2, 3, 4, 5, 6 ठीक है तो यह तीन नंबर वाले कारबन पे गया है मिठाइल ग्रूप है तो इसको हम लोग क्या लिखेंगे थ्री मिठाइल ठीक है और यह क्या है दिस इस साइकलो हेकस तो यह हो जाएगा hexanol, तो इसका नाम हो जाएगा 3-methylcyclohexanol, तो चलो बच्चों अब बात करते हैं ketone के common names के बारे में, ठीक है, ketone के common names, अब देखो कुछ तो ऐसे ketone हैं जो बही इतने famous थे कि कई सालों पहले उनके कुछ नाम दे दिये गए, so they have like historical names, for example अपना acetone, इस किए जाते हैं फ्रॉम डा एल काइल और एराईल ग्रूप्स जो कार्बोनील ग्रूप से टैश्ट होता है क्योंकि कीटोन का स्ट्रक्चर कैसा होता है सीओ जो कार्बोनील ग्रूप है उसके साथ एल काइल ग्रूप या फिर एराईल ग्रूप टैश्ट होते हैं ठीक जैसे कि असीटो फिनोन अगर इसके स्ट्रक्चर को देखो एस तर एक तरफ आसीटो ग्रूप है दूसरे तरफ फिनाईल ग्रूप है राइट असीटाइल और फिनाईल ये दोनों अलकाइल और अराइड ग्रूप कार्बोनिल ग्रूप के दोनों तरफ है इसे लिए इसका क� ऐसा ही होता है जिसमें हम एसाइल ग्रुप को एक प्रिफिक्स की तरह यूज कर देते हैं टू द वर्ड फीनोन से पहले एक प्रिफिक्स की तरह यूज कर देते हैं जैसे कि बेंजो फीनोन जैसे कि एसिटाइल फीनोन इस तरीके से हम इनका वामन नेम रख देते हैं अब बात करेंगे इनके आयूपीएसी नेम की तो चलो देखिए आयूप तो चलो बच्चो बात करते हैं अब की टोन की आल्डिहाइट की टोन भाई-भाई यह आल्डिहाइट का नामकरण हो गया की टोन का नहीं होगा तो की टोन गुस्सा हो जाएगा है ना तो चलो आप सिमिलर लाइन आयू पीएस नॉर्मिंग लेटर के मैंने बहुत पहली बता कि टोन के केस में आयूपेसे नेम ऑफ ओपन चेन एलीफेटिक की टोन्स खुले चेन वाले जो की टोन्स होते हैं वहां पर क्या होता है में तो यह जानना होता है कि जैसे आईडीड में सफिक्स होता है अल की टोन में क्या होगा की टोन ओन होगा राइट तो यहां पर हम क्या करते हैं ओन यह हम डाल रहते हैं as suffix मतलब जैसे अगर propane था तो propane का last वाला e हटा के वहाँ पे लिख दो o-n-e-on ठीक है यहाँ पर भी क्या होता है numbering होती है कौन से वाले end से जो end carbonyl group के पास है मतलब जिधर ketone का c double bond ओ दिख रहा है उसको you know कम वाला नंबर मिलना जाएगी है ठीक है सब्स्टिट्यूएंट सर प्रिफिक्स टिन अल्फाबेटिकल ऑर्डर एलोंग विद न्यूमरल्स एडिकेटिंग देर पोजीशन बाकी चीजें वहीं से मैं जहां पर भी सब्स्टिट्यूएंट से उनको आपको इनके पोजीशन की भाई दो नंबर इसको लिखने का तरीका होता है इन द ऑर्डर ऑफ द एलफाबेटिकल ऑर्डर ठीक है यह होता है ठीक है अब देखते CH3 ठीक है तो इसका मतलब इसको अगर मैं अपने हिसाब से एक बार लिख लूँ so this is how it looks like CH3 C double bond O CH2 CH3 ठीक है कुछ इस तरह का compound है अब साफ दिख रहा है कि भाई carbonyl group यहां बैठा है तो carbon chain के numbering इस side से होगी कि इस side से होगी obviously इस side से होगी क्योंकि जब इस side से होगी तो इस carbon को number 2 position मिलेगा इधर से होगी तो इसको 4 मिलेगा ठीक है तो हम इधर से numbering करेंगे, 1, 2, 3, 4, 5, कर दिया, ओके, इसके अलावा और कोई यहाँ पे substituents दिख रहा है, नहीं, तो 5 carbon के लिए हम क्या use करते हैं, पेंटेन, सारे single bonds हैं, तो पेंटेन ही रखेंगे, ठीक है, लेकिन last वाला E को हटा के हम क्या लिख देंगे, O and E, लेकिन O and E किस position पे है, 2 number वाले carbon पे है, correct, तो इसलिए पेंटेन 2 on, ये हो जाएगा इसका IUPAC नेम कीटोन के नाम करन की थोड़ी प्राक्टिस चलेगी बिल्कुल चलेगी जब हम प्राक्टिस करेंगे तब ही तो चीज़े और क्लियर होंगी है ना तो चलो थोड़ी प्राक्टिस करते हैं बट एट लिस्ट बेसिक अंडे तो सबसे पहले उपर वाला structure देखते हैं तो कोई भी structure जैसे ही देखो ना तो सबसे पहले ना वो magnifying glass लगा के ये ढूडने की कोशिश करो कि भाई carbonyl group किधर है यहाँ पे दिख गया carbonyl group इधर है C double bond हो दिख गया हमें अब बताओ longest carbon एक ऑप्शन है 1,2,3,4,5, किधर से भी मैं जा रही हूँ तो मेरा जो longest chain बन रहा है वो 5 carbon का ही बन रहा है, अब ये देखो कि किधर से numbering करें ताकि इस carbonyl group को smallest number मिले या lowest number मिले, 1,2,3, इधर से किया तो 3, 1,2,3, इ� यहां से किया, 1, 2, 3, 4, 5, ठीक है, अब देखो substituents कहां है, 2 number पे है एक methyl group, 4 number पे भी है एक methyl group, ठीक है, बिल्कुल है, तो यानि कि इसका नाम क्या हो जाएगा, 2, 4, 2 और 4 position पे 2 methyl group है, तो इसलिए methyl से पहले लगा देंगे, dimethyl, ठीक है उसके बाद देखो जो पेरेंट चेन है उसमें 5 कार्बन है तो इसलिए पेंटेन लास्ट वाला इन ही लिखेंगे क्योंकि हमें ओनी डालना है कितने नंबर पोजीशन पे ओनी है तीन नंबर कार्बन पे तो पेंटेन थ्री ओन ये हो जाएगा हमारा आयू पी एसी न क्लियर हो गया सूपर्ब चलो अगला वाला देखते हैं यहां पर एक साइक्लिक कंपाउंड है कितने कार्बन वाला एक दो तीन चार पांच छे यह बेंजीन नहीं है बच्चों क्या है यह साइक्लोहिकसेन है बिल्कुल यहां पर एक सी डबल बॉंड ओ कहां पर दिख रहा ह 5, 6 ठीक है, तो अब यहाँ पे सब्स्टिटूइंट की बात करें, तो दो नंबर पोजीशन पे एक मिथाईल ग्रूप है ठीक है, तो सबसे पहले लिख देंगे, 2 मिथाईल ठीक है, जो पैरिंट सेन है वो 6 कारबन का साइकलिक कमपाउंड है यानि कि साइकलोहेकसेन लेकिन लास्ट वाला E हम नहीं लिखेंगे क्योंकि उस E को replace कर देंगे O and E से, तो इसको on लिख दिया, तो 2-methylcyclohexanone, यह हो जाएगा इसका IUPAC name, ठीक है, अब देखते हैं तीसरा कालिका, compound, CH3 whole to C double bond CH, CO, CH3, ऐसे लिखा रहता है न, तो कई बार हम एकदम utterly confused रजाते हैं, तो इसलिए इसको हम अपने हिसाब से लिख लेते हैं, चलो इसको अपने हिसाब से draw कर लेते हैं, यह कह रहा है कि यहाँ पे क्या है, C double bond CH, CO, CH3, ठीक है और इदर इस वाले C के साथ CH3 whole 2 मतलब इस C के साथ दो CH3 ग्रूप लगे हुए हैं लेट से एक इधर लगा हुआ है ठीक है तो इस तरीके का compound है यह इसको देखकर थोड़ी तसली मिलती है कि हाँ यार ऐसे वाले का तो हमें नाम करन करना आता है है ना कैसे करोगे इस तरह से numbering होनी चाहिए कि CO यानि कि carbonyl group को smallest number मिले यानि कि इधर से ही करोगे 1,2,3,4,5 कर लो या 1,2,3,4,5 कैसे ऐसे भी कर लो ठीक है तो एक से दिस वान सॉरी दिस वान टू थ्री फोर फाइव ठीक है तो हमने ऐसे नंबरिंग कर ली अब देखो चार नंबर कार्बन पर एक मिथाई ग्रूप है ठीक है तो सबसे पहले क्या लिख लेंगे यहां पर फोर मिथाई ठीक है और पैरेंट भी है राइट सो पेंट थ्री इन क्योंकि तीन नंबर कार्बन पर डबल बॉंड है तो यह हो जाएगा पेंट थ्री इन का भी लास्ट वाला इन ही लिखेंगे क्योंकि वहाँ पे हमको क्या लिखना है थ्री इन टू दो नंबर कार्बन पे आल है ठीक है यह हो जाएगा हमारा आयू पीएसी नेम ठीक है बहुत ध्यान से देख लो डबल बॉंड की भी पोजीशन बतानी है कार्बोनिल बॉंड यानि कि सी डबल बॉंड ओ उसकी भी पोजीशन बतानी है तो इसका नाम हो जाएगा 4 मिथाइल पेंट 3 इन तो चलो बच्चो अब बात करेंगे हम कार्बोनिल ग्रूप के स्ट्रक्चर की, कार्बोनिल ग्रूप का स्ट्रक्चर जरूरी है जानना बहुत जादा क्योंकि यहीं से हमारा में कॉंसेप्ट शुरू होता है, यहीं से आपको यह पता लगेगा कि अल्डिहाइड या कीटोन और दो single bond अलग-अलग बनाता है hydrogen और alkyl group के साथ, या फिर दो alkyl group के साथ, ठीक है, तो इसका मतलब यह हुआ कि यह जो carbonyl वाला carbon है, यह दो single bond और एक double bond बना रहा है, which means कि यह तीन sigma bond बना रहा है और एक pi bond बना रहा है, sigma bond pi bond ये सबके concept हमने already class 11th की chemistry में पढ़ी है, बूल तो नहीं गए हो, क्योंकि वो सारी basic चीज़े है, sigma bond क्या होता है जो single bond होता है, जो पहला bond बनता है, pi पाई बॉंड पिक्चर में कब आता है, पाई बॉंड जैसे डबल बॉंड में, पहला बॉंड तो सिग्मा है, अगला पाई है, ट्रिपल बॉंड में, पहला बॉंड तो सिग्मा है, बाकी दोनों पाई है, तो पाई बॉंड बेसिकली बाई साइड वाईज ओवरलाप औफ औरबाइटल्स, सिग्मा बॉंड बाई हेड ओन ओवरलाप औफ औरबाइटल्स, यह बाते हम पहले कर चुके हैं, तो यहाँ पे कहानी कुछ ऐसी है, कि जो कार्बोनिल ग्रूप का कार्बन है, वो बना रहा आई बॉंड ये बना रहा है और इस कार्बन का हाइब्रेडिजेशन कैसा है? SP2 कैसे पता चला SP2? क्योंकि कार्बन तीन चीज़ों से जुड़ा हुआ है एक ओक्सीजन से, एक हाइड्रोजन से, या फिर अलकाइल ग्रूप से, और तीसरा अलकाइल ग्रूप से ठीक है, चुकि ये SP2 हाइब्रेडिजेशन है तो इसका स्ट्रक्चर कैसा होना चाहिए, बताओ प्लेनर ट्राइगोनल को प्लेनर स्ट्रक्चर होता है इसका बोलने का मतलब जो कार्बोनिल वाला कार्बन है और इससे जुड़ी हुई जो तीनों चीजें हैं ये सारे एक ही प्लेन में लाई करेंगे मतलब अगर मेरा ये जो मेरी जो हथेली है ये एक प्लेन है राइट इसी प्लेन में कार्बन रहेगा, इसी प्लेन में ओक्सिजन रहेगा, इसी प्लेन में अलकाईल ग्रूप्स या हाइड्रोजन जो भी है वो सब रहेगे, ठीक है, और जो पाई बॉंडिंग हो रही है, तो जो पाई एलेक्ट्रॉन क्लाउड है, वो इसके उपर और इसके बात समझ में आई, visualize कर पाए, in fact यहाँ पर इस image के साथ visualization better था I guess, तो ऐसा होता है हमारे carbonyl का structure, bond angle की अगर बात करें तो यह होता है लगबख 120 degree, और अगर बात करें structure के नाम की, तो this is trigonal coplanar structure, देखो ये वाला concept इसके structure को समझने में अगर आपको दिक्कत आई है इसका मतलब है या तो आप hybridization का concept भूल चुके हो जो again हमने class 11 की chemistry में पूरा cover किया था detail में चाहो तो वो वाली video जाके आप देख लो या फिर ऐसा हो सकता है कि आप जो है सिग्मा बॉंड पाई बॉंड का कॉन्सेप्ट भूल चुके हो तो वह भी वीडियो आप जाकर देख सकते हो कि यहां पर अगर हम इन चीजों के अंदर गुज़ गए तो सारा टाइम इसी में जला जाएगा ठीक है तो लगबग एक आइडिया हो गया कि कार्बोनिल ग्रू� वो इसलिए क्योंकि कार्बन के मुकाबले ओक्सीजन जादा इलेक्ट्रो नेगेटिव होता है आपको वो मम्मी के पीज़ा वाली कहानी याद है बहुत बार मैंने पहले भी बताई है जब हम केमेस्ट्री के कुछ बेसिक कॉंसिप्ट पढ़ रहे थे चलो यार नहीं भी हो तो एक बार फिर से ब दोनों भाईयों को बहुत जादा भूख लगी भी थी लेकिन अब एक बंदे को भूख जादा लगी भी थी उपर से वो बड़ा भी था तो यू नो ये हैस दट पावर तो उसने क्या किया उस पिज़ा को बराबर ना बाट के थोड़ा जादा को क्या हुआ उसको बाई डिफॉल्ट थोड़ा कम मिल गया है कि नहीं तो कुछ ऐसा है यहां पर होता है चुकिया ऑक्सीजन ज्यादा इलेक्ट्रोन नेगेटिव है तो इसलिए क्या होता है कि वह इलेक्ट्रोन को जो है अपनी तरफ खींचता है तो तो इसका मतलब जो कार्बोनिल का कार्बन है ये कार्बन बन जाता है हमारा क्या इलेक्ट्रोफिलिक सेंटर मतलब फिलिक मतलब क्या होता है अट्राक्शन तो कार्बन का अट्राक्शन किस तरफ होगा इलेक्ट्रोन की तरफ मतलब नेगिटिव चार्बन चार्जेस की तरफ इसीलिए कार्बोनील का कार्बन हो जाता है हमारा इलेक्ट्रोफिलिक सेंटर और कार्बोनील का जो ऑक्सीजन है वो हो जाता है हमारा न्यूक्लियोफिलिक सेंटर मतलब इसको किस तरफ अट्रैक्शन होगा न्यूक्लियस की तरफ नॉट एक्जाइट nucleus पता positive charges की तरफ तो इसलिए carbonic oxygen बन जाएगा nucleophilic center clear है यहाँ तक अब चूके यहाँ पर हम notice कर रहे हैं कि भाई यह carbon oxygen का यह जो carbonic का जो यह bond है यह एक polarized bond है तो obvious बात है कि इनका अब एक dipole moment भी होगा क्योंकि यहाँ पर हम देख रहे हैं एक तरफ positive एक तरफ negative है तो obviously they will have a dip हमारे पास नाम दिया हुआ है अब हमें बनाना है structure exactly दोनों ही देखो इजी है इतना मुश्किल है नहीं सबसे पहला वाला ट्राइ करते हैं थ्री मिथाईल ब्यूटेनल नाम पर फोकस करो सबसे पहले क्या ड्रॉप करना पड़ेगा हमें पेरेंट चेन बिल्कुल लास्ट में होता है देखो ब्यूटेनल ये हमें पेरेंट चेन ब मतलब glass वाले carbon पे aldehyde group लगा दू, which is CHO, ठीक है, 3-methyl, यानि की, अब यहाँ पे aldehyde लगाया, मतलब ये मेरा 1 number है, 2 number है, 3 number है, 4 number है, मतलब 3 number carbon पे 1 methyl group है, which is CH3, ठीक है, बन गया यहां तक अब क्या करना है सिर्फ हाइड्रोजन लगाने है एक कार्बन टोटल चार बॉंड्स बना सकता है इस कार्बन ने एक बना लिया है बाकी तीन हाइड्रोजन के साथ बनाएगा तो H3 लगा दिया इस कार्बन ने तीन बना लिया है एक इधर एक hydrogen लगेगा इसने 2 बना लिये है तो इसके साथ 2 और hydrogen लगेंगे ठीक है और इसने क्या किया है इसने तो anyway C double bond वो बना रखा है तो मतलब इसने 4 bonds बना लिया है तो ये हो जाएगा हमारा structure ठीक है, clear है, ओके, अब दूसरा वाला देखते है, para-nitro-propio-phenol, ठीक है, phenol आ गया मतलब हम यहाँ पे बना लेंगे क्या, हमारा प्यारा सा benzene ring, क्योंकि भाई इसमें phenol आ गया है, है न, बना लेंगे, बना लिया बोला जा रहा है पैरा नाइट्रो मतलब पैरा पोजीशन पर क्या है नाइट्रो है और थोड़ा पैरा पोजीशन पर बना लेते हैं नाइट्रो बना लिया अब बोला जा रहा है प्रोपियो फिनॉन प्रोपियो मतलब एक ती प्रो आप कब यूज करते ह करते हैं तीन कार्बन के लिए एक तीन कार्बन वाला चेन है ठीक है कहां पर है और विशेष यहां पर क्योंकि यहां के रेस्पेक्ट में हमने और थोड़ा पारा डिसाइड किया था तो यहां पर क्या हो जाएगा तीन कार्बन वाला एक दो तीन टीन कार्बन वाला हो जाएगा और यह क्या है प्रोपियो इस टेकन केयर फिर फीनोन का भी इस टेकन केयर बट ओए नहीं इस नॉट टेकन केयर यानि कि यहां पर है एक सी डबल बॉंड ओ तभी तो कार्बोनियल ग्रुप चाहिए ना भाई तब तबी तो वो कीटोन होगा, कीटोन कैसा होता है, C double bond O होता है, उसके दोनों तरफ दो alkyl groups होते हैं, तो यहाँ पर इस C double bond O के एक तरफ यह वाला alkyl group है, दूसरी तरफ यह ring वाला group है, ठीक है न, तो यह बन गया, अब यहाँ पर hydrogen लगाओ, इस carbon ने सिर्फ एक ही bond बनाया है तिके बेंज एल्डिहाइड आ गया तो सबसे पहले बना लेते हैं बेंजीन की रिंग और साथ में ये क्या है एल्डिहाइड बेंज एल्डिहाइड मतलब इस रिंग के साथ एक CHO लगा लो तो ये बेंज एल्डिहाइड बन गया बट बनाना सिर्फ बेंज एल्डिहाइड ठीक है तो चलो बच्चों अब हमें एलडीहाइड और कीटोन के साथ अच्छी खासी जान पैचान तो हो गई अब हमें पता है कि इनका नेमिंग कैसे करते हैं ये कैसे दिखते हैं इनके बॉंड का नेचर कैसा होता है ये बेसिक बाते पता चल चुकी है तो अब हम डिसकस कर आलकोहॉल दूसरा डी हाइड्रोजिनेशन ऑफ आलकोहॉल और तीसरा हाइड्रेशन ऑफ एलकाइन्स टीके डोंट वरी तीनों प्रोसेस बिल्कुल डीटेल में आराम से डिसकस करेंगे तो चलो बच्चो देखते हैं सबसे पहला मेथड विच इस ऑक्सिडेशन ऑफ आलकोह ऑक्सडाइज करने से मिलता है आल्डिहाइड को फर्थ ऑक्सडाइज करने से मिलता है आसिड इसका मतलब है आसिड को रिड्यूज करोगे तो मिलेगा आल्डिहाइड को रिड्यूज करोगे तो मिलेगा आल्कोहॉल ठीक है तो इस तरह का एक एक्शन के दौरान होता कुछ यूँ है कि जो ओएच बॉंड है वो बॉंड तूटता है साथ ही साथ जो कार्बन और हाइड्रोजन का बॉंड है वो भी तूटता है ये कार्बन कहां से आता है जो अलकाइल ग्रूप में कार्बन है तो ये दो बॉंड तूटते हैं और बनता से exactly होता क्या है exactly होता है dehydrogenation मतलब ध्यान से देखो, OH बॉन तूटा, hydrogen बाहर चला गया, CH बॉन तूटा, hydrogen बाहर चला गया, तो यानि कि इधर से एक H, एक H2 बाहर चला गया, मतलब dehydrogenation, hydrogen D, मतलब hydrogen चला गया, removal of H2, removal of dihydrogen, उससे बना aldehyde, इसलिए oxidation of alcohol को कई बार dehydrogenation भी कहा जाता है, ठीक है, त और गानिक के जो रियाक्शन से ना अब बोर्ड लेवल पर आपके सारे रियाक्शन के मेकानिजम तो इंपोर्टेंट नहीं होते हैं अगर आप नीट या जेई जैसे कॉंप्पीटिटिव एग्जाम की तियारी कर रहे हो तब मेकानिजम्स हैं इंपोर्टेंट इन फैक्� डिटेल में कवर है लेकिन अगर आप बोर्ड के तियारी कर रहे हो बट स्टिल दिमाग में ना एक टाइंड ऑफ एक रिजेंब्लेंस या मेमोरी ट्रिक बनाने के लिए हर रिएक्शन को बड़ी बारीखी से देखो और देखो कि कहां पर क्या रेंज हो रहा है ताकि रियाक्शन बनाने के लिए दिया जाए तो आपको आपके दिमाग में एक लॉजिक हो एक आइडिया हो जिससे आप उन रियाक्शन को बना सको ठीक है तो ऑक्सेडेशन आफ एलकोहॉल सबको समझ में आ गया तो एक मोर और लेसिए एक बेसिक ओवरव्यू समझ में आ गया अ जाने कि वन डिग्री अलकोहॉल प्राइमरी अलकोहॉल किसको कहते हैं जहां पर जो अलकोहॉल का जो ग्रुप है वह ग्रुप जो है वह जिस कार्बन से अटैच्ट है उस कार्बन से एक और कार्बन अटैच्ट है उसे हम प्राइमरी या फिर वन डिग्री अलकोहॉल कहते हैं सेकेंडरी मतलब ओवेज ग्रुप जि टर्शियरी या फिर 3 डिग्री का मतलब है, OH ग्रूप जिस कार्बन से अटैश्ट है, उससे अटैश्ट 3 और कार्बन है, ठीक है, ये बाते तो हम अलड़ी पढ़ चुके हैं, ठीक है, अगर हमारे पास एक प्राइमरी आलकोहल है, उसको अगर हम ओक्सिडाइज करते हैं, त जो मतलब आराम से ऑक्सिडाइज करते हैं, दूसरे होते हैं strong oxidizing agent, एकदम strongly oxidize कर देते हैं, अगर मान लो हम किसी primary alcohol को बहुत strongly oxidize कर दे, एकदम strong oxidizing agent, जैसे कि K-MNO4, potassium permanganate, ये एक strong oxidizing agent है, अगर इतना strongly oxidize कर देते हैं, तो क्या होता है कि alcohol जो है ना, वो सीधा का सीधा acid मिल गई है ना कि वो सीधा अस्मान में उड़ गया है इट इस लाइक दाट तो मतलब वो जो अलकोहल है वो बीच वाला अलडिहाइड वाले स्टेप में ना जाके सीधा का सीधा असिड बना देता है ठीक है लेकिन आपने बोला कि नहीं मैम मुझे तो ये चाहिए नहीं इसका मतलब आपको एक appropriate oxidizing agent ढूंडना पड़ेगा जो अलकोहल को इस तरीके बना देगा तरीके से ऑक्सिडाइज करें कि थोड़ा सा ऑक्सिडाइज होकर जब वो एलडिहाइड बनाता है वो वहीं पर रुक जाए वो फर्थ ऑक्सिडाइज ना हो तो एक बात तो क्लियर है कि यहाँ पर हम बहुत स्ट्रॉंग ऑक्सिडाइजिंग एजेंट बिल्कुल नहीं लें तो CRO3 जो है ये एक लौता ऐसा ओक्सिडाइजिंग एजेंट नहीं है जो प्राइमरी आलकोहल से हमें आल्डिहाइट दे सकता है ऐसे कई और रियेजेंट्स भी है जैसे कि एक काफी फेमस रियेजेंट है PCC, PCC शॉर्ट फर्म है क्योंकि इसका नाम जो है तोड़ा बड़ के presence से पता चल रहा है कि यह alcohol है, 4 carbon वाला एक alcohol है, इसको जब हम oxidize करते हैं in presence of PCC, तो हमें 4 carbon वाला ही एक aldehyde मिल जाता है, ठीक है, clear हो गई बात, okay, अब बात करते हैं secondary alcohol की, अगर हमारे पास एक secondary alcohol है और उसे हम oxidize करते हैं, कौन सा oxidizing agent लिया, let us say हमने लिया CRO3, chromium का oxide लिया लिए मिला क्या नहीं मिला हमें क्या मिल गया हमें मिल गया कीटोन क्योंकि उसी लॉजिक्स ऑक्सडेशन के अंदर लॉजिक्स चल रहा ओवेच बॉंड ब्रेक हो रहा था सीएच बॉंड ब्रेक हो रहा था और सी डबल बॉंड बन रहा था उस वही लॉजिक्स जब से है तो हम देखते हैं चीज वही हो रही होती है में कार्निसम वही हो रहा होता है बट लास्ट में हमें जो मिलता है वह आईडीआइड ना मिलकर कीटोन मिल जाता है क्योंकि सेकेंडरी आलकोहॉल में क्या होता है एक कार्बन हमें क्या मिल जाएगा कीटोन मिल जाएगा एक्जाइटली अ ठीक है What if हमारे पास tertiary alcohol है? तो बच्चो, tertiary alcohol को अगर आप oxidize करोगे भी ना, तो it doesn't undergo oxidation, वो oxidize होगा ही नहीं. अब आप पूछोगे कि ऐसा क्यूं? अब आप खुद सोचो logically, मैंने क्या बताया था? Alcohol के oxidation से कैसे बनता है aldehyde? Alcohol के oxidation के दौरान क्या हो रहा था? OH का bond तूट रहा था और CH के बीच का bond तूट रहा था? अब यार जो tertiary alcohol है, उसमें क्या हो रहा है? OH जिस carbon से attached है, वो carbon है. कार्बन तो तीनों तरफ दूसरे कार्बन से अटैश्ट है यानि कि कोई CH बॉंड है ही नहीं यहाँ पे तो वो तूटेगा कैसे ऐसे सोचो आसान तरीके से सोचो है ना अलकोहल के ओक्सिडेशन से आल्डिहाइट कैसे बन रहा था जब OH के बीच का बॉंड तूट रहा था डिफिकल्डिटी या कीटोन या ऐसा कुछ नहीं दे पाएगा तो चलो अब डिस्कस करते हैं हम अगला मेथड विच इस डिफिकल्डिटी नेशन ऑफ एलकोहॉल यह जो मेथड है यह मोस्टली वैसे सिनारियोस में यूज होते हैं जहां पर हम जिन एलकोहॉल्स के बाद को हम हैंडल कर रहे हैं वह वोलाटाइल एलकोहॉल्स है मतलब वह एलकोहॉल्स बड़ी आसानी से वेपर फ� तो ऐसे situation में क्या होता है हम इन alcohol के vapors को जब pass कराते हैं over heated metal catalysts जैसे मालो copper हो गया या silver हो गया at a very high temperature जब इनके through हम इन alcohol के vapors को pass कराते हैं तो हम notice करते हैं कि अगर तो ये primary alcohol था तो उसका dehydrogenation होता है dehydrogenation अभी समझाया था यानि कि H2 का removal होता है और वो बना देता है aldehyde उसी तरह अगर हमारे पास secondary alcohol था तो उसका भी dehydrogenation होता है हिड्रोजिनेशन होता है यानि कि उसमें से एच टू हट जाता है और हमें मिल जाता है कीटोन और अगर तो वह टर्शियरी आलकोहॉल था तो उसका डी हाइड्रोजिनेशन तो हो नहीं पाता है क्यों नहीं हो पाता है पहले बता चुकी हूं मैं लेकिन इनका क्या हो जाता है इनका हो जाता है डी हाइड्रोजिन बोले तो एच टू ओ का रिमूवल वाटर का रिमूवल और हमें मिल जाता है आलकीन ठीक है फिलहाल हम आलकीन बनाने में इतने इंटरेस्टेड है नहीं बट फिर भी जानकारी के लिए ज के थूब जब हम क्या करते हैं जब तर्शीरी आल्कोहॉल के वेपर्स को हम किसी भी हीटेड मेटल कैटलिस्ट से पार करते हैं तो हमें आल्डिहाइड या कीटो नहीं बल्कि आलकीन मिलता है क्योंकि उस दौरान डी हाइड्रोजिनेशन नहीं तो वह हमें इस यहां से क्या पता चला डी हाइड्रोजिनेशन से बनता है किसके प्राइमरी और सेकेंडरी आलकोहॉल के कैसे बनता है जब कोई volatile alcohol के vapors को हम पास करा देते हैं heated metal catalysts के थूँ चलो बच्चो अब बात करते हैं hydration of alkynes की, तो alkynes की कहानी कुछ यूँ है कि alkynes वैसे तो immiscible होते हैं और water के साथ react नहीं करते हैं, immiscible बोले तो water में mix नहीं होते हैं, लेकिन अगर situation हो जाए कुछ यूँ कि water को add किया जाए alkyne में with HgSO4 and dilute H2SO4 at 333 Kelvin तब ये बना डालते है मतलब ये कुछ वैसी बात हो गई कि वैसे तो हम पढ़ते नहीं है, लेकिन अगर कल एक्जाम हो और उपर से घर पे मुमी ने ऐसा बोल रखा है कि भाई इस पार अगर 80 से कम नंबर आएं तो खैर नहीं, तो ऐसे सिचुएशन में तो हम भी पढ़ लेते हैं, तो कुछ वैसी बात एलकाइन की है कि नॉर्मली वाटर के साथ रियाक नहीं करते हैं, लेकिन अगर HGSO4 यानि की मरक्यूरिक सलफेट और डाइलूट H2SO4 यानि की डाइलूट सलफूरिक असिड के साथ अगर किया जाएं, टू एट टेंपरेचर आफ थ्री थर्टी थ्री केल्विन तो यह बना देते हैं कार्बोनियल कमपाउंट यानि कि हमारे आल्डिहाइड और की टो चलो यह देखते हैं कि कौन सा एलकाइन कौन सा एलडिहाइड या की टोन बनाता है ठीक है अगर हम बात करें सबसे सिंपल टाइन है कोई सभी जितने भी अलकाइन है वह सारे बनाते हैं कीटोन ठीक है तो इतनी सी कहानी थी हाइडरेशन ऑफ एलकाइन्स की तो अब तक तो हमने जितने भी मेथड्स देखें यह सारे कॉमन मेथड्स थे जिससे हम एलडीहाइड और बीटोन दोनों बना सकते हैं अब हम फोकस करेंगे बिल्कुल स्पेसिफिक यानि कि पहले फोकस करेंगे कुछ ऐसे स्पेसिफिक मेथड्स की तरफ जिसके हेल्प से हम बना सकते हैं एलडीहाइड ठीक है तो एलडीहाइड को देखेंगे कि from esters and from hydrocarbons, in fact hydrocarbons say, हम एल्डीहाइट को कई तरीके से बना सकते हैं और हम उन सारे तरीकों को उन सारे मेथड्स को डीटेल में डिसकस करेंगे तो तैयार हो एल्डीहाइट के मेथड्स प्रेपरेशन डिसकस करने के लिए चलो शुरू करेंगे तो सबसे पहला मेथड है फ्रॉम एसाइल अब आप नाम पर फोकस करो एसाईल क्लोराइड मतलब इसमें क्या होगा एक एसाईल ग्रूप के साथ क्लोरीन लगा हुआ होगा लेकिन मुझे इसमें से क्या बनाना है मुझे इसमें से बनाना है एलडीहाइड टिके यानि कि मुझे फॉर शौर वहाँ पर वो CL तो नहीं पेल की जगह मुझे गया चाहिए मुझे वहां पर एक चाहिए एक हो जाए तो मजा आ जाए तो यानी कि हम यहां पर क्या करेंगे देखो मैं यह जो भी मैं ट्रिक्स बता रही हूं वह नॉट द मेकानिजम क्योंकि मेकानिजम हम सारे रिएक्शन के यहां डिस्कस नहीं करेंगे वन शॉट सीरीज में बट आईएप टेलिंग चोटे-चोटे स्टोरीज ताकि आपको वह रिएक्शन याद रहें हाइड्रोजन चाहिए तो क्या कर देंगे इसका हाइड्रोजनेशन कर देंगे एक्जाटली और हाइड्रोजनेशन जैसे कि आपको पता है पता नहीं भी है तो पता कर लो कि हाइड्रोजनेशन हमेशा किसी ना किसी काटलिस्ट के प्रेजेंस में होता है किस तरीके का कैटलिस्ट जैसे कि पैलाडियम जैसे कि बैरियम सल्फिट इस तरह के कैटलिस्ट के प्रेजेंस में ही होता है जब इतना कुछ पता है तो चलो लिख डालते हैं रियाक्शन तो यहां पर हमें कौन सा असाइल है लाइट दिख रहा है बताओ मुझे कौन सा असाइल क्लोराइड दिख रहा है सीएल तो दिखी रहा है और कौन सा वाला ऐसा इल ग्रूप दिख रहा है यहां पर बेंजॉयल एक्जाटली तो यह बेंजॉयल क्लोराइड है इसको हमने हाइड्रोजिनेट कर दिया यानि कि एच टू इन प्रेजेंस ऑफ पैलाडियम और बेरियम सल्फिट और देखो क्या बन गया यहां पर क्या हो गया क्लोर ठीक है और इस रियाक्शन का एक नाम है जो कि है रोजन मुंड रियाक्शन ठीक है यही पर एक और बात बता देती हूँ कि अब चुकी रियाक्शन का सिलसिला शुरू हो चुका है कभी प्रिपरेशन की बात करेंगे तो कभी केमिकल रियाक्शन की बात करेंगे कभी केमिक प्रोटीज की बात करेंगे और हर जगह न नए रिएक्शंस दिखते रहेंगे इन तर कई नए नाम भी आते रहेंगे अब एक बार यह सारे नाम याद रखना थोड़ा मुश्किल तो है इसलिए क्या करोगे जैसे इस वीडियो को देख रहे हो साथ ही स शीट में जहां पर नाम वाले रिएक्शन आते हैं ना उनको लिखते चले जाओ ताकि लास्ट मिनट रिविजियन में बहुत हेल्प होगी तो चलो लिख डालो उसी नोटबुक पर फटा-फट से पहला रिएक्शन का नाम रोजन मुंड रिएक्शन तो रोजन मुंड रिएक्शन में क्या होता है एसाइल क्लोराइड से बनता है आल्डीहाइड कैसे बाई हाइड्रोजिनेशन इन प्रेजेंस ऑफ पैलाडियम और बेरियम सल्फेट तो चलो बच्चों अब हम चलते हैं अगले तरीके पर जहां पर हम देखेंगे कि आल्डीहाइड कैसे बनते हैं फ्रॉम नाइट् तरीका क्या है वो तो मैं बाद में बताऊंगी सबसे पहले मैं ये चाहती हूँ कि अगर दिमाग में नाइट्राइल को लेके किसी तरह का डाउट है तो वो पहले क्लियर हो जाए नाइट्राइल की जैसे ही हम बात करेंगे तो मैं कहूँगे कि ये सी एन ग्रुप वाले तो बहुत से बच्चे कहेंगे कि सी एन ग्रुप वाले तो सायनाइड होते हैं नाइट्राइल तो नाइट्राइल और सायनाइड क्या ये सेम चीज़े हैं यार अगर सेमी चीज़ होत organic compound हो, किसी भी compound में अगर CN group है, C triple bond N group, यह वाला group अगर है, तो उसे हम cyanide कहते हैं, लेकिन, nitrile हम किसको कहते हैं, ऐसे organic compound जिसमें cyanogroup हो, सिरफ उनको हम कहते हैं nitrile, ठीक है, जैसे कि acetonitrile, जो कि यहाँ पे दिख रहा है, यह एक organic compound है, और इसके अंदर cyanogroup भी है, इसलिए यह क्या है, यह है nitrile, लेकिन दूसरी तरफ, अगर मैं hydrogen cyanide, या सोडियम सायनाइड की बात करूँ तो इनमें सायनों ग्रूप तो है बट ये क्या है ये और्गानिक कमपाउंट्स नहीं है तो इसलिए ये सारे क्या है सायनाइड्स है तो फिलाल हम बात कर रहे हैं किसके बारे में नाइ ठीक है तो नाइट्राइल कैसा दिखेगा नाइट्राइल कुछ ऐसा दिखेगा आर सी एन रेट और उसमें भी सी और एन में ट्रिपल बॉंड है एकदम ट्रिपल वाली दोस्ती है ठीक है ना बट मुझे चाहिए क्या मुझे क्या बनाना है आल्डिहाइड यानि कि मुझे च तो नहीं टूटेगा कुछ तो जुगार लगाना पड़ेगा क्या जुगार लगाएंगे हम इसे रियाक्ट करा देंगे सेंसियल टू यानि टैनर्स क्लोराइड के साथ इन प्रेजेंस आफ हाइड्रोक्लोरिक ऐसे देट इन प्रेजेंस आफ एडिटीएंट ठीक है त कि चलो बई triple bond से कम double bond तो बना है तो यहाँ पर देखो double bond NH उपर से H भी आ गया है पिक्चर में क्योंकि हमें तो RCHO चाहिए था इस तरीके से देखो reaction को ताकि reaction आपके दिमाग में बिलकुल याद हो जाए बड़ी आसानी से तो यहाँ तक तो चलो पहुँचे हला कि यह हमारा end goal नहीं था end goal क्या है मुझे nitrogen चाहिए ही नहीं तो क्या करेंगे water डाल के bond को तोड़ देंगे जिसे हम कहते है hydrolysis exactly lysis का मतलब ही होता है breakdown डाउन हाइड्रो बोले तो वाटर डालो बॉंड को तोड़ो और इस तरीके से हमें क्या मिल गया अब बॉंड टोड़ किया तो भाई नाइट्रोजन बाहर हो गया पिक्चर से और हमें गया मिल गया आर सीएच ओ डेट इज एल्डी हाइड ठीक बाहर नहीं समझ आई तो नाइट्रोजन से हमने एल्डी हाइड कैसे बनाया सबसे पहले रियाक्ट करवाया फर्स्ट इंटरमीडियेट का एक नाम है जिसे हम कहते हैं इमीन और उसके बाद इसको करा दिया है और उससे हमें मिल गया एलडीहाइड और इस रियाक्शन का भी एक नाम है तो आप अपनी उस कॉपी में नंबर टू रियाक्शन भी लिख लो और इस रियाक्शन का भी लिख लो SNCL2 एक लौता ऐसा है जो नाइट्राइल से अल्डिहाइड बना सकता है ये काम कोई और भी कर सकता है एक और ऐसा वन्दा है जो ये सेम काम कर सकता है बिल्कुल सब कुछ सेम रहेगा सिर्फ SNCL2 की जग़ा हम इस बन्दे को यूज़ करेंगे कौन है ये बन्दा इसे हम कहते है डिबल एच ये इसका शॉट नाम है फुल नाम है डाईसो ब्यूटाइल अलुमिनियम हाइड्राइड सो दिस इस अल्सो अ गुड रिजूसिंग एजन्ट जो नाइट्राइल को सिलेक्टिवली रिडूस करके कि हमें बना कर दे सकता है एलडी हाइट ठीक है तो डिबल एज आप देखोगे कि जब कभी आगे चलकर हम रिडक्शन की बात करेंगे तो विवेड टॉक अबाउट डिबल एज बिकॉस डिबल एज एक्ट एज रिड्यूसिंग एजेंट ठीक है तो जैसे कि आप देख रहे हो यह रिएक्शन एग्जाक्टली सेम टो सेम स्टिफन रिएक्शन की तरह ही है सेम रिएक्टेंस है सेम प्रॉडक्ट है तो चेंज हो गया है हमारा एजेंट जिसकी प्रेजेंस में यह रिएक्शन हो रहा है तो चलो आगे बढ़ते हैं अगले method पे जहाँ पर हम देखेंगे किस तरीके से हम ester से aldehyde बना सकते हैं ester बोले तो r-c-o-o-r aldehyde बोले तो r-c-h-o ठीक है तो इसका मतलब यह जो OR वाला part है यह part हमें नहीं चाहिए ठीक है तो क्या करें इसको फिर से reduce करेंगे reducing agent सोच सकते हो कोई reducing agent अभी discuss किया था reducing agent double H exactly यहाँ पर भी हम use करेंगे double H और double H which is di-isobutyl aluminium hydride एक बहुत अच्छा reducing agent है और आप देखोगे कि specially यहाँ पर जब हम carbonyl रिडक्शन पर प्रपसेस तो यहां पर देखो क्या हो रहा है एस्टर इसको हमने रिड्यूज किया इन प्रेजेंस आफ डिबल एज फर्स्ट स्टेप और उसके बाद फॉलोड बाई हाइड्रोलिसिस हमें फाइनल प्रोडक्ट क्या मिल जा रहा है आल्डीहाइड अरे बाई इतनी देर से हम सिरुफ एलीफाटिक आल्डीहाइड की बातें किये जा रहे हैं रिंग वाले आल्डीहाइड की बात भी करेंगे या नहीं बिल्कुल करेंगे तो चलो अब यह देखते हैं कि आरोमाटि अरोमाटिक हाइड्रोकार्बन एक्जाटली मतलब अरोमाटिक आल्डीहाइड बोले तो जैसे कि बेंजाल्डीहाइड या फिर उसके डेरिवेटिव्स अरोमाटिक हाइड्रोकार्बन बोले तो बेंजीन टॉलूइन जाइलीन वगैरा ठीक है तो कैसे बना सकते हैं ओवियस ठीक है मतलब इतना स्ट्रॉंगली ऑक्सिडिज कर दिया कि भाई सीधा आसिड बन गया पर मुझे तो आलडिजाइड चाहिए था मतलब म बट इतनी लंबी छलांग नहीं मान ली थी, असिड से पहले जो एक स्टेज आता है जब एल्डिहाइड बन रहा होता है, मुझे वहीं तक जाना था, क्या ऐसा possible है, बिल्कुल possible है, लेकिन कैसे, उसके लिए हमें कुछ ऐसे reagents यूज़ करने पड़ेंगे, जो इन्हें ओक्स आगे ये acid तक oxidize ना हो तो क्या ऐसे reagents हैं? बिल्कुल हैं, यहाँ पर हम देखेंगे ऐसे दो reagents, एक तो CRO3 जो की chromic oxide है और दूसरा CRO2Cl2 that is chromyl chloride तो chromyl chloride और chromic oxide इन दोनों के health से हम बना सकते हैं aromatic hydrocarbons से aromatic aldehydes इन फाक्ट इस तरीके को अगर आपने अपने टेक्स्ट बुक में देखा हो तो बताया गया है as oxidation of methyl benzene, methyl benzene क्या है, benzene अपना ring वाला structure उसमें methyl group लगा दो तो बन गया methyl benzene, methyl benzene को oxidize करके देखेंगे कि कैसे वो aldehyde यानि कि aromatic aldehyde के stage तक जाके ही रुक जाता है using these reagents. तो चलो सबसे पहले देखते हैं कि किस तरीके से हम chromyl chloride के help से ऐसा करते हैं तो चलो सबसे पहले देखते हैं किस तरीके से chromyl chloride यानि कि CRO2Cl2 के help से हम इस oxidation को कर पाते हैं तो हम किस से शुरुवात कर रहे हैं, मीथाईल बेंजीन, एक बेंजीन रिंग जिसमें एक मीथाईल ग्रूप अटाश्ट है, जिसे हम आम तोर पर टॉल्विन बोला करते हैं, मीथाईल बेंजीन के साथ, मीथाईल बेंजीन को जैसे ही हम ओक्सिडाइज करते हैं, इन प्रे अब आप खुद ही देखो अब सिर्फ मिथाईल ग्रुप जुड़ा हुआ नहीं है रिंग के साथ उसके साथ पूरा एक क्रोमियम का पूरा पार्ट आ गया है तो एक क्रोमियम का कॉंपलेक्स बन गया है लेकिन यार मुझे तो क्या बनाना था मुझे तो अरोमाटिक आल्ड अब मैं इसे तोड़ के यहां से हटाऊंगी, कैसे तोड़ू, वाटर से तोड़ो, यानि कि हाइड्रॉलिसिस करो, वाटर जोड़ के इसे तोड़ डालो, और तुम चीजो को लेके खुश रहो, और बन जाएगा एल्डिहाइट, ठीक है, एल्डिहाइट के प्रेपरेशन देखो अधिकतर जगह रियाक्शन से इसी तरह के होते हैं कि पहले जो भी हमारा रिएजेंट है या जिसके भी प्रेजेंस में रियाक्शन हो रहा है उसके साथ वह इंटरमीडियट बनाता है और उसके बाद हाइड्रोलिसिस से मुझे फाइनल एलडीहाइड करवाया वाटर डाल के बॉंड को तुड़वाया तो बन गया बेंजालडीहाइड अ ठीक है और इस reaction का भी एक नाम है तो इसलिए आप अपनी copy में दो reaction तो पहले ही लिख चुके थे Rosenmund reaction, Stephen reaction और अब बारी है तीसरे reaction के और इसका नाम लिख डालो इतार्ड reaction एक्साक्टली तो इतार्ड reaction में क्या हो रहा है Methyl Benzene से या फिर Toluene से बन रहा है Benzaldehyde in presence of Chromyl Chloride ठीक है बात समझ में आ गई ग्रेट तो चलो अब देखते हैं ये same चीज जहां पर methyl benzene से benzaldehyde बनेगा but in presence of a different reagent कौन सा reagent दूसरा reagent का नाम बताया था बताओ कौन सा नाम बताया था देखती हूँ कितना concentration इसको सुन रहे हो दूसरा रियल कौन सा था शीरो थी एग्जाटली ग्रोमिक ऑक्साइड तो ग्रोमिक ऑक्साइड के साथ भी कहानी काफी सिमिलर है सेम तो नहीं बोलूंगी मैं बट सिमिलर है सेम क्यों नहीं बोल रही हूं क्योंकि इस केस में लाइट सो सीरो थे के साथ रिएक्ट करके भी यह एक इंटरमीडिएट बना रहा है जिसको हम क्या कर रहे हैं बॉंड को तोड़ है विथ वाटर यानि कि हाइड्रोलिसिस करवा के फाइनल हमें मिल रहा है बेंजाल्डी हाइड ठीक है तो बताब लॉजिकली वही चीज हो रही है बट चूकी दे रियजेंट इस डिफरेंट सो दे इंटरमीडियेट देट इस गेटिंग फॉर्म डि� होता है in presence of acidic anhydride, anhydride क्या होता है मैंने बिल्कुल इस वीडियो को शुरुवात में बताया था, मतलब acid में से H2O को हटा के हम बनाते हैं, acid के anhydrides, right, तो ये reaction होता है, occur करता है in presence of of Acetic Anhydride, तो भाई Toluene या फिर Methyl Benzene से Benzaldehyde बनाने का Oxidation वाला तरीका तो हम समझ गए, ठीक है, लेकिन एक तरीका और होता है, जिसे हम कहते है Side Chain Chlorination, ठीक है, Side Chain Chlorination, देखो नाम से पता चल रहा है, Chlorination हो रहा है, मतलब Chlorine आड़ हो रहा है, इसमें हम क्या करते है, Methyl Benzene लेते है, या फिर Toluene लेते है, इसको इसाथ Chlorine आड़ करते है, जब हम Chlorine आड़ करते है, इन Presence of Light, तो क्या होता है, ये Chlorine जो, जो है हाइड्रोजन को रिप्लेस करके अपनी अपने लिए जगह बना लेता है कहां पर साइड चेन में मतलब यह क्लोरीन जो है ना बेंजीन के रिंग को डिस्टर्ब नहीं करता है लेकिन रिंग के साथ जो साइड चेन है जो सीएच थ्री है वहां पर उन तो जो एच थ्री है ना उनको हटा के अपनी जगह बनाता है ठीक है जैसे पहले एक एच को हटा के एक सीएल आ गया तो इस तरीके से देखो हमें क्या मिल जाता है हमें मिल जाता है, benzene ring के साथ attach है क्या, CH3 के बजाएं, अब है CHCl2, और उसके बाद हम इसका कर देते हैं, hydrolysis, क्योंकि हमें तो CHO चाहिए, right, CHCl2 तो चाहिए नहीं, तो इसके लिए हम क्या कर देंगे, bond को तोड़ देंगे, CHCl2 को चाहिए नहीं हमें, तो हम water डाल के bond को तोड़ देंगे, और हमें मिल जाएगा benzaldehyde. तो इस process को हम कहते है side chain chlorination and hydrolysis क्योंकि अभी तक दोखो हमने कई सारे ऐसे methods discuss किये जहां पर first step में हम हमें जो करना होता है हम वो करते हैं और second step में हम hydrolysis करके फिर finally हमें बेंजाल्डीहाइड मिल रहा था ठीक है इन फैक्ट बता दूं कि यह जो मेथड है ना यह एक तरीके का कॉमर्शियल मेथड है जिससे हम बेंजाल्डीहाइड बनाते हैं तो इस तरीके से हमने देखा कि कि बैंजाल्डिहाइड को भी हम मिथाइल बेंजीन से कई तरीके से बना सकते हैं कई अलग-अलग रियजेंट के हेल्प से ओक्सिडाइज करके बना सकते हैं तो क्या बैंजाल्डिहाइड को बनाने के तरीके खतम हो चुके हैं नॉट रियली फ्रॉम बेंजीन या फिर अगर बेंजीन का कोई डेरिवेटिव है तो वहाँ से हम बना सकते हैं और I am sure कि वो जो नोटबुक जहां यहां पर आप सारे नाम वाले रियाक्शन नोट कर रहे थे एक के बाद एक जैसे ही रोजन मुंड रियाक्शन स्टिफेंड रियाक्शन इटार्ड रियाक्शन उसके बाद आने वाला है ये चौथा रियाक्शन क्योंकि इस रियाक्शन का भी एक नाम है और वाला है गाटरम इन प्रेजेंस आफ एन हाइड्रस एल सी एल थी या फिर सी उसी एल तब बन जाता है बेंजालडीहाइड ठीक है और इसी रियाक्शन को हम कहते हैं गाटरमान कॉच रियाक्शन तो देखो यह न बहुत काम आने वाला है जब हम आल्डीहाइट कीटोन का पूरा टॉपिक खत्म करेंगे न तो आप देखोगे कि आपकी नोटबुक में कई सारे ऐसे रियाक्शन नोट डाउन हो चुके हैं जिनका एक नाम है और आपने साती सात रियाक्शन भी तो भाई इस तरीके से हमने आल्डिहाइड बनाने के तरीके तो देख लिये, अब बारी है किसकी, कीटोन क्यों, अब बारी है किस हैं और तीसरा डिस्कस करेंगे कि कीटोन हम कैसे बेंजीन या फिर उसके डेरिवेटिव से बना सकते हैं तैयार हो चलो शुरू करेंगे तो सबसे पहला मेथड देखेंगे फ्रॉम एसाईल क्लोराइड टीक है एसाईल क्लोराइड कैसा दिखेगा एक एसाईल ग्रूप होगा जिसके साथ एक सीएल एटाश्ट होगा एक क्लोरीन एटाश्ट होगा यानि कि आर सीओसीएल इस तरीके का दिखेगा आर बोलो आर डाश बोलो सब चलता है इसको जब हम रियाक्ट करवाते हैं डाई अलका� के साथ, डाई अलकाइल, डाई बोले तो दो, दो अलकाइल, एक कैडमियम, R2, CD, यह है डाई अलकाइल कैडमियम, तो हमें क्या मिल जाता है, हमें मिल जाता है कीटोन प्लस CD, CL2, क्योंकि देखो इस रियाक्शन के दौरान हुआ क्या, यह जो डाई अलकाइल कैडमियम का कै� बट यहाँ पर एक सवाल यह रह गया कि यह डाई अलकाईल कैडमियम यह कहां से बना यह कहां से आता है डाई अलकाईल कैडमियम तो डाई अलकाईल कैडमियम जो है यह बनता है फ्रॉम ग्रिगनार्ड रियजेंट नया नाम बिलकुल नहीं है क् हलो ग्रूप ठीक है आर इज योर अल्काइल ग्रूप जब ग्रिगनाड रिएजेंट को हम रियाक्ट करवाते हैं विट काडमियम क्लोराइड देट इस सीडी सी एल टू तब हमें क्या मिलता है डाई अल्काइल काडमियम और इसी डाई अल्काइल काडमियम के साथ हम रियाक रियाट कराने पर हमें मिल रहा है डाई अलग आईल कैडमियम सेकंड स्टेप में हम देखते हैं कि जब डाई अलग आईल कैडमियम रियाट करता है विद एसाइल क्लोराइड तब हमें मिल जाता है कि टो तो चलो बच्चों अब देखते हैं कि कीटोन कैसे बना सकते हैं फ्रॉम नाइट्राइल वेल्ड नाइट्राइल कैसा होता है आरसी एन अब तो नाइट्राइल से जान-प्रचान हो गई है आरसी एन से मुझे क्या बनाना है आरसी ओ आर डाश अ तो यह बनाना है मतलब मुझे यह नाइट्रोजन तो भाई नहीं चाहिए तो क्या करें सबसे पहले क्या करें यहां पर हम रियाट करेंगे इसको ग्रिगनाड रिएजेंट के साथ यानि कि आरेम जी एक्स अब देखो यहां पर आरेम जी एक्स में आर जाता है यहां पर वह बेंजाइल ग्रुप है सीख एड़ फाइड बहुत अच्छी बात है तो देखो जैसे ही यह ग्रिगनाड रिएजन्स के साथ रियाक्ट करता है तो एक कॉंप्लेक्स बनाता है देखो कैसा कॉंप्लेक्स बन रहा है क्या यह आर सी ओर के फॉर्माट करेक्ट तो यानि कि कीटोन कैसे बना नाइट्राइल से नाइट्राइल को पहले ग्रिग्नाड्री एजेंट के साथ रियाक्ट करवाया फिर जो कॉंप्लेक्स मेला उसका हाइड्रॉलिसिस किया तो फाइनली मिल गया कीटोन तो बच्चों यहाँ पर घबराना नहीं है ऐसा कुछ है मतलब कितने कारबन का एलकाइल ग्रूप है देज एंट मैटर अभी आप इस बात पर फोकस रखो कि रियाक्शन का पैटर्न क्या है इस रियाक्शन के दौरान क्या हट रहा है और क्या जूड़ रहा है किसके प्रेजेंस में रियाक्शन हो तो वह लॉजिक आपको समझ में आ जाती है तो वह जो एलकाइल ग्रूप है ना फोकर बदल भी दी जाएगी तभी भी यू विल गेट तो बच्चों अब ये तो हमने देख लिया कि अल्डिहाइड और कीटोन को हम किस तरीके से बना सकते हैं, इनके प्रेपेरेशन के तरीके तो देख लिये हैं, अब आरी है जानने की इनकी फिजिकल प्रापर्टीज, फिजिकल प्रापर्टीज बोले तो, जैसे की इनका फि� information on their order यानि की smell ठीक है तो ये सारी बाते हम discuss करने वाले हैं अभी on their physical properties तो सबसे पहले बात करेंगे about physical state तो अगर मैं बात करूँ सबसे simple aldehyde की यानि की एक carbon वाला aldehyde that is methanol तो ये room temperature में exist करता है as a लेकिन अगर मैं बात करूँ 2 कार्बन वाले अल्डिहाइड की यानि की इथेनल तो ये एक्जिस्ट करता है as a liquid, in fact it is a volatile liquid जो बड़ी आसानी से क्या हो जाता है, vaporize हो जाता है, exactly. अगर हम थोड़े और जादा कार्बन वाले अल्डिहाइड की बात करें जैसे की propanol या फिर butanol या फिर pentanol and so on तो हम notice करते हैं कि 2 से लेकर के लगभग 11 तक carbon वाले जो aldehydes या ketones होते हैं वो generally room temperature में exist करते हैं as liquids अगर हम बात करें इस ते भी ज्यादा number of carbon वाले aldehydes या ketones तो वो exist करते हैं as solids at room temperature तो यानि कि हमें क्या पता चला हमें लगभग ये idea हुआ कि methanol जो है वो ऐसा है जो gas की तरह exist करता है बट इसके अलावा जितने भी aldehydes या ketones होते हैं वो या तो liquid या फिर solid की तरह exist करते हैं at room temperature तो चलो बच्चों अब डिसकस करते हैं बॉयलिंग पॉइंट के बारे में तो हम लोग नोटिस करते हैं कि अल्डिहाइट कीटोन यानि की कार्बोनेल कमपाउंट का जो बॉयलिंग पॉइंट होता है ये अल्कोहॉल के मुकाबले कम होता है लेकिन इनके कॉरस्पॉंटिंग हाइड्रो कार्बन के मुकाबले जादा होता है मतलब बोलने का मतलब है अगर सेम नंबर आफ कार्बन आटम्स वाले एक अल्कोहॉल है एक कार्बोनिल कंपाउंड है यानि कि एक आल्डिहाइड या क्यूटोन है और एक अगर आलकेन है इन तीनों के बॉयलिंग पॉइंट्स को अगर हम कंपेर करते हैं तो हम देखते हैं कि अलकोहॉल का बॉयलिंग पॉइंट सबसे ज्यादा है उसके बाद आल्डिहाइड क्यू� तो लिक्विड में अगर पार्टिकल्स इतने पास-पास हैं वेपर में उनको और दूर-दूर जाना है यानि कि इन पार्टिकल्स को एक दूसरे से खीच के दूर लेकर जाना है तभी तुम इसे वेपराइज कर पारेव तभी वो बॉयलिंग पॉइंट को रीच कर रहा है पार्टिकल के बीच का जो फोर्स है वह बहुत स्ट्रॉंग है तो उनको जो है एक दूसरे से दूर करने के लिए तुम्हें ज्यादा देर तक उसे हीट करना पड़ेगा तो यानि कि उसका बॉयलिंग पॉइंट ज्यादा होगा ठीक है लेकिन अगर इन पार्टिकल के ज्यादा कमजोर है तो थोड़ा सा ही करते ही वह टेंपरेचर आ जाएगा जब यह क्या होने लगेगा दूर जाने लगेगा यह बॉयल करने लगेगा तो यानि कि वैसे सिचुएशन में इनका बॉयलिंग पॉइंट कम होगा ठीक है यह लॉजिक समझ में आ गया ग्रेट अब चलो बात करते हैं आल्कोहॉल के स्ट्रक्चर को अगर हम देखें तो आल्कोहॉल में होता है वह बॉंड तो आल्कोहॉल के जब बहुत सारे मॉलेक्यूल आजपास है तो उनके बीच में हो जाता है क्या हाइड्रोजन बॉंडिंग ठीक है मतलब इस मॉलेक्यूल का हाइड्रोजन बगल वाले मॉलेक्यूल मॉलिक्यूल के हिड्रोजन के साथ बॉंड बना लेता है मतलब एक पर्टिकुलर मॉलिक्यूल का हिड्रोजन पड़ोसी वाले मॉलिक्यूल के ऑक्सीजन के साथ बॉंड बना लेता है तो इस तरीके से एक हाइड्रोजन बॉंड बन जाती है हाइड्रोजन वांट किस तरह के होते हैं पोलर नेचर के होते हैं राइट क्योंकि ऑक्सीजन थोड़ा ज्यादा एलेक्ट्रोनेगेटिव जाए इसलिए कार्बन पर स्लाइट पॉ तो यानि कि इनमें क्या होता है एक हलका सा डाइपोल मूवमेंट होता है तो यानि कि कार्बोनियल कंपाउंट के अंदर किस तरह के इंटरेक्शन्स होते हैं डाइपोल इंटरेक्शन्स होते हैं ठीक है जो कि हाइड्रोजन बॉंडिंग के मुकाबले थोड़े व मतलब polar वो होते ही नहीं है, वो तो non-polar होते हैं, यानि कि उनके अंदर किस तरह के interactions होते हैं, London forces, पढ़ा था हमने बहुत पहले, यह सारे interactions के बारे में actually हमने बहुत ही basic, जब chemistry, organic chemistry हम शुरू करते हैं, class 11 में तभी पर पड़ते हैं तो उनके बीच में होता है लंडन फोर्सेस तो उस वजह से वह बहुत कम टेंपरेचर पर ही बॉयल करने लगते हैं तो इसलिए उनका बॉयलिंग पॉइंट सबसे कम होता है ठीक है तो यह लॉजिक समझ में आ गया कि किस वजह से आल्डिहाइड या कीट होता है वह उनके कोरेस्पॉंडिंग हाइड्रो कार्बन से ज्यादा होता है तो चलो अब डिस्कस करते हैं हम सॉल्यूबिलिटी के बारे में हम लोग रोटिस करते हैं कि आईडी हाइड की टोन में अगर हम लोग अर्मेंबर्स की ब���त करें लोग में बोले तो ऐसे आईडी हाइड की टोन जिसके अंदर कम नंबर आफ कार्बन आटम्स है जैसे कि मान लो मिथेनल एक कार्बन वाला एलडी हाइड जैसे कि मान लो इथेनल दो कार्बन वाला एलडी हाइड जैसे कि मान लो प्रोपेनोन तीन कार्बन वाला की टोन तो मतलब एक से लेकर तीन कार्बन वाले आईडिटाइड या कीटोन जो है यह पानी में मिसेबल होते हैं पानी में सॉल्यूबल होते हैं क्यों क्योंकि यह जो है वाटर के साथ हाइड्रोजन बॉंड बना लेते हैं हाइड्रोजन बॉंड कैसे बनाते हैं मैं हमने तो पहली देखा ना कि यह आईडिटाइड या कीटोन में चुकी कार्बोनियल ग्रूप होता है तो यह सीड बॉंड ओमे ऑक्सीजन स्लाइटली जिन बॉंड बनने की वजह से यह पाने में सॉल्यूबल होते हैं लेकिन जैसे ही हम हाईयर मेंबर्स की तरफ जाते हैं मतलब जैसे-जैसे हम पांच कार्बन वाले की टोन या एलडीहाइड की बात करते हैं या फिर 10 कार्बन वाले की टोन या एलडीहाइड की बात करते हैं तो क्या होता है कार्बोनियल ग्रुप तो वहीं उतना ही रहता राइट यानि कि हमारा जो molecular weight है वो बढ़ते जा रहा है हमारा जो alkyle वाला part है वो बढ़ते जा रहा है और हमें बता है कि जो ये alkyle वाला part होता है ये hydrophobic होता है पानी से उसे phobia होता है, right, इसका मतलब ये water में mix नहीं होता है, hydrogen bonding यहाँ पे बन नहीं पाती, क्योंकि अगर बन भी पाती है, but still तुमारा जो alkyle वाला part है ना, that is huge now, right, so as a result जो solubility है, वो घटती जाती है, जैसे molecular weight बढ़ते जाता है, so overall कहानी का बॉटम लाइन यह है कि एक कारबन से लेके तीन कारबन तक वाले जो अल्डिहाइड या कीटोन हैं वो तो पानी में मिसेबल होते हैं बट उसके बाद वाले नहीं होते हैं लेकिन लगबग सारे अल्डिहाइड और कीटोन जो हैं वो ओर्गानिक सॉल्वेंट्स में तो notice करते हैं कि जो lower aldehydes या ketones होते हैं उनका होता है थोड़ा सा pungent order मतलब इतना बहुत अच्छी खुशबू कुछ होती नहीं है लेकिन जैसे हम higher aldehydes या ketones की तरफ जाते हैं तो हम लोग देखते हैं कि वो order में जो वो pungent वाली feeling थी वो कम होती जाती है और वो थो fragrance वाली feel ज़्यादा आने लगती है, in fact that is the reason हम notice करते हैं कि बहुत सारे naturally occurring aldehydes या ketones जो हैं ये flavoring agents की तरह या फिर perfumes में इनका use पाया जाता है, तो बच्चो इसी के साथ aldehyde और ketones की physical properties भी हमने discuss कर ली, तो अब आ रही है इनके chemical properties discuss करने की और उसके बाद हम discuss करेंगे धेर स तो सबसे पहले हम लोग ये notice करते हैं कि aldehyde और ketone जो हैं ये खूब सारे nucleophilic addition reaction शो करते हैं ठीक है तो सबसे पहले दिमाग में यह सवाल आता है कि न्यूक्लियोफिलिक एडिशन रियाक्शन ही क्यों इलेक्ट्रोफिलिक एडिशन रियाक्शन क्यों नहीं क्योंकि हमें तो यह पता है कि भाई चाहे एल्डिहाइड हो या कीटोन हो दोनों में होता है कार्बोनिल ग्र जिसे positive charge पसंद है, किसे positive charge पसंद है, nucleophile को, right, nucleophile, nucleus, यानि positive charge, file, मतलब attraction, तो positive charge से attraction nucleophile को है, तो एक possibility है कि carbon को attack करे, वाइडियोफाइल तो वैसे बनेगा हमारा नूक्लियोफिलिक रियाक्शन दूसरा पॉसिबिलिटी है कि ऐसे भी तो सोच सकते हैं कि भाई ऑक्सिजन के उपर तो नेगेटिव है हलका सा तो कोई इलेक्ट्रोफाइल आके ऑक्सिजन को भी तो अटैक कर सकता है हाँ वैसे तो अगर ऐसा हुआ तो इलेक्ट्रोफिलिक रियाक्शन हो सकता है बट इन दोनों चीजों में अगर हम कंपेयर करें तो दिक्कत एक यह आती है कि अगर हम मान लेते हैं कि चलो एक बार के लिए मान लिया कि इलेक्ट्रोफाइल आके ओक्सिजिन को अटाक करेगा बट उस केस वो अपनी ऑक्टेट पूरी करने की कोशिश करेगा तो यानि कि इस तरह से अगर इलेक्ट्रोफाइल का अटाक होता है तो उस केस में जो प्रोडक्ट हमें मिल रहा है वो स्टेबल प्रोडक्ट नहीं है लेकिन अगर न्यूक्लियोफाइल का अटाक हो रहा है तो उस केस में रियाक्शन हमें देखने को मिलते हैं कौन-कौन से न्यूक्लियोफिलिक एडिशन रियाक्शन वह तो हम अभी देखेंगे वह तो कहानी बस शुरू हुई है अभी तो पहले हम समझेंगे कि न्यूक्लियोफिलिक एडिशन रियाक्शन का मेकानिजम क्या होता है फिर हम देखेंगे कौन-कौन से रियाक्शन से जो न्यूक्लियोफिलिक एडिशन वाला मेकानिजम फॉलो करता है ठीक है बट अभी के लिए आप यह जान लो कि हमारा जो पहला रियाक्शन पहला केमिकल रियाक्शन जो हम डिस्कस करेंगे देट इस chemical reaction का जो overall pattern होता है वो similar होता है क्यों क्योंकि दोनों में ही carbonyl group होता है और carbonyl group का behavior दोनों में ही similar होता है तो इसलिए reaction का जो mechanism या फिर जो pattern होता है वो दोनों के case में similar होता है तो चलो सबसे पहले समझते हैं nucleophilic addition reaction का concept तो बहुत पहले जब मैं carbonyl group के structure के बारे में discuss कर रही थी तो मैंने बताया था कि इस carbonyl का जो carbon है ये sp2 hybridized है right sp2 hybridized मतलब structure ऐसा होगा planer इसका मतलब अगर यह एक plane है तो carbon भी इस plane में है oxygen भी इसी plane में है और इसी plane में जो carbon से बाकी दो bonds बने हुए हैं वो भी इसी plane में है ठीक है so total इस scenario में 3 sigma bond बन रहा है और एक पाई बॉंड बन रहा है तो पाई ब जो electron cloud है वो इस plane के उपर या नीचे है ठीक है इसका मतलब जो nucleophile है वो कहाँ पे attack करेगा carbon पे तो करेगा वो nucleophile इस plane के उपर से भी attack कर सकता है इस plane के नीचे से भी attack कर सकता है बट भी चाहे कहीं से भी attack करे ये nucleophile जो है वो इस particular plane के perpendicular attack करेगा ठीक है इस nucleophile के attack करते ही कौन disturb हो रहा है pi bond बनाने वाली electron cloud disturb हो रहे है pi bond की वज़े से क्या बन रहा था था डबल बॉंड पाई बॉंड डिस्टर्ब हो गया तो क्या हो गया डबल बॉंड खत्म यानि कि पहले एक डबल बॉंड दो सिंगल बॉंड थे अब क्या हो जाएगा बताओ अब क्या हो जाएगा अब वह डबल बॉंड गायब इन फैक्ट अब चार सिंगल बॉंड हाइब्रेड आइजेशन क्या हो जाएगा sp3 हाइब्रेड आइजेशन एक्सैक्टली और sp3 हाइब्रेड आइजेशन का स्ट्रक्चर क्या होता है टेट्रा टेट्राहेड्रल एग्जा���्टली तो इसका मतलब जैसे ही न्यूक्लियोफाई कार्बन पर अटैक करता है तो क्या होता है एक टेट्राहेड्रल इंटरमीडियेट बनता है और इस टेट्राहेड्रल इंटरमीडियेट से बाद में जाके फाइनल एडिशन प्रोडक्ट बनता यह हमारे न्यूक्लियोफिलिक अडिशन रियाक्शन का लॉजिक, इसका कॉनसेप्ट, अब इसी कॉनसेप्ट के उपर बेस करके हम बहुत सारे, धेर सारे न्यूक्लियोफिलिक अडिशन रियाक्शन अभी डिसकस करने वाले हैं, तेक है, तो यह लॉजिक समझ में आ एक्शन ऐसा क्यों अब आप सोचोगे कि भाई दोनों में तो कार्बोनियल ग्रुप है फिर ऐसा क्योंकि आईडीआइड की टोन के मुकाबले ज्यादा रिएक्टिव है वह इसलिए क्योंकि आईडीआइड का अगर आप स्ट्रक्चर देखो एक सिंपल सबसे सिंपल वा इसका structure देखो, carbonil के दोनों तरफ सिर्फ H है अगर मैं किसी और aldehyde की भी बात करूँ तो वो कैसा होगा RCHO अब देखो carbonil के एक तरफ alkyl group है, दूसरे तरफ H है तो यहाँ पे हम क्या देखते हैं कि carbonil नूक्लियोफाइल के दोनों तरफ बल्की ग्रूप्स नहीं है, एक तरफ अगर बल्की ग्रूप है भी तो दूसरे तरफ सिर्फ हाइड्रोजन है, तो इसलिए नूक्लियोफाइल को अटाक करने के लिए काफी जगह है, ज़्यादा बॉडी गार्ड का लफड़ा नहीं है से आकर न्यूक्लियोफाइल जो है वह कार्बन को एटेक्ट कर सकता है दूसरी तरफ अगर हम की टोन की बात करें तो कीटोन में देखो क्या हो रहा है आरसी ओर यानि कि कार्बोनील के दोनों तरफ एलकाइल ग्रूप से अब एलकाइल है तो यह तो हो गया पहला रीजन तो पहला रीजन है स्टेडिक हिंडरेंस दूसरा रीजन क्या है बताएं एलकाइल एलकाइल ग्रूप का प्लस आई एफेक्ट इंडक्टिव एफेक्ट हमने पढ़ा था बहुत सारे एफेक्ट पढ़े थे रहे इंडक्टिव यहां पर कवर करना इज नॉट पॉसिबल ठीक है प्लस आई एफेक्ट का मतलब क्या होता है प्लस आई मतलब जब बैंक में पैसे जमा करते हो तो आपका जो बैलेंस है वह प्लस में जाता है प्लस आई एफेक्ट जो है यह अलग रूप शो करते हैं इसका मतलब है अलग रूप चैनल एलेक्ट्रांस डालते रहते हैं एलेक्ट्रांस ठीक है अब खुद सोचो जहां पर ज्यादा एलकाइल ग्रुप होंगे वहां पर उस चेन में वह ज्यादा एलेक्ट्रोन्स डोनेट करेंगे यानि कि वहां पर ज्यादा नेगेटिव चार्जेस होंगे अब जो न्यूक्लियोफाइल है उसे किस से प्यार महबबत है न्यूक रेट, सो न्यूक्लियोफाइल बहुत जादा आसानी से या बहुत जादा उत्साह के साथ अटाक करेगा नहीं, तो कुछ वही कहानी हो रही है कीटोन के केस में, क्योंकि कीटोन में अलकाइल ग्रूप्स जादा है और अलकाइल ग्रूप्स में प्लस आई एफेक्ट होता है, ठीक है, so basically aldehydes का ज़्यादा reactive होने के पीछे दो ही main कारण है, पहला कारण steric hindrance और दूसरा कारण है plus eye effect of the alkyl groups attached. तो बच्चों, nucleophilic addition reaction की कहानी बिल्कुल दिमाग में ताजा रखनी है, क्योंकि अभी हम discuss करने वाले हैं ऐसे कई reactions अलग-अलग चीजों के साथ और देखेंगे कैसे वहाँ पर nucleophilic addition reaction का mechanism follow होता है. तो सबसे पहला reaction देखेंगे हम with hydrogen cyanide यानि की HCN तेके aldehyde या ketone जब HCN के साथ react करता है तो situation कुछ ऐसा होता है भी खुद सोचो HCN कैसे तूटता है H plus CN minus अब H plus और CN minus में से nucleophile की तरह कौन behave करेगा जिसे positive चार्ज से लगाओ, किसे होगा, जिस पे negative चार्ज हो, यानि कि CN-को, so CN-acts as a nucleophile, ये किस पे attack करेगा, carbon-ग्रुप के carbon पे attack करेगा, कर दिया attack, जैसे ही attack किया, तो ये जाके carbon के साथ जुड़ गया, O के साथ जो double bond था, वो तूट के single bond हो गया, O-हो गया, बन गया हमारा tetrahedral intermediate, tetrahedral intermediate से final product कैसे मिलेगा, hydrolysis से of course, तो O-ने ढूंड निया, एक H plus और बना लिया OH और इस तरीके से बन गया Cyanohydrin जो हमारा final addition product है ठीक है इस रियाक्शन में एक और चीज नोट करने वाली है कि अगर हम प्यूर एट सीन यानि कि प्यूर हाइड्रोजन साइनाइट से इस रियाक्शन को करवाते हैं तो रियाक्शन काफी स्लो चलता है ताकि रियाक्शन थोड़ा फास्ट अकर करी इस वज़े से कई बार एक तो चलो बच्चों देखेंगे अगला reaction which is with sodium hydrogen sulfite यानि कि NaHSO3 ठीक है अब देखो NaHSO3 के साथ जब aldehyde या ketone react करेगा पहले तो ये बताओ कि NaHSO3 कैसे तूट सकता है Na plus HSO3 minus ठीक है NaHSO3 minus जो है इसको positive चार्च से लगाव होने का यानि कि ये न्यूक्लियोफाइल की तरब भी हेव करेगा ये जाएगा सीधा अटाक कर देगा कार्बन पे कर दिया अटाक देखो कार्बन के साथ जुड़ गया है एक OSO2H that is nothing but वही HSO3-जो था बच्चा हमारा NA, NA ने सोचा कि यार मैं तो NA+, उधर O-भी खाली बैठा है ये वो भी जाके O के साथ जुड़ के O, NA बना लिया तो overall क्या बन गया ये हमारा ये बन गया final product, final product के लिए O के साथ साथ जुड़ जाएगा एक एच और इस तरीके से बन जाएगा हमारा फाइनल प्रॉडक्ट जो कि है एक बाई सल्फाइट एडिशन प्रॉडक्ट अगर इस प्रॉडक्ट की बात करूं तो यह वाटर सॉल्यूबल होता है एक और खास बात अगर आपने इस रियाक्शन दिख रहेगी इसका मतलब यह रियाक्शन रिवर्सिबल है इस रियाक्शन का जो आउट एडिशन प्रॉडक्ट है इसको हम वापिस क्या बना सकते हैं इसको वापिस हम कनवर्ट कर सकते हैं इंटू द पॉर्स्पॉंडिंग एलडीहाइड या फिर की टोन कैसे बाय रियाक्टिंग वेम विद एनी मिनिदल एसिड और अलकली ठीक है तो यह कहानी थी सोडियम हाइड्रोजन सल्फाइड रियाक्शन की तीसरा रियाक्शन है रियाक्शन विद ग्रिग्नाड रिएजेंट ग्रिग्नाड रि� यही ग्रिगनार्ड रियाजेंट की पहचान है, तो जब ग्रिगनार्ड रियाजेंट के साथ रियाक्ट करवाते हैं हम अल्डिहाइड या किटोन को, तो क्या बनता है, पहले तो एक इंटरमीडियेट बनता है, इंटरमीडियेट कैसे बनेगा, कौन अटाक करेगा कारबन प MG एक metal है, magnesium है, electro positive होगा, MG पे delta plus आएगा, R पे delta minus आएगा, यानि कि R जो है ये attack करेगा, इसे positive charges से लगाव है, तो R जाके सीधा carbon पे जुड़ जाएगा, और इस तरीके से बढ़ेगा, बन जाएगा हमारा इंटरमीडिएट जिसे कई बार एडडप्ट भी कहा जाता है एडडप्ट मतलब एडडिशन से जो बना है दो अलग-अलग फाइनल प्रोडक्ट हमें मिलता है वह ट्वाट वैटिस अल्कोहॉल एग्जैक्टली तो यानि कि हमने क्या सीखा था पहले अ बताओ क्या सीखा था हमने, हमने सीखा था ना कि कुछ टाइम पहले हमने डिसकस किया था कि अलकोहॉल से किस तरीके से हम अलडिहाइड या कीटोन बना सकते हैं, वन डिग्री अलकोहॉल से हम अलडिहाइड बना रहे थे, तू डिग्री अलकोहॉल से हम कीटोन बना रहे थे, इन फैक्ट यहां पे भी अगर हम रियाक्शन को थोड़ा और नेक्स्ट लेवल जाके थोड़ा बारीखी से देखे, तो हम देखते हैं कि अगर सिंपल वाला ए ग्रिगनाड रियाजन्ट से रियाक्ट कराते हैं, सिंपल वाला अल्डिहाइट बोले तो जैसे कि मिथेनल, जिसमें एक ही कार्बन है, ठीक है, HCHO, तो हमें क्या मिलता है, तो हमें मिलता है वन डिग्री अलकोहल, या फिर जिसे हम कहते हैं प्राइमरी अलकोहल, अगर हम ग् बढ़ रही है जैसे HCHO बहुत ही simple था, methanol, उसके बाद ethanol या propanol, ये साड़े थोड़े ज़ादा complicated हैं, तो इसलिए वहाँ पे हमें मिल गया 2 degree alcohol, अगर हम ketone की बात कर दे, उनका structure थोड़ा और complex है, complex in the sense, एक carbon से और ज़ादा number of alkyl groups जुड़े हैं, तो उस case में हमें मिल जा� अल्डिहाइड अल्कोहॉल के साथ ही रियाट कर जाए तो क्या बनेगा तो यहां पर इंट्रोड्यूज करेंगे हम एक और नया नाम जो शायद फर्स्ट टाइम सुन रहे हो एंड एडिस असिटल अल्डिहाइड और अल्कोहॉल साथ में मिलकर बनाते हैं असिटल उसी तरह कीटोन और अल्कोहॉल साथ में मिलकर बनाते हैं कितल हालांकि यह जो रिएक्शन से यह सिंगल नहीं होते हैं इनके भी इंटरमीडियट्स बनते हैं जैसे कि आल्डिहाइड और अल्कोहॉल मिलकर पहले बनाते हैं हेमी एसिटल फिर हेमी एसिटल से बनता है एसिटल उसी तरह कीटोन और आलकोहल मिलकर पहले बनाते हैं हेमी कीटल फिर हेमी कीटल से बनता है कीटल ठीक है एग्जाक्टली क्या होता है रियाक्शन में चलो देखते हैं लेटे सपोस कि ये एक आल्डि कि ठीक है इनको अगर हम रिया कराते हैं इन प्रेजेंस आफ ड्राई हाइड्रोजन क्लोराइड दिस इंपोर्टेंट ड्राई एडिटेल का एक इंपोर्टेंट रोल होता है यहां पर ठीक है इसके प्रेजेंस में जब हम रिया करवाते हैं तो हम लोग क्या देखते न्यूक्लियोफाइल अटाक करता है, कौन सा है न्यूक्लियोफाइल यहाँ पे ओर, यह ओर जो है यहाँ पे अटाक करता है, ठीक है, और यहाँ पे खास बात यह है कि जो ओक्सिजन है ना, उसके साथ भी एक H आके जुड़ गया है, यह H कहां से आया, यह आया dry, ड्राई हाइड्रोजन क्लोराइड से वह ऑक्सीजन को प्रोटोनेट कर देता है जिसकी वजह से जो कार्बन है वह न्यूक्लियोफिलिक अटैक के लिए और ज्यादा तैयार हो जाता है तो न्यूक्लियोफिलिक अटैक जो कार्बन के ऊपर हो रहा है वह और ज्यादा इजी हो जाता है इन फैक्ट यही काम होता है ड्राई हाइड्रोजन क्लोराइड का इस रियाक्शन के दौरान ठीक है तो तरफ जुड़ा हुआ है और कार्बन के साथ दूसरी तरफ जुड़ा हुआ है इसे हम कहते हैं हेब्बू एमी एसिटल और देखो यह भी एक तेट्राहेड्रल इंट करेक्ट कार्बन ने चार बॉंड्स बना रखे हैं, SP3 हाइब्रेडिजेशन, सो टेट्रा हिड्रल स्ट्रक्चर, ठीक है, लेकिन अगर हम इस हेमी आसिटल को फर्दर एक और अलकोहल के मॉलिक्यूल से ट्रीट करवाते हैं, मतलब अलकोहल का डोस खाली बढ़ा दिया है, एक दो सब्स्टिट्वेंट्स एड हो गए और हमें मिल गया हमारा फाइनल एडिशन प्रॉडक्ट विच ठीक similar mechanism से exactly इसी mechanism के साथ होता है ये reaction जब हम ketone को react करवाते हैं एक alcohol से तो देखो ketone भी जब alcohol से react करता है तो क्या बनता है tetrahedral intermediate which is hemiketal तो देखो hemiketal पे focus करो carbon के साथ जुड़े हुए कौन-कौन से groups हैं एक तरफ तो OR है दूसरी तरफ क्या है OH जुड़ा हुआ है और इसी को जब हम एक और molecular of alcohol के साथ react करवा देते हैं तो क्या बन जाता है तो बन जाता है ketone अब जब हम डिस्कस कर रहे हैं, अल्डिहाइड्स या फिर कीटोन्स के रियाक्शन विथ अल्कोहॉल, यहाँ पर एक और स्पेशल केस डिस्कस कर लेते हैं, जिसके हेल्प से हम साइक्लिक कीटल्स भी बना सकते हैं, मतलब कीटल्स जो साइक्लिक कमपाउंड्स हैं, कैसे हैं एक या कीटल को हम कोरेस्पॉंडिंग एलडिहाइड या कीटोन में वापिस कनवर्ट कर सकते हैं कैसे बाई हाइड्रोलिसिस विद मिनरल एसेंट्स तो बच्चों न्यूक्लियोफीलिक एडिशन रिएक्शन के अंदर अब जो लास्ट कैटेगरी हम डिस्कस करने रहे हैं वह है रिएक्शन ऑफ एलडिहाइड या फिर कीटोन विद एमोनिया एंड डेरिवेटिव्स ठीक है मतलब अगर आप यह कीटोन का रिएक्शन होता है एमोनिया यानि कि या फिर इसके डेरिवेटिव्स के साथ तो डेरिवेटिव्स कैसे दिखते हैं एनएच टू जेड जहां पे Z कुछ भी हो सकता है, ZH हो सकता है, जैसे कि Ammonia के केस में, Z जो है ये NH2 हो सकता है, यानि कि ये पूरा बन जाएगा, NH2, that is Hydrazine, Z जो है ये OH हो सकता है, Z जो है ये Alkyl group हो सकता है, तो इस तरीके से Ammonia के derivatives होने के कई सारे options हैं, Z की value जैसे change होती रहेगी, ये अलग-अलग ammonia का derivative होता रहेगा, लेकिन इन सभी reactions में follow होगा nucleophilic addition reaction का mechanism, ठीक है, यानि की carbonyl compound के साथ जैसे ही ammonia या फिर उसके derivatives react करेंगे, तो हमें मिलेगा एक tetrahedral intermediate, कैसे मिलेगा tetrahedral intermediate, देखो जो NH है, ये minus होने की लेट अस्यूम कि जो एमोनिया या उनके डेरिवेटिव्स हैं उनको हम रिप्रेजेंट कर रहे हैं आज एनेच टू जेड जहां पर जेड की वैल्यू चेंज होती रहेगी बेस्ट और नाम कौन से डेरिवेटिव की बात कर रहे हैं तो इसमें से क्या होगा एक तो एच प्ल हो जाएगा एक इन टेट्रा हेड्रल इंटरमीडिएट बन जाएगा उसको जब हम फर्थ हाइड्रोलिसिस करेंगे तो हमें क्या मिल जाएगा हमें मिल जाएगा हमारा फाइनल एडिशन प्रोडक्ट तो देखो फाइनल एडिशन प्रोडक्ट को भी अगर देखो त एक्ट्री क्या बनेगा वह बतानी सकते हैं वह डिपेंट करेगा कि अमोनिया का कौन सा डेरिवेटिव यूज हुआ था राइट तभी तो मैं पता रहेगी कि जगह क्या आएगा बट ओवर ऑल मोर और लेस्ट रिएक्शन का जेनरल फॉर्माट यही रहेगा अब इस रिएक्शन में एक और बात खास ध्यान देने वाली यह है कि यह रिवर्सिबल है यानि कि जो आपको प्रोडक्ट मिला है उसको आप वापिस कार्बोनिल कंपाउंड में कंवर्ट कर सकते हो by catalyzing with acid, ठीक है, तो चलो अब ये देखते हैं कि कैसे Z की values change हो सकती है, जिससे आपका overall output change हो सकता है, तो देखो बच्चों, यहाँ पर है एक लंबी list, जहाँ पर Z की अलग-अलग values ले करके बताया गया है कि reaction कैसा होगा, चलो एक-दो discuss करते हैं इसमें से, सबसे simple वाला case लेते हैं कि अगर Z hydrogen है, इसका मतलब जो reagent हम use कर रहे हैं वो क्या है, NH3, ammonia, तो इस case में जो product हमें मिलेगा, वो क्या हो जाएगा, CO2, एनजेड सी डबल बॉंड एनजेड यह बन रहा था यानि कि यहां पर बन जाएगा सी डबल बॉंड एनजेड यह क्या है यह है इमीन तो यहां पर हमारा प्रोडक्ट बन जाएगा इमीन ठीक है, इसी तरह hydrogen के बदले में, अगर इस Z की value कोई alkyl group हो, यानि की R हो, तो उस case में देखो, हमारा product कैसे change हो रहा है, उस case में बन जा रहा है substituted imine, वहीं अगर Z की जगह हो NH2, तो इसका मतलब हमारा reagent क्या है, NH2, that is hydrazin, और ऐसे case में जो product बन रहा है, that is hydrazone, तो इसमें थोड़ी सी practice आपको करनी होगी यहाँ पर मैंने जितने options दे रखे हैं इन सब के reactions आप खुद से अपनी notebook में लिखो format इसका बिल्कुल general format जैसा ही होगा बस Z की value आप change करते रहो इस तरीके से यहाँ से आप धेर सारे करीब 8-10 reactions आप लिख सकते हो और इन में से कुछ भी अगर आपको पूछा जाए कि आधा reaction दे दिया है बाकी complete करना है तो आप आराम से उसे कर सकते हो और mechanism वो तो आपको पता है ये nucleophilic addition reaction का ही mechanism ये सारे के सारे follow करेंगे तो बच्चो nucleophilic addition reaction तो हमने डेर सारे देख लिये अब बारी है reduction की reduction खुद सोच के देखो aldehyde या ketone को अगर हम reduce करेंगे तो हमें क्या मिलेगा हमने पढ़ा ता पहले कि alcohol को जब oxidize करते थे तो हमें aldehyde या ketone मिलता था जिसे further oxidize करने पे हमें acid मिलता था, अब हम उल्टा चल रहे हैं, acid को reduce करोगे तो आपको aldehyde या ketone मिलेगा, इनको reduce करोगे तो क्या मिलेगा, alcohol मिलेगा, exactly, तो aldehyde को reduce किया तो primary alcohol मिलेगा, ketone को reduce किया तो secondary alcohol मिलेगा, लेकिन reduce करने के लिए किसकी ज़रूरत है, या reducing agent की, कौन-कौन से reducing agent ये काम कर सकते हैं, एक reducing agent जो ये काम कर सकता है वो है sodium borohydride यानि कि NABH4, फॉर दूसरा है लीथियम अलूमिनियम हाइड्राइड डेट एड एल एड इसके अलावा तीसरा ऑप्शन है कैटलिटिक हाइड् यानि कि हाइड्रोजन को आड़ करो, H2 आड़ करो, in presence of a catalyst, जैसे कि palladium या फिर platinum या फिर nickel, इस तरह के catalyst के presence में हाइड्रोजन को आड़ करो, तो देखो ये जितने भी reactions आपको दिख रहे हैं, ये सारे reduction reactions हैं, जहाँ पर एक aldehyde से primary alcohol मिलता है हमें, और एक ketone से मिलता है एक secondary alcohol क्या ये possible है कि aldehyde ketone को हम सीधा alkane में reduce कर दे, hydrocarbon में direct, possible है, possible तो है, ऐसी कोई बात नहीं है, लेकिन क्या change करना पड़ेगा, जो reagents या फिर जो catalysts हम use कर रहे हैं, जिनके presence में reaction को करा रहे हैं, वो change करना पड़ेगा, right, तो I hope कि जिस copy में आप सारे नाम वाले reaction note कर रहे थे, राइट तो जहां पर आपने स्टिफन रियाक्शन रोजन मून रियाक्शन इटार्ड रियाक्शन जैसे इन रियाक्शन के नाम लिखे दे वहाँ पर लिख लो अगला नाम विजिस क्लिमेंसन रिडाक्शन क्योंकि इस तरह के रिडाक्शन को जिसमें हम एक एल्डिहाइड zinc amalgam, मतलब zinc mercury, zinc mercury और concentrated HCL के presence में जब हम इस reduction को करते हैं, तो हम इसे कहते हैं clemence and reduction, ठीक है, क्योंकि ये एक लोता तरीका नहीं है, aldehyde को hydrocarbon में convert करने का, एक तरीका और है, जो हम इसके बाद discuss करेंगे, तो जो अगला तरीका होता है reduction का उसका नाम है Wolf-Kishner reduction हच्ची से note कर लो बई spelling भी थोड़ी सी मुश्किल ही है Wolf-Kishner reduction इसका भी काम क्या होता है aldehyde या ketone को सीधा hydrocarbon में reduce कर देना बट यहाँ पर जो जरिया है जो तरीका है वो थोड़ा अलग होता है इसमें हम क्या करते हैं aldehyde या ketone को पहले react करवाते हैं with hydrogen hydrogen is NH2 फिर हमें एक intermediate product मिलता है उसको फिर हम heat करते हैं with NaOH या फिर KOH, sodium hydroxide या potassium hydroxide, उसको फिर हम heat करते हैं with sodium hydroxide या potassium hydroxide in high boiling solvent such as ethylene glycol. ठीक है समझ में आया मतलब इसमें क्या करेंगे आईडी हाइट या कीटोन को सबसे पहले रियाट करवाएंगे हाइड्राइजिन यानि एनेश टू के साथ फिर हमें इंटरमिडेट प्रोडक्ट मिलेगा उसको फिर हम हीट करेंगे विद एनेव या फिर के सच एथिलिन ग्लाइकॉल ठीक है तो हमें मिल जाएगा हमारा हाइड्रोकार���बन और इस रिडक्शन को हम क्या कहते हैं वुल्फ किशनर रिडक्शन जिस तरह से रिएक्शन का जो नाम है वो थोड़ा सा कॉम्प्लेक्स है उसी तरीके से जो रिएक्शन का पैटर्न है जो किसी कंप्लेक्स है यहां पर तो बच्चों डिडक्शन की कहानी के बाद अब किसकी कहानी है बताओ जाहिर से बात है कि अब बची ऑक्सिडेशन की कहानी ठीक है ऑक्सिडेशन के अगर हम बात करें तो हमने यह ऑलरेडी पढ़ा है पहले है कि आईडी है यह कीटोन को अगर हम ऑक्सिडेशन करें तो हमें क्या मिलेगा हमें मिलेगा कर्बॉक्सिलिक ऐसे लेकिन चक्कर यह है कि आईडी है और कीटोन यह दोनों काफी डिफरेंटली ऑक्सिडेशन होते हैं बताओ ऑक्सिडेशन रिएक्शन दोनों के सिमिलर तरीके से नहीं होते हैं टेक्ट अ क्यों? क्योंकि aldehydes एक तरफ बहुती आसानी से oxidize हो जाते हैं और carboxylic acid बना जाते हैं और ऐसा करने के लिए कोई भी mild oxidizing agent भी ये काम कर देता है, strong oxidizing agents भी obviously ये काम कर देते हैं लेकिन अगर बात करें ketone की तो ketone आसानी से oxidize नहीं होते हैं, अगर ketone को oxidize करके carboxylic acid बनाना हैं तो हमें एक strong oxidizing agent की जरूरत तो है ही साथ हमें heat भी provide करना पड़ता है यानि की ketone टोन ऑक्सिडाइज होते हैं अंडर विगरस कंडीशन ठीक है तो इससे पहले कि हम एक्सेडेशन रिएक्शन की बात करें आल्डीहाइड और की टोन की पहले जान लेते हैं कुछ ऑक्सिडाइजिंग एजेंट के नाम तो अगर मैं कहती आसिड के मेनो फॉर के टू सी आटू ओ सेवन यह सारे स्ट्रॉन ऑक्सिडाइजिंग एजेंट्स है और विशिभाद चुकी यह अगर बात करें माइल्ड ऑक्सिडाइजिंग एजेंट की तो टॉलेंस रिएजेंट फेलिंग सॉल्यूशन ये कुछ माइल्ड ऑक्सिडाइजिंग एजेंट है हाला कि ये भी अल्डिहाइट को ऑक्सिडाइज करके असिड बना सकते हैं ठीक है अब बात करते हैं कीटोन के तो टूट सके क्योंकि कीटोन में क्या होता है कार्बोनेल के वाला जो कार्बन होता है उसके दोनों तरफ वह कार्बन से बॉंड बनाकर रखता है राइट और कार्बन बॉंड को तोड़ना थोड़ा मुश्किल होता है एलडीआइड में क्या हो रहा था एलडीआइड के रोजन बॉ कार्बन हाइड्रोजन बॉंड आसानी से तूट जा रहा था तो वहीं पर OH आके जुड़ जा रहा था और आसिड बन जा रहा था यहाँ पर वैसा पॉसिबल नहीं है तो कार्बन बॉंड तभी तूटता है जब हम एक स्ट्रॉंग ओक्सिडाइजिंग एजेंट के स इन फाक्ट डिसकर्शन यही पे खतम नहीं होता है अब हम देखेंगे अलग-अलग ऑक्सिडाइजिंग एजेंट के साथ किस तरीके से ऑक्सिडेशन रियाक्शन्स होते हैं तो चलो बच्चो सबसे पहले डिसकस करेंगे ऑक्सिडेशन बाई टॉलिंस टेस्ट अब आप सोच रहे होगे कि हमने इसे टॉलिंस टेस्ट क्यों कहा क्योंकि थोड़ी तर पहले मैंने बताया था कि क्योंकि ये mild oxidizing agent है तो ये aldehyde को oxidize करके carboxylic acid तो बना देता है लेकिन ketones को oxidize नहीं कर पाता है तो इसका मतलब अगर हमारे पास एक carbonyl compound दिया हुआ हो और हमें ये बताना हो कि ये aldehyde है या ketone तो हम इस reaction का use कर सकते हैं as a test to find out कि अगर वो गिवन कंपाउंड इसके साथ react करके oxidize हो जाता है तब तो वो aldehyde है बट अगर ये tolerance reagent के साथ react नहीं करता है इसका मतलब वो ketone है तो इस वज़े से इसे हम tolerance test कहते हैं तो सबसे पहले देखेंगे कि tolerance reagent होता क्या है so tolerance reagent is ammoniacal silver nitrate solution तो हम लोग इस reaction के अंदर क्या करते हैं एक freshly prepared tolerance reagent ले लेते हैं freshly prepared ammoniacal silver nitrate solution ले लेते हैं उसके बाद इसको रियाक्ट करवा देते हैं किसके साथ आल्डीहाइट के साथ ठीक है यह रियाक्शन अकर करता है इन प्रेजेंस इन एन अल्कालाइन मीडियम देखो वह माइनस भी है यहां पर तो अल्कालाइन मीडियम में रियाक्शन अकर करेगा बनेगा इस रियाक्शन के दौरान एक्सपेरिमेंटली एक मिरर सॉट आफ चीज बनती हुई दिखती है मिरर सिल्वरी मिरर सॉट आफ चीज क्या है सिल्वर है एक्जैक्टली तो सिल्वर बनते हुए दिखता है साथ ही साथ बनता है कार्बॉक्सिलेट आयन तो कारबॉक्सिलिक आयन से क्या बन जाएगा, कारबॉक्सिलिक आसिड, तो इसका मतलब अल्डिहाइड से क्या बन गया, कारबॉक्सिलिक आसिड बन गया, अल्डिहाइड का क्या हो गया, ओक्सिडेशन हो तो चलो अगला test देखते है which is felling test, अब felling test को felling test क्यों कहते हैं यह तो समझी गए हो क्योंकि यह भी एक ऐसा test है यह एक ऐसा reaction है जो aldehyde शो करता है लेकिन ketone शो नहीं करता है, felling test में use करेंगे felling reagent, felling reagent होता क्या है, felling reagent के अंदर दो solutions होते हैं, felling solution A, felling solution B, felling solution A क्या हो जिससे रोशेल सॉल्ट भी कहा जाता है अब इन दोनों को इक्वल अमाउंट में या इक्वल प्रोपोर्शन में मिक्स कर लिया जाता है इस टेस्ट के पहले तो हमें जो मिलता है तो हमें एक रेडिश ब्राउन प्रेसिपिटेट मिलता है और साथ ही सा� इसका मतलब फेलिंग रियजेंट से अल्डिहाइड क्या हो गया ऑक्सिडाइज हो गया तुझे कॉरिस्मॉंडिंग आसिड यहां पर एक बात है नोट करने लाइक तो रियक्शन काफी कॉंप्लेक्स सा दिख रहा है अब मैं यह तो नहीं कहूंगी कि आपको इधर जो आयन टिके फेलिंग्स रिएजेंट क्या होते हैं फेलिंग्स रिएजेंट के साथ रियाक्ट करके आल्डिहाइड कैसे आयन बनाते हैं कौन से आयन बनाते हैं क्या बनाते हैं ये चीज़ें आपको पता होनी चाहिए टिके यहाँ पर एक बहुत इंपोर्टन बात नोट करने ला� मतलब aromatic aldehyde अगर आपको दे दिया जाए और पूछा जाए कि भाई aromatic aldehyde failing reagent के साथ react करके कौन सा acid बनाएगा, तो ऐसा मत करना कि भाई उसका corresponding acid बना देना, वो नहीं बनाएगा corresponding acid because they do not respond to this test, तो ये छोटी बातों से कई बार आपके important questions बन जाते हैं, ठीक है and that is where you need to तो बच्चों अगला reaction जो हम देखेंगे that is haloform reaction, haloform reaction के अंदर क्या होता है यहाँ पर हम देखते है oxidation of methyl ketones मतलब ऐसे aldehyde या ketones जिसमें at least एक methyl group हो जो carbonyl carbon से attached हो मतलब अपना जो carbonyl वाला carbon है इसके साथ कम से कम अगर एक methyl group attached है तो उस तरह के compounds को हम कहते है methyl ketones ठीक है मीथाईल की टोन्स को जब हम ऑक्सिडाइज करवाते हैं विद सोडियम हाइपोहैलाइट यानि कि एने ओएक्स सोडियम एने हाइपोहैलाइट यानि कि ओएक्स एक्स कुड बी एनी हैलोजन कंपाउंड जैसे कि क्लोरीन ठीक है तो हमें मिलता क्या है तो हमें मिल जा इसमें number of carbon atoms एक कम होता है, बोलने का मतलब है, कि let us suppose हमने एक methyl ketone लिया, जिसमें दो carbon है, यहाँ पर देखो दो carbon है, इसको जब हम react करवाते हैं, sodium hypohalite के साथ, तो यह oxidize होके क्या बना देता है, sodium salt of carboxylic acid, लेकिन देखो, sodium salt of carboxylic acid में एक ही carbon है, जिससे बनाया उसमें दो carbon था, तो यह बहुत important बात है, क्योंकि जिस तरीके से मैं सारे reactions आपको cover करवा रही हूँ, उसमें I am not explaining the mechanism, but I am telling you कि आप किस तरीके से ये determine करोगे कि भै इस reaction का product क्या होगा. या फिर अगर product दिया हुआ है तो reactant क्या होगा वो चीज़ें आप identify कर सकते हो ठीक है अच्छा यहाँ पर एक और चीज़ नोट करो कि जो methyl group था उस methyl group का क्या हुआ वो haloform में convert हो गया देखो वहाँ पर जो CH3 लगा हुआ था वो क्या बन गया है वो CHCl3 बन गया है इन फाक्ट उसमें कार्बन डबल बॉंड इनवाल्ट है, स्ट्रक्चर में कहीं पर भी कार्बन डबल बॉंड है, तो लेट मी टेल यू कि इस ओक्सिडेशन रियाक्शन से कार्बन डबल बॉंड पे कोई असर नहीं पड़ेगा, इस रियाक्शन से असर किस पे ठीक है याद रहेगा तो यहाँ पर दो important बातें थी पहली बात थी कि अगर double bond involved है by chance उस पे कोई impact नहीं है दूसरा important बात यह था कि यह जो sodium salt of carboxylic acid बनेगा उसमें एक carbon का atom कम होगा compared to जहां से ये बन रहा है, compared to the methyl ketone, तो बच्चों हम ये notice करते हैं कि aldehydes और ketones कई सारे reactions इसलिए undergo करते हैं, क्योंकि इनका जो alpha hydrogen होता है, वो acidic nature का होता है, तो यहाँ पर दो बाते समझने की ज़रूरत है, पहले तो alpha hydrogen कौन सा वाला hydrogen होता है, वो hydrogen जो उस carbon से जुड़ा होता है बिल्कुल उस कारबन का जी अगला वाला कारबन होता है उससे अटैच हाइड्रोजन को हम कहते हैं आलफा हाइड्रोजन ठीक है एक तो पॉइंट क्लियर हो गया दूसरा आसेडिक नेचर है मतलब आसेड क्या करता है उनको कैसी टेंडेंसी होती है उनको एलेक्ट्रोन एक्स ग्रुप की टेंडेंसी होती है टू विड्रॉइड एक्ट्रोंस ठीक है यानि कि कार्बोनिल ग्रुप जो है एक्ट्रोंस को अपनी तरफ खींच लेता है डोनेट नहीं करता है तो खींच लेता है तो इस खिचाव के चक्कर में जो पड़ोसी है ना परेज में आ गई इट इज लाइक कि अगर जो पड़ोसी है आपका वह अगर आपके घर से सारे पैसे ले लेगा नॉट सेंग कि ऐसा होगा, just an example, ले लेगा तो आपके घर में पैसों की ज़रूरत रहेगी, requirement रहेगी, right, so that is the same story in this case, जो alpha hydrogen है, उसके पास electrons इतने नहीं है, क्योंकि जो carbonyl group उसके बगल में है, वो carbonyl group electron को withdraw कर ले रहा है, and that is the reason जो alpha hydrogen है, वो किस nature का है, वो है acidic nature का, और अब हम देखेंगे कुछ ऐसे reactions जो इस वज़े से होते हैं, जो इस property की वज़े से होते हैं, कि जो alpha hydrogen है, वो acidic nature का है, तो क्यों discuss किया था हमने alpha hydrogen का acidic nature के बारे में, क्योंकि कुछ ऐसे reactions हैं, जहां पर एलफा हाइड्रोजन की इस नेचर की वजह से वो रियाक्शन होते हैं और ऐसा ही एक रियाक्शन है आलडोल कॉंडेंसेशन एक बहुत ही पॉपुलर रियाक्शन है साथ ही साथ एक बहुत इंपोर्टेंट रियाक्शन है जहां से आपके बोर् प्राइस में क्वेश्चन पूछे जा सकते हैं ठीक है होता क्या है नाम पर फोकस एलडोल कॉन्डेंसेशन मतलब जब दो चीजें साथ में आकर कॉन्डेंस होकर एक नई चीज बनाएं ठीक है मतलब दो एलडीहाइड या फिर दो क्यों तो साथ में आकर मिल करके एक नया एलडीहाइड या कीटोन बनाते हैं यही होता है एलडोल कॉन्डेंसेशन में इसको एलडोल कॉन्डेंसेशन क्यों कहते हैं क्योंकि इस प्रोसेस के होने के दौरान एक नई चीज बनती है जिसे हम कहते हैं जाता है ना इंटरमीडियट वैसे ही एक इंटरमीडियट यहां पर बनता है जो कि होता है बीटा हाइड्रॉक्सी एलडीहाइड जिन्हें गहा जाता है एलडोल सिमिलारी कीटोन के केस में बनता है बीटा हाइड्रॉक्सी कीटोन जिसे गहा जाता है कीटोल ठीक है तो इसीलिए इसका नाम है एलडोल कॉंड ठीक है, clear है बात, तो चलो example देखते हैं एक reaction का, let us suppose कि हमारे पास 2 aldehyde हैं, कौन सा वाला, let's say ethanol, 2 carbon वाला aldehyde, और ये भी देखो 2 हैं, यानि कि 2 ethanol अगर react करते हैं, और ये reaction किसके presence में होता है? dilute alkali के presence में, मतलब dilute base, जैसे कि NaOH हो गया, KOH हो गया, BaOH2 हो गया, इस तरह के dilute alkali के presence में ये reaction होता है, तो सबसे पहले क्या बन जाता है एक intermediate, जो से हम कहते हैं aldol, यानि कि beta hydroxy aldehydes, और उसके बाद ये जो beta hydroxy aldehyde बना, इसके बाद next step में जाके बनता है क्या हमारा final product, देखो final product क्या बन गया, एक और aldehyde जो 4 carbon वाला aldehyde है, यानि कि इस overall reaction में हुआ क्या, mechanism अभी समझेंगे थोड़ा और detail में, तीके, बट यहाँ पे पहले समझो की reaction क्या है, तो इस reaction में हुआ क्या, 2 carbon वाले aldehyde, 2 आएं, दो इथेनल आया और इन्होंने बनाया एक चार कार्बन वाला अल्डिहाइड, ठीक है, इसे तरीके से अगर इसे रियाक्शन को हम कीटोन के केस में देखे, जैसे कि यहाँ पे एक तीन कार्बन वाला कीटोन है, विच इस प्रोपेनॉन, ठीक है, लेकिन हमने दो प्रोपेन� वो एक पांच कारबन वाला कीटोन है, correct तो इसका मतलब है हमने शुरू किस से किया था, तीन कारबन वाले दो कीटोन से शुरू किये थे और उससे हमें मिल गया एक पांच कारबन वाला कीटोन, तो इसका मतलब overall aldol condensation के अंदर यह होता है कि या तो हम दो aldehyde या दो कीटोन क इस reaction के होने के दौरान एक intermediate बनता है which is an aldol और a ketone इसी वज़े से इसका नाम पड़ा aldol condensation तो चलो बच्चो अब हम लोग aldol condensation के mechanism में थोड़ा सा जानते हैं ठीक है इसके अंदर mechanism में आखिर हो गया रहा है ठीक है देखो मैंने क्या बताया था कि 2 aldehyde या फिर 2 ketone जो है वो लेकिन किसके presence में होता है base के presence में dilute alkali dilute alkali में क्या होगा OH-तो यह जो actually reaction का mechanism है दो step में होता है पहले step में एक carbon ion बनता है anion मतलब negative ion तो यानि कि यहाँ पे कार्बो कटायन नहीं, कार्बैन आयन बन रहा होता है, कैसे? देखो, मालो यह हमारा अल्डिहाइड है, अल्डिहाइड रियाक्ट कर रहा है OH-के साथ, OH-कहां से आया, वो डाइलूट अलकली से आया, अब OH-को देखते ही कौन खीचा चला आता है, H+, रहेथ, तो अब देखो क्या हो गया इसकी वज़े से, इसकी वज़े से बन गया एक कार्बैन आयन, है न, CH2-हो गया अब, क्योंकि एक H भाग गया, इसको छोड़ के, तो यहाँ पे बन गया carbon ion अब यह carbon ion जो है यह दूसरे वाले aldehyde या ketone को attack कर देगा बात को समझो हमने शुरू किया था दो aldehyde से तो एक aldehyde में से carbon ion निकल के आगया अब यही carbon ion जो है यह दूसरे वाले aldehyde को attack कर देगा ठीक है यह step number 2 है जैसे ही attack कर दिया हमें मिल गया एक और नया aldehyde इसलिए पहले step के बाद में हमें एक inter intermediate मिल जाता है जो से हम एलडोल कहते हैं ठीक है तो लगभग मेकानिजम का भी आइडिया हो गया तो अभी तक तो हमने जो सिंपल वाला एलडोल कॉन्डेंसेशन डिस्कस किया उसमें हमने जो दो एलडीहाइड लिए दोनों सेम एलडीहाइड लिया जो दो की टोन लिए दोनों सेम की टोन लिया राइट जैसे कि हमने इथनल लिया तो दो इथनल के मालिक मॉलेक्यूल ले लिए उसी तरह जब प्रोपेनोन लिया तो दो प्रोपेनोन के मॉलेक्यूल ले लिए लेकिन कई बार सिचुएशन ऐसी होती होते हैं या फिर एक आल्डिहाइड एक किटोन होता है राइट तो इस सिचुएशन में जो रियाक्शन होता है उसे हम कहते हैं क्रॉस अलडोल कॉंडेंसेशन मतलब हो तो वहां पर भी अलडोल कॉंडेंसेशन ही रहा है लेकिन क्रॉस हो रहा है क्योंकि है कि यहां पर हम देखते हैं हमें जो फाइनल प्रोडक्ट मिलता है ना वह कोई एक प्रोडक्ट नहीं होता है जैसे नॉर्मल एलडोल कोंडेंसेशन में क्या हो रहा था जब दो इथेनल से स्टार्ट किया तो हमें एक चार कार्बन वाला एलडीहाइड मिल गया जब दो प्रोपेनोन से स्टार्ट किया था तो हमें एक पांच कार्वन वाला किटोन मिल गया था नेट लेकिन यहां क्या होगा जो प्रोडक्ट में मिलेगा देट इज लाइक अमिक्स चरोफ प्रोडक्ट मतलब कई सारी चीजें मिलेंगे उन कई सारी ठीक है तो चलो बच्चो एक example देखते हैं let us suppose हम दो aldehyde लेते हैं एक ethanol और एक propanol और इन दोनों के cross aldol condensation के product को देखते हैं तो चलो बच्चो इस reaction को बहुत ही ध्यान से observe करो ठीक है एक इथनल है और दूसरा प्रोपेनल है, मतलब दो कार्बन वाला एक आल्डिहाइड है और तीन कार्बन वाला एक आल्डिहाइड है, या इसके जो प्रोडक्ट्स होंगे, वो कौन-कौन से प्रोडक्ट्स होंगे, देखो ऐसे आपको find out करना है, अगर assume कर लो कि अगर सिर इथेनल के ही दो मॉलिक्यूल्स होते हैं, तो उस केस में हमारा प्रोड़क्ट क्या होता, चार कार्बन वाला एल्डिहाइड, यानि कि ये वाला, ठीक है, अगर सिर्फ प्रोपेनल के दो मॉलिक्यूल्स होते हैं, तो हमारा प्रोड़क्ट क्या होता, ये वाला, यानि कि पा भी बनेंगे जैसे कि देखो यहां पर बन रहा है एक पेंट पेन वाला एलडिहाइड यानि की 5 कारबन वाला एक एलडिहाइड भी बन रहा है यहाँ पे देखो एक 4 कारबन वाला एलडिहाइड भी बन रहा है तो कुल मिला के इस केस में टोटल कितने प्रोडक्ट बन रहे है यहां पर आपको कोई एक चीज नहीं मिल रहा है इन चारों चीजों का मिक्सचर मिल रहा है तो जब भी चीजें क्रॉस हो जाती है तो क्या होता है यह अकेले होता तो जो बनता वो भी बन रहा है यह इसके साथ होता तो जो बनता वो भी बन रहा है यह इसके साथ होता मतलब जो नई चीज़े बनती वो भी बन रही है तो basically चार products का mixture यहाँ पर हमें देखने को मिलेगा इसी तरह अगर हम कीटोन की बात करें तो हम generally notice करते हैं कि cross aldol condensation में जो दो हमारे carbonyl compounds होते हैं उसमें से एक ही कीटोन होता है दूसरा वाला हमेशा aldehyde रहता है मतलब या तो दोनों aldehyde हो या फिर एक aldehyde एक कीटोन हो तो यहाँ पर देख सकते हो एक कीटोन है और एक aldehyde है तो इस तरीके से होता है cross aldol condensation फिर से बता देरी हो कि किसी भी reaction के mechanism को हमने detail में discuss नहीं किया है वो हम discuss करेंगे हमारे competitive series में यानि कि जैसे neat की video series में हम mechanism detail में discuss करेंगे ठीक है लेकिन इस वाली series में these are one shot series जिसमें हम आपको techniques बताते हैं concepts को समझने के लिए कि भाई ये reaction उसको कैसे अपने दिमाग में रीटेन करोगे, कैसे याद रखोगे, ठीक है, तो ये था हमारा आलडोल कॉंडेंसेशन, तो बच्चों अब हम डिसकस करने वाले हैं, एक बहुती मज़दार रियाक्शन, जिसका नाम भी काफी फैंसी है, और जिस रियाक्शन में जो चीज हो होता है कई ऐसे आईडिट होते हैं जिनमें एलफा हिड्रोजन होता ही नहीं है आप बता सकते हो मुझे कौन सा ऐसा एलडिट है जिसमें एलफा हिड्रोजन होता ही नहीं है बिल्कुल सही मीथेनल जो सबसे सिंपलिस्ट एलडिट है मीथेनल हेचो अब यहां पर देखो जो कार्बोनिल कार्बन है जो है वही है तो उसके बगल वाला कोई कार्बन है ही नहीं तो फिर बगल वाला हिड्रोजन कहां से आएगा है ना तो इनमें अलफा इड्रोजन है ही नहीं, इसी तरह बेंजाल्डिहाइड, इसमें भी देखो कोई अलफा इड्रोजन है ही नहीं, तो इस तरह के जो अलडिहाइड्स होते हैं, जब इनको हम रियाक्ट करवाते हैं, एक कॉंसेंट्रेटेड अलकली के साथ, कॉंसेंट्रेटे दूसरी तरफ इनका reduction भी हो रहा होता है मज़ेदार ना यानि कि aldehyde को oxidize करोगो तो क्या बनेगा acid right तो एक तरफ तो हमें इनका acid carboxylic acid का salt मिलता है साथ ही साथ हमें क्या मिलता है aldehyde को reduce करोगो तो क्या मिलेगा alcohol, तो हमें alcohol भी मिलता है, तो मतलब इस reaction का product क्या होता है, alcohol plus carboxylic acid का salt दोनों चीज़े, मतलब इस overall reaction के दोरान, aldehyde का एक molecule oxidize होके acid salt बनाता है, aldehyde का दूसरा molecule reduce होके alcohol बनाता है, ठीक है अगर हम बात करें methanol की एक तो methanol बन रहा है, यानि कि एक carbon वाला alcohol बन रहा है कि पोटाशियम फॉरमेट फॉरमिक आसिड का पोटाशियम सॉल्ट क्यों बना क्योंकि जो बेस हमने लिया है वह को एक पोटाशियम हाइड्रॉक्साइड है ठीक है उसी तरह से अगर हम बेंजाल्डिहाइड की बात करें तो देखो एक तो इन और दूसरी तरफ क्या बन रहा है दूसरी तरफ बन रहा है बेंजाईल आलकोहॉल करेक्ट तो मतलब यहां पर ऑक्सिडेशन और डेडक्शन दोनों चीजें साथ-साथ होकर दोनों तरह के प्रॉडक्ट समय देते हैं ठीक है और देख चाहिए जारू रिएक्शन तो बच्� और क्यों? Reaction mechanism इस वीडियो के अंदर detail में covered नहीं है, लेकिन अगर आप चाहो तो NEET series के वीडियो को follow कर सकते हो, उसमें सारे के सारे reaction mechanisms भी detail में covered होंगे, ठीक है? So, फिलाल के लिए अगर आपको लगता है कि इस वीडियो को देख कर कि आपके concept हुआ है crystal clear, तो comment में जरूर लिखके बताना कि concept हुआ crystal clear, जिसमें हम discuss करेंगी बहुत ही धमाके दार तरीके से about carboxylic acids, तब तके लिए stay home, stay safe, take care, bye bye.