डिमांड की अवधारणा और विशेषताएं

Apr 14, 2025

डिमांड और उसकी अवधारणा

परिचय:

  • यह प्रस्तुति डिमांड के महत्वपूर्ण विषय पर केंद्रित है।
  • डिमांड का अर्थ और आवश्यकताएँ समझेंगे।

डिमांड क्या है:

  • बाजार में वस्तुओं की कीमत की बात होती है।
  • कीमत क्यों होती है: वस्तु उपयोगी है और सीमित मात्रा में उपलब्ध है।
  • इकोनॉमिक गुड्स: उपयोगी और सीमित मात्रा में उपलब्ध वस्तुएं जिनकी कीमत होती है।
  • फ्री गुड्स: अनलिमिटेड मात्रा में उपलब्ध और मुफ्त में मिलने वाली वस्तुएं।

डिमांड की विशेषताएं:

  • डिमांड के लिए एबिलिटी (सक्षमता) और विलिंगनेस (इच्छा) आवश्यक है।
  • डिमांड केवल तब माना जाता है जब एबिलिटी टू पे और विलिंगनेस टू परचेज दोनों हों।
  • विशेष समय अवधि के साथ प्राइस और क्वांटिटी का होना जरूरी है।

डिमांड और डिजायर का अंतर:

  • डिमांड में डिजायर के साथ एबिलिटी और विलिंगनेस दोनों जरूरी हैं।
  • डिजायर केवल इच्छा है, जब तक एबिलिटी और विलिंगनेस शामिल न हो।

डिमांड के प्रकार:

  • इंडिविजुअल डिमांड: व्यक्तिगत कंज्यूमर की डिमांड।
  • मार्केट डिमांड: सभी उपभोक्ताओं की कुल डिमांड।
  • जॉइंट डिमांड: दो या अधिक वस्तुओं की संयुक्त डिमांड।
  • कंपोजिट डिमांड: कई उपयोग वाली वस्तुओं की डिमांड।

डिमांड को प्रभावित करने वाले कारक:

  • प्राइस ऑफ कमोडिटी: कीमत और डिमांड का सीधा संबंध।
  • इनकम ऑफ कंज्यूमर: इनकम बढ़ने से नॉर्मल गुड्स की डिमांड बढ़ती है।
  • टेस्ट एंड प्रेफरेंस: व्यक्तिगत पसंद और विज्ञापन भी डिमांड को प्रभावित करते हैं।
  • रिलेटेड गुड्स की प्राइस: सब्सीट्यूट और कंप्लीमेंट्री गुड्स की कीमत।
  • कंज्यूमर एक्सपेक्टेशन: भविष्य की अपेक्षाएं डिमांड को प्रभावित करती हैं।
  • गवर्नमेंट पॉलिसी: सरकार की नीतियां भी डिमांड को प्रभावित कर सकती हैं।

लॉ ऑफ डिमांड:

  • प्राइस और क्वांटिटी डिमांड के बीच इन्वर्स (विलोम) संबंध।
  • प्राइस इंक्रीज से क्वांटिटी डिमांड डिक्रीज होती है।

डिमांड कर्व और शेड्यूल:

  • डिमांड शेड्यूल: विभिन्न प्राइस पर क्वांटिटी की टेबल।
  • डिमांड कर्व: ग्राफिकल प्रदर्शनी, डाउनवार्ड स्लोपिंग।

डिमांड के अपवाद:

  • गिफेन गुड्स: कुछ वस्तुएं जिनकी डिमांड प्राइस बढ़ने पर भी बढ़ती है।
  • प्रेस्टिज गुड्स: स्टेटस दिखाने के लिए खरीदे जाने वाले गुड्स।
  • इमरजेंसी सिचुएशन: आपात स्थिति में प्राइस की परवाह नहीं की जाती।

शिफ्ट्स और मूवमेंट इन डिमांड:

  • मूवमेंट अलांग कर्व: केवल प्राइस चेंज से क्वांटिटी बदलती है।
  • शिफ्ट इन डिमांड: अन्य फैक्टर्स से पूरा डिमांड कर्व शिफ्ट होता है।

निष्कर्ष:

  • डिमांड का अध्ययन विभिन्न आर्थिक परिप्रेक्ष्य को समझने में सहायता करता है।
  • सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए डिमांड की अवधारणा को पढ़ें और समझें।