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डिमांड की अवधारणा और विशेषताएं

हेलो एंड जय हिंद स्टूडेंट एक्स बेगिन विथ एन इंपॉर्टेंट टॉपिक डिमांड आए दिन कोई एन कोई वस्तु की डिमांड कर रहे हैं पर यह तो हो गई ले मैन की हान आम आदमी की बात क्या आपने कभी कहा है की पापा मुझे वो सैमसंग का फोन जो ₹15000 वाला है वो मेरे बर्थडे में लेकर दे दीजिएगा क्या कहा ऐसा कभी कहा है आपने अगर आपने कहा है तो आप इस समय डिमांड की बात कर चलिए दूसरा एग्जांपल देता हूं यह आपके घर में जो शांताबाई आई है हान कामवाली आई है वो कहती है की भैया जी मैं एक तार kharidungi तो क्या वो डिमांड नहीं वो डिजायर है विषय डिमांड नहीं है तो यह डिमांड क्या है यह विश क्या है लिए समझेंगे और डिटेल में जानेंगे डिमांड टाइप्स ऑफ डिमांड फैक्टर्स अफेक्टिंग डिमांड लिए लेट्स सी डिमांड क्या है तो जब हम बाजार में जाते हैं तो चीजों की हिम्मत होती है कोई भी वस्तु खरीदने जाते हैं चीजों की कीमत होती है अब आपसे पूछूंगा की कीमत क्यों होती है तो आप जब आप कहेंगे की कोई चीज कीमत प्राइस इसलिए देना पड़ता है क्योंकि वो चीज यूजफुल है वह चीजों के प्राइस इसलिए देनी पड़ती है क्योंकि वो चीज स्कैरीज मात्रा में उपलब्ध है कम मात्रा में उपलब्ध है जितना हमारी चाहत है उससे कम उपलब्ध है तो इसका मतलब है हर चीज जो यूजफुल है क्या उसकी कीमत है जो फ्रीली अवेलेबल हवा इसके लिए प्राइस टैग कर रहे हो आपके पास फ्री गिफ्ट ऑफ नेचर में है अनलिमिटेड क्वांटिटी में यूजफुल तो है पर आपको फ्री में मिल रहे हैं फ्री गुड्स हो गए इसका कोई प्राइस नहीं है ठीक इसका रिवर्स होता है इकोनॉमिक गुड्स होते हैं जिनका मार्केट में डिमांड है क्यों भाई क्यों लोग उसको मांग रहे हैं क्योंकि इसमें ewsfulness है सबसे बड़ी चीज दूसरा यस केयर की मात्रा में उपलब्ध है मतलब हमें चाहिए ज्यादा और उपलब्ध है कम तो ऐसी चीजों को हम कहते हैं इकोनॉमिक गुड्स अब वो आपके कपड़े हो सकते हैं खाना हो सकता है कर हो सकती है इसीलिए इन सब की कीमत होती है अब आता है वर्ड ईमान तू जो शांताबाई ने कहा की भैया जी मैं कर kharidungi बात करते हैं तो हम उसके साथ बताना जरूर महसूस करते हैं प्राइस क्या है टाइम पार्टिकुलर टाइम क्या है और उसकी क्वांटिटी क्या है अगर हमने कहा हान अगर तुमने कहा पापा मुझे वो 15000 वाला सैमसंग का से 20 मोबाइल मेरे बर्थडे में दीजिएगा मुझे चाहिए क्योंकि इसमें क्वांटिटी है आप एक फोन चाहते हैं उसमें पार्टिकुलर नाम है पार्टिकुलर चीज है जिसको आपको चाहते हैं वो है मोबाइल फोन सैमसंग का उसका प्राइस बता रहे हैं और टाइम भी बता रहे हैं जब ये चारों फैक्टर्स होंगे तो ही वर्ड डिमांड kahlayegi ठीक है तो डिमांड के साथ क्या खास बात है डिमांड करते हैं तो उसमें एबिलिटी तू पे billingness तू पे होना जरूरी है लिए स्टार्ट करते हैं एक डेफिनेशन देखते हैं तो डिमांड क्या है डिमांड फॉर अन कम्युनिटी इसे दी क्वांटिटी ऑफ दी कम्युनिटी विच कंज्यूमर आर बिलिंग कीवर्ड याद कर लीजिए अंडरलाइन मैंने किया हुआ है आपके लिए विलिंग एंड एबल तू व्यू यस अगर आप कोई चीज को खरीदने के सक्षम ही नहीं है हान कोई एक लेट्स से गरीब आदमी है मजदूर है मैन लेते हैं है ना मजदूरी का कम करता है एकदम गरीब आदमी है और वो बात वो का रहा है की मैं मर्सिडीज़ खरीद लूंगा कोई दिक्कत नहीं है सपने देखने में मैं किसी को रोक नहीं सकता हूं क्या वह एबल तू पर है यहां उसके पास घर में इतने पैसे हैं एबिलिटी है तय करने की जब आप नहीं तो एबिलिटी तू परचेज भी होना चाहिए और साथ में vilinness तू परचेज नहीं होना फीलिंग नेस मतलब इच्छा शक्ति बहुत उपवास खूब पैसे होते हैं हान मैंने ऐसे बहुत सारा अमीर लोग देखें जिनका पास ढेर सारा घर में धन दौलत है और चलते हैं वो पुरानी फैट फटी आ सी सदी सी हान स्कूटर से पुराने जमाने की कोई गाड़ी से चल रहे होंगे क्यों भाई क्योंकि एबिलिटी तू पे है उनके पास lekinness तू पे नहीं है इच्छा नहीं है पैसे खर्च करने की पैसे बर्बाद करने के अरे भाई मैं पैसे क्यों दिखाऊं किसी को तो ये दोनों होना चाहिए एबिलिटी पे billingness तू परचेज होना चाहिए किसी पॉसिबल प्राइस पर और किसी पार्टिकुलर पीरियड ऑफ टाइम पर तब वो डिमांड बनता है लिए डिमांड और डिजायर में मैंने डिफरेंस बताया की डिमांड और डिजायर से नहीं है आम भाषा में भली आप का सकते हैं इकोनॉमिक्स के स्टूडेंट ऐसी गलती नहीं करेंगे वो ऐसा नहीं करेंगे डिमांड जब भी बोलेंगे तो डिजायर तो होनी चाहिए साथ में एबिलिटी billingness तू पे होना चाहिए और एक पार्टिकुलर टाइम ड्यूरेशन होना चाहिए नंद जब भी हम बात करते हैं हमेशा एक प्राइस के साथ बात करते हैं अगर मार्केट में दम इतना हुआ तो मैं इतना खरीदूंगा ठीक है आप गए मार्केट में एप्पल खरीदने तो अगर ₹100 का होगा तो मैं एक कुक एक किलो खरीदूंगा अगर वो 50 का हो जाएगा तो मैं 2 किलो खरीदूंगा तो आपने अपना क्या किया एक पार्टिकुलर प्राइस बताया जिस प्राइस पे आप क्वांटिटी खरीदना चाहते हैं डिमांड के साथ प्राइस और टाइम पीरियड होना याद रखिएगा डिमांड एक लो कॉन्सेप्ट है एक पार्टिकुलर टाइम स्पेंड में हम कितना डिमांड करेंगे जैसे हम का सकते हैं की एक हफ्ते में मैं 5 लीटर दूध खरीदूंगा हम एग्जांपल का रहा हूं तो पर भी आई एम गोइंग तू बाय 5 लिटर्स ऑफ मिल्क डिमांड है ठीक है अब आते हैं टाइप्स ऑफ डिमांड के बारे में थोड़ी सी आसान सी टॉपिक है इसीलिए मुझसे निकलते हैं ठीक है मतलब फटाफट इस सेशन को यस फिनिश करते हैं आपको एक-एक एग्जांपल अपने रियल लाइफ से जोड़ना पड़ेगा तब आप दिखेगा आपको इकोनॉमिक्स याद नहीं करना होगा हान जैसे मैं बता रहा हूं आपको सच में इकोनॉमिक्स पढ़ना नहीं पड़ेगा याद नहीं करना पड़ेगा जस्ट राइट इन योर ऑन शब्द इन योर ऑन लैंग्वेज विथ दी मीनिंग चलो इंडिविजुअल डिमांड जो मैं और आप अज़ान इंडिविजुअल आगे अन कंज्यूमर खरीदने जाते हैं गुड्स तो जो हम डिमांड करते हैं वो इंडिविजुअल डिमांड है क्वांटिटी ऑफ अन कम्युनिटी डेट एंड इंडिविजुअल प्राइस मैं और आप जा रहे हैं किसी एक मार्केट में कोई समान खरीद रहे हैं भाई मम्मी ने तुम्हें भेज दिया आज जाओ बेटा एप्पल लेकर ए बाजार से जाओ ले लो 500 का नोट लो और जाकर के एप्पल खरीद के ले आओ तुम गए मार्केट में देखे की मार्केट में एप्पल चल रहा है ₹200 किलो दो ही किलो लेकर ए गए ज्यादा नहीं लाएंगे बहुत महंगा है और यही एप्पल सस्ता मिल रहा था हान लेट्स से ₹100 मिल रहा था तुमने चार या पंच किलो ले लिया अरे भाई पैसा है ना तुम्हारे पास तो क्या कहना चाहते हैं आप डिसाइड करते हैं ठीक है कंज्यूमर अपनी परचेसिंग पावर के हिसाब से करता है ऐसी डिमांड जो इंडिविजुअल जो की मैं और आप कर रहे हैं इसे कई बार हाउसहोल्ड भी कहते हैं एक इंडिविजुअल कंज्यूमर को हाउसहोल्ड डिमांड दी और फिर अगर ऐसे बहुत सारे कंज्यूमर्स हुए तो भाई आप खरीद रहे हैं कोई और बच्चा भी कोई और व्यक्ति भी जा रहा है मार्केट में समान खरीद रहा है सबकी डिमांड कम टोटल ऑफ ऑल डी इंडिविजुअल कंज्यूमर्स के डिमांड को ऐड कर दें तो बन जाएगा मार्केट डिमांड मार्केट डिमांड मेंस पूरे मार्केट में टोटल क्वांटिटी ऑफ अन क्वांटिटी डेट ऑल दी कंज्यूमर्स आर बिलिंग तू बाय यहां आर्क बिलिंग तू परचेज आते अन पार्टिकुलर प्राइस एक निश्चित प्राइस पर एक निश्चित टाइम पर तो टोटल क्वांटिटी खरीदनी चाहिए जाने वाली है तो कहते हैं टोटल डिमांड आते हैं मार्केट डिमांड के बाद एक्सपोज्ड दो वर्ड है इसमें सोच होती है सिर्फ बिल होता है कंज्यूमर चाहता है खरीदना कंज्यूमर वांट करता है चाहता है [संगीत] तुमने प्लान किया तुमने सोचा तुमने पूछा की मैं इस बार अपने बर्थडे पर एक महंगी एक महंगा मोबाइल में जो आपने क्या कर दिया रियली में जो गुड्स आपने बाय कर ली तो एक्चुअल परचेज कर लोग अब आता है जॉइंट डिमांड है कई चीज ऐसी होती है जो आपको साथ में चाहिए होती है दो या दो से अधिक चीज तो उसे आप जॉइंटेड डिमांड के और दोनों एक दूसरे इफेक्ट डालती हैं सोच लीजिए कर महंगी हो जाएगी कार्य कम बिकने लगेगी पेट्रोल भी देखना कम हो जाए और वाइस वर्सा ठीक है जब हम इनडायरेक्टली किसी चीज को डिमांड आपको अपनी मर्जी का एक मकान चाहिए आपको अपनी पसंद का एक घर चाहिए ठीक है आपने लैंड खरीद लिया आपने सीमेंट खरीद लिया आपने सरिया खरीद लिया ये क्या कर रहे हो भाई यह जो लैंड फर्नीचर आपकी एक्चुअल डिमांड क्या है हाउस तो कोई चीज ऐसी जिसको आप खरीदना चाहते हैं जिसके अब डिमांड करना चाहते हैं और उसकी जरूरत किसी दूसरे से पुरी हो रही है तो डिमांड फॉर सैम आदर कमेटी डिमांड फॉर सीमेंट स्टोन वुड ये किस चीज की डिमांड है डिमांड पर हाउस की है घर चाहिए भाई तुमको तो घर के लिए इन सब को खरीदना पड़ेगा हान क्योंकि घर तभी बनेगा नेक्स्ट आता है कंपोजिट डिमांड कुछ ऐसी चीज होती हैं जिनके बहुत सारी उसे होने वाले हैं [संगीत] लोग घर में बहुत सारे घर में दूध पी रहे हैं चाय बन रहा है अभी मक्खन बन रहा है दूध कही मलाई बन रही है क्या कहते हो अभी रबड़ी बना दिया हान है ना बनाओ जो चाहिए दूध का खूब सारे उसे बनते हैं तो ऐसी चीजों को हम कहते हैं कंपोजिट डिमांड डिमांड उन चीजों की जिन चीजों का बहुत सारा उसे है अब आता है बहुत इंपॉर्टेंट टॉपिक है जिसे हम डिटर्मिननेंट्स ऑफ डिमांड या एक्टर्स अफेक्टिंग डिमांड करते हैं मैं और आप वो चीज खरीदने जाते हैं मार्केट में हान कोई चीज खरीदते हैं तो इनको सोचते हुए चीज खरीदते हैं हान मैं अभी साबित कर दूंगा तुम और मैं ऐसा कई बार कर रहे हैं सबसे पहला आता है प्राइस ऑफ दी कॉमेडी एग्जांपल है नॉर्मल जिंदगी में घर की छोटी-मोटी शॉपिंग तो कर लेते हैं घर का समान खरीद के ए जाते होंगे है ना तो आपको परचेज करना है कोई वस्तु मैंने एग्जांपल दिया एप्पल तो ये जो जिस प्रोडक्ट की हम बात कर रहे हैं जिसको हम का रहे हैं की एप्पल इसकी प्राइस इंक्रीज हो जाएगी तो आप कम खरीदे और वाइस वर्सा प्राइस डिक्रीज हो जाएगी तो आप इसको ज्यादा खरीदेंगे ये ह्यूमन नेचर है हम इसे कहते हैं यूनिवर्सल रिलेशनशिप बिटवीन डी प्राइस एंड दी क्वांटिटी डिमांड कम लेंगे राइस सस्ता होगा आप उसी की ज्यादा क्वांटिटी खरीदेंगे तो यह क्या है यह प्राइस जिस कॉमेडी की बात कर रहे हैं उसी की प्राइस की बात कर रहे हैं अगर मैंने बात की एप्पल की तो एप्पल का प्राइस अगर महंगा है तो हम कम खरीद के आएंगे कम कर देंगे ये बेसिक ह्यूमन नेचर है हान भाई मार्केट में तुम गए हो कोई चीज सस्ते मिल रही है थोड़ा सा ज्यादा लेकर चले आते हैं आता है इनकम ऑफ दी कंज्यूमर हान डिमांड हमारी इनकम पे डिपेंड करती है पर यहां पर इन्वर्स रिलेशन कम नहीं करते इन्वर्स मतलब की इनकम बढ़ेगी डिमांड भी बढ़ेगी एक नॉर्मल गुड्स पर अप्लाई होता है आप और मैं जो तुम्हारे मेरे लिए नॉर्मल गुड्स कपड़े हो सकते हैं मोबाइल हो सकता है भाई तुम्हारे लिए स्टेशनरी का प्रोडक्ट हो सकता है अच्छी फैमिली को बिलॉन्ग करते हो तो पैन चार-पांच तो हमेशा बॉक्स में बनी रहती है अलग-अलग कलर की पेन ब्लैक पेन ब्लू पेन जेल पेन ये वो ये क्या है नॉर्मल गुड है तो इनकमिंग डिमांड भी आई होगी और इसका उल्टा कर दो इनकम डिक्रीज डिमांड लोग तीन कैटिगरी में डिवाइड किया है नॉर्मल गुड्स और इन एक्सपेंस लिए एक-एक करके तीनों को समझते हैं सबसे पहले बात करते हैं नॉर्मल गुड जिसकी बारे में मैंने बताया आपके लिए क्लॉथ हो सकता है कपड़ा मैंने एग्जांपल दिए मोबाइल मैंने एग्जांपल दिया या एवं मैंने कहा स्टेशनरी फॉर अन स्टूडेंट हान वो तो नॉर्मल गुड है ना स्टूडेंट्स के लिए तो इसमें क्या होगा इसमें पॉजिटिव रिलेशन हो इसका मतलब है इनकम इंक्रीज करेगी मैं लिख रहा हूं सिंपल आपके पास ज्यादा इनकम है नॉर्मल गुड्स में मैंने कहा क्लॉथ रेफ्रिजरेटर टेलिविज़न हान आप अच्छे घर को भी लौंग करते हो विच फैमिली को बिलॉन्ग करते हो तो आपके घर में दो चार तेलिया हो सकती है एक लिविंग रूम में हो सकती है एक ड्राइंग रूम में हो सकती क्या का सकते हो यहां पर्सनल रूम्स में भी हो सकती है कोई हाल मोबाइल का भी है आप आपके पास अलग मोबाइल है मम्मी के पास अलग मोबाइल है भाई के पास अलग मोबाइल है बहन के पास अलग मोबाइल है आप अलग मोबाइल ऑन कर रहे हो हो गया ना तो ये नॉर्मल गुड्स है इनकम इंक्रीज डिमांड हाई अब आता है इनफीरियर गुड्स थोड़ा ध्यान से देखिएगा मतलब है की आपकी इनकम इंक्रीज होगी आप ऐसे गुड्स को लेना कम पसंद है बट डिमांड फॉर यूनिवर्स सॉरी डिमांड फॉर इनफीरियर गुड मैंने लिखा आई जी ऐसा इसलिए क्योंकि आप और मैं हमेशा बटर चीजों को पसंद करते हैं क्या कहते हो अब पुराना वाला कीपैड मोबाइल फोन रखना पसंद करते हो जिसने पहले बटन हुआ करते द टंग टंग टंग दबाना पड़ता था छोटी सी ब्लैक कलर की स्क्रीन स्क्रीन होती थी ब्लू या ब्लैक कलर की स्किन होती थी उसमें नंबर टाइप हो गया पसंद करते हो क्योंकि वह तुम्हारे लिए इनफीरियर मोबाइल आज सोसाइटी में तुम रहना चाहते हो अच्छी तो क्या कहते हो टच स्क्रीन वाला बड़ा फोन जितना बड़ा साइज का फोन ए जाए और जितने आराम से उसने आप कम कर पाओ तो आप और मैं हर व्यक्ति क्या करना चाहता है हान जीरा 32 नाम सुनना चावल का और या तो हम बीट्स खा रहे हैं हम फाइन ग्रीन खा रहे हैं तो लोग इसको नहीं खाते हैं ज्यादातर हम सुपीरियर क्वालिटी के ग्रेंस खा रहे हैं महंगे कीमत वाला तो टैग द चावल ए रहा है बासमती चावल ए रहा है क्या कहते हैं महंगी महंगी कंपनियों का ए रहा है इंडिया गेट बासमती और ये वो समझ गए ना तो इनकम इंक्रीज हो रहा है लोग इन फिर अन गुड्स को लेना बंद और कम कर दे रहे हैं अगर डायग्राम से मुझे कहोगे सर शो करके दिखाएं तो मैं आपको एक डायग्राम दिखाता हूं यहां है इनकम और यहां है गुड्स क्वांटिटी इनफीरियर गुड्स की क्वांटिटी क्या होने लगती है इनकम इंक्रीज होने पर डिक्रीज होने देंगे कर देखिए कहां जा रहा है अंदर की तरफ यहां पर इनकम है ए एक्सिस पे डायग्राम को देख कर ध्यान से तो इन फिर गुड्स की क्या हो रहा है क्वांटिटी डिक्रीज हो रही है इनकम इंक्रीज हो रही है हान अगर आप इसी घर में नॉर्मल गुड्स कहोगे तो यह रहकर ईरान नॉर्मल गुड ग नॉर्मल गुड स्किल वो चीज जो बहुत कम प्राइस [संगीत] ये आपके लिए जरूरत की चीज बहुत है बिना घर में सॉल्ट के क्या कहते हो बिना शुगर के कम चलेगा तो इनके साथ क्या खास बात है की इनकम इंक्रीज होगी आप इनका भी इनका भी कंजप्शन इंक्रीज करेंगे और क्या करेंगे खूब नामक दल देंगे खाने में की मम्मी खूब नामक डालो पापा बहुत पैसा कमाते हैं कभी नहीं इनके साथ क्या रूल है इनकम इंक्रीज होगी डिमांड तो इंक्रीज होगी बट अत ए सर्टेन पॉइंट स्किन एक्सपेंसिव गुड और यहां लिख दिया इनफीरियर गुड्स तो इस तरीके से आपने एक इनकम और क्वांटिटी के कर्व में देख लिया तीनों को इनकम और क्वांटिटी के कंपैरिजन में तीन टाइप के गुड्स हैं अब आप नहीं भूलेंगे एग्जांपल याद रखोगे तो मैं कंफर्म कर रहा हूं नहीं बोलोगे इस तरीके से आपने रिलेशन देखा डिमांड कर रिलेशन विथ लेवल ऑफ इनकम इसीलिए इसका नाम है इनकम डिमांड लिए अगला फैक्टर पढ़ते हैं हम डिपेंड करते हैं हान मैं और आप कंज्यूमर हैं जैसे तुमको पसंद है जैसे डेनिम जींस पसंद है तो मार्केट में नई और लेटेस्ट वैरायटी तुम खरीदना पड़ोगे चाहे उसके दम नहीं गई क्यों मुझे पसंद आती है अगर वो महंगी भी होंगी और मेरी पसंद है वो चीज तो मैं जरूर लूंगा जैसे कुछ लोग ब्रांड की चीज लेना पसंद करते हैं ठीक है ना कुछ लोग टीवी या कुछ लोग एडजेस्टमेंट देखकर के इन्फ्लुएंस हो जाते हैं और उसे बेसिस पे अपनी डिमांड रखते हैं करते हैं ना हम लोग इस पर भी हमारा डिमांड डिपेंड करता और डिमांड डिपेंड करता है रिलेटेड गुड्स की प्राइस पर एक दूसरे को इन्फ्लुएंस करते हैं उन्हें कहते हैं रिलेटेड ये दो टाइप के होते हैं पहला होता है सब्सीट्यूट गुड्स सबसे अच्छा एग्जांपल दो सब्सीट्यूट का और कॉफ़ी एंड कॉफ़ी ये एक दूसरे के सब्सीट्यूट मतलब होता है की दोनों ही गुड्स आपकी नीड को सेटिस्फाई कर सकते हैं आपकी जो से टाइप की नीड है दोनों ही सेटिस्फाई कर सकते हैं क्योंकि टी और कॉफ़ी तो उन्हें आते हैं उसी तरह दोनों ही कला मीठा पानी मिल रहा है पेप्सी दे दो चलेगा कम मेरा जिसको आदत है वो आदत है तो इसमें क्या इफेक्ट पड़ता है जैसे ही प्राइस जैसे ही प्राइस ऑफ तीन ग्रीस होगा डिमांड और कॉफ़ी देखा ध्यान से देखा ध्यान से प्राइस ऑफ तीन ग्रीस हुआ पर डिमांड ऑफ कॉफ़ी इंक्रीस क्यों बहुत सिंपल सा रीजन है जैसे ही प्राइस महंगी हो जाएगी की तो जो चाय पीने वाले कस्टमर हैं उनकी सेटिस्फेक्शन कॉपी से भी हो सकती तो वो कॉफ़ी की तरफ गिफ्ट कर क्योंकि हर व्यक्ति क्या करना चाहता है और बहुत ज्यादा प्राइस भी देना नहीं चाहता है नतीजा कॉपी पर चला जाता है समझ गए अब आते हैं कंप्लीमेंट्री गुड्स की बात करते हैं ये कैसे गुड्स होते हैं कुछ ऐसे गुड जो होते हैं जो साथ में कंजप्शन करने पड़ते हैं आपको आप अकेले उसे गुड्स को नहीं ले पाएंगे रेड लिया तो शादी ब्रेड नहीं खा पाओगे क्या कहते हो रेड जाम खाना पसंद है तुमको ब्रेड जाम ब्रेड बटर खाना पसंद है तो ब्रेड बटर उसी तरह से कार पेट्रोल ये कंप्लीमेंट्री हो इन्हें खास बात क्या है इन दोनों का कंजप्शन एक साथ करना होता है कंस्यूमर टुगेदर साथ में हम कंज्यूम करते हैं जैसे ही कर पेट्रोल का एग्जांपल समझता हूं जैसे ही प्राइस ऑफ पेट्रोल इंक्रीज होने लगेगा की नहीं क्योंकि पेट्रोल महंगा होगा तो लोग कर लेने की डिमांड कम करेंगे आने वाले कल के हिसाब से भी चीज खरीदते हैं अगर आज गोल्ड महंगा है और हमें लग रहा है आने वाले दिनों में गोल्ड और महंगा हो जाएगा तब क्या करोगे महंगा है तो कम खरीदे और खरीद लोग क्योंकि तुम्हें उम्मीद है की कल दम और बढ़ाने वाला उसे कहते हैं हम लोग कंज्यूमर एक्सपेक्टेशन तो कंज्यूमर्स अगर किसी फ्यूचर के बारे में किसी वस्तु के फ्यूचर के बारे में फ्यूचर प्राइस के बारे में है ना यहां उसकी अवेलेबिलिटी के बारे में सोचने कल आपको लगे की कोई चीज मार्केट में नहीं मिलेगी आज ही खरीद के रख लो तो आज महंगा होगा तो भी लेकर रख लोग आज दम ज्यादा होगा तो भी रख लोग क्योंकि आपकी एक्सपेक्टेशन ठीक है ना ऐसे ऐसे एक्सपेक्टेशन करते हैं आजकल गाड़ियां बड़े आराम से क्रेडिट पे मिल जा रही है मोबाइल सेट्स नया मोबाइल क्या आप जानते हैं एमी का फुल फॉर्म क्या है मुझे बताइए मैं जानना चाहूंगा की आपको मंथली इंस्टॉलमेंट हान बड़े आराम से मिल रहा है आजकल यह मैं में पैसा दो आज मोबाइल ले जाओ और धीरे-धीरे करके पैसे देते रहना इसकी वजह से क्या हो गया है लोग आराम से चीज खरीद का रहे हैं डिमांड ऑफ कंज्यूमर गुड्स डिमांड ऑफ ड्यूरेबल गुड्स इंक्रीज हो गया है कहे बहुत बिक रही है मोबाइल बहुत दिख रहा है और तो और एक सबसे बड़ा प्रॉब्लम है हमारे यहां दो बाजीगर इसे कहते हैं तो बाजी को कहते हैं मेरी भाषा में डेमोंसट्रेशन इफेक्ट क्योंकि आज दिखावे की दुनिया दोस्त मेरा पड़ोसी मेरा मेरा जानने वाला कौन सा मोबाइल सेट उसे कर रहा है तो मैं भी एक कम नहीं रखूंगा यहां उसके बराबर सेट रखूंगा तो ये क्या है दिखाओ है ना तो डेमोंसट्रेशन इफेक्ट मतलब लोग चाहते हैं गुड्स को खरीदना क्योंकि वो दूसरों को कॉपी कर दे दूसरों के कंजप्शन पैटर्न को कॉपी करते हैं लोग आईफोन क्यों करते हैं क्या लगता है नकल कर रहे हैं दूसरा आईफोन दिखा करके और कैसे हो क्या सबको अपना आईफोन दिखाना है महंगी महंगी और नतीजा इसका क्रेज़ और डिमांड करती है अभी तक जितने फैक्टर्स पड़ेंगे यहां से नीचे तक वो मार्केट पे डिपेंडेंट है कंपोजिशन ऑफ पापुलेशन की दुकान electrostats की दुकान अप चलेगी क्या कहते हो वहां पर कंपोजिशन ऑफ पापुलेशन डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ इनकम ऑन डेट रिच और पुर का गैप बहुत ज्यादा नहीं है ज्यादातर क्या है लोग एक दूसरे की इनकम के बराबर है सब समानता बराबर रहते हैं इक्वली रिच है तो वहां पर क्या होगा वेरी वेरी हाई डिमांड होगी उसे देश में बहुत idmand होगी हान मैं बता सकता हूं उस में ऐसा बहुत ज्यादा है तो हमारे देश में हर देश में वाइड बिटवीन रिचा चंद्रपुर एक अंबानी है एक खानदानी है एक चेहरा नूरानी है अरे भाई एक एकदम जमीन पर लेता हुआ है एक एकदम जिसके पास खाने को नहीं है और एक कप कुत्ता क्या करता है मर्सिडीज़ में रहता है हान उसके पास अपना इसी कमरा है कुत्ते के पास चॉकलेट मिल्क शेक दूध पिता है वो का डॉग और एक के बच्चे के पास भी खाने को नहीं हान दोनों ही कंट्रास्ट में हमारे देश में वाइड गैप बिटवीन डी रिच इन डी पुर है तो वहां पर क्या होता है लग्जरी बहुत ज्यादा बिकती है या ना एसटीडी दिखती है ध्यान दीजिएगा डिपेंड करती है आजकल कोई ऐसी यहां कूलर नहीं खरीद रहा है अरे भाई क्लाइमेटिक फैक्टर समझ गए और कुछ डिमांड तो सरकार भी डिसाइड कर दे कुछ डिमांड तो सरकार भी अपने अंदर कंट्रोल करना चाहती है अपनी पॉलिसी बनाकर और सरकार को गुटखा पैन मसाला शराब और सिगरेटस को चाहती है चेक करना चाहती इसकी डिमांड कम मार्केट में सरकार क्या कहना चाहते हैं तो सरकार भी अपनी पॉलिसी बनाकर के डिमांड को कंट्रोल कर सकती है सरकार के पास तो यह 11 फैक्टर्स हैं जिस पर डिमांड डिपेंड करती इन सबको कहते हैं फैक्टर्स अफेक्टिंग डिमांड अब बारी किसकी है इसी से मिलता-जुलता अगला टॉपिक है आपको इन पॉइंट लगेगा हम बोलने जा रहे हैं नाम है ईमान फंक्शन हान कोई अलग चीज नहीं है से चीज है ये है क्या फंक्शन वर्ड का मतलब क्या होता है मैं एक वर्ड याद दिला देता हूं जब भी फंक्शन वर्ड आए आगे बहुत बार आएगा आपके पास ये फंक्शन वर्ड तो जैसे ही फंक्शन शब्द आए तो उसके लिए की वर्ड है फंक्शनल रिलेशनशिप बिटवीन बिटवीन डिमांड एंड इट्स जिसका फंक्शन है डिमांड का फंक्शन है तो डिमांड और उसके डिटर्मिननेंट्स जिसको हम फैक्टर्स कहते उनके बीच में क्या रिलेशन है डिमांड ऑफ कम्युनिटी एंड रिलेशन शिप बिटवीन दी प्राइस ऑफ दी कम्युनिटी इनकम ऑफ डी कंज्यूमर फ्रेंड इन दी मार्केट एक्सपेक्टेशन ऑफ डी कंज्यूमर हैबिट्स ऑफ डी कंज्यूमर गवर्नमेंट पॉलिसी यही सब पढ़ा था हम लोग यही सारे फैक्टर लगा दिया तो ये क्या है ये एक इक्वेशन है देखिए इक्वेशन है ना इक्वल तू लगा दिया की नहीं तो ये एक इक्वेशन है नाम है डिमांड एक तरह का डिमांड का और उनके फैक्टर्स के बीच में क्या रिलेशन है इसको रिप्रेजेंट करने का एक शॉट एंड तरीका है बताने का लिए अगला टॉपिक आते हैं लॉ ऑफ डिमांड के बारे में बात कर लो माना गया है और ये आप और मैं हमेशा कर रहे हैं आप और मैं ऑब्जर्व कर रहे हैं मैंने बताया हम मार्केट में जा रहा है मैं और आप मार्केट में जा रहे हैं और ये बहुत बार कर रहे हैं जैसे मैं एग्जांपल डन की हम मैं मार्केट में गया देखा की चीज बहुत महंगी है तो अभी कम खरीदे चले और चीज सस्ती होती है वही की ज्यादा क्वांटिटी भी लेकर चले आते हैं क्या रिलेशनशिप है राइस का और क्वांटिटी डिमांड बस इसके रिलेशन को बताता है और ये क्या बताता है ये बताता है की दोनों के बीच में यूनिवर्सल है इसका मतलब प्राइस इंक्रीज होगा क्वांटिटी डिमांड क्या हो जाएगी इंक्रीज होगी यही बताता है ये बहुत बेसिक और मोस्ट नॉन लॉ कहा गया है ये रहा स्टेटमेंट ऑफ दी लॉ मैं आपके लिए लॉ का स्टेटमेंट पढ़ दे रहा हूं डिमांड लॉ ऑफ डिमांड स्टेटस डेट ये कीवर्ड है इसको आप गायब नहीं कर सकते दोनों के बीच में क्वांटिटी के बीच में और क्वांटिटी डिमांड के बीच में और प्राइस सिंपल भाषा में प्राइस इंक्रीज क्वांटिटी डिमांड डिक्रीस अब आता है क्या चीज सर आप का रहे द की बहुत इंपॉर्टेंट क्या है यही है इसके ajmpetions यही azmpetion ajmpetion ये है लोगों की इनकम नहीं चेंज होनी चाहिए क्योंकि मैंने कहा लॉ ऑफ डिमांड सिर्फ एक चीज पे डिपेंड करता है वो है प्राइस ऑफ दी ऑन ए प्राइस ऑफ दी ऑन कम्युनिटी ऑन प्राइस ऑफ डी कम्युनिटी और क्या नहीं चेंज होना चाहिए मैंने कंज्यूमर के इनकम नहीं चेंज होना चाहिए वर्ण लॉ ऑफ डिमांड को फॉलो नहीं करेगा उसके टेस्ट प्रेफरेंस नहीं चेंज होने चाहिए रिलेटेड गुड्स के प्राइस नहीं चेंज होने चाहिए प्राइस ऑफ नॉर्मल गुड होना चाहिए पापुलेशन आगे कंपोजिशन डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ इनकम एक्सपेक्टेशन देखा वो सारे फीचर्स जो हमने पढ़े द इससे पहले फैक्टर्स पढ़े द ना 11 वो सब कुछ चेंज नहीं होना चाहिए गवर्नमेंट पॉलिसी भी बढ़ रहे हैं यहां पर लिख सकते हो की नहीं चेंज होनी चाहिए इन सब की वजह से क्या होगा लॉ ऑफ डिमांड एबीएस नहीं करेगा इनमें से कुछ भी चेंज हो गया लॉर्ड डिमांड की धज्जियां उद जाएंगे समझ गए लिए अब आते हैं डिमांड को शेड्यूल क्या होता है आओ शेड्यूल देखने की चीज नहीं बनाने की चीज है इधर मैंने लिखा इधर लिख रहा हूं quantity.com लिख दिया प्राइस क्वालिटी परचेज कर रहे हैं तू अगेन शेड्यूल नहीं शेड्यूल एक टेबुलर स्टेटमेंट किस चीज का स्टेटमेंट है एक तरफ वेरियस प्राइसेस है और एक तरफ वेरियस क्वांटिटी है अब ये भी दो टाइप के होते हैं इंडिविजुअल और मार्केट जब हम इंडिविजुअल की बात करेंगे तो डिमांड एंड इंडिविजुअल कंज्यूमर होगा एक सिंगल हाउसहोल्ड एक सिंगल कंज्यूमर जो क्वांटी खरीद रहा है उसको रिप्रेजेंट करने के लिए अगर शेड्यूल बनाएंगे तो मैंने जो बनाया अभी वो क्या था हान भाई वही तो था इंडिविजुअल और यह मार्केट शेड्यूल क्या होता है सर वो सारे लोग जो इंटेलिजेंस मार्केट में खरीद रहे हैं उनका सैम टोटल कर दो हान भाई लेट से कंज्यूमर ए कितना डिमांड कर रहा है मैन लेते हैं मार्केट में तीनों कंज्यूमर्स द तीनों की डिमांड को ऐड कर दो अब जो आएगा वो क्या कहलाएगा मार्केट डिमांड शेड्यूल मतलब तारे दिमाग सारे कंज्यूमर्स की मार्केट की डिमांड को अगर आप टेबल में रिप्रेजेंट कर दो बन जाएगा मार्केट डिमांड अब इसी ईमान शादुल को अगर आपने ग्राफिकल प्लॉट कर दिया तो क्या बन जाएगा एक कर बन जाएगा हान स्ट्रेट लाइन नहीं बनेगी कभी भी हमेशा बनेगा तो एक एक कर बनेगा ठीक है तो ये ग्राफिकल रिप्रेजेंटेशन है डिमांड कर्व में क्या होता है एक ग्राफ होता है कुछ इस तरीके का ग्राफ होता है यहां पर होता है क्वांटिटी और लेफ्ट तू राइट डाउनवार्ड स्लोपिंग कर बनता है लेफ्ट तू राइट डाउनवार्ड स्लोपिंग या कन्वैक्स टूरिज्म या नेगेटिव स्लोपिंग कर हान इसके कई सारे नाम है नेगेटिव लेफ्ट तू राइट डाउनवार्ड स्लोपिंग या कन्वैक्स टूरिज्म यार एंगुलर हाइपर बोला हान सर आपने इतने नाम बता दिए सब तब इसी शॉप को का रहे हैं जो का रहे हैं तो ये क्या है करूं क्या है कर्म पिक्चराइजेशन है जो शेड्यूल आपने देखा अगर हमने उसे शेड्यूल को एक्स और ए एक्सिस में कर दिया होता ठीक है अब अगेन ये भी दो होंगे जैसे शेड्यूल दोस्त मार्केट डिमांड शेड्यूल तो कर भी तो दो होंगे इंडिविजुअल डिमांड कर्व इंडिविजुअल डिमांड शेड्यूल को अगर ग्राफिकल प्लॉट करेंगे मार्केट डिमांड हान शेड्यूल को प्लॉट कर दो तो मार्केट डिमांड कर बन जाएगा अर्थात इंडिविजुअल मार्केट डिमांड कर्व के कमीशन से कम टोटल से बनाया गया है मार्केट डिमांड कर अब बहुत ही कॉमन सा क्वेश्चन बनता है [संगीत] डिमांड कर नीचे क्यों जा रहा है यहां पर है प्राइस यहां पर है क्वांटिटी क्यों क्यों सर ये डाउनवार्ड जा रहा है सबसे पहला रीजन मिलेगा आपको इस वर्ड में लॉ ऑफ डिमिनिशिंग मार्जिनल यूटिलिटी मतलब एडिशनल क्वांटिटी कंजप्शन करने से मिलने वाली एडिशनल यूटिलिटी जैसे की आपने एक तपती खाई आपको यूटिलिटी मिली 20 यहां से samjhiega अपने दो चपाती खाई आपको यूटिलिटी मिली बंटी भाई सर इसमें 5 एक्स्ट्रा जो मिली वो क्या है आपकी मार्जिनल यूटिलिटी पहली यूटिलिटी क्या है आपकी सिर्फ पंच तो मार्जिनल आपकी क्या हो रही है डिक्रीज हो रही है कंजप्शन मार्जिनल यूटिलिटी कीप्स ऑन यूटिलिटी कम होती है तो मैं और आप जो कंज्यूमर है उसका कम पैसा देना चाहते बिकॉज ही इसे गोइंग तू गेट लेसर यूटिलिटी इन कंजप्शन ऑफ मोर कंज्यूमर को कम सेटिस्फेक्शन मिल रही है अब सेटिस्फेक्शन कब मिल रही है तो अपनी मार्जिनल यूटिलिटी को मैक्सिमाइज करने के लिए अर्थात हर एक कंज्यूमर क्या करना चाहता है मैक्सिमम लेवल ऑफ सेटिस्फेक्शन पे करना चाहता है तो इसीलिए वो क्या करता है मार्जिन यूटिलिटी जैसे-जैसे कम होती है प्राइस भी वैसे वैसे वो कम देना पसंद करते हैं ठीक है ना अर्थात अर्थात ज्यादा ज्यादा कीमत देने को तैयार नहीं होगा जब वो ज्यादा एडिशनल गुड्स खरीदना लगता है इसीलिए लेफ्ट राइट डाउनवार्ड लूपिंग हो जाए दूसरा इफेक्ट आता है इनकम इफेक्ट बहुत सारे लोग सोचते हैं की इसमें लोगों की इनकम चेंज होती है रियल इनकम से रिलेशन है मणि इनकम से नहीं है हान मैंने यह नहीं कहा की आदमी की इनकम 50 हजार है और बढ़कर के 60 हजार हो गई है या एक लाख हो गई ना ना ना ना ऐसा नहीं का रहा हूं मैं इसे हम कहेंगे रियल रियल इनकमिंग इंक्रीस हो रही जरा देखिए तो एग्जांपल द की प्राइस ऑफ वस्तु कितनी है और क्वांटिटी डिमांड किया यहां प्राइस यहां क्वालिटी और यहां लिख देता हूं इनकम ठीक है इनकम मैंने लिख दिया [संगीत] तो हो गया प्राइस डिक्रीज हो रही है क्वालिटी बताता है की कंज्यूमर की परचेसिंग पावर इंक्रीज हो गई उसकी रियल इनकम इंक्रीस हो गई उसी इनकम में ज्यादा खरीद का रहा है इसी से जुड़ा एक शब्द और है नाम है सब्सीट्यूशन इफेक्ट फिर से आपको सब्सिडी का एग्जांपल दूंगा ही काफी है ना हमने पढ़ा था टी कॉफ़ी जैसे ही मैं और आप एक कंज्यूमर है हम क्या चाहते हैं अपनी फॉन्ट का सेटिस्फेक्शन करें तो हम लोग सब्सीट्यूट खोजते हैं वस्तुओं के तो इसमें क्या बताया गया है जैसे ही कोई सब्सीट्यूट उपलब्ध है मार्केट में वह मार्केट में आप तब लेना पसंद करोगे प्राइस ऑफ टी एग्जांपल दे रहा हूं पंच से बढ़कर 10 हो गया प्राइस ऑफ टी 5 से बढ़कर के 10 हो गया तो यह लोग लेना बंद कर देंगे और लोग इस पर ए जाएंगे करेंगे जब जाए का दम ही कॉफ़ी के बराबर हो गया है तुम अच्छा नहीं है की कॉफ़ी पी लें तो कॉफ़ी के दम नहीं चेंज हुए द फिर भी कॉफ़ी की डिमांड बढ़ गई इस इफेक्ट को कहते हैं हम लोग सब्सीट्यूशन इफेक्ट दिखा इसके प्राइस का कोई लेन-देन नहीं है इसके प्राइस की कोई चेंजिंग नहीं आई कॉपी के फिर भी फिर भी इसकी डिमांड इंक्रीज हो गई क्योंकि इसका सब्सीट्यूट महंगा हो गया समझ गए ना हम इसे कहते हैं सब्सीट्यूशन इफेक्ट तो अभी हमने पढ़ा है इनकम इफेक्ट इसमें बताया रियल इनकम चेंज हो रही है दूसरा बताया सब्सीट्यूशन इफेक्ट इन दोनों को मिलाकर हम लोग कहते हैं कई बार प्राइस इफेक्ट इन दोनों के सैम टोटल को कहते हैं मैं इसके आपको इसको ऐसे भी शो कर सकता है जैसे मैं बताऊं जब मार्केट में एलईडी टीवी आई जब मार्केट में एलईडी टीवी है या जो मार्केट में नया मोबाइल फोन लॉन्च हुआ था आज जब बड़े टच स्क्रीन फोन बड़े महंगे हुआ करते द टच स्क्रीन पर जैसे प्राइस गिरने लगा आज आपकी तो शांताबाई के पास हान चेक करके देखना शांताबाई के घर में लगी हुई है और शांताबाई के पास भी आपके पास अच्छा मोबाइल होगा उसका शोर बड़ा मोबाइल होगा आपके यहां जो कामवाली आती है ना पता करके देख लेना उसके पास भी मोबाइल फोन होगा टच स्क्रीन वाला होगा बड़ा वाला होगा एक सिन वाला तो क्या हुआ प्राइस डिक्रीज हो गई नंबर ऑफ कंज्यूमर्स क्या हो गया इंक्रीज हो गए समझ गए ना ये बेसिक रूल है वो लोग जो पहले नहीं खरीद का रहे द क्योंकि जब बहुत महंगा था तो सिर्फ वेरीफाई रिच पीपल खरे पाते द जब प्राइस गिरा तो वो लोग जिनके पास मॉडरेट इनकम था वो खरीदना है और जब प्राइस और गिरा जैसे की मोबाइल किस्म होगा और गिर गया दम तो वो लोग भी खरीद का रहे द तो इसको पहले अवार्ड नहीं कर पाते द नतीजा क्या हो गया राइज इंक्रीज डिमांड प्राइस डिक्रीस डिमांड इंक्रीस समझ गए अब आखिरी रीजन दे रहा हूं पांचवा रीजन दे रहा हूं की क्यों क्यों डिमांड इंक्रीज होती है प्राइस के डिक्रीज होने पर लास्ट रीजन है सेवरल यूजेस ऑफ गुड्स मैंने बताया था कंपोजिट डिमांड के बारे में इलेक्ट्रिसिटी के बारे में स्टील अगर बहुत महंगा होगा तो लोग मिलकर कुछ और कम नहीं करेंगे बस जरूरत की चीज है इस्तेमाल कर लेंगे आज दही जमेगी कल दूध की मिठाई बनेगी क्या कहते हो दूध का मक्खन बनेगा और दूध के बहुत सारे प्रोडक्ट प्राइस डिक्रीज होने पर क्या हो रहा है जो कंपोजिट डिमांड है उसके बहुत आदर यूजेस लोग करना शुरू कर देते हैं क्योंकि क्योंकि प्राइस डिक्रीज डिमांड तो यह पांचो रीजंस हैं ये पंच इंपॉर्टेंट है ये बहुत इंपॉर्टेंट टॉपिक था ये पंच इंपॉर्टेंट रीजंस हैं वही डिमांड कर्व स्लोप्स लेफ्ट तू राइट डाउनवार्ड या वही प्राइस increasage एंड डिमांड डिक्रीज कोई भी पूछेगा आपसे तो अब आप ये पांचो रीजन दे पाएंगे लिए अब लॉ ऑफ डिमांड तो मैंने बहुत बता दिया अब जो बताने वाले हैं वो लॉ ऑफ डिमांड को तोड़ने वाले हैं तोड़ती की बात नजर आएगी मतलब लॉर्ड डिमांड हम लोग फॉलो नहीं करेंगे हम इसे कहते हैं क्वांटिटी डिमांड अलसो इंक्रीज कहते हैं एक्सेप्शन वर्कर्स पे जब स्टडी किया तो उन्होंने इस फेनोमेना को डिस्कवर की क्या देखा वो बताते हैं उन्होंने देखा की कुछ ऐसे गुड्स होते हैं जिनके गुड्स कहते हैं यह वह गुड्स होते हैं जिसमें एक कंज्यूमर एक बड़ी पार्ट ऑफ डी इनकम अपनी स्पेंड करता है एक वर्कर जो इंडस्ट्री में कम करता है उसकी इनकम बहुत कम होती है मजदूर जिसे कहते हैं वो सिर्फ खाने में लगता है और खाता भी क्या है बताया इनकी डिमांड इनकी डिमांड ज्यादातर मैंने कहा पुर पीपल करते हैं तो जैसे ही क्या होता है इसकी प्राइस फॉल हो जाती है यह सस्ता हो जाता है अब चाहे तो किस वो व्यक्ति ज्यादा खा सकता है नहीं बल्कि अब क्या करता है उसकी उसको खरीदने की पैसे जो बचते हैं वो इस्तेमाल कर लेता है तो इसको और खरीदने की बजाय क्योंकि इनकम बढ़कर ज्यादा खरीद लो नहीं नहीं यहां पर वो कंज्यूमर क्या करता है है ना क्योंकि उसके गुड्स की इंच करने को तो लिमिटेड एबिलिटी है ना आना तो लिमिटेड ही गुड्स है ना तो इसीलिए वो क्या बटोर पसंद करता है यहां पर वो लॉ ऑफ डिमांड फॉलो नहीं कर रहा है ना की प्राइस डिक्रीज डिमांड एंड इंक्रीज नहीं कर रहा है ये आता है और एग्जांपल नो अपील का मतलब होता है कुछ लोग समान इसलिए खरीदते हैं क्योंकि दूसरों को जलाना है दूसरों को व करना है स्टेटस दिखाना है अपना हिंदी बोले तो भौकाल बनाना है हान अपना रुतबा दिखाना है तो ऐसा देखा की कुछ गुड ऐसे होते हैं जिन्हें हम कहते हैं कंस्पायक्यूअस कंजप्शन अरे भाषा में अप की भाषा में भौकाल का कंजमेशन ठीक है ना तो ये गुड्स इसलिए डिमांड होते हैं क्योंकि इसको लेके बहुत खुशी मिलती है लोगों को injoyment मिलती है दूसरों को जलता हुआ देख दूसरों को दूसरों को एमबी करने के लिए दूसरों को जलाने के लिए खरीदते हैं कई बार हान भाई महंगा मोबाइल फोन लोग इसलिए खरीद रहे हैं की उसमें आदमी क्या होगा एप्पल सबको दिखाना है की देख मेरे एप्पल में जूठा है देख तू ये ये एक फेनोमेना बन जाता है हान महंगी गाड़ियां भी यही कम कर रही है ये तो चार ही होते हैं ना मर्सिडीज़ में ये छह पहिए होते हैं पर पैसा हम लोग खुद देते हैं मर्सिडीज़ का उम उचित दामों में मर्सिडीज़ कर लेते हैं रॉयल्स रॉयल्स कर लेते हैं समझ गए ना करती तो मंजिल तक पहुंचती है ना की जन्नत ले जाती है और छाती तो आपके डेस्टिनेशन तक ही है ना वो महंगी गाड़ी हो जाए तो आप क्या करेंगे आप उसे समय प्राइस को कंसीडर आपके घर में कोई बीमार हो जाए फॉर एग्जांपल और कोई इमरजेंसी मेडिसिंस चाहिए हो क्या करेंगे लॉ डिमांड देखने की कोशिश करेंगे उसे समय जाएंगे दुकानदार से क्या कीमत कीमत तय करेंगे अरे पैसा fekenge और समान दावा लेकर चले आएंगे तुरंत की तो ये भी चीज है समझ गए ना तो आप कुछ चीजों को होल्ड कर लेते हैं कुछ चीजों को संभल के रख लेते हैं जब कोई हान अब नॉर्मल सिचुएशन कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है हान प्राइस क्वालिटी रिलेशनशिप यहां क्वालिटी पहले से कुछ लोग ऐसा मानते हैं शायद आप में से भी कुछ ऐसे होंगे तुम वैसे भी कुछ ऐसे होंगे जो ये बिलीव करते हैं की महंगा है वो अच्छा है या तुम मेरे से मानते हो अगर ऐसा मानते हो तो इसे कहते हैं महान इकोनॉमिस्ट ने इसको बताया था एक सोच है लोगों की हान लोग आजकल ब्रांड लॉयल क्यों रहे हैं क्योंकि उनको मालूम है अच्छे ब्रांड का चीज ले रहे हैं तो क्वालिटी तो अच्छी होगी अच्छी दे रहे हैं तो क्वालिटी भी हान आईफोन खरीदने वाले दीवाने इन सब फेनोमेना पर आईफोन खरीदते हैं समझ गए एक और पॉइंट ए जाएं फैशन क्या कहता है तो बहुत सारी चीजों को डिमांड चेंज इन फैशन पे डिपेंड करता है हान बहुत सारी चीजों की डिमांड क्या करती है फैशन पर डिपेंड करती है ये क्या होता है अरे भाई आजकल जो ट्रेंड चल रहा है वही नखरे दोगे अगर आजकल ट्रेंड चल रहा है दें इन जींस का तो क्या pahnoge सलवार कुर्ता pahnoge कहते हो तो इसीलिए हम लोग क्या करते हैं अष्टम के हिसाब से आज जो आज जो मार्केट में चल रहा है जो ट्रेंडिंग है वो करते हैं तो चेंज इन फैशन यह कहता है की जैसे-जैसे फैशन चेंज होता है वैसे वैसे हम क्या करते हैं डिमांड ज्वाइन ट्रेंडिंग चल रही होती है भली वो महंगी होगी फिर भी हम उसी को लेना पसंद करते हैं तो यहां पर हम लोग डिमांड क्या करते हैं फॉलो करते हैं सब है एक्सेप्सनस तू दी लॉ ऑफ डिमांड लिए अब आप टॉपिक ले चलते हैं मोमेंट अलांग डी डिमांड कर और शिफ्ट इन डिमांड टॉपिक जो है अलग-अलग जाएंगे ठीक है क्या चेंज हो रही है अमाउंट ऑफ क्वांटिटी चेंज वस्तु की क्वांटिटी चेंज हो रही इसकी वजह से सिर्फ प्राइस के चेंज होने बाकी सारे फैक्टर जैसे इनकम ऑफ डी कंज्यूमर प्राइस वो सब क्या है फैक्टर्स बाकी सारे फैक्टर्स क्या है कांस्टेंट है उसमें में फैक्टर क्या है प्राइस तो पहला केस है इसमें एक्सपेंशन दूसरा नाम क्या है एक्सपेंशन का एक्सटेंशन इसमें क्या होता है प्राइस डिक्रीज होती है बट क्वांटिटी डिमांड क्या होती है इंक्रीज होती है एक शेड्यूल से दिखाऊं हान एक शेड्यूल दिखा देता हूं ये रहा प्राइस और क्वांटिटी का शेड्यूल प्राइस है ₹10 क्वांटिटी डिमांड है अप प्राइस देखिए डिक्रीज होकर हो गई है ₹5 पर क्वांटिटी डिमांड देखिए इंक्रीज हो गई है तो इस शेड्यूल को कहेंगे आप टेंशन या एक्सपेंशन डिमांड क्या हुआ देखिए प्राइस 10 से पांच हो गई और क्वांटिटी डिमांड 20 से 30 हो गई तो लॉ ऑफ डिमांड भी फॉलो हुआ हान और राइज इन दी क्वांटिटी हो गई क्वांटिटी बढ़ गई हान ग्राफ में देखना चाहते हैं तो आप एक शेड्यूल बना करके ग्राफ प्लॉट कर सकते हैं यहां पर आप प्राइस दिखा दीजिए यहां क्वांटिटी दिखा दीजिए लॉ ऑफ डिमांड का पहले कर्व बना दीजिए प्राइस क्वालिटी 10 क्वांटिटी है क्वांटिटी है 20 प्राइस इंक्रीज हो गई तो यहां से यहां तक ठीक है यहां से यहां तक क्या हो रहा है एक्सपेंशन या एक्सटेंशन का सकते हैं इसमें डाउनवार्ड मोमेंट देखिए इसको क्या नाम हो जाएगा मूवमेंट ठीक है ना क्या मैंने वर्ड बोला डाउनवार्ड मोमेंट इसका ठीक रिवर्स कर देंगे ठीक रिवर्स करेंगे हो जाएगा कांट्रेक्शन प्राइस इंक्रीज हो गई है क्वांटिटी डिमांड इंक्रीज हो गई है शेड्यूल के रूप में देखना चाहते हैं लिए शेड्यूल दिखा दें ये रहा एक शेड्यूल प्राइस है क्वांटिटी क्या हो गई डिक्रीज हो गई कांट्रेक्शन दूसरा नाम है इसका अब आता है चेंज इन डिमांड अब चेंज डिमांड में क्या होता है प्राइस को छोड़ देते हैं प्राइस कांस्टेंट रहती है बल्कि इस बार आदर फैक्टर्स चेंज हो जाते हैं कौन चेंज हो जाता है आदर फैक्टर्स जैसे मैंने कहा इनकम टेस्ट एबिड्स यह चेंज हो जाती है इसको हम लोग कहते हैं कांस्टेंट रहेगी अर्थात प्राइस से रहेगी फिर भी क्वांटिटी डिमांड क्या होगी इंक्रीज हो गई है की प्राइस से है फिर भी डिमांड क्या होगा यह बढ़ गई है इसका मतलब प्राइस फैक्टर नहीं है कोई और रीजन है कंज्यूमर के इनकम बढ़ गई हो हो सकता है उसका टेस्ट हैबिट उसको और पसंद ए रहा हो वो चीज उसके टेस्ट के हो उसके हैबिट के हो या वो चीज ऑन फैशन हो इन डिमांड उसे समय गुड्स क्या हो गया हो सिचुएशन का डायग्राम के लिए जगह कम है यहां प्राइस P1 क्वांटिटी q1 और इसी को एक्सटेंड कर दीजिए बाहर की तरफ ले जाइए इसीलिए इसको कई बार बोलते हैं राइट शब्द देखिए यहां से यहां तक ऐरो आप देख का रहे होंगे यहां से यहां तक क्या हो रहा है इंक्रीस इन डेम कई बार मैंने बोला इसका नाम है राइट वर्ड शिफ्ट इन डिमांड क्या वर्ड है राइट वर्ड शिफ्ट राइट की दिशा में डिमांड कर बाहर की दिशा में जा रहा है आउटवार्ड शिफ्ट हो रहा है राइट वर्ड शिफ्ट हो रहा है ठीक है इसमें रीजन प्राइस होगी कांस्टेंट अर्थात प्राइस शेड्यूल दिखाता हूं प्राइस और यह क्वांटिटी है प्राइस अभी भी 10 है पर लोग खरीद रहे हैं 10 क्या हो गया क्वांटिटी डिमांड डिक्रीज प्राइस तो कांस्टेंट है तो इसमें आदर फैक्टर्स की वजह से हो रहा है इनकम या तो कंज्यूमर की कम हो गई होगी या आप उसका टेस्ट अब वो चला गया है यहां का सकता हूं पापुलेशन उसे एरिया की डिक्रीज हो गई है तो कुछ और फैक्टर्स हैं प्राइस ऑफ दी ऑन कम्युनिटी के अलावा ठीक है जिसकी वजह से क्या हो रहा है क्वांटी डिमांड डिक्रीज हो रही है शेड्यूल देख लिया आपने अभी कर्व देख लीजिए ये बड़ा सा कर देख लीजिए ये रहा ओरिजिनल कर एवं और यह रही उसकी प्राइस एक्स एक्सिस में अब देखिए क्या हो रहा है अब नया कर डिमांड कर्व कहां बन रहा है अंदर की तरफ देखिए डॉटेड कर मैंने बना दिया अंदर की तरफ ये जो अंदर के डिमांड कर बन रहा है वो इंडिकेट कर रहा है ineword होता है पूरा का पूरा डिमांड कर्व ही एक नया डिमांड करवा जाता है रीजन मैंने बता दिया रीजन बहुत सिंपल है की इसमें आदर फैक्टर्स इंपॉर्टेंट है प्राइस दिस ब्रिंग्स तू दी एंड टायर चैप्टर डिमांड एंड लॉस ऑफ डिमांड हान आपका ये बेसिक चैप्टर पूरा का पूरा हमने कवर कर दिया है एक शॉर्ट में कहीं भी और किसी जगह पे भी आप इस वीडियो को यस चेक कर सकते हैं kothrove कर सकते हैं अपनी स्पीड अपने जरूरत के हिसाब से चेंज कर सकते हैं बट पूरा वीडियो जरूर देखिएगा और अपने कॉन्सेप्ट को स्ट्रांग करिएगा चलिए मिलते हैं अगले वीडियो में बाय