द पाकिस्तान एक्सपीरियंस ने जो 1971 पे वीडियो बनाई है शायद ही पाकिस्तान में कोई और ऐसी वीडियो बना सके देखें 1971 में आपके लिए जुल्फिकार भुट्टो विलन है क्योंकि वो जो मरकज किरदार थे उसके उनको छुपाने के लिए आपको एक सिविलियन पॉलिटिशियन मिल जाता है जिसको आप विलेना करते हैं जिसके बारे में झूठ बोला जाता है कि उन्होंने इधर हम उधर तुम बोला आपकी स्टेट सैंक्शन हिस्ट्री में जुल्फिकार अली भुट्टो विलन हैं 1971 के मेरी नजर में उस वक्त एक फौजी आमिर था जिसने एक फौजी ऑपरेशन किया तो सिविलियन पॉलिटिशियन पे इल्जाम नहीं आता जिस चीज का जुल्फिकार भुट्टो पे इल्जाम आना चाहिए वो है बलूचिस्तान क्योंकि जब वहां पर मिलिट्री ऑपरेशन हुआ तब जुल्फिकार अली भुट्टो प्राइम मिनिस्टर थे अब इसमें इंटरेस्टिंग बात यह है कि अ लॉट ऑफ डिस्कशन ऑनलाइन ना वो अगर मगर पे होता है वह हिस्टोरिकल फैक्ट्स पे नहीं होता तो मुझे यकीन है यह सुनकर भी लोग बोलेंगे अगर तो हमारी मिलिट्री हमारी एस्टेब्लिशमेंट चाहती थी शिकारी भुट्टो को विलना इज करना उसको एनिमी ऑफ द पीपल दिखाना तो उन्होंने हमें बलूचिस्तान के ऑपरेशन के बारे में क्यों नहीं बताया इसलिए नहीं बताया क्योंकि अगर वह बता देते कि जुल्फ काली भुट्टो ने जो आमरी की बलूचिस्तान में जो मिलिट्री ऑपरेशन का नतीजा निकला तो आपको समझ में आ जाता कि जुल्फिकार अली भुट्टो के बाद जितने लोग आए हैं उन्होंने बलूचिस्तान में क्या-क्या किया है और शायद आपको समझ में आ जाता कि आज बलूचिस्तान में क्या हो रहा है तो यह प्लीज अगर अगर ऐसा होता वैसा होता जिस तरह कहा जाता है कि बड़े वीक केस हैं तो अगर तो राइट नाउ लेट्स से अगर इमरान खान के खिलाफ इद्दत बहुत वीक केस है हम सब अग्री करते हैं कि एक नॉनसेंस केस बनाया हुआ है एक नॉनसेंस रीजन है अगर तो सिर्फ इद्दत का केस है जिसकी वजह से इमरान खान जेल में है तो ये एक रिडिक्यूल सिनेरियो है पर इससे आप अगर ये आर्गुमेंट अखज करें कि इसका मतलब है कि वो जिंदगी उनकी बाकी सारी नेक पाक सादिक एंड अमीन है क्योंकि एक वीक केस बनाया देखिए वीक केस बनाया जाता है जानबूझकर ताकि कल को आप वापस ला सकें अ अगर तो राना सनाउल्ला के खिलाफ एक हीरोइन का केस बनाया था हम सब एग्री करते हैं कि एक वीक केस था एक नॉनसेंस केस था अ फेक केस था शरियार आफरीदी अल्लाह की कसमें खाते थे पर क्या उस केस का वीक होना और एक वीक केस में राना सनाउल्ला को पकड़ना जिस वक्त पूरा स्टेट का इंटरेस्ट था कि राना सनाला जेल में हो क्या उससे यह मतलब अखज किया जा सकता है कि इसका मतलब राना सनाउल्ला की जो बाकी सारी जिंदगी है वह नेक पाक सादिक एंड अमीन गुजरी है क्योंकि अगर नहीं गुजरती तो इतने घटिया केस में व क्यों अंदर होते आर्गुमेंट डज नॉट अप्लाई लेकिन आज की वीडियो 1971 के बारे में है पाकिस्तान के आईडिया के बारे में है और जो आज हो रहा है शायद आपको समझ में आ जाए देखिए 1971 में जब बांग्लादेश बना है तो एक फियर जरूर था आप सरकमस्टेंसस से बरक्स ना किसी चीज को कभी नहीं समझ सकते तो एक फियर जरूर था एक थ्रेट जरूर था कि अच्छा अब तो पाकिस्तान की बल्क आइजन हो जाएगी अब तो पाकिस्तान पूरा टूट जाएगा इसमें इसका काउंटर पॉइंट यह है कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ था तो थोड़ा मुश्किल होता इवन जब पाकिस्तान ईस्ट पाकिस्तान में ऑपरेशन कर रहा था इंडियन सी में अमेरिकन नेवी मूव हो रही थी साथ रशियन नेवी भी मूव हो रही थी तो एक बड़ी रेड लाइन अमेरिका ने भी ड्र की हुई थी कि वेस्ट पाकिस्तान में इंडिया कुछ ना करें लेकिन अंदर ही अंदर आवाजें उठना शुरू हो गई थी जो सेपरेटिस्ट मूवमेंट्स पाकिस्तान में ऑलरेडी एजिस्ट करती थी वो थोड़ी एंबोल्डन हो गई थी कि अच्छा जी ईस्ट पाकिस्तान जो है वो बांग्लादेश बन चुका है तो शायद अब बलूचिस्तान भी आजाद हो जाए शायद आप खैबर पख्तून खवा जो उस टाइम एन डब्ल्यूएफ था वो भी आजाद हो जाए सिं में इतना नहीं था क्योंकि जुल्फिकार अली भुट्टो आ गए थे प्रो पीपीपी एक प्रोविंस था बट स्टिल सिंध में हमेशा नेशनलिस्ट वॉइसे रही हैं तो ये सरकमस्टेंसस थे एक फियर था और जाहिर सी बात है इसमें एक इंटरनेशनल एलिमेंट या इंटरनेशनल इवॉल्वमेंट थी जिसको आप नजरअंदाज नहीं कर सकते लेकिन मैं आपको हमेशा कहता हूं पॉलिटिकल प्रॉब्लम्स हैव पॉलिटिकल सॉल्यूशंस अगर कोई मसले मसाइल भी थे अगर आवाजें भी थी ब्रिंग एवरीबॉडी थिंक कमिंग अप विद अ कॉन्स्टिट्यूशन वाज अ फिनोम अचीवमेंट एक बहुत बड़ा स्टेप था कि पाकिस्तान के सारे स्टेकहोल्डर्स अग्री करते हैं लेकिन हमेशा की तरह ये जो पाकिस्तान प्रोजेक्ट है उसमें ना बलूचिस्तान को सौतेला सम समझा जाता है बलूचिस्तान की एक्वेसेंस जो है वो ले तो ली जाती है दिखावे के लिए लेकिन एक्चुअली व्हेन इट कम्स टू गिविंग देम अ वॉइस गिविंग देम रिसोर्सेस उनको पाकिस्तान प्रॉपर जिसको रफीउल्लाह काकड़ कहते हैं हमेशा पीछे छोड़ देता है अगर तारीखी पॉलिटिकल कॉन्टेक्स्ट हम देखें तो अयूब खान ने सारी पार्टीज बैन कर दी थी पॉलिटिकल पार्टीज पॉलिटिशियन को अरेस्ट कर लिया था जेल में डाल दिया था तो एक बहुत फियर की और टरन की फिजा थी जब याया खान आए तो नैप जो पार्टी है नेशनल अवामी पार्टी उन्होंने याया खान को नहीं सपोर्ट किया उनका मिलिट्री ऑपरेशन नहीं सपोर्ट किया तो याया खान ने उनको बैन कर दिया था जब जुल्फिकार अली भुट्टो आए इनिशियली उन्होंने नप को अनबैंड किया फरवरी 1973 में बलूचिस्तान में जुल्फिकार अली भुट्टो ने नप की जो गवर्नमेंट थी उसको डिस्मिस कर दिया इस वक्त जो नवाब अखतर बख्ती है उन्होंने बोला एक लंडन प्लान था कि एन डब्ल्यूएफ और बलूचिस्तान अलग हो जाएंगे ग्रेटर बलूचिस्तान का प्लान था पाकिस्तान में जब अ मिलिट्री ऑपरेशंस होते हैं उसकी एक वजह बनाने के लिए उसकी एक ग्राउंड बनाने केलिए लिए यही कहा जाता है कि सेपरेटिस्ट मूवमेंट्स थे एंड 1971 से पहले अगरतला कंस्पिरेशन केस भी आया था तो वो एक जहाज बनाया जाता है कि सेपरेटिज्म है मुल्क तोड़ना चाह रहे हैं मुल्क की सालमिया खतरे में है इसलिए मिलिट्री ऑपरेशन की एक जस्टिफिकेशन उसको बना लिया जाता है नॉट टू से दैट देयर इज नॉट एविडेंस कि इस तरह के अजाइम या प्लांस होंगे आप समझे हमेशा जो दूसरे मुल्क हैं उनके इंटरेस्ट होते हैं मुल्क तोड़ना एक एक्सट्रीम है अभी जिस तरह बलूचिस्तान है सीपक जाहिरी बात है चाइना का वहां पर इंटरेस्ट है वह बलूचिस्तान तोड़ के चाइना नहीं बनाना चाह रहे अमेरिका के वहां पर इंटरेस्ट है ईरान का वहां पर इंटरेस्ट है जरूर ईरान से भी आवाजें आ रही होंगी कि एक ग्रेटर बलूचिस्तान होना चाहिए ग्रेटर ईरान होना चाहिए यह सारी एक ग्राउंड रियलिटी है व्हिच इज व्ट मेक्स बलूचिस्तान अ डिफिकल्ट पर इसका मतलब यह नहीं है कि अब आप एक मिलिट्री गैरिसन करते हैं राइट एक क रेशन कैंप बना दें जिस तरह इजराइल गाजा को ट्रीट करता है उस तरह हम बलूचिस्तान को ट्रीट करना शुरू कर द जब आप इस तरह मिलिटरी रेस्पों करते हैं ना डिसेंट को तो फिर वोह जो आवाजें हैं डिसेंट की वो बढ़ती और ज्यादा बढ़ जाती है मरंग बलोच इस्लामाबाद आए उन्होंने पीसफुल प्रोटेस्ट किया आपने उनको इस्लामाबाद में डंडे मारे अब आप मिलिटेंसी को इनकरेज कर रहे हैं या आप डायलॉग को इनकरेज कर रहे हैं ऐसी हरकतों से उ फिकार अली भुट्टो जो पाकिस्तान के पहले डेमोक्रेटिक इलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर थे वही इंसान पाकिस्तान का पहला सिविलियन मार्शल एडमिनिस्ट्रेटर भी था तो यह एक डाकटर फिकार अली भुट्टो में आपको मिलेगी डेमोक्रेसी और ऑटोक्रेसी के बीच में बलूचिस्तान में उनकी जो ऑटोक्रेसी है ऑटोक्रेटिक नेचर है जो एक मिलिट्री मार्शल लॉ एडमिनिस्ट्रेटर वाला वाली पर्सनालिटी है वो आपको ज्यादा नुमाया नजर आती है फेब 8 1975 को वली खान को अरेस्ट कर लिया गया एक ट्राइबल सेटअप हुआ जिसका नाम रखा गया हैदराबाद कंस्पिरेशन केस उधर ट्रिजन के चार्जेस लगाए गए अक्टूबर 30 1975 को सुप्रीम कोर्ट ऑफ पाकिस्तान ने कहा कि नेशनल अवामी पार्टी जो है वह एक आजाद पख्तून स्तान इंडिपेंडेंट अ करने के अजाइम पे काम कर रहा था जुल्फिकार अली भुट्टो ने यह किया वली खान के साथ लेकिन जब जुल्फिकार अली भुट्टो का जुडिशियस मर्डर हुआ तो वली खान जाकर जया उल हक की गोद में नहीं बैठ गए जिस तरह बहुत सारे जुल्फिकार अली भुट्टो के अपोनेंट जो उस वक्त डेमोक्रेसी की बात करते थे फ्रीडम की बात करते थे इलेक्शंस की बात करते थे सब जियाउल हक की गोद में जाकर बैठ गए थे पोजीशंस ले ली थी वो पहले भी अगर जियाउल हक के कहने पे ही ये इंतस फैला रहे थे यह तो खुदा जाने बट वली खान डिड नॉट डू दैट वली खान वाज पार्ट ऑफ़ द मूवमेंट फॉर रेस्टोरेशन ऑफ डेमोक्रेसी अगेंस्ट जया उल हक 10 फरवरी 1973 को पाकिस्तान में इस्लामाबाद में इराक की एंबेसी प जब रेड किया तो 300 सोवियत मेड मशीन गंस मिली 50000 से ज्यादा राउंड्स मिले यह जो सारे वेपंस थे ये बलोच नेशनलिस्ट को जाने थे थ्रू द इराक एंबेसी बस फिर इस रेट के बाद 10 ही महीने हुए थे बलूचिस्तान की गवर्नमेंट को उसको डिस्मिस कर दिया गया कहा गया कि यह ट्रिजन के जो एक अ बैनल अकवाले है इंटरनेशनल साजिश है उसका हिस्सा थे और मिलिट्री ऑपरेशन शुरू हो गया हम अगर बांग्लादेश पर क्रिटिसाइज करते हैं कि जनरल तिका खान का क्या रोल था बुचर ऑफ बंगाल उनको कहा जाता है उसी जनरल तिका खान को जुल्फिकार अली भुट्टो ने बलूचिस्तान में भेज दिया तो जुल्फिकार अली भुट्टो बांग्लादेश में जो हुआ उससे भी अपने हाथ नहीं धो सकते क्योंकि उन्होंने बलूचिस्तान में इंडोर्स किया इफ द पर्सन हु डिड समथिंग इन बांग्लादेश राद देन उनको पनिश करने के लिए उस पर आप उनको एंडोर्स करके जाकर कह रहे हैं कि आप बलूचिस्तान में भी अब यही करें 1974 में हाइट ऑफ वायलेंस देखा बलूचिस्तान में इसमें कुछ वाकई जो बलोच नेशनलिस्ट सेपरेटिस्ट थे उनके हाइड आउटस या कैंप्स अफगानिस्तान में भी थे तो मिलिट्री ऑपरेशन काफी मुश्किल थे काफी ब्लडी थे दे लॉट ऑफ फाइटिंग इन सरावां लावान मरी बख्ती एरिया 1975 तक पाकिस्तान ने काफी हद तक पुश बैक कर लिया था पाकिस्तान की मिलिट्री ने दे हैड पुश देम बैक इन टू अफगानिस्तान तो चीजें सेटल होना शुरू हो गई थी टोटल 178 आर्मी मिलिट्री एनकाउंटर्स हुए आज जब आप बलूचिस्तान में देखते हैं डिसेंट देखते हैं तो आपको देखना पड़ेगा कि ये जो रिपीटेड मिलिट्री ऑपरेशंस हैं अ लोगों के खिलाफ आवाम के खिलाफ देखें जब आप मिलिट्री भेज देते हैं ना स्पेशली सिविलियन एरियाज में तो मुश्किल हो जाता है डिफरेंशिएबल एरियाज में भेजेंगे ना जहां एक है ऑफ गोरिला फाइटर्स एंड सिविलियंस और ये सिर्फ हमारी आर्मी नहीं दुनिया की कोई भी आर्मी इट्स कोलेट डैमेज होता ही होता है इट्स इनएविटेबल तो एक यह सिलसिला शुरू हुआ जो थोड़ा सा क्वेल हो गया उसके बाद फिर जब मुशर्रफ साहब आए उन्होंने तो डायरेक्ट ड्रोन हमला ही कर दिया और तब से अब तक बलूचिस्तान संभला नहीं गया है तो यह जो रेजिस्टेंस मूवमेंट है बलूचिस्तान में जो अब इतनी वायलेंट हो गई है जो टेररिज्म कर रही है एंड किसी किसी भी स्टेप पर मैं टेररिज्म को कंडोनमेंट लेबरर को मार देते हैं किडनैप करते हैं यह बरबरी है यह जुल्म है यह वायलेंस है जो लोग यह कर रहे हैं उसके खिलाफ आर्मी को मिलिट्री को ऑपरेशन लेना पड़ेगा बिकॉज आप यह नहीं कर सकते कि कोई बेचारा माइग्रेंट लेबर नौकरी करने जाए आप उसका गला काट दें इस तरह कोई मुल्क में किसी को भी करने की इजाजत नहीं हो सकती तो मेरी नजर में ये जुल्फिकार भुट्टो की सबसे बड़ी गलती है क्या आपने पॉलिटिकली इंगेज करने की जगह मिलिट्री भेज दी कुछ 80000 ट्रूप्स गए थे इसमें ईरान का भी सपोर्ट था पाकिस्तान के लिए व्हिच इज वई लेटर ऑन द ईरान इराक वर पाकिस्तान देन अ क्विट प्रो को किया उन्होंने ईरान का सपोर्ट किया कुछ 200 हज मिलिटेंट थे हजारों लोग इसमें मारे गए जिसमें कई लोग मिलिटेंट भी थे कॉम्बैटेंट्स भी थे तो एक बहुत ब्लडी पीरियड था बलूचिस्तान में एंड ये एक बहुत बड़ा काला दाग या लाल दाग खून से भरा हुआ जुल्फिकार अली भुट्टो की झोली में जाता है मैंने पिछली वीडियो में कहा कि उनको बुचर ऑफ बांग्लादेश नहीं बोल सकते लेकिन अगर कोई उनको बुचर ऑफ बलूचिस्तान बोले तो मैं इसके खिलाफ कोई डिबेट नहीं करूंगा ऑफिशियल एस्टिमेट्स आर हार्ड टू कम बाय बट कहा जाता है कुछ दो से 3000 आर्मी पर्सनल का कत्ल हुआ नसीर दस्ती जो हैं वह लिखते हैं कि 15000 बलोच लॉस्ट देयर लाइव्स साथ ही साथ कुछ 38000 पॉलिटिकल प्रिजनर्स वेर टेकन अगेन देखें ना पाकिस्तान में लोग कहते हैं पॉलिटिकल क्लास नहीं इमर्ज होती जब कोई इमर्ज भी हो रही होती है आप इतनी बरबरी और आमरी के साथ उनको रीड करते हैं तो फिर कहां से कोई पॉलिटिकल क्लास इमर्ज होगी ना जियाउल हक ने कहने को तो अ इन लोगों को रिलीज कर दिया था लेकिन फिर उन्होंने क्या किया उन्होंने बलूचिस्तान को कंट्रोल करने के लिए कि यार ये जो पैन इस्लामिस्ट पार्टीज हैं जो पश्तून इस्लामिस्ट पार्टीज हैं पाकिस्तान की इस्लामिस्ट पार्टीज हैं जो पाकिस्तान प्रोजेक्ट का झंडा लेकर आती हैं इनको प्रमोट किया बलूचिस्तान में कि बलूचिस्तान की जो अपनी पॉलिटिक्स है वो कंट्रोल में आ जाए इस तरह जो पाकिस्तान की फेडरेशन है या जो सेंटर है वो पूरे मुल्क पर कंट्रोल करने की कोशिश करता है आप इस वक्त अभी नॉर्थ में गिलगल बति स्तान में भी यह देख रहे हैं कि जिस तरह पाकिस्तान की इवॉल्वमेंट या पाकिस्तान स्टेट की इवॉल्वमेंट बढ़ती जा रही है आप देखेंगे कि जो इस्लामिस्ट पार्टीज है उनका होल्ड भी बढ़ता जा रहा है सिंध जो हिस्टोरिक रिलीजस एक्सट्रीमिस्ट नहीं रहा इधर भी जेयू एफ को भेजकर उनके मदरसे फंड करकर बड़ी कोशिश की गई है कि भाई जो एक नेटिव कल्चर है वो तोड़कर स्टेट का जो सैंक्शन इस्लाम है वो इस्लाम नहीं फैला रहे उनका मकसद मजहब नहीं फैलाना है उनका मकसद है जो ये मजहब और पाकिस्तान का नेक्सस है ना इसको जोड़कर अ पाकिस्तान प्रोजेक्ट को प्रमोट करना ताकि जो जेनुइन पॉलिटिकल क्लास है वो खत्म हो जाए और इस्लामाबाद के जो एजेंट्स है ना वो जगह-जगह नाफिया मैं अर्ज करूंगा लोगों को जो स्टेट सैंक्शन नैरेटिव है ना उससे बाहर देखें अक्सर जो इस्लामाबाद कराची नॉर्थ पंजाब के नैरेटिव होते हैं ना वो उनको लगता है पाकिस्तान का यही हाल है अभी मैं देख रहा हूं हू कि बहुत ज्यादा रेसिजम हो रहा है बहुत ज्यादा रेसिजम हो रहा है बलोच लोगों के खिलाफ एंड अनफॉर्चूनेटली कुछ जवान लोग भी हैं कि अपने twitter4j को अगर मारा जाता है पंजाबी होने पर बलूचिस्तान में तो यह सही है वो बिल्कुल गलत है ऑयल फील्ड अटैक होते हैं बिल्कुल गलत है सीपक की चीजों पर अटैक किया जाता है स्टेट इंस्टीट्यूशन पर अटैक किया जाता है बिल्कुल गलत है जो इवॉल्वड हैं वो टेररिस्ट हैं उनके खिलाफ ऑपरेशन करें लेकिन अगर आप एक पूरी की पूरी एथनिक को पेंट कर देंगे जस्ट बिकॉज द एक्ट्स ऑफ द फ्यू राइट ये चीज जब मुसलमानों के खिलाफ होती है तो पाकिस्तानियों को समझ में आ जाता है कि भाई 911 जिन्होंने किया था वह मुसलमान होंगे लेकिन हर मुसलमान टेररिस्ट नहीं होता लेकिन अपने मुल्क में आपको यह चीज नहीं समझ में आती कि भाई अगर कुछ बलूच लोगों ने टेररिज्म किया होगा इसका मतलब यह नहीं है कि हर बलूच को अब आप टेररिस्ट समझकर देखना शुरू हो जाए उस टाइम बलूच पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ने वायलेंस किया टेररिज्म किया मैं उसको बिल्कुल नहीं सपोर्ट कर रहा लेकिन साथ ही साथ बलूचिस्तान में एक पब्लिकेशन भी आती थी जिसका जवाल नाम था उसमें मार्क्सिस्ट सोशलिस्ट उस टाइम दुनिया भर में वो जो लेफ्ट और राइट वो जो सोवियत यूनियन कोल्ड वॉर का जमाना था तो ये एक थॉट बैटल चल भी रही थी तो वो जो सोशल मार्क्सिस्ट अर्बन वर्ल्ड व्यू है जो काफी हद तक मुझसे भी मिलता है उस तरह के जो राइटर्स हैं वो भी जबा में लिख रहे थे उसमें कई बातें हैं जो मैं एग्री करता हूं कि भई जो अप्रेस नेशनलिटी है पाकिस्तान में इनको ना मिलकर और सारी प्रोग्रेसिव फोर्सेस को मिलकर यह जो कॉलोनियल स्टेट है इसको रिइमेजिन करने की जरूरत है अक्सर लोग जब कहते हैं ना कि बहुत सारी बातें आजकल अनप्रेसिडेंटेड हो रही हैं और मुझ में नाराज भी होते हैं कि मैं इस पर हंसता हूं मैं इसलिए हंसता हूं क्योंकि सालों साल आपने बलोच कौम को यूजलेस समझा है आपने सिंधी कौम को यूजलेस सम है आपकी नजर में यह तो वर्थलेस लोग होते हैं यह लोग तो पाकिस्तान दुश्मन लोग हैं अब आप लोग आगे बढ़कर वो बातें कर रहे होते हैं इंटरेस्टिंग आज भी आपको बलोच लोग पश्तून लोग सिंदी लोग मुल्क के दुश्मन लगते हैं पाकिस्तान के दुश्मन लगते हैं लेकिन बातें वो वही आप कर रहे हैं जो शायद वो लोग 50 साल पहले 60 साल पहले कर रहे होते थे वो बातें आपने तब नहीं समझी आज भी नहीं समझी यही मेरी तन कीद होती है कि भाई देखो तो जस्ट बिकॉज आपने एक एजेंडा और प्रोपेगेंडा इंटरनलाइज किया हुआ है और एक ग्रीन टिंटेड क्लासेस से दुनिया देख रहे होते थे और शायद अभी आपकी थोड़ी आंखें खुली हैं इसका मतलब यह तो नहीं है ना कि जो लोग पहले वह बातें कर रहे थे वह मुल्क दुश्मन है या आपसे पहले वो बातें कभी किसी ने की भी नहीं सो यस जबल अंग्रेजी में भी छपता था उर्दू में भी छपता था सिंदी में भी छपता था तो जिन लोगों को लगता है कि भाई इल्म का जो सेंटर है व तो लाहौर ही है या इस्लामाबाद भी है या आज भी है क्योंकि और जो कौम हैं पाकिस्तान में उनके इल्म को आप इल्म कंसीडर ही नहीं करते आप जाकर पढ़ें जब जनवरी 1977 कि जवाल वॉल्यूम वन में लिखा है द इस्लामाबाद गवर्नमेंट रिइंफोर्स ट्राइबल जम बाय सेंडिंग पंजाबी सेटलर्स टू बलूचिस्तान बाय डिस्ट्रीब्यूटर लैंड टू दोज हु कोलैबोरेट विद द स्टेट एंड बाय अडॉप्टिंग अ कंसीट एटीट्यूड टुवर्ड्स द बिग फैमिलीज इसमें जो इंटरेस्टिंग आईडिया है वो हमने रफी उल्ला काकड़ के साथ भी पॉडकास्ट में डिस्कस किया है बाकी लोगों के साथ भी किया है कि स्टेट नैरेटिव में बचि स्तान को किस बात पर क्रिटिसाइज किया जाता है कि यहां तो सरदारी निजाम है यहां तो फ्यूड निजाम है तो एक वो गुलामी है वो गुलामी की जंजीरें तोड़ने के लिए आवाम को आजाद करने के लिए हम लोग आएंगे ट्राइबल सिस्टम जो एंट्रेंच किया जो स्ट्रेंथ किया वो कॉलोनियलिज्म ने किया था बलूचिस्तान में और पाकिस्तान का जो स्टेट है वह अपने सरदार जो है वह लगाकर उससे फायदा उठाकर उनको इन प्लेस रखता है उनको पावर में रखता है यही सिंध का भी प्रॉब्लम है आई थिंक अ लॉट ऑफ टाइम्स पीपल मिस फॉरेस्ट फॉर द ट्रीज पीपल थिंक कि बस पीपल्स पार्टी है जो गलत कर रही है पर यह जो फ्यूड सिस्टम है जिसकी पीपीपी बिल्कुल बेनेफिशरी है इनको इस्तेमाल कर रही होती है अ फॉर पावर राइट एक को डिपेंडेंस है ये फ्यूड एस पावर में आते हैं पीपीपी को उन की जरूरत है अ फ्यूड को पीपीपी की जरूरत है वो एक कोडिपेंडेंट सिस्टम बन गया है लेकिन जो पूरे मुल्क में ये सिस्टम बनाया गया है इसको स्ट्रेंथ किया गया है पॉलिटिक्स और पॉलिटिशियन किया गया है वो इस्टैब्लिशमेंट ही है और बलूचिस्तान में भी उन्हों उन्होंने सालों साल इसी तरह किया है इसलिए बलूचिस्तान के लोग कहते हैं कि आप जब उनको कह रहे हैं आपका सरदारी निजाम तो वह जवाब देते हैं यह हमारा सरदारी निजाम नहीं है यह तो स्टेट का सरदारी निजाम है साथ ही साथ ट्रिगर होने से पहले या हेट या रेसिजम अभी मैं रेडिट पे बैन हो चुका हूं कि बोला गया है कि मैं जो हूं मैं रेसिस्ट हूं मैं पाकिस्तानियों के खिलाफ बात करता हूं मैं पाकिस्तानियों से नफरत करता हूं मैं पता नहीं क्या हूं अ तो ये आई एम श्यर जब ओरिजिनल स्टेटमेंट मैंने पढ़ी होगी कुछ पंजाबी लोग नाराज हो गए होंगे पंजाबी फॉर द सेक ऑफ बीइंग पंजाबी उसके खिलाफ कोई कुछ करें वो रेसिजम है उसको बुरा समझा जाता है पर यह फैक्चर बात है कि जब पाकिस्तान बना है तो पाकिस्तान की जो रिसोर्सेस थी या पाकिस्तान का जो स्टेट कंट्रोल था वो नॉर्थ पंजाब और कराची से होता था तो जो कराची की इलीट है या नॉर्थ पंजाब की जो इलीट है उसने पूरे मुल्क के रिसोर्सेस पर कब्जा भी किया हुआ था एक डिस प्रोपोर्शनेट रिसोर्सेस वहां पर लगाई भी जाती वो बांग्लादेश की रिसोर्सेस हो वो सिंध की रिसोर्स रिसोर्सेस हो वो बलूचिस्तान की रिसोर्सेस हो वो सारी रिसोर्सेस जो हैं कराची इस्लामाबाद लाहौर नॉर्थ पंजाब लाहौर एंड सराउंडिंग एरियाज वहां पर सारी सोर्सेस लगाई जाती थी तो एक जो फीलिंग है एक्सप्लोइटेशन की वह जायज है वह जब निकलती है एक आम पंजाबी पे एक पंजाबी जो अपनी नौकरी करने गया है जो माइग्रेंट लेबर है कोई अगर माइन में काम कर रहा है बेचारा गरीब आदमी उसकी तो गलती नहीं है जस्ट बाय वर्च्यू ऑफ बीइंग पंजाबी या पंजाब में भी ऐसे लोग लोग होंगे जो बेचारे किसान हैं जो जो काम कर रहे हैं इन अमीरों के लिए उन बेचार की क्या गलती है तो जब आप इलीट की तरफ क्रिटिसिज्म करते हैं या आप कहते हैं पंजाबाइ जेशन ऑफ पाकिस्तान यू आर टॉकिंग अबाउट दिस इलीट दैट हैज कैप्चरड पाकिस्तान यह तो कोई नहीं डिनायर सकता ना कि यह एलीट एजिस्ट कराची और नॉर्थ पंजाब में करती है यह तो फैक्चर बात होगी कहना कि नहीं नहीं जी हर जगह नहीं लेट्स बी ऑनेस्ट पाकिस्तान की जो सारी रिसोर्सेस हैं उसका फंडामेंटल फंडामेंटल मसला इलीट कैप्चर है वो इलीट कैप्चर एजिस्ट करता है इस्लामाबाद लाहौर लाहौर एंड इट्स सराउंडिंग एरियाज फैसलाबाद सियालकोट सारे जो वो इंडस्ट्रियल एरियाज हैं एंड कराची में इसका मतलब यह नहीं है कि लसानिया या एथनिक की बेसिस पे आप किसी को हेट करें मार्च 1978 के जबल वॉल्यूम टू में लिखा है इट बिकम क्लियर दैट द फर्स्ट एंड द मोस्ट इजट टास्क बिफोर द ट्रूली नेशनल एंड डेमोक्रेटिक फोर्सेस इज टू लॉन्च अ डेमोक्रेटिक स्ट्रगल अगेंस्ट द ब्यूरोक्रेटिक पावर हैज सेंट्रलाइज्ड ऑल पॉलिटिकल पावर इन द स्टेट ऑर्गन्स पेट्रनाइज्ड बाय द मिलिट्री इलीट 1978 में ये लिखा जा रहा है बड़े लोग हैं जो आज यह बात कह रहे हैं और कह रहे हैं अनप्रेसिडेंटेड है 1978 में अ बलूचिस्तान और सिंध में ये छप रहा है आफ्टर द सूडो इंडिपेंडेंस ऑफ़ 1947 एंड द डिपार्चर ऑफ़ ब्रिटिश कॉलोनियलिस्ट अ न्यू फॉर्म ऑफ़ कॉलोनियलिज्म इवॉल्वड बोथ फ्रॉम व्हिच एंड फ्रॉम विदा आउट इन पाकिस्तान इट वाज एसेंशियली फ्रॉम विदन दैट दैट द प्रोसेस ऑफ़ एडवांसमेंट ऑफ़ हिस्ट्री वाज इंटरप्टेड इट वाज इंटरप्टेड बाय द ब्यूरोक्रेटिक पावर व्हिच ट्रंप्ड अपऑन द डेमोक्रेटिक राइट्स ऑफ द मासेज एंड अरेस्टेड द फ्री डेवलपमेंट ऑफ द वेरियस रीजंस स्पेशली ऑफ द माइनॉरिटी नेशनलिटीज बाय ट्राइम टू लिटरेट अ फॉल्स एंड एक्सप्लोइटेटिव कांसेप्ट ऑफ अ सिंगल नेशन हुड अब मुझे पता है लोग बड़े परेशान हो जाएंगे कि यह तो सेपरेटिस्ट आईडिया है कि सिंगल नेशन हुड से आपकी क्या मुराद है देखें नेशन का जो लव्ज है ना वह थोड़ा गलत इस्तेमाल हो रहा होता है कि कौम क्या है नेशन क्या है नेशन स्टेट पाकिस्तान है बट पाकिस्तान एज नेशन स्टेट कैन बी अ नेशन ऑफ नेशंस इंडिया जो है इंडिया एक मुल्क है इंडिया की स्ट्रेंथ क्या है इंडिया की डाइवर्सिटी है अगर कोई कहे कि हम जी मलयालम नेशन है हम मराठी नेशन है तो फौरन से इंडियन फेडरेशन दिल्ली कांपना शुरू हो जाता कि इन्होंने नेशन का लफ्ज कैसे इस्तेमाल कर लिया उसी तरह पाकिस्तान इज अ नेशन ऑफ नेशंस एक यत है और हमने कभी इनको एक्नॉलेज नहीं किया लोग नाराज हो जाते हैं जब मैं कहता हूं कि भाई उर्दू नाफिटी गई एट द एक्सपेंस ऑफ लोकल लैंग्वेजेस एट द एक्सपेंस ऑफ लोकल कल्चरस उसको आपको पूरे कॉन्टेक्स्ट में समझना पड़ेगा कि जो आपकी शनातन है आपको कहा गया कि यह चीज अब मैटर नहीं करती वन यूनिटाइल क्या थी कि अपनी शनातन कॉमियर यह सब दबा के मार कर अब सब तुम लोग पाकिस्तानी बन जाओ तो वो भी यही चीज आर्गू कर रहे हैं कि जो एक फॉल्स सेंस दिया गया ना जो फोर्सड नेशनलाइजेशन है उर्दू जबान है लोग बोलते हैं लिंगवा फ्रांका है लोग बोलेंगे डंडा मार कर के आइंदा कोई बंगाली बोलेगा तो वह काफिर भी है मुल्क दुश्मन भी है इंडिया से करीब भी है कंस्पिरेशन में भी इवॉल्वड है इसको जेल में भी डालो इस तरह की बरबरी या आमरी अगर आप करेंगे तो फिर उसका एक अ ब्लोबैक तो आएगा ना लोग इतनी जल्दी अपनी शनातन कौमिल सकते व्हाट पाकिस्तान शुड हैव बन इज अ नेशन दैट सेलिब्रेट्स ऑल द नेशंस दैट लिव विद इन दिस ब्रॉडर नेशन इसी टॉपिक पर एक लंबा डिस्कशन हमने किया है जिस पर पूरी पॉडकास्ट आएगी तो आई डोंट वांट ड्वे ऑन इट मच फर्द बट पॉइंट ऑफ दिस एपिसोड टुडे वाज ओनली टू शो यू कि सीखें अपनी गलतियों से सीखें अपनी गलतियों से जब आप लोगों ने बांग्लादेश में रिप्रेशन किया उनकी आइडेंटिटी स्रेस करने की कोशिश की उनकी लैंग्वेज तबाह करने की कोशिश की एक पाकिस्तानियो उन उनमें डालने की कोशिश की फोर्सेबल एट द एक्सपेंस ऑफ देम बीइंग बंगाली आपको एक रिस्पांस मिला ठीक है जब वह मुक्ति बानी बनती है वह टेररिज्म करती है हम उसको सब कंडेम करते हैं हम सब उसके खिलाफ हैं लेकिन जब एक लेजिटिमेसी ऑटोनॉमी थी तब आपने क्यों रिप्रेशन किया जुल्फिकार भुट्टो ने क्यों मिलिट्री भेजी क्यों ऑल स्टेकहोल्डर्स एंड पॉलिटिशन वर नॉट ब्रॉट ऑन द सेम टेबल एंड हैड दैट डिस्कशन इसीलिए आजकल के वक्त में जब इस तरह की बातें की जाती है ना कि भाई नहीं हम पॉलिटिशन से तो बात ही नहीं करेंगे मिलिट्री से बात करेंगे यह बात मुझे गलत लगती है क्योंकि जब तक सारे जो स्टेकहोल्डर्स हैं ना आप एक नॉलेज नहीं करेंगे आप बोलेंगे एक स्टेकहोल्डर गद्दार है एक जो है वो ईमानदार है इसलिए इनके साथ तो बैठा ही नहीं जा सकता यह गद्दार लोग हैं पश्तून जो हैं वो एंटी नेशनल है सिंधी जो है वो एंटी नेशनल है बलोच जो है वो एंटी नेशनल है ये एंटी नेशनल लेबल कर कर के आप अपने पॉन्स बिठा देंगे अब अनवारुल हक काकड़ तो बलूचिस्तान की आवाज नहीं हो सकते आप जितना बेचना चाहे इस आइडिया को या सरफराज बख्ती तो वो नहीं हो सकते वो नहीं बिकेगा वो फोर्स का जो जवाब है ना आप जितना रिप्रेस करेंगे वो चीज उतनी बाउंस बैक करेगी तो ये हमने हिस्ट्री में देखा मेरी नजर में ये जुल्फिकार अली भुट्टो की सबसे बड़ी गलती थी अगर तो अपने आप को डेमोक्रेट कहते हैं अगर तो वो कहते हैं हम कांस्टीट्यूशन लाए तो साथ-साथ यह दाग यह धब्बा भी उन पर लगाना चाहिए कि बलूचिस्तान में आपने एलिशन बढ़ाई बलूचिस्तान में आपने मिलिट्री ऑपरेशन ऑर्डर किया तो जो जितने लोग मरे हैं उस टाइम इसकी जिम्मेदारी जुल्फिकार अली भुट्टो पर आती है [संगीत]