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इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड
Jun 28, 2024
इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड
परिचय
इलास्टिसिटी
का अर्थ: लचीलापन या फ्लेक्सिबिलिटी। जैसे रबर बैंड को खींचने पर उसकी शॉप चेंज होती है। वैसे ही डिमांड भी कई फैक्टर्स पर डिपेंड करता है।
जब डिमांड किसी प्रोडक्ट या सर्विस में चेंज होता है, इसे इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड कहा जाता है।
डिटर्मिननेंट्स
प्रमुख फैक्टर्स
:
प्राइस
इनकम
प्राइस ऑफ रिलेटेड गुड्स
एडवर्टाइजमेंट एक्सपेंडिचर
प्राइस एक्सपेक्टेशन
डिमांड में चेंज इन फैक्टर्स से प्रभावित होती है।
मार्शल के अनुसार:
इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड: परसेंटेज चेंज इन क्वांटिटी डिमांड फॉर अ कमोडिटी विद रिस्पेक्ट टू परसेंटेज चेंज इन फैक्टर्स अफेक्टिंग डिमांड।
डिग्री ऑफ इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड:
रेंज
: 0 से इंफिनिटी तक
पांच प्रकार
:
परफेक्टली इनइलास्टिक
(E_d = 0)
फैक्टर्स में चेंज होने पर डिमांड में कोई चेंज नहीं होता।
उदाहरण: आवश्यक दवाइयाँ।
परफेक्टली इलास्टिक
(E_d = ∞)
फैक्टर्स में बहुत थोड़ा या कोई चेंज नहीं होता, लेकिन डिमांड में बड़ा चेंज होता है।
उदाहरण: गोल्ड ज्वैलरी जैसे प्रोडक्ट्स।
यूनिटरी इलास्टिक
(E_d = 1)
डिमांड और फैक्टर्स में समान परसेंटेज चेंज होता है।
रिलेटिवली इलास्टिक
(E_d > 1)
फैक्टर्स में छोटा चेंज हो तो डिमांड में बड़ा चेंज होता है।
रिलेटिवली इनइलास्टिक
(0 < E_d < 1)
फैक्टर्स में बड़ा चेंज हो, पर डिमांड में छोटा चेंज होता है।
प्राइस इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड:
डिफिनेशन
: डिमांड में चेंज हो रहा है क्योंकि प्राइस में चेंज हो रहा है।
फॉर्मूला
:
Price Elasticity of Demand = (Percentage Change in Quantity Demanded) / (Percentage Change in Price)
उदाहरण
:
जब प्राइस ₹5 थी, तब 15 बनानाज़ ख़रीदा। जब प्राइस ₹7 हो गई, तब 12 बनानाज़ ख़रीदा।
कैलकुलेशन
:
पुरानी कीमत (P1) = ₹5, नई कीमत (P2) = ₹7
पुरानी क्वांटिटी (Q1) = 15 बनानाज़, नई क्वांटिटी (Q2) = 12 बनानाज़
Percentage Change in Quantity Demanded = ((Q2 - Q1) / Q1) * 100 = -20%
Percentage Change in Price = ((P2 - P1) / P1) * 100 = 40%
Price Elasticity of Demand = -20% / 40% = 0.5
व्याख्या
: यह रिलेटिवली इनइलास्टिक डिमांड है (0 < E_d < 1)
अन्य प्रकार की इलास्टिसिटी
एडवर्टाइजमेंट इलास्टिसिटी
:
Change in Sales divided by Change in Advertisement Expenditure
उदाहरण: एडवरटाइजिंग एक्सपेंडिचर में चेंज कर सेल्स में क्या असर होता है
इनकम इलास्टिसिटी
:
Percentage Change in Quantity Demanded divided by Percentage Change in Income
क्रॉस-प्राइस इल ास्टिसिटी
:
Percentage Change in Quantity of Good A divided by Percentage Change in Price of Good B
उदाहरण: कॉफी की कीमत बढ़ने पर चाय की डिमांड में क्या असर होता है
उपसंहार
इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड के विभिन्न प्रकार और फैक्टर्स के प्रभाव।
प्राइस इलास्टिसिटी को कैसे कैलकुलेट करें और समझें।
अन्य इलास्टिसिटी के प्रकार, जैसे एडवरटाइजमेंट, इनकम और क्रॉस-प्राइस इलास्टिसिटी।
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