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इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड

इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड देखिए इलास्टिसिटी आपका मतलब होता है लचीलापन या फिर फ्लैक्सिबिलिटी आपने रबर बंद या फिर हेयर स्क्रीन चीज देखे होंगे तो इसको आप देखें तो इस पे जब आप हाथ से इसको खींचते हैं तो इसमें क्या होता है इसकी शॉप जो होती है इसके साइज जो होती है वो चेंज हो जाती है क्लियर तो इसी तरीके से जो डिमांड होता है वो डिमांड भी कई सारे फैक्टर्स पे डिपेंड करता है और जब डिमांड किसी भी प्रोडक्ट के किसी भी सर्विस की डिमांड में कोई फ्लकचुएशन कोई चेंज आते हैं तो उसी को हम इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड कहते हैं तो डिमांड ऑफ अन्य प्रोडक्ट और सर्विस अलसो फ्लकचुएट और चेंज ड्यू तू चेंज इन फैक्टर्स ऑलवेज डिमांड डिपेंड्स यानी की बहुत सारे फैक्टर्स पर डिमांड डिपेंड करता है किसी भी प्रोडक्ट की किसी भी सर्विस की जो डिमांड होती है वो कई सारे फैक्टर पर डिपेंड करता है और जब उसे फैक्ट्री में कोई चेंज होता है तो उन फैक्टर्स में चेंज होने की वजह से डिमांड में जो चेंज होता है तो इसी को इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड कहा गया है तो फैक्टर्स कौन-कौन से हो सकते हैं जैसे प्राइस इनकम प्राइस ऑफ रिलेटेड कोर्स एडवर्टाइजमेंट एक्सपेंडिचर प्राइस एक्सपेक्टेशन तो इन सब फैक्टर्स में जब चेंज होते हैं तो इनमें चेंज होने की वजह से जो डिमांड में चेंज होता है फ्लकचुएशन होता है डिमांड घाट गई डिमांड बढ़ गई किसी भी प्रोडक्ट की या सर्विस की तो वही चीज इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड कहलाता है तो इन जनरल टर्म्स डी इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड इसे डिफाइंड एस दी डिग्री ऑफ रिस्पांस ऑफ डिमांड फॉर ए प्रोडक्ट तू चेंज इन इट्स डिटर्मिननेंट तो डिटर्मिननेंट्स मतलब की प्राइस इनकम प्राइस ऑफ रिलेटेड गुड्स एडवर्टाइजमेंट प्राइस रेफ्रिजरेशन ये क्या है ये डिटर्मिननेंट्स हो गए तो इन डिटर्मिननेंट्स के में चेंज होने की वजह से डिमांड में जो चेंज होता है उसी को हम इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड कहते हैं तो अकॉर्डिंग तू मार्शल इट रिवर्स तू परसेंटेज चेंज इन क्वांटिटी डिमांड फॉर अन कमोडिटी विद रिस्पेक्ट तू परसेंटेज चेंज इन अन्य ऑफ डी फैक्टर अफेक्टिंग डिमांड ऑफ डेट कमोडिटी तो किसी भी कमोडिटी को जो भी फैक्टर्स अफेक्ट करते हैं उसमें जो भी परसेंटेज चेंज होता है उसे परसेंटेज चेंज की होने की वजह से डिमांड में जो क्वांटिटी डिमांड है उसको कमोडिटी का उसमें जो परसेंटेज चेंज होता है उसी के रिलेशन को हम क्या कहते हैं इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड कर लेते हैं तो नॉर्मली यहां पर लास्टेस्ट ऑफ डिमांड पड़ेंगे प्राइस इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड क्रॉस इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड इनकम इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड एंड एडवर्टाइजमेंट इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड तो इन टाइप्स को डिस्कस करने से पहले हम डिग्री ऑफ इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड को डिस्कस है तो डिग्री यानी की कैसे मेजर करते हैं आप इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड को अम्लीय डिग्री ऑफ इलास्टिसिटी को हम जीरो से इंफिनिटी के बीच में जो है डिनोट करते हैं और यहां पर 5 डिग्री ऑफ इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड होता है परफेक्टली इनेलास्टिक परफेक्टली इलास्टिक रिलेटिवली इनेलास्टिक रिलेटिवली इलास्टिक एंड यूनिटरी इलास्टिक डिमांड तो यहां पर हम सबसे पहले डिस्कस करेंगे परफेक्टली इन इलास्टिक डिमांड तो जो परफेक्टली इनेलास्टिक डिमांड है उसको हम जीरो से दिनो करते हैं यानी की एड = 0 इसका कहने का मतलब क्या है देखिए perfectuli इन इलास्टिक यानी की डिमांड में कोई भी चेंज नहीं हो रहा इन इलास्टिक मतलब नो चेंज तो नो चेंज इन डिमांड ड्यू तू चेंज इन फैक्टर्स लाइक प्राइस और इनकम तो यहां पे कहने का मतलब है की जब भी फैक्टर्स में चेंज होते हैं उसकी वजह से डिमांड में कोई भी चेंज नहीं होता तो उसको हम परफेक्टली इनेलास्टिक कहते हैं यानी की एडीजे = 0 यानी की आप प्राइस को प्राइस को इंक्रीज करें और डिक्रीज करो लेकिन डिमांड जितनी थी उतनी ही है तो उसको हम परफेक्टली इन इलास्टिक कहते हैं तो इसको ग्राफ में आपको अच्छी तरीके से शो कर सकते हैं आप यहां पे ग्राफ में देखिए तो जो प्राइस है वो तू से फोर कर दिया गया फोर से सिक्स कर दिया गया है या फिर आप इस तरीके से समझिए की प्राइस बहुत ही आपने एक बार डिक्रीज किया तू कर दिया और आपने एक बार इंक्रीज किया सिक्स कर दिया लेकिन जो डिमांड है आप देखेंगे डिमांड वो यूनिट 4 यानी की फोर यूनिट की डिमांड कांस्टेंट continuisali बनी हुई है 2 के प्राइस पे भी फोर है फोर के प्राइस पे भी फोर क्वांटिटी डिमांड है और सिक्स प्राइस होने पर भी 4 क्वांटिटी ही डिमांड किया जा रहा है तो नॉर्मली आप देखेंगे की जो फूड होता है या फिर जो प्रिसक्राइब ड्रग होता है यानी की जो आप डॉक्टर के पास गए उन्होंने लिख दिया की सात दिन की दवाई आपको ये दवाई लेनी है तो अब उसकी प्राइस चाहे घाटी हो चाहे बड़ी हो आपको सात दिन के दवाई लेनी ही लेनी है तो यहां पे क्या होता की क्वांटिटी डिमांड फिक्स होती है प्राइस चेंज हो रहा हो लेकिन जो क्वांटिटी डिमांड है वो उसमें कोई चेंज नहीं होता है तो इसी को हम क्या कहते हैं परफेक्टली इनेलास्टिक कहते हैं क्लीयरली यानी की फैक्टर्स में चेंज होगा लेकिन जो डिमांड है उसमें कोई चेंज नहीं होगा वहीं पे जो दूसरा है डेट इस परफेक्टली इलास्टिक परफेक्टली इलास्टिक कहने का मतलब की यहां पर जो फैक्टर है उसमें कोई भी चेंज नहीं हो रहा है या फिर बहुत सा छोटा सा चेंज हो रहा है लेकिन उसकी वजह से बहुत ज्यादा चेंज हो रहा है डिमांड में यानी की जो फैक्टर्स हैं उसमें थोड़ा सा चेंज होने से या फिर कोई भी चेंज ना होने से ही जो है जो डिमांड है वो बहुत ज्यादा चेंज हो रहा है तो उसी को परफेक्टली इलास्टिक कहते हैं दिनो कैसे कहते हैं इट इसे इक्वल तू इंफिनिटी तो यहां पे क्या हो रहा है की वेरी बड़ी चेंज इन डिमांड ड्यू तू स्मॉल और नो चेंज इन फैक्टर्स यहां पे स्मॉल चेंज हो रहा है या फिर कोई चेंजिंग नहीं हो रहा है फैक्टर्स में लेकिन फिर भी डिमांड में बहुत ज्यादा चेंज हो रहा है तो उसको हम perfectuli इलास्टिक कहते हैं जैसे की आप यहां पे देख सकते हैं की प्राइस क्या है किसी प्रोडक्ट की वो ₹30 है लेकिन ₹30 की प्राइस पे ही जो प्रोडक्ट की डिमांड है वो 50 से 80 क्वांटिटी हो गई तो इसको हम perfectuli इलास्टिक कहते हैं नॉर्मली आपने देखा होगा की गोल्ड ज्वैलरी तो इन सब में केस में क्या होता है की प्राइस वही रहेगी लेकिन जो है सीजन के हिसाब से डिमांड जो है इंक्रीज और डिक्रीज हो जाता है तो वही चीज perfectuli इलास्टिक कहलाता है यानी की आप में जो फैक्टर्स में कोई भी चेंज नहीं हो रहा है या फिर बहुत छोटा सा चेंज हो रहा है लेकिन उसके कंपैरिजन जो डिमांड है वो बहुत ज्यादा चेंज हो रहा है तो उसको हम perfectuli इलास्टिक कहते हैं डिनोट कैसे कहते हैं एड इस इक्वल तू इंफिनिटी वहीं पे जो तीसरा है डेट इस यूनिटरी इलास्टिक यूनिटरी इलास्टिक यानी की इक्वल चेंज यूनिटरी यानी एड इस इक्वल तू वैन यहां पे क्या हो रहा है यहां पे इक्वल चेंज हो रहा है यानी की इक्वल परसेंटेज चेंज इन डिमांड एंड इन फैक्टर्स तो यहां पर जितना परसेंट चेंज फैक्टर्स में हो रहा है उतना ही परसेंटेज चेंज डिमांड में भी हो रहा है यानी की इक्वल हो रहा है जैसे की ग्राफ में आप देख सकते हैं की प्राइस जो है 10% से आप डिक्रीज करते हो तो जो डिमांड है वो 10% से इंक्रीज कर जाता है तो यहां पर से परसेंटेज से चेंज हो रहे हैं फैक्टर्स में और डिमांड में भी क्लियर तो इसी को कहते हैं यूनिटरी इलास्टिक और कर्व कुछ इसी तरीके से बनता है दें आता है फोर्थ डेट इसे रिलेटिवली इलास्टिक डिमांड देखिए रिलेटिवली इलास्टिक मनाने की जो फैक्टर्स में चेंज हो रहा है उससे थोड़ा सा ज्यादा डिमांड में चेंज हो रहा है रिलेटिवली रिलेटिव यानी की फैक्टर्स में भी चेंज हो रहा है दिमाग में भी चेंज हो रहा है लेकिन रिलेटिवली इलास्टिक यानी की फैक्टर्स में जितना चेंज हो रहा है उससे कहीं ज्यादा डिमांड में चेंज हो रहा है तो डेट इस रिलेटिवली इलास्टिक डिमांड यानी की ऐड ग्रेटर दें वैन बट लेस दें इंफिनिटी लार्जर परसेंट चेंज इन डिमांड दें परसेंटेज चेंज इन फैक्टर्स यानी की आप सपोज करें की आपने प्राइस को 10% डिक्रीज किया तो जो डिमांड चेंज हुई वो 20% से चेंज हो गई अगर प्राइस को 10% चेंज करते हैं demodometer 10% का चेंज होता तो यूनिटरी इलास्टिक का प्राइस में कोई भी चेंज नहीं करते डिमांड में बहुत ज्यादा चेंज हो गया वो perfectuli इलास्टिक था प्राइस में बहुत सारा चेंज कर देते कर देते लेकिन डिमांड में कोई चेंज नहीं होता वो perfectuli इन इलास्टिक था लेकिन प्राइस में थोड़ा सा चेंज किया उसके कंप्रेस्ड कंपेरटिवली डिमांड में ज्यादा चेंज हुआ तो वो रिलेटिवली इलास्टिक हो गया तो यहां पे आप फिगर में देख रहे हैं की जो प्राइस से हमने पी वैन से पी तू के यानी की 10% डिक्रीज कर लेकिन उसके competivali जो डिमांड है उसको 10% की वजह वो 20% इंक्रीज हो गया तो यानी की जो फैक्टर में चेंज हुआ है उससे कहीं ज्यादा डिमांड में चेंज हुआ तो उसको हम कहते हैं रिलेटिवली इलास्टिक डिमांड क्लियर इसी तरीके से जो नेक्स्ट है फिफ्थ डेट इस रिलेटिवली इन इलास्टिक डिमांड तो इन इलास्टिक डिमांड यानी की फैक्टर में जितना चेंज हो रहा है उससे कम चेंज डिमांड में हो रहा है चेंज हो रहा है लेकिन कम चेंज हो रहा है किस जितना चेंज फैक्टर में हुआ है उससे कम चेंज डिमांड में हो रहा है तो डेट इस रिलेटिवली इन इलास्टिक डिमांड परफेक्टली इन इलास्टिक में क्या था की फैक्टर में कितना भी चेंज कर लो डिमांड में कोई चेंज नहीं हो रहा है लेकिन रिलेटिवली इन इलास्टिक में क्या है की फैक्टर में चेंज करने से डिमांड में चेंज हो रहा है लेकिन डिमांड में कम चेंज हो रहा है फैक्ट्री में ज्यादा चेंज हो रहा है तो जैसा की आप यहां पे फिगर में देख सकते हैं की जो प्राइस है उसको अपने तन से 14 कर देने की 40% इंक्रीज किया तो जो डिमांड है वो 88 से 80 हो गए यानी की 10% का चेंज हुआ तो फैक्टर में 40% का चेंज किया और जो डिमांड है उसमें सिर्फ 10% का चेंज हुआ तो डेट इस इन इलास्टिक डिमांड तो स्मॉलर परसेंट चेंज इन डिमांड दें परसेंटेज चेंज इन फैक्टर तो फैक्टर में जितना परसेंट चेंज किया उससे कम परसेंट चेंज जो है डिमांड में होता है तो रिलेटिवली इनेलास्टिक डिमांड फैक्टर में जितना चेंज किया उससे ज्यादा चेंज डिमांड भी हुआ तो डेट इस रिलेटिवली इलास्टिक डिमांड फैक्टर में चेंज किया लेकिन डिमांड में कोई भी चेंज नहीं हुआ फैक्टर आपने ऊपर नीचे की आने की कम किया ज्यादा किया लेकिन देवों में कोई चेंज नहीं होता परफेक्टली इन इलास्टिक फैक्टर में आपने थोड़ा सा चेंज किया या फिर चेंज ही नहीं किया और डिमांड बहुत ज्यादा चेंज हो गया तो डेट इस परफेक्टली इलास्टिक क्लियर और इक्वल चेंज हुआ यानी की जितना फैक्टर में चेंज हो रहा है उतना ही डिमांड में भी चेंज हो रहा है तो यूनिटरी इलास्टिक होता है तो ये जो है डिग्री ऑफ इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड कहलाता है अब हम बात कर ले प्राइस इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड जो की इंपॉर्टेंट टॉपिक होता है नॉर्मली हर जगह पे इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड के साथ ही पूछा जाता है तो प्राइस इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड नाम से क्लियर है की डिमांड में चेंज हो रहा है बिकॉज ऑफ प्राइस इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड रेफर्स तू डी डिग्री ऑफ रिस्पांस इन डिमांड इन सेक्शन तू चेंज इन प्राइस यानी की प्राइस में चेंज करने की वजह से डिमांड में कितना चेंज होता है उसके रिलेशन को प्राइस इलास्टिसिटी और डिमांड कहा जा रहा है प्राइस इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड इस दी परसेंटेज चेंज इन डिमांड ड्यू तू परसेंटेज चेंज इन दी प्राइस ऑफ डी कमोडिटी तू इसको हम दिनो करते हैं स्मॉल ए पी से और इक्वल तू हो गया परसेंटेज चेंजिंग क्वांटिटी डिमांड डिवाइडेड बाय परसेंटेज चेंजिंग प्राइस यानी की किसी भी कमोडिटी की प्राइस में जितना भी चेंज हो रहा है उसकी वजह से क्वांटिटी डिमांड में कितना चेंज हो रहा है उसे कमोडिटी की इसके जो रेश्यो होता है उसी को हम इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड कहते हैं अब हम प्राइस इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड को एक एग्जांपल से समझते हैं की कैसे अपने लिए इसको कैलकुलेट करेंगे तो सपोज एन इंडिविजुअल बाय 15 बनानास वन इट्स प्राइसेस फाइव पर बनाना यानी की जब ₹5 एक बनाना की कीमत ₹5 थी तो किसी इंडिविजुअल ने 15 बनाना परचेज की है व्हेन डी प्राइस इंक्रीज तू रुपीस 7 पर बनाना जब जो है बनाना की एक बनाना की प्राइस ₹5 से ₹7 कर दी गई तब जो है उसने अपनी डिमांड कम कर दी 12 बनाना उसने परचेज किए ₹5 थी प्राइस तो 15 बनाना परचेज किया ₹7 प्राइस हो गई तो 12 बनाना परचेज कर दिया तो अब बताइए की लास्ट प्राइस इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड यहां पे कितनी हुए तो यहां पे आप देखिए जो P1 है वो कितना है 5 जब ₹5 थी तो उसने ₹15 15 बनाना परचेज किए क्लियर जब ₹5 कीमत थी तो उसने जो है 15 बनाना परचेज की वहीं पे जब प्राइस जो है इंक्रीज कर देंगे ₹7 तो उसने जो है 12 बनाना परचेज किए क्लियर तो यहां पे p15 हो गया P1 यानी की ओल्ड प्राइस और q1 यानी की ओल्ड क्वांटिटी P2 यानी की न्यू प्राइस और क्यूट यानी की न्यू क्वांटिटी तो जब ओल्ड प्राइस पे उसने 15 बनाना परचेज किए और न्यू प्राइस पे उसने 12 बनाना परचेज किए क्लियर तो यहां पे आपके पास ये डाटा ए गया की प्राइस 151 15 है प्राइस तू 7 है और क्वांटिटी तू जो है वो 12 है अब जो है आपको इसको फॉर्मूले में रखना है तो फॉर्मूला क्या है प्राइस इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड का डेट इस परसेंटेज चेंज इन क्वांटिटी डिमांड डिवाइड 90 परसेंटेज चेंज इन प्राइस तो पहले हम क्या कैलकुलेट करेंगे परसेंटेज चेंजिंग क्वांटिटी डिमांड कैलकुलेट करेंगे डेट इसे चेंज इन क्वांटिटी डिवाइडेड बाय ओल्ड क्वांटिटी इन 100 चेंज इन क्वांटिटी डिवाइडेड बाय ओल्ड क्वांटिटी इन 100 यानी की चेंज इन क्वांटिटी डिवाइडेड बाय कन यानी की q2 - q1 / कन*100 क्लियर तो q2 -q1 / q1 इन 100 तो q2 क्या था डेट इस 12 q1 क्या है 15 तो इसको आपको जो यहां पे पुट कर देना है तो 12 - 15 / 15 * 100 तो आंसर ए जाएगा - 28 ये क्या हो गया परसेंटेज चेंज इन क्वांटिटी डिमांड आपने निकल लिया इसी तरीके से परसेंटेज चेंजिंग प्राइस आपको कैलकुलेट कर लेना है तो परसेंटेज चेंजिंग प्राइस क्या हो जाएगा डेट इस चेंज इन प्राइस डिवाइडेड बाय P1 * 100 तो चेंज एंड प्राइस का मतलब की P2 - P1 / P1 * 100 तो P2 यानी की न्यू प्राइस तो P2 यानी की न्यू प्राइस क्या था 7 और ओल्ड प्राइस क्या था फाइव तो सेवन -5 / 5 * 100 = 40 तो आपने परसेंटेज चेंज इन प्राइस कैलकुलेट कर लिया परसेंटेज चेंज इन क्वांटिटी डिमांड आपने यहां पे कैलकुलेट कर लिया तो आपको जो है फॉर्मूले में पुट कर देना है तो आप = 20 / 40 तो जो माइंस का साइन होता है ना अपनी यहां पे आप - साइन लगा के इसको पॉजिटिव में कन्वर्ट कर लेते हैं तो 20 / 40 तो इसको डिवाइड करेंगे तो क्या आएगा आंसर 5 तो आप यहां पे देखेंगे ये क्या है 1 से 0 के बीच में है तो वैन से के जीरो के बीच में होता है तो यानी की ये कौन सा डिग्री हो गया डेट इसे रिलेटिवली इन इलास्टिक डिमांड तो यहां पे जो है प्राइस इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड कितना आया 0.5 इसको मिला staincity कॉएफिशिएंट भी कहते हैं और ये रिलेटिवली इन इलास्टिक यहां पे है क्योंकि ये वैन से जीरो के बीच में इसकी वैल्यू ए रही है तो 1 से 0 के बीच में जब वैल्यू होती है तो उसको हम क्या कहते हैं रिलेटिवली इन इलास्टिक डिमांड यार जाने की जो प्राइस में चेंज हो रहा है उसके कंपेरटिवली डिमांड में कम चेंज हो रहा है तो डेट इसे रिलेटिवली ने इलास्टिक डिमांड क्लियर तो इस तरीके से जो है आपको प्राइस इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड कैलकुलेट करना है इसी तरीके से जो एडवर्टाइजमेंट इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड होता है उसको आप कैलकुलेट कर सकते हैं सिमिलरली क्या होता है चेंज इन सेल्स डिवाइडेड बाय चेंज इन एडवरटाइजिंग एक्सपेंडिचर ये हो गया एडवरटाइजिंग इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड इसी तरीके से इनकम इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड कैलकुलेट करना है तो परसेंटेज चेंजिंग क्वांटिटी डिमांड डिवाइडेड बाय परसेंटेज चेंज इन इनकम आप निकल लीजिए आपको है इनकम इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड कैलकुलेट कर सकते हैं इसी तरीके से क्रॉस प्राइस इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड निकलना है तो परसेंटेज चेंज इन क्वांटिटी ऑफ गुड ए परसेंटेज चेंज इन प्राइस ऑफ गुड बी यानी की एक गुड्स की डिमांड में कितना चेंज हो रहा है बिकॉज ऑफ चेंज इन प्राइस ऑफ सैम आदर सब्सीट्यूट या फिर कंप्लीमेंट्री गुड्स सपोज की की और कॉफ़ी है तो टी की क्वांटिटी में टी की डिमांड में कितना चेंज हो रहा है बिकॉज ऑफ चेंज इन प्राइस ऑफ कॉफ़ी तो इसी को हम क्रॉस प्राइस इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड कहते हैं तो इस तरीके से आप एडवर्टाइजमेंट कम्युनिस्ट सिटी क्रॉस प्राइस इलास्टिसिटी डिमांड कैलकुलेट कर सकते हैं तो होप आपके डाउट क्लियर होंगे विश्वास की पहुंचे