हेलो एवरीवन वेलकम टू लेविया स्टडी पॉइंट एंड आई एम सचिन आज मैं आप सभी को क्लास 11थ पॉलिटिकल साइंस से जो आपका सेकंड बुक का सेकंड चैप्टर है फ्रीडम इसकी इजी एक्सप्लेनेशन करवाने जा रहा हूं और आपको बता दूं आपको फ्री पीडीएफ नोट्स भी हम प्रोवाइड करवा देंगे तो चलिए वीडियो को आगे बढ़ाते हैं न्यू वीडियो है यह अगर आपकी कोई क्वेरी होती है तो आप टा पे पूछ सकते हैं और अगर आपको हमारे फ्री पीडीएफ नोट्स को डाउनलोड करना हो तो उसके लिए आप हमारा क्लास पॉलिटिकल साइंस की जो पीडीएफ हैं वो कुछ ही दिनों में सारे चैप्टर्स की प्रोवाइड करवा दी जाएगी ठीक है अब हम आगे बढ़ते हैं तो जैसा कि आपको पता है आज का हमारा जो चैप्टर है वो है फ्रीडम फ्रीडम मतलब आजादी ठीक है आप जो मन जो आपका मन करे आप वो कर पा रहे हो ठीक है बेसिकली फ्रीडम को हम इसी से जोड़ते हैं ना कि यार मेरी फ्रीडम है या मुझे फ्रीडम नहीं है बाहर जाने की या मुझे रात में घूमने की फ्रीडम नहीं है तो यह वर्ड आपने अक्सर अपनी डेली लाइफ में सुना होगा जो वर्ड फ्रीडम है तो हम पॉलिटिकल थ्योरी जब पढ़ते हैं तो फ्रीडम का का मीनिंग क्या होता है वह मैं आज आपको बताने जा रहा हूं बहुत ही छोटा चैप्टर होगा सेकंड बुक के ज्यादातर चैप्टर आपके छोटे हैं और कांसेप्ट बहुत ही प्रेसा इज और बहुत ही अच्छे हैं आप अगर इसको समझोगे डेली लाइफ से आप कनेक्ट कर पाओगे सो सबसे पहले हम डेफिनेशन समझेंगे फ्रीडम की आखिर अकॉर्डिंग टू योर बुक फ्रीडम का मीनिंग क्या है सो इसका बेसिक मीनिंग है फ्रीडम मींस द एब्सेंट ऑफ कंस्ट्रेंट्स और रिस्ट्रिक्शंस ऑन इंडिविजुअल किसी भी इंडिविजुअल पे कोई रिस्ट्रिक्शन नहीं है जो उसका मन करता है वो वो काम कर रहा है सो फ्री इंडिविजुअल का मतलब क्या होता है अ पर्सन इज कंसीडर्ड फ्री आप कैसे कह सकते हो कि हां भाई यह बंदा फ्री है या इसको फ्रीडम मिली हुई है दे आर नॉट कंट्रोल्ड और फोर्सड बाय एक्सटर्नल पावर यानी कि किसी भी बाहरी बंदे का उसके ऊपर कोई कंट्रोल नहीं है कोई फोर्स नहीं है तो वह एकदम फ्री है और दे कैन मेक इंडिपेंडेंट डिसीजंस एंड एक्ट ऑटोनोमस यानी कि वो इंडिपेंडेंट होके अपने डिसीजन ले सकता है वो किसी को उसको सुनने की जरूरत नहीं है तो अगर ये दो चीजें हैं सो वी कैन से दैट दैट पर्सन इज कंसीडर्ड फ्री ओके यहां पर उसको फ्रीडम मिली हुई है अब अगर हम आगे बढ़े नेल्सन मंडेला एक नाम आता है जब आप हिस्ट्री भी पढ़ोगे या आपने कभी छोटी क्लासेस में इनका नाम सुना होगा कभी कोई इंग्लिश की बुक में इनका चैप्टर पढ़ लिया होगा लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम तो इन्होंने एक बुक लिखी थी अपनी लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम ठीक है बेसिकली साउथ अफ्रीका का नाम आपने सुना होगा वहां पर क्या था अर्था इड की पॉलिसी चलती थी जिसमें जो ये यूरोपिय थे इन्होंने वहां पर ब्लैक एंड वाइट वाला वो डिस्क्रिमिनेशन कर रखा था तो ऐसे में इन्होंने ही आवाज उठाई थी ठीक है और इन्होंने फ्रीडम यानी कि वो पूरे अफ्रीका के अंदर जो जो मतलब दिक्कतें आ रही थी वो फ्रीडम स्ट्रगल के लिए इन्होंने बहुत ज्यादा कंट्रीब्यूशन दिया था सिमिलरली जैसे इंडिया में गांधी जी थे ना वैसे ही साउथ अफ्रीका में आप नेलसन मंडेला जी का नाम ले सकते हो तो इनकी ऑटोबायोग्राफी है लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम जहां पे वो फ्रीडम क्या है उसको समझाने की कोशिश करते हैं सो मंडेला डिस्क्राइब्स हिज पर्सनल एंड कलेक्टिव स्ट्रगल अगेंस्ट अपार थाइड इन साउथ अफ्रीका तो इस बुक में नेलसन मंडेला अपने स्ट्रगल्स बताते हैं कि उनको जब उन्होंने देखा साउथ अफ्रीका में जो अर्था इड की पॉलिसी थी मैंने बताया ना ब्लैक और ब्लैक और वाइट्स का जो एक वो एक क्या कहते हैं डिवीजन कर दिया और भेदभाव हुआ बहुत ज्यादा डिस्क्रिमिनेशन हुआ सो ये एक रेशियन सेगी गन सिस्टम था अपार्ड जो बेसिकली ठीक है इसमें क्या होता था जो लोग ब्लैक्स होते हैं आपको पता है अफ्रीका में बहुत लोग ब्लैक्स भी हैं और कुछ लोग वाइट्स भी थे तो ब्लैक्स और वाइट्स के बीच में भ भाव कर दिया कि यह जगह ब्लैक लोगों के लिए है यह जगह वाइट लोगों के लिए है यह रेलवे स्टेशन की यह वाली जो बेंच है इस पे सिर्फ ब्लैक बैठेंगे इसपे वाइट बैठेंगे इवन जो रेलवे का जो कोच होता है वो भी रिजर्व कर दिया था ब्लैक और वाइट अलग-अलग तो इस तरीके से क्या था ब्लैक लोगों के ऊपर बहुत ज्यादा रिस्ट्रिक्शंस थे ठीक है उनको एक तो टाउंस में रहना पड़ता था अर्बन एरियाज में उनको नहीं आने दिया जाता था ज्यादा और उनको ज्यादा फ्रीडम नहीं थी इधर-उधर जाने की एंड उनको अ शादी करने का अपनी मनमर्जी से भी राइट नहीं था ओके तो इस तरीके से बहुत ज्यादा इंजस्टिस था उनके साथ ये रिस्ट्रिक्शंस बहुत ज्यादा थी और यहां पे इन इक्वलिटी क्रिएट होती है ठीक है वो भी बेस्ड ऑन रेस क्योंकि रेसिस्ट हो गया ना ये सब कि आप ब्लैक और वाइट के बीच में वाइट लोगों को तो राइट्स दे रहे हो बट जो ब्लैक लोग हैं उनको आप कुछ भी नहीं दे रहे हो ठीक है तो इस तरीके से है फिर है सैक्रिफाइस मेड बाय मंडेला अब मंडेला ने क्या किया स्पेंट 27 इयर्स इन जेल नेलसन मंडेला 27 इयर्स तक जेल में गए ठीक है और आप कह सकते हो कि उनको जेल में डालने का मकसद यही था जैसे गांधी जी को बार-बार जेल में डाल दिया जाता था वह आवाज उठा रहे थे फ्रीडम स्ट्रगल के लिए सो गेव अप हिज यूथ उन्होंने अपनी पूरी जवानी लगा दी यार आजाद करवाने में अफ्रीका को सो द जॉय ऑफ टॉकिंग टू फ्रेंड्स यानी कि जैसे हम अपनी जवानी में होते हैं यंग एज में होते हैं फ्रेंड से बात करते हैं या कोई स्पोर्ट्स खेलते हैं क्रिकेट है बॉक्सिंग है तो उनको बॉक्सिंग पसंद थी इट वाज हिज फेवरेट स्पोर्ट ठीक है या अपने मनपसंद कपड़े पहनना फेस्टिवल सेब करना अपने फैमिली फ्रेंड्स के साथ यह सब इन्होंने मिस किया अपने यूथ में क्योंकि वह 27 इयर्स जेल में थे जस्ट फॉर द पीपल ऑफ अफ्रीका और ऑल दिस वाज इंड्यू टू फाइट फॉर द फ्रीडम सिर्फ और सिर्फ फ्रीडम के लिए यह सब हो रहा था ऑफ ऑल साउथ अफ्रीकन जितने भी साउथ अफ्रीकन लोग हैं उनकी फ्रीडम के लिए यह सारा स्ट्रगल उन्होंने किया ठीक है तो इस तरीके से नेलसन मंडेला है अब यहां पे अगला नाम आता है जो आप मेरे बैकग्राउंड में जिन का फोटो देख पा रहे हो ठीक है इनकी भी आप समझ लो ऐसी ही कहानी है कुछ यह भी ऐसा ही करती हैं तो इनका नाम देखो पहले क्या है ंग सन सु की ठीक है ंग सन सुखी इनका नाम है यह म्यांमार की एक लीडर थी ठीक है ये भी फ्रीडम के लिए स्ट्रगल करती हैं फाइट करती हैं ये भी महात्मा गांधी से आप कह सकते हो इंस्पायर्ड थी सो शी वाज प्लेस अंडर हाउस अरेस्ट फॉर इयर्स इनको इनके घर के अंदर ही जेल बना दी गई थी और वहीं पर इनको रहना था बाहर जाना अलाउड नहीं था क्योंकि वह डेमोक्रेसी के लिए लड़ रही थी फ्रीडम के लिए लड़ रही थी इन दी म्यांमार तो वहां पे भी इनको जेल में अपने घर के अंदर ही बंद कर दिया गया फिर है पर्सनल सैक्रिफाइस तो अब इन्होंने क्या सैक्रिफाइस किया वो भी हम देख लेते हैं शी कुड नॉट विजिट हर हस्बैंड इन इंग्लैंड व्हाइट ही वाज डाइंग ऑफ कैंसर उनके पति इंग्लैंड में थे कैंसर से मर रहे थे बट वह उनसे मिलने नहीं जा सकी और आप कह सकते हो बिकॉज शी फीयर्ड लूजिंग हर राइट टू रिटर्न टू फ्र अ म्यांमार अगर वो जाती तो वापस उनको म्यांमार में नहीं आने दिया जाता सो शी रिमें सेपरेटेड फ्रॉम हर चिल्ड्रन यानी कि अपने देश के लोगों को आजादी दिलवाने के लिए अपने पति अपने बच्चों से वोह दूर रही तो यह इनका पर्सनल सैक्रिफाइस था फ्रीडम फ्रॉम फियर अब जैसे कि नेलसन मंडेला ने एक बुक लिखी थी ऐसे ही एक बुक यहां पे लिखी है ंगन सूखी ने जिनका नाम है जिसका नाम है फ्रीडम फ्रॉम फियर सो इसमें इन्होंने एक्सप्लेन किया है कि ट्रू फ्रीडम इज फ्रीडम फ्रॉम पियर असली आजादी वही है कि आप किसी भी मतलब मतलब किसी चीज से डरो मत जब आपका डर खत्म हो जाएगा वही आपकी रियल फ्रीडम है ऐसा ंगन सुकी कहती हैं ठीक है अब हम आगे बढ़ते हैं सो इनके बुक में की मैसेजेस क्या है फियर रिस्ट्रिक्ट्स अ डिग्निफाइड लाइफ आप डर में रहोगे तो आप कभी भी एक डिग्निफाइड लाइफ नहीं जी पाओगे फियर ऑफ अथॉरिटी आपको गवर्नमेंट का डर है अथॉरिटीज का डर है सोसाइटल ऑपिनियंस डिकल और स्पीकिंग आउट स्टॉप्स पीपल फ्रॉम लिविंग फ यानी कि ये डर बहुत तरीके का हो सकता है गवर्नमेंट से डरना सोसाइटी में लोग क्या बोलेंगे उससे डरना आप खुल के ना बोल पाओ ठीक है सो टू लिव अ मीनिंगफुल एंड डिग्निफाइड लाइफ वन मस्ट ओवरकम फियर अगर आपको एक अच्छी लाइफ जीनी है मीनिंगफुल लाइफ जीनी है तो आपको यह डर जो है इससे ओवरकम करना पड़ेगा तभी कुछ हो पाएगा अदर वाइज कुछ नहीं होगा टू डायमेंशन ऑफ फ्रीडम अब मैं आपको फ्रीडम के दो डायमेंशन बताता हूं एक होता है नेगेटिव और एक होता है पॉजिटिव नेगेटिव में क्या होता है कि आप आपके ऊपर कोई रिस्ट्रिक्शंस नहीं होगी तो फ्रीडम मींस रिड्यूजिंग और रिमूविंग एक्सटर्नल लिमिटेशंस दैट प्रिवेंट पीपल फ्रॉम मेकिंग चॉइसेज यानी कि आपके ऊपर कोई लिमिटेशंस कोई रिस्ट्रिक्शंस कोई कंस्ट्रेंट्स नहीं होंगे आपको जो मन करता है आप वोह करोगे पॉजिटिव एस्पेक्ट यह कहता है कि भाई फ्रीडम आल्सो मींस क्रिएटिंग कंडीशंस फॉर इंडिविजुअल्स टू एक्सप्रेस देम सेल्स फुली एंड डेवलप देयर पोटेंशियल फ्रीडम का मतलब पॉजिटिव वे में यह भी है कि लोगों के अंदर वो पोटेंशियल डेवलप हो उनको वो अपॉर्चुनिटी दो वो कंडीशंस दो जिससे कि वो अपना कुछ कर पाएं सो इसमें क्या है क्रिएटिविटी बढ़ाओ कैपेबिलिटीज बढ़ाओ ठीक है और आर्ट साइंस स्पोर्ट्स अलग-अलग जो मतलब जो एरियाज हैं उसमें बंदों को आगे बढ़ाओ तो इससे भी क्या होगा वो एक काबिल बन पाएंगे किसी चीज के तो ये पॉजिटिव वाली फ्रीडम की साइड है अब मैं आपको आपको बैकग्राउंड में नजर आ रहा होगा गांधी जी के बारे में कुछ बताऊंगा फ्रीडम के ऊपर गांधी जी ने क्या कहा था सो इन्होंने एक कांसेप्ट दिया है जिसको कहा जाता है स्वराज स्व का मतलब होता है हम खुद सेल्फ और राज का मतलब होता है रूल मींस रूल ऑफ द सेल्फ या रूल ओवर सेल्फ कोई भी बाहर का बंदा रूल नहीं करेगा हमें हम खुद अपने देश को चलाएंगे मींस ये इन्होंने स्वराज्य का कांसेप्ट दिया था ड्यूरिंग द नेशनल मूवमेंट तो उस टाइम पे हमारा देश आपको पता है ब्रिटिशर्स की कॉलोनी था और वो हमें पूरा एक्सप्लोइट कर रहे थे तो उस टाइम पर गांधी जी कहते हैं स्वराज हमें अपना राज चाहिए वापस तो ये एक इंडियन पॉ पिकल थॉट है जिसको स्वराज कहा जाता है सो इट रेफर्स टू इसका मतलब है पॉलिटिकल फ्रीडम यानी कि कांस्टीट्यूशनल डिमांड फॉर सेल्फ गवर्नेंस हम खुद खुद को गवर्न करेंगे यह इंडियन फ्रीडम स्ट्रगल के टाइम की बात है और सोशल फ्रीडम भी इसमें इंक्लूडेड है सोसाइटी में एक सभी की सेल्फ रिस्पेक्ट हो सभी को वह इज्जत मिले बराबर की और यह स्वराज्य के दो पॉइंट हैं आपको याद रखने हैं अब यहां पे और भी स्वराज के ऊपर कुछ लोगों ने बात बोली है जैसे बाल गंगाधर तिलक हैं तो फ्रीडम फाइटर हैं इन्होंने भी एक लाइन बोली थी स्वराज इज माय बर्थ राइट एंड आई शैल हैव इट स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और यह मेरे पास होना ही चाहिए ठीक है तो ऐसा इन्होंने यह कहा था और इसके अलावा महात्मा गांधी क्या सोचते थे वह भी मैं आपको बताता हूं इन हिंद स्वराज 1909 गांधी एमफसा इज गांधी जी हिंद स्वराज में लिखते हैं कि एक तो भाई हम सेल्फ रूल ओवर वनसेल्फ इसका कौन कांसेप्ट दिया इन्होंने जिसका मीनिंग था कंट्रोलिंग पर्सनल डिजायर्स एंड रियलाइक्स यानी कि आपकी जो ट्रू जो रियल आपकी जो पोटेंशियल है जो आप कर सकते हो उसको आप रियलाइफ करो एंड इसके अलावा एक सेल्फ रिस्पेक्ट सोसाइटी में सभी को मिले सभी अपने रिस्पांसिबिलिटी को समझे और जो आपकी पर्सनल ग्रोथ है उसकी कैपेसिटी डेवलप हो तो बेसिकली यह होगा तभी इंडिया आगे बढ़ पाएगा तो यह महात्मा गांधी ने अपनी बुक में लिखा था ठीक है फिर है फ्रीडम इन प्रैक्टिस अगर मैं आपको बताऊं रिड्यूजिंग अननेसेसरी सोशल कंस्ट्रेंट्स टू एक्सपेंड अपॉर्चुनिटी फॉर इंडिविजुअल एंड ग्रुप्स यानी कि आपके ऊपर बेमतलब की कोई रोक टोक नहीं होनी चाहिए ठीक है अगर ऐसे कंस्ट्रेंट्स और रिस्ट्रिक्शंस नहीं होंगे जो अननेसेसरी है तो उससे आपकी ग्रोथ होगी आपको अपॉर्चुनिटी मिलेगी आप कुछ कर पाओगे सो क्रिएटिंग अ सोसाइटी एक ऐसी सोसाइटी बने वेयर पीपल कैन अचीव देयर गोल्स जहां आपके जो भी गोल्स हैं व आप अचीव कर पाओ फ्रीली और आपको रोके ना जो भी आप एक्सप्लोर करना चाहते हो उसमें कोई इंटरफेयर ना करें अपने इंटरेस्ट के अकॉर्डिंग आपको जो करना है आप वो काम कर सकते हो सो व्हाई फ्रीडम मैटर्स आखिर फ्रीडम क्यों मैटर करती है देखो बिना फ्रीडम के तो कुछ भी नहीं होता ना आप फ्री रहोगे जभी आप अपने हिसाब से चॉइस अपनी कर पाओगे ठीक है यूज र रीजनिंग एंड जजमेंट आप कोई भी अगर टॉपिक पे आपको कुछ कहना है तो आप सोचोगे रीजनिंग करोगे आप फिर अपनी जजमेंट दोगे एंड लिव फुलफिलिंग एंड क्रिएटिव लाइव्स यानी कि आप जो है ऐसी लाइफ जियोगे जो आप जीना चाहते हो हो जो बहुत ही क्रिएटिव बहुत ही अच्छी होगी तो फ्रीडम इसलिए मैटर करती है सोर्सेस ऑफ कंस्ट्रेंट्स ऑन फ्रीडम अब अगर आपके ऊपर रिस्ट्रिक्शंस की बात करें तो वो कौन से रिस्ट्रिक्शंस हो सकते हैं जो कि आपकी फ्रीडम को रोकते हैं अब मैं कंस्ट्रेंट्स के बारे में आपको बताने जा रहा हूं ठीक है बहुत ही अच्छा टॉपिक है इसको समझते हैं सो जो आपकी रिस्ट्रिक्शंस है वो आपको बताऊं मैं इसके कितने टाइप होते हैं डोमिनेशन एंड एक्सटर्नल कंट्रोल्स यानी कि बाहरी रिस्ट्रिक्शंस क्या हो सकते हैं जो आपके रूलर हैं मान लो जैसे हमारे यहां पर ब्रिटिशर्स थे कॉलोनियल रूल था तो कोलोन जो कॉलोनियल रूल था उस टाइम पे उन्होंने अपने यहां के इंडियंस की जो भी फ्रीडम है उसको कंट्रोल कर रखा था तो एक तो यह रिस्ट्रिक्शन है सिमिलरली यही जो कॉलनी वाले लोग हैं जो अपने ब्रिटिशर्स हैं ये साउथ अफ्रीका में भी इन्होंने यही काम कर रखा था जो ब्लैक पीपल के साथ इन्होंने वो रेसिजम और वो सब राइट्स उनके छीन लेना यह क्या है एक्सटर्नल कंट्रोल है कोई दूसरा बंदा आके आपको कंट्रोल कर रहा है ठीक है अब यहां पर हमारा अगला टॉपिक है वह यह कहता है कि व्हाई डू वी नीड कांस्टेंट्स लेकिन कभी-कभी यह रिस्ट्रिक्शंस क्या जरूरी हैं क्या फुली किसी को फ्री कर देना सही है या यह कांस्टेंट्स या रिस्ट्रिक्शंस जरूरी भी हैं सो देखो कंस्ट्रेंट्स का भी अपना एक रोल है अ वर्ल्ड विदाउट एनी कंस्ट्रेंट्स वुड लेड टू केस एंड कॉन्फ्लेट अब मान लो हमारा इंडिया है यहां पे कोई कंस्ट्रेंट नहीं होंगे कोई लॉज नहीं होंगे कोई रोक टोक नहीं होगी ऐसे तो यार हर कोई अपनी मनमर्जी की करेगा मान लो ट्रफ िक रूल्स नहीं होंगे लाल बत्ती हटा दोगे हर कोई गाड़ी ठोकेगा कोई इधर घुसाए कोई उधर घुमाएगा और आप कोई पुलिस वगैरह नहीं होगी तो आप कुछ भी कर रहे हो किसी को भी मार रहे हो ये चीजें बहुत ही ज्यादा खराब हो जाएंगी अगर कंस्ट्रेंट्स नहीं होंगे सो पीपल हैव डिफरिंग आइडियाज अब हर किसी की अपने अलग आईडिया होते हैं है ना अब अगर मान लो लॉ नहीं होगा कंस्ट्रेंट्स नहीं होंगे तो इससे क्या है डिसएग्रीमेंट्स होंगे सभी लोग आपस में लड़ेंगे एक दूसरे का सर फोड़ें तो इसलिए सोसाइटी के अंदर बहुत ज्यादा जरूरी है कि कंस्ट्रेंट्स या रिस्ट्रिक्शन होनी चाहिए एग्जांपल ऑफ एवरीडे कॉन्फ्लेट अब आपके डे टू डे लाइफ में कौन से वो चीजें हैं जो कॉन्फ्लेट होते ही होते हैं मान लो ड्राइविंग कर रहे हो उस टाइम पे कोई रोड रेज हो गई आपकी ठीक है आपने देखा होगा कोई भी एकदम बहुत ज्यादा ट्रैफिक में फ्रस्ट्रेट हो जाता है या लड़ने लग जाते हैं दो लोग गाड़ी ठोक दी उसमें लड़ने लग जाते हैं या फिर पार्किंग स्पेस को लेक लड़ाई हो जाती है ओए मेरे दुकान के आगे कैसे गाड़ी लगा दी ओए मेरे यहां पे घर के आगे कैसे गाड़ी लगा दी तो ये डे टू लाइफ में हम देखते हैं ठीक है और कई लोगों को कोई फिल्म होती है जो कंट्रोवर्शियल लगती है अरे बेकार मूवी थी वो तो उसमें तो लड़कियों के लिए बहुत गलत इमेज दिखाई गई है अरे बहुत बेकार मूवी थी उसमें तो लड़के को बेकार दिखाया गया है तो हर किसी के डिसएग्रीमेंट होते हैं मूवीज को लेकर ठीक है या कोई भी इशू को लेकर है ना सो अगर कांस्टेंट्स नहीं होंगे मान लो कि अगर लॉ नहीं होगा रिस्ट्रिक्शंस नहीं होंगी तो यह कॉन्फ्लेट तो वायलेंस में बदल जाएंगे इवन लोग मारने लगेंगे एक दूसरे को तो इसलिए रिस्ट्रिक्शंस बहुत जरूरी हैं सो कंस्ट्रेंट्स क्यों जरूरी है ताकि वायलेंस ना हो ठीक है डिस्प्यूट्स पीसफुली सेटल हो जाएं और एक दूसरे की सभी रिस्पेक्ट करें को एजिस्ट करें अच्छे से साथ में रहे कोई ऐसी दिक्कत ना हो ठीक है कंस्ट्रेंट्स इन फ्री सोसाइटी अब मैं आपको बताऊं पीपल शुड रिस्पेक्ट डिफरेंसेस इन व्यूज हम सभी को सोसाइटी में जिसके भी अलग-अलग ओपिनियन है हो सकता है किसी को बीजेपी अच्छी लगती हो किसी को कांग्रेस अच्छी लगती हो किसी को कोई आम आदमी अच्छी लगती हो तो आप सभी की रिस्पेक्ट करो जो भी उसके ओपिनियन है जो उसको मानना है वो मानने दो डेवलप देयर ओन वेज ऑफ लिविंग एंड पर्स देयर चॉइस आपको जो जीना है अपने तरीके से आप जियो होल्ड डिस्कशंस विदाउट इंपोजिंग देयर व्यूज ऑन अदर्स आप अगर डिस्कशन कर रहे हो तो अपनी बातें किसी के ऊपर थोपोंग वह मानते हैं तो ठीक है नहीं मानते तो इट्स ओके ठीक है लेट इट बी उसको थोपोंग लॉज आपको इतना सिंपल सा टॉपिक दिया जा रहा है कि रूल और लॉ की जरूरत क्यों होती है कि भाई प्रिवेंट वन ग्रुप फ्रॉम कोर्सली इ इट व्यूज ऑन अनदर अगर लॉ नहीं होंगे तो जो भी डोमिनेटिंग ग्रुप होगा वह अपनी बात को सभी पर थोपे ठीक है तो लॉ होना बहुत जरूरी है प्रोटेक्ट इंडिविजुअल्स फ्रॉम बुलिंग और हरेसमेंट अब अगर लॉज नहीं होंगे तो कोई किसी को बुली कर देगा कोई किसी को हरस कर देगा तो इसलिए लॉज बहुत जरूरी है इंश्योर फ्रीडम फॉर ऑल थ्रू लीगल एंड पॉलिटिकल सिस्टम और रूल्स और लॉज होंगे तो सभी को फ्रीडम मिलेगी ठीक है लीगल तरीके से फिर है नेताजी सुभाष चंद्र बोस ऑन फ्रीडम अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस फ्रीडम पे क्या कहते हैं देखिए वो कहते हैं फ्रीडम का मतलब है पॉलिटिकल फ्रीडम जहां पे सभी को मतलब पॉलिटिकल फ्रीडम मिले और कोई पॉलिटिकल ऑपरेशन ना हो कोई नेता आपको तंग ना करे सोशल फ्रीडम यानी कि कास्ट बैरियर्स जो होते हैं कास्ट सिस्टम वो खत्म हो जाए कम्युनलिज्म ना हो ठीक है सोसाइटी में इंजस्टिस ना हो इकोनॉमिक फ्रीडम यानी कि सभी को इक्वल वेल्थ हो सभी के पास कोई ज्यादा अमीर कोई ज्यादा गरीब ना हो तो नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ये तीन अ आप कह सकते हो आईडियाज थे अब हमारा नेक्स्ट टॉपिक है व्हाट इज द हार्म प्रिंसिपल हार्म प्रिंसिपल का मतलब क्या है फ्रीडम जभी भी आप पढ़ोगे इसको लिबर्टी भी कहते हैं याद रखना तो इसमें जॉन स्टुअर्ट मिल का नाम जरूर आता है जॉन स्टुअर्ट मिल ने ऑन लिबर्टी ठीक है उसके ऊपर अपना एसे लिखा था और वो कहते हैं इट स्टेट्स दैट द ओनली रीजन फॉर इंटरफेयरिंग विथ समवनस फ्रीडम इज सेल्फ प्रोटेक्शन यानी कि कभी-कभी हमें किसी की फ्रीडम में इंटरफेयर करना पड़ जाता है मजबूरन अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट के लिए अपने सेल्फ प्रोटेक्शन के लिए अब भाई सामने वाला डंडे से आपको मारने आ रहा है कहेगा मेरी तो फ्रीडम है भाई मैं तो मारूंगा तो भाई आप उसको रोकोगे नहीं क्या रोकना पड़ेगा ठीक है क्योंकि आप सेल्फ प्रोटेक्शन में इंटरफेयर कर रहे हो उसके आप फ्रीडम में ठीक है सो यहां पे जेस मिल ने कहा था द ओनली पर्पस फॉर व्हिच पावर कैन बी राइट फुली एक्सरसाइज्ड ओवर एनी मेंबर ऑफ अ सिविलाइज्ड कम्युनिटी अगेंस्ट हिज विल इज टू प्रिवेंट हार्म टू अदर्स यानी कि अगर कोई भी पावर है जो इंटरफेयर कर रही है आपकी फ्रीडम में वह इसीलिए है कि दूसरों को नुकसान ना पहुंचे उससे ठीक है तो यह आप समझ लीजिएगा फिर है यहां पे है टू टाइप ऑफ एक्शंस ठीक है सेल्फ रिगार्डिंग एक्शंस यानी कि यह ऐसी आपके काम है ऐसे एक्शन हैं जो केवल और केवल अफेक्ट करेंगे आपको ही फॉर एग्जांपल आपको क्या खाना है क्या पहनना है अपने खाली टाइम में क्या करना है यह काम ऐसे हैं जो सिर्फ और सिर्फ आपको अफेक्ट करेंगे इससे दूसरे को कोई फर्क नहीं पड़ेगा और ऐसे में स्टेट का क्या रोल है द स्टेट और एक्सटर्नल अथॉरिटी शुड नॉट इंटरफेयर अब आपको क्या पहनना है क्या खाना है क्या करना है इसमें स्टेट या अथॉरिटी इंटरफेयर नहीं करेगा बिल्कुल भी लेकिन कुछ एक्शंस ऐसे होते हैं जिनसे आप दूसरों को अफेक्ट करते हो जिसको हम अदर रिगार्डिंग एक्शंस कहते हैं सो ऐसे में है ड्राइविंग रेकलेट ऑन द रोड आप फुल स्पीड में 100 प्लस की स्पीड में भगा रहे हो किसी को ठोक रहे हो तो यह तो क्या है ना दूसरों को भी तो इस से अफेक्ट हो रहे हैं वो लोग तो ऐसे में स्टेट को इंटरफेयर करना चाहिए ताकि दूसरों को नुकसान ना पहुंचे यही हमारा हार्म का प्रिंसिपल है यानी कि जो जेएस मिल ने बताया है कि थोड़ा बहुत इंटरफेयर तो करना पड़ेगा फिर है एप्लीकेशन ऑफ दी हार्म प्रिंसिपल सो फ्रीडम इज एसेंशियल फॉर अ डिग्निफाइड लाइफ यानी कि फ्रीडम तो बहुत जरूरी है लेकिन कहीं ना कहीं फ्रीडम कंस्ट्रेंड होनी चाहिए फ्रीडम के ऊपर कुछ रिस्ट्रिक्शंस होने चाहिए ताकि सीरियस नुकसान ना हो किसी को और एक्शंस नेगेटिवली इंपैक्ट द राइट्स र वेल बीइंग ऑफ अदर्स क्योंकि आप गलत एक्शन लोगे तो सीधा-सीधा किसी के भी जीवन के ऊपर गलत असर पड़ सकता है उसका फिर है सीरियस हार्म वर्सेस माइनर हार्म कुछ ऐसा नुकसान है जो बहुत सीरियस होता है कुछ ऐसा हार्म है जो बहुत ही ज्यादा नॉर्मल होता है जैसे कि मान लो अ अ स्टेट को बहुत ज्यादा इंटरफेयर करना पड़ता है अगर कोई फिजिकल वायलेंस हो रही है आपने किसी को मारपीट कर दी किसी का सामान चुरा लिया यह सीरियस नुकसान है लेकिन कुछ माइनर हार्म भी होता है जहां पे अ ज्यादा अथॉरिटीज इंटरफेयर नहीं करती जैसे कोई लाउड म्यूजिक चला रहा है अपनी अपार्टमेंट की बिल्डिंग में तो भाई आस पड़ोस वाले भी आके कहेंगे तो वो मान लेगा उसमें इतना स्टेट को इंटरफेयर करने की जरूरत नहीं पड़ती है तो ये भी नुकसान बट थोड़ा माइनर है ठीक है तो ये माइनर और सीरियस हाम समझ लेना नेगेटिव एंड पॉजिटिव लिबर्टी ये हमारा अगला टॉपिक है तो नेगेटिव और पॉजिटिव लिबर्टी को समझते हैं आखिर क्या है जैसे कि नेगेटिव लिबर्टी का मीनिंग अभी तक तो आप समझ गए होंगे कि आपके ऊपर कोई एक्सटर्नल इंटरफेयर है ही नहीं कोई कर नहीं रहा आपके ऊपर आप मतलब ऐसे लाइफ में जी रहे हो ऐसा आपको वो मिला हुआ है कि ना गवर्नमेंट ना सोसाइटी आप अपने मन से सब करोगे फॉर एग्जांपल चूज व्हाट टू वियर क्या पहनना है आपको करियर में क्या करना है फ्री टाइम में क्या करना है कोई आपको इंटरफेयर नहीं करेगा यह नेगेटिव लिबर्टी है आपकी ठीक है लेकिन पॉजिटिव लिबर्टी क्या है आपको फ्रीडम मिले ताकि आप ग्रो कर पाओ जैसे कि आपको पता है एससी एसटी कम्युनिटीज के साथ बहुत ज्यादा गलत होता था पहले तो अब जब उनको फ्री फ्रीडम मिली है तो वह अपने आप को ग्रो कर पाएं ठीक है तो वह भी एक उनके लिए फ्रीडम है पॉजिटिव वे में सो इट्स नॉट जस्ट अबाउट बीइंग फ्री फ्रॉम कंट्रोल फ्रीडम का मीनिंग है आपको वो अपॉर्चुनिटी भी तो मिलनी चाहिए ना जिससे कि आप आगे बढ़ पाओ तो उसके बाद है एग्जांपल आपको अच्छी एजुकेशन मिले जिससे आप लाइफ में आगे बढ़ो हैविंग एक्सेस टू जॉब्स आपको जॉब मिले ठीक है जिससे आपके पास रिसोर्सेस आएंगे आप अपने गोल्स फुलफिल कर पाओगे और इसके अलावा जो डिसीजन मेकिंग जितने भी प्रोसेस होते हैं उसमें आप पार्टिसिपेट करो चाहे वह वोटिंग हो चाहे वह डिस्कशन करना हो किसी भी चीज को लेकर ठीक है अब मैं आपको डिफरेंस बता देता हूं छोटा सा नेगेटिव लिबर्टी यह कहती है कि कोई इंटरफेयर नहीं करेगा आप अकेले हो जो मर्जी करो पॉजिटिव लिबर्टी यह कहती है कि इंटरफेरेंस होगा आपको एंपावर करने के लिए आपकी भलाई के लिए आपको सपोर्ट करने के लिए आपको अपॉर्चुनिटी देने के लिए ताकि आप ग्रो कर पाओ ठीक है अब हमारा नेक्स्ट टॉपिक है यहां पे फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का क्या मतलब है आइए समझते हैं यानी कि आपको पता है आपके इंडियन कांस्टिट्यूशन में भी आपके पास राइट है कि आप अपनी बातों को रख सकते हो सो इट मींस यू कैन एक्सप्रेस योर थॉट्स ओपिनियन और आइडियाज लोगों को आप बता सकते हो कोई डर नहीं है कोई आपको रोकेगा नहीं लेकिन ये नेगेटिव लिबर्टी का बेसिक पार्ट हो सकता है क्योंकि इसका गलत यूज करके आप हेट स्पीच दे सकते हो किसी को भड़का सकते हो दंगे भड़का सकते हो तो ऐसे में फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन कभी-कभी खतरनाक भी हो सकती है लेकिन जॉन स्टुअर्ट मिल कहते हैं कि फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन इंपॉर्टेंट है ठीक है क्योंकि आप किसी को बोलने ही नहीं दोगे तो हमें पता नहीं चलेगा ना सोसाइटी में क्या चल रहा है तो व्हाट इवन फॉल्स आइडियाज हैव सम ट्रुथ यानी कि जो आपकी नजर में गलत है उसमें भी कभी-कभी सच्चाई हो सकती है क्योंकि कभी-कभी हमें लगता है अरे इसको क्या सुनना यह तो ऐसे ही है लेकिन उसमें भी कुछ इंपॉर्टेंट छुपा हो सकता है अगर आप उसको बैन कर दोगे उस बंदे को बोलने नहीं दोगे तो आपको हो सकता है वो ट्रुथ आपको ना पता चल सके सो ट्रुथ कम्स फ्रॉम डिबेट जब डिबेट होगी सभी लोग बोलेंगे अपनी बात रखेंगे तो सच्चाई सामने आती है तो फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन बहुत जरूरी है और डिबेट्स आप करते रहोगे आपको चैलेंज मिलते रहेंगे तो लाइफ में आप नई चीजें सीखो आप अपने आइडियाज को फ्रेश रख पाओगे ठीक है वरना तो बोरिंग लाइफ चलेगी आपसे कोई कुछ पूछ ही नहीं रहा है ठीक है डिबेट बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है सो आइडियाज मे चेंज ओवर टाइम क्योंकि हो सकता है कल आपने जो परसों सुना हो आज वो कुछ अपडेट हो गया हो डिबेट करोगे तो वो नई नॉलेज आपको मिलेगी आप आइडियाज को ही सप्रे कर दोगे तो वो तो आवाज ही नहीं निकलेगी नाना किसी की तो आपको इंपॉर्टेंट नॉलेज मिल ही नहीं पाएगी तो इस तरीके से है व्हाई कंस्ट्रेंट्स आर नीडेड व्हाई कांट वी हैव अनलिमिटेड फ्रीडम क्यों ऐसा होता है कि आपके ऊपर कुछ रिस्ट्रिक्शंस कुछ लॉज होते हैं अनलिमिटेड फ्रीडम क्यों नहीं होती क्योंकि इफ एवरीवन डिड व्हाट एवर दे वांटेड अगर हर कोई अपनी मन मर्जी करेगा तो सोसाइटी में तो पंगा हो जाएगा और कॉन्फ्लेट्स होंगे कोई कहेगा यह सारी मेरी जमीन है मैं पावरफुल हूं कोई कहेगा मैं तो यह करूंगा वो करूंगा पार्किंग स्पेस को लेकर लड़ाई झगड़े होने लगेंगे ठीक है और वायलेंट फिल्में दिखाई जाएंगी बोलेंगे कि नहीं भाई हमारी मर्जी हम कुछ भी करें सो जो यह रिस्ट्रिक्शंस हैं यह कब एक्सेप्टेबल हैं भाई जब कोई किसी को सीरियस नुकसान पहुंचा रहा है उस टाइम पे वायलेंस रोकने के लिए कुछ रिस्ट्रिक्शंस जरूरी हैं और अगर एक अच्छी सोसाइटी बनानी है जहां पर पीस हो जहां पे एक फेयरनेस हो तो वहां पर भी कुछ कांस्टेंट्स कुछ रिस्ट्रिक्शंस बहुत ज्यादा जरूरी होते हैं और फ्रीडम और रिस्पांसिबिलिटी में बैलेंस बना रहे इसलिए भी रिस्ट्रिक्शंस जरूरी हैं क्योंकि रिस्ट्रिक्शंस होंगे तो लोग अपनी रिस्पांसिबिलिटीज समझेंगे फ्रीडम का मतलब यह नहीं होता आपके अंदर जो मन कर रहा है आप वो करोगे ऐसा नहीं है आपको पता होना चाहिए आप जो एक्शन कर रहे हो उससे दूसरे कैसे इफेक्ट हो सकते हैं सो इफ यू हैव द फ्रीडम टू ड्राइव अगर आपको आजादी है गाड़ी चलाने की तो आपके ऊपर एक रिस्पांसिबिलिटी भी है कि आपको ट्रैफिक रूल्स फॉलो करने हैं ताकि कोई एक्सीडेंट ना हो ठीक है तो यह बैलेंस बनाना जरूरी है और सोसाइटी और स्टेट को क्या करना चाहिए कि भाई इंडिविजुअल्स की जो फ्रीडम है उसकी रिस्पेक्ट करनी चाहिए उसको प्रोटेक्ट करने चाहिए जो भी गवर्नमेंट्स होती हैं गवर्नमेंट को एजुकेशन और जॉब की अपॉर्चुनिटी देनी चाहिए ठीक है और इसके अलावा गवर्नमेंट को तभी इंटरवेनर चाहिए जब कोई सीरियस नुकसान किसी को हो सकता है किसी की फ्रीडम से अदर वाइज गवर्नमेंट को इंटरफेयर नहीं करना चाहिए तो इसी के साथ हमारा ये चैप्टर फिनिश होता है अगर आपको वीडियो अच्छी लगी है तो आप फीडबैक लिख देना वीडियो को शेयर करना और वीडियो को लाइक करें जय हिंद जय भारत मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में