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बसंतपुर गाँव की कहानी
Jun 30, 2024
बसंतपुर गाँव की कहानी
पात्र और स्थान
लता और घनश्याम
: पति-पत्नी जो अपने बच्चों पिंकी और चीकू के साथ बसंतपुर के छोटे से घर में रहते थे।
पिंकी और चीकू
: लता और घनश्याम के बच्चे।
सेठ धनीराम
: घनश्याम के मालिक, जिनके खेतों में घनश्याम मजदूरी करता था।
हेमलता
: एक बँगले की मालकिन, जिसके यहाँ लता खाना बनाने और साफ-सफाई का काम करती थी।
रामचंद्र
: हेमलता के पति।
टीना और शिवम
: हेमलता और रामचंद्र के बच्चे।
रमेश
: पकौड़े की दुकान का मालिक, जिसके यहाँ बाद में लता काम करने लगती है।
कहानी का सारांश
गाँव की परिस्थितियाँ
गाँव में गर्मी का प्रकोप, तापमान 40 डिग्री से अधिक हो गया था।
लोग गर्मी से बेहाल, दिन और रात सबसे बुरा हाल था।
लता और घनश्याम का संघर्ष
घनश्याम और लता कठिन मेहनत करके अपने परिवार की देखभाल करते थे।
लता हेमलता के बँगले में काम करती थी, और घनश्याम सेठ धनीराम के यहाँ मजदूरी करता था।
शिवम की बर्थडे पार्टी
हेमलता के यहाँ शिवम की बर्थडे पार्टी थी और लता को काम तेजी से खत्म करने के लिए कहा गया था।
लता को पार्टी में अपने बच्चों के साथ बुलाया गया था।
पिंकी और चीकू पार्टी में एसी की ठंडी हवा का आनंद लेते हैं और ऐश आराम को महसूस करते हैं।
पार्टी के बाद की नाराजगी
पिंकी और चीकू को शिवम के कमरे में सोते देख टीना और हेमलता गुस्सा हो जाती हैं।
हेमलता लता और उसके बच्चों को घर से निकाल देती है और उसे नौकरी से भी निकाल देती है।
नई नौकरी की तलाश
लता बेरोजगार हो जाती है और खाने के भी लाले पड़ जाते हैं।
एक पोस्टर देख कर लता को पकौड़े बनाने की नौकरी मिलती है।
पकौड़े की दुकान पर लता का काम करना और उसकी मदद से दुकान की बिक्री बढ़ने लगती है।
एसी की चाहत और खरीदारी
लता पकौड़े की दुकान से कमाई करके पुर्जेवार सामान खरीदती है और आखिरकार एक सेकंड हैंड एसी खरीद लेती है।
एसी घर में लगने से बच्चों की खुशी चरम पर होती है।
सुखद जीवन की शुरुआत
लता और घनश्याम मिलकर पकौड़े की दुकान पर काम करते हैं और अच्छी कमाई करते हैं।
घर का खर्च आसानी से चलने लगता है और बच्चे पूरे गर्मी का मजा एसी की ठंडी हवा में लेते हैं।
इसी तरह, वे खुशी-खुशी अपना जीवन व्यतीत करने लगते हैं।
[संगीत]
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