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Royal Enfield's Revival and Success

और सिधारतलाल जो रॉयल एंडफिल्ड के सीएओ थे उन्होंने ये सौ साल पुरानी ब्रांक जो अलमोस्ट मर गई थी खतम होने वाली थी पर इसे उठाया और एक राइजिंग स्टार बनाया मेरे नाम जितेश मनवानी है मैं एक बिजनिस कोच हूँ और आज हम बात करेंगे रॉयल एंडफिल्ड की जर्नी के बारे में उगते सूरज को तो सब सलाम करते हैं पर अंधेरे में Royal Enfield के CEO सिधातलाल ने क्या किया उसके बारे में आज बात करेंगे उसकी सक्सेस के बारे में हम सब जानते हैं Royal Enfield के बारे में बट क्या किया उनने कि जिस तरीके से उन्होंने अपनी कंपनी उठाई लॉसिस से भरी हुई और हारले जैसी ब्रैंड को तक्कर दी और उनसे ज्यादा टर्न ओवर पूरे वर्ल्ड में किया अगर आप इंडिया में खुद का ब्रांड बनाना चाहते हैं तो इन वीडियो आखिर तक देखेगा क्योंकि मैं बताने वाला हूँ सिधारतलाल जो रॉयल एंडफील के सीएओ थे उन्होंने ये सौ साल पुरानी ब्रांड जो अलमोस्ट मर गई थी खतम होने वाली थी पर profitable company percentage wise बन गई इन automobile sector सिधात लाल को इस business के साथ कुछ चीजे तोफे में मिली थी पहली employee culture जो बहुत ही strong था दूसरा छोटा पर loyal customer base और तीसरा आईशर से पैसा ये सब की वज़े से सिधात लाल ने आजकल की start up की तरह सस्ते में माल नहीं बेचा भाई को सस्ता कर दो बेच दो नहीं उन्होंने हमेशा premium पे target किया, feel good of the customer पे target किया और उसके बाद Royal Enfield को premium में बेचा. सस्ते से याद आया, Jio भी तो एक startup ही थी, उनसे Mukesh Ambani से क्या learnings ले सकते हैं, वो जानने के लिए इधर अभी click करिये. एक वीडियो है, जो हमने Mukesh Ambani की business learnings में बनाया है और link description में भी हमने दे दी हैं. सिधातलाल का मानना है कि एक strong balance sheet company का बहुत बड़ा confidence होती है और वो strong balance sheet जब ही हो सकती है जब उस पे कोई loan ना हो और कोई भी brand दोस्तों loan लेके कभी नहीं बनानी चाहिए चलिए अब जानते हैं सिधातलाल से एक entrepreneur क्या सीख सकता है learning number one don't try to change consumer change according to consumer सिधातलाल जो खुद एक एक पैशनेट राइडर एंजीनर है उन्होंने अपनी बाइक उठाई और निकल गए इंडिया की राइड पर और पता करा कि कस्टूमर क्या एक्सपेक्ट कर रहा है कंपनी क्या जरूरत है चेंज करनी की बाइक में क्या जरूरत है चेंज करनी की ये सब उन्होंने पता किया वो कहते हैं इंडिया में research and development पे बहुत कम ध्यान दिया जाता है, underestimate किया जाता है पर research and development का first objective होता है consumer के behavior को समझना और इसके हिसाब से खुद को बदलना और research and development पे invest किया एक एक पैसा 10 से 100 गुना तक return देता है इस research से सदातलाल को पता चला कि Royal Enfield दो चीजों से बहुत बदनाम है पहला जो उनका gear shift था वो right hand side था, right leg की तरफ था और दूसरा उनका जो only kick start था जो इतनी जोर से bounce back करता था कि आपका पैर तोड़ सकता था वो rebound तो सिधात लाल ने ये दोनों पे काम किया customer को बदलने की कोशिश नहीं करी बलकि खुद को बदल दिया खुद की bike को बदल दिया लेफ्ट में gear shift ले आए और self start ले आए कई लोगों को लगेगा कि Royal Enfield की तो uniqueness थी ये right gear shift और only kick start but actually यह uniqueness actually problem create कर रही थी royal enfield के लिए और हमें यही देखना है हमको customer को change करने कोशिश नहीं करनी but actually खुद को बदलना है customer के according सिदातलाल से learning number 2 change the perception of people मतलब लोगों को बदलिये देखिए मैं just उल्टी बात कर रहा हूँ अगर आपको लगेगा पहले मैं बोल रहा था लोगों के हिसाब से बदलिये अब मैं कहा रहा हूँ कि खुद को मत बदलिये लोगों को बदलिये जी हाँ कुछ चीजों में आपको perception बदलना पड़ता है लोगों का एक perception था कि जो भारी bikes होती है वो शौकिया होती है या touring के लिए होती है, daily use के लिए कोई काम नहीं होता ये भारी bikes का पर सिधातलाल कोई समझ में आ गया कि ये perception तो boss change करना ही पड़ेगा नहीं तो क्या होगा, growth नहीं होगी company की और वही उनने किया और वो काम्याब रहे, successful रहे अपने ads और अपने interview से लोगों का perception change करने में 2005 के आसपास 100 150 CCs का बहुत strong market था Bajaj और Hero Honda बहुत speed में grow हो रहे थे Siddharth Lal के पास option था कि वो 100-150 CCs बाइक्स बनाने लगे पर सिधातलाल ने बिलकुल नहीं किया क्योंकि सिधातलाल की values, Royal Enfield की value थी कि वो छोटी बाइक बिलकुल नहीं बनाएंगे जब जब आपकी values पे बात आए तब तब आपको नहीं बदलना है आपको लोगों का perception बदलना है पर अगर आपकी values पे बात नहीं है तो आपकी ego पे बात आ रही है अब आपको बदलना है जैसे मैंने पहले point में बताया और लोगों को नहीं बदलना है हमारी company जितेश मनवानी Academy of Change का भी एक value है वो ये कि अगर आप से बहतर किसी को आता है तो उससे सीख लो इसलिए हम भी बहुत सारी trainings attend करते हैं और at the same time लोगों को train भी करते हैं क्योंकि हम ये मानते हैं बढ़ेगा business जब बदले की सोच get a business coach पर हम इस पे अड़े हैं क्योंकि ये हमारी value है जैसे Royal Enfield की value थी एवियर बाइक और वह उस पर अड़े रहे और लोगों का परसेप्शन बदल दिया तो सिधातलाल लोगों का परसेप्शन बदला कैसे पहली बात ब्रांड बिल्डिंग में जो सबसे पहले आपको ध्यान देना है वो यह एक ब्रांड का एक चेहरा होना चाहिए इसलि� एक brand ambassador बन गए, Royal Enfield के, हर ज़रा interview देने लग गए, देखिए सिधातलाल इस interview में, आप किस तरीके से बात कर रहे हैं, Royal Enfield के बारे में, क्योंकि दूसरी बात वो यह है, कि पहला तो चेहरा होना चाहिए, और दूसरा, आप जिस तरीके से बात करते हैं, अपने product के बारे में, उससे decide होता है, कि वो मातर एक product है, या एक brand है, इन लाइनों में, कितरे pride से, अपनी bride के बारे में बात कर रहे हैं, पुटी एल्स आफ सीम्स टू बी नाउ लुकिंग मच मोर अग्रेसिवली एप देटू फिट्स फी फिटी एन इवेन फॉर हंडर इस पेस आई नॉट जस्ट डिमेस्टिक का कंपनी बट ऑल सब्सक्राइब बट देट्स आफ कंडिंग शरीर ने मीन इन द सेंस वेन एवरीबडी वस फोकस अनुख एड वन फिटी वीवर अब रॉयल एंड फील्ड के सीओ नहीं है क्योंकि अब वह ले आए हैं विनोद दसारी जी को जो अशोक लिलिंड से आये हैं और अब वो day to day activities विनोद जी देख रहे हैं क्योंकि सिधाज जानते हैं कि अगर brand building करनी है तो उन्हें free होना पड़ेगा day to day activities से और ध्यान देना पड़ेगा ब्रांड बिल्डिंग एक्टिविटीज में, सेम उनके फादर विक्रम लाल जी ने 20 साल पहले आईशर के साथ किया था, जब वो मार्केटिंग पर ज़्यादा फोकस करने लगे थे, तो वो एक CEO ले आये थे, जो उनका Day to Day Execution and Operations देखता था, हम भी अपने Business Growth Program में यही बताते R&D और लास्ट में आता है management ये सब में सबसे पहले था आपने देखा होगा वो है marketing अगर marketing होगी नहीं तो sales किसको होगी अगर customer देहलीस पे चड़ेगा ही नहीं तो आप बेचोगे किसको marketing नहीं होगी तो sales भी नहीं होगी और हर एक entrepreneur को marketing पे बहुत ज़्यादा ध्यान देना चाहिए इंडिया में इसकी बहुत बड़ी एक problem है और ये opportunity भी है जो entrepreneur marketing पे सबसे ज़्यादा ध्यान देगा अपना समय उस चीज़ पर डालेगा, उसे definitely result मिलेगा ही मिलेगा Royal Enfield के बारे में लोगों को एक और perception था, क्योंकि Royal Enfield को Royal Enfield नहीं बोलते थे बोलते थे bullet और bullet किसके लिए होती थी, दूदवाले के लिए, फोजी के लिए, ठाकूर के लिए, इन सब लोगों के लिए हुआ करती थी तो perception bullet वाला था, ये perception Royal Enfield ने बदला अपने leave home campaign से थंडर बर्ड जब उनकी बाइक आई थी तो एक डूट टाइप का लड़का आड में रहता है और वो कॉलेज अपनी बाइक से जाता है थंडर बर्ड से और वहाँ पे योग खूब इंजॉय करता है गरल्स के साथ घूमता है इस कैम्पेइन में लीव होन कैम्पेइन ने र� लोगों का perception change करने में बार-बार successful हुआ जैसे Royal Enfield एक bike लाया था classic 500 वो bike single seater bike थी और उसी समय Royal Enfield लाया था selfism campaign ये selfism मतलब वो solo biking को promote कर रहा था और वहाँ से solo biking promote हुई बन्दा अकेला right पर जाता है और ये single seater bike भी अच्छे से promote हो गई जब-जब आप लोगों का बार-बार perception change करते हैं तब आपको मौका मिलता है लोगों को अपसेल करने का अपना बहतर प्रोडक्ट बहतर प्रोडक्ट Royal Enfield अब लाया है Continental GT और Interceptor के साथ जो 2.5-3 लाख रुपे की ब्राइंड बाइक्स हैं पहले लाख में बेचना मुश्किल होता है पर अब वो 2.5-3 लाख की बाइक्स बेचेगा कमपेर्ट टू BMW और कमपेर्ट टू Harley Davidson सिधातलाल सिन लर्निंग नमबर 3 आपने कच्छुए और खरगोश की कहानी तो सुनी होगी और कच्छुए जाना जाता है स्लो बट कंसिस्टेंट एफ़ोर्ट के लिए ये सिधातलाल लाई थे रेंडियर स्ट्राटेजी को चलांग क्योंकि 1990 में जब मदरास मोटर्स से रॉयल एंड फिल्ड विक्रमलाल ने खरीदी थी तो 1990 से 2000 तक ये चल रहा था कच्छुए की चाल और फिर इन्होंने गेर चेंज किया और फिर सिधातलाल ने 2000 में कमान समाली और फिर 2010 तक ये गए रेंडियर स्ट्राटेजी पे अपने antillers, अपने सिंग घिसता रहता है पेड़ के सामने और उससे sharpen करता रहता है लड़ाई के लिए अपने fundamentals, अपने सिंग को sharpen करता रहता है वैसे ही सिधार्ट लाल ने अपने Royal Enfield के reindeer के antillers जैसे, मतलब जो उसके fundamentals है, उससे इतना strong किया कि 2010 के बाद Royal Enfield ने 40% growth per annum clock किया सिधार्ट ने आईशर का tractor division टाफे को बेज दिया और footwear और garment से भी बाहर आ गए पर उन्होंने अपना पूरा focus किया trucks पे, Aisha trucks और Royal Enfield पे इन दोनों पे पूरा focus किया और यह कहते हैं, सिधातलाल कहते हैं कि less is more तो चलिए जानते हैं सिधातलाल ने कौन से fundamentals पे काम किया जिस वज़े से वो यह brand बन पाए, पहला fundamental जो automobile industry का है और वो है distribution, Royal Enfield के लिए पहले 6-6 महीने की waiting हुआ कर दी थी अब वो एक या दो महीने की waiting पे ले आए तो distribution पे network पे काम किया उन्होंने दूसरा उनने काम किया resale value जिसे also कहते है residual value resale value Royal Enfield की हमेशा से बहुत अच्छी रही है क्योंकि उसका feel good पे ध्यान रहा है सस्ता करने में ध्यान नहीं गया है तीसरी चीज जो Royal Enfield ने काम किया automobile industry का fundamental है और वो है beautiful community building दो पलसर चलाने वाले एक दूसरे की बीच में कोई connectivity महसूस नहीं करते पर दो Royal Enfield चलाने वाले एक दूसरे को community समझते हैं और rides पे भी जाते हैं और चौथा fundamental automobile industry का है और वो है after market मतलब after buying the bike लोगों को कैसी service मिलती है उनके service centers पे ये चारों पे उन्होंने जबरदस्त काम किया दस साल तक काम किया antelair थे ये चार sing थे उनके और आखिर में वो एक brand बन पाए और Royal Enfield को premium में बेच रहा है अगर आपको ये पूरी case study का एक one page downloadable PDF चाहिए तो नीचे link पे click करें description में और वहाँ से download कर लीजे quickly revise कर लेते हैं हमारी सारी learnings के बारे में पहली क्या थी learning from Siddharth Lal Royal Enfield पहली क्या थी सोच के बताए ये don't से start था don't don't don't क्या था Royal Enfield से पहली learning थी don't try to change the consumer पर चेंज अपॉर्डिंग टू कंजीमर जो ने अपनी गेयर शिफ्ट कर लिए थे और बाइक में सेल्फ स्टार्ट ले आए थे यू नो आल थे दूसरी क्या थी दूसरी लर्� चेंज द परसेप्शन ओफ पीपल जिस ओपोसिट थी आ पहले वाले से आपको लग सकता है कि पहली वाली से बिल्कुल ओपोसिट है पर ध्यान से देखेंगे तो अलग थी क्योंकि यहाँ पे उन्होंने परसेप्शन चेंज किया वो बुलट से रॉयल एंड फील्ड पे ले और आप consistent भी रहेंगे और long term में भी रहेंगे तो मतलब आपको rabbit का भी फाइदा मिलेगा और tortoise का भी फाइदा मिलेगा अगर आपको ये वीडियो अच्छा लगा तो हम बहुत जल्दी आपकी मदद करने आ रहे हैं अपने online courses के साथ क्योंकि all over India हमारे videos देखे जाते हैं तो link description में है ये courses आपकी मदद करेंगे ये business coaching courses है मैं इतने साल लोगों को train 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