वेव ऑप्टिक्स - लेक्चर 2 नोट्स
आज का विषय
- महत्वपूर्ण विषय: लॉज ऑफ़ रिफलेक्शन और रिफ्रैक्शन का प्रूफ
- हाइगेंस प्रिन्सिपल का उपयोग किया जाएगा।
हाइगेंस प्रिंसिपल के मुख्य बिंदु
- वेवफ्रंट का निर्माण:
- वेवफ्रंट हमेशा लाइट रेज़ के परपेंडिकुलर होता है।
- एक वेवफ्रंट पर सभी बिंदुओं को सेकेंडरी सोर्स माना जाता है।
- वेवलेट्स का निर्माण:
- एक नए वेवफ्रंट का निर्माण करने के लिए, सभी सेकेंडरी सोर्स से निकलने वाली वेवलेट्स की स्पीड लाइट की स्पीड के समान होती है।
- यदि t समय में नई वेवफ्रंट बनानी है, तो वेवलेट्स t समय में वीटी दूरी तय करेगी।
लॉज ऑफ़ रिफ्लेक्शन का प्रूफ
- रिफ्लेक्टिंग सरफेस पर जब दो समानांतर रेज़ आती हैं:
- इनसीडेंट वेवफ्रंट (AB): रेज़ के परपेंडिकुलर।
- नया वेवफ्रंट (CD): रिफ्लेक्टेड वेवफ्रंट।
- नॉर्मल: इनसीडेंट रेज़ और रिफ्लेक्टेड रेज़ के बीच का कोण।
- एंग्ल ऑफ़ इनसीडेंस = एंग्ल ऑफ़ रिफ्लेक्शन।
प्रूफ के चरण
- एबी और सीडी के लिए ट्राइएंगल्स बनाने से दोनों के एंगल्स समान होते हैं।
- ट्राइएंगल की साइड्स और एंगल्स के आधार पर यह साबित होता है कि एंग्ल ऑफ़ इनसीडेंस = एंग्ल ऑफ़ रिफ्लेक्शन।
लॉज ऑफ़ रिफ्रैक्शन का प्रूफ
- साइन आई / साइन आर का अनुपात एक नियतांक होता है।
- दो मीडियम के बीच से होकर गुजरते समय स्पीड बदलती है।
- रेज़ की स्पीड:
- वी1 (पहले मीडियम में)
- वी2 (दूसरे मीडियम में)
प्रूफ के चरण
- इनसीडेंट वेवफ्रंट और रिफ्रेक्टेड वेवफ्रंट के बीच सामान्य टेंडेंट खीचें।
- एंग्ल ऑफ़ इनसीडेंस और एंग्ल ऑफ़ रिफ्रैक्शन के बीच संबंध स्थापित करें।
निष्कर्ष
- दोनों लॉज प्रूफ हो गए हैं।
- इन्हें अच्छे से नोट करें और रिवाइस करें।
- हाइगेंस प्रिंसिपल को समझकर दोनों प्रूफ का अभ्यास करें।
आगे की तैयारी
- पिछले वीडियो में दी गई जानकारी का पुनरावलोकन करें।
- वीडियो में दर्शाए गए सभी बिंदुओं को नोट कर लें।
- सभी लॉज को ध्यानपूर्वक समझें।
इन नोट्स का उपयोग परीक्षा की तैयारी में करें।