Coconote
AI notes
AI voice & video notes
Try for free
एयर पलूशन की स्थिति और समाधान
Nov 24, 2024
एर पलूशन और हमारे देश की स्थिति
समस्या की गंभीरता
टेररिस्ट ग्रुप
: एक कथित "टेररिस्ट ग्रुप" यानी एयर पलूशन हर साल 20,00,000 भारतीयों की जान ले रहा है।
जीवन के वर्ष
: बचे हुए लोगों की जिंदगी के 3.5 साल छीन लेते हैं।
राजनीतिक और सामाजिक उदासीनता
: न पॉलिटिशन्स और न ही देशवासी चिंतित हैं क्योंकि दुश्मन कोई धर्म विशेष नहीं है और हथियार एयर पलूशन है।
दिल्ली और अन्य शहरों की स्थिति
AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) कुछ शहरों में 800 से भी ज़्यादा है।
सरकारी रणनीति
: 2020 में बायो डीकंपोजर लॉन्च किया लेकिन एडवर्टाइजिंग पर अधिक खर्च किया गया।
एग्रा में सुधार
: एयर क्वालिटी को स्प्रिंकलर्स के जरिए सुधारने का प्रयास।
स्टबल बर्निंग
मुख्य कारण
: स्टबल बर्निंग से उत्तर भारत के कई इलाके प्रभावित होते हैं।
सरकारी कानून
: पंजाब में 15 जून के बाद ही धान की खेती की अनुमति है।
एयर पलूशन के कारण
पार्टिकुलेट मैटर (PM)
: PM 2.5 और PM 10 सबसे अधिक हानिकारक होते हैं।
WHO मानक
: 15 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से कम की सलाह देता है। भारत का मानक 60 माइक्रोग्राम है।
अन्य स्रोत
: वाहनों का धुँआ, धूल, इंडस्ट्रियल पलूशन।
सॉल्यूशन
पॉलिटिकल इच्छाशक्ति
: चीन की तरह सख्त कानून और ईमानदारी से अमल की आवश्यकता।
पब्लिक अवेयरनेस
: जनता को जागरूक करने की जरूरत ताकि वे सरकार से साफ हवा की मांग करें।
रोड्स और पब्लिक ट्रांसपोर्ट
: पक्की सड़कों का निर्माण और सार्वजनिक परिवहन में सुधार।
नॉन-सीजनल स्रोतों पर ध्यान
: पूरे साल ध्यान देने की आवश्यकता है, न कि बस दिवाली और स्टबल बर्निंग के समय।
हेल्थ इंश्योरेंस
जरूरत
: हेल्थ एमरजेंसी के लिए तैयार रहना जरूरी है।
पॉलिसी कम्पेरिजन
: ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करना आसान है, और 25% तक डिस्काउंट मिल सकता है।
निष्कर्ष
इंसेंटिव और अकाउंटेबिलिटी
: राजनीतिक और ब्यूरोक्रेटिक स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी है।
जनता का योगदान
: जनता की जागरूकता और स्टैंड लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
नॉर्मलाइजेशन से बचें
: पलूशन को सामान्य नहीं माना जाना चाहिए।
📄
Full transcript