दयालु सामरी का महत्व और संदेश

Nov 22, 2024

दयालु सामरी का दृष्टांत

परिचय

  • यह दृष्टांत बाइबल में लुका अध्याय 10 के 25 से 37 वचन में है।
  • येशु मसीह और एक व्यवस्था व्यवस्थापक के बीच संवाद।

मुख्य कथानक

  1. व्यवस्था व्यवस्थापक का प्रश्न

    • उसने अनंत जीवन का वारिश बनने के लिए प्रश्न पूछा।
    • येशु ने उससे व्यवस्था के बारे में पूछा।
    • व्यवस्थापक ने उत्तर दिया: "प्रभु से और पड़ोसी से प्रेम करो।"
  2. दृष्टांत का वर्णन

    • एक व्यक्ति डाकुओं द्वारा लूटा गया और घायल पड़ा रहा।
    • एक याजक और लेवी (धार्मिक कर्मकांड करने वाले) उसे देख कर चले गये।
    • एक सामरी व्यक्ति रुका और मदद की।
    • घायल व्यक्ति की देखभाल की, उसके घावों पर पट्टियां की, और उसे सराय में ले गया।
  3. येशु का प्रश्न

    • येशु ने पूछा, "घायल व्यक्ति का पड़ोसी कौन था?"
    • व्यवस्थापक ने जवाब दिया: "वही जिसने दया की।"
    • येशु ने कहा: "तू भी ऐसा ही कर।"

शिक्षा और संदेश

  • बाइबल का ज्ञान रखना अच्छी बात है लेकिन उससे भी जरूरी है उस पर चलना।
  • अनंत जीवन पाने के लिए हमें अपने पड़ोसी से प्रेम करना चाहिए।
  • येशु ने धार्मिकता को सच्चाई और प्रेम के कार्यों के माध्यम से सिद्ध करने की बात कही।
  • सामरी व्यक्ति का दृष्टांत यह दर्शाता है कि प्रेम और करुणा को जाति और धर्म से ऊपर रखा जाना चाहिए।

निष्कर्ष

  • परमेश्वर की इच्छा है कि हम सब मनुष्यों से प्रेम करें।
  • यह दृष्टांत सिखाता है कि केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि उसकी आज्ञाओं का पालन करना भी आवश्यक है।
  • हमें अपने पड़ोसी की मदद करने के लिए तत्पर रहना चाहिए।
  • यह दृष्टांत सच्चे प्रेम और करुणा का अभ्यास करने की प्रेरणा देता है।

समापन

  • इस दृष्टांत से हमें सच्ची धार्मिकता और प्रेम की शक्ति का अहसास होता है।
  • हमें अपने जीवन में इसका अनुकरण करना चाहिए।
  • प्रभु येशु के द्वारा सिखाए गए इस प्यारे संदेश को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

हलेलूया।