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दयालु सामरी का महत्व और संदेश

प्रेस द लॉड सभी विश्वासी भाई बहनों को प्रभु येशु मसीह में जय मसीह की बाइबल शिक्षा चैनल पर आप सभी का स्वागत हैं आज मैं आपके लिए बाइबल की पुस्तक से दयालु सामरी का दृष्टांत जो कि लुका अध्याय 10 का 25 से 37 वचन में है आपके लिए लेकर आई हूं तो चलिए भाइयों और बहनों हम वीडियो स्टार्ट करते हैं बाइबल दर्शाती है इस दृष्टांत में कि लिखा है कि एक व्यवस्था व्यवस्थापक उठा और यह कहकर उसकी अर्थात येशुमसी की परीक्षा करने लगा कि हे गुरु अनंत जीवन का वारिश होने होने के लिए मैं क्या करूं व्यवस्थापक वह होता है मेरे प्रियोग जो व्यवस्था की अर्थात पुराने नियम में दी गई व्यवस्था की पुस्तकों के नियमों को ही पढ़ता है जिसे मूसा के द्वारा दी गई व्यवस्थाओं का ज्ञान होता है वह व्यवस्थापक कहलाता है वह व्यवस्थापक येशु को परखने के लिए उससे सवाल कर रहा था तब येशु ने उससे पूछा कि व्यवस्था में क्या लिखा है तो कैसे उसे पढ़ता है क्योंकि येशु मसी जानते थे कि वह एक व्यवस्थापक है तो उसने व्यवस्था की पुस्तक भली परकार पढ़ भी रखी होगी परन्तु यहां समझने की बात यह है कि वह व्यवस्थापक केवल व्यवस्था को पढ़ने वाला था उसका ज्यान रखने वाला था या उस पर चलता भी था यह जानने के लिए येशु ने उससे पूछा कि तू कैसे पढ़ता है तब उस मनुशे ने कहा कि तू अपने प्रभु, अपने परमेश्वर से से अपने सारे मन और सारे प्राण और अपनी सारी शक्ति और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख और अपने पडोसी को अपने समान प्रेम कर तब येशु ने उससे कहा कि हां तू ने ठीक उत्तर दिया ऐसा ही कर तब ही तू जीवित रहेगा जीवित रहने का तात प आपको धर्मी सिद्ध करने के लिए यह पूछा कि तो मेरा पड़ोसी कौन है उसने ऐसा येशु को परखने के लिए पूछा कि येशु को उससे अधिक ज्ञान है या नहीं तब आगे हम देखते हैं कि येशु मसी ने वहां उसे उत्तर दिया कि एक मनुश्य यरुशलेम से छोड़कर चले गए मतलब बीच रास्ते में डाकू ने उस मनुष्य से लूट पाठ कर उसे मारा तथा फिर उसे वहीं छोड़कर आगे चले गए और फिर ऐसा हुआ कि मार्ग से एक याजक जा रहा था याजक का तात पर यहां बाइबल के अनुसार धरम करम के कारेक्ट करने वाले व्यक्ति से होता है जैसे आजकल पंडित होते हैं वे वहां से गुजर रहा था परन्तु मार्ग में उस अद्मरे मनुष्य को देख कर आगे निकल गया येशु मसी यहां सपर्ष्ट करना चाह रहे थे उस विवस्तापक को कि याजक जो होते हैं वे भी विवस्ता का ज्ञान रखते हैं परन्तु क्या वे उस पर चलते हैं या नहीं। यह सिद्ध करना था वहां येशु को। तब उन्होंने कहा इसी रीती से फिर वहां लेवी पुरुष उस मार्ग से निकला तथा वे भी उस अद्मरे व्यक्ति को देख कर उससे कत्रा कर वहां से आगे चल पड़ा। तब येशु ने कहा। कि फिर वहाँ एक सामरी यात्री आया सामरी वह होते हैं भाई और वेहनों जिनसे यहुदी परहेज किया करते थे कि वह व्यवस्ता को भली परकार नहीं जानते तथा इनसे हमारा क्या मिल मतलब चाती भेदभाव जैसा आज भी हमारे समाज में कुछ लोगों के साथ किया जा तब वह वहाँ ठहरा और उसके पास आकर उसके घावों पर तेल मला और दाखरस डाल कर उसकी पट्टिया की और उसे अपनी सवारी पर चड़ा कर सराय में ले गया और फिर वहाँ उसकी सेवा की। और सामरी ने यह भी कहा कि और जो कुछ भी तेरा लगेगा वह मैं लोट कर तुझे दे दूँगा। यह था उस सामरी व्यक्ति का अपने पडोसी से प्रेम और पूरे मन, प्राण, बुद्धी तथा शक्ती के साथ किया गया आपका। अपने परमेश्वर से प्रेम, हालेलूया, यही व्यवस्ता सिखाती भी है। तब येशु ने इसके पश्चाप व्यवस्थापक से पूछा कि अब तेरी समझ से डाकूं से जो मनुष्य घिरा गया, मारा गया। उसका पड़ोसी कौन था क्योंकि व्यवस्तापक ने यही प्रश्न येशु को परखने के लिए तथा अपने को धर्मी सिद्ध करने के लिए येशु से किया भी था इसीलिए यह दृष्टान समझाने के पश्चात येशु ने व्यवस्तापक व्यवस्थापक से पूछा कि अब वता उस अदमरे व्यक्ति का पड़ोसी कौन था याजक लेवी या सामरी व्यक्ति तब उस व्यवस्थापक ने सारी बात समझ कर कहा कि वही जिसने उस पर दया की मतलब है सामरी और उसकी जान बचाई तब फिर येशु ने उससे कहा कि जा तू भी ऐसा ही करना अर्थात येशु ने उस व्यक्ति से कहा कि अनंत जीवन पाने के लिए तू भी अपने पडोसी से अपने समान इसी प्रकार प्रेम करना तभी तु अनंत जीवन में परवेश कर पाएगा हालेलूया भाईयों और बहनों बाइबल को पढ़ना तथा उसका ज्ञान रखना अच्छी बात है परन्तु उससे भी उत्तम यह है कि हम उसकी व्यवस्था अर्थात उसके बचनों पर चले उसकी आज्ञाव पर चले तभी हम भी अनंत काल के जीवन में जो प्रभु ने हमारे लिए रखा भी है परवेश कर पाएंगे प्रभु येशु ने यही उस व्यवस्तापक को इस तरष्टांत के द्वारा समझाया भी क्योंकि वह भी व्यवस्ता को की पुस्तकों का ज्ञान तो रखता था परन्तु ज्ञान से बढ़कर है उस पर चलना जिससे परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन कर हम अनत जीवन को प्राप्त कर पाते हैं और केवल अपने को धर्मी सिद्ध करने में ही ना लगे रहे वरन इससे भी बढ़कर किसी जरूरतमंद की मदद करें जिससे हमारी धार्मिकता सची गिनी जाए तथा सिद्ध भी जिस प्रकार वह सामरी मनुष्य धर्मी सिद्ध हुआ तथा अनंत जीवन का अधिकारी भी जो मनुष्य किसी जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करता है वह अपने परमेश्वर की व्यवस्था को अर्थात उसकी आज्ञाओं को पूरा करता है थथा परमेश्वर से प्रेम रखने वाला ठैरता है क्योंकि परमेश्वर की यही चाहे कि हम सबसे अर्थात सब मनुष्यों से अपने समान प्रेम रखे जिसे वचन प्रश्न में वह हमारा पडोसी भी कहता है यही है परमेश्वर से अपने संपूर्ण मन से प्रेम रखने का सही एवं सिद्ध मार्क तो भाईयों और भेहनों आप और हम भी अनुत जीवन की मिराश रख अपने पडोसी से अपने समान प्रेम रखे अर्थात किसी जरूरत मन की सहेता में तत्पर रहे जिससे हमारे परमेश्वर की इच्छा पूरी हो उससे प्रेम के विशे जैसे उस सामनी व्यक्ति ने दिखाई भी। यही है इस दृष्टान्त का अभिपराय। हलेलूया। आशा करती हूँ इस दृष्टान्त का संक्षिप्त विवरण आप सभी को समझ में आया होगा। प्रभू आपको अपनी भवितर आत्मा की भरपू