जीएसटी: टैक्स प्रणाली और कार्यप्रणाली

Aug 31, 2024

जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स)

परिचय

  • जीएसटी एक प्रकार का टैक्स है जो गुड्स और सर्विसेस पर लगाया जाता है।
  • यह टैक्स कंपलसरी है और सरकार को बिना किसी डायरेक्ट बेनिफिट के देना होता है।

टैक्स के प्रकार

  • डायरेक्ट टैक्स: इनकम और प्रॉपर्टी पर लगता है।
    • उदाहरण: इनकम टैक्स, वेल्थ टैक्स।
  • इनडायरेक्ट टैक्स: गुड्स और सर्विसेस पर लगता है।
    • वर्तमान में भारत में एक ही इनडायरेक्ट टैक्स है जिसे जीएसटी कहते हैं।

जीएसटी का इतिहास

  • जीएसटी को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था।
  • उद्देश्य: "वन नेशन, वन टैक्स"।

जीएसटी की कार्यप्रणाली

  • बायर या कस्टमर: गुड्स/सर्विसेस का अमाउंट + टैक्स (जीएसटी) पे करता है।
  • सेलर या सर्विस प्रोवाइडर: अमाउंट + टैक्स (जीएसटी) रिसीव करता है और सरकार को देता है।
    • जीएसटी सेलर के लिए एक लायबिलिटी है जिसे आउटपुट जीएसटी कहा जाता है।
    • बायर के लिए जीएसटी एक एसेट है जिसे इनपुट जीएसटी कहा जाता है।

जीएसटी के प्रकार

  • सीजीएसटी (Central GST): केंद्र सरकार के पास जाता है।
  • एसजीएसटी (State GST): राज्य सरकार के पास जाता है।
  • आईजीएसटी (Integrated GST): इंटरस्टेट सप्लाई के लिए, केंद्र सरकार के पास जाता है।

जीएसटी के रेट्स

  • 0%, 5%, 12%, 18%, 28%
  • सीजीएसटी और एसजीएसटी हाफ-हाफ में बंटते हैं।

जनरल एंट्रीज

  1. फॉर परचेस ऑफ गुड्स: परचेसेस डेबिट, इनपुट सीजीएसटी, इनपुट एसजीएसटी टू क्रेडिटर।
  2. फॉर परचेस ऑफ एसेट्स: एसेट डेबिट, इनपुट सीजीएसटी, इनपुट एसजीएसटी टू क्रेडिटर।
  3. फॉर सेल ऑफ एसेट: कैश/डेटर डेबिट टू एसेट, आउटपुट सीजीएसटी, आउटपुट एसजीएसटी।
  4. फॉर सेल ऑफ गुड्स: कैश/डेटर डेबिट टू सेल्स, आउटपुट सीजीएसटी, आउटपुट एसजीएसटी।
  5. फॉर एक्सपेंसेस: एक्सपेंस डेबिट, इनपुट सीजीएसटी, इनपुट एसजीएसटी टू कैश/बैंक।
  6. फॉर इनकम्स: कैश/बैंक डेबिट टू इनकम, आउटपुट सीजीएसटी, आउटपुट एसजीएसटी।

एडजस्टमेंट

  • इनपुट का एडजस्टमेंट: पहले पे किए हुए इनपुट का एडजस्टमेंट आउटपुट में से किया जाता है।
  • अब नॉर्मल लॉसेस: नुकसान की स्थिति में इनपुट को क्रेडिट किया जाता है।
  • ड्राइंग्स: इनपुट कैंसिल किया जाता है।

फाइनल सेटलमेंट

  • अंतिम सेटलमेंट में आउटपुट को इनपुट से सेट ऑफ किया जाता है।

अध्ययन की सलाह

  • वीडियो को दो बार देखें और नोट्स बनाएं।
  • अगले सत्र में जीएसटी के क्वेश्चंस पर चर्चा होगी।