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जल संसाधन और संरक्षण के उपाय
Sep 8, 2024
अध्याय 3: जल संसाधन
1. जल संकट (Water Scarcity)
पृथ्वी की सतह पर पानी की अधि कता, लेकिन जल संकट का अनुभव।
जल संकट का अर्थ: पानी की कमी।
उदाहरण: राजस्थान की महिलाएँ मटके लेकर चलती हैं।
पानी की अधिकता वाली जगहों पर भी जल संकट।
2. जल संसाधनों का प्रबंधन और संरक्षण
कुल जल में से 2.5% ताज़ा पानी उपयोगी।
70% ताज़ा पानी बर्फ और ग्लेशियर में।
जल एक नवीकरणीय संसाधन है।
3. जल संकट के कारण
जनसंख्या वृद्धि
: बढ़ती जनसंख्या, अधिक जल की मांग।
कृषि का विस्तार
: अधिक जल निकासी, भूजल स्तर में कमी।
औद्योगिकीकरण
: औद्योगिक उपयोग के लिए अधिक जल की मांग।
शहरीकरण
: शहरों में जल का अधिक उपयोग और बोरवेल का बढ़ता उपयोग।
जल प्रदूषण
: उपलब्ध जल का उपयोग के लिए अनुपयुक्तता।
4. जल संरक्षण का महत्व
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ।
खाद्य सुरक्षा का संकट।
पारिस्थितिकी तंत्र का विघटन।
जल संकट को देखते हुए सरकार ने जल जीवन मिशन शुरू किया।
5. बहु-उद्देश्यीय नदी परियोजनाएँ
जल को संग्रहित करने के लिए हाइड्रोलिक संरचनाएँ।
डेम्स, जलाशय, नहरें, कृत्रिम झीलें।
6. डेमों की वर्गीकरण
सामग्री के आधार पर
: लकड़ी, पत्थर, कंक्रीट।
ऊँचाई के आधार पर
: उच्च, मध्यम, निम्न।
6.1 डेम के उपयोग
सिंचाई, बिजली उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, मनोरंजन।
7. डेमों के विरोध के कारण
नदियों का प्राकृतिक प्रवाह प्रभावित।
स्थानीय समुदायों का विस्थापन।
जल उपयोग में विषमता।
जल गुणवत्ता में कमी।
8. वर्षा जल संचयन
वर्षा के पानी को संग्रहित करना।
पारंपरिक तरीके: डाइवर्जन चैनल्स।
8.1 टैंकों के लाभ
विश्वसनीय जल स्रोत।
तापमान को कम रखना।
9. बांस की ड्रिप सिंचाई प्रणाली
मेघालय में प्रचलित, पानी की बर्बादी कम।
10. निष्कर्ष
जल संकट को ध्यान में रखते हुए उपायों की आवश्यकता।
जल संरक्षण और प्रबंधन अत्यावश्यक।
धन्यवाद!
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