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जल संसाधन और संरक्षण के उपाय

हलो एवरीवन, आज हम पढ़ेंगे क्लास्ट एंड जोग्राफी का चैप्टर नमबर थ्री जिसका नाम है वाटर रिसोर्सिस दोस्तों आपने एक चीज नोटिस की होगी कि जो अमारी प्रत्वी है वो अमें नीली दिखाई देती है ये हमें नीली इसलिए दिखाई देती है क्योंकि हमारी प्रत्वी की उपर सबसे ज़्यादा पानी है लेकिन इतना पानी होने के बावजूद भी हमें वाटर इसकैसिटी देखने को मिलती है मतलब पानी कमी देखने को मिलती है तो इस चेप्टर में हम इसी वाटर स्कैसिटी के बारे में पढ़ेंगे कि वाटर स्कैसिटी क्या होती है और प्रत्वी पर इतना पानी होने के बावजूद भी ये हमें क्यों देखने को मिलती है इसके साथ साथ हम वाटर कंसर्विशन और मैनिजमेंट के बारे में पढ़ेंगे अर्थ का पूरे वाटर को यूज नहीं कर सकते इसलिए फिलाल तो हम उसे यूज नहीं कर सकते क्योंकि हमारे पास इतना investment नहीं है कि हम उसे filter कर सकें लेकिन total water में से 2.5% water ऐसा है जो की fresh water है मतलब हम इसका use कर सकते हैं लेकिन यहाँ पर भी problem है कि हमारे पास जितना भी fresh water है उसका 70% fresh water ice sheets और glacier की form में है और बचा मातर 30% fresh water ही ऐसा है जो की surface runoff और ground water की form में है और केवल इसी water को हम use कर सकते हैं तो देखा आपने कि हमारे पास पानी तो बहुत है लेकिन usable water बहुत कम है अब आप सोच रहे होंगे कि क्या ये पानी हमारे लिए enough है हाँ ये पानी हमारे लिए enough है बलकि more than enough है क्योंकि water एक renewal resource है renewal resource मतलब water समय के सासत renew होता रहता है मतलब नया बनता रहता है और ये process होती है hydrogen cycle की मदद से अब आप में से कई सारी लोग ये भी सोच रहे होंगे कि अगर इतना ही पानी हमारे लिए परियाप्त हैं फिर हमें अलग-अलग देशों में पानी कमी क्यों देखने को मिलती हैं और जहां तक कि कई सारी साइंटिस्ट जे भी प्रिड़िट करते हैं कि 2025 तक आते-आते दुनिया के 2 बिलियन लोग यानि की 20 करोड लोग वाटर स्कैर्सिटी से पीड़ित रहेंगे मतलब पानी कमी को जेलेंगे तो यसा क्यों हैं मतलब जरूवत के लिए यूज करते हैं तो वो हमारे लिए परियाप्त मात्रा में हैं लेकिन अगर हम किसी चीज को ग्रीट के लिए यूज करते हैं मतलब लालच के लिए यूज करते हैं यही सीन वाटर के केस में है वाटर है तो रिनेवल रिसोर्स लेकिन फिर भी उसकी कमी देखने को मिलती है क्योंकि लोग अपने लालच के लिए उसका ओबर यूज करते हैं और उसे एक्सप्लोइट करते हैं Water Scarcity and the Need for Water Conservation and Management सबसे पहले हम समझते हैं कि Water Scarcity क्या होती है तो Water Scarcity का सिंपल सा मतलब होता है पानी की कमी होना उसी को हम Water Scarcity कहते हैं जैसे कि मैं आपको एक्जांपल देता हूँ आप देखते होंगे कि राजस्तान की महिलाएं अपने सिर पर कई सारे मटके रखकर तो ये example है water scarcity का अब दोस्तो ज़रूरी नहीं है कि राजस्तान जैसी सूकी जगों पर ही पानी की कमी देखने को मिले बलकि पानी की कमी हमें ऐसी जगे पर भी देखने को मिल सकती है जहांपर बहुत पानी हो जैसे ही कॉलकता कॉलकता में कभी कभी इतना पानी बरसता है कि वहाँ पर बाड आ जाती है जैसे कि आप इस image को देखो इसमें जो बच्चा है वो कह रहा है कि water water everywhere but not a drop to drink मतलब पानी चारो तरफ है लेकिन पीने लाइक नहीं है तो ये भी example है water scarcity का तो water scarcity हमें most of the cases में देखने को मिलती है पानी के over exploitation की बज़े से पानी का excessive amount में use करने की बज़े से और पानी के unequal तरीके से present होनी की बज़े से इसी जीज़ को हम detail में discuss करते हैं कि पानी की कमी आखिर हमें क्यों देखने को मिलती है reasons for water scarcity मतलब water scarcity होने के पीछे कौन-कौन से कारण है तो पहला reason है large and growing population and consequent greater demands for water and unequal access to it मतलब लोगों की population तेजी से बढ़ रही है और हमें पता है कि जितनी जादा population होगी पानी की demand भी उतनी जादा बढ़ेगी बट पानी तो limited है तो इस situation में जो rich जो गरीब लोग होते हैं वो उस पानी को एकसेस कर पाते हैं और जो गरीब लोग होते हैं वो उस पानी को जरूरत के लिए भी एकसेस नहीं कर पाते हम देखते हैं ना कि जो अमीर लोग होते हैं उनके घरों में तो स्विमिंग पूल देखने को मिलते हैं जिस वहीं से जाहतर पानी अमीरों तक ही पहुँच पाता है गरीबों को वाटर स्कैसिडी का सामना करना पड़ता है यानि की वाटर का अनिक्वल एक्सिस देखने को मिलता है Water scarcity का दूसरा reason है Water resources are being over exploited to expand agriculture मतलब आप खुछ सोचो कि अगर population बढ़ेगी तो food grains का production भी बढ़ेगा क्योंकि जितने ज़ादा लोग होंगे लोगों को उतना ही ज़ादा खाना चाहिए तो जो किसान होते हैं वो food grains के production के लिए agriculture activity perform करते हैं जिसके लिए वो bells और tubels का इस्तिमाल करते हैं इससे होता क्या है काफी सारे ground water को निकाला जाता है जिस वज़े से ground water level में काफी गिरावट आई है मतलब जमीन की नीचे का जो पानी है वो धीरे धीरे कम होता जा रहा है तो ये भी एक reason है water scarcity का third reason है increasing industries has made matters worse by exerting pressure on existing fresh water मतलब जैसे जैसे समय निकल रहा है वैसे वैसे industries भी develop हो रही है जिस वज़े से industries को run कराने के लिए भी काफी excessive amount में पानी का use किया जाता है और ना केवल पानी का use किया जाता है बलकि इंडस्टीज का जो वेस्ट वाटर निकलता है उसे भी रिवर्स में छोड़ दिया जाता है जिससे जो फ्रेस वाटर होता है वो भी अफेक्ट होता है तो जो इंडस्टीज होती हैं वो बहुत बरा प्रेसर एक्जर्ट करती है फ्रेस वाटर के उपर केवल इतना ही नहीं बलकि इंडस्टीज को रन कराने के लिए जो हैवी एलेक्टरिसिटी चाहिए होती है वो हाइड्र एलेक्टरिसिटी होती है जो की फ्रेस वाटर से ही डबलब की जाती है इन फैक्ट इंडिया में टोटल एलेक्टरिसिटी में से 22% एलेक्टरिसिटी हाइड्र एलेक्टरिसिटी ही होती है तो इंडस्टीज का होना भी एक मेजर रीजन है वाटर स्कैसिटी के पीछे चोथा रीजन है ओवर एक्सप्लोरिटेशन ओव वाटर इन अर्वन एरियाज मतलब अर्वन एरियाज में यानि कि सहरी इलाकों में पानी का ओवर एक्सप्लोरिटेशन होता है अब सहरों में वाटर स्कैसिटी क्यों देखने को मिलती है इसे हम थोड़ा डिटेल में पढ़ते हैं क्योंकि अर्वनाईजेशन हो रहा है अर्वनाईजेशन मतलब जो गाओं के लोग हैं वो धीरे धीरे सेहरों की तरब बढ़ने लगे हैं जिससे सेहरों की population बढ़ रही है और अब ऐसी बात है कि जब सेहरों की population बढ़ेगी तो पानी की demand भी बढ़ेगी तो पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए लोगों ने क्या किया कि खुद के ground water pumping devices लगाना शुरू कर दिया मतलब bore well वगैरा करवाना शुरू कर दिया अब इससे हुआ क्या excessive amount वे ground water निकालना शुरू किया तो जो ground water level था वो decrease हो गया जिससे हमें सहरों में भी water scarcity देखने को मिली हम देखते हैं ना कि कई सारे घरों में जो पानी की मौटर होती है वो बहुत जल्दी पानी छोड़ जाती है तो ये ground water level की decrease होने की वज़े से ही होता है तो urbanization भी एक major reason है water scarcity का तो अभी तक हमने water scarcity के जितने भी reason discuss किये वो quantitative reason थे मतलब पानी की availability ही नहीं थी लेकिन अब हम जो reason discuss करेंगे वो qualitative reason होंगे मतलब पानी available तो होगा बट वो पीने लाइक नहीं होगा तो water scarcity का पाँचवा reason है area where water is sufficiently available to meet the needs of the pupil but the area still suffer from water scarcity due to the wet quality of water मतलब लोगों की जरूवत के लिए पानी कई जगों पर sufficiently available होता है लेकिन फिर भी water scarcity दिखने को मिलती है तो ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पानी available तो है बट वो पानी wet quality of water है मतलब वो पानी पीने लाइक नहीं है अब वो पानी पीने लाइक क्यों नहीं है? तो ऐसा इसलिए है क्योंकि घरों से और इंडस्ट्रीज से जो वेस्ट रेज निकलता है उसे सीधा पानी में छोड़ दिया जाता है जिससे वो पॉल्यूट हो जाता है दूसरा हम एग्रीकल्चर के लिए कई सारे केमिकल्स, पेस्टिसाइड्स और फर्टिलाजर्स का यूज करते हैं चलो सारी reasons को एक बाद summarize करते हैं तो पहला reason है growing population दूसरा है intense agriculture तीसरा है industrialization चोथा है urbanization और पाचवा है water pollution So आई ओप आप लोग समझ गए होंगे कि water scarcity के पीछे कौन-कौन से reason होते हैं तो इस पानेई कमी को देखकर Government of India ने एक कदम उठाया मतलब एक mission launch किया जिसको बोला गया चल जीवन mission JJM इसे सुरू किया गया था to improve the quality of life and enhance ease of living of people especially those in rural areas मतलब rural areas में जो लोग रहते हैं उनकी life को बेहतर बनाने के लिए इस mission को launch किया गया था इस mission का जो objective था यानि की goal था वो ये सुलिश्चत करना था कि हर एक ग्रामीर परिवार को portable pipe water supply मिल रही है या नहीं इस mission के मतावित हर एक बैक्ती को परती दिन 55 लीटर पानी regular basis पर मिलना चाहिए ये इस mission का objective था अब एक सवाल आता है why do we need for conservation and management मतलब पानी को conserve और manage करने की क्या ज़रूरत है तो यसा इसलिए है क्योंकि अगर हम पानी को बचाएंगे नहीं और manage नहीं करेंगे तो हमें कई सरी problems देखने को मिल सकती है जैसे की health hazards देखने को मिल सकती है यानि की बीमारिया देखने को मिल सकती है दूसरा food security देखने को मिल सकती है यानि की खाने की कमी देखने को मिल सकती है क्योंकि अगर हम पानी को manage नहीं करेंगे तो crops भी नहीं हो पाएंगी जिसके चलते food security देखने को मिलेगी तीसरा अगर हमने पानी को conserver manage नहीं किया तो जो पूरा natural ecosystem है वो degrade कर जाएगा यानि की बरबाद हो जाएगा इतना ही नहीं अगर इसी तरीके से पानी का over exploitation और mismanagement होता रहा तो हमें ecological crisis भी देखने को मिल सकते हैं तो इतनी सारी problems हमें face करनी पड़ सकती हैं अगर हमने पानी को conserve और manage नहीं किया इसलिए अच्छा है कि हम पानी को conserve करें और manage करें ताकि हम इन समस्याओं से बच पाएं Next topic है हमारा multi-purpose river projects and integrated water resources management तो जैसा कि मैंने आपको बताया कि हमें पानी को conservation और management करना चाहिए लेकिन अब सवाल यह आता है कि हम पानी को कंजर्ब और मैनिज करें कैसे? How do we conserve and manage water? तो पानी को कंजर्ब और मैनिज करने का एक बहुत अच्छा तरीका है जो कि है Hydraulic Structure बनाना Hydraulic Structure मतलब पानी के उपर या पानी के अंदर ऐसे Structure बनाना जिनकी मदद से हम पानी को स्टोर कर पाएं और उसके Flow को मैनिज कर पाएं जैसे कि Dam बनाना, Reservoirs बनाना, Canals बनाना, Artificial Lake बनाना ये सभी हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर्स होते हैं और दोस्तों ऐसा नहीं है कि हम किबल अभी से ही हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर बनाना सीखे हैं बलकि इंडिया में कई साल पहले से ही हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर बनना सुरू हो गए थे पानी को कंसर्व और मेनिस करने के लिए तो चलिए देखते हैं कि इंडिया में पुराने समय में यानि की एंसियन टाइम में हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर इन एंसियन इंडिया तो सुरुबात में यानि की फर्स सेंचुरी पीसी में इंडिया में सरंगविरपुर नाम की जगए पर जो की इराबाद के पास स्थित है वहाँ पर गंगा नदी के बाड के पानी को चैनलाइज करने के लिए एक सफोस्टिकेटेड वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम बनाया गया था ताकि गंगा नदी के बाड के पानी को चैनलाइज करके उसे इरिगेशन के लिए यूज किया जा सके जैसा की आप इस इमेज को देख सकते हो इसी तरीके से चंदरगुप तमोरर के टाइम पर काफी बड़ी स्केल में डेम्स, लेक्स और इरिगेशन सिस्टम बनाये गये थे इसके अलाबा में आज के समय पर कलिंगा, नाग अर्जुन, कॉंडा, बैमोर, कोलापूर जैसी जगों पर भी कई सारे एविडेंस देखने को मिलते हैं जो कि ये दर्शाते हैं कि पहले भी सपोस्टिकेटेड इरिगेशन बर्ग होता था। इसके बाद फोर्टीन सेंचुरी में होसखास दिल्ली के अंदर एक टैंक का निर्माण कराया गया था इल्टुतमिस के द्वारा ताकि स्रीफोर्ट एरिया में पानी की सप्लाई होती रहें। कि पुराने समय पर भी कई सारे हाइड्रोलोक स्ट्रक्चर बनाय जाते थे पानी को कंसर्ब और मेनिज करने के लिए इसी तरीके से आज के समय पर भी कई सारे हाइड्रोलोक स्ट्रक्चर बनाय जाते हैं जो की है डेम्स कि डेम्स क्या होते हैं और ये हमारी कैसे मदद करते हैं पानी को कंसर्ब और मेनिज करने में कि डेम्स क्या होता है तो डेम्स एज आ वेरियर अक्रॉस फ्लोइंग वाटर that obstructs, directs, and retards the flow, often creating a reservoir, lake, or impoundment. मतलब dam एक barrier होता है जो की flowing water को रोखता है। इसकी मदद से हम पानी के flow को दिशा दे सकते हैं और पानी की flow की speed को धीमा कर सकते हैं। simply हम dam की मदद से पानी के flow को control या manage कर सकते हैं। जैसा कि आप इस image में देख सकते हो। अब dam से कुछ भी बन सकता है, reservoir भी बन सकता है। लेक भी बन सकता है, impoundment यानि की छोटा लेक भी बन सकता है डेपेंट करता है dam के size की उपर तो आया समझ में की dam क्या होता है अब हम देखते है classification of dams मतलब dam को किस तरीके से classify किया गया है तो dam को दो तरीकों से classify किया गया है पहला है on the basis of material और दूसरा है on the basis of height तो on the basis of material मतलब किस material से dam बने है तो मटेरियल के बेसिस पर डेम मेंली तीन प्रकार के होते हैं पहले टिम्बर डेम्स जो कि केवल लकडियों से बने होते हैं दूसरे होते हैं मिश्णरीज डेम्स मतलब ऐसे डेम्स जो कि पत्थर, इट या कॉंक्रीट से बने होते हैं सिमिलरी डेम्स को हाइट के बेसिस पर भी तीन टाइप में बाटा गया है पहले हैं हाइ हाइटे डेम्स जो कि बड़े डेम् होते हैं और दूसरे होते हैं medium heighted dam जो की medium size के होते हैं और तीसरे होते हैं low heighted dam जो की छोटे dam होते हैं अब हम पढ़ते हैं uses of dam, मतलब dam के क्या क्या uses होते हैं तो traditionally अगर हम देखें, तो पुराने समय में dam का इतना जादे use नहीं होता था पहले के time पर dams के बल इसलिए बनाये जाते थे ताकि नदियों के पानी को और बरसात के पानी को एकटा किया जा सके और आगे उस पानी को irrigation के लिए use किया जा सके लेकिन आज के समय में हम dam को कई सारे purposes के लिए use करते हैं हम उसे irrigation के लिए use तो करते ही करते हैं साथ में हम electricity generation के लिए domestic and industrial uses के लिए जातकि dam का use flood control करने के लिए भी किया जाता है और तो और dam का use recreation, inland navigation और fish breeding के लिए भी किया जाता है तो dam का use काफी सारे purpose इसके लिए होता है इसलिए dams को multi purpose project भी बोला जाता है जैसे कि मैं आपको कुछ dams के example देता हूँ सतलुज ब्यास रिवर बेसिन के उपर जो multi purpose project launch किया गया था मतलब dam बनाये गया था वो था वाकरा नांगल डेम इसका में परपस था हाइड्रो लेक्टरिसिटी जेनरेट करना और लोगों को एरिगेशन के लिए पानी प्रोवाइड कराना सिमिलली महानदी विशन की उपर भी एक डेम बनाया गया था हीराकुन डेम इसका में ओब्जेक्टिव था पानी को कंसर्ब करना और फ्लड को कंट्रोल करना ताकि पानी को कंसर्ब और मैनिज किया जा सके डेम की इतनी सारी अच्छाईयां देखकर जवालना नेरू ने कहा था कि जो डेम होते हैं, वो टेंपल होते हैं मॉडर्न इंडिया के उन्होंने ऐसा इसलिए कहा था क्योंकि डेम के काफी सारे अडवांटेजेस होते हैं लेकिन दोस्तों डेम बनाने के पीछे इतने सारे फायदे तो हैं तो ऐसा क्यों है कि कई सारे लोग इनका ब्रोध करते हैं इसके पीछे कौन-कौन से रीजन हैं? चलिए जानते हैं तो पहला रीजन है Regulating and damming of water affect the natural flow of rivers मतलब पहले रिजन यह है कि अगर हम dam बनाते हैं तो उससे river का natural flow affect होता है मतलब naturally जो river flow होकर आ रही होती है उसके उपर dam बनाने की वज़े से उसका natural flow disturb हो जाता है अब इससे problem क्या आती है हमें poor sediment flow देखने को मिलता है और जितने भी sediments होते हैं वो धीरे धीरे reservoir के bottom पर एकटे होने लगते हैं जैसे मालो ये रिवर है और इस रिवर के ऊपर डेम बना हुआ है अब जो वाटर फ्लो करेगा वो यहां से आसानी से निगल जाएगा बट जो वाटर के सेडिमेंट्स होंगे यानि की छोटे-छोटे कड़ होंगे तो जिन सेडिमेंट्स को आगे जाना चाहिए था वो डेम की बजे से रिजर्बियर के बॉटम पर एकटे होने लगते हैं डेम बनाने की बजे से रॉकियर स्ट्रीम बैड फॉर्म हो जाता है यानि की पत्थर वाली सर्फेस क्रिएट हो जाती है प्लस जो एक्वाटिक लाइफ होती है उसका हैबिटेट यानि की जीवन भी कमजोर पढ़ने लगता है डेम बनने की बजे से एक्वाटिक फोना का यानि की जीव जन्तूओं का माइग्रेट और स्पैनिंग करना डिफिकल्ट हो जाता है इसके अलावा जब सर्फेस क्रिएट होते हैं तो आसपास के कई सारे पेड़ पौधे और जो मिट्टी होती है वो पानी में सम्मर्ज हो जाती है यानि की डूब जाती है जिससे डीकं यानि कि वे पेड़ पौधे और मिट्टी सडने लगती है यानि कि खराब हो जाती है दूसरा reason है multi purpose projects and large dams have also been cause of many social movements like नर्मदा बचाओ आंदोलन and the तहरी डेम आंदोलन मतलब multi purpose project या बड़े बड़े डेम जब बनते हैं तो इसकी बरोध में कई सारी social movements देखने को मिलते हैं यानि कि सामाजिक आंदोलन देखने को मिलते हैं जैसे कि नर्मदा बचाओ आंदोलन and तहरी डेम आंदोलन तो ऐसा क्यों होता है? तो ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लार्ज स्किल डिस्प्लेसमेंट होता है लोकल कमुनिटी का मतलब जिस जगह पर डेम बनना होता है उसके आसपास के लोगों को यानि कि वहाँ की लोकल कमुनिटी को वहाँ से अठाया जाता है इतना सैक्रिफाइस करने के बावजुद भी इन लोकल कमुनिटी को डेम बनने का उतना फायदा नहीं मिलता जितना बाकियों को मिलता है असली फायदा मिलता है बड़े बड़े किसानों को, इंडस्टीलिष्ट को और सहरी लोगों को तो देख रहा हो कि problem इन लोगों को face करनी पड़ रही है मतलब इन्हें अपनी जगे छोड़ के जानी पड़ रही है और benefit अमीर लोगों को मिल रहा है इसलिए local लोग इसका बरोध करते हैं और आंदुलन करते हैं तीसरा reason है irrigation has changed the cropping pattern in many reason farmer shifted to water intensive or commercial crop देखो डेम बनने की बज़े से किसानों को आसानी से पानी मिल जाता है irrigation के लिए यही देखकर कई सारी किसान ऐसी क्रॉप्स उगाने लग गए हैं जिनमें काफी ज़्यादा पानी का यूज होता है बट प्रॉफिट भी बहुत ज़्यादा होता है यानि कि किसान वाटर इंटेंसिव और कमर्सिल क्रॉप्स उगाने ल� कि जो सोयल है वो सेलाइन होती जा रही है यानि कि मिट्टी नमकीन होती जा रही है क्योंकि खेतों में जाधा पानी दिया जा रहा है बई दूसरी और डेम बनने की बज़े से सुसाइटी में सोचल गैब बढ़ रहा है कैसे? देखो मालो दो किसान है एक किसान डेम के पास है और दूसरा डेम से दूर है ओविसली इसको क्योंकि ये डेम के पास है और धीरे धीरे ये अमीर हो जाएगा 25 वाले किसान को वाडर की उतनी अच्छी सप्लाई नहीं मिल पाएगी क्योंकि ये डेम से दूर है तो ये किसान वही का वही रह जाएगा इतना ही नहीं बलकि कॉंफलिक्ट्स भी देखने को मिलते हैं इस बात को लेकर कि पानी का वेनिफिट कुछ लोगों को मिलता है गुजरात में सावरमती बेसिन के किसानों ने दंगा कर दिया था इस बात को लेकर कि आजपास के सेहरों में बहुत अच्छी वर्डर सप्लाई मिल रही थी लेकिन इनके गाउं को बिलकुल भी वाटर सप्लाई नहीं मिल रही थी जबकि इने पानी की बहुत ज़रूरत थी क्योंकि इनके गाउं में सूखा पड़ा हुआ था तो देखा आपने कि डेम बनने की वज़े से कैसे सूसल गैप बढ़ रहा है लोगों के बीच में जैसे कि मैं आपको एक एक्जांपल से समझाता हूँ एक्जांपल है कृष्णा गोधाबरी डिस्प्यूट का तो हुआ क्या कि महाराष्ट गवर्मेंट ने कृष्णा रिवर पर डेम बना दिया वो आना कम हो जाता है क्योंकि उस रिवर पर डेम बन गया था यानि कि पानी के लिए स्टेट्स के बीच में डिस्प्यूट देखने को मिला, यानि कि बिवाद देखने को मिला, तो इससे हमें पता चला कि डेम्स या मल्टी परपस प्रोजेक्ट की बज़े से इंटर स्टेट डिस्प्यूट भी देखने को मिलते हैं पाँचवा रीजन है, मतलब जिस उद्देश्य के लिए डेम बनाये जाते हैं, अक्सर ऐसा होता है कि डेम उसी परपस को पूरा नहीं कर पाते देखो, डेम बनाने का एक मेजर अब्जेक्टिव यह होता है कि डेम बनाने से फ्लड को कंट्रोल किया जा सकता है बट जायातर केसिस में बाड आने का कारण डेम ही होते हैं कैसे? देखो, मैंने आपको बताया था कि डेम बनने की बज़े से जो सेडिमेंट्स होते हैं वो फ्लो नहीं कर पाते और वो बॉटम में एकटे होते जाते हैं तो डेम का पानी ओवरफ्लो कर जाता है और बाड आ जाती है तो लाइन समझ में आई कि डेम जिस परपस के लिए बनाय जाते हैं अक्सर ऐसा होता है कि डेम उसी परपस को पूरा करने में फिल हो जाते हैं जैसे कि डेम इसलिए बनाये जाते हैं ताकि फ्लड को कंट्रोल किया जा सके बट डेम्स फ्लड को कंट्रोल करने की वज़ाए और जदा ट्रिगर कर देते हैं तो ये कुछ reasons हैं जिनकी बज़े से लोग dams का और multi-purpose project का बरोध करते हैं तो एक बार मैं इन सारे reasons को summarize करके लिख देता हूँ आप चाहें तो इनका screenshot ले सकते हो या फर ले सकते हो तो ये सारे reasons देखने के बाद हमें ये पता चलता है कि water को conserve और manage करने के लिए dam बनाने के अच्छा option हो सकता है बट सब के लिए अच्छा option नहीं हो सकता क्योंकि dam बनाने के फाइदे तो हैं बट नुकसान भी कई सारे हैं नेक्स्ट टॉपिक है अमारा रेनवाटर हारवेस्टिंग अब देखो डेम बनाने के कई सारे नुकसान होते हैं इसलिए डेम बनाने एक अच्छा उपसर नहीं हो सकता इसलिए डेम का एक अल्टरनेटिव है जो की है रेनवाटर हारवेस्टिंग करना मतलब पानी को कंजर्व और मेनेज करने के लिए हम डेम बनाने की बजाए रेनवाटर हारवेस्टिंग कर सकते हैं तो रेनवाटर हारवेस्टिंग is the collection and storage of rainwater मतलब बरसात के पानी को कलेक्ट करना और उसे स्टोर करना ही रेनवाटर हारवेस्टिंग होती है आप रेनवाटर हारवेस्टिंग को इस पिक्चर के माध्यम से बहुत चेज़े समझ सकते हो कि रेनवाटर हारवेस्टिंग का सिस्टम कैसा होता है तो अब हम देखते हैं कि इंडिया में रेनवाटर हारवेस्टिंग कैसे की जाती है जैसे कि ट्रेडेशनली इंडिया के हिल्स और माउंटेनियस रीजन्स में यानि कि पाड़ी वाले इलाकों में लोग क्या करते हैं डाइवर्जन्स चैनल्स बनाते हैं इनी चैनल्स की मदद से बरसात के पानी को इखटा किया जाता है और फिर इसे एग्डिकल्चर के लिए यूज़ किया जाता है सिंपली क्या होता है पहाडो वाले रीजन करने के लिए नीचे एक गडडा कोट दिया जाता है जिसमें जब बारिस होती है तो डाइवरजन चैनल्स के मदद से पानी बैकर उस गडडे में भर जाता है और फिर उस गडडे के पानी को बाद में जरूवत पढ़ने पर इसी तरीके से राजस्तान बाले रीजन में इसमें क्या होता है जब बारिस होती है तो जो छट पर पानी आता है उसे पाइप के तुरू स्टोर कर लिया जाता है और फिर उस पानी को जरूरत पड़ने पर बाद में यूज़ कर लिया जाता है। तो इनी इननडेशन चैनल्स के मदद से पानी को यूज़ कर लिया जाता है इरिगेशन के लिए इसके बाद हमारी इंडिया के एरिड और सेमी एरिड रीजन में एग्रिकल्चर फिल्ड्स को कनबर्ट कर दिया जाता है रेंटफिड स्टोरिज स्ट्रक्चर्स में ताकि बरसात के समय पर उस मिट्टी में पानी को रोका जा सके और मिट्टी में नमी बनी रहे जैसे कि हम एक्जांपल लेते हैं खादिन और जोहर्ड्स का इसमें क्या होता है जो ढलन वाली जगे होती है इससे क्या होता है जब बारिस होती है तो जो पानी होता है वो बैरियर की बज़े से यहां रुक जाता है जिससे सॉयल में मॉस्चर बना रहता है और सॉयल की फ़र्टिलिटी अच्छी हो जाती है इस तरह के मेथट को खादन बोला जाता है जैसल मेर में और अलग-लग जगों पर इसे जोहड्स भी बोला जाता है इसी तरीके से सेमी एरिड और एरिड रीजन्स ओप राजस्तान में यानि की बीकानेर, पलॉडी और बेमोर रीजन में अल्मोस्ट हर घर में अंडरग्राम टंकाज और टैंक्स देखने को मिलते हैं ड्रिंकिंग वाटर को स्टोर करने के लिए जैसा कि आप इस इमेज में देख सकते हो इस तरीके के अंडरग्राम टंकाज देखने को मिलते हैं इसमें क्या होता है छट से एक पाइप कनेक्टेट रहता है और जब बारिस होती है तब पानी पाइप के थूँ टंकाज में स्टोर हो जाता ह�� अब हम देखते हैं कि जो ये underground tankas बनाये जाते हैं उसमें पानी store करने के फाइदे क्या होते हैं advantages of water storage in tankas तो देखो tankas का पहला फाइदा ये है कि tankas जो हैं वो काफी reliable source माने जाते हैं drinking water को store करने के लिए other source के comparison में क्योंकि other sources के अंदर पानी बहुत जल्दी सूख जाता है वही tankas के अंदर पानी जल्दी नहीं सूखता क्योंकि tankas जमीन के नीचे होते हैं और जो water होता है वो लंबे समय तक store रहता है टंगाज का दूसरा फायदा यह है कि टंगाज जमीन के नीचे बनाये जाते हैं इसलिए ये पूरे रूम को ठंडा रखते हैं अच्छा एक पॉइंट याद रखना कि जो रेइन वाटर होता है यानि कि बरसात का पानी होता है उसे राजिस्तान में पलार पानी बोला जाता है दूसरो आज के समय की अगर हम बात करें तो जो रूफट ओफ हारवेस्टिंग सिस्टम है वो इतना यूज नहीं हो रहा है जितना पहले होता था इसकी पीछे कारण ये है कि जो इंद्रा गांधी कैनल का निर्मान कराया गया था उससे पूरे राजिस्तान में अच्छी वाटर सप्लाई हो रही है लेकिन फिर भी कई सारे घरों में अभी भी लोग टंकाज का यूज करते हैं क्योंकि उन्हें टेप बार्टर का टेस्ट पसंद नहीं आता अब हम एक गाउं की स्टोरी पढ़ते हैं जो कि हमारे इस टॉपिक से रिलेटेड हैं गाउं का नाम है गेंडा थूर जो कि करनाटक का एक गाउं है वहां क्या था पानी की बहुत जादा कमी थी तो उन्होंने अपनी समस्या को खुद से समझा उन्होंने क्या किया अपने पूरे गाउं में यानि की लगबग 200 घरों में यानि कि टंकास बगरा बना दी आज के समय में इस गाउं के 200 घर साल भर में 1 लाक लीटर रेन वाटर हारवेस्ट करते हैं यानि कि स्टोर करते हैं और यूज़ करते हैं इसी टॉपिक से रिलेटिट एफेक्ट है कि जो तमिलनाडवी की गवर्मेंट है कंपल्सरी कर दिया है और जो भी इसका उलंगन करेगा उसको पनिस करने के लिए ऐसा करने वाला तमिलनाडवी एक पहला स्टेट है लास्ट टॉपे के हमारा बैंबू ड्रिप एरिगेशन सिस्टम तो ये जो सिस्टम है वो 200 साल पुराना सिस्टम है जो की मेगालिया में सबसे जाना प्रचलित है इसमें क्या होता है श्रीमो छरने के पानी को बैंबू यानिकी बांस से बने हुए पाइप की मदद से घरों तक और ख्योतों तक पहुचाया जाता है इस सिस्टम की मदद से एक बार में लगबग 18-20 लीटर पानी 100s of meters तक ले जाये जाता है यह पूरा सिस्टम बांच से बना हुआ होता है इसलिए इसमें 20-80 पानी की बूने कम हो जाती है तो यहाँ पर हमारे इस चेप्टर खतम होता है I hope आपको इस वीडियो पसंद आई होगी अगर आपको इस वीडियो पसंद आई और 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