घर्षण और स्थिरता के सिद्धांत

Aug 9, 2024

Lecture Notes on Friction and Angle of Repose

Introduction

  • विषय: Friction का Video Number 2
  • फ़िज़िक्स के static और kinetic friction के महत्वपूर्ण वीडियो देखने की सलाह दी गई।

Angle of Repose

  • Angle of Repose का मतलब है वह अधिकतम कोण जिस पर एक वस्तु स्थिर रह सकती है।
  • यदि कोण बढ़ता है तो वस्तु फिसलने लगती है।

Incline Plane का अध्ययन

  • Incline Plane पर एक वस्तु पर कार्य करने वाले बल:
    • वजन (mg) जो सीधा नीचे होता है।
    • Normal Reaction (N) जो सतह के प्रति लंबवत होता है।

Components of Weight

  1. mg sin θ: Incline के साथ नीचे खिसकने की प्रवृत्ति।
  2. mg cos θ: Incline के प्रति लंबवत बल।

Frictional Force

  • Friction का कार्य: वस्तु को फिसलने से रोकना।
  • अधिकतम Friction Force = F limiting friction = μ_s * N
  • जब θ बढ़ता है, तो mg sin θ अधिक होता है और वस्तु फिसलने लगती है।

Condition for Sliding

  • जब mg sin θ = F limiting friction, तब वस्तु "just about to slip" होती है।
  • Angle of Repose को θ_r से दर्शाया जाता है।
    • Formula: tan θ_r = μ_s या θ_r = tan⁻¹(μ_s)

Cases Based on Angle of Repose

  1. θ < θ_r: कोई sliding नहीं होगी। (Static Friction)
  2. θ = θ_r: Just about to slide (Limiting Friction)
  3. θ > θ_r: Sliding starts (Kinetic Friction)

Example Problems

  • Example 1: Angle of Repose = 30° और Mass M रखा गया है।
    • Given angle < Angle of Repose => No sliding (Static Friction)
  • Example 2: Angle of Repose = 45°
    • Given angle > Angle of Repose => Sliding occurs (Kinetic Friction)

Calculation of Forces

  • Force Calculation:
    • F = mg sin θ
    • Normal Reaction: N = mg cos θ
    • Frictional Force: F_friction = μ * N

Key Formulas

  • Angle of Repose: tan θ_r = μ_s
  • Maximum Static Friction: F limiting = μ_s * N
  • Kinetic Friction: F_kinetic = μ_k * N

Conclusion

  • Friction और Angle of Repose के सिद्धांतों को समझना आवश्यक है ताकि सही तरीके से समस्याओं को हल किया जा सके।
  • Angle of Repose के विभिन्न उदाहरणों और उनकी गणनाओं को समय-समय पर अभ्यास करें।

Additional Tips

  • वीडियो में समझाई गई प्रक्रियाओं और सूत्रों को ध्यान से समझें।
  • लगातार अभ्यास से अवधारणाओं को मजबूत करें।