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कृतिका पुस्तक - 'इस जल प्रलय' पाठ सारांश

हेलो हेलो फ्रेंड्स वेलकम टू मेन गेट बींस बहुत सारी डिमांड के साथ हमारा गए अपना नाइंथ का फ्लेवर शुरू करने नोखा मेरे पास बहुत ज्यादा डिमांड डाली थी मैम लाइक टिप्स कब शुरू करेंगे कब शुरू करेंगे कैसे शुरू करेंगे तो अब हम यहां पर शुरू कर दिया अपना नायक पर तो नौकरी हमारे पास में बुक शेग कृतिका और एक हिस्सा थे दोनों ही भाग एक लग रही है तो सबसे पहले हम क्या शुरू करेंगे कृतिका कृतिका में हमारे पार्ट है इन पांचों पाठ का हम आपको सार बताएंगे और फिर उसके बाद उसके क्वेश्चन आंसर्स बताएंगे इस बार जब एग्जाम में आप पध जो है सिलेबस जो है वह 20% तक रिड्यूस किया गया तो कई चैप्टर आपके हट जाएंगे लेकिन तब हम उस चैप्टर को एक्सप्लेन करेंगे ताकि आप उनके बारे में जान और समझ सके यह ध्यान रखिए कि यदि आप लोग वह चैप्टर हटाए जरूर है लेकिन आपको पढ़ने के लिए जरूर कि लाइनें इसलिए उन पर भी ध्यान दीजिएगा आप लोग क्योंकि आपको उस से भी बहुत कुछ सीख पाएंगे अब उसके बाद हमारे पास हमारा व्याकरण तो हम समझेंगे पहले खत्म करेंगे उसके बाद हम आएंगे तो सबसे पहले हम अपना शुरू कर रहे हैं जिसमें आपके सामने जो है वह पूरा सब्सक्राइब घ्र और याद रखें एग्जाम में क्वेश्चन में हुए क्वेश्चन आंसर मैक्सिमम तो यह क्वेश्चन आते रहते हैं तो हमारे हमको उत्तर उत्तर देने के प्रश्न के उत्तर में तो हमारा का पहला चैप्टर इस जल प्रलय कि ने ठीक है इस जल प्रलय यानी कि भाड़ यह बांधे और राइडर और इनके बारे में अब हम यहां पर इस पाठ में प्रस्तुत रिपोर्ट यानि कि यह के तौर पर एक पाठ करते हैं यहां पर जैसे कोई घटना घटती है तो हम करते हैं कि यहां पर बम ब्लास्ट हुआ लोग मर गए यहां पर लोग घायल हो गए उसी तरीके से यह ऋतु में कैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे पानी बढ़ रहा है तो इसके साथ ही यहां पर पड़ते हैं प्रस्तुत ह्रदय पाश में लेखक ने बाढ़ का सजीव चित्रण किया है लेखक रेणु जी पटना के समीप एक गांव में रहते हैं जहां हर साल कोशिश पनार गंगा और महानुभाव की बाढ़ से त्रस्त हजारों लोग आते हैं तो ऐसी जगह हैं जहां पर मध्य बिहार की नदियों में बहने वाली नदियां तो यहां पर लोगों की भीड़ तथा बंजर भूमि पर जानवरों के चलते बाढ़ की स्थिति के बारे में अंदाजा लग जाता है तो सबसे पहले के बाहर होता है उसको तो वहां पर जब तक पानी नहीं रहता तो क्या कुछ आने लगते हैं घूमने लगते हैं कि अगर उन्होंने लिए तो वह भी तो कहां वो कहां से होती है हमारी सन 1965 सहित 47 सब्सक्राइब तो यहां पर 57 1957 में भयंकर बाढ़ आई थी पूरे शहर में मुख्यमंत्री निवास तक दुगने की ख़बरें सुनाई पड़ती थी तो इससे पूरी मतलब स्कूल मुख्यमंत्री निवास तक बाढ़ के प्रकोप को देखने के लिए अपने कवि मित्र के साथ अब लोगों में रहता था वह अपने मित्र को लेकर निकल पड़े तभी लोगों द्वारा आपस में एक दूसरे को की सूचना से अवगत कराते हुए गांधी मैदान के पास खड़े हो गये लगभग 7 लोगों के सामने समाचार सुन रहे थे तो क्या हुआ जैसे कि ढेर सारे लोगों के अंदर नहीं रहता है चलो हम्म देखकर आते हैं चलो देखकर आते हैं तो वो क्या समझूं जमाकर बात करें कहां बात कर रहे थे एक पान की दुकान के पास में बात कर रहे थे रहता है वहां पानी ही पानी हो गया वहां उन्हें यह इस तरीके से बात करें अब हम लोगों को जाकर खड़े हो जाएंगे तब आसपास की खबरें मिल जाएंगे बात करें और सारी इन्फॉर्मेशन मिलने आ एक समाचार दिल को दहलाने वाला था कि पानी लगातार बढ़ता जा रहा था अचानक पान वाले की बिक्री बढ़ गई थी कि लेखक वहीं दुख हो रहा था सभी लोग कह रहे थे कि डूब जाए तो पाप धुल जाएंगे तो यहां पर समाचार दहलाने वाला था अर्थात पानी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा था पटना सीरियल ब्लास्ट कि अब दुकान वाले की बिक्री बढ़ने लगी अर्थात ऐसा क्यों हुआ था क्योंकि सारी दुकाने तो आसपास के बंद हो गई कि दुकान वाला ही वहां पर खोल कर रखा हुआ था और सब लोग खबर सुनने और चर्चा करने के लिए पान वाले की दुकान के पास इकट्ठा थे तो क्या हुआ अब खड़े हो तो वहीं खड़े-खड़े पान खाते रहें एक खातिर और दूसरा आएगा दूसरा आएगा वह आएगा तो उसकी बिक्री बढ़ने लगी तो लेखक उर्दू को रहा था कि पटना ढूढ रहा है लेकिन सब यह गहरे पढ़ना डूब जाए तो उसके पाप धूल जायेंगे अर्थात कि गंगा नदी हम गंगा नदी को पवित्र मानते तो गंगा नदी अगर वह शहर के अंदर आ जाएंगे तो गंगा नदी में जाओ रुक जा रुक लगा लो तो आप भूल जाएंगे तो इसी तरह गंगा नदी जो हमारे पास चल के आ रही है तो पूरे पटना शहर के पास जो है वह मिल जाएंगे जो भी गलत कार्य करने की जो कुछ भी वह अपने साथ बहाकर ले कर जाएगी लेकिन अब NET में घुसे ही थे लाउड स्पीकर से घोषणा करने वाली गाड़ी करती जा रही थी ऐसी संभावना है कि रात को 12:00 में का पानी लोहानीपुर कंकड़बाग और राजेंद्र नगर में घुस आएगा अब कह अभी तो पान की दुकान के पास खड़े होकर गपशप कर रहे थे जब वह गांव तो अब हो गया अपने फ्लैट पर आए प्लैन बिल्डिंग में होता गुस्सा यह देखिए तब तक एडवांस पेमेंट होने लगी गवर्नमेंट की तरफ से कि रात में 12:00 तक कहां कहां पर लोहानी गंज कंकड़बाग और राजेंद्र नगर तक जो है वो पानी पहुंच जाएगा फिर आप सब सावधान हो जाएं सब्जी जो है वह सरकार अवगत करा दें कि आप जो है वह सावधान हो जाइए यह नहीं कि लापरवाही से आप लोग अ आज रात में देर तक जगने के बाद लेखक सूना चाहते थे पर नींद नहीं आती हैं कुछ लिखना चाहते हैं और तब उनके दिमाग में कुछ पुरानी यादें तरो ताजा हो जाती है कहने का मतलब बेल्ट हो गया तो आप इसको नींद आने वाले भी बाढ़ का पानी आ रहा है इसको नींद आएगी बहुत देर तक जागते रहो लेकिन वह सोचा कि चलो सोया जाए बहुत देर हो गए लेकिन उन्हें नींद नहीं आ रही थी तो मैं जब नींद नहीं आ रही तो इसका फायदा उठाया जाए हम कुछ लिखते लिखने बैठे तो उनको कुछ पुरानी यादें ताजा पुरानी हमारी क्या है को सकून 1947 में मणि तक पूर्णियां अब कटिहार मनिहारी कहां पर है तब पूर्णिया में था लेकिन अब प्रजेंट टाइम में कहां है कटिहार बिहार के गांव के नाम पर केरोसिन तेल की सहायता करने के लिए तो क्या हुआ जो गुरुजी गुरुजी तो वह उस समय वहां पर में तो वह दोनों लोग जो बाढ़ पीड़ित लोगों की सहायता करने के लिए लेकर निकले उन्होंने के लिए केरोसिन ऑयल के लिए कुछ दवाइयां साथ ही घाव घाव पानी में बहुत देर तक बैठे रहते हैं तो वह फट जाती है मैं इसको बोलते हैं पकाए ही यह मोस्टली पैरों में पड़ता है क्योंकि पैर पानी में ज्यादा तेज डूबे रहे तो उन्हें घाव पड़ जाता है वह हमारा पकाएं और उसमें लगाने के लिए दवा उठिए दिया सलाई सलाई मतलब माचिस अब रात हो जाएगी खाना बनाना बहुत की जरूरत पड़ती है तो अगर ठंड का समय रहता है तुम खाना बनाना है तो आप इस तरीके से हम सब के लिए हमें जरूरत पड़ेगी सब्सक्राइब नदी में बाढ़ का कहर बरपाया वापसी के एक गांव में विमानों को उड़ाकर ले जा रहे एक विमान के साथ उनका कुत्ता भी ना वह बताया कि 1947 में आई थी अब उसके बाद 1949 में है कि 1949 में उन्होंने बताया वहां आई महानंदा नदी में बाढ़ आई थी कि महानगर में जो आए तुम्हें वापसी में जो है कुछ मामलों में तो एक ऐसा ही एक उन्होंने उनके साथ उनका कुत्ता भी अ है जब लेखक अपने साथियों के साथ एक टीले के पास पहुंचे तो वहां एक गुफा अपनी टेस्ट बनाकर वनवास ही का नाच हो रहा था यह कहने का मतलब जैसे हम हम हम पानी गर्म पानी भर जाए तो ऊंचे यहां पर चाहे जहां चाहे वहां पर अगर देखा जाए तो वहां पर आखिरी सकते हो सकते हो जो वहां पानी से थोड़ी निजात पा सकते हैं उन्हें वहां पर धुंध मतलब थोड़ा सा बड़ा करके उसमें थोड़ा और बड़ा करके उसके ऊपर अल्लाह का नाच नाच कर आयो लोग मछली भूनकर खा रहे थे और कर लूटा नटवर लाल अपने दुल्हन के हाव-भाव को दिखा रहा था मतलब कहने का क्या हुआ लोग वहां पर इंजॉय कर रहे थे तब दूसरे पार्टी कर रहे थे जो होता है ना लाल साड़ी पहनकर एक औरत के साथ डांस कर रहा है तो फिर एक बार सन उन्नीसो अलार्म सेट 40 अवधारणा आपको जो अब प्रजेंट टाइम में 1957 में है कि बाढ़ में पुनपुन नदी में बाढ़ आई ठीक है आप कहां पर आए पुनपुन नदी में बाढ़ आई थी राजेंद्र नगर तक पानी घुसा नाव पर एक सजी-धजी टोली फिल्मी तरीके से घर बैठे कश्मीर का आनंद लेने के लिए निकली हुई थी कहने का मतलब है कुछ लोग ना निकले तरीके से बैठे हुए थे आराम से और कश्मीर जैसे लगता है से बना लें जैसे हम कश्मीर में शिकारे जा रहे हैं और नाव पर ही चाय और स्नैक्स कैफे के पावडर को मत कर एक्सप्रेस व तैयार किया जा रहा था मतलब उसके अंदर कॉफी बनाई जा रही थी कि अच्छे से बनाए जा रहे हैं दूसरी ओर एक रंगीन पत्रिका पढ़ रही थी तथा फिल्मी गाना बज रहा हवा में उड़ता जाए लाल दुपट्टा मलमल का हो तो यहां पर आ रही है बाढ़ के पानी में नाव चलाय नाम चाय-कॉफी हो रहे हैं आराम से वैक्सीन पढ़ी जा रही है गाने बज रहे हैं तो वह एक नाव का वह विस्तृत चित्रण कर रहे हैं और एक युवक द्वारा युवती के घुटने पर कुनी कुनी टेककर मनमोहक डायलॉग्स बोल बोला जा रहा था मतलब है अंदाज में डायलॉग बोल रहा था लेकिन लेकिन जब उनकी नाव वीरवार को पहुंचे तब अचानक चारों ब्लॉकों की छत पर खड़े लड़कों द्वारा ही साथ किलकारियां और पति की वर्षा की गई उन्हें सब्सक्राइब तुरंत मतलब क्या हुआ ब्लॉक में जब यह सारे लोग छत पर लोगों ने खूब तालियां और सीटी आने शुरू करें तब इन लोगों को थोड़ी सी शर्मा और शर्मा ने के कारण कमिंग के होस्ट सिखाने आए कि यह कह रहा है रात के ढाई बजे का समय था कि उन लोगों ने उन्हें जगाया कि जगे हुए थे और पानी मोहल्ले में दस्तक दे चारों ओर को लाहौर कराची और पानी की लहरों का नृत्य ही खूबसूरत और पानी जो है वह सीधे चारों तरफ रहा था तो नित्य की इधर-उधर के साथ नाचते हुए चारों ओर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है बहुत तेजी से दृष्ट तो अपने बचपन में था परंतु इस तरह अचानक पानी चढ़ाना उन्होंने पहली बार देखा तो उन्होंने पहले भी दिखाओ में दो बार पहले भी बताया 1947 और 1949 में उन्होंने पानी कई बार बढ़ते लेकिन इस बार जब पानी बढ़ रहा था तो इतने बड़े का यह चिन्ह नहीं कि हमेशा के लिए उनके घर तक धीरे-धीरे बढ़ रही है लेकिन हम आपको यहां पर पूरा समझाया कि जो है वह पटना में थे लेकिन उन्होंने कुन्नू पुरानी यादें ताजा हूं किस तरीके से पानी थोड़ा-थोड़ा करके सब चीजों को तो आपको यहां पर पूरा पढ़ रहे हैं गैस और आज हम पहला पाठ पढ़ रहे हैं आप का क्या है हमारा इस जल प्रलय ने तो इस जल प्रलय जो हमने पड़ा है यह पूरा पाठ आपको समझा चुके हैं अब इस पर आधारित प्रश्न आपसे पूंछे जायेंगे तो मैंने बताया था इसमें दीर्घ उत्तरीय प्रश्न आते हैं तो यह बड़े-बड़े प्रश्न रहेंगे तो इनको आपको अपनी प्रभावशाली भाषा सेट करना है पाटन समझ चुके हैं तो उनको बालिका हमारे लिए बहुत इजी हो जाएगा चलिए देखते हैं पहला प्रश्न आपसे क्या पूछ रहा है बाढ़ की खबर सुनकर लोग इस तरह की तैयारी करने लगे यानि कि किस तरह की तैयारी कर रहे थे तुम्हारे पाठ में क्या था लोग अपना सामान उठाकर दूसरी मंजिल पर रख रहे थे बहुत सारे काम करें तो यह हमारा पाठ में दिया गया है क्या दिया है बाढ़ की खबर सुनकर लोग अपनी सुरक्षा के प्रबंधों और अत्यावश्यक सामानों को जुटाने में लग गए उन्होंने आवश्यक उधना आलू मोमबत्ती दियासलाई पीने का पानी और कंपोज की बुढ़िया इकट्ठे करने शुरू कर दिए ताकि बाढ़ में घिर जाने पर कुछ दिनों तक उनका गुजारा चल सके और रोजमर्रा पेड़ों के लिए उन्हें ना आव ना झेलना पड़े दुकानों के निचले हिस्सों से सामान हटाया जाने लगा ताकि नुकसान कम से कम हो और इस प्रकार सावधानी की दृष्टि से हूं तैयारी की तो जैसे अब कुछ दिनों के लिए तो सभी जगह सब कुछ बंद हो जाएगा तो उनका खाना-पीना चलता रहे उनको दिक्कत ना हो और सबसे जरूरी बात पीने का पानी क्योंकि पीने का पानी जो हमारे पास पानी तो वह लेकिन वह निकले नहीं होगा तो जो भी तैयारियां उन्हें करें वह सारी चीजें आपको इस प्रश्न में हमको लिखने में है नेक्स्ट पोर्शन बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाढ़ का रूप देखने के लिए लेखक युक्त हम नुस्खे को जिज्ञासु प्राणी है वह जानना चाहता है कि क्या से क्या हो रहा है तो वहीं जिज्ञासा थी कि किस तरीके से प्रवृत्ति के थे उन्होंने बाढ़ के कहर को संभोग नहीं था पर क्लिक कर चुके थे परंतु किसी नगर में विशेषकर अपने नगर में पानी किस प्रकार से यह जानना उनके लिए बिल्कुल नया अनुभव था बाढ़ के पानी को देखने की उत्सुकता को देखने के लिए ज्यादा उत्सुक रहते थे लेकिन करने के लिए इस तरीके से जो है वह बढ़ती है यह सब चीजें नहीं तो ये तो खून है तो देखिए नहीं थी तो यहां पर उनके अंदर यह उत्सुकता थी और यह सब तथ्यों थी कि हम इसमें जैसे कि हम यहां पर अब हम थोड़ा क्वेश्चन आता है कि जवान पर यह पानी कहां तक इस कथन से जनसमुदाय पानी कहां कब तक हमारे यहां पहुंचे हम तैयारी करने यह सब होता है तो यह मैंने की मनोवृत्ति इस बात पर हमको लिखना सबके मन में पानी कहां कहां गया इन शब्दों से जनमानस के कोतुहल उत्सुकता असुरक्षा की भावना प्रदर्शित हो सकता है अब कितनी जल्दी हमारे तक पहुंचे तो हम तैयारी करके रख लें खाने पीने का सामान जुटा लें और साथ में हम अपने सामान की सुरक्षा के लिए अपने केंद्र के सामान को सुरक्षित करने पर दिला अभी यहां दोपहर तक यहां हैं दूसरा शाम तक हमारे घर भी पहुंच जाए तो यह एक सुरक्षा की दृष्टि से बात होती है तो यह भी आपको यहां पर ठीक है अ क्वेश्चन नंबर 404 मृत्यु का तरद्दुद किसे कहा गया है और क्यों मृत्यु का तराज़ू किसी कहा गया बढ़ अब बाढ़ आएगी तो बहुत सारे लोगों के ऊपर लेफ्ट डालेगी और जो नहीं बच पाएंगे वह मृत्यु की तरफ जाएंगे तो इसीलिए उड़ को मृत्यु का तरल दूध कहां गया तो इसे आप शब्दों में कैसे लिखेंगे बाढ़ के निरंतर बढ़ते हुए जल स्तर को मृत्यु तरल पानी धीरे-धीरे बढ़ रहा है तो वह मृत्यु की तरह हम पानी फिरने का यह लोग खाने-पीने की तरफ लेकर आ कि बढ़ते हुए जल ने अपने तीव्र प्रभाव से भयानकता का संदेश दे संकेत दिया था कि इस बढ़ते हुए जल ना जाने कितने लोगों के प्राण ले लिए और उन्हें घर के मौत की नींद सुला दिया है कि इस तरह जल के कारण लोगों को बे मौत मरना पड़ा इसलिए इसे मृत्यु का तरद्दुद कहना बिल्कुल सही है रात इबादत नोजल जैसे-जैसे बढ़ बढ़ेगी लोगों को मृत्यु करीब आती जाती है बहुत सारे नुकसान होते हैं इसे लिक्विड होता है इसलिए इसको बोलते हैं तो इसलिए हमको यहां पर यह सारी चीजें हैं तरफ क्वेश्चन नंबर फाइव आपदाओं से निपटने के लिए अपनी तरफ से कुछ सुझाव दीजिए अब आप चाहें तो बहुत सारी आती रहती हैं लेकिन आप सुझाव दे सकते हम आपको बताते हैं लेकिन आप अपनी तरफ से कुछ और ऐड करना चाहे तो बहुत अच्छा कि हम यह सब चीजें कर सकते तो हम अपनी तरफ से जो आप समझ सकते हैं यहां पर आप किसी को नहीं इसलिए हमें चाहिए कि हमारी सरकार पहले से सभी प्रकार की आपदाओं से निपटने के इंतजाम करते हैं लेकिन कभी-कभी वह सब का रूप ले लेती है कि सरकार की कोशिश से संबंधित उपकरणों का उचित रखरखाव होना चाहिए ताकि समय आने पर उचित प्रयोग किया जाता वहीं पड़े खराब आ जाते हैं तो उनका रखरखाव हमेशा थोड़ा सा इस्तेमाल करके हम देखते रहिए से निपटने आप सभी को प्रशिक्षण दिया जाए सैम सेवक दल तैयार किए जाएंगे इन कि हमें प्रशिक्षण देना चाहिए कुछ लोगों को तैयार करना चाहिए वॉलिंटियर्स लेना चाहिए कि वह हमें इस समय पर कुछ हेल्प कर सकें जनता सरकार को आपदाओं के समय सूर्य बुध और व विवेक से काम लेना चाहिए अब आप दाएं आई हैं तो हमें थोड़ा धैर्य से काम लेना चाहिए बढ़ा दो मिल रहा है सब लेते हैं अब हम थोड़ा धीरज के साथ ही झाल को चढ़ा क्वेश्चन है जब दानापुर डूब रहा था तो पत्नियां बाबू उलटकर देखने भी नहीं गए अब इस कथन द्वारा लोगों की मानसिकता पर चोट की गई दानापुर पटना से लगा हुआ है मतलब पटना के रहने वाले लोगों ने कथित तौर पर इस मानसिकता को दर्शाता है तो यहां पर आप लोगों के भीतर पाए जाने वाले व्यक्ति के स्वभाव कठोरता सब्सक्राइब पर चोट करता मतलब एक बड़ा शहर और उसके पास में लगा हुआ था पटना शहर के लोग जातिवाद होता है वह हमें दिखाइए क्वांटिटी यह आम जनता के मन की स्वभाविक प्रक्रिया को दर्शाती है प्रतिष्ठित लोग संकट की घड़ी में उनके सहायता करने के बजाय अपने निजी स्वार्थों को अधिक महत्त्व देते हैं वह अपनी सुख-सुविधाओं को छोड़कर किसी संकट व्यक्ति का हाल-चाल जानने का भी कष्ट नहीं करते अब बड़े शहर के लोग हैं वह गांव में देखने के लिए तो यह मानसिकता सब्सक्राइब कर जरूरतमंदों की सेवा नहीं चाहते लुट को खरीद बिक्री बंद हो चुकने पर भी बांध की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई क्योंकि सारी दुकानें बंद हो गई थी और पान की दुकान खोली थी तो उसकी मृत्यु हो गई थी क्योंकि सभी लोग कहां तक पहुंचा के बारे में जानकारी लेना चाहते और यह साड़ी कहां से भी लोग आएंगे तो खाएंगे इसे लिए बढ़ेगी तो यहां पर आप लोगों को देखने के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठा हो रहे थे नहीं बल्कि संयुक्त के लिए आपस में बातचीत करते हुए समय गुजारने का सबसे अच्छा साधन रेडियो जानकारी मिल रही थी इसलिए अन्य सामानों की दुकानें बंद होने लगी थी वह की बिक्री अधिक बढ़ गई थी तो यहां पर हम क्यों है क्योंकि लोग उसी जगह पर खड़े होकर बड़े इंट्रस्ट के साथ पान खा रहे थे और गपशप बातें करें भी रेडियो चल रहा था रीडिंग में ताजा खबरें आई थी वह उत्सुक रहते थे मैं नेट क्वेश्चन है जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उनके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो इसने क्या-क्या प्रबंध किए अब लोगों ने तो कि लेखक ने यह हमसे पूछा की संभावना रोजमर्रा की मूर्ति पानी में गिर जाने पर कुछ दिनों तक गुजारा चल सके उन्होंने पर नियुक्त बाढ़ आने पर छत पर चले जाने का प्रबंध सुनिश्चित किया कि आज तक पानी पहुंचता तो जरूरी चीज की कुछ किताबें खरीदने अब उनके घर तक पानी तो वहां से ऊपर चलें यहां पर यहां पर आ गया है है नेक्स्ट क्वेश्चन में बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में कौन-कौन सी बीमारियों के फैलने की संभावना होती है जहां बाढ़ आती है वह अ क्या-क्या बीमारियां उल्टी-दस्त क्योंकि हम लोग पोषित जो है वह बहुत ही गंदा पानी के आसपास मच्छरों के पनपने लगते तो यहां पर बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में मलेरिया टाइफाइड बुखार डायरिया फैलने की संभावना पानी से रिलेटेड मच्छरों से रिलेटेड पानी पड़ता है तो यह पानी के बार-बार पैर में लगने के कारण पड़ने वाले गांव पानी जो है वह ज्यादा देर तक पानी में घाव और वह हमारे घाव गहरा जो हमारे पैरों में छाले कर अंदर घुसे थे चेहरे से ऑन करो कि नौजवान के पानी में उतरते ही एक कुत्ता भी पानी में पूछा गया तो उन्होंने इन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया हमने बताया कि नाव में एक हम एक लड़का चढ़ा कुमार था साथ में उसका जय गुप्ता भी चढ़ गया अब वह तरह तो यह सुनिश्चित किया कि भावना के अंदर क्या तू हमको यह तो क्या दोनों परस्पर आत्मीयता थी मतलब बहुत प्यार करता था बहुत ही साथ में एक दूसरे के साथ गहरा लगाव होने के नाते उन्हें पशु और मानव का मतलब किसी को ज्यादा प्यार करते हैं तो हमारे तरफ तरह होता है हमारा फ्रंट होता बातें करते हैं सब कुछ पता लगता दोनों ने एक दोस्ती का रिश्ता बना रखा है पिछले सप्ताह तक के नौजवान को कुत्ते के बिना मृत्यु भी स्वीकार नहीं थी और इसी अपने मन की भावना से वशीभूत होकर कुत्ता भी पानी में डूब गया मतलब नौजवान को आधार कि कुत्ते के विनम्र और मंजूर नहीं तो जब नौजवान पानी में तो वह मना कर दिया था वह वापस जाता है क्योंकि वहां बैठे लोग कुत्ते को नहीं लेना चाहते थे तो अच्छा है कुछ भी नहीं कलम थी वह भी चोरी चली गई अच्छा कुछ भी नहीं मेरे पास मूवी कैमरा रिकॉर्डर की उत्कंठा होते हुए भी अंधे कुएं कहा कि उनके पास यह सब चीजें नहीं थी सिर्फ तो उन्होंने यह वक्तव्य में कहा था कि होने के कारण को कैमरा ट्रैप कैमरे की आवश्यकता महसूस हुई कि इस पेड़ का जीवंत चित्रण कर सकें कहने का मतलब यह समझा होता तो इसको कर सकते थे कि चलता चला कर देख सकते थे परंतु यदि ऐसा करते हुए केवल एक दृश्य श्रवण और पाठ को अनुभव करने का अवसर उनके सैनिक हुआ था इसलिए उपयुक्त कथन कहा कि अच्छा है कुछ नहीं है मेरे पास कहने का मतलब है अगर हम से शूट करने में रह जाते हैं कैमरे से गरम सूट कर रहे होते तो हम क्या करते सिर्फ हम और शूट करने में लगे जाते हैं लेकिन उम्मीद है पानी बढ़ रहा था जो चीज है वह रेडी है उसको इंजॉय नहीं कर पाते क्योंकि हमारा ध्यान केस में उस पल को शूट करने के लिए उनका अच्छा यह सब चीजें नहीं है क्योंकि अगर होती तो मैं इस सारे जो दृश्य को है इसको महसूस नहीं कर पाता अच्छा है मेरे पास यह सारी चीजें नहीं सिर्फ कलम यानि कि मैं इसको देख लूंगा अपने अंदर बसा लूंगा तो मैं बाद में अपनी कलम से वह सारी चीजें कर सकता और हमारे सामने पहले सारी चीजों को महसूस किया और वक्त आने पर उसको अपनी कलम से लिख और लिखने के बाद वह सारी चीजें आज पढ़ रहे हैं और हमारे सामने वह सब चीजों को चुकी है कि आपने भी देखा होगा कि मीडिया द्वारा प्रस्तुत की गई घटनाएं कई बार समस्याएं बन जाते हैं ऐसी किसी घटना का उल्लेख कीजिए यानि मीडिया जो है हर चीज को कवर करने में लगी रहती है यह घटना हुई वहां कवर कर वह घटना ही वह कवर करो कभी-कभी तो यह सही रहता है लेकिन कभी-कभी ही और ज्यादा समस्याओं को बढ़ा देती है तो उस कंडीशन में क्या होता है क्या होता है जहां मीडिया समाज को जागृत करने का प्रयास करते हैं वहां कई बार समस्याओं को बढ़ा देती है कैसे उदाहरणस्वरूप बाबरी मस्जिद कांड इस घटना को इतना बढ़ा-चढ़ाकर मीडिया ने दिखाया गया इसके परिणाम स्वरूप पूरा देश सांप्रदायिक दंगों की चपेट में आ गया और आज तक कोई हल नहीं निकल पाया कहने का मतलब है वह जब तोड़ा गया तो मीडिया ने इतना बढ़ा-चढ़ाकर कहा कहा कि से वहीं अयोध्या में ही नहीं बाकी शहरों में भी बहुत ज्यादा दंगे फैल गए थे तो इसका नतीजा ये हुआ कि इसको इतना ज्यादा बड़ा कर नहीं बोलना चाहिए था मीडिया को ताकि बाकी जगह अशांति रहती है मैं तुम्हारे इलाज अब हम क्वेश्चन देख रहे हैं महाराज क्वेश्चन के अपनी देखी-सुनी आपदा का वर्णन कीजिए आप अगर कोई आप देखिए कुछ किया तो वहां पर आपको वह मेंशन करना हमने अपने हिसाब से एक लिखिए आप उससे पूछ Help ले सकते हैं लेकिन आप अगर कोई ऐसी आधे तो आप उसे बिल्कुल लिख सकते हैं यहां पर हमने 2005 में पूरा मुंबई शहर में पूरा शहर में करें एक बजे के आसपास वर्षा ने अपना असली रूप धारण करें भ्रष्ट लोग दफ्तरों दुकानों के स्थानों में फंसे रह गए बच्चे विद्यालय में बिना बिजली के पूरी रात काटने के लिए मजबूर ना जाने कितने और देश की आर्थिक राजधानी को बहुत सारा पानी में 2005 में तो यह उसका वर्णन किया गया है यहां पर अगर आपके हिसाब से आप किसी और में का वर्णन करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल कर सकते हैं तो यहां पर हमने अपने इस पूरे पार्ट को बहुत ही अच्छे से खत्म किया हमने आपको पाठ का सार समझा या क्वेश्चन समझाए और आपके ऊपर छोड़ दिया है कि आप कितनी प्रभावशाली भाषा में अपने प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं यह आप पर डिपेंड करता है लेकिन उसके लिए पार्ट को समझना है पढ़ना बहुत जरूरी होता है जो मैं आपको करवाया अब हमारे आगे के पाठ के लिए हमारे आगे के वीडियो देखकर आपको बहुत फायदा हुआ है इन वीडियोस देखने के लिए आपकी स्टडी आपके लिए बहुत आसान है तो इस पौधे को अपने फ्रेंड्स और आपने कुछ भाई-बहनों के साथ शेयर कीजिए उसके लिए जॉब शेयर करेंगे वह किसी भी क्लास में किसी भी सब्जेक्ट प्रॉब्लम वह हमारी वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं हमारी वेबसाइट इसके अलावा हमारे सारे सब्सक्राइब वीडियो आपको ब्लूटूथ ऑन है तो इनको देखिए अपनी स्टडी को आसान बनाइए जरिए नहीं घबराइए नहीं और पड़ी थैंक यू नो व्हाय