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Hidden Diseases and Their Dangers

एक गुप्त बिमारी अंदरी अंदर से हर दो मैसे एक इंसान के मौत का कारण बन रही है लेकिन इसके बारे में एक परसेंट से भी कम लोग जानते हैं वर्ल्ड हेल्थ ओर्गनाइजेशन ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा कातिल बोल दिया है क्योंकि हार्ट अटैक्स, हार्ट ब्लॉकेजिस, अधिकतर किसम के कैंसर्स, डायबिटीस, ओबेसिटी, एल्जाइमर्स वो सारी बिमारियां जो भी एक इंसान के मरने का कारण बनती है वो सभी का बस सिर्फ एक ही root cause है ये गुप्त बिमारी जिसे हर कोई नजनदास कर देता है और सीले आपको अपना सब काम छोड़ कर बस 20 मिनित दे कर अपने और अपने family के खातिर इसके बारे में awareness लेने ही चाहिए कुछी हफ्तों पहले News Media में एक खबर एकदम से वाइरल हो गई थी Ernst & Young कंपनी की एक 26 साल की इंडियन एंप्लोई Anna Sebastian Ferrahil की इतनी जवान उम्र में अचानक से मौत हो गई Reports ने Heart Attack को कारण बताया But Heart Attack तो सिर्फ एक Trigger था Even Stress भी बस सिर्फ एक Trigger ही था But Root Cause तो हमेशा की तरह उन 100 में से 75% केसेस की तरह सभी के नजरों से छुपा रहे गया क्यों छुपा रहे गया? क्योंकि ये बिमारी एक silent killer है जो आपके शरीर में मौझूद होने के संकेत सालों तक तो देती है मगर lack of awareness की वज़े से इस पर ध्यान कोई नहीं देता और फिर कुछी सालों में ये heart attacks, cancers, diabetes, दिमागी बिमारियां और अन्य कई संगीन बिमारियों का जड़ बनती है जो एक इंसान को समय से पहले ही मार सकते हैं क्या आपको दिन दोपेहर में ठकान या weakness में हिसूस होती है या lack of motivation में हिसूस होता है या फिर शरीर में बार acidity होती है या जीब में चाले पड़ते हैं चेस्ट में burning sensations feel होते हैं क्या आपके skin पे आये दिन pimples या rashes होते हैं वजन या तो बिना कोई reason के तेजी से बढ़ने लगता है या फिर घटने लगता है या फिर आप अपनी उम्र से ज्यादी उम्र के दिखने लगे हो तो ये कुछ symptoms है कि शायद वही silent killer अंदर पनपना शुरू कर चुका है और आपको priority में उसे सही प्रति अपने जिन्दगी में क्या-क्या लाइफस्टाइल चेंजेस लाना है, ताकि इस बिमारी से आप दूर रह सको. So, let me ask you now, ये बिमारी, ये root cause, ये silent killer, आखिर है कौन? Well, इसे एकदम बेस से, ABCD से समझने के लिए, एक simple सा experiment perform करते हैं. मैं अपने एक हाथ को दूसरे हाथ से जोर का चाटा लगाऊंगा, Well, as you can see, ये red हो गया, right? अपनी बात करूँ, तो मुझे strong stinging sensation, और जलन जैसा महसूस हो रहा है कभी सोचा है कि स्किन के अंदर एक्साक्ली ऐसा क्या हो रहा होता है जो इसे बाहर से रेड अपियरेंस दिता है बाइद वे ये हर जखम के साथ होता है आपने देखा होगा मगर ऐसा जलन जैसा सेंसेशन क्यों क्रियेट होता है और इस एक्सपेरिमेंट का वो साइलेंट किलर के साथ क्या संबंद हो सकता है सो जैसे ही मैंने खुद को जोर से मारा अब इन रिस्पॉंस बॉडी ने सबसे पहले मेरे वहाँ के ब्लड वेसल्स को एक्सपांड कर दिया, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा ब्लड उस एरिया में इंफ्यूज हो सके, रिपेरिंग प्रोसेस को किक स्टार्ट करने के लिए. और इस वज़े से रेडनेस दिखाई देती है. जिनके थूँ उनके सेल्स के बीच दो एहम चीजे पास होती हैं, जो किसी भी जखम को हील होने में मदद करती हैं. soldier cells याने white blood cells, जिनमें neutrophils, monocytes और lymphocytes एट्सेट्रा हो जाते हैं, जो infection causing bacterias और viruses से fight करते हैं. Number two, proteins जिनने cytokines कहते हैं, जो basically signaling molecules होते हैं, called bradykinin, histamine, prostaglandin, TNF-alpha, जिनके जरी हमारे damaged cells, हमारे brain को pain sensation create करने को कहते हैं, ताकि हमारा उस damaged site पर ध्यान जाएं, इस पूरे प्रोसेस को मेडिकल की भाषा में कहते हैं इन्फलेमेशन और एक्साक्ली फंडमेंटली यही वो साइलेंट किलर है जो अलग-अलग रूपों में 60% गंभीर बिमारियां क्रियेट कर रहे हैं अब डेफिनिटली आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा लेकिन इन्फलेमेशन यह तो जैसे हमने देखा वूंड के हीलिंग में हेल्प करता है एक मेजर रूल प्ले करता है तो जो प्रक्रिया शरीर को हील करने के लिए बनी हो वो ही खुद हर प्रक्रिया शरीर को हील करने के पाँच में से तीन मौतों का कारण कैसे बन रही है? Well, very good question. तो देखो, ये हाथ को चाटा मानने वाला जो example हमने लिया था ना, उसमें जो inflammation develop हुआ था, वो सिर्फ कुछ ही मिन्टों तक रहता है. अगर कोई जखम हो जाता है, या let's say आपको चेहरे पर कोई pimple आ गया, तब inflammation ज्यादा से ज़्यादा कुछ days या कुछ weeks तक रहता है, maximum. इस कम समय तक, wound healing को facilitate करने वाले inflammation को हम कहते हैं acute inflammation and yes, ये शरीर की मदद ही करता है मगर ये बहुत important है समझना कि inflammation एक emergency state है यानि कि एक temporary state होता है और इसे temporary ही रहना चाहिए inflammation वाले area में white blood cells, bacteria और virus को खतम करके उस area को sanitize कर देते हैं blood flow तेज हो जाता है ताकि healing fast हो और pain sensation make sure करता है कि आप उस area को use ना करो और फिर जैसे ही wound heal हो जाता है, infection का खतरा खतम हो जाता है, नए cells बन जाते हैं, तो WBCs inactive हो जाते हैं और inflammation समाप्त हो जाता है ये प्रक्रिया बिल्कुल natural है, but कई बार क्या होता है कि यही inflammation की प्रक्रिया आपके शरीर में कभी समाप्त होती ही नहीं है वो अंदरी अंदर शरीर के अलग जगाओं पर अलग ओर्गन्स में फैलने लगती है और वही इंफ्लेम्ड याने इमरजन्सी स्टेट क्रियेट करती चली जाती है महीनों तक सालों तक जो ही फिर जाके सारी टर्मिनल बिमादी इमारियों को जन्म देता है इस कंडीशन को मेडिकली कहा जाता है क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन और यही है इन्फ्लेमेशन का वह सबसे टॉक्सिक वर्जन जिसे हमें हर हाल में रोकना चाहिए अगर लंबी उम्र जीनी होता है क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन का एकदम आसान शब्दों में मतलब है chronic याने कि लंबे समय तक सालों तक चलने वाला inflammation chronic inflammation में हमारे खुद के ही soldier cells याने कि white blood cells हमारे शरीर के रक्षक बनने की जगे पर terrorist बन जाते हैं और हमारे ही शरीर को अंदर से तबहा करने लगते हैं अब ऐसा क्यूं क्यूं कि सालों तक हमारा शरीर अंदर से silently emergency state में जल रहा होता है पर soldier cells को ये पता ही नहीं चलता कि problem क्या है और in response वो healthy cells को भी माँचे जाते हैं मारने लगते हैं जिससे हमारे शरीर के natural processes बुरी तरीके से effect होने लगते हैं इसे एक simple से example से समझते हैं समझो कि कुछ terrorists common civilians का भेस बदल कर शहर में उधम मचाने लगते हैं अगर ये स्थिती कई माइनों तक चलती रही तो पुलिस खुद confused हो जाएगी कि कौन common civilian है और कौन terrorist और नतीजन collateral damage या cross firing या फिर misunderstanding में कई आम लोग आम civilians भी मारे जाएगे बस chronic inflammation में भी कुछ ऐसा ही होता है chronic inflammation में immune system अपने ही healthy cells को attack करने लगता है क्योंकि उन्हें अब कौन से good cells है और कौन से bad cells है इसमें फर्क ही नहीं पता चलता और इसलिए एक healing प्रक्रिया ही मौत का कारण बनने लगती है अब आपके शरीर में chronic inflammation है या नहीं इसका पता लगाने के कुछ tests होते हैं बट यू नो हर बिमारी को पनपने से पहले ही रोका जा सकता है अगर सही समय पर सही tests करवाए जाए तो बट आजकल जस्ट क्योंकि हम बिजी रहते हैं, इसीलिए इसी चीज को और हमारी सेहत को हम लिटरली फोर ग्रांटेड ही ले लेते हैं। और यहीं पर FarmEasy आपकी लाइफ को इजी वना देता है। और वह इसका है, आपका साम्पल कलेक्शन आपका पूरा टेस्ट फ्री में हो जाएगा। साम्पल कलेक्शन का पूरा प्रोसीजर भी एक्स्ट्रीमली हाइजीनिक होता है, जिसमें सारे सेफ्टी प्रोटोकॉल्स का ध्यान दिया जाता है। पाम इजी के सारे लाब NABL द्वारा certified है और आपके सारे reports skilled doctors द्वारा verified होते हैं so आपको इन results की accuracy की कोई tension लेने की जरूरत नहीं है इसके अलावा आपका report भी आपको directly digitally ही send कर दिया जाता है जिसके लिए वैसे तो इन्होंने 15 घंटे का का एक commitment दिया है लेकिन मुझे तो मेरा report सिफ 6 घंटों में ही मिल गया था और सबसे बड़ी बात है कि फामी जी अभी offer कर रहे है flat 1000 rupees off on all test packages बस इसे avail करने के लिए आपको मेरा coupon code fly1000 use करना है so you should definitely consider checking it out मैंने निचे description में इसका link डाल दिया है अब एक simple से animation की मदद से ना friends मैं आपको chronic inflammation आपके शरीर के किन-किन अंगों को किस-किस तरह से तबाह करता है इसकी एक जलक दिखाता हूँ क्योंकि अगर 60% बिमारियों में इसका involvement है तो आपको पता होना चाहिए कि ये बिमारी जन्म कैसे लेती है और कैसे फैलती है ताकि खुद को इससे protect किया जा सकती है मुझे जब इस बिमारी के बारे में पहली बार पता चला था I was literally mind blown कि एक बिमारी इतने सारे chronic बिमारियों का कैसे जड़ हो सकती है कैसे वो सौ बिमारी के intersection में एकदम बीच में आ सकती है और by the way ये सारे के सारे harmful effects proved है हाँ scientific papers में जिसके references आपको नीचे description में मिल जाएंगे अब से हम research references description में भी देना start करेंगे मेरे दोनों channels में ताकि आप अपना खुद का भी research कर सको if you want to हमारी team में कई passionate researchers और creative editors हैं हमारा मिशन है हमारे दोनों चैनल्स गेट सेट फ्लाइ साइंस और गौरव ठाकूर के थूँ इंडियन्स में एक साइंटिफिक माइंसेट डेवेलप करके इंडिया के रूट लेवल पर बदलाव लाना और अब हम हमारी टीम को एक्सपैंड कर रहे हैं और ला� So if you like our content and if you can add value to our mission, then it will be our job to make your passion a thriving profession. We are looking for skilled researchers, creative editors and professional social media managers for a work from office opportunity in Mumbai. More details down in the description below. Let's create an impact together. Now let's continue our video. सो मानलो एक इंसान regularly smoking करता है अब cigarettes में at least 7000 plus chemicals होते हैं जिनमें से 69 chemicals proved है कि cancer cause करते हैं अब cancer causing का exactly मतलब क्या होता है कि वो cells को micro level पर damage करते हैं उसके DNA को damage करते हैं और अगर आप देखोगे ना तो inflammation भी वही चीज़े cause करती है जो cells को damage करती है क्योंकि उसके बाद ही तो healing response create होता है और इसलिए chronic inflammation और cancer का इतना strong link है So let's say आप regularly smoking करते हो और इस वज़े से आपके body में chronic inflammation create हो रहा है अब एक बार आपके शरीर में chronic inflammation ने घर बना लिया ना अगर यही inflammation आपके lungs के cells में concentrate होने लगा तो वो वहाँ पर inflammatory बिमारियां जैसे की अस्तमा या ब्रॉंकाइटिस को जनम देने लगेगा यही अगर बच से बत्तर होते गया तो यह lung cancer भी cause कर सकता है और इसीलिए इंफ्लेमेशन का लेवल यहाँ पर एक संकेत का काम करेगा कि कौन से स्केल पर गडबड़ी है। अगर वही इंफ्लेमेशन आपके ब्लड के सरीये आपके हार्ट सेल्स तक पहुँच गया, तो इसी इंफ्लेमेशन की वज़े से हार्ट में चर्बी याने की प्लाक इकटा होने लगता है, जिससे एथेरोस्क्लिरोसिस या CVD जैसी बिमारियां होती है, जो हार्ट अटाक्स क अब अगर let's say यही chronic inflammation बलड के जरिये kidneys में भी concentrate होने लग गया, तो यह वहाँ पर nephritis या kidney fibrosis cause कर सकता है. अगर यही inflammation stomach तक फैल गया, तो यह gastritis cause करेगा. Intestines तक फैल गया, तो यह ulcerative colitis या फिर Crohn's disease cause करेगा. Liver में फैल गया, तो यह liver fibrosis या cirrhosis cause करेगा. Pancreas में यह फैल गया, तो pancreatitis या फिर insulin production को disrupt करके diabetes cause करेगा. जोडो में कॉंसेंट्रेट होने लगा तो ये रूमेटोइट आर्थराइटिस कॉस करेगा स्किन टिशूस को एकसपोस हो गया तो जल्दी कम उम्र में बुढ़ा दिखने के पीछे एक मेजर वज़े chronic inflammation ही होती है क्योंकि ये skin cells में collagen को घटाता है elasticity को कम करके एक बुढ़े इंसान का appearance देता है even DNA damage भी करता है और अगर हमारा brain chronic inflammation के शिकंजे में आ गया तो ये कई सारे neurological disorders को जनम देने लगेगा छोटी बिमारियां जैसे की stress, anxiety, confusion, memory loss, थकान से लेकर संगीन neurodegenerative बिमारियां जैसे depression, Alzheimer's Parkinson's disease etc. So, अब आपको थोड़ा सा समझ में आ रहा होगा कि क्यों ये chronic inflammation इतना बड़ा silent killer है? But, चिंता की कोई बात नहीं है. क्योंकि जैसे आपको पता है, मैं Get Set Fly Science चैनल में सिफ प्रॉब्लम्स ही हाइलाइट नहीं करता हूँ, बलकि उनके बेस्ट सलूशन्स भी प्रॉबाइड करता हूँ, ताकि आप साइन्स की नॉलेज को प्राक्टिकली यूज़ करके एक कदम आगे रहे और अपनी जिन्दग बट उससे पहले एक interesting fact ये है कि medically itis से end होने वाली जितनी भी बिमारिया होती है ना उन सब का मतलब एक ही होता है उस body part या organ में inflammation का होना है जैसे पेट में inflammation, gastritis, pancreas में pancreatitis, joints में arthritis, etc. अब ये सब बिमारियों के अलावा ना chronic inflammation कहीं किसम के cancers भी cause करता है बट कि आपको ये सवाल नहीं आया कि inflammation, चलो even अगर chronic भी हो, पर है तो inflammation ही ना, मतलब उससे थोड़ा बहुत दर्द, swelling और irritation भले ही हो जाए, but it's not. इससे कैंसर तक बात कैसे पहुँच गई? वेल, बिल्कुल जैसे बूंद-बूंद से सागर बनता है, एक-एक कुलाडी मार-मार के पहाड कर जाता है, ठीक उसी तरह, कॉंस्टेंटली, क्योंकि हमारे शरीर के किसी हिस्से में WBCs लगातार अटाक कर रहे होते हैं, या उनी सेल्स के DNA को डामेज करने लगते हैं, mutations आने लगते हैं, यही uncontrolled growth से cancer जनम लेता है, basically प्रकृति में आप इस चीज़ को देखना, कोई भी चीज़ जो आपके body को लंबे समय तक irritate करेगी, वो cancer cause करती होगी, जैसे x-rays, skin को चूबते हैं लंबे exposure से cancer cause करते हैं, arsenic हो गया या asbestos, वो भी skin के contact में आते ही irritation cause करते हैं लंबे समय में ये भी cancer cause करते हैं वैसे ही cigarettes हो गए, alcohol, etc. अच्छा, inflammation सिफ cancer के development में ही नहीं बलकि progression याने की growth और फैलने में भी एक major role play करता है और ये भी इसका एक बहुत ही dangerous side effect है So, अब तक तो हम ये अच्छी तरीके से समझ चुके हैं कि chronic inflammation शरीर का सबसे बड़ा दुश्मन है बट भूलो मत ये एक silent killer है सभी के नजरों से छुपकर, अंदरी अंदर अपना काम कर जाता है, सो ऐसे में इसे पहचाना कैसे जाए, कैसे पता चल सके, कि chronic inflammation आपके शरीर में फैलना शुरू कर चुका है, और आगे चलके ये बिमारियां कॉस कर सकता है, वेल, इसके लिए ना एक simple सा test आता है, जो शरीर में कितना inflammation मौझूद है, कि साथ ये तक predict कर सकता है, क्या आपकी मौत, heart attack, या cancer जैसी जानलेवा बिमारियों से होगी की नहीं, इस test, का नाम है C-Reactive Protein Test या CRP Test जब भी बॉड़ी में Inflammation High होता है न तब हमारा Liver Cytokines के Response में C-Reactive Proteins प्रडूस करता है और ब्लड में भेजता है Inflammation से लड़ने और उसे घटाने के लिए अगर ब्लड में CRP की Value High है तो इसका मतलब हमारे बॉड़ी में Inflammation भी High है ये चार्ट आप देख सकते हो कैसे एक Healthy person में C-Reactive Proteins का लेवल 0.3 mg per deciliter से कम होता है और जैसे ये बढ़ने लगता है, वैसे चांसेस बढ़ने लगते हैं कि अंदर कोई न कोई जरूर पनप रही है अगर माइंडली एलिवेटेड है तो फीवर डिप्रेशन या ये सब कारण हो सकते हैं और अगर मॉडरेटली एलिवेटेड है तो हार्ट एटाक्स का भी रिस्क हो सकता है और ये सब भी कारण हो सकते हैं उससे ज्यादा अगर वैल्यूज हो तो ये सब क तो ऐसे में कुछ दो या तीन दिनों के लिए आपके C-reactive proteins का value body में बढ़ गया है, लेकिन फिर वापस से वो अपने normal baseline में भी आ जाएगा, और इसलिए ऐसे में घबरानी की कोई जरूरत नहीं है, ये natural ही है, पर अगर let's say आप तीन महीनों से every month एक बार test करवा रहे हो, और हर बार values elevated ही आते हैं, तो ये एक signal हो सकता है कि शायद कोई underlying बिमारी आपको है, और इसलिए अगर आपको थोड़ी भी चिंता या concern सताता है, हो सकती है तो एट लीस्ट एक महीने के गैप में दो बार टेस्ट जरूर करवा लीजिए ताकि शौर हो सको अब तक हम समझ चुके हैं कि क्रॉनिक इंफलेमेशन क्या है कैसे ये साइलेंटली गंभीर से गंभीर बिमारियों के डिवेलपमेंट और ग्रोथ का कारण बनता है और हम ये भी जान चुके हैं कि इस छुपी बिमारी को डाइगनोस कैसे करें अब आता है इस वीडियो का सबसे इंपोर्टेंट पार्ट कैसे एक आम इनसान chronic inflammation होने से खुद को बचाए और safe रखे? और अगर let's say chronic inflammation के कुछ symptoms आपके शरीर में दिख भी जाते हैं, तो उसे reverse कैसे किया जाए? All in all, इन सारी बिमारियों के जड़ को जड़ से ही जनम लेने और पनपने से कैसे बचा जा सकता है? So देखो, सबसे पहले तो इस बिमारी को सही से diagnose ही कर देना आधा problem solve कर देता है. क्योंकि ये एक silent killer है और दूसरी बात इसे जड़ से रोकने या उखाड फेकने के बहुत सारे effective solutions जरूर है लेकिन बस सिर्फ एक ही शर्त है आपको समय रहते इन solutions को implement करना होगा क्योंकि अगर आप late हो गए तो बहुत सी गंभीर बिमारियां already developed हो चुकी होगी इन दोनों सलूशन को हम Jordan Rubin जो के एक American teenager है उसके case study से समझते हैं जिसे inflammatory bowel disease या IBD से diagnose किया गया था इस chronic inflammation वाली बिमारी के वज़े से इसका वजन तेजी से गिरने लगा था और कुछी महीनों में इसने 35 kilograms lose कर दिया था जिसमें muscle mass भी शामिल होने की वज़े से ये ठीक तरीके से चल भी नहीं पाते थे दो सालों तक लगातार अलग-अलग डॉक्टर्स और उनकी दवाईयां खा-खा कर भी जॉडन की सेहत में कोई भी सुधार नहीं आ रहा था। बट फिर अंत में इनकी बिमारी का राम बान सलूशन बने बस दो चीजे। जैसे ही उसने ये दो चीजे करना स्टार्ट किया, बस तीन महिनों के अंदर उसका ट्रांसफर्मेशन आप खुदी देख रो। अन्बिलीवेबल राइट किसी चमतकार की तरह लगता है बट याद रहे हम साइंस से खुश होते हैं एविडेंस से चमतकारों से नहीं तो क्या इसके पीछे कोई साइंस है क्रॉनिक इंफ्लेमेशन इतनी आसानी से रिवर्स हो सकता है क्या वेल फ्रेंड्स हिप्पोक्रेट्स जिनने फादर ऑफ मेडिसन कहा जाता है ने 2000 साल पहले एक बहुत ही इंटरेस्टिंग बात बोल दी थी उन्होंने कहा था क प्रश्नारिया ना हमारे गट याने कि हमारे आतों में ही जनम लेती है और लोक टुड़े इसमें कितनी सचाई है बहुत कम लोग ये जानते हैं कि हमारा 70-80% इम्यून सिस्टम हमारे गट याने हमारे आतों में ही होता है अब इसे ध्यान से सुनना हमारे पूरे लार्ज इंटिस्टाइन के अराउंडना एक पतली सी सिंगल लेयर होती है सेल्स की जिसे गट बैरियर कहते हैं इस गट बैरियर के एक तरफ यानि कि आतों के अंदर रहते हैं 50 से 100 ट्रिलियन माइक्रो औरगैनिजम्स बॉडर के एक तरफ है पाकिस्तानी आर्मी याने की गट माइक्रो और दूसरे तरफ है इंडियन आर्मी याने की इम्यून सेल्स या सोल्जर सेल्स अब यहाँ पर ना बहुती गौर करने वाली बात यह है कि बस वो बॉडर याने बस वो गट बैरियर ने ही दोनों को भिडन अगर बॉडर कमजोर हो गया और पाकिस्तानी आर्मी इंडिया में घुसने लगी, तो इंडियन सोल्जर्स अक्टिवेट हो जाएंगे और एक-एक करके उन घुस बैटियों पर अटाक करने लगेंगे. और इसलिए उस बॉडर का, उस कट बैरियर का इतना बड़ा रोल होता है. अब पता है ये गट बैरियर बनाता कौन है? हमारे गट माइक्रोब्स, गट माइक्रोगानिजम्स, इनके वज़े से ही लिटरली गट बैरियर बनता है और अगर माइक्रोब्स हेल्दी रहे तो हेल्दी बैरियर बनेगा और अगर अन्हेल्दी रहे तो वीक बैरियर बनेगा देखो गट माइक्रोब्स बेसिकली सुख्षम माइक्रोगानिजम्स होते हैं जिनमें कई किसम के बैक्टीरिया, पैरसाइट्स, फंगाई और कुछ वाइरसेस भी शामिल होते हैं जितने human cells हमारे body में मौजूद हैं उसके जितने ही नहीं या उससे भी ज्यादा इन माइक्रोप्स के सेल्स हमारे बॉडी में मुझूद होते हैं ये लिटरली हमारे गट में छोटे-छोटे केमिकल फैक्टीज की तरह होते हैं जो डिसाइड करते हैं कि पॉजिटिव केमिकल्स प्रडूस होंगे या फिर डेंजरस इंफ्लामे रिष्टा म्यूच्वली बेनिफिशियल बनाए रखना होता है कि इनका भी फाइदा हो और हमारा भी और इसलिए यही पर हमारे डायेट का सबसे बड़ा रोल आ जाता है। कई किसम के enzymes create करते हैं जो इन complex molecules को breakdown करके इनका खाना बनाते हैं इसी process में short chained fatty acids जैसे chemicals release होते हैं जो super anti-inflammatory होते हैं याने कि ये inflammation को कम करने का signal देते हैं और ये तो मैंने बस सिर्फ एक anti-inflammatory chemical की बात की है विभिन किसम के healthy microbes विभिन किसम के healthy chemicals secrete करते हैं जो सैकडो chemicals मिलकर फिर शरीर में inflammation की आग को बुझाते हैं जिससे फिर हमारा immune system suppress होता है और कई सारी बिमारियां टल जाती है अब इसका उल्टा भी होता है अगर हम saturated fats वाले high sugar वाले foods consume करते हैं न तो saturated fats bad microorganisms का खाना होता है और जैसे ही ये उसे unhealthy fats में break down करते हैं वैसे ही ये unhealthy fats हमारे body के cells में इदर उदर जाकर चिपकने लगते हैं पर हमारे immune cells तूट पड़ते हैं और inflammation बढ़ने लगता है। अब दूसरी तरफ healthy gut microbes gut barrier को भी strong रखते हैं और unhealthy gut microbes barrier को कमजोर बनाते हैं जैसे हमने पहले देखा। और इससे क्या होता है पता है? कमजोर gut barrier की वज़े से हमारे आंतों के microorganisms easily उस barrier को cross करके हमारे blood stream में घुसने लगते हैं जिसे medically फिर leaky gut syndrome कहा जाता है। का one of the most common कारण है क्योंकि अब microbes जो blood में आ गए हैं तो immune cells उन पर तूट पड़ेंगे और chronic inflammation create होगा. So अब आप समझ गए होंगे कि आपके gut microbes और diet का कितना बड़ा role होता है. अब समझते हैं कि कौन सा डाइट बेस्ट है गट माइक्रोब्स और इंफ्लेमेशन के लिए वेल सबसे पहले तो hands down probiotics और fermented foods जितना हो सके इनके सेवन को बढ़ाए foods जैसे की दही हो गया धोसा, इटली, ढोकला, अचार, छास, केमची, कॉम्बूचा ये सारे फूट्स फर्मेंटेड कैटिकरी में आते हैं जो बेसिकली प्रोबायोटिक होते हैं याने कि इन में जिन्दा माइक्रो और्ग्यानिजम्स होते हैं ये जैसे ही हमारे बॉडी में इंजेस्ट होते है हमारे शरीर के microbial environment में positive असर पड़ता है कई researchers में ये proof हुआ है कि जैसे ही लोग fermented foods खाना start करते हैं उनके inflammatory biomarkers में एकदम से improvement दिखाई देने लगता है और सीले अगर आपको अपने diet और gut bacteria के जरीए शरीर में inflammation की मातरा को कम करना है तो eating fermented and probiotic foods is one of the best solution अच्छा दूसरी तरफ जितना हो सके antibiotics को avoid करना चाहिए antibiotics का मतलबी भी होता है antibiotic यानि कि microorganism को खतम करने वाली दवा जो बहुत ही serious infections में ही लेना चाहिए बगर आजकल तो मामूली से सर्दी जुखाम में भी कुछ doctors cold medicine के साथ एक antibiotic पकड़ा देते हैं antibiotic से हमारे gut के good bacteria भी literally destroy हो जाते हैं बिना मतलब का good bacteria भी ने पड़ जाते हैं bad bacteria के साथ और पूरा जो हमारा microbiomes का ecosystem है वो collapse हो जाता है और इसे फिर से restore होने में 6 महीने तक लग जाता है जाते हैं अच्छा आप सेकेंड बेस्ट चीज जो आप कर सकते हो ना वो है अपने डाइट में जितना हो सके विभिन किसम के फाइबर्स खाना स्टार्ट करो और वो भी फ्रॉम डिफरेंट कलर्ड वेजिटेबल्स और फ्रूट्स जितने ज्यादे रंगों के फ्रूट्स औ anti-inflammatory chemicals release करते हैं अच्छा एक सीक्रेट इंग्रीडियंट भी आपको बताता हूं जो बहुत ही anti-inflammatory है और हमारा गट बैरियर 30% इस इंग्रीडियंट से बनावा होता है और यह एक प्रोटीन है बाय कौन सा प्रोटीन है आप गेस करना चाहोगे वेल जिन के दिमाग में glutamine आया यू आ करेक्ट ये प्रोटीन non-vegetarians को meat में मिल जाएगा और vegetarians को cabbage और whey protein supplements में इसी के साथ जेनरली भी एक high protein, low sugar और low saturated fats वाला डाइट बेस्ट है क्योंकि blood sugar spikes का inflammation के साथ एक बहुती strong link है अब इसे ध्यान से सुनना ये बहुत important है So अगर आप foods खाते हो जो high in saturated fats है जैसे burgers हो गए, pizzas, fried item, etc तो ये सब खाने से सबसे पहले तो 30 मिनिट में ही आपका blood sugar spike हो जाता है और फिर कुछ 4-6 गंटों के अंदर blood fats के levels भी spike होने लगते हैं अब ये blood sugars और blood fats का spike actually में काफी inflammatory होता है basically हमारे immune cells इनकी संख्या blood में बढ़ते हुए देख सचेत हो जाते हैं और inflammation को trigger करने लगते हैं इसे ऐसे imagine करो कि जैसे ही आपके शरीर का immune system ये देखता है कि blood में बहुती strong sugar spikes और fat spikes आ रहे हैं तो वो उसे पूरे शरीर में लगे छोटे fires की तरह देखता है जिससे वो fire alarm बजाकर फिर immune cells को trigger कर देता है और नतीजन आपके शरीर में जगे inflammation create होने लगता है और सीलिये जितना saturated fats, trans fats, processed sugars जैसे कि maltodextrin हो गया उतना खाओगे उतना ही ज्यादा inflammation create होगा क्योंकि ये even gut barrier को भी कमजोर करके bacteria को blood में leak भी करवाते हैं अब gut microbes और diet के अलावा बात करते हैं chronic inflammation के तीसरे बहुती important solution की जो है frequent inflammation physical activity यादे मैंने थोड़ी देर पहले ही आपको बताया था एक ऐसे research के बारे में जिसमे 75 years के बुढ़े लोगों में भी एक 25 साल के healthy इंसान के बराबर inflammation levels देखने को मिले थे और ये सिर्फ इसलिए हो पाया था just because उस group के लोगों ने पूरी लाइफटाइम एक्सरसाइस जारी रखी थी। Can you believe this? इतना important exercise. In fact, इसी study में ये भी conclude हुआ था, कि आपको extreme level की exercise करने की कोई जरूरत नहीं है। और लोग इंटेंसिटी एक्सरसाइज भी आपके इंफ्लेमेशन लेवल्स को कम करते हैं। क्योंकि एक्सरसाइज से हमारा गट बैक्टीरिया भी हेल्दी रहता है और बहुत सारे आंटी इंफ्लामेटरी हॉर्मोन्स जैसे एंडॉरफिन्स और सेरोटोनिन भी प्रदूस होते हैं। अगर आप हफ्ते में 4-5 बार 20-25 मिनिट भी कार्डियो और 15 मिनिट वेट ट्रेइनिंग भी करोगे तो भी ये इनफ होगा। रेगुलर एक्सराइजेस से बॉडी फाट लेवल्स भी कम होते हैं और फाट सेल्स शरीर के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं जैसे आपको पता होगा। प्रोशन के सबसे बड़े दोस्तों थे बॉ� या अडिपोस टिशूस को प्रॉब्लूम की तरह देखती है और साइटोकीन सिलीज करने लगती है जो इंफ्लेमेशन कॉस करते हैं और आगे चलके इंसुलिन रेजिस्टेंस क्रियेट करते हैं जिससे डाइबिटीज होता है और इसलिए ओबेसिटी और डाइबिटीज इंफ्लेमेशन भीमारी है अब फाइनली बात करते हैं एक और एक बहुती इंपोर्टेंट सलूशन के बारे में प्रॉपर स्लीप स्केडूल प्रॉपर स्लीप स्केडूल के बारे में मैं जितना भी बोलू ना उतना कम है। इस पर तो मैंने एक पूरा डीटेल वीडियो बना रखा है 25 मिनिट का नींद के महत्व के उपर कि हमारे हेल्थ पर इसके क्या एफेक्स होते हैं उसे एक्स्प्लेइन किया है। प्रिपेर कर रहा होता है अगले दिन के नॉर्मल फंक्शनिंग के लिए और आज के मॉडर्न और स्ट्रेसफुल लाइफस्टाइल की वज़े से हम इसे ही सबसे ज़ादा कॉंप्रमाइज करते हैं परस्नली मेरे लेवल पर मैंने एक सिंपल सा प्रिंसिपल ही बना दिया है और इसलिए मैं sharp 11.30 को हमेशा सोने चले जाता हूँ क्योंकि मैंने notice किया है कि सारे problems चाहे वो productivity से related हो चाहे mood से related हो या even health को लेकर तब ही शुरू होते हैं जब मेरा sleep schedule बिगड़ता है bad sleep का inflammation के साथ direct link है stress के साथ high blood pressure, diabetes, heart diseases and even cancers के साथ भी और ये सारे connections पूरे science के साथ in detail सलूशन के साथ भी कि आप अपने स्लीप को कैसे फिक्स कर सकते हो मैंने इन डेप्ट कवर किया है मेरे एक वीडियो में जिसे आप यहाँ पर आई बटन पर क्लिक करके चेक आउट कर सकते हो इस वीडियो को देखने के बाद I highly suggest उस वीडियो को देखना अब इसके अलावा friends दुनिया में आज 130 करोड लोग smoking या tobacco products का इस्तेमाल करते हैं टमबाकू one of the most inflammatory drugs है जिनका लोग रोज सेवन करते हैं addicted हो जाते हैं और इसी से ही कई किसम के कैंसर्स भी जनम लेते हैं इसे हर हाल में हमें रोकना होगा अलकाहॉल को लेकर भी बहुत डिबेट है कि कितनी मातरा में ये प्रो-इंफ्लामेट्री या एंटी-इंफ्लामेट्री हो सकता है मगर सेफेस्ट साइड में रहने के लिए न WHO के रिपोर्ट के अनुसार जाना बेस्ट होगा जो ये कहता है कि नो अमाउंट अफ अलकाहॉल इस सेफ और आधे लोगों को जो कैंसर अलकाहॉल की वज़े से हुए हैं अब तक दिया करते थे तो यू सी फ्रेंड्स क्रॉनिक इंफ्लेमेशन को पनपने से रोकना टोटली आपके हाथ में आपको बस थोड़ा रिस्पॉंसिबल बनना पड़ेगा विद रिगार्ट्स टो यॉर डाइट एंड यॉर लाइफस्टाइल बट इस वीडियो से उम्मीद है आपको एट लीस यह समझ आ गया होगा कि इंफ्लेमेशन एक कितना बड़ा साइलेंट किलर है और समय रहते इसे ट्राक करके सही ला� के साथ जरूर शेर करना क्योंकि ऐसे साइलेंट किलर्स का पता है एक ही सबसे बड़ा इलाज है और वो है मैसिव लेवल पर एवेरनेस फैलाना ताकि हर एक भारतीय सचेत होकर अपनी जिन्दगी को बहतर दिशा दे सके और अगर ऐसा करके हम एक इंसान की भी जान बचा पा और अफकॉर्स प्रिवेंशन इस आलवेज बेटर देन क्यॉर इसलिए आप फार्म इजी लाप्स के थूँ अपना रेगुलर बॉडी चेक अप्स करवा सकते हो इसमें अब मेरा कूपन कोड फ्लाई 1000 यूज़ करोगे तो आपको फ्लाट