वित्तीय प्रबंधन
परिचय
- वित्तीय प्रबंधन का महत्व: इसे व्यवसाय के लिए जीवन रक्त कहा जाता है।
- वित्तीय प्रबंधन: व्यवसाय संचालन के लिए आवश्यक धन और उसका प्रबंधन।
- लक्ष्य: शेयरधारकों की संपत्ति को अधिकतम करना।
वित्तीय प्रबंधन के उद्देश्यों
- धन का पर्याप्त और कुशल प्रबंधन।
- व्यवसाय की वृद्धि और अस्तित्व के लिए समय पर पर्याप्त धन प्राप्त करना।
वित्तीय निर्णय के प्रकार
-
निवेश निर्णय:
- धन को कहां निवेश करना है।
- लंबे समय के लिए निवेश निर्णय को 'कैपिटल बजटिंग निर्णय' कहा जाता है।
- महत्वपूर्ण कारक: नकदी प्रवाह, निवेश पर प्रतिलाभ (ROI), जोखिम और पुनः प्राप्ति क्षमता।
-
वित्तपोषण निर्णय:
- धन कहां से लाना है।
- प्रमुख स्रोत: ऋण और इक्विटी।
- फैक्टर: नकदी प्रवाह स्थिति, लागत, ऋण-इक्विटी अनुपात।
-
लाभांश निर्णय:
- लाभ का वितरण कैसे करना है।
- शेयरधारकों को कितना लाभांश देना और कितनी राशि को पुनः निवेश करना।
वित्तीय नियोजन
- परिभाषा: भविष्य में कितनी राशि, कहां से, कब प्राप्त होगी और कितना बटेगा, इसका पूर्व-निर्धारण।
- महत्व:
- इष्टतम निधि व्यवस्था में मदद करता है।
- उपयुक्त पूंजी संरचना और सही परियोजनाओं में निवेश में सहायता।
- भविष्य के झटकों और आश्चर्यों से बचाता है।
पूंजी संरचना
- पुंजी संरचना: कुल पूंजी का ऋण और इक्विटी में विभाजन।
- प्रभावित कारक: नकदी प्रवाह स्थिति, ब्याज कवरेज अनुपात, निवेश पर प्रतिलाभ।
स्थायी और कार्यशील पूंजी
निष्कर्ष
- वित्तीय प्रबंधन के माध्यम से सही फैसले लेकर व्यवसाय की वृद्धि और स्थायित्व सुनिश्चित किया जा सकता है।
- सही वित्तीय योजना व्यवसाय के सभी पहलुओं को समन्वय में रखती है।
यह नोट्स वित्तीय प्रबंधन के मुख्य बिंदुओं का सारांश प्रदान करते हैं और इसे समझने में मदद करेंगे कि व्यवसाय में धन का प्रबंधन कैसे किया जा सकता है।