बांगलादेश में राजनीतिक संकट और विद्रोह

Aug 5, 2024

बांगलादेश में राजनीतिक संकट

शेख हसीना का इस्तीफा

  • शेख हसीना, बांगलादेश के प्रधान मंत्री, ने पद से इस्तीफा दिया।
  • देश छोड़कर भाग गई हैं।
  • धाका में उनकी पार्टी, अवामी लीग, के मुख्यालय को जनता ने जलाया।
  • आंदोलन का मुख्य नारा: "ची ची हसीना, शर्म करो!"

स्थिति का विस्तार

  • बांगलादेश-भारत सीमा पर BSF हाई अलर्ट।
  • 2009 से अवामी लीग सत्ता में थी, हसीना प्रधानमंत्री रही।
  • गणो भवन (प्रधानमंत्री का सरकारी आवास) पर जनता का कब्जा।
  • शेख मुजीबुर रहमान की मूर्तियाँ तोड़ी जा रही हैं।

आंदोलनों की प्रकृति

  • "जन जी" के नेतृत्व में प्रदर्शन।
  • छात्रों का यह विजय जुलूस।
  • 90 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें 14 पुलिस वाले भी शामिल।
  • प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने में हमला किया।

सरकारी प्रतिक्रिया

  • शेख हसीना ने प्रदर्शनों को "रजाकार" कहा।
  • रजाकार का मतलब: बांगलादेश की आजादी के खिलाफ।
  • सरकार ने दमनकारी नीतियों का इस्तेमाल किया।

आरक्षण विरोधी आंदोलन

  • छात्रों ने आरक्षण को खत्म करने की मांग की।
  • "Students Against Discrimination Group" का गठन।
  • पिछले कुछ समय में, आंदोलन ने व्यापक समर्थन प्राप्त किया।

सरकार की नाकामी

  • हसीना की सरकार ने छात्रों के प्रदर्शन को कमजोर करने के प्रयास किए।
  • हिंसा और आगजनी की घटनाएँ।
  • सरकार ने छात्रों को गद्दार और आतंकवादी कहा।

अंतरिम सरकार की स्थापना

  • जनरल वाकर उज्जमान ने घोषणा की कि शेख हसीना ने इस्तीफा दिया है।
  • सेना की सरकार को छात्रों ने अस्वीकार कर दिया।
  • अंतरिम सरकार का गठन होगा।

अंतर्दृष्टि

  • बांगलादेश में राजनीतिक अस्थिरता भारत के लिए चिंता का विषय है।
  • ममता बनर्जी ने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की।
  • बांगलादेश के हालात पर भारत को ध्यान देने की आवश्यकता।

निष्कर्ष

  • सत्ता का पूर्ण नियंत्रण और लोकतंत्र का दिखावा एक दिन जनता के विद्रोह में बदल जाता है।