बिस्मिल्लाह र रहमान रहीम अस्सलाम वालेकुम नाजरीन दीन दुनिया चैनल में आपको खुशामदीद कहते हैं मैं डॉक्टर कल्पना हूं मैं मेडिकल फील्ड से मुतालिक कुछ सवाल करना चाहती हूं क्या इस्लाम में फैमिली प्लानिंग की इजाजत है और आमतौर पर मुसलमान क्यों एमटीपी को प्रेफर करते हैं बजाय यू आरटीएल के और मुसलमान औरतों को टीएल पर रजामंद करना इंतहा मुश्किल होता है एमटीपी पर मुसलमान आमतौर पर मान जाते हैं ऐसा क्यों है नाजरीन डॉक्टर कल्पना ने यह सवाल डॉक्टर जाकिर नायक से किया था उसने अपने सवाल में मेडिकल टर्मिनोलॉजी का इस्तेमाल किया जो कि एक आम शख्स नहीं जानता क्या होता है तो अक्सर लोगों को सवाल समझ में ही नहीं आया मगर डॉ जाकिर नायक के नाम के साथ डॉक्टर ऐसे ही नहीं लिखा वो भी मेडिकल फील्ड में रह चुके हैं उन्होंने सवाल की समझ आ गई लेकिन जब उन्होंने मजमे में बैठे लोगों के चेहरों के तासु आत पढ़े तो कल्पना का सवाल दोहराया ताकि वहां बैठे लोगों को भी इसकी समझ आ जाए उन्होंने कहा कि बहन डॉक्टर कल्पना का ताल्लुक मेडिकल फील्ड से है तो उन्होंने कुछ शॉर्ट फॉर्म्स का इस्तेमाल किया जो आमतौर पर तो सर से ही गुजर जाते हैं मगर मैं चूंकि डॉक्टर हूं जानता हूं कि यह क्या पूछना चाहती हैं उन्होंने इस्लाम में फैमिली प्लानिंग का सवाल किया और यह भी पूछा कि मुसलमानों को एमटीपी पर राजी करना आसान होता है जिसको मेडिकल टर्म में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी कहा जाता है तो टीएल पर रजामंद करना बहुत मुश्किल है जिसको ट्यूब लाइजेशन कहते हैं इसका मतलब है फैमिली प्लानिंग का मुस्तकिल तरीका आप पहले कल्पना का सवाल सुनिए नाजरीन फिर आपको डॉक्टर जाकिर नायक का जवाब भी बड़ी तफसील के साथ सुनाते हैं आई एम डॉक्टर कल्पना आई वांटेड टू आस्क फ्यू क्वेश्च रिगार्डिंग मेडिकल फीड बेसिकली इज फैमिली प्लानिंग अलाउड इन इस्लाम एंड वई जनरली पीपल प्रेफर एमटीपी दैट इज मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी राद देन योर टीएल एंड इट्स वेरी डिफिकल्ट टू कविंस देम फॉर अ टील इट्स वेरी इजी फॉर देम टू डू अ एमटीपी डॉक्टर साहब ने बताया कि जहां तक फैमिली प्लानिंग का ताल्लुक है तो एक बहुत ही वसी मौजू है आमतौर पर लोग फैमिली प्लानिंग इसलिए करते हैं क्योंकि वह लोग बच्चे पैदा नहीं करना चाहते जहां तक फैमिली प्लानिंग के मुस्तकिल तरीका का का ताल्लुक है तो चाहे यह टीएल का विटी कोटोमी या कोई भी और तरीका जो अभी मौजूद है या कभी भी साइंस निकालेगी वो हर तरह से 100 फी हराम है एज फार एज फैमिली प्लानिंग इज कंसर्न इट्स अ वेरी कांसेप्ट प्लानिंग द फैमिली एंड मेनली पीपल प्लान द फैमिली एंड दे वांट टू प्रिवेंट हैविंग चिल्ड्रन एट सेट सो व्हाट डज इस्लाम से अबाउट दिस एज फार एज फैमिली प्लानिंग इज कंसर्न ऑल परमानेंट मेथड्स वेदर इट बी ट्यूबल लागे टीएल व्ट यू मेंशन वेदर इट बी वजक टमी एनी परमानेंट मेथड ऑफ फैमिली प्लानिंग इन इस्लाम इज प्रोहिबिटेड डॉट जाकिर नायक का बताना था कि कोई भी एमटीपी यानी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी आम अल्फाज में इसको अबॉर्शन कहते हैं या भारत में इसको बच्चा गिराने जैसे अल्फाज से जाना जाता है यह किसी भी तरीके से हो इसको कोई भी नाम हो यह भी 100% हराम है इससे जहां तक हो सके बचना चाहिए क्योंकि ऐसा करके आप एक जान को कत्ल कर रहे हैं सिर्फ एक सूरत में इसकी इजाजत दी जा सकती है और वो यह है कि मां की सेहत को पेट में पलने वाले बच्चे से कोई खतरा हो अगर मां की जिंदगी खतरे में है मिसाल के तौर पर मां के इस बच्चे की पैदाइश से पहले भी कई बच्चे हैं और कई मर्तबा उसके हां सर्जरी के जरिए ये बच्चों की पैदाइश हुई है यानी चार से पांच मर्तबा इसका सिजेरियन इंसेक्स हो चुका है अगर एक और हुआ तो मां की जान को खतरा हो सकता है या फिर वो दिल के आरजे में मुब्तला हो सकती है मेडिकल की फील्ड में मां को खतरे से बचाने के लिए हर तरह के इमका देखे जाते हैं ये भी हो सकता है कि डॉक्टर यह तजवीज दें कि मां एक और हमल की कैफियत से गुजर नहीं सकती अगर ऐसा हुआ तो इसकी जिंदगी को खतरा हो सकता है यह किसी मुस्तकिल आरजे में मुब्तला हो सकती है तो ऐसी सूरत में हमल गिराया जा सकता है इस सूरत में इस ला शरीयत कहती है कि बड़े नुकसान से बेहतर है छोटा नुकसान बर्दाश्त कर लिया जाए मां की जिंदगी इस जान से ज्यादा कीमती है जिसने अभी इस दुनिया में आना है इस सूरते हाल में यह तरीका आखिरी हल के तौर पर इस्तेमाल हो सकता है एनी एमटीपी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी इट इज प्रोहिबिटेड बिकॉज यूर किलिंग अ लाइफ अनलेस इट इज अ डेंजर फॉर द लाइफ ऑफ द मदर इफ द मदर लाइफ इज इन डेंजर दैट मे बी शी हैज मल्टीपल सरियन सेक्शन एंड इफ द डॉक्टर सेट शी हैज हैड फोर और फाइव सिजर इन सेक्शन वन मोर सिजर सेक्शन मी डेट्रिमेंटल टू अ लाइफ और शी हैज सम हार्ट प्रॉब्लम एंड शी कैन नॉट टेक द स्ट्रेन ऑफ अंडरगोइंग वन मोर प्रेगनेंसी सो इन दिस केस द इस्लामिक शरिया सेज लेट अ स्मॉल लॉस टेक प्लेस टू प्रिवेंट अ बिग लॉस द लाइफ ऑफ द मदर इज मोर इंपोर्टेंट देन द लाइफ दैट इज गोइंग टू कम इन दिस वर्ल्ड डॉक्ट जाकिर नायक ने डॉक्टर कल्पना से कहा कि आप मुसलमान खवातीन को इन तरीका का के इस्तेमाल पर मजबूर ना करें क्योंकि आप दीन इस्लाम को नहीं जानती और जिनको आपसे तजवीज करती हैं हो सकता है वह मुसलमान तो हो मगर इस्लाम से अच्छी तरह वाकिफ ना हो और वह इस मसले को ना समझते हुए आपकी बात पर राजी हो जाए इसका गुनाह उन पर तो होगा ही साथ ही आप पर भी होगा कोई भी मुस्तकिल तरीका जिससे आइंदा कभी भी हमल ना ठहरे ये हराम है और ये इसलिए हराम है कि हमें दीन इस्लाम ने ऐसा हुकम दिया सूर इनाम की आयत नंबर 151 में वाज तौर पर लिखा है कि तंगदस्ती के सबब अपनी औलाद को कत्ल ना करो हम तुम्हें और उन्हें रिज्क देंगे यही पैगाम अल्लाह ताला ने सूर असरा में दोबारा दिया जिसका तर्जुमा है और अपनी औलाद को तंगदस्ती के डर से कत्ल ना करो हम उन्हें भी रिजक देते हैं और तुम्हें भी बेशक उनका कत्ल करना बड़ा गुनाह है इन आयात की बिना पर हम इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि अबॉर्शन करना बिल्कुल हराम है और जहां तक आरजी तौर पर हमल रोकने का तरीका है इन पर उलमा की सोच का इख्तिलाफ है सबसे आम जो तरीका है इसको कॉपर्टी कहा जाता है जब मैं मेडिकल साइंस पढ़ रहा था तो इसके मुताबिक ऑपटी तांबे का बना होता है इसकी शक्ल एक टी जैसी होती है इसको बच्चा के अंदर रख दिया जाता है जिसकी वजह से नुफा ओम में दाखिल नहीं हो पाता यह बहुत ही इब्तिदा मरहले का अबॉर्शन कहा जा सकता है जो लोग इस्लामी तामा से अच्छे से वाकिफ हैं उनको पता है कि कॉपर्टी भी मना शुदा चीज है जहां तक कंडोम का ताल्लुक है तो इस पर राय मुख्तलिफ है बट द कॉपरटी प्रिवेंट द जागोट फ्रॉम क्लिंग ऑन द यूटन वॉल ऑन द वॉल ऑफ द वूम ऑफ द मदर सो इट इज नथिंग बट अ वेरी अर्ली अबॉर्शन सो इस्लामिकली दोस पीपल हु नो अबाउट द मेडिकल साइंस इवन कॉपर्टी इज प्रोहिबिटेड एज फार एज दे मे बी डिफरेंस इन द अदर टेंपररी मेथड वेदर इट बी कंडम मेथड बद मेथड डॉक्टर जाकिर नायक ने इस मसले को एक और तरीके से समझाना चाहा और बताया कि आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास एक शख्स आया और कहने लगा कि माउस करने का आदि था यानी कि क्लाइमैक्स से पहले ही हरकत बंद कर देता था इससे मादा बीवी के अंदर नहीं जाता था बल्कि बाहर निकल जाता था और आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम खामोश थे जो लोग इस चीज को करते हैं यानी हम बिस्तरी के दौरान मादा को बीवी के अंदर नहीं जाने देते वो कहते हैं कि इस्लाम में इसकी इजाजत है क्योंकि आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इस पर कुछ नहीं कहा जो इसके खिलाफ हैं वोह भी ऐसा ही जवास पेश करते हैं और कहते हैं कि जब आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम खामोश थे तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया तो इसका मतलब है वो इससे इख्तिलाफ करते थे इसी खामोशी को लेकर दो मुख्तलिफ किस्म की राय बनाई गई हैं डॉक्टर साहब ने कहा कि मैं इस सवाल पर वापस आता हूं कि एक शख्स फैमिली प्लानिंग करना क्यों चाहता है जब किसी को सर दर्द होता है तो इसको डिस्पिन देते हैं यह इलाज सर दर्द को खत्म नहीं करता बल्कि इंसान को नसों को सुन कर देता है जिससे इंसान दर्द महसूस नहीं करता ये दर्द का इलाज नहीं बल्कि आरजी तरीका है इलाज का असल तरीका यह है कि दर्द फैलाने वाले जरासी को ही मार दिया जाए तो पहले तो यह जानते हैं कि कोई फैमिली प्लानिंग करता ही क्यों है जो भी वजह आप इन दो कैटेगरी में तकसीम कर सकते हैं पहला गुरबत इंसान सोचता है कि मैं गरीब हूं और मेरे पहले से कई बच्चे हैं हम पहले ही दो वक्त की रोटी पूरी करते हैं अगर यह बच्चा अभी आ गया तो खर्चे और बढ़ जाएंगे तो व अबॉर्शन कराता है दूसरा तबका अमीरों का है जो सोचते हैं कि मुझे रुपए पैसे का तो कोई मसला नहीं मगर मैं अपने बच्चे पर पूरी तवज्जो देना चाहता हूं इस पर फोकस करना चाहूंगा तो इसको डॉक्टर या इंजीनियर बनाऊंगा जहां तक पहले केस का ताल्लुक है तो इस्लाम इस मसले का हल देता है जो जकात है हर अमीर शख्स पर जकात फर्ज है जिसके पास भी 85 ग्राम से ज्यादा सोना है उसको जायद सोने पर जकात देना होती है अगर दुनिया में मौजूद हर अमीर शख्स जकात दे तो दुनिया में कोई भूखा ना मरे अगर गुरबत अबॉर्शन की वजह है तो इस्लाम का हल मौजूद है जो जकात ले रहा है वो किसी का एहसान नहीं ले रहा और जो जकात दे रहा है वो कोई एहसान नहीं कर रहा अल्लाह ताला ने उसको दौलत दी है तो उसकी जिम्मेदारी है कि वो जकात दे इफ एवरी रिच ह्यूमन बीइंग गिव जकात पॉवर्टी विल बी राकेट फ्रॉम दिस वर्ल्ड दे विल नॉट बी अ सिंगल ह्यूमन बीइंग हु विल डा ऑफ हंगर सो इफ योर प्रॉब्लम इज पॉवर्टी इस्लाम हैज द सलूशन एंड द पर्सन हु टेक जकात ही इज नॉट बींग डिग्रेडेड एंड द पर्सन हु इज वेल्थी एंड गिविंग जकात ही इज नॉ डूइंग अ फेवर ऑन द पोर मैन बिकॉज गॉड गव हिम वेल्थ इट इज ड्यूटी ही इ नॉट डूइंग अ फेवर ऑन द पुर पीपल डॉक्टर जाकिर नायक ने बताया कि मैंने पहले दो आयात के हवाले दिए दोनों एक ही जैसी थी जो यह पैगाम देती हैं कि औलाद को ना मारो भूख के डर से मगर इसमें कुछ फर्क है पहली आयत कहती है कि अपने बच्चों को तंगदस्ती के खौफ से कत्ल ना करो हम तुम्हें और उन्हें रिजक देंगे और दूसरी आयत कहती है अपनी औलाद को तंगदस्ती के डर से कत्ल ना करो हम उन्हें भी रिजक देते हैं और तुम्हें भी बेशक उनका कत्ल करना बड़ा गुनाह है पहली आयत में कहा गया कि हम तुम्हें और तुम्हारे बच्चों को रि देते हैं दूसरी में कहा गया कि तुम्हारे बच्चों को भी और तुम्हें भी इसमें हिकमत है मुफस्सिर कहते हैं कि पहली आयत सूर इनाम वाली गरीबों की तरफ इशारा है दूसरी आयत जो सूर असरा की है वो उमरा की तरफ इशारा है डॉक्टर जाकिर नायक का कहना था कि मैं अपने मां-बाप की पांचवीं औलाद हूं अगर मेरे वालदैन ने फैमिली प्लानिंग की होती तो मैं यहां ना होता क्या आप समझते हैं कि मेरी पैदाइश ऐसी फजूल में है दुनिया में दो प्रोफेशन बड़े नाम इनाम और काम वाले हैं पहला तब्लीगी होना और दूसरा डॉक्टर होना अल्लाह ताला के फजल से मैं पहले डॉक्टर बना और फिर तबलीग शुरू कर दी अगर आप टॉप 10 शख्सियत की फेहरिस्त उठाएं तो शोभा कोई भी हो आप देखेंगे कि वो सब के सब पहले या दूसरे नहीं बल्कि तीसरे चौथे पांचवें छठे नंबर पर पैदा हुए अल्लाह ताला ने एक कुदरती प्रोसेस दे रखा है माएं अपने बच्चों को दूध नहीं पिलाती वो सोचती हैं कि उनका फिगर खराब हो जाएगा मगर आज की मेडिकल साइंस हमें बताती है कि किसी भी बच्चे के लिए उसकी मां का दूध सबसे बेहतरीन गज है और जो माएं अपने बच्चों को अपना दूध पिलाती हैं उनमें कैंसर का खतरा इंतहा हद तक कम हो जाता है और जहां तक आबादी की बात है तो हम अक्सर भारत भ में सुनते हैं कि हम दो हमारे दो फिर कहा जाता है कि एक के बाद अभी नहीं दो के बाद कभी नहीं ये भारतीय हुकूमत है जो सोचती है कि ज्यादा आबादी हो गई तो हम कैसे संभालेंगे मगर आप अमेरिका में चले जाएं तो वहां बच्चे की टीशर्ट पर लिखा होता है कि मैं अपने मां-बाप का टैक्स बचा रहा हूं कैनेडा और ऑस्ट्रेलिया में जैसे ही बच्चा पैदा होता है हुकूमत वालदैन को अलाउंस देती है जब वो हुकूमत आबादी को इतना प्रेफर कर रही हैं तो फिर भारतीय हुकूमत क्यों हौसला शिकनी कर रही है आज भारत और चीन सुपर पावर बनने की दौड़ में है क्योंकि दोनों की आबादी दुनिया की आबादी का 50 फीस है इसलिए दुनिया इन दोनों मुल्कों में इन्वेस्ट करना चाहती है और वजह सिर्फ और सिर्फ मैन पार है टू एंड आवर टू एक के बाद अभी नहीं दो के बाद कभी नहीं आफ्टर वन नॉट नाउ आफ्टर टू नेवर स दज आर स्लोगन इन इंडिया बिकॉज इंडियन गवर्नमेंट डजन नो हाउ टू टेक केयर ऑफ द पॉपुलेशन इफ यू गो टू अमेरिका द चिल्ड्रन वेयर अ टीशर्ट आई एम माय फादर टैक्स सेवर द मोस्ट चिल्ड्रन यू हैव द लेस टैक्स हैव टू पे यू गो टू ऑस्ट्रेलिया यू गो टू कनाडा द मोमेंट द चाइल्ड इज बोर्न द गवर्नमेंट गिव देम अलाउंस एवरी चाइल्ड एवरी मंथ यू गेट अलाउंस सो द गवर्नमेंट ऑफ यूएस कैनेडा ऑस्ट्रेलिया द इनकरेजिंग पॉपुलेशन व्हाई इज द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया डिस्क्रि डॉक्टर जाकिर नायक ने बताया कि औलाद से बचने वाली भी एक कैटेगरी है एक मर्तबा किसी ने मुझे बताया कि भाई जाकिर मैं अपनी जिंदगी को एंजॉय करना चाहता हूं इसलिए मैं औलाद के झंझट में नहीं पढ़ना चाहता मैंने उसे कहा कि अगर तुम्हारा मकसद जिंदगी एंजॉय करना है तब भी तुम जल्दी शादी करो भारत में बहुत सी ससते हैं जहां यही कुछ होता है गुजरात में लड़के 20 साल की उम्र में शादी कर लेते हैं फौरन ही औलाद हो जाती है जब वो 3540 साल के होते हैं तो उनकी औलाद उनका कारोबार संभालने के लिए तैयार हो चुकी होती है फिर वो रिटायर होकर अपनी जिंदगी इंजॉय करते हैं अल्लाह ताला ने कुरान पाक में फरमाया और उन्होंने खुफिया तदबीर की और अल्लाह ने भी खुफिया तदबीर फरमाई और अल्लाह बेहतरीन खुफिया तदबीर करने वालों में से है अगर आप फैमिली प्लानिंग करना चाहते हैं तो करें मैं अल्लाह ताला की प्लानिंग पर भरोसा करता हूं और करता रहूंगा नाजरीन आज की वीडियो के बारे में आपकी राय क्या है कमेंट सेक्शन में जरूर आगाह कीजिए अपना ख्याल रखिए अल्लाह हाफिज