हरिहर काका का पाठ

Jun 8, 2024

हरिहर काका का पाठ

लेखक: मिथिलेश्वर

मुख्य विचार

  • कहानी का शीर्षक: हरिहर काका
  • मुख्य विषय: परिवारिक संबंधों में स्वार्थी प्रवृत्ति और बदलते पारिवारिक मूल्य
  • मुख्य पात्र: हरिहर काका

कहानी का सार

  • परिवार:
    • हरिहर काका चार भाइयों में से एक हैं, लेकिन उनके खुद के परिवार नहीं है।
    • दोनों पत्नियों की मृत्यु के बाद वे निःसंतान रह गए।
    • उनके भाइयों की नजर उनकी 15 बीघे जमीन पर है।
  • हरिहर काका और लेखक का रिश्ता:
    • लेखक का हरिहर काका से घनिष्ट संबंध था।
    • हरिहर काका ने अपना सारा प्यार लेखक पर न्यौछावर किया।
    • कुछ समय बाद हरिहर काका ने अपनी परेशानियां लेखक से बांटना बंद कर दिया।

पारिवारिक और धार्मिक संघर्ष

  • ठाकुरबारी:
    • एक लोकप्रिय पूजा स्थल, जिसके महंत ने हरिहर काका को जमीन दान देने के लिए मनाने की कोशिश की।
    • काका को लालच देकर महंत ने उनकी जायदाद को ठाकुरबारी के नाम करने की कोशिश की।
  • परिवार का व्यवहार:
    • हरिहर काका के परिवार ने उनके साथ बुरा व्यवहार किया और उन्हें परिवार छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
    • फिर, परिवार ने मना कर उन्हें वापस बुला लिया और उनकी सेवा की।
  • गांव की चर्चाएं:
    • गाँववालों के बीच हरिहर काका की जमीन को लेकर चर्चाएँ।
    • कुछ लोग चाहते थे कि वे जमीन ठाकुरबारी को दें, कुछ परिवार को।

महत्वपूर्ण घटनाएँ एवं निस्कर्ष

  • हरिहर काका का अपहरण:
    • महंत ने हरिहर काका का अपहरण कर उनके अंगूठे के निशान लिए।
    • पुलिस ने महंत की कैद से हरिहर काका को मुक्त कराया।
  • भाइयों की स्वार्थी प्रवृत्ति:
    • भाइयों ने भी हरिहर काका को मारपीट कर जमीन को अपने नाम करने की कोशिश की।
  • हरिहर काका का निर्णायक निर्णय:
    • हरिहर काका ने अपनी जमीन किसी को नहीं देने का निश्चय किया।
    • पुलिस की सुरक्षा में रहने लगे।
    • नकारात्मक प्रभाव: अब वे मौन रहने लगे और सिर्फ आकाश को निहारते रहते।