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पेरियोडिक टेबल का महत्व

Hello and Jain Students, welcome once again to your own channel, Sartarun Rupani. Yes, a warm, warm, warm welcome to all my rising stars. Yes, this batch is dedicated to class 9 students and I have tried to make all important subjects lesson videos for you. Link of joining the WhatsApp group as well as the Telegram channel is given in description. वो एंड जॉइन एड एंड जॉइ फुल फुल एक्सप्लेनेशन ऑफ ऑल मेजर सब्जेक्ट्स अलांग विद नोट तो लेट अज़वेद इन चैप्टर विप्रियोडिक टेबल इन डिटेल तो प्रियोडिक टेबल अ केमेस्ट्री ने क्या इंपोर्टेंस है जैसे अ जैसे समोसे में आलू का importance है, वैसा ही periodic table का chemistry में importance है, तब अगर आप समोसे से आलू निकाल दो, तो आप समझे क्या होगा, समोसा बेकार है, तो chemistry को समझना है, तो बिना periodic table के आप chemistry, yes, future के लिए अपने, yes, आप सोचे ignore कर दीजे तब आप, तो आप chemistry को ignore कर दीजे तब आप, अगर आप predictable समझ लिया है, तो 118 elements जो धर्दी में पाए जा रहे हैं इस समय, हाँ, जो known elements हैं, उनका study करना, उनकी properties को जान पाना आपके लिए असान होगा, that is why periodic table is so important, तो grouping of elements करना, कितने सारे धर्दी में elements पाए जा रहे हैं, जिसमें से 94, 118 में से 94 ऐसे elements हैं, naturally occurring हैं, और बाकी बचे, जो साइंस में या लैब्ब में प्रेपेर किये गए हैं, तो इनको ग्रूप कैसे करें?

तो सबसे बड़ी समस्या जब आई, जब धर्टी में एलिमेंट तो पदा चल गए, तो इनको ग्रूपिंग करना, ग्रूपिंग करना कैसे? क्लासिज में बाटना, हाँ, इसका नाम रखा गया, क्लासिफिकेशन या पेरियोडिक क्लासिफिकेशन, जैसे कि आपके क्लास में, जी आपके क्लास में टाइम टेबल बना हुआ है, हाँ, टाइम टेबल बना हुआ है, मैं बना रहा हूँ स्क्रीन पे आपके लिए टाइम टेबल, फंटे को, पर्स पीरेड इंग्लिश ठीक है यूज़डे को अगेन पर्स पीरेड इंग्लिश थर्सडे को बैनेसडे को पर्स पीरेड इंग्लिश तो ये क्या है ये आपका टाइम टेबल है एक सर्टन टाइम टेबल बाद जो सबजेक्ट आ रहे हैं वो रिपीट होते जा रहे हैं ऐसा ही elements में भी किया जा सकता है क्या? क्या elements को भी किसी class में बाटा जा सकता है क्या?

किसी का नाम रखा गया था? periodic classification तो ऐसा करना क्यों जरूरी है? क्यों जरूरी है कि table बनाया जाए? table मतलब समझ गया न? जहां रोज यह रहे इसको रोज बोलते हैं देखे इसको रोज बोलते हैं जहां रोज हो और जहां पर columns हो जब आप rows की बहुत करते हैं, तो आप बात करते हैं horizontal की, ऐसे, ठीक है?

और जब आप columns की बात करते हैं, तो आप बात करते हैं ऐसे, vertical. तो जहां दोनों मिलते हैं, ये जहां rows और columns दोनों मिलते हैं, वो आपका बन जाता है table. तो periodic table क्या जरूरत है इसकी भाई? क्या जरूरत है table बनाने के तो they help, this method helps in arranging the elements that are alive. एक जैसे elements को उनकी properties को एक जगह करना और separate करना जो unlike elements हैं.

हाँ, group में पाए जाने वाले elements, same group में पाए जाने elements की properties same होती हैं, इसलिए इसको बनाया जाना easy है. इससे आपको और भी elements की properties के बारे में पता चल पाए. आइए reasons जानते हैं, reasons for classification. अब से पहला reason जानेंगे, अब से पहला reason है, it helps in studying.

एलिमेंट्स एलिमेंट्स को यह तो कि इतने सारे एलिमेंट्स है उनका नाम याद कर पाना उनकी प्रॉप्टीज याद कर पाना हो वह इस एडिफिकल्ट टास्ट पर प्रियोडिक्ट टेबल की मदद से तो क्योंकि होगा का तो हेल्प करता है एलिमेंट्स को प्रदी करने में और ग्नाइज वे में और क्या करता है हेल्प करता है डिफाइनिंग दिलेशनशिप एक एलिमेंट देख दूसरे लिए के साथ क्या रिलेशन है यह भी हम जान सकते हैं प्रियोडिक्ट इन लिए तो सबसे पहले जब classification की शुरुवात हुई, तो ये problem आई कि किस base पे table बनाएं, ये जो classification करेंगे, grouping करेंगे, किस basis पे करेंगे? उनमें सबसे पहले व्यक्ति थे विलियम फ्राउड, जिनका आप दर्शन भी कर सकते हैं, ये रहे विलियम फ्राउड जी, तो इन्होंने डिसकवर किया, इन्होंने देखा, कि अटॉमिक मास को क्या कर सकते हैं, क्योंकि किसी भी दो एलिमेंट का अटॉमिक मास एक जैसा नह elements का grouping करेंगे तो mass number के basis नहीं पर याद रखेगा ये very very early stage of classification periodic table बनाने का earliest stage था जब ऐसा classification सोचा गया आईए इसके बाद आते हैं hmm Dobb-Nair Tread Dobb-Nair नाम के एक German Chemist की JW आप इनका image ही देख पा रहे होंगे डॉप नायर जी का और इन्होंने क्या किया इन्होंने देखा क्या note किया इन्होंने कि जो similar properties वाली element है कि properties एक जैसी है उनको किसी एक group में रखा जा सकता है ऐसे उन्होंने तीन तीन elements के group खोजे क्या? तीन इसलिए triad triad actually जो है ना ठीक है ना?

triad मतलब होता है तिकडी तीकडी जानते हैं ना, तीकडी मतलब तीन जीच का जैसे जुन होता है ना, उसे कहते हैं, तो तीन तीन के elements का group इन्होंने बनाया, और ये देखा कि ये जो elements हैं, जो तीनो elements एक जैसी property वाले हैं, उनको उन्होंने नाम दिया triad, बस ध्यान ये रखना था, कि जो elements होंगे, व का average निकालें तो बीच वाले का weight आ जाएगा, ती, ऐसा करके देखते हैं, आइए, मैंने दिखाया आपको lithium का atomic weight 6.9, और दूसरा दिखाया potassium का atomic weight 39.1, जब इनको add करेंगे और इनका average निकालेंगे, तो बीच के element का, yes, बीच के element का weight आ जाएगा, तो ये तीनों element क्या बन जाएगे, try बन जाएगे, आ रहा है तो इसको प्लस करते हैं तो आपके पास आता है 46 और 46 अपॉन आप टू करते हैं तो आपका अंसर आ जाता है बंदी तो इनका ये ट्रायड तो सफल हो गया जी ये जो पहला तीन एलिमेंट है पहले तीन एलिमेंट का ये तीन एलिमेंट का उन्होंने बनाया प्रिथियम टोरियम और पोटेक्शियम ये ट्रायड है या खासबत की देखा न ट्रायड में प्रायट में तीन elements को रखा गया, increasing atomic हिसाब से, इसमें से first और last element का atomic weight का अगर average निकालते हैं, ती, the atomic mass of the middle element का atomic mass किसके बराबर होगा? वो average of the atomic mass of other two elements के बराबर होगा, तो ये एक पहला classification था, जिरुवाती classification था जो कुछ हद तक सफल हो गया, बट, या ये पूरी तरह से accept हुआ, क्या इसने कोई कमी नहीं थी, नहीं, आगे जाके scientist ने इस triads को reject कर दिया, आईए, कुछ और example से, ये example से देखते हैं, कि जो उन्होंने तीन elements लिये, जैसे example उन्होंने लिया, calcium, strontium, barium, calcium, strontium, barium, हाँ, ये प्रदा highlight कर दिया इसको, तो देखा कि इन तीनों की प्रॉप्रीज एक जैसी है, ये तीनों मेटल्स हैं, ये तीनों ऑक्साइड स्वाम्ग करते हैं, तीनों अलकलाई नेचर के हैं, और तीनों की वैलेंसी टू है, तो ट्रायड में पाएने जाले वाले, ये ट्रायड है, तीन एलिमेंट का जोड़ा कमी क्या रह गई जिसकी वज़े से इसको बाद में accept नहीं दिया गया, अधार इसको grouping का अच्छा rule नहीं माना गया, पहला, पहली कमी क्या रह गई डॉबनायर के triad में, कि इस triad में all known elements, उस समय के जितने known elements से सबको fail to arrange, सबको हम triad में नहीं बना पा रहे हैं, अधार जितने विदिन दिसेव पैपली लॉग उस पर अप्लाई नहीं होता जो सीम एलिमेंट थे जैसे कि एग्जांपल है लॉजन पर एलोजन सब जानते हैं सॉल्ड फॉरमर्स होते हैं इसलिए सब में क्या होता है अ वह सब में लास्ट शेल में सब्सक्राइब करेंगे अब आप क्या करेंगे निकालेंगे निकालेंगे फर्स्ट और लास्ट फर्स्ट आपका फ्लोरी जो कि नहीं है और लास्ट है इसमें रोमी जो कि एड़ी है अगर इसका अवेज निकालेंगे नाइंटी नाइंड का एवरेज आ रहा है फॉर्टी आ नाइन पॉइंट फाइड तो आपके असाप से तो फर्टी नाइन पॉइंट फाइड आ रहा है तो इसका वेडियो तो इतना आना चाहिए था ना तो क्लोरीन का वेडियो तो उतना नहीं है देखिए क्लोरीन का वेडियो कितना है एक्चुअल फर्टी पाइट पाइट तो इनके प्राइड के यह साफ से सीम फैमिली में भी यह रूल अप्लाई नहीं हो पाता है जन फैमिली का नपल दिरा तरह उस पर भी यह रूल अप्लाई नहीं हो पा रहा है तो इसीलिए इस सिस्टम को क्या करना पड़ा रॉक करना कि किसी ने शुरुआत को की एक ग्लासेस बनाने की एक ग्रुप बनाने की जैसे उन्होंने तीन का ग्रुप बना दिया इसके आगे निकल जाएंगे या इसके आगे निकल जाएंगे ये जॉन निउलेंड जी आप इनकी तस्पित देख सकते हैं इसमें बताया कि जब एलिमेंट्स को अरेंज करेंगे तो इंक्रीजिंग अटॉमिक मास के विशेष अरेंज करेंगे पहला element का atomic mass 1 है, तो दूसरे का 1 नहीं होगा, 1 से जब भी होगा बड़ा होगा, let's say 2 है, है अजुम किया है 2 है, ठीक, तो इसके बाद का atomic mass कितना होगा, 3, उसका कितने बाद होगा, तो 4 and so on, तो increasing atomic, जी, increasing atomic mass के हिसाब से element को रखा जाएगा, 1, 2, 3, 4, तो और ऐसे कितने elements रखे जाएगे, 8 elements, तो उन्होंने दिखा कि तो property of every एर्थ element है, हर वो जो आठवा element है, उसकी property starting element के जैसी है, पी, starting from any element, are a repetition of the properties, उनकी properties क्या हो रही है, एकडम पॉप्पी हो रही है, हाँ, जैसे हमने music में दिखा था, music में हम सुना होगा, सा, रे, का, पा, पा फिर धा फिर नी अब साथ हो गया देख लीजिए ता रे गा मा पा धा नी फिर आठवा जो है वापस क्या आ गया तारे देखा तो इन्होंने क्या किया इंक्रीजिंग अटॉमिक मासेस के बेसिस में यहां से यहां तक क्या किया increasing atomic mass masses की weight बढ़ते वे क्रम में रखा increasing atomic mass के basis पे atoms को arrange किया elements को arrange किया और देखा कि हर आठवा element की property नीचे वाले element के repeated के बराबर है समझ गया ना और इसलिए पहला बात ये क्या बन गया एक बहुत ही शांदार table बन गया एक बहुत ही शानदार उन्हें टेबल बनाया देख लीजिए उस समय के धर्ती के जितने नोन एलिमेंट्स थे उन्होंने इस टेबल में पुट कर दी अब आएगी क्या इसको एक्सेप्ट कर लिया गया क्या इसको फ्यूचर के लिए मान लिया गया तो पहले अच्छा ही जानेंगे फिर न्यू लैंड की भी क्या हो देखेंगे कुछ बुराई तबसे पहला न्यू लैंड का टेबल वर्क क्वाइट बेल और लाइटर एलि याद रखेंगा जितने भी light elements से जिनका weight calcium से कम था उन पे ये weight बहुत अच्छे से काम कर रहा था it is the properties of element ये उनकी जो ये term था क्या चीज किस पे base बनाये था उन्हें ये atomic mass को increasing रखना है तो atomic mass को एक property के रूप में use करना classification के रूप में एकदम perfect था ये दोनों बाते अच्छी थी पर बाद में हमने इसको discard कर दिया अताक इनके भी law of actives को future के लिए नहीं use किया, हाँ future है periodic table, जो आप और मैं पढ़ रहे हैं, वो periodic table, तो उसके बनने की stage है, आइए, इनके भी reject होने का reason चाहते हैं, reason यह था इनको reject करने का, कि heavier elements apply नहीं उपारते, मैंने कहा कौन से elements, जिनका atomic mass, जिनका atomic mass greater than calcium है उस पे ये apply नहीं हो ए atomic mass greater than calcium पे जिनका table apply नहीं हो पा रहा था और Newland ने cobalt को और nickel को एक ही slot में रख दिया था क्यों एक में रखा है और वो भी किस के अंदर पर रख दिया है halogens के अंदर में halogens मतलब salt के अंदर में दोनों की properties अलग लग है भाई यह सॉल्ट नहीं बनाता है, यह नॉन मेटल्स नहीं है, हेलोजैन्स जो होते हैं वो नॉन मेटल्स होते हैं, यह हेलोजैन्स नॉन मेटल्स होते हैं, तो इनकी प्रापर्टी और कोबैल्ट और निकल की प्रापर्टी, दोनों की प्रापर्टी अलग-अलग हैं, तो यह उनस को बैल्ट और निकल को एक पर रख दिया अब आप देखिए मैंने हाइलाइट कर दिया को बैल्ट निकल को एक जगह रख दिया अब अगले प्रियोडिक अगले क्लासिफिकेशन करने वाले वेश्वी के पास पहुंचते हैं कि एक महान जी एक महान साइंटिस्ट है इमेश री वान विच एंड ली या सिंपली एंड ली जी आप इमेज में देख पाए एक रशियन चेमिस्ट हैं जिन्होंने तरफ कमाल कर दिया इन्होंने प्रियोडिक टेबल बना ही डाला है प्रियोडिंग टेबल बन जाएगा उस समय के नोन ऑल 63 एलिमेंट्स जितने भी नोन एलिमेंट्स थे जो इंक्रीजिंग ओडर आप इंक्रीजिंग ऑडर आप एटोमिक मास के बेसिस थे आप सबसे छोटे मास के एलिमेंट का सबसे आगे रखेंगे वन का तू फी फोर पाइड टिक्स पेवर और एड तो नोने एट रूप बनाएं इसका नाम रखा ग्रुप बन ग्रूप 2, ग्रूप 3, तो यहाँ पर उन्होंने टॉक पे क्या रखे, ग्रूप जिसको हम कॉलम नंबर कहते हैं, और यहाँ पे क्या रखा, नीचे बनाया उन्होंने जी, यहाँ बनाया उन्होंने पी, रो को जी, रो को उन्होंने नाम दिया, और पीरियड रखे 6, पीरिय तीरियट्स का और आठ ग्रूप्स का जी आठ ग्रूप्स का एक टेबल बनाया याद रखेंगा यह जो ग्रूप्स हैं यही बताते हैं सिमिलर प्रॉपरी यहां पर जितने एलेमेंट्स पाया जाएंगे इस ग्रूप में यस जैसे पर एग्जामल ग्रूप फ्री है चल रहा ग्रेडेशन में हो सकती है प्रब्रेडियम बढ़ते हुए करम में घटते हुए करम में होगी प्रप्रॉपर्टीज एक जैसी होगी प्रप्रॉपर्टीज एक जैसी होगी physical and chemical properties of elements are periodic function of their atomic masses, इन्होंने भी new land की line को पखड़े रहा, increasing atomic masses के basis पर elements को arrange कर दिया, कहा कि उनकी physical and chemical properties जो होंगी, वो periodic होंगी, periodic मतलब एक certain interval बाद क्या होंगी, बार बार repeat कर दिया, जैसे कि मैंने बताया था आपका class का time table, एक certain interval बाद, एक समय बाद फिर से वो टैम के बल आएगा फिर आपको उसको पढ़ना पड़ेगा आइए शांदार सा प्रियोडिक टेबल देखते हैं यह प्रियोडिक टेबल है में लिख जा रहा है तो अगर आप इस टेबल को बहुत यहां से देखेंगे तो हाइड्रोजन की प्लेस आपको यह दिखाई देगी ग्रुप वन में दिखाई दे रही है हाइड्रोजन की प्लेस इसके बाद आपको हिलियम दिखाई दे रहा होग इलियम का 4, लिथियम का 6.7, एरिलियम का 9.01, बोरॉन का 10, तो increasing atomic mass, प्रिसन मैं बोल रहा हूँ, increasing atomic mass के basis पर यह table बनाया गया, तो यह तो same था जैसा Newland ने बदाया, नहीं, एकदम same नहीं है, क्योंकि इनके टेबल में उस समय के जितने भी known elements थे, 63 known elements थे, सारे के सारे 63 elements इनके टेबल में fit हो गया है, और क्या खास बात है, आईए, कुछ अच्छाईयां, जो medley के टेबल में थी, इस टेबल में है, वो हम जानेंगे, याद रखेगा, बहुत unique property है इनके टेबल में, सबसे पहला है, इन्होंने group बनाए, ने बताया, group कैसे बनाए, जो columns थे, जी, जो column में लिखे थे, जिसको हम vertical भी बोलते हैं जी, जिसको हम नीचे top to bottom भी ऐसे कहते हैं, vertical कहते हैं, ऐसे आठ group बनाएं, ये group क्या decide करेंगे, chemical properties, ऐसे कितने column थे, ऐसे verticals आठ column थे, ये उन्हें बनाएं, discover क्या elements को grouping की पहली बार, दूसरा, उन्होंने कुछ गैप छोड़ दिये, हाँ, कुछ elements का नाम गैप में छोड़ दिया, क्योंकि उस समय वो elements उनको नहीं मालूं थे, पर उन्होंने वहाँ जगए छोड़ दिये, जगए इसलिए छोड़ दियी कि later on ये elements पाए जाएंगे, और आप जानते हैं क्या हु जैसे EKA ALUMINIUM EKA ALUMINIUM यह उन्होंने एक एलिमेंट को बताया कि यह एलिमेंट की प्रॉपर्टी Aluminium जैसी होगी जानते हैं बाद में 1876 में वहाँ उन्होंने उसकी जो प्रॉपर्टी बताई थी वो सेम मिल गई हमने उसका नाम दिया कैली उस तमहें तक डिस्कवर नहीं हुआ था साइंस उत्ती अध्वांस्ड नहीं थी और बाद में वही हुआ जो उन्होंने कहा उन्होंने उस एलिमेंट की प्रॉपर्टी को पहले ही बता दिया था कि ऐसा एक एलिमेंट फ्यूचर में डिस्कवर किया जाएगा ऐसा उसकी प्रॉप्रीज होंगी नाम आप डिसाइड करेगा उसके आगे क्या लगा दिया था इका इका एलिमुनियम वेलब एलिमुनियम के प्राय एलिमुनियम के पहले और स्पेस भी छोड़ उसी प्रॉप्टी के एलिमेंट्स को जे, नाम ये अलग बात है कि नाम हमने इखा नहीं रखा, हमने नाम उसका अपना रख दिया, जो मुझे समझ लाता है, बट क्या मेंडलीब का टेबल हमने एकसेप्ट कर लिया, नहीं, मेंडलीब के टेबल में भी कुछ कमिया रह गई, इनक्रीजिंग एटॉमिक मास के बेसिस पर रखेंगे, अथार बढ़ते वे क्रम में रखेंगे, एटॉमिक मास बढ़ता जाएगा और हम लोग एलिमेंट्स को रखते जाएगे, इसका मतलब है कि जब भी हम एलिमेंट मास नमबर वन का रखेंगे तो अगला मास नमबर टू होगा, उसके बाद वाला थ्री होगा, उसके बाद वाला फोर होगा, यहां फोर और यहां थ्री नहीं अलाउड है, जब बाद मास नमबर फोर होगा तो उसके बाद थ्री अलाउ यही था Anomalous Prayer, क्या हो गया? कोबेल्ट और निकल के साथ यही गलती हो गई, कोबेल्ट जिसका मास ज्यादा था, वो पहले रख दिया गया निकल से, देखेंगे, आइए मैं दिखाता हूँ, कोबेल्ट को periodic table में यहाँ निकल से आगे रख दिया गया, जबकि कोबेल्ट का मास देखिए मेंडलीब जी से भी गलती हो रही है इतने महान साइंटिस्ट लिखे आए लेट कर दिया मैंने आपके लिए यहां से देखेंगे तो आपको दिखेगा कि कोबैल का मास्ट प्रिप्ति 8.9 है जबकि वह लेकर मास्ट ज्यादा है तो भाईया वह पहले कैसे आ गया कोबैल तो पीछे होना चाहिए था ना यहीं पर है एनोमलस पेर जी यहीं है एनोमलस एक पेर ऑफ एलिमेंट्स इनको क्या कर दिया गया यूज़वल नहीं रखा गया है तो यह वह प्रॉप्टी फॉलो नहीं कर रहे हैं जो जो मैंने के पूरे टेबल में है वह इंक्रीजिंग एटोमिक मासेस की बेस रखना यहां पर उनकी यह प्रॉप्टी काम नहीं आ रही है तो यहां पर उनकी यह प्रॉप्टी काम नहीं आ रही है आर्गन का मास्स 14 है और पोटेशियम का मास्स 39 पॉइंट है तो भाईया आर्गन पहले कैसे आ गया इंक्रीजिंग न रखना था तो आर्गन के पहले पोटेशियम आना चाहिए था न ये गबर हो गया यहाँ पे पोटेशियम आ गया होना चाहिए था न चीज़े न क्योंकि गलती हुई position of isotopes, तो ये isotopes क्या होते हैं, isotopes, एक example देके समझाता हूँ, जैसे carbon के isotopes, carbon 12, जान से देखेगा, carbon, अगर आप देखेंगे, तो इनके mass number, पर जो लिखा होता है, superscript, तो आप mass number कहते हो, फास्ट नंबर तो डिफरेंट है, बट अटॉमिक नंबर क्या है? सेम है, सेम अटॉमिक नंबर है, इसी को कहते हैं isotope, same elements के, yes, same elements के जिसके mass number क्या हो different हो, मैंने लिख दिया mass number different है, but same क्या है atomic number है, atomic number मतलब number of proton, number of electron, दोनों same, ठीक है न, तो ऐसे cases, ऐसे elements को इसके table में कोई जगह नहीं, they were not assigned place, यह भी एक मेंटलिपेटेबल की बात है। और तीसरी कमी क्या है? तीसरा डिफेक्ट क्या है?

चीज़ टेमिकली डिस्सिमिलर एलिमेंट्स जो एक जैसे नहीं है प्रॉब्टी में तो वो एक जैसी ज़िन्हें भी क्यों है? जैसे कॉपर और सिल्वर को। जबकि कॉपर जो है वो अल्कली नहीं है अल्कली अर्थ मेटल है। जिहाँ से सुनिये अल्कली अर्थ मेटल है। इसकी property इनसे मुकाबले अलग है इतने reactive नहीं है as compared to alkali alkali are very reactive metal इनसे कम reactive और less reactive है तो इन दोनों को क्या कर दिया गया एक group में रख दिया गया तो ये तो वलब है इन group में नहीं रखना चाहिए और एक समस्या position of hydrogen की आगे hydrogen was not given a fixed position confusion ये थी ती group वन में रखा जाए क्योंकि ये एक नोट बेटल है तो कि ग्रूप सेवन में रखा जाए इनकी प्लेस पोजीशन ऑफ आईट्रोजन बैंडलीन टेबल में एक प्लेस प्लेस न देखा इन सब का करेक्शन इन सब का सुधार करने वाले यह मामूली से आदमी श्री ओ श्री श्री हैंरी अब आप कभी नहीं बोलेंगे एंड्री मुद्दी साहब को ठीक है एंड्री मुद्दी को देखते हैं क्या दिखाना हमने इन फाउंड एड्रेट ऑन एक नंबर इस अब प्रोपर्टी एस कंप्यूट टू एटॉमिक नोट ने एटॉमिक मास को रिजेक्ट कर दिया हमने कहा कि एटॉमिक मास को एड्री क्लासिफिकेशन नहीं करेंगे और इसके बंदे क्या यूज करेंगे एटॉमिक नंबर का इस्तेमाल करेंगे अब हम atomic के number के basis पे क्या करेंगे? एक table बनाएंगे, नाम रखेंगे, modern periodic table, पादर of modern table है, Henry Moseley, अब नहीं भूलेगा, अब इनके table में क्या खास बत है?

तो एक word का बस change है, Bentley के periodic law का ही copy है, modern table में क्या खास बत है? Physical and chemical property of elements, आर प्रियोडिक फंक्शन आफ एटॉमिक नंबर only atomic number word है बस नया क्या मतलब है इसका atomic number वन है तो इसका atomic number टू, त्री, पूर, पाइव ऐसे करके रखें अताक increasing atomic number के basis पर चाहां से देखिए increasing atomic number लिख दे रहा हूँ आपके लिए increasing atomic number के basis पर इस बार table बनेगा atomic बेट नहीं, एटॉमिक मास नहीं, एटॉमिक नंबर के बेसिस बनेगा, यही एक सबसे इंपोर्टेंट और महत्वपूर्ण चीज़ है, जो मॉडर्न टेबल को बनाती है, बस, इसी से बनाया पूरा प्रियोडिक टेबल, आईए प्रियोडिक टेबल को, मैं आपको स्क्रीन पर बढ़ा भी करके दिखा, याद रखेगा, इस टेबल से पाला आपका अपूरे जीवन पढ़ने वाला है, अगर आप फैंक लेने वाले एलिमेंट में, पी, केमेस्ट्री बिल बिकम अमिस्ट्री, यू डोंट नो पिनोडिक टेबल की यह रहा देखिए सबसे पहले हाइड्रोजन से स्टार्ट करते हैं तो क्या खास बत है इस मॉडर टेबल की मॉडर टेबल में जो ग्रूप है जी ग्रूप है अब वह 18 हो चुके हैं जी 18 ग्रूप्स हो चुके हैं ग्रूप हो गए 18 यह रहा ग्रूप वन टू ट्री फोर पाइड समझ गए यह अगर पर और और period कितने हैं? modern table में period जिनको हम row के नाम से जानते हैं जिनको हम rows के नाम से जानते हैं 7 period हैं देख लीजिए period number 1, period number 2, 3, 4, 5, 6, 7 7 period तक बनाया है और क्या खास भी आती है देखिए ये lanthanide, actinides हैं जिनको modern table में जगह नहीं मिल पाई हाँ ये बड़ा गजब का table है तो सारी जो problems थी जो medellin के table में थी उन सब को दोन कर दिया गया, बड़ा यूनिक टेबल था, तो position of isotopes को जगह मिल गई, क्योंकि isotopes की problem इसलिए खतम हो गई, क्योंकि mandalive के table में atomic mass का इस्तमाल किया था, atomic mass का इस्तमाल किया था classification के लिए, जबकि modern table में आप atomic number इस्तमाल करें, तो जैसे ही atomic number यूज़ करेंगे, तो सब तो same place में आ जाएंगे न, जैसे ही आप carbon को याद करें, carbon 12 atomic number 6, carbon 14 atomic number 6, तो atomic number तो same है न भाई, तो atomic number के बेसियस में classic equation कर रहे हो तो उनकी place तो fix हो गई, they were given one place, isotopes की position का समस्या खतम हो गया, और जो anomalous pair की problem आ रहे थी, जैसे cobalt और nickel की problem आ रहे थी, वो भी justified हो गई, आ, एक problem यह आ रहे थी, कि cobalt का atomic mass ज़्यादा था, कि cobalt का atomic mass ज़्यादा nickel से, और उसको आगर रखा था metalic table में, क्योंकि हम atomic number के basis पे सारा काम करेंगे, और atomic number के basis पे काम करेंगे तो इसका atomic number पहले आएगा, काम खतर, cobalt का number पहले आ रहा है, justified हो गया, तो गलत नहीं है इसका मतलब cobalt, समझ गया न, तो problem of anomalous pair भी खतम कर दिया, ठीक है, anomalous pair problem यह रहा देखे, आप दियां से देखे, cobalt का ध्यान दिया आपने और किसकी प्रॉब्लम थी इसकी प्रॉब्लम थी आर्गन की प्रॉब्लम थी देखिए आर्गन का एटॉमिक नंबर है और पोटेशियम का खत्म थी तो में लिखे था उसमें यह प्रॉब्लम आते हैं कि आर्गन को आगे क्यों रख रहे हैं पोटेशियम से यह था ना प्रॉब्लम एनोमलस प्रेयर में तो आर्गन का एटॉमिक मास था और इसका था थर्टी नाइन तो इस वजह से वहाँ पर प के साथ से तो potassium आ गया होना चाहिए, तो यहाँ पे सब जवाब मिल गया है, क्योंकि atomic mass के basis में रखा ही नहीं गया है, atomic number के basis में रखा है, देखिए 18 है इसका number, आप screen पे देख सकते हैं, atomic number इसका कम है, तो,