Hello Students, Hope all are you fine? आप उम्मीद करते हूँ आप सब ठीक होंगे और आज हम एक नया टॉपिक शुरू करने जा रहे हैं इस पेपर का जो सबसे पहला यूनिट है आभी तक तो आपने बहुत सारी सलेबर्स और इंट्रडॉक्शन की वीडियोस तो आपने देखी लिये हैं इंदर प्रस की शुरुवात कहां से है? हमें सबसे पहले इसका जो नाम है, वो हमें कहां से देखने को मिलता है?
हम देखते हैं कि महाभारत के टाइम से इसकी नाम की शुरुवात होती है और इसकी बहुत लंबा हमें एतिहास देखने को मिलता है. अब हम समझेंगे नाम कहां से हमें मिल रहा है, कैसे हमें आर्केलोजिकल एविडेंसेज जो हमें उत्खनन किये हैं, आप हम इस समझने पड़ेगी उसकी डिफिनेशन मतलब कि इंदिया प्रस्थ क्या था उसको अलग-अलग नामों से जाना जा रहा है इंदिया प्रस्थ क्या था उसको अलग-अलग नामों से जा रहा है कि इंद्र प्लेन किसका जगह किसकी इंद्र की तो यह मानी जाती है कि सिटी ऑफ प्लेन यह सिटी ऑफ इंद्र यह प्लेन ऑफ इंद्र को जगह हो स्थान हो इंद्र का वह माना जाता है तो हम देखते हैं कि यह कैपिटल तो थी पांडवों की हैं तो यह बहुत प्रोमिनेंट थी कि जब दूसरे रिलिजिन दूसरा काउंटर रिलिजिन जो आपका अपोस कर रहा है जो आपके सामने एक रिलिजिन आ रहा है बुद्धिस्ट अब अ बौधदर्म वह भी इसको एडाप्ट करने की और इसकी अंदर जो सरचना हो रही है उसको अपने अंदर दिखाने की कोशिश करते हैं टेक्स्ट तो हम देखते हैं कि पार जो बुद्धिस टेक्स्ट है उसमें बहुत सारे अमिशात पता है कि बहुत सारे महा जनपदों का नाम आता है महा जनपद क्या थे हमारे थे कि 16 देश हुए जब आपका वेदिक पीरियड जब आ रहा है तो वेदिक पीरियड में जब यह आपके को यह एक था साथ में हम देखते हैं कि का अ जितने भी डिफरेंट छोटे-छोटे जो किंग्डम्स मन रहे थे इच नॉट चूर और वैसे ही मगत आम अगर कोशल काशी विशाली जाओं बुद्ध बुद्ध बुद् यह साथ एक पैरलल चल रहा है एक तरफ हम देखते हैं जो इंदरप्रस्ट आ रहा है तब 16 महा जनपदों का उपज हो रही है जो बिगनिंग हो रही है 16 महा जनपद की तब होती है तब कौरव और पांड़व अपनी टाइम के रखती हैं पांचाल हो गया यह सब आज की जो date में अगर आपको इंदर प्रस्क पर्टिकुलरी ढूंढना है तो जो ओल्ड पुराना किला है जो पुराना ओल्ड फोर्ट है यह पुराना किला है वो आपकी आर्केलोजिकली आपको यह टेस्ट करता है कि यहां से हमें मिले हैं साथ में साथ हम इंदर प्रस्क का पीरेट और यही लान्ड था जो बैंक ऑफ यमुना के निर है नियर है जो हमने लास्ट टाइम लास्ट वीडियोस अगर आपने देखी होंगी तो उसमें आपने देखा होगा कि जो डेली का मैप है ऐसे करके तो यहां से इस्ट की साइड में यमुना जा रही है नियर ही इस बैंक ऑफ यमुना के रिवर के निजर पर पहले मना चाहता था कि और इसमें तो शायद इंदरपृत और नदी के करीब उसकी बाद हमें देखने को मिलता है कि यह सारी जो को यह कृष्ण और अर्जुन नहीं हमें पता लगता है कि इससे कि जो सिटी है वह बिल्ड मिलकर की है या देख सकते हैं इससे यह इंदर प्रस्की इमेज जो उन्हें मिलती है पुराना जाए तो जो इंटरनेट मिलती है यह बान जाता है कि ऐसा उस टाइम इंदर प्रस्की फोर्ट रहे होंगे अ पर इसे बड़े गेट के इंटरजुंग जस्ट ऑल बाउट रीमेजिनेशन कीज को सोच की बनाया गया है बट कुछ इससे एविडेंस भी मिलते हैं अब आती हिस्ट्री की अभी तक तुम्हें बुट्टव हमने पढ़ा किसके कैसे-कैसे नाम थे अब पढ़ते हैं इसके हिस्ट्री में यह कहां पर में सोर्सेस में मिलता है तो में हिंदर प्रश्चों है वह महाभारत में भी सबको पड़ा है कि इन जो महाभारत में इसका बहुत साधा एविडेंस यूज में हुआ है जो संस्कृत टेक्स्ट है जो अमिन 500 अब फाइब्स बीसी से थींद्र बीसी एडी थक सीधा कंपाइल हुआ था तो यह आपको चार से दी जाती है पर जो पेंदर सिंह आपकी जो बहुत बड़ी इध्यासकार हैं, बहुत बड़ी historian हैं डिद्दली विश्व विध्यालय से, उन्होंने अपनी किताब में, History of Ancient and Medieval India में दिये है, 500 BCE to 400 and 300 BCE, 500 BCE से 300 या 400 AD, CE तक, तो हम देखते हैं कि उन्होंने पांच places, basically जब हम बात करते हैं महाभारत की, तो सिर्फ इंदरप इंदरप्रस के साथ और भी बहुत सारी पुरानी देश और पुरानी हिस्ट्रीज आ रही हैं, पर आपको एक बात समझ रही है, जो आपका दूसरा टॉपिक आता है, वो लालकोट है, अब जो लालकोट है, वो इंदरप्रस से क्यों अलग है, इंदरप्रस हमें आर्केलोजि इंदर प्रस्त की बात करें तो इंदर प्रस्त के साथ हम देखते हैं कि अलग और चीजों के भी चीजों की नाम आ रहे थे, सोनी पत, पानी पत, तिल पत, भाग पत, तो जब हम इन सब की बात करें तो जो सोनी पत है वो करते थे स्वन प्रस्त, ये इंदर प्रस्त, सोनी प्रस्त, तो हम यह सब देखते हैं कि अलग-अलग नामों जो जाना जाता है, जो दुरियोधन था उसने, स्पेसिफिकली हम देखते हैं कि जो आपकी मिथिकल, क्योंकि हम लोग कहते हैं कि जो हमारी महाबारत एरमायन है, वो हिस्ट्री नहीं है, सोर्स नहीं है, पर ऐस कि यह पूहा स्टेज पर हम देखते हैं कि बहुत बड़े बॉर हो रहे हैं महाभारत में तो सबको पद है तो वह सारी तो महाभारत के रिकॉर्ड हम देखते हैं कि इंदर प्रस्ट एक बहुत इंपोर्टेंट सेंटर रहा है पांड़ों का जो डिस्क्राइब ���रता है कि कौर्वों की से लड़ाई का कौर्वों से युद्ध का हम देखते हैं वनन मिलता है पर साथ में यह इंपोर्टेंट सेंट तिल प्रस्त सोनी पत सोनी प्रस्त पानी प्रस्त तो हम यह पांच चार पांच देश देखते हैं जो पानी प्रस्त के साथ इस्तेमाल होते हैं तो अब जब देखते हैं कि कूरू आप देखें कि यह कूरू किंग्डम है और साथ में जो महा जनपत के बात उसमें भी यह पाली में यह सारे नाम दिए गए कुछ नामों का फर्क है पर बेसिकली हम देखते हैं कि इन सामों नामों का पॉपर हमें वर्णन किया है रिफरेंस किया गया है जिससे समझ में आता है कि इंडिया जो है सोलवी वह इस वर्णा इस चेशों इसाफूर में बहुत अच्छे से एक्जिस्ट कर दी थी यहां पर बहुत छोटे-छोटे टिकाई या थी पूरा पैन इंडियन इंपायर इस्टैब्लिश कर लेगा जो पूरे इंडिया पर अपना समराज्य बिठा लेगा फिर देखिए इंदरप्रस विजन दिमोरे नेपार अब इंदरप्रस बहुत इंपोर्टेंट रोल हमने बात की कि इंदरप्रस को इंदरपात भी रहते हैं बुद्धिस लिटरेचर में जो इंदरप्रस की लोकेशन अनसर्टन पुराना किला तो जुन है ही पर बाकियां में इंदरप्रस का आज नहीं माने जाता अच्छे से हम नहीं ढूंढ पा रहे हैं लोग नए लोग बस चुके हैं पर हम देखते हैं कि चोधमी शताबदी में इसके बहुत सारे रिफरेंसिज और अलग-अलग नामों से किए गए हैं 14 से 20 सेंचरी में इसकी बहुत-बहुत रेगुलर इसका हम देखते हैं कि इसका यूज हो रहे हैं तो माइकल विज्जल इसे कंसिडर करते हैं कि ये बहुत इंपोर्टेंट प् तो इसका मानते हैं कि यह जो महावकावे हैं इन में से कोई ऐसे स्थान है जिनको मानते हैं कि जिनके नाम आधूनिक नाम पर रखे गए हैं तो आज जो नाम है कोशाम भी यह कोशाम वो माना जाता है कि यह इंदर प्रस से ही निकला है और यहीं से ही सारी जो हमारी इतियास की उपजाई यहां से ही होती है यह माइकल विजल का मानना है यह बहुत इंपोर्टेंट आपके आंसर पॉइंट आफ य पुराना किला का ही है या देखिए चदल सिस्टम है यह पूरा पर है पर यह नया स्ट्रक्चर है हमारा जो एविडेंसेस है वह हमारे क्या है इसके नीचे जो हम उत्खननम आर्केलोजिकली एविडेंसेस करके मिले हैं पहला आपको यह याद रखना है कि यमुना जो यह किसके आप तीर यमुना नदी के पास थी और जो वही यमुना नदी जिसने पहले वह इसमें फ्लो करती थी और अब पहले उग्रेशन फ्लो करती थी अब वह चार सूप के इस्ट में पूर्व की तरफ पड़ती जा रही पश्चिम से अब हम बात करते हैं लोकेशन की जो लोकेशन है वह बहुत सारी अर्खियों स्टुडी से भी बात किया कि ढंग से में पता नहीं लगता पर उपेंदर सिंह बहुत ज्यादा डिबेट के बाद भी नोटिस क्या करती है यह बहुत इंपोर्टेंट है जो आपको याद रखना है वह क्या कहती है कि अटिमिटली देर इस नो विश्व कंप्लेशन नहीं प्रोफीन वेद पांवा और वास्ट एवर लिट तो यह जो यह वह कहती है कि यह नहीं पता अ कि पांडव और कौरव रहे थे या नहीं रहे थे कोई भी क्योंकि हमें प्रॉपर किसी का भी चीज का एविडेंस नहीं मिलता है किसी भी चीज का प्रॉपर एविडेंस नहीं है हम देखते हैं बट जो एंशन्ट स्टडी में जब हम एसक्रवेशन करते हैं जब हमें उसको बहुत जब खुदाई कर रहे हैं तो हम देख रहे हैं कि बहुत important center मराये थे जो पुराना किला, south of पुराना किला में हमें देखने को मिलते हैं, इसमें आप देखेंगे कि जो ancient city हैं वो उसकी होना, उसकी existent होना पता लगता है, अब आप next देखेंगे ये बहुत important है, जैसे क अंगूठियों जैसे निशान है और ऐसा ही अब पूरा एक वेल की तरह मिलता है जो कुए की तरह और पूरे यहाँ पर वेल पूरा ऐसा रिंग वेल सिस्टम चलाया जा रहा था। तो हमें उसके प्रॉपर एविडेंस निर्धे हैं यह तो हम देखते हैं कि पूरी-पूरी साइट आप देखिए निकाली गई है बट प्रॉपर न स्टुडी नहीं कर पाते हैं क्योंकि सारा जो आर्किटेक्चर है वह एक्सिस्टिंग बदलना पड़ेगा इसी चक्कर में इसकी के इस चीज की कमी के कारण हमें प्रॉपर इस टरीन हो पाया बट हमें अगली इस यहां से पता लगता है कि ऐसे एविडेंस थे फिर बात करते हैं स्टॉरिकल सिग्निफिकेंस अभी तुमने बात कर लिया कि इसकी लोकेशन कहां पर है कि इसकी आग क्या-क्या नामों से जाना चाहते हैं अब हम बात करते हैं कि हम इंद्रपत्त पढ़ने की जरूरती क्यों है हमने पढ़िये कि इंद्रपत्त इंद्र बहुत बार पढ़िये कि इंद्रपत्त इंद्रपत्तान जैसे नाम थी कुल क्लिंगडम की पापिटल थी हस्तिनापुर का यह पाठ था पटाबमिस सोर्सेस के हैं क्या जगह हैं जहां पर इसका हमें इतिहास मिलता है तो हम देखते हैं पॉटेलमी की जॉग्राफी ग्रीको-रोमन यह है ग्रीको-रोमन पुरे हमें देखते हैं प्राचीन इतिहासकार है जो लिखते हैं अ कि इंद्रभाड़, इंद्रभाड़ा जो आपका इंद्रपट से निकला है, वो दिल्ली के बीचो बीच था. तो पोटेलमी की जोगलफी से हमें मिलता है कि जो इंद्रभाड़ा है या इंद्रप्रस्त है या इंद्रपट है, ये दिल्ली के बीचो बीच कभी एक्जिस्ट किया करता था.
तो इंद्रभाड़ा इंद्रप्रस्त के नाम से उपेंदर सिंग को ऐसा लगता है कि ये एक प्रतिगान था दिल्ली रीजन का, मतलब ये डिस्क्रिक्ट रहा होगा 14th सेंचुरी में. और ऐसी हमें Sanskrit inscription में भी देखने को मिला है कि यह एक proper हमें देख रहा है कि यह Indraprasth जो है वो क्या है district था दिल्ली शहर का। उसके बाद और important आपको क्या पढ़ना है अब हमें देखा कि हमें अलग लग जगाओं से इसका मिल रहा है Sanskrit inscription में से इसका देखने को मिल रहा है evidence हमें आर्केलॉजिकली एविडेंस मिल रहे हैं, हमें पुराना किला में हमने उत्खनन किया, हमें उसमें मिला, अब हमें और भी आर्केलॉजिकल जो हम देखते हैं, इसका विशेर, 1954, 1955, 1969, 1973, 2013, 2014, इन सब में हम देखते हैं कि बहुत सारे इंपोर्टेंट क्या हुए, खुदाईय रिंग वेल दिखाया था, वैसी मानते हैं कि दिवारे थी, इटो से घर बने हुए थी और बहुत उलंबा चोड़ा ट्रेनेज सिस्टम जहांसे पानी भैके जहां पाए वो एग्जिस्ट करता था, जैसा कि हम जानते हैं कि हडपा सब्बेते के लोग बहुत वेल इस्टाबि कुड़ा और गंदा पानी है वो निकल पाए इसका बहुत वेल डविलेप्ट बहुत लंबा प्रोसेस इसका देखने को मिलता है फिर हम देखते कि हुमायया दीनपना वस बिल्ट देर जो हुमाययू का दीनपना एक स्ट्रक्चर है वो भी इसी जगांपे बना है क्या बना है हुमाययू का दीनपना भी इसी स्ट्रक्चर पे बना हुआ है कि यह आप देख सकते हैं हुमायु का दिनपना है स्ट्रक्चर है जो यहां पर बनाया गया है उसी जगह पर जहां पर पूरा आर्केलोजिकली हम देखते हैं कि इंदर प्रस्थ और इंदर बाड़ा है तो अब इसके अंडर भी इसका विशेष करनी बहुत मुश्किल है बटन इतनी अविडेंस हो जाते हैं कि हां यहां पर हम जब इक्सप्लोर करते हैं जैसे मैंने आपको बताया था अगर आप आर्केलोजी वाली वीडियो देखो तो कितने सारे मेथड लाइन चैट था रिमोट सेंसिंग इन सबसे होता है कि इन सबसे में पता लगता है कि चीजें पहले ही एक्सिस्ट किया करती थी इसको नियुक्त पर इसको इनका बहुत इंपोर्टेंट रोल रहता है तो यहां पर हम देखते हैं कि तीन टाइप के में पॉटरी मिलने थी इन टाइप की पॉटरी कौन सी ओसीपी पीजीव एंड बीबीडब्लू जब हरप्पा सभयताकर जब हरप्� और पॉटरी हल्की सी भूरी जैसा वह और कलर होता है और का कलर होता है वैसे में पॉटरी देखने को मिलती है उसके बाद इतने पेंटेड ग्रेवियर जहां पेंट करके अब मिल रही है ग्रे कलर की पॉटरी वह जो है वह यह जो टाइम पीरियर पीजी डब्लीव का यह आपका जो टाइम पीरियर यह आरेन के साथ असोसिएट किया जाता है आरेन के अलग टाइप की जो सभिता में जो आपकी अलग डेवलप्मेंट के और है क्योंकि इसी से हम देखते हैं जो एग्री कल्चर है वो बहुत बढ़ रही है जो आपकी कृषि विवस्ता है वो बढ़ रही है कैसे क्योंकि एग्री कल्चर जो एग्री लोहा है वो आपका असानी स है तो अगेन हम इस टाइम के बहुत इंपोर्टेंट हो रहे हैं उसके बाद एंड पीड़ेव जो कशुंग मोर्या कुशान टाइम से जुड़ा जाता है हम उस टाइम की पॉटरी देखने को मिलती है तब सबसे ओल्ड इस आर्टिफैक्ट है जो हमें देखते हैं यहां पर वह थाउजन बीसी का हमें इतना प्रश्ने आर्टिफैक्ट प्रधामित अब इस तब्वता से पुराना किला से हम देखते हैं कि वह थाउजन बीसी के अ हमें पॉट मिलते हैं जिसमें दिखाते हैं जो हमें पता लगता है कि यहाँ पर इंदरप्रस्थ में इसकी पुरानी थी उसके बाद 1969 और 1979 पर जब दुबारा इसका विश्वन हो जब दुबारा खुदाई हुई तो हम देखते हैं कि NBPW भी मिली जो 4th 3rd century BCE थी पहले जो हम यह सारी पॉटरी हमें देखने को मिलती है यह बीबीलाल की खिताब भी फिर उन्हें बोला जो इनकी खुदाई समय अक्शनी में पता चलता है कि शुरुआत हो रही है तो जो 1954 और 1955 का टाइम पीरिड है तो हम देखते हैं कि माभारत टाइम का जो टाइम पीरिड एमर्ज है तो देखिए 1969 से 1973 में बहुत सारी जो एस्कावेशन साइट से में पता चलता है कि वी के एस वैकांकर जो है वह इतना पता नहीं कर पाए क्योंकि वह पीजेवी में थोड़ा सा उनको प्रॉब्लम आया उन्हें इस नहीं समझ में आया कि पीजेवी कौन से तो एक continuous chain मिल रही है, एक लंबा चोड़ा हमें मिल रहा है, जो 19th century तक हम देखते हैं, regular continue में evidence हमें देखने को मिल रहे है, just imagine, सोचने वाली बात है, 10,000 BCE से एक बात चुरू, 1000 BCE से एक चीज चुरू हो रही है, और जो हमें 19th century तक continuously देखने को मिलती है, just about 3000 years तक एक site हमें continuously inhabited दिखती है, जो मौर्य period था, जो मौर्य का काल देखते हैं, तो उस time पे यहाँ पे हम देखते हैं, mud breaks, वैटल एंड अडॉबनस, ब्रिक ड्रेंस, वेल्फी ग्रीन्स, टेराकोटा, स्टोन काविंग, स्टाम, स्टील अंप्रेशन, कॉपर कॉइन, तो हमें क्या मिल रहा है, टेराकोटा की मूर्थिया, एक पत्सर की नकाकाशी, हुई हुई, मोहर की चाप, तामबे की सिक्क पेंटेड ग्रेवियर के साथ आप देखते हैं क्योंकि जो आपका मौर्य है उनके साथ NBPW जो है वो एस्सोसिएट की जाती है NBPW हम देखने को मिलती है तो इस पॉटरी के साथ हम देखते हैं कि साथ में जो human settlement है और जो 16 महा जनपत का काल है उनका भी बहुत important role play हो रहा है इसी time period में फिर हम जम्मिजना है कि ठीक है historical significance क्या है इसमें ठीक यह important हो गया कि जब हम epigraphic जो shila lake होते हैं shila lake बहुत important evidence दे रहे हैं कि इंदर प्रस्थी वह बहुत important city थी मौर्यकाल में उसमें उनका जो बसाव था वह कहां पर थे हम देखते हैं कि जो stone carving थी इस टोन पर पत्थों पर वह लिखते थे और वह कौन सी साइड से मिली है श्री निवासपूरी में हम देखते श्री निवासपूरी जो मौर्य एंपरर अशोका की दिली में एक बहुत इंपोर्टेंट साइड थी है बहुत वो बहुत इंपोर्टेंट सेंटर था जहां से वो ट्रेड कर रहे थे जहां से उनको स्टैब्लिश कर रहे थे श्री निवासपूरी वो रिकॉर्ड करती है कि मौर्य एंपरर अशोका थे जो उपेंदर सिंग उनको इस इंस्क्रिप्षिन के इशिलालेक पे थोड़ा सा डाउट है वो अलोचना करती है इस बात पे कि ये इंदरप्रस के बारे में कह भी राय है ये नहीं कह रहा और हम देखते हैं, वो कहती है कि यह क्योंकि जो उन्हें शिलालेक मिला है, यह बहुत important हम देखते हैं कि बीच में, जो city के है, वो बीच में मिला है, तो वो कहते है कि इसके जो नाम है, यह बाकी चीज़े है, वो सही नहीं समझा रहे, इसी तरीके से जो iron pillar है, जो मेहरोली मे शिरालेक का है इसमें उनका बहुत ज़्यादा वह अलोचना करती है कि जो श्री निवासपुरी में है वह अशोक को ही रिफलेट कर रहा है अशोक के बारे में ही बता रहा है यह डी सी सरकार ने बैसे मतलब आपको यह बात है बात जानने जरूरत है कि डी सी सरकार अगले अहितियासकार है जिन्होंने यह बहुत इंपोर्टेंट पॉलिंट हाइलाइट किया है कि श्री निवासपुरी जो जगह है वहां रिकॉर्ड करते कि मौरियन एंपरर अशोक जो था अ वह बहुत इंपोर्टेंट रोल प्ले कर रहा था दिल्ली के एडमिनिस्ट्रेशन दिल्ली की जो पॉलिटिकल जो दिल्ली का कार्य उसको संचालन करने में फिर हम देखते हैं आपको जैसे हमने बत करी श्री निवासपूरी यह बेसिकली इस आपका जो आज आपका इस जली ह बट जब बेसिकली जबको इस डेली है यहाँ भी आपका बहुत इंपोर्टेंट जो आपकी श्री नवासपूरी साइट है और डेली मेरिट इंस्क्रिप्शन है यह एक्सपेक्टेंसी है तो यहाँ ही से हमें देखने को मिलते हैं फिर आपको हमने देखा कि इंदरप्रस्ट बहुत सारे जगाओं में हमने देखा था भी पुटेलमी ने इसका जिक्र किया उसके बाद अशोक के अभिलेखों से इसका मिलता है बहुत सारे जो इतियास क्या रहे हैं ड इन्होंने बड़ा साधा उस पे emphasis किये, और हमें कहां से दिखने होगा, इंदरप्रस्थ का इंदरपट नामों को भी हमें sources से मिलता है, इंदरप्रस्थ हमें पहला evidence जो मिलता है कि ये power politics मतलब, कि यहाँ पे मानते कि राजनीती का पहला सबूत हमें मिलता है, वो मिलता है सर स युदिश्टर ने यह city फाउंड करी कहाँ पे यमुना निवर के पास 1450 इसापूर में, यह हम बहुत मानते हैं इसका evidence आदिपर्म में से भी देखने को मिलता है। आदिपर्म में क्या कहता है, आदिपर्म की कहते हैं कि महाभारत है, वो describe करते हैं कि इंदरप्रस जो है बहुत ऐसी city है जो heaven से blessed हुई है और उसके बीच में यहाँ पे एक fort है, एक किला है। जिसमें ओशन है क्योंकि यमुना की नदी के पास थी हम देखते हैं कि हमने पहले भी पढ़ा था यमुना पहले पश्चिम की तरफ थी विरपूर में चली गई तो जो यमुना में यह चीज का चेंज आ रहा था तो हम देखते हैं कि बड़ी इमार्थें बड़े ब� जैसे हमने हमें पता है कि हरपन का करेक्टर स्टिक थापनेटल क्लास में भी पड़ा था कि प्रॉपर वेल प्लांड ब्रेनेस सिस्टम था वेल प्लांड स्ट्रीट थी कटिंग क्रॉस एड राइट एंगल सो ऐसे ही हमें यहाँ पर भी जो महाभारत में आदी पर में देखन नदियां होती थी टांक्स हैं अगर हमें देखने को मिलते हैं बीटीफुल गार्डन पाक जैसे चीजें हैं हमें देखने को मिले और मोर और कुकूज कौन होते हैं कुकूज आपको आगे और जलकर बताएंगे कि कुकूज के बारे में और ऐसी शहानियां इंद प्रस्ते जोड़ी गई जो आपकी है नहीं वह कॉक है उसको कोश बोलते हैं जो कॉश थे या पिकॉक्स थे इनका बहुत बड़ा इंपोर्टेंट रोल होने लगा यह आप देख सकते हैं सरसाहिय देहमत खान की असर उस सद्धीद है यह किताब है जो लिखी गई थी उसमें उन्होंने साफ जो प्रोइद्ध प्रस की एग्जिस्टेंस को दिखाते हैं तो मैंने बताया था कि इंदरपट्स को हम खंडर वो भी कहते हैं, क्योंकि यहाँ पर जो उनका इस यही है, जहाँ पर वो जलाए गए थे अगनी में, और सारा जलाशे हुआ था, जो एक खंडर फॉरेस्ट में वो गए थे, तो इसका बहुत इंपोर्टेंट वो एपिसोड आप कोई कि mythical story में तो हम history में क्यों पढ़ रहे हैं, हम तो पढ़ते ही नहीं है, पर मैंने आपको जैसे पहली बताया कि history में myth भी बहुत important है, बट एक इत्यासकार को पता होना चाहिए कि वो कैसे निकालेगा, इसमें कुछ-कुछ चीज़ें, हमें पता चल रहा है कि deforestation हो र तो उन्होंने उसको सारे चीजों को खराब कर दिया, पर हम देखते हैं कि सिक्स क्रियेचर्स रह गए, कौन-कौन से अश्वशेना, अश्वशान, माया, फोर्शंग्रक, सभापर ये सब जी रह गए, तो सभापर जो महाभारत का है, वो हमें बताता है कि कैसे माया अर्जुन का थैंक करती है, उसको धन्यवा देती है, कि उसको उसने अगनी से बचा लिया, वो माया बहुत अच्छी आक्रिटेक्ट होती है, उसने में बता चलते है कि कोई आक्रिटेक्ट भी रहा है, कि जिसने पूरी सिटी को प्लान किया था तो क्रिशन बताते हैं कि कैसे वह असेंबली बनाई जाएगा जिसे वह कहेंगे एक हॉल बनाया जाएगा जिसमें आधिपर्ण में जिसकी तारीफ हुई है इंदिप्रस्थ और हम देखते हैं गोल्डन पिलड हॉल विद लोटस पॉन्ड इंसाइड रॉयल हॉल फिल्ड विद द ए गोल्डन पिलड हॉल हमें देखने को मिलता है जहां पर लोटस पॉन्ड है और उसमें रॉयल हॉल है जिसमें लोटस टोटल फिश और एक्वेटिक फॉल देखने को मिलती है तो ऐसी अलग-अलग हमें प्रता चलता है कि कितनी विराइटीज है उसमें जो फ्लोरा एंड फॉर्न के मामले में कि कितनी प्लांट से है कितनी ऐसा हमें देखते हैं कि कितनी जो आपका प्लांट और एनिमल्स उपजाओं है वह कितनी ज्यादा यहां पर हो रही थी अब यह देखो यह खंड़ा फॉर्स यह कि कैसे अग्नी से वह बचा रहे यह बहुत इंपोर्टेंट है हमें यह बहुत सारी दिवारों और इमारतों पर भी देखने को मिलता है तो बीबी लाल हमने जैसे पता है कि अब हमें पता है कि नाइन फिफीफाई वहां इन फिफीफॉर वाली जो इस्कोवेशन हो रही थी वह उन्होंने नहीं इसमें बहुत बड़ा इंपोर्टेंट रोल प्ले किया तो देखिए जो पुराना किला है वह आपका कंटेस्टेड कि इनको अभी तक हमें मिला है वो OCP का नहीं था, आज तक हमें माना है कि हमें 10,000 BC से हमें पहला विडियन्स 1000 BC का में मिलता है, पर वो किसका है वो OCP का नहीं मिलता है, वो हमें PGW का मिलता है, जिससे पता चलता है कि ये RN का यूज़ कर रहे थे, फिर हमें देखने को मिलता है कि 1969-1970 स यह आपकी थी पीजीडबी जो कि ग्रे वेयर है ठीक है इस पेंट भी हो देख सकते और यह आपका जो ब्लैक पॉटरी आ गई प्रॉब्लम जो नॉर्च ब्लैक पॉलिश वेयर इसकी पॉलिश भी देख सकते हो अगर यह ग्रे का जो होगी वह ऑकलर्ड पॉटरी इस सिमिंटरी का एच कल्चर यह पूरा का रेड वेयर मानना जाता था जिसे हम हडप्पा की सभीत्व तो यह अपना कि आपको पॉटरी यह आपका पीजीव यह आपको एंडीपीड यह आपके फेज थे पॉटरी के जो आपको पता होनी चाहिए कौन से किसके साथ जब NBPW आ जाता है तो हम मानते हैं कि महाजनपत जो थे जैसे मगत था वो बहुत अपने काल तक पहुँच चुका था, अपनी उपजाओ के अपने बहुत प्लिंथ पे पहुँच चुका था, उसके बाद हम देखते हैं कि इंपोर्टेंट जो अभी हमने बहुत सारी चीज हम एक रेफरेंस मिलते हैं, अबू फजल की देखते हैं, अबू फजल जो है, ऐने अकबरी में कहते हैं, इंदरपात थी, वो पहली सिटी थी, जो उसके नाम से जाना जाता है, इंदरपात को जो धीन फना, वो कहते हैं, कि जो भी मैंने आपको यह और हमने बात भी करेंगे जो हम दिन पना हुमायु दिन पना मना है वह अभू फजल अपनी एनेक परीमी कहती है कि यह वही जगह है जहां पर पहले कभी इंद्रप्रस्थ हुआ करता था फिर कहीं लोग इससे सिर्फ डिस्ट्रिट के तौर पर देखने लगे फिर हम दे� कि यमुना बैंक के नदी के किरान आ रही है वहां पर हम देखते हैं कि वेस्ट ऑफ इंडिया प्रस्ट में है वहां पर हमें शीला लेक मिलता है जिसमें जो और हमें कहां से मिल रहा है इसका एविडेंस है जहां सोर्सिस की बात करें निगंब है निगंब जो युदिष्ठर ने बनाया था तो हमें उसका एविडेंस मिलता है इंदर प्रस्थ का हमें जातक स्टोरी से मिलता है कि वह युदिष्ठर गोतर क्लान से हैं फिर हम देखते हैं कि बहुत सारी चोटी-चोटी एसकवेशन हो रही है बहुत सारा उत्खनन हो रहा है त और बहुत सारे विलेजेस के बारे में बताते हैं पांडवों के बारे में जो PG और W और NBPW लेवल के बारे में बताते हैं फिर बात में हम देखते हैं कि कनिंगम जो है वो देखते हैं कि इंदरपात से ही जो वो दिजम में मिलता है और जो पोटेलमी कहती है जोगरफी में कि इंदरपात बहुत important city है अगर आपको याद हमने बात किया था कि पोटेलमी ने कहा था कि जो इंदरपात है वो दिल्ली में बहुत important city है उसके बारे में तो वो कनिंगम उस बात पर agree करते हैं कि हाँ ये वैसी ही एक city है जैसे आपने देखोई आइन अग्बर की किताब है अग्गो फसल की तो इसलिए हमने पता है कि ये बहुत पहते की हुमायू के दीन पर ना जहां है आज वहां कभी इंदरफ्रस हुआ करता था फिर है दो इजर्शियों हैं अब इजर्शियों क्यों होती हैं दो तरक रखे गए हैं दिली के ओरिजन के बारे में पहला तो आपने देखा कि मिथ है जिसको मिथ मानते हैं जिसके हम जूठा कहते हैं बट मिथ की बहुत इंपोर्टेंट है जो कहते है कि इंदरप्रस्थ हिस्ट्री में था तो पहला एजर्शन था कि जो historian और archaeologist कहते हैं ये और जो त्रीमी टूर गाइट्स हैं ये लोग कहते हैं कि जो डेली है वो जो इसका डेली का ओरिजन हुआ है वो कहा डेली की जो शुरुवात हुई वो इंदरप्रस्थ है जो दूसरा तरक ये है कि जो सोनाईवी शिताबदी में हमें पुराना किला मिलता है वो पुराना जरूर है बट invisible इंदरप्रस्थ है क्योंकि उसमें हमें इंदरप्रस्थ पूरा नहीं मिल रहा है उसमें claims है, biographies है, चीजें दी हुए है हुमायू नामा में, बट उसमें अब आज क्या है, आज वो हुमायू का वो जो land है, वो ज़ादा दिखा रहा है, और तो और हम देखते हैं, कि जो late 18th and 19th century में ऐसी बहुत सारी evidences देखने को मिलते हैं, जो हमें पहला evidence हम देखते हैं, एने अकबरी का, कि एने अकबरी में देखने को मिलता है, उसके बाद endologist है, जिन्नों ने विलियम जोन्स देसे लोग जो 18 सेंचुरी में आ रहे थे जिन्नों ने भारत की कहीं इंपोर्टेंट टेक्स्ट को अनुवाद किया इंग्लिश में किया उनका ट्रांसलेशन किया उनको बताया कि हमारा इतियास था तो वो एशाटिक सोसाइटी और बिंगॉल क है तो यह बहुत इंपोर्टेंट है कि हम इस लोकेशन को भी ध्यान रखें हमारा यह सिर्फ मित नहीं है दो पॉइंट ऑफ यू तो है पहला जो कहते हैं कि यह मित है जिसमें आप देखते हैं कि इंदरप्रस्थे शुरुआत हुई थी पहला किला के उसमें देखती है जो और जो बाद में डेवलपमेंट हो रही है उसमें रिसोर्वी चत्ताब्दी में हो रही है और उसकी पुराना जो इतिहास है उसको डिनाए करती है इसको उसको अ अंत बताती है इसको समझाती नह अभी हमने पढ़ा कि असर उन संदीत की जो किताब एसर है हिमित कामन की बहुत इंपोर्टेंट हमें बताती है कि हस्तिनापूर में था। उसके बाद आपको और तो चीजें जो हैं जो आपको जाने वाली हैं कि जो दुश्वन्त था। वो हम बात करते हैं कि दुश्वन्त, श्री गवेनपूरी जो हमने साइट पड़ी दिली में जिसके उपर हम इंस्क्रिप्शन मिलते हैं और हम देखते हैं दुष्ट वन जो है यह इंपोर्टेंट है जिससे में बता चलता है कि जो गंगा का पानी है वो 1212 में उपर को आ गया जिससे पता लगता है कि लालकोट औ इसका जो relation है, जो इसका context है, वो पिस्ते शुरू होता है, वो इंदर प्रस्ते है, सैयेद अमित खान ये मानते हैं कि जो माँ भारत की जो शर्ट हैं, जो मामें माँ भारत की चीज़े हैं, वो हमें देखने को मिलती हैं, और बहुत सारी जगाओं से, शहा जाना बात से भ पांडु एज में जो पांडमों की उमर में जो हस्तिनापूर बन रहा था उसमें बहुत सारे डिफरेंट ब्लॉक्स आ रहे थे जिसमें डिफरेंट साइट्स एमर्ज हो रही थी दिली के आसपास तो सिरफ एक ही जगा नहीं हो रहता पर दिली के आस बहुत सारा हमें पता चलता है कि इंदिपरस था इंदिपरस के बारे में बहुत सारी आज की स्टॉरियंस के डिबेट हैं अब आपको बताना है कि आपको यह चीज़ जब से इंपरटर है कि हम इंदिपरस को डेट कब से करते हैं जो मिलते हैं वह मिल रहे हैं जब हमने बात करें पर अच्छी में टू जी रो सिक्स बी सी से में टेक्नोलॉजी से पता चलता है कि इसकी एक्चुअल की डेटिंग है जो यह टाइम फ्रेम हम देखते हैं कि हर अपन सभ्यता के आसपास का आता है सैयंद एमित खान जो खान ने अपनी बुक लिखी अल उसंदीत उस किताब में हम देखते हैं कि ये बहुत important attempt की गई है European audience को बताने के लिए क्योंकि जब यूरोप आये जब Britishers आये जब उन्होंने हमारे ग्रंथ पढ़ने शुरू किये टेक्स्ट पढ़ने शुरू किये तब उन्होंने कहा कि इन लोगों में अकल नहीं है इनकी उमर तो historical conscious ही नहीं है इसनों में historical चेतना ही नहीं है इतियास की चेतना ही नहीं है कि इ तो सरसंय देमित खान ने ये उनको जवाब देने के लिए किताब लिखी कि इंद्रप्रस्थ है वो प्रॉपर एक historical city है जहाँ पे scientific realm है था जहाँ पे prove होता है कि पहले लोग यहाँ पे रहा करते थे और यहाँ पे बुद्धिस्ट और हिंदू एजमे के भी हमें जातकों से ह अब जैसे भी मैंने बात की थी चुट्टो इन टोटो द अर्बन कौको डबल डू पोयम बहुत सारी जरूरी नहीं है कि हम से पास्ट में देखेंगे तब हमें पता चलेगा कि इतियास था या नहीं था किसी भी जगा का इंदरप्रस्थ आज भी लोगों के बातनों में हैं तो इन दे प्रस की हम उसमें बात करते हैं तो ये एक ऐसी repetition है, textural repetition की तरह represent कर रहे हैं, cockatoo do, जैसे कि एक time से दूसरे time, दूसरे time से दूसरे time, continuously repeat हो के ये एक rhetoric से दूसरी जगाओं पे जाके बूली जा रही है, जो हम देखते हैं, testify हो रही है, जो further prove हो रही है, historical books, archaeological reports और museum, museum इन सब से पता चलता है कि हाँ ये सच में important role थे, और हमें देखते हैं बहुत सारे literary, और इंस्क्रिप्शन एविडेंस मिलते हैं लिटरेरी और इंस्क्रिप्शन एविडेंस का कहने का मतलब है कि हमें लिखित और अभिलेक मिल रहे हैं जिससे हमें बता चलता है कि बहुत सारे सेलिब्रेटेड स्टोरियंस यह मानते हैं कि एंशेंट दिल्ली का इथिहास है वह इंदरप्रस्थ से शुरू होता है और इंदरप्रस्थ हम देखते हैं इसका जरूर है कि उसका कहीं लोग हम देखते कि मित है जूट से इसका रिलेशन लोग कहते हैं बट यह बहुत एग्जांपल है बहुत हमें प्रशंसनी उधारन है जिससे हम नहीं दिखता है कि अगर ये मिथ भी है क्योंकि जितना इसके बारे में चीजें लोगों की माइंड में ग्रास्ट करी हुई हैं उससे कोई नहीं कह सकता कि ये मिथ है ये रादर एक continuously repeated phenomenon है collective memory कहा जाता है इसे common folk जिसमें सबकी लोगों कोई ज कौके डूडल डू की आप देख सकते हैं कि यह पोयम होती है जो कंटिनिशली बच्चे रिपीट करते हैं वैसे यह गाने की तरह हम भी देखते हैं कि इंदर प्रस्त की वैसे कौके डूडल डू की तरह रिपीट होती हैं फिर हम देखते हैं ऐसी अगले इतियास का आर्पे चलते हैं बीडी चटू पांदे वो करते हैं कि आर्किलोजी और संस्कृत एपिक का बहुत इंपोर्टेंट करेक्शन है अभी हमने बड़ा कि इंद्रप्रस्थ सबसे बड़ी बात आपको समझनी पड़ेगी कि इंद्रप्रस्थ कोई मिथ नहीं है, इंद्रप्रस्थ जूत नहीं था, क्या इसका रिलेशन है, हम देखते हैं कि जो इसका एविडेंस है, आर्केलोजिकल एविडेंस है, उसको महाकावियों के बीच मे यह हिस्ट्री कभी ऐसी हो सकती है कि हम इन एपिक से इन कावेयों से भी निकाल सकें। यह बहुत मुश्किर हो जाता है जब हमें पता होता है कि कोई चीज कावेय और वहां से इध्यास को निकाल ला। पर हम देखते हैं कि जो कुछ इध्यास का रहे हैं यह जो पुरा तात् दो चीजों को जोड़कर वैसे ही हम देखते हैं कि बहुत सारी चीजें हैं जिसमें इंपोर्टेंट रोल प्लेय हो रहा है कोरव है जो अपनी इंपोर्टेंट फाइट का कोरव और पांड़ब बहुत इंपोर्टेंट रोल प्लेय कर रहे हैं जहांपे एक दूसरे के लिए ऐसी ही पुराना किला के जो फाइट हुई है, जो लड़ाई हुई है, वो एगोश मानते के हम हुई थी और हमें इसका आर्केलोजिकल एविडेंसिस मिलता है, हमें पुरातात्विक हमें मिलता है, सबूत मिलता है कि ऐसी जो लड़ाईयां पुराना किला के जमीन में के नीच कि जब प्लाश शुरू करिए और जैसा कि देली थूं द इजिस की सलेबस में पता लगता है कि सिर्फ हमें ने इस सिर्फ हमारा जो फोकस है वह यही नहीं है कि हमें इंद्रप्रस्थ पढ़ने क्योंकि इंद्रप्रस्थ के साथ और भी कि शांति के लिए एक वशिष्णिक की युद्ध को टालने के लिए श्री कृष्ण यह प्रस्ताव दिया था कि हस्तिनापूर और पांडव और हस्तिनापूर जो यह बेसिकली माना जाता है कि कृष्ण ने कहा कि अगर हमें हस्तिनापूर को बचाना है तो पांड� आज नहीं ये पाट ठीक है पर कभी ये दिली के सब पाट उबा करते थे ये सारे ही पाँचो देश दिली के ही पाट थे जो सुवन प्रस्त पान प्रस्त व्याग प्रस्त तिल प्रस्त से बने है इंद प्रस्त ये पाँच प्रस्त दिये गए थे सो देट की दुरियोधन ये इस तरीके से हमें पता चलता है कि दोनों पार्वों पूर पांडवों और कौरवों में एक लड़ाई देखने को मिलती है। यह सब थे इनफेंट्री कैवलरी मतलब जहां गुर सवार थी सैना थी सब मिलकर एक दूसरे के ऊपर यह डेवलपमेंट कर रहे थे साथ की साथ इन्हीं पांचों देशों में हमें ब्रिक फोर्ट में मिलते हैं हमें दिखते हैं कि मिट्टी की दिग और ना की तो मिट्टी की इसको किस नाम से कहा तिलपत ग्रही जो बहुत बड़ा एपी सेंटर बन जाता है जाट रिबेलियन का क्योंकि जाट और सिक्क रिवोर्ट कर रहे थे जो और जाट के वो यही सेंटर है तिलपत का तो आप देख सकते हो कहां तिलपत की वो पांच देशों में देने के लिए अगला जो आपका सेंटर है पानप्रस्थ जो पानप्रस्थ है वो बहुत इंपोर्टेंट है पानी पत्वाला रीजन जो हर्याना में है हम देखते हैं जो पानी पत्वाला रीजन जो होई थी 1526 में सुल्तान अब्राहम लोधी और तिमुरुद बाबर के बीच में तो ये ब नियुक्त लड़ाई हुई थी विक्रम अधित्य के साथ और हम देखते कि बहुत सारी यहां पर जो अब दाली की सेवन किन सिस्टी वन में वह इनवेड करते हैं जब वह आक्रमेंट करता है तो यही वह जमीन थी तो इसमें बहुत सारी यह पानी पत्मी हम देखते हैं कि बहुत बार ऐसी चीजें लड़ी गई यह पर आपको बताना है यह आज के बाद का हितियास है पर यह भी एक बहुत इंपोर्टेंट वही प्रस्त था जो पांचों पाणवों को उन पांचों प्रस्थों में से दिया गया था। यह आप देख सकते हैं यह पानी पत्त वाला रीजन हो गया यह आपको दिल्ली का आपको पता है देन तिल पत्त और भी हम और भी रीजन सभी देखते हैं। यह आपको दिल्ली का आपको दि जिसका मतलब है city of elephants, जैसे इंदर प्रस्ट इंदर की जगा है, वैसी हस्तिनापूर, जो कौर्वो की capital थी, वो है हातियों का देश, जिसको Sanskrit में हम देखते हैं हस्तिना, हस्तिना मतलब हाती, और पूर मतलब city, जिसका हम देखते हैं कि महाभारत काल का इसमें बहुत जोर देक जो हम दोजार सिर्फ अरप्पा सभिता के काल से तो इसे मानते हैं पर असलीत में हम नहीं पता कि किसके हिसाब से है पर और कलर पॉटरी हम देखते हैं कि गंगा यमना द्वाब में देखने को मिलती है हस्तिनपुर बहुत इंपोर्टेंट हम देखते हैं कि कौरवों के कैपिटल को डिपिट करता है कि ये कौरवों की जगा थी हमें महाभारत में देखते हैं कि जो गांधारी जिनोंने दितराश की जो पतनी थी जिनोंने की जिन से तो वहां पर हम देखते हैं बुद्धि गंगा जो हस्तिनापूर के पास ही भेथी है वहां हम देखते हैं कि दो लोकेशन हैं दरोपती घाट और कर्ण घाट जो महाभारत की फिगर में रेफर करते हैं तो हस्तिनापूर में आपको सबसे बड़ी बात आपको पता होनी चाहिए कौन से दरोपती घाट और कर्ण घाट तो ये इंपोर्टेंट हैं जो आपको पता होनी चाहिए जो महाभारत की फिगर में इंपोर्टेंटली रेफर हो रहे हैं फिर हम देखते हैं कि हस्तिनापुर्व में महापुराणों में भी इनका आफ एक्सप्लेज किया गया है और एक किंग थे संप्रति कौन थे जो अशोक के बाद जो रूल करते हैं उनका जो रूल है वह भी हमें देखने को मिलता है और भरत जो मौरण है मौरण पाल में देखते हैं कि शोका के जो ग्रांड सन है वह भी हमें इनका तो वो कहते हैं कि Stratigraphic Position, कि Stratigraphic Position मैंने आपको बताया था जैसे पुरानी क्लासेस में, कि हमें जब माटिला होता है तो उसमें Stratigraphic Position होती है, जिसमें जो Culture से हमें एक line से मिलेगा, हम उस Culture से ही उसको पढ़ेंगे, फिर दूसरी होगी, फिर तीसरी होगी, तो जैसे इंपोर्टेंट रोल प्ले कर रहे थे जिसमें सिरामिक इंडस्ट्रीयम मित्ती के बढ़तन बहुत अच्छे से डेवलप हो रहे थे जब पीजीडब्ली जब आपको मैंने बताया दिखाया था भी कैसे पीजीडब्ली की डेवलपमेंट हो रही थी जो आपका बच्चा ट्राटी ग्राफिक है उसे हम कहते हैं गुशुर मुंदभान जब कि मुंदभान हो रही है जिसमें वह ट्राटी ग्राफिक है उसके बहुत इंपोर्टेंट हम देखते हैं कि इतिहादसीक काल की हमें शहर चरचना की बता लगता है अब आपने हमें पता चला कि बहुत सारी डेवलप्मेंट हो रही है, पट इंदरपत्त की जो हिस्ट्री है, उसकी बहुत लब्बी डेवलप्मेंट है, हमें हमने कुछ-कुछ चीज़ें पढ़ी और कुछ चीज़ें हमारी और रह गई है, जिसका हम देखेंगे कि लालकोट चिटी जो है वह बहुत इंपोर्टेंट रोल प्लेट करती है मौर्य इंपायर अशोका के लिए जो से हमें बता चलता है कि पूरे भारत में पूरे भारत सभ्यता में यह फ्लोक फैले हुए थे हमें जिससे और क्या बता चल रहा है जो NBPW पट्री है इस एरिया में पुरा� हमें साउड डेली में एक बहुत इंपोर्टेंट इंस्क्रिप्शन मिलता है जिससे कि यह में पता लगता है कि इंद जो दिल्ली में इनका बहुत जो फिलाव था मौरेन इंपायर का वह था तो इसलिए पूराना किला है और कालका जी की दो इस्टाब्लिशमेंट है उससे में प्रूव हो ज फिर जो दिल्ली मेरुट पिलर है, दिल्ली मेरुट पिलर दूसरा पिलर है, जिससे नहीं बता चलता, एक तो आपका है कानकाजी पिलर, दूसरा है दिल्ली मेरुट पिलर, ये अमबाला से फिरोशा तुगलक लेकी आते हैं, जो अपने चतर भूजी मस्जित में और हिंदू मोहरे ने अपना फिलाव किया था उसी पर जाकर इस्तेबलेश हो जाते हैं और उसको बदल के फिर गुप्त काल आता है तो हम देखते हैं कि इसके ऊपर बहुत सारी जो कालीदास ने भी लिखा है वह देखते हैं विशाकदक्त का मुद्राक्ष है ऐसी अलग-अलग टेक्स्ट है ऐसी अलग-अलग हमें ज्ञान पर आपत होता है इसे पता चलता है कि कुतुब कॉंप्लेक्स में भी बहुत सारी इनोवेशन हो रही थी एक तो दिल्ली मेरुट पिलर है एक कालकाजी का पिलर है तीसरा देखते हैं कुतुब मिनार्कडा कॉंप्लेक्स जहांपे आपको आरेन पिलर में दिखने को मिलता है, यह हम सारे पिलर अभी पढ़ेंगे, उसके बाद हमें एक और चीज़ है, जो अभी गुनोच में हम देखते हैं कि कानपुर के पास, हम देखते हैं कि हिंदू और अरब की रेट्स हो रही थी बार-बार-बार-बार, हिं जम्मुन कश्मीर की सुष्ट सारा पाकिस्तान वाला एरिया कंटिनिश्टली जो अलब के लोग यहां आके आक्रमंट कर रहे थे इस आक्रमंट में हम देखते हैं कनौज बहुत इंपोर्टेंट सेंटर बन जाता है किसका प्रतिहाराज राष्टकूटाज और पालाज का तो जब प्रतिहारा थे उसमें जो उनका एंपायर था वो दिल्ली भी था फिर कन्नौज के साथ हम देखते हैं बाद में तोमर ने भी और तोमर ही हम जब पहली क्लास में हम भी बात कर रहे थे कि यह ऐसे यमुना नदी के पास सूरच कुंड है जो आज रेजर्व है जो पानी खटा करने का काम कर रहा है व अब हम देखते हैं जब तोमर को तोमर अपने आप में बहुत इंडिपेंडेंट हो गए तो वो लाल कोट की स्थापना करते हैं अगली फ्लास में जो अगला लेक्चर आएगा वो किला राय पिठूरा और हम लाल कोट की बात करेंगे कि कैसे 1160 में जब अजमेर में अपने सा हमें देखने को मिलती है जो आठ किलोमीटर लंबा चोड़ा फोट है किला है यह देख सकते हैं कुरु कुंती पांचाल विधर्भ और यहां आपका कनौज का बहुत इंपोर्टेंट पाल प्रतिहारा और राष्ट्रकुटा के बीच में इंपोर्टेंट रूल रहते हैं जिसमें हम देखते हैं प्रतिहारा जो है जो गुजरात से आयुए हैं इस पाट से वो दिल्ली पर अपना बहुत इंपोर्टेंट शास और जो राश्च कूटा थे वो चलुक्या ये चलुक्या है और ये आपकी महराश्टर और मंदिर प्रदेश एरिया में आपकी र इससे हमें पता चलता है जो दिल्ली वो हजारों साथ पुरानी थी इसको कोई डाउट नहीं है और हमें माइथोलोजी से पता चल रहा है कि जो यहाँ पे फॉरेस्ट थे वो बहुत इंपोर्टेंट वो किसके थे जो खांडपरस्ट जैसे वो फॉरेस्ट है वो माभारत में ह आपको सब्सक्राइब करें और इन प्रेस के जो भी लिंग्ड सेंटर है उसे समझ आ गए होंगे अगर आपको कोई भी प्रॉब्लम है तो आप इस नंबर पर मुझे मॉट्सप कर सकते हो नहीं तब मुझे मेरे लाए सकते हो थैंक यू गाइस वॉचिंग वो मा 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