रिलेशन और फंक्शन पर व्याख्यान नोट्स
परिचय
- रिलेशन का अर्थ: रिश्ते, जैसे: माता-पिता, पति-पत्नी, भाई-बहन, दोस्ती आदि।
- फंक्शन: रिलेशन का एक विशेष प्रकार जहां डोमेन में कोई पुनरावृत्ति नहीं होती।
रिलेशन
- रिलेशन के लिए कम से कम दो तत्व होना अनिवार्य है।
- हर रिलेशन में कुछ कंडीशन होती है।
- उदाहरण के लिए, सेट A = {1, 2, 3} और सेट B = {4, 5, 6} के लिए कार्टिशियन प्रोडक्ट निकालना।
- रिलेशन बनाने की स्थिति: A और B के तत्वों का संबंध।
रिलेशन के प्रकार
- रिफ्लेक्सिव रिलेशन: जहां हर तत्व खुद से जुड़ा हो।
- उदाहरण: (1,1), (2,2), (3,3) आदि।
- सिमेट्रिकल रिलेशन: यदि (a, b) है तो (b, a) भी होना चाहिए।
- ट्रांज़िटिव रिलेशन: यदि (a, b) और (b, c) हैं, तो (a, c) भी होना चाहिए।
विभिन्न रिलेशन के उदाहरण
- रिलेशन का सेट: हर रिलेशन सेट का सबसेट होगा।
- एम्प्टी रिलेशन: जब कोई भी तत्व नहीं होता।
- यूनिवर्सल रिलेशन: जब सभी तत्व शामिल होते हैं।
फंक्शन
- एक विशेष प्रकार का रिलेशन जहां प्रत्येक डोमेन के लिए एक ही इमेज होती है।
- फंक्शन के प्रकार:
- वन-वन फंक्शन: एक से एक इमेज।
- मैनी-वन फंक्शन: एक इमेज के लिए कई डोमेन।
- सर्जेक्टिव (ऑन-टू): जब सभी कोडोमेन तत्वों के लिए एक प्री-इमेज होती है।
- बायजेक्टिव: वन-वन और ऑन-टू दोनों।
व्याख्यान में उदाहरण
- कार्टिशियन प्रोडक्ट: A x B और B x A का निर्माण।
- फंक्शन के लिए: यदि f: A -> B, तो हर a ∈ A का एक ही b ∈ B होना चाहिए।
- रिफ्लेक्सिव, सिमेट्रिकल, और ट्रांज़िटिव रिलेशन के उदाहरण।
निष्कर्ष
- रिलेशन और फंक्शन के विभिन्न प्रकारों को समझना महत्वपूर्ण है।
- कई सवाल और उदाहरणों के माध्यम से अवधारणाओं को स्पष्ट किया गया।
- महत्वपूर्ण है कि अभ्यास किया जाए ताकि इन विषयों में महारत हासिल की जा सके।
ये नोट्स आपको रिलेशन और फंक्शन के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। अध्ययन में सहायता के लिए इनका उपयोग करें।