Hello students, आज हम एक नया chapter start कर रहे हैं Classification of Elements and Periodicity in Properties In Organic Chemistry का 11th class का ये chapter है इसको हम short form में या मानलो बहुत common form में periodic table के रूप में भी जानते हैं तो chapter का नाम लिखें Classification of Elements and periodicity in properties, जिसको हम periodic table के रूप में जानते हैं, तो classification of elements and periodicity in properties, पहले थोड़ा सा मैं introduce कर दूँ chapter को, देखो maybe some 150 or 200 years back, जब बहुत कम elements discovered थे, तो ऐसा classification की बहुत ज़दा need नहीं पड़ती थी, but when more and more number of elements were discovered, तो फिर एक classification की जरूत पड़ी है कि उनको एक ऐसे तरीके से arrange किया जाए, ताकि उनके typical elements को, एक model elements को अगर हम discover, तो similar properties वाले सारे elements अगर एक साथ आ जाएं, तो उनकी study becomes easier, तो for that classification was done, lot of many physicists and chemists did work in this particular direction, and gave their contribution in the classification of elements, कुछ नाम बहुत famous है, जिनके बारे में हम briefly बात भी करेंगे, यह historical development have the periodic table, आज जो आप periodic table use करते हो, उसे बोलते हैं modern form of periodic table, मोजलेज प्रियोडिक लॉ पर वो बेस्ट है, जो आप अपने, मान लो पढ़ाई करते हैं, तो रूम में दिवाल पर चिपका के रखते हो, या अपने पास रेडी रेकनर के रूप में रखते हो, जो प्रियोडिक टेबल, वो दस पंदरा बीस रूपे की जो मार्केट से खर बट वहाँ तक तो हम बाद में पहुँचेंगे, वो तो एक fine form है classification of elements का, बट शुरुवात के development कैसे थे, उनके बारे में पहले हम बात करेंगे, शुरुवात के development जो थे, वो elements को arrange किया गया, in the increasing order of their atomic masses, उसके basis पर classification किये गए, जिसने पहला नाम जो आता है, वो है Doberner का, Doberner's Law of, ट्राइट्स दोबर्नर्स ने क्या किया दोबर्नर्स ने तीन तीन एलिमेंट्स के ग्रूप बना दिये आफ सिमिलर प्रॉपर्टीज तो दोबर्नर दोबर्नर फॉर्म्ड ग्रूप आफ ग्रूप आफ आफ थ्री एलिमेंट्स कॉल्ड प्राइट्स है विंग सिमिलर प्रॉपर्टीज विपर पर प्रशिक्षा के सिमिलर प्रॉपर्टीज एलिमेंट्स के हम ग्रुप्स मना दें सिमिलर प्रॉपर्टीज वेयर अटॉमिक वेट आफ आफ मिडल एलिमेंट वेर द अटॉमिक वेट आफ मिडल एलिमेंट वास अ एन अवरेज ऑफ लीनियर अवरेज ऑफ फर्स्ट एंड थर्ड एलिमेंट एसे टाइप की टाइप है, अन्य टाइप आफ ट्रायड्स, अन्य टाइप आफ ट्रायड्स, ये फॉर्म्ड है, हैविंग सिमिलर प्रापर्टीज और nearly same molar mass, nearly same atomic weight, इसका मतलब उन्होंने atomic weight को ही basis बनाया for the classification of the elements, इसका मतलब dobernal law of triads जो है, it is based on, classification is based on atomic mass or atomic weight, तो जैसे कैसे example लिये उन्होंने, दो तरह के triads बनाएं, जहाँ पर similar properties के तीन-तीन elements लिये, जिसमें middle element का जो atomic weight था, that was the average of first and third element, और दूसरा tribe का triad बनाया, जहाँ पर similar properties के तीन elements, इसको लिया उन्होंने, they have the similar atomic weight. Examples of the triads he made are like this, like lithium, sodium, potassium. Lithium का atomic mass जैसे होता है, आप जानते भी हो, it is 7, this is 23, and this is 39. So, 39 और 7 का जो average है, that comes out to be nearly 23, which is sodium. और example, जैसे उन्होंने लिया, जैसे calcium, strontium, barium type के.
ये तो ऐसे example लिये, जहाँ पर atomic mass of the middle element is average of the first and third element. दूसरे classification, उन्हें दूसरे type के triads जो बनाये, similar properties वाले, वो जैसे iron, cobalt, nickel बनाया. iron, cobalt, nickel have nearly similar properties and their atomic masses are quite near, they are quite close, adjacent elements थे, तो this is all based on atomic masses, तो ये थे doberner's triads, but lot many elements could not be fit into the, तो drawback क्या था इसका, ये various contributor हैं in the finest classification as we see today in the form of the modern periodic table but क्या इनके contributions थे वो हम यहाँ पर याद कर रहे हैं और drawback क्या था many elements could not fit into triads बहुत सारे elements ट्रियाड्स में fit नहीं हो पाए, तो कुछ ही ट्रियाड्स बन पाए, बाखी के elements का classification properly नहीं हो पाया, तो यह पहला contribution था, main contribution, and the second contribution is, Newland's law of octaves, octave जैसे musical notes होते हैं musical notes में जैसे कि आप जानते हो कि every eighth note repeats similarly उन्होंने कहा कि तो लिख दो like यह भी based on atomic mass है या atomic weight के उपर based है तो like every एट्थ म्यूजिकल नोट, म्यूजिकल नोट आप समझते हैं, सारे, गामा, पाधा, नी, सा, सा, वापस आ गया, तो every, like every eighth musical note repeat itself, itself, new land, एवरी एट्थ एलिमेंट रिपीट इस प्रॉपर्टीज पर परपस यह था कि सीम प्रॉपर्टी वाले एलिमेंट शुड अपियर एट द सीम प्लेस तो like every 8th musical note repeat itself, Newland arranged the elements in the increasing order of their atomic weight and suggested that every 8th element repeat its properties, जैसे उन्होंने इस तरीके से कहा, जैसे lithium, sodium, आगे चलेंगे तो lithium, beryllium, boron, carbon, nitrogen oxygen fluorine उसके बाद फिर जैसे उन्होंने देखा यह 3 6 7 thereafter जो elements discovered थे that is sodium that is magnesium aluminium silicon phosphorus sulfur chlorine and so on so every eighth element this is eighth element it has it is found to have the similar properties as that of lithium तो ये point था, but इसका सबसे बड़ा drawback था, कि he did not consider those elements which were not discovered during that time, तो drawback क्या था, did not think about the elements, which were not discovered during that time.
So, did not think about the elements which were not discovered during that time. After the discovery of noble gases, जसे हिलियम नियान आर्गन टाइप इट वस फाउंड थे अब एवरी नाइंथ एलिमेंट हैड सिमिलर प्रॉपर्टीज rather than every 8th element तो इसका मतलब the very purpose of the word octave is lost वह उस समय पर नोबल गैसेस डिसकवर्ड नहीं थे जब नूलेंड्स लॉफ्ट आक्टेव सजेस्ट किया गया नूलेंड्स द्वारा तब हिलियम नियोन आर्गन जैसे एलिमेंट डिसकवर्ड नहीं थे mass और atomic weight इसके बाद एक तीसरा contribution आया in the form of Lothar Mayer curves this is also based on atomic weight ये भी atomic weight के basis पर ही developed हुआ था इस एलेमेंट्स विद एसिमिलर प्रॉपर्टीज ऑक्यूपाई द सिमिलर प्लेस इन अटॉमिक वॉल्यूम वर्सेस तो ही सिजेस्टेड मैं बताता हूं ये एलेमेंट्स आफ सिमिलर प्रॉपर्टीज एज एटोमिक वॉल्यूम वर्स एटोमिक मास एटोमिक वेट तो इन्होंने कहा कि सिमिलर प्रॉपरिटीज के जो एलीबेंट्स हैं देवल अटॉमिक वॉल्यूम अटॉमिक वॉल्यूम मतलब एक तरीके से अब डेंसिटी इगल्ट मास अपन वॉल्यूम तो वॉल्यूम इगल्ट मास अपन डेंसिटी अटॉमिक मास अपन डेंसिटी या टॉमिक डेंसिटी कर सकते हो तो वह डेंसिटी इज नोन थी अटॉमिक वॉल्यूम को प्लॉट किया और यहां पर अटॉमिक वेट लिया तो जैसे एलिमेंट्स कुछ इस तरीके थे जैसे मान लो लीथियम से शुरुआत की तो लीथियम sodium, आपको पता है, lithium, sodium, अभी जैसा आप जानते हो कि lithium, sodium are the largest atoms, among the largest atoms, because they are the first group element, left to right जाने पर, periodic table में atomic size घटते हैं, तो alkali metals के size काफी large होते हैं, तो atomic volume would be quite large, लिथियम, सोडियम, पोटेशियम, रुबीडियम इस टाइप से, इस टाइप से, तो पाया गया के, लाइक या फ्लोरीन वस अक्कुपाइड, या फ्लोरीन इन दा असेंडिंग पोर्शन, लाइक नेरली दा मिट पॉइंट, ब्रोमीन और सो अन, और देसेंडिंग पोर्शन स्ट्रांशियम एंड सो आन यह ट्रांजिशन मेटल्स वर फाउंड लाइक आईरन कोबाल्ट निकेल लाइक देट यह रॉल्स ट्रांजिशन मेटल्स वर ऑक्यॉपाइड तो इस तरह करवाया similar properties वाले elements like crest of the curve was found to be occupied by the alkali metals, troughs were occupied by the d-block elements ascending portion के mid points में लगभग alkali हेलोजन पाए गए डिसेंडिंग पोर्शन के मिड पॉइंट में लगभग अलकालाइन अर्थ मेटल पाए गए तो सिमिलर एलिमेंट्स फॉर फाउंड टो बी ऑक्यूप आइंग द सिमिलर पोजीशन इन दा करव तो यह उनका एक ऑब्जरवेशन था उसके प्रोजेस पर लिया तो क्या पॉइंट थे क्या फीचर्स थे फीचर्स यही था कि अ पीक और क्रेस्ट से वर ओक्कुपाइड बाई अलकाली मैटल्स और आज हम जानते भी हैं कि अलकाली मैटल्स और आल आल हैव नियली सिमिलर प्रापर्टीज तू जैसे ट्राफ और लोइस्ट पॉइंट्स आर आकुपाइड बाई अलकालाइन अर्थ मेटल्स नोट अलकालाइन डी ब्लॉक मेटल्स अलकालाइन अर्थ मेटल्स occupy the mid points, nearly the mid points of descending portion of curve तो curve के descending portion पे पाए गए next fourth point halogens occupy the mid points of ascending portions of the curve तो ये कुछ features थे curve के, काफी कुछ अच्छा idea लगाए, से कि similar properties वाले elements, similar positions occupy करते हैं the Lothar Mayer curve, but ये curve के अंदर practical utility नहीं थी, बहुत ज़्यादा याद करना difficult था, तो drawback, लेका आफ प्रैक्टिकल यूटिलिटी एंड डिफिकल्ट रिमेंबर तो ये थे developments like Lothar Mayer, like Dobernatriads, Newlands Law of Octaves and Lothar Mayer Curve. Then the fourth contribution was very very immense and that was very important, that was given by Mandeliev. So Mandeliev's contribution, so Mandeliev's periodic table. ये एक Russian chemist थे जिन्नोंने ये classification किया, तो Mendeleev's periodic table, but Mendeleev के work को काफी appreciate किया गया, but गलती एक कर दी इन्होंने भी, इन्होंने भी classification atomic mass के basis पे किया, तो based on atomic weight.
यह भी classification based on atomic weight था, तो इनोंने क्या किया, कि elements को arrange किया in the periodic, in the table form, tabular form ने arrange किया in the increasing order of atomic weight and observed that similar properties elements appear in the same, similar positions in the form of group. इन टेबलर फॉर्म तो फर्स्ट ऑर्गनाइज क्लासिफिकेशन इन टेबलर फॉर्म क्या कहा उन्होंने उन्होंने क्या फीचर्स क्या कहे कि पेरियोडिक टेबल जो है उनकी जो पेरियोडिक टेबल थी उसको 7 horizontal rows में convert किया, 7 horizontal rows called periods and 9 vertical columns called groups. Similar property elements, elements of similar properties, elements of similar properties appear in the same group. वो जो नौ ग्रूप उन्होंने बनाए थे, vertical columns के रूप में, तो he arranged elements in the increasing order of the atomic weight, and shown that elements of the similar properties appear in the same group, तो इस तरीके से उन्होंने periodic table बनाई, वो table आप ncrt से भी देख सकते हो, वो मैं यहाँ नहीं बना रहा हूँ, वो जावशकता भी नहीं है, पर क्या उनकी property के merits थे, तो merits of man-leaves periodic table, क्या merits थे, क्या advantages थे, first classification in organized tabular form, जो याद रखना भी आसान था, for the elements that were not discovered during that time उस समय पर जो periodic table में जो elements discovered नहीं थे, उन elements के लिए उन्होंने अपनी vacant space छोड़ी, later, बलके he named these elements as ECA, aluminium, Later we called it gallium and icosilicon.
Later we called it what now? Germanium. आज वो element जर्मीनियम कलाता है, उस समय वो discovered नहीं था, तो उन्होंने उन elements के लिए vacant spaces छोड़े थे, तो ये उनकी power थी periodic table की, so this was a big strength of his periodic table, but कुछ drawbacks भी थे, drawbacks, no clear position of hydrogen as it resembles in properties with alkali metals as well as halogens तो no clear position of the hydrogen as it resembles in properties with alkali metals as well as halogens, तो आज भी hydrogen की position तो आज भी clear नहीं है, modern periodic table में भी hydrogen की position आज भी clear नहीं है, उसको टॉप में कहीं ऊपर रख देते हैं, like, manganese या iron के ऊपर में जस्ट, आग भी उसकी position इतनी clear नहीं है, hydrogen की, तो यह drawback तो अभी भी है, even in the modern form of the periodic table, उससे भी clear नहीं थी, तो no clear position of hydrogen, second, dissimilar elements were placed in the same, elements were placed in same groups, this example, copper, silver, gold, these are coinage metals, they are called coinage metals, coins बनते थे न पहले इसके, coinage metals were placed, along with alkali metals इनको एलकली मेटल्स के साथ रख दिया, एलकली मेटल्स और कॉपर सिल्वर गोल्ड का कोई लिएनदेना आपस में प्रॉपर्टीज में नहीं है, कारण क्या था, एलकली मेटल्स में वेलेंज शेल में एक एलेक्ट्रॉन होता है, यहां कॉपर सिल्वर गोल्ड में भी एक मैंगनीज वास प्लेस्ट इन अलांग विद हेलोजन्स हेलोजन्स कहाँ non-metals हैं, manganese is a pure metal, और दोनों same group में रखे वे थे, और कारण भी है, हेलोजन्स के valence shell में 7 electrons होते हैं, manganese के भी valence shell में 7 electrons हैं, तो यह valence electrons 7 हैं, तो इसलिए साथ आ गए होंगे, तो manganese was placed long before manganese, और इसलिए इसलिए इसलिए इसलिए इसलि� यह बिल्कुल डिस्टिमिलर एलिमेंट्स है, एक मेटल है और दूसरे सब नॉन मेटल्स हैं हेलोजन्स क्या होते हैं? नॉन मेटल्स तो यह एक तरीके से ड्रॉबैक्स थे इन प्रियटेबल अच्छा एक और स्ट्रेंथ थी इनकी जो बहुत इंपोर्टन्ट थी इन्होंने कई एलिमेंट्स के अटॉमिक मासेस करेक्ट भी किये जिसमें खासकर बोरॉन और बेरिलियम के बीच में एक एलिमेंट था बेरिलियम का atomic mass पहले 13.5 माना आता था, but later उन्होंने properties के basis पर देखा कि similar properties वाले elements similar position में आएं, तो बेरिलियम की position उन्होंने observe की कि it should be along with the magnesium and calcium, तो उसके basis पर उन्होंने decide किया कि atomic weight should not be 13.5, it should be इन बिट्विन लिथियम और बोरान और ये फाउंड अटोमिक मास्स टो बी नाइन और करेक्ट अटोमिक मास्स और अटोमिक वेट अफ बेरिलियम वस फाउंड टो बी नाइन तो ये भी एक स्ट्रेंट थी इनकी पेरियोडिक टेबल की तो ये फर्स्ट क्लासिफिकेशन थ प्रियोडिक टेबल तो यह थी प्रियोडिक टेबल यह कुछ ड्रॉबेक्स भी थे उस प्रियोडिक टेबल के हांले के यह सब फेल हो गए चाहे वो डोबरनाट ट्रायट्स हुँ क्यों डोबरनाट ट्रायट्स वो अलसो बेस्ट ऑन अटॉमिक मास क्लासिफिकेशन ऑन द बेसिस आफ अटॉमिक मास और अटॉमिक वेट सिमिलरली निलन्ड लॉफ ऑक्टेव वो भी अटॉमिक वेट के बेसिस पर था डोबरनाट ट लाइक किया गए एंड मैंने इस प्रियोडिक टेबल फर्स्ट क्लासिफिकल क्लासिफिकेशन इन फॉर्म आफ टेबल एंड वेरी वेरी गुड प्लासिफिकेशन बट अगेन दिस वस बेज़ड ऑन इंक्रीजिंग ऑडर आप द टॉमिक वेट वाले पर फेल हो गए उसके बाद मोजलेज ने अपना एक प्रियोडिक लॉट दिया अच्छी यहीं पर टर्म यूज करते हैं जैसे मैं लिख लिख लिख लिख ल properties of elements are the periodic function of their atomic weight.
यह atomic weight के कारण ही, यह Mendeleev's Periodic Law फिल हुआ, यही एक small modification आएगा, in Moseley's Periodic Law, Mendeleev's Periodic Law में, properties are the, of the elements are the periodic function of their atomic weight, जबकि, जबकि, मोजलेज प्रियोडिक लॉ में हम ये पढ़ेंगे कि properties of elements are the periodic function of their atomic numbers चलिए मोजलेज प्रियोडिक लॉ बाद में स्टार्ट करेंगे ये पहला lecture एक historical development है Genesis है of the now used periodic table थोड़ा सा students को ये idea होना चीज़ें inorganically एंसी आर्टी is the best book I am telling you बाकि ये notes हैं जो हम पढ़ा रहे हैं, कुछ डिटेल में बता रहे हैं, इन बातों को इनको भी आप याद रखें बाकि की चीज़े लेंगे in next video lecture, that's it for now