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सौर ऊर्जा और सोलर सेल के पहलू
Aug 30, 2024
सोलर सेल और सोलर पावर प्लांट
परिचय
सोलर सेल या सोलर पावर प्लांट कैसे काम करते हैं।
ये DC करेंट उत्पन्न करते हैं, जबकि हमें AC करना होता है।
सोलर सेल के प्रकार
दो प्रकार के सोलर सेल:
काले रंग के (मोनोक्रिस्टलाइन)
नीले रंग के (पॉलीक्रिस्टलाइन)
सोलर सेल का निर्माण
सिलिकॉन की आवश्यकता होती है।
सिलिकॉन का स्रोत: रेत (सिलिकॉन ऑक्साइड)।
रेत को कार्बन के साथ मिलाकर 2000 डिग्री सेल्सियस पर गरम किया जाता है।
सिलिकॉन का एटोमिक नंबर: 14, यह सेमी कंडक्टर है।
डॉपिंग प्रक्रिया
डॉपिंग: दूसरे तत्वों को सिलिकॉन में मिलाना।
एन-टाइप: फास्फोरस (5 इलेक्ट्रॉन्स) मिलाकर।
पी-टाइप: एल्युमिनियम (3 इलेक्ट्रॉन्स) मिलाकर।
पोजिटिव और नेगेटिव चार्ज बनाने की प्रक्रिया।
p-n जंक्शन
p-n जंक्शन बनाने की प्रक्रिया।
डिप्लेशन ज़ोन का निर्माण।
इलेक्ट्रॉन्स का बहाव कैसे होता है।
सोलर सेल के कार्य
सोलर सेल गर्मी प्राप्त करने पर इलेक्ट्रॉन्स निकालता है।
इन्वर्टर की आवश्यकता DC को AC में बदलने के लिए।
सोलर सेल का ढांचा
सोलर सेल के लेयर्स:
ऊपर: n-type
नीचे: p-type
बाहरी कोटिंग और जंक्शन बॉक्स का महत्व।
सोलर पैनल और सोलर मॉड्यूल
सोलर सेल को इकट्ठा करके सोलर मॉड्यूल बनाना।
72 सोलर सेल से 36 वोल्ट बनता है।
सोलर पैनल: एक ग्रुप।
सोलर ऊर्जा का उपयोग
दुनिया भर में सोलर पावर का उपयोग।
कोची एयरपोर्ट का उदाहरण।
कोलकाता एयरपोर्ट और भारतीय रेलवे के प्रयास।
अंतरराष्ट्रीय सौर सहयोग
मोदी जी का "वन वर्ल्ड, वन ग्रिड" का दृष्टिकोण।
121 देशों का अंतरराष्ट्रीय सौर एलायंस।
सौर ऊर्जा के लिए वैश्विक रणनीतियों का विकास।
निष्कर्ष
भारत की सौर ऊर्जा में संभावनाएं।
सौर पावर प्लांट की औद्योगिक क्षमता में बढ़ोतरी की आवश्यकता।
सौर ऊर्जा का भविष्य और पर्यावरणीय लाभ।
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