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मुसलमानों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व

हेलो एंड जेइ स्टूडेंट वेलकम वंस अगेइन टू यॉर उन चैनल सरतर उन रिपानी और हां यह आई सीएस सी बोर्ड के स्टूडेंट्स का डेडिकेटेड चैनल है फॉर क्लास नाइन्थ एंड टेन्थ हां नाइन्थ के स्टूडेंट्स के लिए जो आपके ही यस ब्रदर्स एंड सिस्टर्स एंड सिबिलिंग्स हैं आपके जूनियर्स हैं आपके उनके लिए भी ये चैनल है, नाम होगा उस गुरुप का, ये राइजिंग स्टार, आप नहीं दिया है, आप है मेरे सुपर स्टार्स, तो आज हिस्ट्री का चेप्टर मुस्लिम ली, हाँ आपने ही मुझे रिक्वेस्ट किया था, कि सर Muslim League को finish कर दीजे इस chapter को, तो क्या है Muslim League, और इसका formation कैसे हुआ, क्या events रहे जिसकी वज़े से इसका formation हुआ, और इसका after effect क्या आया, हमारे Indian nationalism में इसका क्या impact था, आज हम इसी को जानेंगे, तो basic rule तो बैट ना बता दू, कि यही वो party है, Muslim League, जो all India Muslims को represent करती थी, basically यह एक religion की, बेज्ड पार्टी है हां वह रिलीजन है मुस्लिम और इनको ही रिप्रेजेंट करने के लिए बनाई गई थी और कैसे बनी थी क्यों मनी थी क्या रिजन था इसके फर्मेशन का इसी पर यह चेक्टर है तो स्टार्ट करते हैं आज का इन लेसन है तो क्या फैक्टर्स थे जिसकी वजह से मुस्लिम लिख को बनाया ना पड़ा याद रखेगा 1885 1885 हमारे देश की पहली ऑल इंडिया पार्टी बनाई गई नाम था कांग्रेस Congress के founder थे A.O.Hume, Alan Octavius Hume और first president थे W.C.Benerji, Womesh Chandr Benerji और ये party all religious party थी, all masses party थी अथार देश के हर तरह के लोग, चाहे वो teacher हो, professor हो, employee हो, farmer हो सब इसके member थे याद रखेगा, वो party तेजी से grow कर रही थी, popularity पर ग्रो कर रही थी और नेम फेम आ रहा था उसका जितने भी इलेक्शन सो रहे थे गॉर्वर्मेंट के उसमें कांग्रेस के इन कैंडिडेट्स जीत रहे थे यह वहीं पार्टी है जिसके जवाला नेरूबी मेंबर थे ध्यान दीजिएगा इन महात्मा गांधी कहीं ने कहीं इसी से एसोसिएटेड थे तो मुस्लिम लिखी जरूरत क्यों पड़ी आओ इसी को समझते हैं तो सबसे बड़ा रीजन रहा लॉस ऑफ सोवरिनिटी अब आप कहेंगे यह सोवरिनिटी क्या होता है मतलब अपने अपने अपने अपने किंडम का लॉस होना ध्यान रखिए का बिटिश के आने से पहले देश मुगल रूल के अंडर में चल रहा था हमारा इंडिया वॉस अंडर द मुगल रूल मुगल मतलब मुस्लिम स्रू के रूल में था उसी समय हमारे मुगल राजा यह सब्वर देश को रूल करेंगे मेजर पार्ट अप इंडिया में तो हमारे जो मुगल रूलर से उनका राज अंग्रेजों ने छीन लिया था वैसे लास्ट मुगल रूलर आपको पता होना चाहिए बहादुर शाह जफर लास्ट मुगल रूलर थे तो उनका राज चला गया उनकी सोवरिनिटी उनकी सक्ता चली गई बिडिश आये और उनसे भारत को छीन लिया और हमें गुलाम बना लिया कोई पता है यह वाल तो अंग्रेजों का दुश्मन कौन बन गया मुस्लिम्स क्योंकि मुसल्मानों को लगा कि ये अंग्रेज ही ये अंग्रेज ही हमसे हमारा भारत छीन रहे हैं हमसे हमारा देश छीन रहे हैं बस और बिडिश के खिलाफ अपराइजिंग आफ 1857 साथ पार्टिसिपेट किया आपको ध्यान होना चाहिए कि बाहर शार जफर वह द की फिगर वह द की फिगर हुआ था रिगार्डेड एस एंपरर ऑफ इंडिया जस्ट एडिटाइम ऑफ द रिवोल्ड जितने भी रिवोल्ड करने वाले सैनिक तेज सिपाही थे उन्होंने ताकत के साथ अंग्रेजों से युद्ध लड़ा था यह अलग बात है कि हार गए थे तो अब यह रीजन रहा यह पहला रीजन रीजन रहा कि क्यों मुस्लिम लीग बनाए गई पहला रीजन क्योंकि मुसलमानों को उनका देश यस उनका किंडम उनसे छीन लिया गया और क्या हुआ अंग्रेजों ने पहले ही समझ लिया था जब 1857 आने से पहले ही समझ लिया था कि अगर भारत में लंबे समय तक रूल करना है तो यहां पर जो दो बड़ी कम्युनिटीज है उनको लड़ाते रहो मतलब फूट डालो और राजनिति करो उनका एक उदेश तर डिवाइड कि एंड्रू और यही पॉलिसी अंग्रेज हमेशा करते थे क्योंकि उनको मालूम था अगर हम एक हो जाएं हम एक हो जाएं हिंदू-मुस्लिम एक हो जाएं तो अंग्रेजों के छक्के छोड़ा देंगे और उनको हम लोगों क्या करना था एक नहीं होने देता इसलिए वह कुछ न कुछ ऐसा कर देते थे जिससे हमारे और मुस्लिम्स के लग हि कोई न कोई जगडा होते रहें, कोई न कोई communal, कोई न कोई separatist tendency वो लगाते रहते थे, क्या क्या लगाते थे मैं अभी आगे बताऊंगा आपको, कुछ न कुछ ऐसा British Government क्या करती थी, कुछ न कुछ ऐसी चाल बाजी करती थी, जिससे हमारे, बस Hindus और Muslims में क्या हो जाए, कोई है और आज तक ही आग धदक रही है ध्यान लीजिएगा इस वॉच द पॉलिसी ऑफ द बिटिश और अब क्या था क्या कुछ रिजन दिया गया क्यों बिटिश क्यों मुस्लिम लीज बनी इसके और रिजन्स क्या है मैं ताकि रहा हूं कि बार-बार कि इट वास ऑल मुसलिम क्या पार्टी इसमें कोई भी हिंदू मेंबर नहीं थे इनका मेन मकसद था मुसलमानों के हितों की रक्षा करना तो जरुवत क्यों पड़ी जब ऑलरेडी देश में कांग्रेस पार्टी थी तो जरुवत का रिजल्ट रीजन बता रहा हूं ठीक है क्यों जरूरत पड़ी क्यों फॉर्म हुई तो बैकवर्डनेस ऑफ दी मुस्लिम कम्यूनिटी एक रीजन यह भी था कि जो मुस्लिम कम्यूनिटी थी था मुस्लिम समाज के लोग जो थे उनको ज्यादा तर पढ़ाई में हां बिजनेस में ट्रेड में और तीसरा इंडस्ट्री में इन तीनों में पिछड़ गए थे वह बैकवर्ड हो गए थे तो बैकवर्ड हुआ तो उसका एक reason था yes जितने भी rich class के upper caste के Muslims थे जो मुसलमानों में भी जो rich Muslims होते थे उन्होंने जो जमिनदार्स होते थे aristocrats होते थे aristocrats मतलब होता है king या king के nobles उन्हें कहते है aristocrats ये लोग anti-British थे अगेंस्ट दी British क्यों क्योंकि इनका राज इनकी जमिनदारी सफरत होगी होगी और यह लोग जो एंटी ब्रिटिस थे वह कंसरवेटिव भी थे अथार्थ अपने धर्म अपने ही काम में मतलब रखते थे अब अंग्रेजों से हेट करते थे वे मॉडर्न एडुकेशन जो अंग्रेज ला रहे थे उससे दूर रहना जाते थे नतीजा क्या हो गया एडुकेशन से मुसलमान समाज क्या हो गया दूर चला गया और क्या रीजन रहा और क्या रीजन है कि क्यों वह बैकवर्ड हो गए जो ब्रिडिश गवर्न थी वह चलाकी से प्लेन करके ध्यान से सुनिएगा चलाक बाकी से प्लान करके कॉन्शियसली मतलब होता है प्लैनिंग के असाब से डिस्क्रिमिनेशन करती थी डिस्क्रिमिनेशन मतलब होता है भेदभाव करना हमारे मतलब हिंदूज और मुस्लिम में कुछ न कुछ ऐसा करती थी जिससे उनके बीच में नफरत या दूरिया पैदा हो पर पस्ट करती थी असाब और स्पेशली मुस्लिम के किलाफ क्यों मुस्लिम के किलाफ क्यों क्योंकि उनको लग रहा था कि एक बड़ा बड़ा पोर्शन आफ दी अपराइजिंग एक बड़ा हिस्सा दी ग्रेट अपराइजिंग जब हुआ रिवोल्ट हुआ उसने मुसलमानों ने बहुत बड़ा चड़के साल लिया तो उन्होंने इनके खिलाफ क्या किया बहुत ज्यादा क्या किया दमनकारी काम किया देख पनिश्ट बिडिश पनिश्ट दिए मुस्लिम्स मोर देंदी हिंदूस और क्या हुआ मुस्लिम कमिनिटी जो थी असार मुस्लिमान समाज था वह इंडस्ट्री के मामले में भी अथात कि उनके पास कोई बहुत बड़ी इंडस्ट्री नहीं थी हां कोई बहुत बड़ी इंडस्ट्री उन समामलों में भी वह पीछे रह गए थे तो मुसलमान कमिनिटी धीरे धीरे पढ़ाई में इंडस्ट्री में बैकवर्ड होने लगी और जो मुसलिम कमिनिटी के लोग भी थे वो भी नहीं चाहते थे कि मॉडर्न बने नहीं वो लोग मॉडर्न नहीं बनना चाहते थे आप सोचेंगे ऐसा क्यों सर क्योंकि उनको अपनी क बाउट करते थे तो यह बहुत अच्छी बात थी पर अंग्रेज इसका उल्टा फायदा निकालते थे ठीक है ना तो मुसिलमानों ने कभी भी वेस्टर्न सिस्टम को क्या नहीं किया अडॉक्ट नहीं किया नतीजा और अंग्रेज जानमुझका हमारे देश वेस्टर्न कल्चर लाइट वेस्टर्न एडूकेशन सिस्टम लाइट है ताकि हमारे देश में उनको क्लर्क्स मिल सकें गुलाम मिल सकें जो उनके ऑफिसेस दफ़तरों में काम कर सकें याद रखिए का उनका हमें एडूकेशन देने का कोई खास परपस नहीं था कि हम वह वह इंग्लिश स्पीकिंग बाबू क्या हां इंग्लिश स्पीकिंग क्लर्क पर ना चाहते थे हम लोगों के द्वारा हम लोग जब गुलाम थे इंडियन बस उनके लिए क्या हम कर रहे कि गुलामी वाला काम कर सके उनके छोटे-मोटे काम कर सके हां हमें को यह एडुकेट करने के प्रपस्ट नहीं आए थे और यह बात मुस्लिमान जानते थे उन्होंने कभी भी वेस्टर एडुकेशन सिस्टम को यह सपोर्ट नहीं किया और अब आप सीन पर देखेंगे आपको एक माहान एडुकेशनिस्ट के दर्शन करा दे रहा हूं यह सर सहियत ऐमद खान हां फोटो इसलिए बड़ा कर दिया है ताकि आप ध्यान से इसकी में दिखें क्योंकि कई बार image based question भी आता है आपको ध्यान होना चाहिए board में image based question भी आता है तो image दे करके इनके based question पूछा जा सकता है आईए कौन है और क्या इनका main role रहा है तो सर सयेद एहमद कान का भी Muslim League के formation में एक बहुत important role है आईए वह हिंदू मुस्लिम को एक कमुनिटी मानते थे उन्होंने माना सरसयद ऐमंत जी ने माना कि हिंदूज और मुसलमान क्या है एक nation है एक कॉम है दोनों एक है यहां दिजेगा यह पर उनकी starting की सोच है कब की शुरुवात की सोच है इनोंने किनोंने सर सैयद एमद खान जी ने फाउंड किया M.A.O महम्मदन एंगलो ओरियंटल कॉलेज एट अलीगड क्या आपने अलीगड युनिवर्स्टी का नाम सुना है I am very sure I am very sure हर एक स्टूडेंट ने इसका नाम सुना होगा अलीगर्ड यूनिस्टी जी हां यही है अलीगर्ड यूनिस्टी तो यह यूनिवर्सिटी इन्होंने करें वह भी एट पार विद इंडूज आएं उन्हें भी क्या हो डेवलपमेंट वाली सोच आएं हां वह उनके लिए क्या किया यह अलिगर्ड मुस्लिम यूजिटी इस्टेब्लिश किया याद रखेगा इसके फाउंडर्स में हिंदू भी थे इनके सपोर्टर्स हिंदू भी थे यह भी ध्यान दीजिएगा कि शुरुआत में सर सैयद ऐमद यह बिलीव करते थे कि देबो आर ईक्वल देखेगा थोड़ा सा बाद में क्या होगा कांग्रेस पार्टी यस वेन कांग्रेस पार्टी जो कि वह इंडिया नेशनल कांग्रेस है जब फाउंड हुई तो सर सैयद ऐमद खान ने इसका विरोध भी किया क्यों इसका लॉजिक क्या दिया गया तो सर सैयद ऐमद खान को लगा कि एक हिंदू मैजॉरिटी पार्टी है वथार जिसमें हिंदू लोग जादा हैं और अगर ये पाटी, yes, Congress पाटी अगर बढ़ेगी और majority of seat जीतेगी provincial elections में, government की legislative councils में, तो हिंदू का vote share बढ़ेगा और हम लोगों को उनके अंडर में dominate करना पड़ेगा. धीरे धीरे याद रखेगा, धीरे धीरे इनके दिमाग में भर दिया गया, सर सैयदेमत खान के दिमाग में भर दिया गया और वो भरने वाले कौन थे? Britishers थे.

कौन? Britishers थे. दिमाग में भर दिया कि कॉंग्रेस बहुत तेजी से देश में पनप रही है कॉंग्रेस इंडिया की सबसे बड़ी पाटी है कॉंग्रेस इंडिया में हिंदूओं की पाटी है जबकि आपको ध्यान होना चाहिए इसमें दोनों ही मेंमर्स थे तो उन्होंने क्या किया मुस्तलमानों को अब कॉंग्रेस से जी हाँ सरसहिमद खान जी ने तो कौन था उसके पीछे ये रहे बैक ये बैक कौन है बैक उनके इस कॉलेज के का नाम है जी हाँ B-E-C-K back idea back कौन है मैंने बता दिया M-O-A college के Mohammedan Anglo Oriental College के पहले principal है जो के बिडिशर्स है इन्होंने क्या कहा था देखे लाइन बड़ी important है ये लाइन देखे इनको influence करेगी क्या कहा था Anglo Muslim unity is possible was possible अथार्थ अंग्रेजो और मुसल्मानों में but Hindu Muslim unity इम पॉसिबल देखा तो भड़काने वाले लोग आप समझ रहे हैं ना कौन है बिटिश इन्होंने पूरा मौकई का फायदा उठाया हर जगह चाल चली कैसे लड़ा दे इन दोनों कमिनिटीज को इनको नो को एक नहीं होने दे देखा यह हुआ तो परिचार है क्या हो गए यह उनके बैकावे में आ गए सरसायद जी और उन्होंने जो स्टेटमेंट दे बाद में वह भी किया आइए कुछ और भी प्रॉब्लम आई जिसकी वजह से मुस्लिम लिख फॉर्म हुई वह था एरनस एरनस इंटरप्रेटेशन ऑफ हिस्ट्री हमारी हिस्ट्री को गलत तरीके से समझाया गया जानमुझका हिस्ट्री की बुक्स को हिंदू और मुस्लिम पीरिड में डिवाइड कर रही है गया हां सच में मतलब हिस्ट्री की किताबों में डिवाइड किया कि यह मुस्लिम पीरिड है जिस समय मुसलमान रूलर्स रूट कर रहे हैं और यह हिंदू पीरिड है अरे भाई ऐसा क्यों कर दो क्यों करते हो यह अंग्रेजों ने जानमुझ का किया था अंग्रेजों ने सम ब्रिटिश यह याद रखेगा इस सारी शैतानी ब्रिडिशर्स की है और कुछ कमिनल सोच वाले कमिनल मतलब समझ गए न जिनके दिमाग में सिर्फ धर्म चलता है वह धर्म है फीलिंग ऑफ रिलीजियन ओनली तो ऐसा सोचने वाले कमिनल सोचने वाले हिस्टोरियंस ने भी क्या किया हिंदियन इंस्ट्री को बात दिया किसमें बाता हिंदू पीरियड एंड मुस्लिम पीरियड क्यों भाई ऐसा क्यों कर रहे हो धरम के नाम पे क्यों हिस्ट्री को डिवाइट कर रहे हो, जैसे एक्सामपल देता हूँ, टर्क्स, अफगान, सब मुगल्स रूल करते थे इंडिया में, हाँ, जब ये रूल करते थे, इस रूल को कह दिया, मुस्लिम पीरेड है, और बाद में, जब गुपताज रूल कर रह इग्नोर किया बिटिशर्स ने और कॉमिनल हिस्टोरियंस ने इग्नोर कर दिया आईडिया ऑफ कंपोजिट कल्चर हमारा भारत हमेशा जाना जाता है अपने कंपोजिट कल्चर के लिए अथार्थ विविद्धा पर अथार्थ अनेक धर्मों को साथ लेकर चलने की खूबसूरती पर तो कभी भी कभी भी उन्होंने भारत के इस कंपोजिट कल्चर को अडॉप्ट ने वो नहीं चाते थे हमारे देश में composite culture रहे वो हमेशा rift, difference, animity हमेशा बनाए रखना चाहते थे हिंदू मुस्लिम के बीच में और क्या हुआ द हिस्टोरियंस उन्होंने क्या किया एक मित पैदा कर दी क्या myt इस मित मतलब होता है एक तरह की अंद्रविश्वाहाष या अफवा टाइप की क्या मित था कि इंडियन सोसाइटी और इंडियन कल्चर ग्रेट हाइट्स पहुंचे थे यूरिंग इंशन पीरियल मतलब हमारा भारत अपने सर्वश्रेष्ट पर था पुराने जमाने में पर जब मुगल आए उन्होंने हमारी भारत की सब्विता इस विदा को हमारे इंडिया की सोसाइटी को कल्चर को क्या कर दिया डिक्लाइन कर दिया यह जानमुझका हिस्ट्री की बुक में दर्शाया गया दिखाया गया ताकि फिर से क्या हो दूरिया पैदा की जा सके हिंदूजा मुस्लिम के बीच में ऐसा पैदा किया गया ठीक है ऐसा जानमुझका रिप्रेजेंट किया गया हिंदू हिस्ट्री की बुक में एक माइट मित पैदा किया गया और क्या किया हमेशा कॉमिनल बायस अथार्थ पार्शियल होकर धर्म की इस पर पार्शल होकर क्या किया गया पोयटरी लिखी गई पोयटरी लिखी गई तो धर्म के अधार पर ड्रामा बनाए गए नॉवल्स लिखे गए शॉर्ट स्टोरी लिखे गए इवन न्यूसपेपर भी धर्म के अधार पर बात दिया गया तो कहीं न कहीं दूर तो बड़ेगी न, कहीं न कहीं आपस में विश्वास तो कम होगा ये ये सारी कोशिश थी, ये हिस्टोरियन्स की उन्होंने इक गलतियां करना शुरू कर दी और क्या एक रीजन रहा मुस्लिम लिख के फॉर्मेशन का एक बड़ा रीजन ये भी है अजर्टिव नैशनलिस्ट हां आपको बताना है अजर्टिव नैशनलिस्ट के में तीन नाम दे रहा हूं अगर लाइफ बेठे हो तभी बता सकते हो लाल बाल पाल हां आपको बताना है इनका फुल फॉर्म लाल बाल और पाल यह जो अजर्टिव नैशनलिस्ट हैं नेशनलिस्ट थे यह कांग्रेस के वह लोग थे जो ने कांग्रेस को 1907 में छोड़ दिया था हां 1907 में सूरत में स्प्लिट हो गया था सूरत स्प्लिट के नाम से जाना जाता है 1907 यह ये लाल बाल पाल इनके मेलिड थे, इनका मानना था कि अब अंग्रेजों से क्या करना है, हमें मास मुवमेंट के थूँ, अग्रेसिव मेथड्स के थूँ क्या करना है, आजाधी की मांग करनी है, सिर्फ पेटिशन्स नहीं चलेगा, सिर्फ लेटर बाजी नहीं चलेगी, र परमोट करना चाहते थे ठीक है बायकॉर्ट सवदेशी मास मूवमेंट यह तरीका है जब ने तो यह सब तो अच्छी बातें बताइए तो यह बुराई का है आइए अब बुराई बताते हैं तो जब अजर टिप्पिस टाइम उसे देशप्रिम तो बढ़ा पर अजर टिप्पिस ने अपनी जो इस पीछेस दी अपने जो एक्शंस किए उसे कुछ लोगों को दिक्कत हुई कुछ लोगों को परिशान हुई जैसे प्रोपोगेशन ऑफ शिवाजी फेस्टिवल या गनपती फेस्टिवल अब शिवाजी कि आपको पता है हमारे देश के महान महान महान हिंदू लीडर थे चत्रपति शिवाजी महाराणा चत्रपति शिवाजी नाम सुनाएं अपने हां जरूर सुना होगा तो इनका क्या करने लगे शिवाजी फेस्टिवल मनाने लगे और क्या होने लगा भगवान गणपति का फेस्टिवल मनाने लगे नाम है गणपति हां गणपति पापा मोर्या ठीक है ना तो इनका फेस्टिवल किसने शुरू किया तिलग जी ने तिलग जी ने इसका प्रपोग्रेशन किया प्रचार विश्वास जताने के लिए नेशनलिजम प्रमोट करने के लिए पर इसका नेगेटिव इंपेक्ट क्या पड़ा दूसरे रिलीजन को लगा यह तो अपने धर्म को प्रमोट कर रहे हैं यह अपने राजाओं को प्रमोट कर रहे हैं यह एक नेगेटिव फीलिंग चले गई हां यह एक मैंने कहा मिस कमिनिकेशन भी हो सकता है और क्या हुआ एक और लीडर थे नाम है अर्बिंदो गोश जी अर्बिंदो गोश ने हमारी के रूप में भारत को मां के रूप में एक रिपेजेंट किया उन्होंने एक पेंटिंग बनाई जिसमें भारत को मां के रूप में दिखाया जी और नैशलिजम को एक धर्म माना बोला हमारे देश का धर्म क्या होना चाहिए देश प्रेम ना इंदू ना मुसलमान ना सिख ना इसाई देश का धर्म होना चाहिए देश प्रेम तो यह मुस्लिम्स को पसंद नहीं आया इससे यह इससे क्या हो गया अगेंड इन एजर्टिव नैशलिज्ट के इन एक्शन से थोड़ा मुस्लिम्स के इसका होगा नराज होगे क्योंकि वह अपनी अपने रिलीजेंस पर ज्यादा यह स्ट्रॉंगली बिलीव करते हैं और एक एक्शन एग्जांपल है जब पार्टिशन हुआ 1905 में लॉट कर्जन ने पार्टिशन किया बेंगॉल का इस बेंगॉल वेस्ट बेंगॉल तो पार्टिशन का विरोध करने के लिए लोगों को गंगा जी ले गए गंगा जी में जाकर लोगों ने डिप किया और गं� प्रेमीन रिवर है आपको मालूम है गंगा हमारी माता भी है गंगा मैया भी लोग पूजा भी करते हैं और गंगा में dip करना ये मुसल्मानस को अच्छा नहीं लगा तो ऐसे कुछ actions थे जो yes religiously क्या हुए हाँ Muslims को अच्छे नहीं लगे this was the reason हाँ ये सब reason बन जाएंगे देश में Muslim League formation के और क्या reason है again ये point तो लगबख पुराना point है economic backwardness of the country क्यों इससे क्यों point अंग्रेजों के राज में जो young educated Indians थे उनके पास job जॉब नहीं था और अंग्रेजों ने इसका पूरा फायदा उठाया उन्होंने जानमुझ का कुछ पर्टिकुलर जॉब्स को क्रिएट किया किसी पर्टिकुलर कमिनिटी को रिलीजन को उसमें लोगों को अपॉइंट किया ताकि उन दोनों के बीच में आप रखोती रहें तो बैकवर्ड नेस जिसकी वजह से जॉब लेस्ट नेस थी देश के अंदर जिसकी वजह गरीबी थी इसका पायदा अंग्रेजों ने उठाया आइए क्या-क्या इवेंट्स हुए जिसकी वजह से मुस्लिम लिख फॉर्म हुआ अ एक इवेंट क्या घटना घटी अब क्या-क्या बड़ी घटना घटी जिससे मुस्लिम लीग फॉर्म हो जाएगी मैं बता रहा हूं बार-बार कि थर्टीयत सेप्ट दिसंबर ध्यान सुनिएगा थर्टीयत दिसंबर 1906 1906 मुस्लिम लीग वॉस फॉर्म ठीक पहली ऑल इंडिया मुस्लिम पार्टी थी तो क्या ऐसा इवेंट हो गया कि इसको बनाना पड़ गया 1906 में तो एक था रिजल हिंदू उर्दू हिंदी उर्दू कोंट्रोवर्सी जो हमारा स्टेट है यह आप आपने यूपी तो नाम सुना है पर आपने इसका नाम नहीं सुनाओगा United province हां पहले यूपी नहीं पहले इसका नाम था United province जिसको आज हम यूपी बोलते हैं तो पहले यहां की court language उर्दू घोशित कर दी गई यहां पर government की language क्या होगी हाँ court language उर्दू होगी अब सारे court language में लैंग्वेज वाब मुस्लिम्स मुस्लिम्स खुश हो गए बाद में क्या हुआ कुछ समय बाद जब हिंदूस ने विरोध किया तो अंग्रेजों ने चलाकी चली क्या कर दिया हिंदी को कोट लैंगेज बनवा दिया तो हिंदी वाज मेड दी कोट लैंग्वेज अब इसका बुरा इफेक्ट या पड़ेगा अगेन इससे मुस्लिम्स नराज हो जाएंगे यह जानमुच का किया गया था पर पजली किया था ब्रिटिश ने ताकि कुछ समय के लिए क्या करें हिंदूस को अपने पक्ष में कर ले ताकि कोट लैंग्वेज बनाएंगे तो हिंदूस कुछ नहीं और नतीजा क्या हुआ इससे हिंदू और मुस्लिम ने क्या हो गया डिवाइड एंड रूल पैदा हो गया रिफ्ट पैदा हो गया और बहुत समय तक दोनों कमुनिटी अथार ने यूपी में यह सा क्यों किया क्योंकि यहां पर लोग बहुत मिल करके एकजुट होकर रह रहते वह जगह साइड करते थे और और एक और क्या बड़ा reason हो गया वो था M.A.O. yes M.A.O. college that is Muhammad Engreden college ये college बनाने वाली संस्ता का नाम था M.A.O. association 1883 तो congress बहुत तेजी से देश में popular हो रहे थी और congress की popularity को रोगने के लिए अंग्रेज परशान थे हाँ अंग्रेज हो नहीं आपको पता होना चाहिए law वॉइजराइब वह प्रमोटेड फॉरमेशन ऑफ दी कांग्रेस वह खुद चाहते थे मुसलमान सॉरी बिटिशर्स खुद चाहते थे कि देश में एक ऐसी पॉलिटिकल पार्टी बनाई जाए जो ऑल इंडिया को पूरे भारत के वह रिप्रेजेंट करें और नाम था कांग्रेस जानते हैं फाउंडर ए ओह्यूम थे तो इसमें पूरे देश भर के लोगों को यह मेंबर बनाए गया इवन लॉट द फ्रेंड खुद इसको प्रमोट कर रहे थे हां एटीन एटी फाइव की बार बात कर रहा हूं मैं बट बाद में जब ये Congress पार्टी अंग्रेजों के खिलास action लेने लगी याद रखेगा ये All India पार्टी थी All Religion पार्टी थी और जब ये अंग्रेजों के खिलास action लेने लगी तो अंग्रेजों नहीं चलाकी से क्या किया इसको Hindu पार्टी बता करके कि ये Hindu यह देखते देखते क्या हुआ, M.A.O. Association बनाई गई, जो Congress के influence को check करने के लिए, ताकि Muslims का इंफुलेंस को चेक करने के लिए, यह जो कांग्रेस में न जाएं, उनकी अपनी एक पाटी बन जाएं, उनको तोड़ो, कांग्रेस को तोड़ो, तो यह विचारे, यह जो विचारे Muslim League वाले हैं, उन्होंने, अंग्रेस में जाने से मना कर दिया मुस उल्टा बिटिशर्स को सपोर्ट करना शुरू कर दिया ये वो संसा थी जो बिटिशर्स को सपोर्ट कर रही थी हमारे इंडिया के खिलाफ ही सपोर्ट कर रही थी बिटिशर्स को क्योंकि अंग्रेजों ने उनको अपने पक्ष में कर लिया और क्या हुआ अलीगड में एक किस्सा हुआ हाँ मैं अलीगड की कहानी बता देता हूँ अलीगड वो शहर है जहाँ पर अलीगड पॉलिटिक्स अलीगड को पता है यूपी के चोटा सा शहर है तो वहाँ के नवाब थे हाँ नवाब मोहिस्सिन उलमूल इन्होंने ही शुरू किया था अलीगड मुवमेंट याद रखेगा सर सैयद एहमद खान के देप के बाद देश में जो सबसे बड़े मुस्लिमी डर में से एक थे वो थे मुहेसुन उल मुल्क क्या था इस मुमेंट में इस मुमेंट का में मकसद था to instill to instill मतलब भरना क्या भरना minds of Muslim में loyalty to the British देख रहा हो देश अजाद नहीं चाहिए याद रखेगा इनका इनका मुद्धा क्या है हमें देश के अजादी नहीं चाहिए हमें अंग्रेजों के प्रती वफ़ादारी देखा ये सारा brainwash कर दिया अंग्रेजों ने MAO yes association का brainwash कर दिया गया और इंडिया को अजाद नहीं कराना है बलकि इंडिया को yes Britishers के प्रती Muslims को loyal बनाना है ये कैसी बात है का देश कभी अजाद हो पाएगा कभी नहीं हो पाएगा और क्या होगा और वर्क डेलिबरेटली टू कीप मुस्लिम्स अवे फ्रॉम दी अवे फ्रॉम दी मेंस्ट्रीम आफ दी इंडियन पॉलिटिकल लाइफ मुस्लिमानों को भारत की राजनीति से दूर रखो हां कभी भी किसी भी आंदोलन में किसी भी मास मुवमेंट में मुस्लिम नहीं जाएंगे अंग्रेजों के खिलाफ यह यह थी अलीगढ़ पॉलिटिक्स अ दिखा ना मैंने कहा ना सिर्फ नफरत के बीज डालने की देरी है और नतीजा आपके सामने है यही हुआ अंग्रेज पूरी तरह से काम्याब हो गए हिंदो मुस्लिम को डिवाइड करने में उनमें से एक यह सबसे बड़ा उधारन है अलिगर्ड में यही हुआ मुसल्मानों और Congress या Indian Politics में या देशप्रेम में भरोसा मत करो तो देखा कभी देश अजाद हो पाएगा, नहीं हो पाएगा कभी भी अजाद, ये और क्या हुआ, जब जानते हैं बिडिशर्स ने एक रूल बनाया, देखिए कैसे अंग्रेज लड़ाते हैं, देखिए एक एक एक्सांपल दे रहा हूँ, बिडिशर्स ने रूल बनाया है एसोसिएशन ने उसे बनाया है और वहाँ पर कह रहे हैं जानमुझका बिड़िशर्स कि वहाँ पर दोनों को इक्वल भरुसा दिया जाएगा अब मुसलमानों को गुस्सा नहीं आएगा डेफिनेटली गुस्सा आएगा कॉलेज उनके रिलीजियन के हिसाब से बनाया जाएगा है तो वह इक्वल कैसे देंगे पर यह अंग्रेजों की चाल थी अंग्रेजों की चाल थी हम लोगों को लड़ाए रखने की हमको भटकाए रखने की हमको एक दूसरे भी विश्वास न करने देने की और उनमें से एक बड़ा सबसे बड़ा उदाहरण सबसे ने फाइव में लॉर्ड कर्जन सबसे दुष्टेस्ट हां हिंदी वर्ड है दुष्टेस्ट वॉइजराइल इसने पार्टिशन अब बैंगॉल कर दिया जिसमें उन्होंने बहाना यह दिया कि बैंगॉल बहुत बड़ा प्रोविंस है एडमिनिस्ट्रेटिव डिफिकल्टी आ रही है और हिंदु मेजॉरिटी को वेस्ट बेंगॉल मुस्लिम मेजॉरिटी को इस बेंगॉल के रूप में पार्टिशन कर दिया आईए अब एक और खराब वोइजराए के दर्शन करा दे रहे हैं आप लोगों को दर्शन करा दे रहे हैं क्योंकि ये खराब वोइजराए मुसल्मानों को अपने पक्ष में कर लेगा और ये वोइजराए है लॉर्ड मिंटो लॉर्ड मिंटो ने मुसल्मानों का विश्वास जीता कि क्यों नहीं आप लोग एक ऐसी संस्था बनाते हैं जो काउंटर करे इंफ्लूइंस आफ दी कॉंग्रेस को कॉंग्रेस की पकड़ को देश से कमजोर करना है कांग्रेस को हराना है तो कांग्रेस के अंदर फूट डालो कांग्रेस में मुसलमानों को मत जाने दो ऐसा करने वाले व्यक्ति लॉर्ड मेंटो चलिए तो मुस्लिम गए लॉर्ड मेंटो के यह पास क्यों गए टू क्रिएट पॉसिबल ऑपोजीशन टू कांग्रेस देखा सिर्फ कांग्रेस का विरोध करने के लिए बनाई गई है पार्टी क्या नाम है पार्टी का यस मुस्लिम ली और इसमें मुसलम मुसलमानों को यूज किया गया मुसलमानों को भड़काया गया उनका उनके उनके इस दर्द कि उनके नाम पर उनको डराया गया और उनको क्या कर दिया गया जुदा कर दिया गया और करने वाले रेक्टी थे लॉर्ड मिनटो यह सब उनकी प्लैनिंग है देवर प्रिवर वेरी शुरूर वह बहुत चलाक थे वह जानते थे कि जब तक हम लोग एक रहेंगे उनको वह रूल नहीं करने देंगे भारत में चलने देंगे और इसलिए हम लड़ाते रहो और उन्होंने क्या किया एक कमिटी बनाई नाम था अरुंडेल कमिटी जो मुसलमानों को यह यकीन दिला रही थी कि आपकी सीट आपके लिए रिसीट हम लेजिटेटिव काउंसिल में रखने वाले हैं आपको सेपरेट इलेक्टोरेट देने वाले हैं लेजिटेटिव काउंसिल में जिससे हिंदु-मुसिलमान क्या हो और क्या हो यह भड़कते रहें लड़ते रहें क्योंकि वह इनको सपोर्ट ऐसा चलाकिया करते रहते थे वह सब चालबाजी करते थे बिडिशर्स जिससे दोनों रिलीजन आपस में लड़ते रहें आइए अब आप आते हैं कैसे हुआ फॉरमेशन ऑफ दी मुस्लिम लीग तो मुस्लिम लीग का डेप्यूटेशन पहुंच गया किसके पास लॉर्ड में तो के पास हमने देखा पहुंचा और इस लॉर्ड में टो के डेप्यूटेशन में नवाब समीउल्ला खान ऑफ डाका डाका मैं डिप्यूटेशन को ले गए और इनी को ही नवाब समी उल्ला खान को ही क्या कर दिया गया इसका प्रेसिडेंट बना दिया गया और इन्डिया मुस्लिम लीग वास सेट अप बाय कौन सेट अप किए इसको नवाब समी उल्ला खान ऑफ डाका और डेट याद कर लीजिए तीस दिसंबर 1906 ठीक है और क्या हुआ खास बात आगा खान जी येस आगा खान इसके परमनेंट प्रेसिडेंट बनाएगा नाएगा इसका मतलब है परमारेंट प्रेसिडेंट मतलब होता है कि इनकी पोस्ट अब हटेगी नहीं अब यह हमेशा के प्रेसिडेंट रहेंगे और अलीगड अलीगड से मुस्लिम लीग का हेड ऑफिस चेंज करके लखनऊ बना दिया गया फ्रॉम अलीगड अलीगड अपने अपने अ� बड़े गर्बड़ यहीं है हां सारे आपको लगेंगे कि कहीं न कहीं देश को लड़ाने वाले हैं देश को तोड़ने वाले हैं देखिए इन नेशलिजम के लिए नहीं है देश की प्रेम के लिए नहीं है और देश को आजात कराने के लिए नहीं कामयाब हो गए इस चीज में वह पूरी कमजोरी जानते थे मुस्सिलमानों की और उसका पूरा उन्हें फायदा उठाया क्या किया दब टू प्रमोट यह है एम देख लीजिए एम है टू प्रमोट अमंग द मुस्लिम सफ इंडिया सपोर्ट फॉर द बिटिश गवर्मेंट अरे वह जो आपको गुलाम बना रहा है हमको गुलाम बना रहा है आप उसको ही सपोर्ट करोगे अजादी नहीं मांगों से एंड टू रिमूव एनी मिसकंसेप्शन और अंग्रेजों में अगर कोई असरी बिटिशर्स के खिलाफ अगर कोई मन में बेदभावना है मुस्लिमानों की उसको दूर करना है अथार्थ हर गाम में देश में बिडिश रूल चलने देना है देश को गुलाम हमेशा बने रहने देना है अरे बापर अपने कैसा यह ऑब्जेक्टिव देखा ना गबर हो गया ना यह पूरी चलाकिया मैंने कहा ना बिडिशर्स की थी यह पूरी प्लैनिंग बिडिशर्स की थी और क्या करना है टू प्रोटेक्ट एंड एडवांस दी पॉलिटिकल राइट्स एंड इंटरेस्ट आफ दिन मुस्लिम्स सिर्फ और सिर्फ किसका ध्यान रखना है राइट्स एंड इंटरेस्ट आफ दिन मुस्लिम्स मुसलमानों के पॉलिटिकल राइट्स की रक्षा करना है देखा किसी और क्लिक के लिए नहीं यह गबर हो गई सारी चीजें और क्या हुआ टू टू टू प्रिवेंट दी राइज आफ फीलिंग ऑफ हॉस्टेलिटी हॉस्टेलिटी मतलब होता है एनिमिटी किसी भी तरीके से मुसल्मानों को एनिमिटी विद दिश नहीं करना है ठीक है इंडियन मुस्लिम को कहा गया कि आप क्या करिए फीलिंग ऑफ हॉस्टेलिटी मत रखे ना सिर्फ बिटिश के साथ बल्कि अधर कमुनिटीज यह एक बहुत अच्छा पॉइंट है यह यह अच्छा objective था बाकि आपको लगेगा कहीं न कहीं देश को तोड़ने और बाठने वाला यह objective था ठीक है आइए आगे बढ़ जाओं क्या impact था Muslim League का on the national movement क्या movement पर क्या effect पड़ा तो मैंने कहा था Muslim League का स्वागत करेंगे Britishers Muslim League के बनने पे वो ज़्यादा खुश होंगे वो यह मतलब बिटिशर्स ने वोट किया मुस्लिम को था कि देश में जगड़ा होता रहे देश में नैशनलिस्ट फिलिंग कमजोर होई देश प्रेम कमजोर हो आजादी की मांग खत्म हो जाएं मांगी नहीं करेंगे आजादी के लड़ते नहीं हैं आपस में तो लिख क्या रोल था मुस्लिम लीग ने भी क्या रोल तो मुस्लिम लीग अपने आपको एक सेपरेट एंटिटी की रूप में काम करने लगी और इनका में मकसद था कि मुसलमानों को ज़्यादा नौकरियों मिले जो देश में मुस्लिम को नौकरियों में क्या हो रिजर्वेशन मिले उनको मांगा, उन्होंने मांगा कि हमारे लिए seat reserve होनी चाहिए जितना हमारा strength है देश में, जितनी हमारी आवादी है उस इसाब से हमें क्या मिलनी चाहिए? Assembly में उतनी seats मिलनी चाहिए देखा?

तो ये उनका शिरुआत का role था और क्या किया उन्होंने? Government ने भी क्या किया? Muslims को support किया Lord Minto Lord Minto ने उन्हें promise कर दिया क्या? Separate Electorate Separate Electorate इसका मतलब है एक एरिया ठीक है एक एरिया जहां चुना हो रहा है वोटिंग हो रही है वहां सिर्फ मुस्लिम वोटर ही चुनेंगे एक मुस्लिम लीडर को इसे कहते है सेपरेट एलेक्टरेट क्योंकि वह एरिया मुस्लिमानों के लिए लव कर दिया गया सेपरेट एलेक्टरेट ठीक है ऐसा जानमुझका उन्होंने किया फिर से बोल रहा हूं ताकि लड़ा सकें यह कहां से आप तो मॉर्ली मिंटो रिफॉर्म्स 1909 में प्रोवाइड किया गया था कि मुस्लिम को मुस्लिम के लिए सीट रिजर्व करने का अनुमती दी जाएगी सीट विल बी रिजर्व्ड सीट विल बी रिजर्व्ड फर मुस्लिम्स एंड मुस्लिम्स कुड ओनली वोट फॉर द मुस्लिम देखा इससे क्या होगा फिर तनाव पैदा होगा फिर दूरिया पैदा होगी हाँ जब आप मिलने जुलने नहीं देंगे दोनों को तो क्या होग नफरत न बढ़ेगी और यही वो लोग चाते थे और क्या हुआ एक समय में ऐसा भी आया जब दोनों में दोस्ती बढ़ गई हाँ, रिप्रोश्मेंट इसे कहते हैं हाँ, थोड़ा सा प्रोनाउस करें रिप्रोश्मेंट मतलब होता है कि पहले जहां पर दुश्मनी चल रही थी एक दौर ऐसा भी आया जब कॉंग्रेस और मुस्लीम लीग एक हो गए सच में और उस दौर को उस दौर का पीरिट था 1910 से लेके 13 के बीच में ऐसा क्या हो गया तो ऐसा ही हो गया कि उस समय इटेलियन टर्कियन वार हुआ इसमें एक तरह से फॉरेइनर्स के बीच में हमारे जो टर्क से उनको इटेलियन ने वार में लड़ाई कर रही बालकन वार हुआ इसमें ब्रिटिशर्स ने भी क्या किया मुस्लिमानों के खिलाफ पार्टिसिपेट लिया मुस्लिम लीडर्स को उनकी राज्य से डिस्ट रिमूव कर दिया तो इससे मुस्लिमानों की अंग्रेजों के प्रति सोच बदलने लगी क्योंकि ब्रिटिशर्स ने यस ब्रिटिशर्स ने मुस्लिम लीडर्स को उनके देश से निकाल दिया और कहीं न कहीं ऐसा कहीं भी कई जगह आया कि जहां पर मुस्लिम लीडर्स जो यंग मुस्लिम लीडर्स आये उनको लगा कि लॉयल पॉलिटिक्स किसके परती करनी है यस नवाब सॉरी देश के परती करनी है न की न की मुस्लिम नवाबस के खिलाफ न की जमीदार्स मतलब उ नहीं हम लोग तो कांग्रेस में जरूर जाएंगे और एक और खास बात हुई जो कुछ यंग स्कॉलर से देवबंद स्कूल आफ मुसलिम स्टडीज देवबंद एक शहर का नाम है उन्होंने भी क्या किया देश प्रेम की भावना को जगाया नैशनलिजम भाया अंग्रेजों का विरोध करना है कि एक नई भावना मुसलिमानों में जगाई जिससे वापस उनके अंदर देश प्रेम पैदा हुआ अच्छा कांग्रेस और लीग का भी रिलेशन बीच में खराब था पर अच्छा हो गया 1920 के आते-आते क्यों क्योंकि कि दो ब्रादर्स थे अली ब्रादर्स के नाम से जाने जाते हैं अली ब्रादर्स कि आप जानते हैं दोनों अली ब्रादर्स का नाम जिन्होंने इंडिया में खिलाफ़त मुवमेंट लाउंच किया हां प्लीज बताइए आई वांट टो नो दिनेम ऑफ डी अली ब्रादर्स आपको उसका नाम बताना है नेम दी अली ब्रादर्स हां दो है ब्रादर्स दोनों की टाइटल अली यह बिडिशर्स के अगेंस्ट तो बिडिशर्स ने खलीफ को खलीफ कौन होते हैं मुस्लिम धर्म गुरू होते हैं इनको रिमूव कर दिया था इनके पावर्स को ले लिया था क्योंकि जो टर्की नाम का देश है मुसलमान का उनके जो हेड होते हैं वो खलीफ होते हैं जो मुस् न खिलाफत मुमेंट शुरू किया कौन सा मुमेंट शुरू किया खिलाफत अब समझ गया ना क्यों खिलाफत मुमेंट शुरू हुआ था बिकॉस ब्रिडिश हैड रिमूव दी खलीफ खलीफ की स्पेलिंग लिख दो सी ए एल आई पी एच यह मुस्लिमिन धर्म धर्म उन्होंने रिमूव कर दिया था तो इसलिए इनके खिलाफ हो गए ब्रिडिशर्स के खिलाफ मतलब है अगेंस्ट अगेंस्ट हो गए सारे मुसलमान और गांधी जी ने यह मूवमेंट का यस पूरा फायदा उठाया गांधी जी ने देखा कि यह मूवमेंट ऐसा मू� हम अपना नॉन कोपरेशन विभिन्न भी इनके साथ मिलकर लॉन्च करेंगे तो यहां पर यह दोनों एक हो गए ठीक है ना कांग्रेस ने और मुस्लिम लीग ने मिल करके क्या किया यस मिल करके अंग्रेजों के छक्के छोड़ा है जानते हैं एक कांग्रेस के बीच में मुस्लिम लीग के बीच में जिन्होंने दोनों ने मिल करके क्या किया जॉइंट डिमांड पूट की अंग्रेजों के सामने यह पहली बार हुआ था ना 1916 में तो इसका बहुत-बहुत इंपेक्ट आया इसका बहुत इंडियन पॉलिटिक्स में इंपेक्ट आया और क्या हुआ पार्टीशन ऑफ द कंट्री ऑन कम्युनल लाइन्स जानते हैं मुस्लिम लीग की वजह से ही देश का बटवारा हो गया वरना शायद देश के बटवारे न भी होते आपको पता होना चाहिए 1913 में जो टू नेशन स्टेट की आइडिया है हां किसकी आइडिया टू नेशन स्टेट मुहम्मद इग्बाल जी ने दीता किसने अ मोहम्मद इकबाल ठीक है मोहम्मद इकबाल जी ने पहली बार ये कंसेप्ट दिया था कि दो अलग कंट्रीज होनी चाहिए एक इंडिया और एक पाकिस्तान और ये टू नेशन की थिओरी को आगे पुट फॉरट किया मोहम्मद अली जिना ने किसने मोहम्मद अली जिनना जिन्होंने टू नेशन थ्यूरी अडॉप्ट की मतलब दो अलग देशी बनेंगे एक देश इंडिया नहीं हो सकता और देश को धर्म के नाम पर अब लड़ाई जगड़े होने लगे कॉम्यूनल राइट्स होने लगे और बाद में 1947 में देश देश को तब मालूम है दो पार्ट में बाट दिया गया इंडिया एंड पाकिस्तान है है तो मुस्लिम लीग न होती शायद मुझे लगता है देश का बटवारा भी नहीं होता तो यह था क्या इंपेक्ट आया अब एक और बड़ी घटना घटी थी वह लखनऊ पैक्ट क्या है लखनऊ पैक्ट एक एग्रीमेंट है जिसमें कांग्रेस और मुस्लिम के लीडर्स यह मुस्लिम लीग के लीडर्स पहली बार दोनों एग्री करेंगे जॉइंट रेजोलूशन पास करेंगे लखनऊ में और और इसलिए इसका नाम हो जाएगा लखनऊ पैक्ट, लखनऊ में एग्रिमेंट, जॉइंट रिजलूशन पास होगा, कब होगा, 1916 में, क्या था इसका इंपोर्टेंस, क्यों ये इतना इंपोर्टेंस माना गया है लखनऊ पैक्ट, क्यों इसका इंपोर्टेंस, ये पहला ऐ community with the Congress आपको पता होना चाहिए 1907 में सूरत स्पिलिट हुआ था जिसमें Congress के अजर्टिव नेशनलिस्ट अलग हो गए थे अजर्टिव नेशनलिस्ट सूरत स्पिलिट में अलग हो गए थे पर 1916 में आते-ाते वह वापस रीजॉइन कर जाएंगे हां Congress में वापस आ जाएंगे लाल बाल पाल हम ऐसे आप मैंने आपसे इसका फुल फॉर्म भी पूछा है और मुझे सारे मेरे सुपर स्टार्स जानते हैं पर लिखने से डरते हैं क्यों लिखो tell me I'll personally comment on each of your comment ठीक है मैं हरे comment पे जवाब भी दूँगा अब क्या होने वाला है Britishers पे बहुत बड़ा प्रेशर पड़ने वाला है प्रेशर क्यों क्योंकि अब आपकी Indians, Hindu और Muslim है हम लोग क्योंकि जब मिलकर demand करेंगे तो किसको बेवपूफ बना पाओगे किसको लड़ा पाओगे यह था एंड लास्ट नीड टू पैसीफाई देंडियन अब बिटिशर्स को समझ में आ गया था इस लखनऊपट के बाद कि इंडियन को शांत करना उनकी डिमांड को पूरा करना अब उनकी मजबूरी बन जाएगी और ऐसा हुआ भी अंग्रेजों ने बहुत सारी हमारी डिमांड मानी भी इस एग्रीमेंट के बाद अंग्रेजों को जुखना पड़ा हमारे बाद पर जानते कुछ कमियां भी है कुछ लिए लिमिटेशन जानना चाहते हैं इसका हां एक सबसे बड़ा लिमिटेशन था कि लखनऊ पैक्ट वाज नॉट अ यह से लॉनग टर्म पैक्ट यह बहुत ही टेंपररी पीसफुल सेटलमेंट था कुछी दिनों बाद क्या हो जाएगा फिर से दोनों में क्या होने सबसे बड़ा जो इसका नेगेटिव या लिमिटेशन सा कि लगनाओं पैक्ट जो बनाया गया था वह मासेस को कि वाल करके नहीं बनाया गया था क्या चीज हां इट डिड नॉट इनवॉल्ड जनरल मासिस लीडर्स तो मिल गए कि लीडर्स के गले मिल गए हो गए मुस्लिम लीग के लीडर्स और कांग्रेस लीडर गले मिल जाएंगे पर लोगों के विचार लोगों के बीच में प्रेम यह मिलना इसमें पीछे रह गया मासिस को इनवॉल्ड करते उनकी रजामंदी लेते हैं और शायद मुझे लगता है लंबे समय के मुमेंट चलता भी और एक सबसे बड़ा प्रॉब्लम क्या आया और सबसे बड़ा लिमिटेशन क्या आया उस तम लिख लखनऊ पैक्ट का कि कांग्रेस को अपने पॉलिसी से जुकना पड़ा कांग्रेस को कहीं न कहीं Muslim League के आगे जुपना भी पड़ा उनको communal rights देने पड़े उनके लिए seat reserve करने का उनको अनुमती देना पड़ा नतीजा Congress जो हमेशा कहती थी कि हम किसी धरम के पक्ष में नहीं बोलते हैं सबको equal मानते हैं उनको अपना communal चहरा सामने दिखाना पड़ा अब वो secular party नहीं रहे गई अब वो एक communal party बन गई तो इस तरीके से ये पूरा chapter crystal clear I am sure आपको हो गया होगा और please please please अभी भी आप क्या कर रहे हैं सारे सबजेक्ट के लिए भटक रहे हैं कहीं मत भटको मेरे सुपरस्टास आपका गूगल सर आपने नाम दिया मुझे गूगल सर तरुण रुपानी है और किसी भी सबजेक्ट के लिए किसी भी सबजेक्ट के लिए चेप्टर का नाम लिखो चेप्टर का नाम लिखो और आगे लिख दो बाय सर तरुण रुपानी हां यूट्यूब पर कहीं प्रेम करो मैं आपके लिए डेडिकेट वीडियो शूर्ली बनाऊंगा और यह भी मैं बता सकता हूं आपको कि मुस्तिम लिख का यह तीसरा चौथा वीडियो होगा मेरा हां इससे पहले मैंने मुस्तिम लिख पर कई वीडियो अपलोड कर रखें पर यह डिटेल्ड कीप शेयरिंग कीजिए शेयरिंग विद ऑल ऑल माइ सूपर स्टार्स हां आप है मेरे सूपर स्टार्स क्लास टेंथ है मुझे हेल्प करिए ताकि मैं आप सब की मदद कर पाऊं आई हैव ओनली वर्मिशन टू मेक यू पीपल दिबेस्ट तो थैंक यू अलव यू