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पाठ 8: क्षेत्रीय आकांक्षाएँ
Jul 15, 2024
पाठ 8: क्षेत्रीय आकांक्षाएँ
परिचय
अध्याय का नाम
: क्षेत्रीय आकांक्षाएँ (Regional Aspirations)
मुख्य बिंदु
: जम्मू और कश्मीर, पंजाब, और उत्तर पूर्व भारत की क्षेत्रीय आकांक्षाएँ
प्रमुख विषय
: ऑटोनॉमी की मांग, सशस्त्र संघर्ष, और क्षेत्रीय पहचान
क्षेत्रीय आकांक्षाएँ
कई क्षेत्रों में लोगों की विभिन्न इच्छाएँ और मांगें स्टेट के लिए
प्रमुख क्षेत्र: जम्मू और कश्मीर, पंजाब, उत्तर-पूर्व भारत
प्रथम विषय: जम्मू और कश्मीर
1. परिप्रेक्ष्य
विशेष राज्य का दर्जा (Article 370)
1980s: क्षेत्रीय आकांक्षाओं की वृद्धि
सशस्त्र असंतोष और राज्य हिंसा
2. उत्पत्ति
कश्मीर का विशेष स्थिति (Article 370)
स्वायत्तता के लिए आंदोलन
1980s और 1990s में आतंकवाद का उदय
3. उपाय
केंद्रीय सरकार और आंदोलनकारी समूहों के बीच संवाद की प्रक्रिया
संविधानात्मक ढांचे के भीतर विवादास्पद मुद्दों के समाधान में समझौते
4. वर्ष 2019 के विकास
5 अगस्त 2019: Article 370 का निरसन
जम्मू और कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया
द्वितीय विषय: पंजाब
1. पृष्ठभूमि
1960s-70s: अकाली दल का उदय और 1980s में चरमपंथी तत्वों का प्रभुत्व
आनंदपुर साहिब प्रस्ताव (1973)
2. प्रमुख घटनाक्रम
ऑपरेशन ब्लू स्टार (1984)
1980s में हिंसा और राजीव गांधी - लोंगोवाल समझौता (1985)
3. शांतिपूर्ण हल
समझौते और प्रांत की पुनर्गठन की प्रक्रियाएँ
1990s के अंत तक शांति स्थापना
तृतीय विषय: उत्तर-पूर्व भारत
1. पृष्ठभूमि
विविध समुदाय और सांस्कृतिक मुद्दे
अलगाववाद और ऑटोनॉमी की मांग
2. मुद्दे और संघर्ष
असम आंदोलन (1979-85)
मिजोरम की विद्रोह और शांति वार्ता
3. उपाय और परिणाम
शांति स्थापित करने के लिए राजनीतिक संवाद
मिजोरम का विशेष राज्य का दर्जा और समझौते
निष्कर्ष और सबक
क्षेत्रीय आकांक्षाएँ लोकतांत्रिक राजनीति का हिस्सा
समस्याओं के समाधान के लिए संवैधानिक और लोकतांत्रिक तरीकों का महत्व
महत्वपूर्ण पाठ
क्षेत्रीय आकांक्षाएँ लोकतांत्रिक राजनीति का हिस्सा हैं
समस्याओं को सुलझाने के लिए राजनीतिक संवाद का महत्व
शक्तियों का बंटवारा और क्षेत्रीय सहभागिता महत्वपूर्ण है
आर्थिक विकास को समान रूप से वितरित करना आवश्यक है ताकि कोई क्षेत्र असंतुष्ट न हो
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