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पाठ 8: क्षेत्रीय आकांक्षाएँ

हाय ह्यूमंस एंड वेलकम बैक टू ह्यूमैनिटीज आई एम पूर्वा एंड आज की वीडियो में वी विल बी कवरिंग आवर सेकंड लास्ट चैप्टर ऑफ बुक टू पॉलिटिक्स इन इंडिया सिंस [संगीत] इंडिपेंडेंस तो जो हमारा चैप्टर नंबर ए ट है रीजनल एस्पिरेशंस काफी बड़ा चैप्टर है और काफी इंपॉर्टेंट चैप्टर है वन शॉट में चलते हैं और पूरा चैप्टर कवर करते हैं मेक श्यर अब आप अपनी एनसीईआरटी साथ में रख रहे हैं एंड जो मैं समझा रही हूं पहले स्क्रीन पे ध्यान से सुनके कांसेप्ट क्लियर कर रहे हैं और इफ यू विश आप नोट्स बना रहे हैं राइट सो रीजनल एस्पिरेशंस नेम से क्या समझ में आ रहा है कि एक रीजन है है ना रीजन यानी कि एक एरिया एक जगह ठीक है उधर क्या है एस्पिरेशंस है यानी कि लोगों की अलग-अलग इच्छाएं हैं वो क्या चाहते हैं अपने एरिया के लिए अपने रीजन के लिए अलग-अलग उनकी डिमांड्स हैं अलग-अलग उनकी ख्वाहिशें हैं राइट सो ये है चैप्टर का नेम अब हम कौन से रीजंस की बात करने वाले हैं वी विल बी डिस्कसिंग थ्री रीजंस इन डिटेल देखते हैं तो तीन एरियाज हम इन डिटेल बात करेंगे जम्मू एंड कश्मीर ठीक है जी उसके बाद पंजाब राइट एंड आपका फाइनली नॉर्थ ईस्ट इन तीन रीजंस को हम इन डिटेल बात करेंगे क्या इनकी एस्पिरेशंस है क्या हिस्ट्री रही है अभी राइट पूरा कैसे वो सेपरेटिज्म का मूवमेंट चला या फिर जो भी इशू है व्हाट इज द रीजन कैसे चीजें होती आई सब कुछ इन डिटेल जानेंगे चलिए तो मूविंग ऑन टू द फर्स्ट टॉपिक ऑफ आवर एनसीआरटी रीजन एंड द नेशन तो उस स्पेसिफिक एरिया की बात करेंगे और विद रिस्पेक्ट टू आवर इंडियन टेरिटरी इंडियन नेशन चलिए सारा ध्यान बोर्ड पे होना चाहिए तो 1980 में 1980 वाज अ पीरियड ऑफ राइजिंग रीजनल एस्पिरेशंस फॉर ऑटोनोमी अब यहां पे हमें दो की वर्ड्स नजर आ रहे हैं राइजिंग यानी कि बढ़ रहे हैं क्या उन लोगों की ख्वाहिशें अपने स्पेसिफिक एरिया या रीजन के लिए क्या मिले ऑटोनॉमी मिले ऑटोनॉमी यानी कि ज्यादा से ज्यादा उन्हें डिसीजन मेकिंग पावर मिले वो जैसे चाहते हैं चीजें वो खुद कंट्रोल कर सके राइट कि फॉर एग्जांपल एक हमारा होता है यूनियन गवर्नमेंट एक होता है स्टेट गवर्नमेंट एक स्पेसिफिक स्टेट में स्टेट गवर्नमेंट की चलती है राइट अब यहां पे वो क्या चाहते हैं कि जो पूरा कंट्रोल है मोस्टली जो पूरी पावर है उनके पास खुद हो अपनी स्टेट के सारे के सारे अफेयर्स को मैनेज करने की क्लियर है तो ऑटोनॉमी का मतलब समझ में आया पावर ऑफ सेल्फ गवर्नमेंट राइट सेल्फ कंट्रोल हम सब कुछ खुद डिसाइड करें कोई एक्स एक्सटर्नल गवर्नमेंट हमारे लिए ना करें राइट अच्छा जी सो क्योंकि ये पीरियड था एक राइजिंग रीजनल एस्पिरेशंस का ऑटोनॉमी के लिए राइट मूवमेंट्स फ्रीक्वेंसी डिमांड करती थी आर्म्ड असर्शंस बाय द पीपल यानी कि वायलेंट ये मूवमेंट होती थी ऐसी डिमांड की देयर रिप्रेशन बाय द गवर्नमेंट गवर्नमेंट ओबवियसली ऐसी मूवमेंट्स को सप्रे करती है दबाती है टू अवॉइड वायलेंस एंड टू अवॉइड कॉफ एंड टू प्रिजर्व द यूनिटी ऑफ इंडिया राइट एंड साथ ही साथ कोलप्पलुर [संगीत] बेंसेरों स्मूथली फंक्शन नहीं कर पाएगी और जो इलेक्टोरल प्रोसेस है वो भी हैपर होगा राइट तो इससे क्या इंपैक्ट पढ रहा है कोलप्पलुर रल प्रोसेस क्लियर है अच्छा जी अब क्या कंक्लूजन निकला कंक्लूजन नेगोशिएट सेटलमेंट और अकॉर्ड बिटवीन द सेंट्रल गवर्नमेंट एंड द ग्रुप्स अ लीडिंग द मूवमेंट फॉर ऑटोनॉमी तो क्या रास्ता क्या सलूशन निकाला गया नेगोशिएशन यानी कि बातचीत करके सेटलमेंट कर ली या फिर अकॉर्ड अकॉर्ड यानी कि एक जैसे हम बोलते हैं ना एग्रीमेंट कर लिया राइट तो सेटलमेंट और अकॉर्ड करें किसके बीच में जो सेंट्रल गवर्नमेंट है यानी कि जो यूनियन गवर्नमेंट है और वो सारे ग्रुप्स जो यह ऑटोनॉमी चाहते हैं उनके बीच में नेगोशिएट करके बातचीत करके एक कंक्लूजन निकाला जिस परे दोनों अग्री करते हैं राइट रीच आफ्टर अ प्रोसेस ऑफ डायलॉग डायलॉग का प्रोसेस हुआ राइट उसके बाद हीय कंक्लूजन निकले दैट एम टू सेटल कंटेंशियस इश्यूज विद इन द कॉन्स्टिट्यूशन फ्रेमवर्क राइट अब ये जो प्रोसेस ऑफ डायलॉग होता है उसमें क्या बातचीत होती है जो सारी प्रॉब्लम्स है जो कॉन्फ्लेट्स हैं जो कंटेंशियस इश्यूज हैं राइट प्रॉब्लमैटिक एरियाज है वो डिस्कस होते हैं विद इन द कॉन्स्टिट्यूशन फ्रेमवर्क कि कॉन्स्टिट्यूशन क्यों ये चीजें अलाउ नहीं करता है या क्या है कोऑपरेटिव फेडरलिस्ट म फॉर एग्जांपल राइट सो द जर्नी टू द अकॉर्ड एग्रीमेंट के तरफ जो सफर है वो बहुत ऑब् वियस मुश्किल होता है ट्यूम अस एंड ऑफें वायलेंट क्योंकि कई बार गवर्नमेंट नहीं मानती है कुछ चीजें कई बार वो ग्रुप्स नहीं मानते हैं वो एक सेटलमेंट में आना ही बहुत बड़ा वायलेंट प्रोसीजर है राइट काफी ज्यादा उसमें मूवमेंट्स होती है टमटर यानी कि बहुत ज्यादा ही लाउड और वायलेंट प्रोसेस होता है राइट चलिए आगे चलते हैं अब चलते हैं जो हमारा टॉपिक है इंडियन अप्रोच इंडिया ने कैसे इन रीजनल एस्पिरेशंस के साथ डील किया राइट व्हाट वाज इंडियाज अप्रोच हमने चैप्टर वन में ही पढ़ा था चैलेंज ऑफ नेशन बिल्डिंग में कि इंडिया का गोल क्या रहेगा टू प्रिजर्व यूनिटी प्लस आ डाइवर्सिटी हम डाइवर्सिटी को कंप्रोमाइज नहीं करना चाहते राइट चलिए सो वन बेसिक प्रिंसिपल ऑफ इंडियन अप्रोच टू डाइवर्सिटी वाज दैट द इंडियन नेशन शैल नॉट डिनायर नहीं करेगा राइट्स ऑफ डिफरेंट रीजंस एंड लिंग्विस्टिक ग्रुप्स टू रिटेन देयर ओन कल्चर कि इंडिया कभी भी किसी भी ग्रुप किसी भी लैंग्वेज किसी भी कल्चर को मना नहीं करेगी कि ये अगर आपके कल्चर में तो ऐसा मत करो सभी के क को रिस्पेक्ट करेगी राइट्स ऑफ डिफरेंट रीजंस चाहे वो एक एरिया हो चाहे वो एक लैंग्वेज बोलने वाले लोग हो चाहे वो कोई और ग्रुप हो जिनके सिमिलर ट्रेडिशनल चर फॉलो करने देगी राइट चलिए जी आगे देखते हैं साथ ही साथ लिव अ यूनाइटेड सोशल लाइफ विदाउट लूजिंग द डिस्टिंक्टिव ऑफ द न्यूमरस कल्चर्सल सब ऐसा नहीं है कि ग्रुप्स अलग हैं तो सब अलग-अलग रहेंगे नहीं साथ में सोसाइटी इंटरेक्ट करेगी यूनाइटेड सोशल लाइफ रहेगी विदाउट लूजिंग दीज डिफरेंसेस राइट नेशन वुड नॉट मीन द निगेशन ऑफ द रीजन नेशन का मतलब ये नहीं है हम जो रीजन है वो क्या चाहता है उसको भूल जाए राइट रीजन इज अ पार्ट ऑफ द नेशन दैट इज व्हाई रीजन पे भी इक्वली ध्यान देंगे एंड बैलेंस द प्रिंसिपल ऑफ यूनिवर्सिटी एंड डाइवर्सिटी जो हमने एकदम चैप्टर नंबर वन में पढ़ा था सो इंडियन अपो अप्रोच वाज वेरी डिफरेंट फ्रॉम द यूरोपियन अप्रोच क्या डिफरेंस है इंडियन अप्रोच और यूरोपियन अप्रोच में बहुत ध्यान से सुनेंगे इंडिया की अप्रोच ओबवियसली डेमोक्रेटिक थी क्या अलाउ करती है पार्टीज एंड ग्रुप्स टू एड्रेस द पीपल ऑन द बेसिस ऑफ देयर रीजनल आइडेंटिटी एस्पिरेशन एंड स्पेसिफिक रीजनल प्रॉब्लम्स तो जब भी कोई भी पार्टी या कोई भी कैंडिडेट इलेक्शन के लिए खड़ा होता है तो वो रीजन के बेसिस पे अपील कर सकता है रिलीजियस बेसिस पे नहीं कर सकते लेकिन रीजनल बेसिस पे कर सकते हैं राइट कि रीजनल आइडेंटिटी फॉर एग्जांपल टॉकिंग अबाउट गुजराती पीपल मराठी पीपल राइट कश्मीरी पीपल सो ये रीजनल आइडेंटिटी हो गई एस्पिरेशन की वहां के लोग क्या चेंज चाहते हैं तो उसकी अपील कर दी कि हम ये बदलाव लाएंगे और वहां की जो प्रॉब्लम्स है उसको एड्रेस कर सकते हैं सो दिस वाज द इंडियन अप्रोच यूरोपियन अप्रोच क्या थी दे सो डाव डाइवर्सिटी एज अ थ्रेट टू द नेशन उनको डाइवर्सिटी जमती नहीं थी हज नहीं होती थी उन्हें लगता था अरे डाइवर्सिटी यानी कि फर्द डिवीजन राइट सो दे डिड नॉट यूनिफाई डाइवर्सिटी क्लियर है आगे चलते हैं सो इन द कोर्स ऑफ डेमोक्रेटिक पॉलिटिक्स रीजनल एस्पिरेशंस गेट स्ट्रेंथ डेमोक्रेसी कैसे कंप्लीमेंट करती है बूस्ट करती है रीजनल एस्पिरेशंस को क्योंकि जब एक इलेक्शन प्रोसेस होता है उसमें रीजन के बेसिस पे अपील की जाती है दैट वी विल सॉल्व योर प्रॉब्लम्स जो आपकी एस्पिरेशंस है वो फुलफिल करेंगे राइट उनकी आइडेंटिटी के साथ रेजोनेंस पिरेन स्ट्रांग होती है डेमोक्रेसी के थ्रू रीजनल इश्यूज एंड प्रॉब्लम्स जैसे मैंने बताया रिसीव एडिक्ट अटेंशन एंड अकोमोडेशन इन द पॉलिसी मेकिंग प्रोसेस राइट तो जब भी कोई भी कैंडिडेट खड़ा होता है और वो बोलता है कि पानी की समस्या जो है वो खत्म हो जाएगी हम वमन सेफ्टी इंश्योर करेंगे तो वो उस रीजन की प्रॉब्लम्स को एड्रेस कर रहा है और अटेंशन दे रहा है राइट और उससे क्या होगा हमारी पॉलिसीज में ये इश्यूज अ इंप्लीमेंट होंगे और इनका सलूशन निकलेगा दिस मे सम टाइम्स लीड टू टेंशंस एंड प्रॉब्लम्स जितना ज्यादा ये अटेंशन वाला एरिया है उतना ही ज्यादा फिर प्रॉब्लेम िक भी हो जाता है सम टाइम्स द कंसर्न फॉर नेशनल यूनिटी में ओवर शैडो द रीजनल नीड्स अब एक रीजन है जिसकी डिमांड पूरी की पूरी सेपरेटिस्ट है कि इंडिया से अलग होना है तो वो ऑब् वियस इंडिया की यूनिटी को क्या कर रहा है हैपर कर रहा है राइट सो दैट इज योर थ्रेट टू नेशनल यूनिटी सम टाइम्स कंसर्न फॉर रीजन अलोन मे ब्लाइंड अस टू द लार्जर नीड्स ऑफ द नेशन अगर हम सिर्फ रीजनल अटेंशन देख रहे हैं विदाउट इंडिया एज अ होल क्या अटेंशन देना चाहिए कौन से इश्यूज इंपोर्टेंट है तो वो भी फिर थोड़ा सा सेपरेटिस्ट हो जाता है क्लियर है सो दीज आर द प्रॉब्लम्स आगे चलते हैं चलिए अब आते हैं मुद्दे की बात पे व्हिच ऑल आर द एरियाज ऑफ टेंशन जिनके बारे में हम चैप्टर में पढ़ने वाले हैं अब अभी ये जो है ये एक ओवरव्यू गिवन है राइट और इन डिटेल जैसे मैंने बताया आपको थ्री प्लेसेस के बारे में वी विल बी रीडिंग राइट चलिए सो इश्यूज आफ्टर इंडिपेंडेंस क्या-क्या इश्यूज आए हम सबने चैप्टर वन में डिस्कस करें ये तो आप सबको पता ही है राइट पार्टीशन हुआ है ना डिस्प्लेसमेंट हुई उसके कारण से राइट जो इंडिया के लोग थे इंडिया में जो माइनॉरिटी थी वो पाकिस्तान में गई और पाकिस्तान में जो हिंदू माइनॉरिटी थी वो इंडिया में आई राइट इंटीग्रेशन ऑफ प्रिंसली स्टेट्स हुआ राइट जो हमारे पास प्रिंसली स्टेट्स थी कितनी प्रिंसली स्टेट्स थी कमेंट करके बता दो फटाफट से राइट उन सबको हमने मेक श्योर किया कि वो इंडिया का हिस्सा बने और फर्द डिसइंटीग्रेशन ना हो रीऑर्गेनाइजेशन ऑफ स्टेट्स हुई फिर हमने भैया स्टेट्स की बाउंड्रीज ड्रॉ करी राइट सो ये सारा जो है हमने पढ़ा हुआ है ये एक आपको थोड़ा सा बैकग्राउंड मिल गया फिर रेज हुआ द इमीडिएट इशू ऑफ जम्मू एंड कश्मीर राइट सो इशू ऑफ जम्मू एंड कश्मीर इट वाज अ कंफ्लेक्स इंडिया एंड पाकिस्तान मेनली अ क्वेश्चन ऑफ द पॉलिटिकल एस्पिरेशन ऑफ द पीपल ऑफ कश्मीर वैली कि वो क्या चाहते हैं क्या वो इंडिया के साथ होना चाहते हैं क्या वो पाकिस्तान के साथ होना चाहते हैं या फिर वो अलग से कश्मीर को अलग रखना चाहते हैं राइट सो इसके बारे में हम इन डिटेल में बात करेंगे स्ट्रांग मूवमेंट्स वर विटनेस फर्स्ट इन नागालैंड अब यहां पे नॉर्थ ईस्ट की बात हो रही है ठीक है नागालैंड एंड देन मिजोरम डिमांडिंग सेपरेशन फ्रॉम इंडिया तो कौन सी दो स्टेट्स ने नागालैंड और मिजोरम उन्होंने क्या बोला न अ हमें इंडिया से अलग होना है इन द साउथ सम ग्रुप्स फ्रॉम द द्रविड मूवमेंट ब्रीफ टॉयड दी आइडिया ऑफ अ सेपरेट कंट्री सो ड्रेड मूवमेंट जो हुई थी उन्होंने साउथ में थोड़ा सा एक सेपरेटिस्ट आइडिया दिया आगे चलते हैं मास एजटेरा भरकम मात्रा में लोगों ने प्रोटेस्ट किया इन मेनी पार्ट्स ऑफ दी इन मेनी पार्ट्स फॉर द फॉर्मेशन ऑफ लिंग्विस्टिक स्टेट्स कि लैंग्वेज भाषा के बेसिस पे स्टेट्स को रिफॉर्म किया जाए राइट एंड सबसे पहले आंध्र प्रदेश वाज रिफॉर्म ऑन द बेसिस ऑफ लिंग्विस्टिक बेसिस राइट फिर कर्नाटका महाराष्ट्र एंड गुजरात राइट गुजराती स्पीकिंग मराठी स्पीकिंग क्लियर है प्रोटेस्ट्स अगेंस्ट मेकिंग हिंदी द ऑफिशियल नेशनल लैंग्वेज ऑफ द कंट्री जब ऐसा प्र प्रस्ताव आया कि हिंदी को ऑफिशियल लैंग्वेज बना देंगे तो किसकी तरफ से प्रोटेस्ट हुआ साउथ इंडिया में जहां पे पर्टिकुलर इंग्लिश ज्यादा बोली जाती है सो पर्टिकुलर तमिलनाडु से ये एजिटेटर अगेंस्ट हिंदी राइट सो एंटी हिंदी मूवमेंट स्ट्रांग प्रो हिंदी एजिटेटिंग द नॉर्थ क्योंकि नॉर्थ इंडिया में हिंदी ज्यादा बोली जाती है तो वो हिंदी की तरफ थे प्रो हिंदी एंड एंटी हिंदी क्लियर है चलिए आगे देखते हैं लेट 1950 लेट 1950 में क्या होता है पीपल स्पीकिंग द पंजाबी लैंग्वेज स्टार्टेड एजिटेटिंग फॉर अ सेपरेट स्टेट फॉर देम सेल्व तो पहले तो भैया इन रीजंस में लैंग्वेज के बेसिस पे डिवीजन हो जाता है रीक्रिएशन हो जाता है स्टेट्स का अब पहले का पंजाब था इट गट सेपरेटेड इनटू पंजाबी स्पीकिंग पीपल टुडेज पंजाब एंड हरियाणा सो द पीपल स्पीकिंग द पंजाबी लैंग्वेज वांटेड अ सेपरेट पंजाब तो पंजाब निकला और और हरियाणा निकला ठीक है सो पंजाब और हरियाणा का डिवीजन हो गया ऑन लिंग्विस्टिक बेसिस फाइनली एक्सेप्टेड एंड द स्टेट्स ऑफ पंजाब एंड हरियाणा वर क्रिएटेडॉक्युमेंट्सफ्रैगमेंट [संगीत] बाय रिड्रॉइंग द इंटरनल बाउंड्रीज ऑफ द कंट्री ऑन लैंग्वेज लिंग्विस्टिक बेसिस क्लियर है बढ़िया चलिए आगे चलते हैं चलिए सो व्हाट वाज द द्रा विडनर देखा कि साउथ में एंटी हिंदी प्रोटेस्ट शुरू हुए राइट सो वी विल स्टडी अबाउट द द्रविडियन मूवमेंट दिस इज अ बॉक्स इन योर एनसीआरटी राइट तो चलिए शुरू करते हैं द्रविडियन मूवमेंट वाज वन ऑफ द फर्स्ट रीजनल मूवमेंट्स यानी कि कि एक रीजन अ में मूवमेंट हुई इन द इंडियन पॉलिटिक्स रीजनल रिस्ट्रिक्टेड टू अ रीजन राइट कि एक रीजन की जो मांग है जो अ वी कैन से अ कहना है वो हमें सुनने को मिलेगा राइट सम सेक्शंस ऑफ दिस मूवमेंट हैड एमिशंस ऑफ क्रिएटिंग अ द्रविड नेशन एक सेपरेटिस्ट अलग से वो द्रविड नेशन बनाना चाहते थे दे यूज्ड डेमोक्रेटिक मींस लाइक पब्लिक डिबेट्स एंड द इलेक्टोरल प्लेटफॉर्म टू अ गव इट्स एंड्स यानी कि वायलेंस यूज नहीं हुआ दे डिड नॉट यूज आर्म्स एंड एम्युनिशंस दे यूज्ड डेमोक्रेटिक मींस क्लियर है सो डेमोक्रेटिक मींस में क्या आ जाता है आपका पब्लिक डिबेट्स इलेक्शंस में स्टैंड होना राइट ये इस सब के थ्रू अपने जो एंड्स है यानी कि अपने जो गोल है उसको अचीव करना क्लियर राइट सो द्रविडियन मूवमेंट से ही अ जो पार्टी है द्रविड कजागम डीके पार्टी की फॉर्मेशन हुई राइट सबसे पहले होते है द्रविडियन मूवमेंट ए उससे क्या होती है द्रविड अ द्रविड कजागम पार्टी फॉर्म होती है राइट अंडर द लीडरशिप ऑफ तमिल सोशल रिफॉर्मर ईवी रामसामी जिनको पेरियार बोला जाता है राइट ईवी रामसामी पेरियार द तमिल सोशल रिफॉर्मर इनके अंडर कौन सी पार्टी फॉर्म होती है डीके व्हिच इज योर द्रविड कजागम राइट आगे देखते हैं लैक ऑफ सपोर्ट फ्रॉम अदर स्टेट्स लिमिटेड द मूवमेंट टू तमिलनाडु ये रीजनल मूवमेंट क्यों है नेशनल मूवमेंट क्यों नहीं है क्योंकि और स्टेट्स से और सदर्न स्टेट से ज्यादा सपोर्ट नहीं मिला केवल ये जो मूवमेंट है तमिलनाडु तक रिस्ट्रिक्टेड रही सो अगर यहां पे एक एमसीक्यू आ जाएगा कि द्रविडियन मूवमेंट भाई कौन सी स्टेट से एसोसिएटेड थी वी विल सिंपली से तमिलनाडु क्या-क्या भाई अ एजेंडा था गोल्स थे इट अपोज्ड द ब्राहंस डोमिनेंस अफर्ड रीजनल प्राइड अगेंस्ट दी पॉलिटिकल इकोनॉमिक एंड कल्चरल डोमिनेशन ऑफ दी नॉर्थ राइट तो दे स्पोक अगेंस्ट दी नदन स्टेट्स डोमिनेशन कि भैया जो नॉर्थ है वहां पे चाहे लैंग्वेज की डोमिनेशन हो इंपोजिशन ऑफ हिंदी हो एज अ नेशनल लैंग्वेज चाहे वो आपके पॉलिटिकल इकोनॉमिक या फिर कल्चरल डोमिनेशन हो और चाहे वो ब्राहंस का डोमिनेंस हो ऑन द ऑल ऑफ इंडिया वो इसके अगेंस्ट थे राइट आगे चलते हैं चलिए फिर क्या होता है फिर ये जो पार्टी बनी थी ड्रे विडेन मूवमेंट से राइट डीके उसका स्प्लिट हो जाता है ड्र विडर क घम पार्टी का स्प्लिट हो जाता है पॉलिटिकल लेगासी ऑफ द मूवमेंट वाज ट्रांसफर्ड टू डीएमके ये तो काफी पॉपुलर है हम सब जानते हैं द्रविड मुनेत्र कजग तो पहले द्रविड कजागम था अब स्प्लिट के बाद एक और पार्टी आ गई डीएम के जिसके पास एक्चुअल में पॉलिटिकल लेगासी थी इस द्रविड मूवमेंट की राइट जैसे दो स्प्लिट होने के बाद एक थी कांग्रेस ओ और एक थी कांग्रेस आर राइट वो लेगासी और वो डोमिनेंस किसका चला कांग्रेस आर का चला सिमिलरली डीएमके का चला राइट इट मेड इट्स एंट्री इनटू पॉलिटिक्स वि विद द थ्री प्रंग एजटेरा इट तो तीन ऑब्जेक्टिव्स थे तीन गोल्स थे इनके एजटेरा इट सबसे पहली चीज रीस्टोरेशन ऑफ द ओरिजिनल नेम ऑफ कलाकड़ रेलवे स्टेशन व्हिच हैड बीन रिनेम दलमपुर आफ्टर द इंडस्ट्रियल हाउस फ्रॉम द नॉर्थ कि भैया नॉर्थ के एक इंडस्ट्रियल हाउस के नाम पे हमारा साउथ का एक रेलवे स्टेशन क्यों रिप्लेस किया गया इसका नाम जो ओरिजिनल था कलाकड़ रेलवे स्टेशन वही रख दिया जाए क्लियर सबसे पहला गोल नंबर टू गिविंग तमिल कल्चरल हिस्ट्री ग्रेटर इंपॉर्टेंस इन स्कूल करिकुलम कि भैया हमारे साउथ में हमारे कल्चर के बारे में आप ज्यादा पढ़ाइए राइट नंबर थ्री अगेंस्ट द क्राफ्ट एजुकेशन स्कीम ऑफ स्टेट गवर्नमेंट व्हिच इट एलेज वाज लिंक्ड टू द ब्रह्मनिकल सोशल आउटलुक राइट कि जो क्राफ्ट एजुकेशन स्कीम आई है इंट्रोड्यूस करी है राइट इसको हटाया जाए क्यों क्योंकि ब्रह्मनिकल सोशल आउटलुक को प्रमोट करती है राइट ब्राहंस को ज्यादा सपोर्ट करती है सुपीरियर दिखाती है द सक्सेस ऑफ द एंटी हिंदी एजिटेटेड टू द डीएम केज पॉपुलर वेरी इंपॉर्टेंट एंटी हिंदी एजिटेटेड एक अप प्राइजिंग राइट प्रोटेस्ट प्रोटेस्ट टू बी स्पेसिफिक राइट सो एंटी हिंदी प्रोटेस्ट कि भाई हिंदी हम पे इंपोज ना की जाए एज अ नेशनल लैंग्वेज बिकॉज़ साउथ में आप देखेंगे रीजनल लैंग्वेज हो लवेस होती हैं और इंग्लिश ज्यादा यूज होती है तो ये 1965 में काफी सक्सेसफुल रहा जिससे डीएम के पार्टी और ज्यादा पॉपुलर हो गई इसी के बाद जो इलेक्शंस हुए उसमें 1967 में डीएम के जो है हमने पढ़ाए असेंबली इलेक्शंस जीत जाती है और स्टेट गवर्नमेंट डीएमके की बन जाती है इन द ईयर 1967 चलिए आगे चलते हैं अब इसके बाद क्या होता है डीएमके का फर्द स्प्लिट होता है आफ्टर द डेथ ऑफ इट्स लीडर सी अनद राई राइट अब डीएम के का स्प्लिट होता है इनटू अगेन टू पार्ट्स डीएमके और एक और पार्ट निकल के आता है ऑल इंडिया अन्ना डीएम के एआई ए डीएम के राइट सो ऑल इंडिया अन्ना डीएम के राइट भाई अब ये पार्टी है इस ये बोलती है हम है जो ओरिजिनल रविन लेगासी लेके आए हैं जैसे पहले डीएमके की थी ओरिजिनल लेगासी अब इस साइड आ जाती है भाई और फरदर स्प्लिट्स होते हैं और पार्टीज आती हैं इन द 1990 कौन-कौन सी भाई म मरु मल र्ची द्रविड मुनेत्र कजागम एमडीएम के पीएम के व्हिच इज योर पटली मकल कच्ची एंड देन देसिया मुर पोकू द्रविड ककम डीएम डी के राइट सो काफी सारे वेरिएशंस जो है स्प्लिट जो है हो जाते हैं फ्रॉम द ओरिजिनल डीके टू ऑल ऑफ दीज क्लियर है दिस वाज अ बॉक्स आगे चलते हैं लेट्स गेट टू नो अबाउट ईवी रामास्वामी नाइकर राइट अगेन आवर बॉक्स अबाउट द पर्सनालिटी चलिए जानते हैं ही वाज नोन एज पेरियार द रिस्पेक्टेड तो सीधा-सीधा सीईटी में एमसीक्यू आ सकता है व्हिच ऑफ द फॉलोइंग पर्सनेलिटीज वाज नोन एज पेरियार क्लियर है स्ट्रांग सपोर्टर ऑफ एथे ज्म एथे कौन होता है जो कि गॉड में बिलीव नहीं करता राइट नास्तिक क्लियर फेमस फॉर हिज एंटी कास्ट स्ट्रगल एंड रिडिक वरी ऑफ द द्रविडियन आइडेंटिटी क्लियर द ओरिजिनल अ डीके लीडर आगे चलते हैं इनिशियली अ वर्कर ऑफ द कांग्रेस पा पहले कांग्रेस के साथ जुड़े हुए थे स्टार्टेड द सेल्फ रिस्पेक्ट मूवमेंट इन 1925 लेड द एंटी ब्राहमम मूवमेंट जो हमने पढ़ी राइट वर्क्ड फॉर द जस्टिस पार्टी एंड लेटर फाउंडेड द द्रविड कजागम डीके राइट अ अपोज टू हिंदी एंड डोमिनेशन ऑफ नॉर्थ इंडिया प्रोपाउंडेड द थेसिस दैट नॉर्थ इंडियंस एंड ब्राहंस आर द आर्यंस इन्होंने एक आइडियो जीी एक थेसिस निकाली अ राइट एक स्टडी निकाली जिसके अकॉर्डिंग इनको इनका कहना है कि ब्रा हममस और सारे नॉर्थ इंडियंस जो है दे आर आर्यंस क्लियर फाइन अब इसमें ज्यादा डिटेल में जाएंगे तो हमें कोई फायदा नहीं होगा बिकॉज दिस इज ओनली रिलेवेंट फॉर योर एमसीक्यू दैट टू फॉर सीयू राइट अगर आपको आउट ऑफ इंटरेस्ट इन सारी मूवमेंट्स के बारे में डिटेल में जानना है डेफिनेटली गल इट आगे चलते हैं सो मूविंग ऑन टू आवर फर्स्ट एंड द मोस्ट इंपोर्टेंट रीजन जम्मू एंड कश्मीर चलिए सो अगर मैं मैप की बात करूं इंटरनेट पे भी जो प्रॉप पर इंडिया के अकॉर्डिंग मैप है वो अवेलेबल नहीं होता है व्हेन वी टॉक अबाउट अ अ वर्ल्ड मैप राइट तो मैप में कोई भी अगर आपको यहां प्रेजेंटेशन में कुछ भी थोड़ा सा भी वेरिएशन दिखे तो प्लीज इग्नोर इट राइट बिकॉज़ मिस रिप्रेजेंटेशन ऑफ़ द टेरिटरी इज़ नॉट आर इंटेंशन यहां पे एजुकेशनल पर्पसस के लिए हम यूज़ कर रहे हैं जो भी एनसीआरटी में गिवन है क्लियर है चलिए सो जम्मू एंड कश्मीर प्रीवियसली हैड अ स्पेशल स्टेटस अंडर आर्टिकल 370 ऑफ द इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन हम सबको पता है लेटेस्ट ये इंक्लूड किया गया है आर्टिकल 370 फिर क्या कर दिया गया रिमूव कर दिया गया हटा दिया गया जिसकी वजह से क्या हुआ नाउ जम्मू एंड कश्मीर इज अ यूनियन टेरिटरी राइट सो इन स्पाइट ऑफ इट इट एक्सपीरियंस्ड जब एक स्पेशल स्टेटस गिवन था जहां पे जम्मू एंड कश्मीर को ऑटोनॉमी दी गई थी टू टेक इट्स ओन डिसीजंस राइट हैव इट्स ओन कॉन्स्टिट्यूशन तब भी वहां पे वायलेंस था क्रॉस बॉर्डर टेररिस्ट था एज वी ऑल नो इंडिया पाकिस्तान इशू पॉलिटिकल इंस्टेबिलिटी थी विद इंटरनल एंड एक्सटर्नल रमफलम फिकेशन यानी कि कंसीक्वेंसेस रिजल्ट्स राइट जिनके कारण से पॉलिटिकल इंस्टेबिलिटी यहां या या यानी कि वहां पे जो भी लीडर या गवर्नमेंट थी वो इनबल थी काफी टाइम तक नहीं टिकती थी राइट लार्ज स्केल डिस्प्लेसमेंट ऑफ कश्मीरी पंडित्स फ्रॉम द कश्मीर वैली जो हमने काफी सारी मूवीज में भी देख लिखा है राइट आगे चलते हैं चलिए सो जम्मू एंड कश्मीर कंप्रा इजस थ्री सोशल एंड पॉलिटिकल रीजंस जम्मू एंड कश्मीर में यहां आप देख सकते हैं दिस ब्लू वन इज लद्दाख व्हिच इज नाउ अ यूनियन टेरिटरी एंड दिस इज एट जम्मू एंड कश्मीर क्लियर है सो जम्मू जो नीचे की तरफ है राइट जम्मू इज अ मिक्स ऑफ फुट हिल्स एंड प्लेंस राइट वहां पे प्लेंस भी और जो हिल्स का नीचे वाला पार्ट है वो जम्मू है राइट प्री डोमिनेंटली इन्हेबिटेड बाय हिंदूजा पे जो पॉपुलेशन है दैट इज मोस्टली हिंदूजा की मुस्लिम्स सिक्स एंड पीपल ऑफ अदर रिलीजस आल्सो रिसाइट कश्मीर की अगर हम बात करें मेनली कंप्रा इजस ऑफ द कश्मीर वैली तो यहां आ जाती है हमारी कश्मीर वैली सो कश्मीर का जो मेन हिस्सा है वो है कश्मीर वैली जहां पे मोस्टली कश्मीरी मुस्लिम्स हैं एंड रिमेनिंग हिंदू सिक्स बुद्धिस्ट्स भी है सो मेजॉरिटी में यहां पे वी हैव कश्मीरी मुस्लिम्स क्लियर देन वी हैव लद्दाख व्हिच इज अ माउंटेनस रीजन राइट कोल्ड डेजर्ट है लद्दाख इंडिया का वेरी लिटिल पॉपुलेशन बहुत कम लोग यहां रहते हैं ऑलमोस्ट इक्वली डिवाइडेड बिटवीन बुद्धिस्ट्स एंड मुस्लिम्स तो वहां पे मेजॉरिटी में कोई एक नहीं है इक्वली वी कैन से बुद्धिस्ट्स और मुस्लिम्स रहते हैं दिस इज व्हाट जम्मू एंड कश्मीर कंप्रा इजस ऑफ क्लियर है लेकिन अब जैसे मैंने बोला लद्दाख इज अ सेपरेट यूनियन टेरिटरी एंड जम्मू एंड कश्मीर इज अ सेपरेट यूनियन टेरिटरी आगे चलते हैं सो रूट्स ऑफ द प्रॉब्लम गोइंग बैक टू व्हाट हैपन इनिशियली रूट्स क्या है रूट कॉस मेन प्रॉब्लम कहां से शुरू हुई चलिए चलते हैं जड़ों पे राइट चलो सो 1947 से पहले जम्मू एंड कश्मीर वाज अ प्रिंसली स्टेट राइट प्रिंसली स्टेट क्या थी जो इनडायरेक्टली ब्रिटिशर्स य अ रूल करते थे थ्रू प्रिंस राइट तो प्रिंसेस होते थे जो इन पे रूल करते थे और वो किसको अकाउंटेबल होते थे ब्रिटिशर्स को व्हिच इज नोन एज ब्रिटिश सजें राइट क्लियर है चलिए महाराजा हरि सिंह वेरी इंपॉर्टेंट की वर्ड फॉर सीयू एटी महाराजा हरि सिंह वांटेड टू हैव एन इंडिपेंडेंट स्टेटस फॉर हिज स्टेट तो वहां के प्रिंस कौन महाराजा हरि सिंह राइट डिड नॉट वांट टू मर्ज आइर विद इंडिया और पाकिस्तान वो चाहते थे कि कश्मीर को अलग से इंडिपेंडेंट स्टेटस मिले ना हम इंडिया का हिस्सा बनना चाहते हैं ना पाकिस्तान का राइट लेकिन भैया पाकिस्तान क्या सोचता था पाकिस्तान को लगता था कि क्योंकि कश्मीर में मेजॉरिटी पॉपुलेशन मुस्लिम है तो ये भी एज पर द क्राइटेरिया लेड डाउन बाय अ द गवर्नमेंट कि जो मुस्लिम मेजॉरिटी एरियाज हैं वो पाकिस्तान के पास जाएंगे तो कश्मीर भी पाकिस्तान का ही हिस्सा सा होना चाहिए दैट वाज द लॉजिक ऑफ पाकिस्तान पीपल ऑफ द स्टेट अगर हम वहां के लोगों से पूछे वो खुद को कश्मीरी अबब ऑल समझते थे ना इंडिया ना पाकिस्तान हम कश्मीरी हैं उनकी जो रीजनल आइडेंटिटी थी वो क्या थी कश्मीरी है और इसी इशू को क्या बोलते हैं दिस इशू ऑफ रीजनल एस्पिरेशन इज नोन एज कश्मीरियत राइट द आइडेंटिटी ऑफ द कश्मीरी पीपल का जो इशू है दैट इज कश्मीरियत चलिए आगे चलते हैं शेख अब्दुल्ला नाउ शेख अब्दुल्ला ही लेड पॉपुलर मूवमेंट इन जम्मू एंड कश्मीर ही वांटेड टू गेट रिड ऑफ महाराजा हरि सिंह वो हरि सिंह को हटाना चाहते थे ही वाज द लीडर ऑफ व्हिच पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस नेशनल कॉन्फ्रेंस कॉन्फ्रेंस एक पॉलिटिकल पार्टी थी उसके ये लीडर थे ही वाज अगेंस्ट जॉइनिंग पाकिस्तान ही वाज अ पर्सनल फ्रेंड ऑफ जवाहरलाल नेहरू क्लियर है अ नेशनल कॉन्फ्रेंस क्या आइडियो जीी थी किस चीज को सपोर्ट करती थी सेकुलर ऑर्गेनाइजेशन थी यानी कि किसी भी धर्म में वो इंक्लाइंड नहीं थी राइट सेकुलर यानी कि इक्वलिटी ऑफ ऑल रिलीजस में बिलीव करती थी हैड अ लॉन्ग एसोसिएशन विद कांग्रेस जैसे बोला ही वाज अ गुड फ्रेंड ऑफ नेहरू तो अ नेशनल कॉन्फ्रेंस जो पार्टी थी वो काफी टाइम से कांग्रेस के साथ एसोसिएशन में थी राइट चलिए आगे देखते हैं अक्टूबर 1947 पाकिस्तान सेंट ट्राइबल इफिट्रेस फ्रॉम इट्स साइड टू कैप्चर कश्मीर अब सबसे पहला सबसे पहली वॉर हम इसको बोल सकते हैं ध्यान रखिए 1947 में ही आफ्टर द पार्टीशन अक्टूबर 1947 में पाकिस्तान ट्राइबल इफिट्रेस को भेजता है अच्छा जी ट्राइबल इफिट्रेस कौन होते हैं जो ऐसा दिखाते हैं कि हां हम आप ही के ग्रुप के हैं हम यहां बिलोंग करते हैं लेकिन वो भेस बदल के बेसिकली जैसे है ना वहीं कश्मीरी लोगों के बीच रहने लगे लेकिन फिर वहां पे वो सेपरेटिस्ट भावनाएं जला जगाने लगे सो पाकिस्तान ने ऐसे काइंड ऑफ भेस बदल के लोग इसको अगर हम ी भाषा में इसको अगर हम इजी भाषा में बोले तो भेजे राइट टू कैप्चर कश्मीर ठीक है अब जब ये सीन हुआ तो महाराजा हरि सिंह को कोई भी ऑप्शन नहीं था एक्सेप्ट फॉर आस्किंग इंडियन मिलिट्री हेल्प तो इंडिया से उन्होंने हेल्प मांगी एंड ही साइंड एन इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ एक्सेशन बहुत जरूरी है इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ एक्सेशन विद द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया किसने साइन किया महाराजा हरि सिंह ने क्लियर है देन ओनली डिड इंडिया एक्सटेंड द मिलिट्री सपोर्ट यह जब साइन हो गया इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ एक्सेशन तब इंडिया ने बोला कि चलो ठीक है हम आपकी हेल्प करेंगे और इन सारे इफिल्टर को कश्मीर वैली से भगा दिया क्लियर चलिए पाकिस्तान स्टिल कंटिन्यू टू कंट्रोल अ साइज पार्ट ऑफ द स्टेट लेकिन पाकिस्तान का कंट्रोल जो है ढीला नहीं पड़ा अच्छा जी इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन की अगर हम बात करें सो इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन एक लीगल डॉक्यूमेंट था जो जवाहरलाल नेहरू और महाराजा हरि सिंह के बीच में साइन हुआ था जिसमें कश्मीर ने केवल तीन सब्जेक्ट्स अ को सरेंडर कर दिया था इंडिया को वो क्या-क्या थे डिफेंस एक्सटर्नल अफेयर्स एंड कम्युनिकेशंस ये तीन चीजें अब इंडिया के पास होंगी उस स्टेट की क्लियर है सो दिस वाज इंस्ट्रूमेंट ऑ एक्सेशन कंप्लीट सरेंडर नहीं था जैसे कि आप देख सकते हो लेकिन लिमिटेड सरेंडर था अच्छा जी अब जैसे हमने बात करी पाकिस्तान के पास फिर भी थोड़ा सा कंट्रोल था ये इशू फिर रेफर हुआ यूएनओ में यूनाइटेड नेशंस ऑर्गेनाइजेशंस में जहां पे रेजोल्यूशन 21 अप्रैल 1948 का रेजोल्यूशन में क्या रिकमेंड किया गया तीन स्टेप प्रोसेस देयर वाज अ थ्री स्टेप प्रोसेस रिकमेंडेशन टू रिजॉल्व द इशू सबसे पहला स्टेप क्या है कि पाकिस्तान को विड्रॉ करनी है अपने सारे नेशनलाइज सारे पाकिस्तानी जो भी कश्मीर में रहते हैं उनको हटाना है दूसरी चीज क्या है इंडिया नीडेड टू प्रोग्रेसिव रिड्यूस इट्स फोर्सेस सो एज टू मेंटेन लॉ एंड ऑर्डर भैया इंडिया को भी वहां ज्यादा मिलिट्री अपनी नहीं तैनात करनी है राइट क्लियर है एंड अ प्लेब साइट वाज टू बी कंडक्टेड इन अ फ्री एंड इंपार्शियल मैनर प्लेब साइड क्या होता है प्लेब साइड यानी कि जो वहां के कश्मीरी पीपल हैं जो वहां के रेजिडेंट हैं वो क्या चाहते हैं एक डायरेक्ट वोट होगा कि लोग क्या चाहते हैं इन अ फ्री एंड इंपार्शियल मैनर ताकि जो पीपल्स एस्पिरेशन है वो झलक के आए और वही डिसीजन हो क्लियर है सो ये यूएन ने रिकमेंड किया कौन से रेजोल्यूशन में कब 21 अप्रैल 1948 इंपॉर्टेंट है सीयू के लिए आगे चलते हैं नो प्रोग्रेस कुड बी अचीव्ड अंडर दिस रेजोल्यूशन किसी ने भी यूनाइटेड नेशंस की नहीं सुनी फिर क्या हुआ मार्च 1948 में शेख अब्दुल्ला जिन लीडर की हमने बात करी थी अभी फ्रॉम द नेशनल कॉन्फ्रेंस टूक ओवर एज द प्राइम मिनिस्टर ऑफ दी स्टेट ऑफ जम्मू एंड कश्मीर कब मार्च 1948 में शेख अब्दुल्ला बिकम द प्राइम मिनिस्टर ऑफ जम्मू एंड कश्मीर क्लियर है कौन सी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ही वाज द हेड ऑफ दी गवर्नमेंट इन द स्टेट राइट उसको तब प्राइम मिनिस्टर बोलते थे क्लियर है जो स्टेट का हेड ऑफ गवर्नमेंट है उसको प्राइम मिनिस्टर यहां पे इंडिया के प्राइम मिनिस्टर की बात नहीं हो रही है क्लियर इंडिया अग्री टू ग्रांट इट्स प्रोविजनल ऑटोनॉमी अंडर आर्टिकल 370 क्लियर है अब इंडिया ने बोला कि हम आर्टिकल 370 के तहत आर्टिकल 370 ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन के तहत आपको प्रोविजनल प्रोविजनल यानी कि टेंपररी पीरियड के लिए ऑटोनॉमी देते हैं क्लियर टेंपररी पीरियड के लिए ऑटोनॉमी दी जाती है ऑटोनॉमी यानी कि पावर टू हैंडल योर ओन अफेयर्स टू मेक योर ओन अ कॉन्स्टिट्यूशन टू मेक योर ओन प्रोविजंस क्योंकि आप अगर कॉन्स्टिट्यूशन पढ़ेंगे ना तो पहले क्या था दैट दिस दिस दिस दिस डज नॉट अप्लाई टू स्टेट ऑफ़ जम्मू एंड कश्मीर वहां पे एक्सेप्शन हमेशा रहता था आगे चलते हैं चलिए सो एक्सटर्नल एंड इंटरनल डिस्प्यूट सो पॉलिटिक्स ऑफ जम्मू एंड कश्मीर रिमें कंट्रोवर्शियल एंड कॉन्फ्लेट रिटन कि वहां हमेशा से कॉन्फ्लेट और कंट्रोवर्शियल प्रॉब्लेम मेटिक थी एक्सटर्नल रीजंस अगर हम देखें जैसे मैंने बताया इंडिया पाकिस्तान और जम्मू एंड कश्मीर के बीच में पाकिस्तान हैज ऑलवेज क्लेमड दैट कश्मीर वैली शुड बी पार्ट ऑफ पाकिस्तान राइट रीजन क्या है क्योंकि मुस्लिम मेजॉरिटी एरिया है स्पंस अ ट्राइबल इनवेजन ऑफ जम्मू एंड कश्मीर इन 1947 जो अभी हमने पढ़ा था राइट वन पार्ट ऑफ जम्मू एंड कश्मीर केम अंडर पाकिस्तान कंट्रोल अभी हमने पढ़ा राइट जब यूएन ने बोला कि आप वहां से हटाइए लेकिन नहीं माना राइट इसको क्या बोलते हैं पाकिस्तान डिस्क्राइब्स दिस एरिया एज आजाद पाकिस्तान इंडिया क्लेम दैट दिस एरिया इज अंडर इलीगल कंट्रोल एंड इलीगल ऑक्यूपेशन क्योंकि गलत तरीके से उन्होंने कंट्रोल किया है राइट चलिए सो दिस इज द पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर ये जो आप ब्लू एरिया देख पा रहे हैं क्लियर है इसकी बात हम कर रहे हैं आगे चलते हैं अब चलते हैं इंटरनल रीजंस पे यानी कि इंडिया और जम्मू एंड कश्मीर कमीर के इंटरनल रीजंस डिस्प्यूट अबाउट द स्टेटस ऑफ कश्मीर विद इन इंडिया राइट स्पेशल प्रोविजंस अप्लाइड थे अंडर आर्टिकल 370 एंड 371 371 वाज रिगार्डिंग एक्वायरिंग प्रॉपर्टी इन द रीजन अच्छा अब ये जो स्पेशल प्रोविजंस है इसको लेके क्या ओपिनियन था लोगों का अ सेक्शन ऑफ पीपल आउटसाइड ऑफ जम्मू एंड कश्मीर जो जम्मू एंड कश्मीर में नहीं रहते उनको यह लगता है दैट द आर्टिकल डज नॉट अलाउ फुल इंटीग्रेशन ऑफ द स्टेट विद इंडिया कि क्योंकि यहां पे कुछ रिस्ट्रिक्शंस लगाए गए हैं उनको स्पेशल ऑटोनॉमी दी गई है इस वजह से जैसे और स्टेट्स इंडिया का पार्ट है वैसे जम्मू एंड कश्मीर नहीं हो पा रही है तो फुल इंटीग्रेशन नहीं हो पा रहा है ये किसका ओपिनियन है ऑल दी अदर पीपल अ इन इंडिया एक्सेप्ट फॉर द कश्मीरी क्लियर है सो दे वांट इड टू बी रिव कि ये आर्टिकल हटा दिया जाए और एज अदर स्टेट्स जम्मू एंड कश्मीर को भी ट्रीट किया जाए हाउ एवर अनदर सेक्शन मोस्टली कश्मीरी पीपल लिविंग देयर राइट दे बिलीव दैट द ऑटोनॉमी कन्फर्ट बाय आर्टिकल 370 इज नॉट इनफ यानी कि जो आर्टिकल 370 ने हमें ऑटोनॉमी दी है कश्मीर को वो भी काफी नहीं है हमें और ज्यादा अ पावर चाहिए और ज्यादा अथॉरिटी चाहिए और ज्यादा फ्रीडम चाहिए राइट तीन मेजर प्रॉब्लम्स क्या थी कश्मीरी की नंबर वनट द द प्रॉमिस दैट एक्सेशन वुड बी रेफरड टू द पीपल ऑफ द स्टेट आफ्टर द सिचुएशन इजन वाज नॉर्मलाइज्ड वाज नॉट फुलफिल्ड तो वो जो प्लेब साइट था वो तो कभी हुआ ही नहीं भैया राइट देयर वाज अ फीलिंग दैट द स्पेशल फेडरल स्टेटस गारंटीड बाय आर्टिकल 370 हैड बीन एरोडेड इन प्रैक्टिस कि बस लिखा हुआ है कांस्टिट्यूशन में कि स्पेशल प्रोविजन है ऑटोनॉमी है लेकिन एक्चुअल में कोई ऑटोनॉमी नहीं है दिस लेड टू द ग्रेटर स्टेट ऑटोनॉमी डिमांड कि हमें और ज्यादा ऑटोनॉमी चाहिए इट वास फेल्ट दैट डेमोक्रेसी व्हिच इज प्रैक्टिस इन द रेस्ट ऑफ इंडिया हैज नॉट बीन सिमिलरली इंस्टीट्यूशनलाइज्ड इन द स्टेट ऑफ जम्मू एंड कश्मीर कि जैसी डेमोक्रेसी बाकी स्टेट्स में है इंडिया की वैसी जम्मू एंड कश्मीर में क्यों नहीं है राइट सो दीज वर द थ्री प्रॉब्लम्स थ्री इश्यूज ऑफ द कश्मीरी पीपल क्लियर है चलिए अब चलते हैं पॉलिटिक्स पे इंटरनल पॉलिटिक्स सिंस 1948 सो शेख अब्दुल्ला आफ्टर टेकिंग ओवर एज द प्राइम मिनिस्टर इनिशिएटिव द प्राइम मिनिस्टर राइट एंड उन्होंने काफी सारे मेजर लैंड रिफॉर्म्स निकाले ग्रोइंग डिफरेंस बिटवीन हिम एंड द सेंट्रल गवर्नमेंट ऑन कश्मीर स्टेटस अब क्योंकि वो वहां पर अपने मनचाहे मनमानी कर रहे हैं तो जो कांग्रेस थी जो यूनियन गवर्नमेंट थी राइट उसके साथ टकराव आने लगी इन 1953 ही वाज डिसमिस्ड एंड केप्ट इन डिटेंशन फॉर अ नंबर ऑफ इयर्स उनको हटा दिया गया और जेल में रखा अब भैया इनके बाद जो लीडरशिप आई वो ना तो उन्हें इतना अच्छा पॉपुलर सपोर्ट मिला ना ही वो जम्मू एंड कश्मीर को रूल कर पाए बिकॉज ऑफ द सपोर्ट ऑफ सेंटर बार-बार कांस्टेंटली जो सेंट्रल गवर्नमेंट है उसकी इंटरप्शन थी एंड सीरियस एलिगेशंस ऑफ मैल प्रैक्टिसेस एंड रिगिंग इन वेरियस इलेक्शंस वाज लेड डाउन राइट मैल प्रैक्टिसेस यानी कि अनफेयर इलेक्शंस हो रहे हैं ऐसा माना जाता था राइट किसकी बात हो रही है जो शेख अब्दुल्ला को डिस्मिस करने के बाद गवर्नमेंट आई नाउ लेट्स मूव ऑन टू द पीरियड बिटवीन 53 एंड 74 1953 से लेके 1974 थाक कांग्रेस पार्टी एक्सरसाइज्ड इन्फ्लुएंस ऑन दी पॉलिटिक्स ऑफ़ द स्टेट तो जो सेंट्रल गवर्नमेंट है उसी का इन्फ्लुएंस था जम्मू एंड कश्मीर की पॉलिटिक्स में कब से कब तक 53 से 74 तक और ट्रंकेटेड नेशनल कॉन्फ्रेंस ट्रंकेटेड यानी कि आधी राइट शेख अब्दुल्ला को हटा के माइनस शेख अब्दुल्ला रिमन इन पावर विद द सपोर्ट ऑफ कांग्रेस राइट जैसे आप देख सकते हैं जब तक कांग्रेस जिसको चाह रही है वो वहां पे पावर में है वरना डिस्मिस करके डिटेंशन में डाल दिया गया है क्लियर है सो कौन सी पार्टी थी नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी ही थी पावर में विद द सपोर्ट ऑफ कांग्रेस इन जम्मू एंड कश्मीर लेटर वो कांग्रेस के साथ मर्ज हो जाती है है मर्ज हो जाती है कांग्रेस के साथ अब क्या होता है सेवरल अटेम्प्ट्स टू रीच एन एग्रीमेंट एक एग्रीमेंट एक सलूशन अ निकाला जाए शेख अब्दुल्ला और गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के बीच में कांग्रेस पार्टी के बीच में सेंट्रल गवर्नमेंट के बीच में सो इन 1965 चेंज इन द प्रोविजन ऑफ द कांस्टिट्यूशन ऑफ जम्मू एंड कश्मीर प्राइम मिनिस्टर ऑफ द स्टेट वाज नाउ डेजिग्नेट एज द चीफ मिनिस्टर ऑफ द स्टेट तो क्या चेंज आया स्टीट्यूशन ऑफ जम्मू एंड कश्मीर में कि जो पीएम है वह सीएम कहलाया जाएगा कब 1965 में गुलाम मोहम्मद सदीक ऑफ द इंडियन नेशनल कांग्रेस बिम द फर्स्ट चीफ मिनिस्टर ऑफ द स्टेट वेरी इंपॉर्टेंट कीवर्ड फॉर योर सीईटी एमसीक्यू 100% बनता है गुलाम मोहम्मद सद्दीक ऑफ द इंडियन नेशनल कांग्रेस बिम द फर्स्ट सीएम ऑफ जम्मू एंड कश्मीर नाउ इन 1974 इंदिरा गांधी री च एन एग्रीमेंट विद शेख अब्दुल्लाह राइट फाइनली इंदिरा गांधी और शेख अब्दुल्ला का एक एग्रीमेंट होता है एक सलूशन निकलता है राइट जिसकी वजह से क्या होता है जो नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी है वो रिवाइव हो जाती है शेख अब्दुल्ला सीएम बन जाते हैं जम्मू एंड कश्मीर के इन 1977 ही वाज इलेक्टेड विद मेजॉरिटी इन द स्टेट असेंबली इलेक्शंस तो वापस से ही बिकम द सीएम लेकिन फिर क्या होता है वो एक्सपायर हो जा जाते हैं 1982 में कौन शेख अब्दुल्ला लीडर ऑफ दी नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी एंड उनके बाद जो उनके सन है फूक अब्दुल्ला वो बनते हैं द लीडर ऑफ द नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी क्लियर है चलिए आगे चलते हैं सो एज यू कैन सी फारूक अब्दुल्ला साहब बनते हैं चीफ मिनिस्टर ही वाज दी सन ऑफ शेख अब्दुल्ला फ्रॉम द कॉन्फ्रेंस पार्टी सून अगेन ही वाज डिसमिस्ड बाय द गवर्नर राइट गवर्नर होता है सीएम होता है राइट जैसे प्राइम मिनिस्टर होता है और प्रेसिडेंट होता है क्लियर है सो गवर्नर उनको डिस्मिस कर देते हैं व्हाई दिस डिस्मिसल ड्यू टू द इंटरवेंशन ऑफ दी सेंट्रल गवर्नमेंट जेनरेटेड अ फीलिंग ऑफ रिजेंट मेंट इन कश्मीर अगेन कौन दखल अंदाजी कर रहा है कौन इंटरप्ट कर रहा है सेंट्रल गवर्नमेंट राइट जो यूनियन गवर्नमेंट है जो इंडियन गवर्नमेंट है वो यहां पे पॉलिटिकल इंस्टेबिलिटी क्रिएट कर रही है ऐसा किसको लग रहा है कश्मीरी पीपल को राइट अ ब्रेक अवे फैक्न ऑफ नेशनल कॉ अगेन अ ट्रंकेटेड नेशनल कॉन्फ्रेंस जो उससे हट गई फैक्न अलग ग्रुप हो गया था वो आती है पावर में एक शॉर्ट पीरियड के लिए फाइन आगे चलते हैं द फीलिंग दैट द सेंटर वाज इंटरवेनिंग इन पॉलिटिक्स ऑफ द स्टेट वाज स्ट्रेंथ क्योंकि वापस से जो सेंट्रल गवर्नमेंट चाह रही है वही हो रहा है स्टेट में और ये कैसे स्ट्रेंथ हुआ फरदर जब 1986 में नेशनल कॉन्फ्रेंस वापस एक इलेक्टोरल अलायंस में आती है कांग्रेस के साथ व्हिच वाज द रूलिंग पार्टी इन द सेंटर तो क्लियर हमें दिख रहा है प्रॉपर अलायंस था नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच में राइट सो इसी वजह से जो वहां के लोग थे दे फेल्ट दैट कांस्टेंट इंटरवेंशन है इंडियन गवर्नमेंट की इन आवर स्टेट पॉलिटिक्स आगे चलते हैं सो अभी तक जो हमने किया है आपको उसका सिंपल से एक चार्ट बना लेना है कि पहले कौन आया उसके बाद कौन आया फिर वापस से कैसे अलायंस बना ऐसे करके क्लियर है चलिए इंसर इ जेंसी एंड आफ्टर इंसर्जनल पढ़ते हैं कि क्या होता है सो इन द ईयर 1987 स्टेट असेंबली इलेक्शंस होते हैं जम्मू एंड कश्मीर में रिजल्ट्स शड अ मैसिव विक्ट्री ऑफ द नेशनल कॉन्फ्रेंस कांग्रेस अलायंस जो अभी हमने पढ़ा जो बन गया था राइट तो इस अलायंस की बहुत भारी तादाद में जीत हो जाती है एज पर द वोट्स बट इट वाज वाइडल बिलीव्ड कि ये जो रिजल्ट्स है ये पॉपुलर चॉइस नहीं दिखा रहे हैं यानी कि रिग्ड है इलेक्शंस इलेक्शन प्रोसेस वाज रिग्ड मैनिपुलेटेड जो एक्चुअल रिजल्ट है वो नहीं दिखाया गया है जो गवर्नमेंट चाहती है वो दिखाया गया है फारूक अब्दुल्ला रिटर्न्ड एज द चीफ मिनिस्टर ऑफ जम्मू एंड कश्मीर क्लियर है आगे चलते हैं सिंस अर्ली 1980 1980 की शुरुआत से ही लोग खिलाफ थे देयर वाज पॉपुलर रिजेंट मेंट राइट नाउ इट वाज ऑगमेंटेड बाय द कॉमनली प्रीवेलिंग फीलिंग दैट डेमोक्रेटिक प्रोसेसेस वर बीइंग अंडरमाइंड अब तो कंफर्म ही हो गया था कि जो लोग चाहते हैं वैसा नहीं रिजल्ट आ रहा है दिस जेनरेटेड अ पॉलिटिकल क्राइसिस इन कश्मीर ये फीलिंग एस्केलेट होके क्राइसिस में बदल जाती है बिम सीवियर विद द राइज ऑफ इंसर्जनल जेंसी यानी कि एक अपराइज इंग एक रिवोल्ट फाइन चलिए बाय 1989 1989 तक स्टेट हैड कम इन द ग्रिप ऑफ मिलिटेंट मूव मूवमेंट मिलिटेंट मूवमेंट यानी कि वायलेंट प्रोटेस्टर्स राइट जो क्या चाह रहे थे कि जो कश्मीर है वो अलग से एक सेपरेट नेशन बन जाए सो मिलिटेंट मूवमेंट एक आर्म्ड अपराइज एक वायलेंट प्रोटेस्ट जो क्या कर रहा है सेपरेटिस्ट फीलिंग्लेस कंट्री बन जाए आगे चलते हैं अब इन सारे इं सर्जेंट्स को जो ये मिलिटेंट मूवमेंट कर रहे हैं इनको कहां से सपोर्ट मिल रहा है इनको मोरल मटेरियल और मिलिटरी सपोर्ट मिल रहा है पाकिस्तान से राइट मोरल यानी कि और ज्यादा मोटिवेट किया जा रहा है कि तुम सही कर रहे हो मटेरियल यानी कि उनको अगर कुछ भी चाहिए राइट आर्म्स एम्युनेशन कुछ भी राइट य फूड एक्सेट्रा सप्लाईज एंड मिलिट्री यानी कि और ज्यादा आपको मिलिटेंट्स प्रोवाइड करे जा रहे हैं बाय पाकिस्तान द पीरियड फ्रॉम 1990 अब 1990 ऑनवर्ड जम्मू एंड कश्मीर एक्सपीरियंस्ड एक्स्ट्राऑर्डिनरी वायलेंस वहां पे बहुत ज्यादा अ क्रूड वायलेंस चला एट दी हैंड ऑफ द इंसर्जनल थ्रू आर्मी एक्शन यहां से आर्मी बचा रही है जो जम्मू एंड कश्मीर को और यहां से मिलिटेंट्स अटैक कर रहे हैं और कश्मीर यहीं पे क्या हो रहा है बॉयल हो रहा है राइट फॉर अ नंबर ऑफ इयर्स इट वाज अंडर प्रेसिडेंट्स रूल एंड इफेक्टिवली अंडर द कंट्रोल ऑफ द आर्म्ड फोर्सेस सो ड्यू टू द इंस्टेबल पॉलिटिकल गवर्नमेंट्स प्रेसिडेंट्स रूल इंपोज किया गया था काफी सालों से इनफैक्ट जब रिमूवल हुआ आर्टिकल 370 का तब भी यहां पे प्रेसिडेंट्स रूल था राइट और आर्म्ड फोर्सेस के कंट्रोल में था फिर इन 1996 असेंबली इलेक्शंस इन द स्टेट वर हेल्ड वापस से इलेक्शंस होते हैं 1996 में ठीक है जी स्टेट असेंबली इलेक्शंस जहां पे नेशनल कॉन्फ्रेंस लेड बाय फूक अब्दु अला अगेन कम्स टू पावर वापस से विद अ डिमांड फॉर रीजनल ऑटोनॉमी अब जो फारूक अब्दुल्ला की गवर्नमेंट है वो क्या मांगती है कि हमें और ज्यादा ऑटोनॉमी चाहिए देन इन 2002 इलेक्शंस वर हेल्ड इन द स्टेट वापस से 1996 के बाद 2002 में होते हैं स्टेट असेंबली इलेक्शन जहां पे सेम पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस हार जाती है मेजॉरिटी नहीं ला पाती है दिस वाज रिप्लेस बाय अ कोलिशन गवर्नमेंट ऑफ पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पीडीपी एंड कांग्रेस की एक कोलिशन गवर्नमेंट बनती है आफ इन 2002 आफ्टर द नेशनल कॉन्फ्रेंस लूजस तो किसकी कोलिशन गवर्नमेंट बन रही है पीडीपी और कांग्रेस की चलिए आगे देखते हैं अब 2002 के बाद क्या होता है 2002 एंड बियोंड एस पर द कोलिशन एग्रीमेंट पीडीपी और कांग्रेस राइट मुफ्ती मोहम्मद हेडेड द गवर्नमेंट फर फॉर द फर्स्ट थ्री इयर्स मुफ्ती मोहम्मद क्लियर है चलिए उसके बाद ही वास सक्सीडेंस प्रेसिडेंट्स रूल वाज इंपोज्ड प्रेसिडेंट रूल कब इंपोज हुआ जुलाई 2008 में वेरी इंपोर्टेंट ठीक है जुलाई 2008 में प्रेसिडेंट्स रूल इंपोज हो जाता है अब क्या होता है नवंबर दिसंबर 2008 में इलेक्शंस होते हैं जिसमें फिर 2009 में एज अ रिजल्ट कोलिशन गवर्नमेंट आ जाती है वापस से नेशनल कॉन्फ्रेंस और इंडियन नेशनल कांग्रेस की और अगेन अनदर अब्दुल्ला कम्स टू पावर हेडेड बाय ओमार अब्दुल्ला क्लियर है पूरा ये जो है आपको एक टेबल बना के इसकी सीक्वेंस याद करनी होगी राइट स्टेट कंटिन्यू टू विटनेस डिस्टरबेंसस लेड बाय द हरियत कॉन्फ्रेंस हरियत कॉन्फ्रेंस क्या है है ऑल पार्टीज हरियत कॉन्फ्रेंस एक अलायंस है 26 पॉलिटिकल सोशल और रीजनल ऑर्गेनाइजेशंस का जो प्रमोट करते हैं कश्मीरी सेपरेटिज्म फ्रॉम इंडिया क्लियर है तो फर्द जो ये डिस्टरबेंसस थी वो कंटिन्यू रही देन फिर 2014 में वापस से स्टेट इलेक्शंस होते हैं जिसमें सबसे ज्यादा वोटर्स आते हैं वोट करने इन द लास्ट 25 इयर्स में अगर हम कंपेयर करें देखते हैं उसमें क्या रिजल्ट निकल के आता है अ कोलिशन गवर्नमेंट लेड बाय मुफ्ती मोहम्मद सैयद ऑफ द पीडीपी केम इन टू पावर राइट वापस से कोलिशन गवर्नमेंट आती है पीडीपी की लेकिन किसके साथ इस बार बीजेपी एज इट्स पार्टनर नॉट कांग्रेस क्लियर है तो क्या डिफरेंस आया पी पीडीपी प्लस बीजेपी राइट मुफ्ती मोहम्मद सैयद की डेथ के बाद उनकी जो डॉटर है अप्रैल 2016 में उनकी डॉटर महबूबा मुफ्ती बनती हैं द फर्स्ट वो वमन चीफ मिनिस्टर ऑफ जम्मू एंड कश्मीर वेरी इंपॉर्टेंट फॉर योर एमसीक्यू राइट हु वाज द फर्स्ट वुमन चीफ मिनिस्टर ऑफ जम्मू एंड कश्मीर महबूबा मुफ्ती किनकी डॉटर थी मुफ्ती मोहम्मद सैयद की और वो कब बनी फर्स्ट चीफ मिनिस्टर अप्रैल 2016 में क्लियर है चलिए उनके टेन्योर में क्या-क्या फेस किया था मेजर एक्ट्स ऑफ टेररिज्म हुए थे एक्सटर्नल और इंटरनल टेंशन बहुत ज्यादा बढ़ गई थी राइट दीज वर द थिंग्स विटनेस ड्यूरिंग हर टेनोर अब क्या होता है जून 2018 में बीजेपी विथ ड्र इट्स सपोर्ट टू द मुफ्ती गवर्नमेंट जो ये एक कोलिशन गवर्नमेंट था बीजेपी अब हट जाता है और पीडीपी रह जाती है राइट जिसकी वजह से किसी की भी मेजॉरिटी नहीं है तो प्रेसिडेंट्स रूल इंपोज कर दिया जाता है और प्रेसिडेंट्स रूल इंपोज करने के बाद में क्या होता है जो हम अभी पढ़ेंगे 2019 में आर्टिकल 370 रिमूव कर दिया जाता है बहुत ही स्ट्रेटेजिक मूव था क्योंकि कॉन्स्टिट्यूशन में लिखा था भैया कि वहां की जो कॉन्स्टिट्यूशन असेंबली है उससे रेफर करके यह रिमूव किया जाएगा लेकिन इस टाइम पे ना ही कांस्टीट्यूएंट असेंबली थी ना ही यहां पे गवर्नमेंट थी तो किससे पूछा जाएगा प्रेसिडेंट से पूछा जाएगा और प्रेसिडेंट तो यूनियन गवर्नमेंट के साथ है भैया राइट चलिए सो 5थ अगत 2019 आर्टिकल 370 वाज अबॉलिश्ड बाय जम्मू एंड कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 पूरी की पूरी लाइन बहुत इंपॉर्टेंट है कब 5थ अगस्ट 2019 को आर्टिकल 370 अबॉलिश होता है किस एक्ट के थ्रू जम्मू एंड कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 एमसीक्यू के लिए सुपर डुपर ट्रूपर इंपॉर्टेंट है राइट अ नाउ द स्टेट वाज कांस्टीट्यूटेड इनटू टू यूनियन टेरिटरीज दैट ऑफ जम्मू एंड कश्मीर एंड दैट ऑफ लद्दाख क्लियर है चलिए द डाइवर्सिटी ऑफ ऑल काइंड रिलीजियस कल्चरल लिंग्विस्टिक एथनिक एंड ट्राइबल डाइवर्जंस एंड डेवलपमेंट टल एस्पिरेशंस हैव बीन सॉट टू बी अचीव्ड बाय द लेटेस्ट एक्ट कि हम क्या करना चाह रहे हैं पूरे हर एक स्फेयर में डेवलपमेंट करना चाह रहे हैं और लोगों की पॉलिटिकल एस्पिरेशंस को फुलफिल करना चाह रहे हैं ऐसा बोला गया जानते हैं शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के बारे में ही वाज द लीडर ऑफ जम्मू एंड कश्मीर प्रोपोनेंट ऑफ ऑटोनॉमी एंड सेकुलरिज्म फॉर जम्मू एंड कश्मीर ही लेड द पॉपुलर स्ट्रगल अगेंस्ट प्रिंसली रूल अपोज्ड टू पाकिस्तान ड्यू टू इट्स नॉन सेकुलर कैरेक्टर राइट दैट इज व्हाई वो इंडिया के साथ थे ड्यू टू सेकुलरिज्म लीडर ऑफ नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी प्राइम मिनिस्टर ऑफ जम्मू एंड कश्मीर इमीडिएट आफ्टर इट्स एक्सेशन विद इंडिया इन 1947 डिसमिस्ड एंड जेल्ड बाय द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया फ्रॉम 53 टू 64 एंड वापस से फ्रॉम 65 टू 68 बिम द चीफ मिनिस्टर ऑफ द जम्मू एंड कश्मीर स्टेट आफ्टर एन एग्रीमेंट विद इंदिरा गांधी इन 1974 तो पूरी टाइमलाइन सराइज कर दी है राइट चलिए चलिए अब देखते हैं जो सब टॉपिक है कश्मीर इशू यानी कि क्या लेटेस्ट डेवलपमेंट हुई कैसे रिमूवल हुआ आर्टिकल 370 का जो हाल ही रिसेंट इयर्स में हुआ था राइट तो शुरुआत से ही कश्मीर जो है वो इंडियन यूनियन अ जब से उसने जॉइन किया है काफी सारे इश्यूज रहे हैं पाकिस्तान और इंडिया का जो स्टैंड है कश्मीर को लेके साथ ही में जो कश्मीरियत आइडेंटिटी है जो भी हमने सब पढ़ा राइट एंड इसी वजह से जब कश्मीर को एज अ प्रिंसली स्टेट इंडियन यूनियन में इवॉल्व किया गया था तो एक स्पेशल स्टेटस दिया गया था वो स्पेशल स्टेटस क्या था इट वाज गिवन अंडर आर्टिकल 370 एंड आर्टिकल 35a आर्टिकल 370 क्या बोलता है अलाउ करता था कश्मीर को एक सेपरेट कॉन्स्टिट्यूशन के लिए कांस्टीट्यूएंट असेंबली के लिए खुद की फ्लैग के लिए राइट और जो न्यू नोम क्लेचर था कि भाई वहां का जो चीफ मिनिस्टर है वो प्राइम मिनिस्टर बोला जाएगा एंड जो गवर्नर है वो सद्र ए रियासत बोला जाएगा तो ये सारी ऑटोनॉमी कहां से मिल रही है इंडियन कांस्टिट्यूशन से मिल रही है राइट द एनफोर्स द नॉन इंफोर्समेंट ऑफ मोस्ट ऑफ द यूनियन लॉज इन द स्टेट आप कई बार अगर आप कांस्टिट्यूशन पढ़ेंगे तो देखेंगे बहुत सारे जो हमारे प्रोविजंस है कॉन्स्टिट्यूशन के उसमें सार करके लिखा होता था बट नॉट अप्लाई टू द टेरिटरी ऑफ जम्मू एंड कश्मीर राइट सो जम्मू एंड कश्मीर पे काफी सारे जो हमारे कांस्टीट्यूशनल प्रोविजंस थे वो अप्लाई नहीं करते थे राइट तो इससे क्या पता चल रहा है कि हमने कितनी ज्यादा ऑटोनॉमी दी थी राइट सो दिस इज टर्म्ड एज द कॉन्स्टिट्यूशन रिकॉग्नाइज सेपरेटिज्म कि एक तरीके से जो एक कंट्री जो एक स्टेट है वो सेपरेट हो रही है फ्रॉम द एंटायस प्रोविजंस लाइक दीज दैट इज व्हाई इनको फिर रिमूव किया जाता है कैसे अभी देखते हैं आर्टिकल 35 ए क्या बोलता है स्पेशल सिटीजनशिप राइट्स देता है कि प्रोहिबिटिंग द नॉन कश्मीरी फ्रॉम बाइंग प्रॉपर्टी इन द स्टेट कि कोई भी जो कश्मीरी नहीं है वो वहां पे प्रॉपर्टी बाय नहीं कर सकता है अब यह दोनों जो है रिमूव कर दिए जाते हैं सो 5थ अगस्ट 2019 में करंट एनडीए गवर्नमेंट प्रेजेंटेड द जम्मू एंड कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन बिल इन राज्यसभा फॉर द अबोलिशन ऑफ आर्टिकल 370 एंड 35 ए फ्रॉम कश्मीर कब 5th अगस्त 2019 को यह जो है अ रेजोल्यूशन यह जो बिल है यह पास होता है आगे चलते हैं देखते हैं और डेवलपमेंट्स अब जम्मू एंड कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन बिल पास होता है अगस्त 2019 में एंड द बिल वाज पास्ड बाय अ मेजॉरिटी बिल पास हो जाता है इंट्रोड्यूस होने के बाद बिल पास हो जाता है सिक्सथ अगस्ट को बिल वाज पास्ड बाय द लोकसभा एज वेल राज्यसभा में इंट्रोड्यूस हुआ फिर वहां से पास होके लोकसभा में पास हुआ एंड 9 अगस्त 2019 को आफ्टर द प्रेसिडेंट्स एसेंट एसेंट यानी कि सिग्नेचर प्रेसिडेंट की हां के बाद आर्टिकल 370 एंड 35a वर रिपील्ड यानी कि रिव क्ड यानी कि रिमूव्ड राइट जम्मू कश्मीर गॉट डिवाइडेड इनटू टू यूनियन टेरिटरीज जो पहले एज अ होल एक स्टेट थी अब वो दो यूनियन टेरिटरीज में बट चुकी है लद्दाख एंड जम्मू एंड कश्मीर राइट सो दिस इज द यूनियन टेरिटरी ऑफ लद्दाख एंड दिस इज द यूनियन टेरिटरी ऑफ जम्मू एंड कश्मीर क्लियर है राइट परफेक्ट आगे चलते हैं ऑन आवर नेक्स्ट टॉपिक आल्सो बिफोर मूविंग फॉरवर्ड मैं आपको बताना चाहती हूं अगर आप इस चैप्टर को और इन डिटेल पढ़ना चाहते हैं और सीईटी में 100% आइल स्कोर करके अपने ड्रीम कॉलेज में जाना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट और एप पे आप लॉग इन करके हमारे पेड कोर्सेस देख सकते हैं जो कि बहुत ही ज्यादा अफोर्डेबल प्राइज्ड है राइट तो देखना जरूर ऑल द लिंक्स आर इन द डिस्क्रिप्शन बॉक्स बिलो नाउ लेट्स मूव ऑन टू आवर सेकंड सेंटर ऑफ टेंशन व्हिच इज पंजाब पंजाब के बारे में हम जानेंगे चलिए शुरू करते हैं तो सबसे पहले सोशल कंपोजीशन ऑफ स्टेट चेंज्ड पंजाब का जो सोशल कंपोजीशन है वो चेंज हुआ कब दो बार पहली बार जब पार्टीशन हुआ क्योंकि पार्ट मुस्लिम मेजोरिटी एरियाज में से होना था जिसमें से एक जो है पंजाब था राइट आधा पंजाब उस टाइम का अब पाकिस्तान में है राइट तो जो सोशल कंपोजीशन है यानी कि सोसाइटी है लोग है डिवाइड हो गए राइट सिमिलरली सेकंड टाइम ऐसा कब हुआ लेटर ऑन आफ्टर द कार्विंग आउट ऑफ हरियाणा एंड हिमाचल प्रदेश जब स्प्लिट हुआ राइट इन द स्टेट्स ऑन लिंग्विस्टिक बेसिस राइट तो 1966 में हरियाणा हिमाचल प्रदेश और पंजाब जो है अलग-अलग डिफरेंट स्टेट्स काव आउट हुई क्लियर है तो सोशल कंपोजीशन दो बार बदला फिर क्या हुआ 1950 में रेस्ट ऑफ द कंट्री रीऑर्गेनाइज्ड ऑन लिंग्विस्टिक लाइंस है ना बाकी जो कंट्रीज बाकी जो स्टेट्स हैं वो 1950 में ही रीऑर्गेनाइज हो गई थी लिंग्विस्टिक बेसिस पे लैंग्वेज के बेसिस पे है ना सबसे पहली स्टेट कौन सी थी जो रीऑर्गेनाइज हुई थी आंध्र प्रदेश राइट बट पंजाब को कब तक वेट करना पड़ा 1966 तक जैसे हमने यहां डिस्कस किया राइट आफ्टर मूवमेंट फॉर द फॉर्मेशन ऑफ अ पंजाबी सूबा राइट जब आवाज उठाई फॉर दी फॉर्मेशन ऑफ अ पंजाबी सूबा पंजाबी स्पीकिंग पीपल राइट ये किसने उठाई थी इट वाज लेड बाय अकाली दल व्हिच वाज फॉर्म्ड इन 1920 एज द पॉलिटिकल विंग ऑफ द सिक्स पॉलिटिकल विंग किसको जो रिप्रेजेंट कर रही है सिक्स को सिक्स की डिमांड्स को राइट सो 1920 में फॉर्म हुआ था अकाली दल एंड ये वही है जिन्होंने लीड किया था ये जो डिमांड था पंजाबी सूबा की क्रिएशन राइट फिर जो काब आउट हुई थी हरियाणा हिमाचल प्रदेश और पंजाब एज सेपरेट स्टेट्स इन ईयर 1966 क्लियर चलिए राइट एंड रिफॉर्मेशन के बाद सिक्स वर नाउ अ मेजॉरिटी इन द ट्रंकेटेड स्टेट ऑफ पंजाब ट्रंकेटेड यानी कि हाफ हिस्सा जो पंजाब का था उधर सिक्स अ की मेजॉरिटी थी और बाकी जो है हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में डिवाइड हो गया था था राइट डेकेट ऑफ 1980 जो 1980 से 1990 का 10 साल है 80 वाले मेजर डेवलपमेंट इन द स्टेट ऑफ पंजाब इस टाइम पे हुई क्या अभी हम देखते हैं चलिए तो शुरू करते हैं पॉलिटिकल कॉन्टेक्स्ट से कि पॉलिटिकली क्या-क्या हुआ इन द 1980 ऑर्गेनाइजेशन यानी कि आपका 1966 के बाद अकाली केम टू पावर इन 1967 एंड देन इन 1977 तो पावर किसके पास थी अकाली दल के पास अकाली पावर में आए पॉलिटिकल पावर उनके पास थी दोनों ही टाइम में कोलिशन गवर्नमेंट थी फुल मेजॉरिटी नहीं थी क्लियर चलिए फिर क्या होता है देयर पॉलिटिकल पोजीशन रिमें प्रिरिलीज ऑफ बाउंड्रीज प्रिकर अस का मतलब क्या है उनकी पोजीशन है वो सेफ नहीं है कभी भी गवर्नमेंट गिर सकती है और उनकी पावर छीनी जा सकती है राइट कैसे भाई क्या होता है गवर्नमेंट जो सेंट्रल गवर्नमेंट है वो डिस्मिस कर देती है स्टेट गवर्नमेंट को अकाली को मिडवे थ्रू इट्स टर्म बीच में ही राइट दे डिड नॉट एंजॉय स्ट्रंग सपोर्ट अमंग द हिंदूजा सपोर्ट सिर्फ सिक्स का था राइट सिख पीपल का था कांग्रेस गॉट मोर सपोर्ट अमंग द दलित्स वेदर हिंदू और सिख दन द अकाली राइट अब यहां पे भी कांग्रेस को ज्यादा सपोर्ट क्यों मिल रहा था क्योंकि लार्जर सोशल सेक्शंस को वो अपील कर रही थी दलित्स चाहे हिंदू हो या सिख हो वो कांग्रेस को सब वोट कर रहे थे अकाली से ज्यादा क्लियर है सो जो अकाली गवर्नमेंट थी 67 और 77 एक कोलिशन गवर्नमेंट थी और उसकी जो पोजीशन थी काफी अनस्टेबल थी और गवर्नमेंट ने सेंट्रल गवर्नमेंट ने स्टेट गवर्नमेंट को डिस्मिस भी कर दिया था राइट चलिए अब देखते हैं आगे क्या हुआ 1970 में अ सेक्शन ऑफ अकाली बिगन टू डिमांड पॉलिटिकल ऑटोनॉमी फॉर द रीजन कि हमें पावर चाहिए पॉलिटिकल ऑटोनॉमी चाहिए अपने रीजन के लिए राइट जहां पे हम अपने खुद के डिसीजंस ले सके देन 1973 वेरी इंपोर्टेंट वेरी वेरी वेरी इंपोर्टेंट द अनंतपुर साहिब रेजोल्यूशन वाज पास्ड सो अनंतपुर साहिब रेजोल्यूशन क्या था इसको इसीलिए पास किया गया क्योंकि ये दर्शाता था द डिमांड फॉर पॉलिटिकल ऑटोनॉमी ऑफ दी रीजन राइट कौन से रीजन जो अकाली चाहते हैं कि अलग से एक रीजनल ऑटोनॉमी मिले सारे सिक्स को तो ये आनंदपुर साहिब रेजोल्यूशन असर्टेड रीजनल ऑटोनॉमी कि हमें अपने रीजन के लिए कंट्रोल मिले पावर मिले हम अपने खुद के अफेयर्स को कंट्रोल करें राइट इट स्पोक ऑफ द एस्पिरेशंस ऑफ द सिख कॉम सिख कम्युनिटी क्या चाहती है उसके एस्पिरेशंस के बारे में बात करता था आनंदपुर साहिब रेजोल्यूशन राइट इट वांटेड टू रीडिफाइन सेंटर स्टेट रिलेशनशिप कि भाई स्टेट को भी जो है ज्यादा पावर मिले अपने रीजन को अ ऑटोनोमस बनाने के लिए और सेंटर का इवॉल्वमेंट थोड़ा कम हो राइट द गोल वाज अटेनिंग द बोल बला बोल बला क्या है डोमिनेंस और हेजम ऑफ द सिक्स कि सिक्स की ही यहां पे चले हे जमनी हो और पावर हो इस रीजन में सो आनंदपुर साहिब रेजोल्यूशन वाज ऑल अबाउट दीज फीचर्स आगे चलते हैं द रेजोल्यूशन वाज अ प्ली फॉर स्ट्रेंथ निंग फेडरेलिज्म फेडरेलिज्म क्या होता है भाई अ जो हमारा सेंटर और स्टेट का कोऑपरेशन है जो डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ पावर्स है दैट इज फेडरेलिज्म तो उसको और ज्यादा जो है स्ट्रेंथ किया जाए लेकिन इट कुड आल्सो बी इंटरप्रिटेड एज अ प्ली फॉर अ सेपरेट सिख नेशन सेपरेटिस्ट मूवमेंट की तरह भी हम इसको समझ सकते थे राइट ये रेजोल्यूशन जो था इसको केवल लिमिटेड अपील थी अमंग द सिख मासेज अ बहुत ज्यादा जो है पॉपुलर नहीं मिली सपोर्ट नहीं मिला इन 1980 अगेन द अकाली गवर्नमेंट वाज डिसमिस्ड फिर क्या होता है अकाली दल क्या लॉन्च करता है लॉन्च्ड अ मूवमेंट ऑन द द क्वेश्चन ऑफ द डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ वाटर बिटवीन पंजाब एंड इट्स नेबरिंग स्टेट्स तो वाटर डिस्प्यूट एक उसपे सवाल उठाता है कि भाई जो वाटर है वो कैसे डिस्ट्रीब्यूटर है हरियाणा पंजाब आपका हिमाचल प्रदेश इन सबके बीच में राइट अ सेक्शन ऑफ द रिलीजस लीडर्स रेज द क्वेश्चन ऑफ ऑटोनोमस सिख आइडेंटिटी कि हमारी कोई अलग से सिखों की क्या आइडेंटिटी है राइट एंड इसी मूवमेंट में काफी ज्यादा एक्सट्रीम सेम एलिमेंट्स आ जाते हैं जो कि सेपरेटिज्म या फिर सक्सेशन निस्ट मूवमेंट्स करने लगते हैं स्टार्टेड एडवोकेटिंग सक्सेशन फ्रॉम इंडिया सक्सेशन यानी कि सेपरेटिज्म कि इंडिया से अलग होके हमारा जो रीजन है अलग एक नेशन बन जाए एंड द क्रिएशन ऑफ द सो कॉल्ड खालिस्तान राइट खालिस्तान की क्रिएशन यानी कि एक इंडिपेंडेंट नेशन ऑफ पंजाब जो कि इंडिया से अलग हो सारी ऑटोनॉमी सारी पावर जैसी एक नेशन को मिलती है वैसे ही स्टेट को मिले क्लियर है आगे चलते हैं नाउ लेट्स मूव ऑन टू द साइकल ऑफ वायलेंस कि वायलेंट मूवमेंट्स कब शुरू हुई एंड वायलेंस कैसे प्रीवेल हुआ ओवर दिस रीजंस पॉलिटिकल अफेयर्स तो क्या होता है लीडरशिप ऑफ द मूवमेंट पास्ड फ्रॉम द मॉडरेट अकाली टू द एक्सट्रीम एलिमेंट्स सो मॉडरेट और एक्सट्रीमिस्ट में क्या फर्क है मॉडरेट अ मॉडरेट जो होते हैं वो मॉडरेट मीडियम तरीके से जो है अपना गोल पूरा करवाते हैं फॉर एग्जांपल पीसफुल जो है की चीजें रहती है पेटीशन साइन करवा लिया राइट एक पीसफुल अ प्रोटेस्ट करा लिया दीज आर मॉडरेट मेथड्स बट एक्सट्रीमिस्ट एलिमेंट्स क्या होते हैं जो वायलेंस के थ्रू ये सब कराते हैं टूक फॉर्म ऑफ आर्म्ड इंसर्जनल यानी कि आर्म्स यानी कि वायलेंट रिवोल्ट वायलेंट अपराइज का फॉर्म ले लिया क्योंकि अब जो लीडरशिप है ये अकाली दल की वो मॉडरेट से एक्सट्रीमिस्ट की तरफ शिफ्ट हो गई जो अपने गोल के लिए अपनी मांगों के लिए वायलेंस पे उतर आए ऐसे एक्सट्रीमिस्ट एलिमेंट्स मिलिटेंट्स मेड देयर हेड क्वार्टर्स इनसाइड द सिख होली श्राइन द गोल्डन टेंपल इन अमृतसर तो मिलिटेंट्स यानी कि यही जो एक्सट्रीमिस्ट पीपल हैं जो वायलेंस पे उतर आए हैं अपनी इन डिमांड्स को पूरा करवाने के लिए उनको मिलिटेंट्स बोला गया है मिलिटेंट्स क्यों बोला गया है बिकॉज़ दे हैड आर्म्स एंड दे वर यूजिंग इट फॉर इंसाइटिट्यूट अपना हेड क्वार्टर्स बना लेते हैं एंड दिस टर्न इनटू एन आर्म्ड फोर्ट्रेस क्या एक होली श्राइन को एक आर्म्ड फोर्ट्रेस में बदल दिया एक आर्म्ड फोर्ट में बदल दिया जहां पे जो है वायलेंस होगा राइट जून 1984 में वेरी इंपॉर्टेंट इन जून 1984 गवर्नमेंट ऑफ इंडिया कैरिड आउट दी ऑपरेशन ब्लू स्टार ये ऑपरेशन ब्लू स्टार क्या है बहुत इंपॉर्टेंट अब गवर्नमेंट ऑफ इंडिया क्या करेगी ऑब् वियस इन मि टेंट्स को भगाए गी राइट सो ऑपरेशन ब्लू स्टार क्या है एक कोड नेम है फॉर आर्मी एक्शन इन द गोल्डन टेंपल इंडियन आर्मी का जो एक्शन हुआ इन रिस्पांस टू दीज मिलिटेंट्स इनसाइड द गोल्डन टेंपल इसको ऑपरेशन ब्लू स्टार बोला जाता है दिस सक्सेसफुली फ्लशड आउट द मिलिटेंट्स इंडियन आर्मी ने मिलिटेंट्स को भगा दिया गोल्डन टेंपल से एंड बट इट आल्सो डैमेज द हिस्टोरिक टेंपल एंड डीप हर्ट द सेंटीमेंट्स ऑफ द सिख्स तो सिख लोगों की सेंटीमेंट्स हर्ट हो गए और बहुत ज्यादा जो तबाही है इधर हमारी होली श्राइन में हुई इसी वजह से काफी ज्यादा एक बैकल श भी मिला इंडियन आर्मी को फॉर दिस स्टेप क्लियर इंडियन आर्मी क्या है इंडियन गवर्नमेंट राइट सो दिस वाज सीन एज द मिलिट्री ऑपरेशन एज एन अटैक ऑन द सिख फेथ सिख की फेथ पे जो है अटैक किया गया है इसको ऐसा देखा गया एंड इससे क्या हुआ फर्द जो शय है मिलिटेंट और एक्सट्रीमिस्ट ग्रुप्स को मिल गई और और ज्यादा तबाही वायलेंस में से अपने जो गोल्स है उसको अचीव कराने के लिए आगे चलते हैं सो ऑन 31 अक्टूबर 1984 प्राइम मिनिस्टर इंदिरा गांधी वाज एसासिनेटेड आउटसाइड हर रेजिडेंस बाय हर बॉडीगार्ड हु वर सिक सो इन रिस्पांस टू प्रोबेबली दिस हर्ट व्हिच वाज फेस्ड बाय द सिक पीपल अ इसी वजह से जो सिक बॉडीगार्ड है इंदिरा गांधी के उन्होंने उनका एसिनेट कर दिया हु वांटेड टू टेक रिवेंज फॉर ऑपरे ब्लू स्टार वायलेंस ब्रोक आउट अगेंस्ट द सिख कम्युनिटी इन दिल्ली एंड इन मेनी पार्ट्स ऑफ नदन इंडिया काफी सारी मूवीज भी बनी है इस वायलेंट अपराइज को दिखाते हुए कि कैसे सिक्स को टारगेट किया गया था और बहुत ज्यादा जो है एक घूस बम्स आ रहे हैं मुझे बोलते हुए भी बहुत ज्यादा ही वायलेंस का माहौल पूरे नॉर्थ इंडिया में छा गया था राइट सो इसी के चलते इन रिस्पांस टू इंदिरा गांधी एसिनेट एक व ं अपराइज इंग हो गई नॉर्थ इंडिया में अगेंस्ट द सिख कम्युनिटी अगेंस्ट द सिख कॉम व्हिच कंटिन्यूड फॉर ऑलमोस्ट अ वीक राइट एक हफ्ते तक जो कि चली 2006 वर किल्ड इन द नेशनल कैपिटल यानी कि दिल्ली में देयर वर 200 सि डेथ्स हंड्रेड्स ऑफ सिक्स वर किल्ड इन अदर पार्ट्स ऑफ द कंट्री स्पेशली इन प्लेसेस लाइक कानपुर बोकारो एंड चास राइट सिख फैमिलीज लॉस्ट देयर मेल मेंबर्स एंड दस सफर्ड ग्रेट इमोशनल एंड हैवी फाइनेंशियल लॉस इमोशनल लॉस के साथ-साथ फाइनेंशियल लॉस तो कोई भी वर या कोई भी अपराइज इंग लाती ही लाती है राइट गवर्नमेंट टूक अ लॉन्ग टाइम इन रीस्टोरिंग नॉर्मल सी नॉर्मल सिचुएशन नॉर्मल हालातों को लाने में भी काफी टाइम लगा परपेट्रेटर्स ऑफ दिस वायलेंस वर नॉट इफेक्टिवली पनिश्ड और ज्यादा कोई खास पनिशमेंट हम दे नहीं पाए जिन्होंने भी इस सिचुएशन का फायदा उठा के वायलेंस फैलाया उनको लेकिन 20 साल बाद 2005 में जब मनमोहन सिंह सि प्राइम मिनिस्टर बने तो उन्होंने बहुत ज्यादा ग्रीफ और जो अ सैड है वो एक्सप्रेस करी फॉर दिस इंसिडेंट राइट आगे चलते हैं राइट हियर वी हैव दिस 2005 में 20 इयर्स लेटर स्पीकिंग इन द पार्लियामेंट प्राइम मिनिस्टर मनमोहन सिंह एक्सप्रेस्ड रिग्रेट ओवर दीज किलिंग्स एंड अपोलोजि टू द नेशन फॉर द एंटी सख वायलेंस राइट चलिए आगे चलते हैं अब चलते हैं रोड टू पीस पे कि कैसे पीस एस्टेब्लिश हुआ राइट व्हाट ऑल वाज डन फॉर फॉर द एस्टेब्लिशिंग ऑफ नॉर्मल रिलेशंस सो 1984 के इलेक्शंस होते हैं न्यू प्राइम मिनिस्टर राजीव गांधी बनते हैं ही इनिशिएटिव मॉडरेट अकाली लीडर्स जो कि वायलेंस में बिलीव नहीं करते राइट इसी को क्या बोला जाता है द राजीव गांधी लोंगो वल अकॉर्ड राइट सो कब होता है ये जुलाई 1985 वेरी इंपॉर्टेंट मार्क कर लीजिए राजीव गांधी लोंगो वॉल अकॉर्ड होता है जिसको क्या बोलते हैं पंजाब अकॉर्ड अकॉर्ड यानी कि एक एग्रीमेंट राइट ये किसके बीच में होता है राजीव गांधी के बीच में एंड हरचंद सिंह लोंगवाल के बीच में राइट हरचंद सिंह लोंगोवाल के बीच में और राजीव गांधी के बीच में पंजाब अकॉर्ड होता है जिसको क्या बोलते हैं राजीव गांधी लोंगवाल अकॉर्ड राइट इट वाज अ स्टेप टुवर्ड्स ब्रिंगिंग नॉर्म टू पंजाब की वापस से जो नॉर्मल सिचुएशन है वो एस्टेब्लिश हो पाए राइट वाई हरचंद सिंह लोंगोवाल बिकॉज ही वाज द देन प्रेसिडेंट ऑफ अकाली दल राइट अच्छा जी सो दिस वाज अ स्टेप टुवर्ड्स ब्रिंगिंग नॉर्मल सीन पंजाब की वापस से नॉर्मल सिचुएशन जो है वो हम ला पाए तो क्या क्या डिसाइड हुआ इस अकॉर्ड के अंदर सबसे पहली चीज कि चंदी गढ़ वुड बी ट्रांसफर्ड टू पंजाब नंबर टू अ ट्रिब्यूनल वुड बी सेट अप टू डिसाइड द शेयरिंग ऑफ़ रावी बयास रिवर वाटर अमंग पंजाब हरियाणा एंड राजस्थान राइट इन तीन स्टेट्स के बीच में जो वाटर डिस्प्यूट था उसको सॉल्व किया गया कि भई एक ट्रिब्यूनल सेटअप करेंगे जो कि डिसाइड करेगा कि वाटर अ डिस्ट्रीब्यूशन शेयरिंग कैसे होगा राइट नंबर थ्री अ सेपरेट कमीशन वुड बी अपॉइंटेड टू रिजॉल्व द बॉर्डर डिस्प्यूट बिटवीन पंजाब एंड हरियाणा तो जो बॉर्डर डिस्प्यूट है वह भी एक कमीशन सेट अप करेगा और वह सॉल्व आउट करे चलिए फिर क्या डिसाइड हुआ कंपनसेशन एंड बेटर ट्रीटमेंट ऑफ दोज अफेक्टेड बाय द मिलिटेंसी इन पंजाब उनको कंपनसेशन दी जाएगी यानी कि फाइनेंशियल अ रिटर्न में पैसे दिए जाएंगे अगेंस्ट देयर लॉस एंड बेटर ट्रीटमेंट जिनको भी ये सब वायलेंस फेस करना पड़ा ड्यू बाय द मिलिटेंसी इन पंजाब राइट जो कि ऑपरेशन ब्लू स्टार हुआ था एंड विड्रॉल ऑफ एप्लीकेशन ऑफ आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर्स एक्ट इन पंजाब कि आसपा लगा था वहां पे उसको हटा दिया जाएगा आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर्स एक्ट अच्छा जी ये क्या है आसपा क्या करता है कुछ डिस्टर्ब एरियाज में स्पेशल पावर्स देता है टू द आर्मी राइट फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ दैट स्टेट जिससे और ज्यादा जो है वहां पे वायलेंस और मिलिटेंसी की संभावना बन बढ़ जाती है राइट क्योंकि अगेन प्रोटेक्शन और रिटन होता है तो आप स्पा को भी हटाया जाएगा और नॉर्मल सी क्योंकि तभी आ पाएगी डिस्टर्ब एरिया से एक नॉर्मल स्टेट में बदलने के लिए राइट सो व्हाट वाज द राजीव गांधी लोंगो वॉल अकॉर्ड अगर आया तो हम बताएंगे किनके बीच में था कब हुआ और क्या उसके पॉइंट्स थे क्या उसके फीचर्स थे राइट व्हाट ऑल वाज डिसाइडेड आगे चलते हैं अब ओबवियस सी बात है जितना इजी बोलने में होता है कि पीस प्रीवेल होगा बहुत जल्द उतना जल्दी इंप्लीमेंट नहीं होता पीस डिड नॉट कम इजली और इमीडिएट बहुत आसानी से या फिर तभी के तभी पीस नहीं आ गया राइट साइकल ऑफ वायलेंस कंटिन्यूड फॉर नियर अ डिकेड यानी कि 10 सालों तक जो है वायलेंस हुआ फ्रेगमेंटेशन ऑफ दी अकाली दल यानी कि अकाली दल में भी स्प्लिट आया मिलिटेंसी एंड काउंटर इंसर्जनल लेड टू एक्सेसेस बाय द पुलिस एंड वायलेशंस ऑफ ह्यूमन राइट्स भाई मिलिटेंसी हो रही है वहां पे जो भी अ वायलेंस हो रहा है बाय द मिलिटेंट्स एंड काउंटर इंसर्जनल के लिए जो मिलिट्री एक्शन हो रहा है इस सबके बीच में भाई बहुत ज्यादा एक्सेसेस यानी कि फायदा उठाया गया करप्शन हुआ और ज्यादा वी कैन से हरासमेंट हुई सॉट्स हुई बाय द पुलिस एंड वायलेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स क्लियर है राइट आगे देखते हैं सेंट्रल गवर्नमेंट हैड टू इंपोज प्रेसिडेंट्स रूल इसी के कारण सेंट्रल गवर्नमेंट को प्रेसिडेंट्स रूल इंपोज करना पड़ा एंड नॉर्मल इलेक्टोरल एंड पॉलिटिकल प्रोसेस वाज सस्पेंडेड उसको सस्पेंड कर दिया गया राइट बिकॉज़ वायलेंस जो है वो कंटिन्यू हो रहा था सो 1992 में जब इलेक्शंस होते हैं पंजाब में केवल 24 पर इलेक्टर्स आते हैं वोट करने सो बहुत कम अ वोटर्स की संख्या होती है फॉर दी इलेक्टोरल वोट्स ऑफ़ 1992 फॉर द इलेक्शंस ऑफ़ 1992 इन पंजाब मिडल ऑफ 1990 पीस रिटर्न टू पंजाब सो 1990 के बीच में राउंड 1995 हम कह सकते हैं कि धीरे-धीरे पीस आने लगा 1997 में फर्स्ट नॉर्मल इलेक्शंस इन द स्टेट इन द पोस्ट मिलिटेंसी एरा फाइनली 1997 में जो इलेक्शंस होते हैं उस उसमें नॉर्मल जो इलेक्शंस पहले हुआ करते थे वैसा कुछ देखने को मिलता है एंड अलायंस ऑफ अकाली दल बादल एंड बीजेपी स्कोर्ड अ मेजर विक्ट्री सो किसका अलायंस आता है अकाली दल बादल वाला हमारी पार्टी आफ्टर द स्प्लिट एंड बीजेपी दोनों मिलके जो है गवर्नमेंट फॉर्म करते हैं इन पंजाब आफ्टर द 1997 नॉर्मल इलेक्शंस लेट्स टॉक अबाउट द पर्सनालिटी बॉक्सेस मास्टर तारा सिंह प्रॉमिनेंट सिख रिलीजस एंड पॉलिटिकल लीडर वन ऑफ द अर्ली लीडर्स ऑफ दी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एसजीपीसी के सबसे अर्ली लीडर्स में से एक मास्टर तारा सिंह थे लीडर ऑफ दी अकाली मूवमेंट सपोर्टर ऑफ दी फ्रीडम मूवमेंट बट अपोज्ड टू कांग्रेस पॉलिसी ऑफ नेगोशिएटिंग ओनली विद द मुस्लिम्स यानी कि वो इंडियन फ्रीडम स्ट्रगल को तो सपोर्ट करते थे लेकिन उसके बाद जब पार्टीशन हुआ तो कांग्रेस ने केवल जो मुस्लिम मेजॉरिटी स्टेट्स है उनके साथ नेगोशिएट किया ऑन द ऑटोनॉमी ऑन दी पावर्स और जो है हिंदू रीजंस जो थे उनके साथ नहीं किया तो ये उन्हें गलत लगा आफ्टर इंडिपेंडेंस ही वाज द सीनियर मोस्ट एडवोकेट ऑफ फॉर्मेशन ऑफ सेपरेट पंजाब स्टेट एडवोकेट यानी कि सपोर्टर सबसे सीनियर यही थे जो सपोर्ट करते थे कि अलग से जो है पंजाब स्टेट को अ सेपरेट कंट्री बनना चाहिए और ऑटोनॉमी चाहिए इंडिया से सेपरेट होना है अलग होना है राइट आगे चलते हैं नेक्स्ट पर्सनालिटी पे वी हैव संत हरिचंद सिंह लोंगोवाल सिख पॉलिटिकल एंड रिलीजस लीडर बिगन हिज पॉलिटिकल करियर इन मिड 60 एज एन अकाली लीडर 1960 के अराउंड उन्होंने अपना करियर शुरू किया एज एन अकाली लीडर राइट ही बिम द प्रेसिडेंट ऑफ अकाली दल इन 1980 जिसके बाद वो अकॉर्ड हुआ राइट ही रिच्ड एन एग्रीमेंट विद प्राइम मिनिस्टर राजीव गांधी ऑन की डिमांड्स ऑफ अकाली व्हिच वाज द पंजाब अकॉर्ड राइट एंड ही वाज एसिनेट बाय अन आइडेंटिफिकेशन हमारा जो पंजाब का टॉपिक है वो खत्म होता है नाउ लेट्स मूव ऑन टू द नॉर्थ ईस्टर्न स्टेट्स चलिए अब चलते हैं टू द फाइनल एरिया ऑफ टेंशन व्हिच इज द नॉर्थ ईस्ट इंडिया तो नॉर्थ ईस्ट रीजन के बारे में जानते हैं व्हाट वर दी रीजनल एस्पिरेशंस यहां के लोगों की क्या इच्छाएं थी चलिए तो सबसे पहले दिस इज आवर मैप ऑफ नॉर्थ ईस्ट इंडिया राइट यहां से वी हैव सिक्किम फिर आसाम अरुणाचल प्रदेश मेघालय त्रिपुरा मिजोरम मणिपुर एंड नागालैंड राइट बीच में है बांग्लादेश और इधर है भूटान एंड इधर वी हैव नेपाल सराउंडेड बाय थ्री एक्सटर्नल कंट्रीज राइट चलिए जानते हैं 1980 रीजनल एस्पिरेशंस रिच्ड अ टर्निंग पॉइंट इन नॉर्थ ईस्ट तो 1980 में एक टर्निंग पॉइंट पे आ गई रीजनल एस्पिरेशंस इन द नॉर्थ ईस्ट इंडिया देखते हैं कैसे दिस एरिया कंसिस्ट्स ऑफ सेवन स्टेट्स रेफरड टू एज सेवन सिस्टर्स राइट सेवन सिस्टर्स कौन सी स्टेट्स हैं फटाफट से कमेंट करके बता दो हैज ओनली 4 पर ऑफ द कंट्रीज पॉपुलेशन केवल 4 पर ऑफ इंडियाज पॉपुलेशन यहां पे रिसाइट करती है बट अबाउट ट्वाइंटों है यह क्या करता है कनेक्ट करता है अपने नॉर्थ ईस्ट को विद द रेस्ट ऑफ इंडिया राइट 20 2 2 किमी लॉन्ग कॉरिडोर शेयर्स बाउंड्रीज विद चाइना म्यानमार एंड बांग्लादेश वेरी इंपोर्टेंट बांग्लादेश से बाउंड्री शेयर हो रही है अ भूटान से बाउंड्री शेयर हो रही है बांग्लादेश से हो रही है और यहां पे चाइना से हो रही है यहां पे म्यानमार से हो रही है राइट एज यू कैन सी चाइना म्यानमार बांग्लादेश वी आल्सो हैव भूटान एंड इधर वी हैव नेपाल चलिए सर्वस एज इंडियाज गेटवे टू साउथ ईस्ट एशिया एशिया का जो साउथ ईस्ट हिस्सा है जो शुरू होता है म्यानमार से एंड अप टू 10 कंट्रीज वो जाता है राइट आसियान जो मेंबर कंट्रीज हैं वो वाला जो साउथ ईस्ट एशिया रीजन है एशिया का वो इधर से ही होके इंडिया कनेक्ट कर पाती है टुवर्ड्स दी साउथ ईस्टर्न कंट्रीज आगे चलते हैं अब जानते हैं अबाउट द पॉलिटिकल हिस्ट्री ऑफ नॉर्थ ईस्ट इंडिया त्रिपुरा मणिपुर एंड खासी हिल्स ऑफ मेघालय जो कि पहले प्रिंसली स्टेट्स थी व्हिच मर्जड विद इंडिया आफ्टर इंडिपेंडेंस जिन्होंने मर्जर किया और वो इंडियन यूनियन का हिस्सा बन गई कौन सी स्टेट्स त्रिपुरा मणिपुर एंड खासी हिल्स रीजन ऑफ मेघालय राइट चलिए 1963 में नागालैंड स्टेट वाज क्रिएटेडटेड बनाया गया 1972 में मणिपुर त्रिपुरा एंड मेघालय बिम सेपरेट स्टेट्स अलग-अलग जो अ रीऑर्गेनाइजेशन ऑफ स्टेट्स है नॉर्थ ईस्ट में हुआ एंड फाइनली इन 1987 मिजोरम एंड अरुणाचल प्रदेश बिम से स्टेट्स राइट तो ये थोड़े से इंपोर्टेंट इयर्स हैं वेरी इंपोर्टेंट फॉर योर क्रोनोलॉजी क्वेश्चंस इन सीईटी आगे चलते हैं ऐसा क्यों है कि ये जो एरिया है ये अंडर डेवलप्ड है एज कंपेयर्ड टू दी अदर स्टेट्स ऑफ इंडिया रीजंस फॉर दी बैक वर्डनेट ऑफ दिस रीजन कंपेयर टू अदर पार्ट्स ऑफ द कंट्री व्हाट आर द रीजंस सबसे पहली चीज पार्टीशन रिड्यूस्ड इट टू अ लैंड लॉक्ड रीजन एंड अफेक्टेड इट्स इकोनॉमी चारों तरफ से अ दूसरी कंट्री से घिरा हुआ है राइट सो देयर इज नो डायरेक्ट कांटेक्ट विद द अ सी तो लैंड लॉग रीजन है एंड इसी वजह से इकॉनमी जो है यहां पे कम एक्टिव है सफर्ड नेगलेक्ट इन डेवलपमेंटल टर्म्स उतनी ज्यादा इंपॉर्टेंस नहीं मिली डेवलपमेंट में जितनी और स्टेट्स को मिली जितनी नदन रीजन को मिली राइट थर्ड पॉलिटिक्स रिमंड इंसुलेटेड इंसुलेटेड अगेन अ सिर्फ इसी एरिया तक रही यहां की पॉलिटिक्स एंड नंबर फोर अंडरवेंट मेजर डेमोग्राफिक चेंजेज ड्यू टू इफ्लक्स ऑफ माइग्रेंट्स डेमोग्राफिक चेंजेज यानी कि पॉपुलेशन से रिलेटेड काफी चेंजेज यहां पे आए कैसे जैसे कि 1971 में जब बांग्लादेश की वॉर हुई राइट इंडिया और पाकिस्तान वॉर हुई फॉर द इंडिपेंडेंस ऑफ ईस्ट पाकिस्तान व्हिच इज नाउ नोन एज बांग्लादेश तो उस टाइम भी रिफ्यूजी प्रॉब्लम वहां के जो बंगाली पीपल थे वो बचने के लिए इंडिया में रिफ्यूज सीक किया माइग्रेट होके आ गए राइट तो इसीलिए यहां पे माइग्रेशन यहां पे माइग्रेंट्स का जो इफ्लक्स है जो इनकमिंग है वो भी एक डेमोग्राफिक प्रॉब्लम है आगे चलते हैं सो आइसोलेशन ऑफ द रीजन आइसोलेटेड है जैसे हमने बताया इंडिया से भी इतना सा कॉरिडोर जो है कनेक्ट करता है काइंड ऑफ एक अलग ही हिस्सा है जैसे कि पूरा ऑल ओवर इंडिया है वो एक ही एक्सपेंस ऑफ लैंड है यहां पे कॉरिडोर कनेक्ट करता है तो थोड़ा सा आइसोलेशन हो जाता है एंड कॉम्प्लेक्शन कैरेक्टर कॉम्प्लेक्शन है यहां पे सोसाइटी का राइट सोशल बैकग्राउंड्स का जो कि यहां के रेजिडेंस हैं दिस रिजल्टेड इन द कॉम्प्लिकेटेड सेट ऑफ डिमांड्स फ्रॉम डिफरेंट स्टेट्स ऑफ नॉर्थ ईस्ट इसी की वजह से जो इच्छाएं हैं जो रीजनल एस्पिरेशंस है यहां के लोगों की वो भी अलग है कॉम्प्लिकेटेड है डिफरेंट डिफरेंट है ड्यू टू देयर सोशल नेचर आगे चलते हैं वास इंटरनेशनल बॉड डर है जी हां जैसे हमने देखा इट इज सराउंडेड बाय नेबरिंग कंट्रीज वीक कम्युनिकेशन है बिटवीन द नॉर्थ ईस्ट एंड द रेस्ट ऑफ इंडिया ड्यू टू दिस आइसोलेशन राइट दिस हैज एडेड टू द डेलिकेट नेचर ऑफ पॉलिटिक्स देयर इसी की वजह से यहां पे पॉलिटिक्स का नेचर भी जो है डेलिकेट है काफी नाजुक है राइट थ्री इश्यूज डोमिनेटिंग द पॉलिटिक्स ऑफ नॉर्थ ईस्ट तीन ऐसी अ डिमांड्स ऐसे इश्यूज जो कि पॉलिटिक्स ऑफ नॉर्थ ईस्ट को डोमिनेट करते हैं सबसे पहला इशू क्या है डिमांड्स फॉर ऑटोनॉमी फॉर मोर पावर ऑफ हैविंग कंट्रोल इन दिस रीजन नंबर टू मूवमेंट्स फॉर सक्सेशन सक्सेशन यानी कि सेपरेट होने के लिए मूवमेंट्स अलग होने के लिए इंडिया से एंड नंबर थ्री अपोजिशन टू आउटसाइडर्स कौन से आउटसाइडर्स जो माइग्रेशन प्रॉब्लम हमने पढ़ी क्लियर है आगे चलते हैं अब जानते हैं जो पहला इशू है डिमांड्स फॉर ऑटोनॉमी ज्यादा पावर में लिए यहां के लोगों को टू एक्चुअली हैव कंट्रोल ओवर देयर रीजन जानते हैं इसमें क्या है सो एट इंडिपेंडेंस एनटायर रीजन एक्सेप्ट मणिपुर एंड त्रिपुरा कंप्रा इज द स्टेट ऑफ आसाम इंडिपेंडेंस के टाइम पे जो पूरा नॉर्थ ईस्ट रीजन है वो आसाम के अंदर आता था स्टेट ऑफ आसाम में आता था एक्सेप्ट फॉर त्रिपुरा एंड मणिपुर तो एक बार देख लेते हैं सो त्रिपुरा और मणिपुर इस को छोड़ के दिस एंटायस द स्टेट ऑफ आसाम क्लियर है प्री इंडिपेंडेंस ब्रिटिश एरा की बात कर रहे हैं सो नॉन असामीज फेल्ट दैट आसाम गवर्नमेंट वाज इंपोजिंग असमीज लैंग्वेज तो अगेन वहां पे क्या उन्हें फील हो रहा था जो नॉन आसामी पीपल थे हु डिड नॉट बिलोंग टू आसाम ओरिजनली राइट उनको लग रहा था कि हम पे भी असमीज भाषा थोपी जा रही है इंपोजिशन ऑफ असमीज लैंग्वेज हो रहा है एंड हमारा जो कल्चर है हमारी जो लैंग्वेज है उसको सप्रे किया जा रहा है उसको दबाया जा रहा है राइट इसी वजह से दे स्टूड फॉर द राइज ऑफ डिमांड्स ऑफ पॉलिटिकल ऑटोनॉमी कि हमें अलग से जो है अपने कल्चर और लैंग्वेज को प्रिजर्व करने के लिए अलग से एक स्टेट चाहिए ऑटोनॉमी चाहिए राइट आगे चलते हैं लीडर्स ऑफ द मेजर ट्राइबल कम्युनिटीज फॉर्म्ड द ईस्टर्न इंडिया ट्राइबल यूनियन तो क्या होता है जो मेजर ट्राइबल कम्युनिटीज के लीडर्स होते हैं वो मिलके क्या बनाते हैं एक ईस्टर्न इंडिया ट्राइबल यूनियन बनाते हैं ईस्टर्न इंडिया ट्राइबल यूनियन कब 1960 में राइट जो कि बाद में ट्रांसफॉर्म हो जाता है इनटू ऑल पार्टी हिल लीडर्स कॉन्फ्रेंस ऑल पार्टी हिल लीडर्स कॉन्फ्रेंस राइट जिनकी डिमांड क्या होती है दे डिमांडेड अ ट्राइबल स्टेट टू बी कावड आउट ऑफ आसाम कि अलग से भाई हमारी ट्राइबल कम्युनिटीज के लिए आप एक ट्राइबल स्टेट अलग से निकाल आउट ऑफ आसाम राइट चलिए आगे देखते हैं एट डिफरेंट पॉइंट्स ऑफ टाइम मेघालय मिजोरम एंड अरुणाचल प्रदेश कावड आउट ऑफ आसाम तो अलग-अलग टाइम पे जैसे हमने इयर्स इनिशियली पढ़े तो ये तीनों स्टेट्स जो है एक-एक करके काव आउट होती हैं एंड त्रिपुरा और मणिपुर को स्टेट्स में अपग्रेड कर दिया जाता है फ्रॉम यूनियन टेरिटरीज पहले यूनियन टेरिटरीज थी फिर उनको स्टेट्स में अपग्रेड कर दिया जाता है किसको त्रिपुरा एंड मणिपुर जो जो कि आसाम का पार्ट नहीं होते राइट चलिए आगे देखते हैं देयर फॉर रीऑर्गेनाइजेशन ऑफ द नॉर्थ ईस्ट वाज कंप्लीटेड बाय 1972 1972 तक जो नॉर्थ ईस्टर्न इंडिया है उधर की स्टेट रीऑर्गेनाइजेशन कंप्लीट हो जाती है आगे चलते हैं इन आसाम कम्युनिटीज लाइक द बदस कबीस एंड दि मसास वांटेड सेपरेट स्टेट्स अब भाई आसाम स्टेट में भी जो कम्युनिटीज है अलग-अलग वोदोज कबीज दिमासा इन सबको क्या चाहिए सेपरेट स्टेट की डिमांड है राइट अब उन्होंने इस डिमांड के लिए क्या-क्या किया कैसे काम किया मोबिलाइजिंग पब्लिक ओपिनियन भाई पब्लिक ओपिनियन एकत्रित किया लोगों को अवेयर किया कि ये हमारी डिमांड है और क्या आप हमें सपोर्ट कर रहे हैं या नहीं पॉपुलर मूवमेंट्स करी राइट प्रोटेस्ट्स करे इंसर्जनल जेंसी यानी कि रिवोल्ट राइट अपराइज करी फाइन बट इट वाज नॉट पॉसिबल टू गो ऑन मेकिंग स्मॉलर एंड यट स्मॉलर स्टेट्स कितनी स्मॉल स्मॉल स्टेट्स कितने टुकड़े करें हम उतना ज्यादा एडमिनिस्ट्रेशन में प्रॉब्लम आएगा अदर प्रोविजंस ऑफ अर फेडरल सेटअप वर यूज्ड सो फेडरेलिज्म के अंडर और क्या इनके लिए हमने अच्छा किया करबीस एंड दिमास हैव बीन ग्रांटेड ऑटोनॉमी अंडर डिस्ट्रिक्ट काउंसिल्स बोद दोज वर रिसेंटली ग्रांटेड ऑटोनोमस काउंसिल तो फर्द अ बाय देम रिमेनिंग एज अ पार्ट ऑफ द असाम स्टेट और थोड़ी सी ऑटोनॉमी दी गई आगे चलते हैं अब चलते हैं सेकंड इशू पे व्हिच इज सक्सेशन निस्ट मूवमेंट यानी कि सेपरेटिस्ट मूवमेंट्स आसाम नॉर्थ ईस्ट रीजंस को अपनी स्टेट को इंडिया से अलग करने की डिमांड करना राइट चलिए सो सक्सेशन मूवमेंट्स यानी कि सेपरेटिस्ट मूवमेंट्स वर हार्डर टू रिस्पॉन्ड टू एज कंपेयर्ड टू डिमांड्स फॉर ऑटोनॉमी भाई ऑटोनॉमी कुछ हद तक की अलाउंस तो देना बनता है और आसान है लेकिन पूरा इंडिया से हटा देना यह थोड़ा मुश्किल है ओबवियसली कंट्रीज लीडरशिप फेस दिस प्रॉब्लम इन टू स्टेट्स इन नॉर्थ ईस्ट कौन सी दो स्टेट्स में सकसेशनिस मूवमेंट हुई राइट देखते हैं सबसे पहले द मीजो हिल्स एरिया मीजो हिल्स एरिया एन ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट विद इन आसाम आफ्टर इंडिपेंडेंस जो कि आसाम का एक डिस्ट्रिक्ट है मीजो हिल्स एरिया राइट वो क्या मा मानते थे दे बिलीव्ड दैट दे वर नेवर अ पार्ट ऑफ ब्रिटिश इंडिया एंड देयर फोर डिड नॉट बिलोंग टू द इंडियन यूनियन भाई हम ब्रिटिश इंडिया का पार्ट ही नहीं था और इसलिए हम इंडिया का हिस्सा नहीं है अकॉर्डिंग टू द मेजो हिल्स एरिया राइट आगे देखते हैं फिर क्या हुआ 1959 में आसाम गवर्नमेंट फेल्ड टू रिस्पॉन्ड एडिक्ट टू द ग्रेट फेमाइनस हिल्स जो मीजो हिल्स एरिया में फेमाइनस पे जो आसाम गवर्नमेंट है उस उसने अच्छे से रिस्पांस नहीं किया अच्छे से सेफगार्डिंग अच्छे से हेल्प नहीं करी राइट और फेमाइनस लैक ऑफ फूड राइट फूड की कमी आगे चलते हैं इसकी वजह से द लैक ऑफ रिस्पांस और द पुअर रिस्पांस ऑफ आसाम गवर्नमेंट टुवर्ड्स द फेमाइनस हिल्स एरिया इस वजह से ये जो मूवमेंट है सेपरेटिज्म की ये और ज्यादा पॉपुलर र हो गई और लोग और ज्यादा डिमांड करने लगे राइट क्लियर है फिर क्या होता है मीजो नेशनल फ्रंट एम एनएफ मीजो नेशनल फ्रंट अ वाज फॉर्म्ड अंडर द लीडरशिप ऑफ लाल डेंगा एमएनएफ बनाया जाता है अंडर द लीडरशिप ऑफ लाल डेंगा आगे चलते हैं पहले 1959 की बात करी अब आते हैं 1966 द एमएनएफ स्टार्टेड एन आर्म्ड कैंपेन फॉर इंडिपेंडेंस आर्म्ड कैंपेन यानी कि जिसमें वायलेंस हो राइट आर्म्ड अपराइज इंग हो वायलेंट मेथड्स यूज किए जाए राइट स्टार्टेड अ टू डिकेड लॉन्ग बैटल बिटवीन मीजो इंसर्जनल द इंडियन आर्मी राइट तो फिर शुरू होती है 20 साल लंबी ये बैटल बिटवीन द मीजो इंसर्जनल हु आर डिमांडिंग इंडिपेंडेंस राइट मीजो इंसर्जनल कैंपस कर रहे हैं एंड द इंडियन आर्मी अच्छा जी देखते हैं एमएनएफ एमएनएफ फिर क्या करता है फॉट अ गोरिला वॉर सो गोरिला वॉर फेर क्या है कि अ आपस में वहां के जो लोग है एक स्मॉल ग्रुप क्रिएट करते हैं राइट और जो प्रोफेशनल आर्मी है जो प्रोफेशनल मिलिट्री है उसको भगाने के लिए अलग-अलग टैक्टिक्स अपनाते हैं अलग-अलग तरीके अपनाते हैं जैसे हिट एंड रन रेड और ऐसी ऐसी स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल करना जो कि एक अन ऑर्गेनाइज्ड ग्रुप ऑफ पीपल जो कि इसमें प्रोफेशनल नहीं है वॉर में राइट दैट इज नोन एज गोरिला वर फेर तंग कर देना दूसरों को बैक ऑफ करने के लिए राइट एकदम आमने सामने वॉर नहीं करना क्योंकि भाई जो प्रोफेशनल मिलिट्री आर्मी है उसके पास तो अ टे टेक्नोलॉजी है वेपंस है राइट लेकिन आम लोगों के पास नहीं है तो ऐसे पीछे से सबोटाज कर देना ऐसी टैक्टिक्स अपनाना दैट इज गोरिला वॉर फेयर सेकंड चीज एमएनएफ क्या करती है गॉट सपोर्ट फ्रॉम पाकिस्तानी गवर्नमेंट राइट अब पाकिस्तानी गवर्नमेंट सपोर्ट करती है ताकि अगेन ये जो हिस्सा है इंडिया से इंडिपेंडेंट हो जाए एंड नंबर थ्री सिक्योर्ड शेल्टर इन द ईस्ट पाकिस्तान ईस्ट पाकिस्तान इज टुडेज बांग्लादेश राइट फाइन आगे देखते हैं इंडियन सिक्योरिटी फोर्सेस काउंटर्ड इट विद अ सीरीज ऑफ रिप्रेसिव मेजर्स अब इंडिया कैसे रीटेलिएट करेगा इन एक्शंस को लेके राइट भाई एक तो आप गुरिल्ला वॉर फेयर कर रहे हैं दूसरा पाकिस्तान आपको सपोर्ट करर और तीसरी चीज आप पाकिस्तान में जाके शेल्टर ले रहे हैं तो एक काइंड ऑफ क्या है एक सिविल वॉर है टेररिज्म है राइट इवन एयरफोर्स वाज यूज्ड तो काफी रिप्रेसिव मेजर लेते हैं अटैक करते हैं इंडियन अ मिलिट्री फोर्सेस इंक्लूडिंग द एयरफोर्स एंड कॉमन पीपल वर द विक्टिम्स ऑब् वियस अब ऐसी सिचुएशन में यू वन कैन नॉट आइडेंटिफिकेशन कॉज मोर एंगर इसी वजह से नॉर्थ ईस्ट में और एंगर और एलियने उन्होंने फील किया अमंग द पीपल कि अपने ही देश के लोगों को आप अटैक कर रहे हैं राइट एंगर यानी कि गुस्सा और एलियने यानी कि आइसोलेटेड फील करना अलग फील करना राइट ठीक है एट द एंड ऑफ द टू डिकेड्स ऑफ इंसर्जनल जर भाई कोई नहीं जीता दिस इज वेयर मैच्योरिटी ऑफ द पॉलिटिकल लीडरशिप एट बोथ एंड्स मेड अ डिफरेंस राइट एट द एंड 20 सालों से ये जो सेपरेटिस्ट मूवमेंट है सेपरेटिज्म की भावना है राइट इवन आफ्टर गोइंग थ्रू अ वॉर किसी का अंत तो भला नहीं होता वॉर से दैट इज व्हाट इज एक्सप्लेन आगे चलते हैं लाल डेंगा केम बैक फ्रॉम एजाइल इन पाकिस्तान एंड स्टार्टेड नेगोशिएशंस बाई ईस्ट पाकिस्तान में जब उन्होंने शेल्टर सीक किया उसके बाद वापस आते हैं इंडिया में और नेगो सशन यानी कि डिस्कशन शुरू करते हैं विद द इंडियन गवर्नमेंट ताकि एक पीसफुल जो है हम अ पीसफुल डिसीजन पे आ सके देन इन 1986 अ पीस एग्रीमेंट वाज साइंड बिटवीन राजीव गांधी एंड लाल डेंगा द लीडर ऑफ द मीजो नेशनल फ्रंट कब बहुत इंपोर्टेंट है 1986 में पीस एग्रीमेंट साइन होता है बिटवीन राजीव गांधी एंड लाल डेंगा राइट आगे चलते हैं मिजो राम वाज ग्रांटेड फुल फ्लेज्ड स्टेटहुड विद स्पेशल पावर्स राइट इसके बाद क्या होता है मीजो राम को स्टेटहुड मिल जाता है विद स्पेशल पावर्स राइट जो कि पहले क्या था मीजो हिल एरिया था अ पार्ट ऑफ आसाम उसको अब जो है एक स्टेटहुड मिल जाती है एंड फाइनली मिजोरम को पॉलिटिकल ऑटोनॉमी मिलती है सेकंड चीज क्या होती है लाल डेंगा टूक ओवर एज द चीफ मिनिस्टर ऑफ मिजोरम एंड थर्डली एमएनएफ अग्री टू टू गिव अप सेक्सेस्ट स्ट्रगल यानी कि सेपरेटिज्म का जो स्ट्रगल था जो ये लड़ाई थी वो गिव अप कर देते हैं आफ्टर द सक्सेसफुल एस्टेब्लिशमेंट और इंट्रोडक्शन ऑफ मिजोरम एज अ स्टेट राइट दिस प्रूव्ड अ टर्निंग पॉइंट इन द हिस्ट्री ऑफ मिजोरम टुडे मिजोरम इज वन ऑफ द मोस्ट पीसफुल प्लेसेस इन द रीजन एंड हैज टेकन बिग स्ट्राइड्स इन लिटरेसी एंड डेवलपमेंट लिटरेसी अचीव करने में और डेवलपमेंट में भी जो है काफी तरक्की कर रही है मिजोरम स्टेट आगे चलते हैं अब जो दूसरी स्टेट है जहां पे सक्सेशन यानी कि सेपरेटिस्ट मूवमेंट हुई दैट इज द स्टोरी ऑफ नागालैंड स्टार्टेड मच अर्लिंग हैज नॉट यट हैड सच अ हैप्पी एंडिंग बहुत पहले शुरू हुई एंड काइंड ऑफ अभी तक जो है अनसैटिंग पे है डिसेटिस्फेक्शन वहां पे है राइट ईयर था 1951 अ सेक्शन ऑफ द नागाज डिक्लेयर्ड इंडिपेंडेंस फ्रॉम इंडिया नागाज इज अ ट्राइड राइट तो अ एक हिस्सा नागा पॉपुलेशन का क्या करता है इंडिया से अलग होने का डिक्लेयर कर देता है इन 1951 राइट लेड बाय अंगम जफू फिजो वे राइट अंगम जफू फिजो वे इज द लीडर ऑफ दिस सेक्शन हु डिक्लेयर्स इंडिपेंडेंस फ्रॉम इंडिया ही टर्न डाउन मेनी ऑफर्स ऑफ नेगोशिएट सेटलमेंट जब इंडिया क्या ट्राई कर रही थी कि जो सारी प्रिंसली स्टेट्स हैं राइट वो इंडिया का हिस्सा बन जाए इंडियन यूनियन में मर्ज हो जाए राइट फिर क्या होता है नागा नेशनल काउंसिल लॉन्च्ड एन आर्म स्ट्रगल फॉर सोवन ऑफ नागा तो नागा नेशनल काउंसिल क्या करता है अगेन एक वायलेंट अपराइज इंग एक आर्म स्ट्रगल लॉन्च करता है ताकि जो नागा लोग हैं उनको सोवन मिले व्हाट इज सोवन सेल्फ गवर्नेंस की पावर कि कोई भी तीसरा तिगा आके हम पे रूल ना करें हम अपना जो गवर्नेंस है वो खुद करें राइट आफ्टर अ पीरियड ऑफ वायलेंट इंसर्जनल अ सीरीज ऑफ वायलेंट एंड वायलेंट अटैक्स अ सेक्शन ऑफ द नागाज फाइनली साइंस एन एग्रीमेंट विद द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक एग्रीमेंट साइन करते हैं इंडियन गवर्नमेंट के साथ राइट जो कि अदर रिबेल्स जो कि और इस सेक्शन में प्रोटेस्ट कर रहे थे उनको एक्सेप्टेबल नहीं होता राइट द प्रॉब्लम इन नागालैंड स्टिल अवेट्स अ फाइनल रेजोल्यूशन यहां पे अगेन दिस इशू हैज नॉट बींग कंपलीटली क्लोज्ड टॉकिंग अबाउट द लीडर्स दो जो हमारे लीडर्स हैं जिनके बारे में हमने बात कर सबसे पहले लाल डेंगा राइट द फाउंडर एंड लीडर ऑफ एमएनएफ मीजो नेशनल फ्रंट टर्न इनटू अ रेबल आफ्टर द एक्सपीरियंस ऑफ फेमाइनस एन आर्म स्ट्रगल अगेंस्ट इंडिया फॉर टू डेकेट 20 साल रीच अ सेटलमेंट एंड साइंड एग्रीमेंट विद प्राइम मिनिस्टर राजीव गांधी इन 1986 एंड बिम द चीफ मिनिस्टर ऑफ द न्यूली क्रिएटेडटेड जराम राइट ये जो एग्रीमेंट है ये 86 में होता है और अ स्टेट क्रिएट होती है 1987 में राइट आगे चलते हैं टॉकिंग अबाउट अंगम जापू फिजो लीडर ऑफ द मूवमेंट फॉर इंडिपेंडेंस इन नागालैंड प्रेसिडेंट ऑफ नागा नेशनल काउंसिल बिगन एन आर्म्ड स्ट्रगल अगेंस्ट दी इंडियन स्टेट वेंट अंडरग्राउंड छुप के स्टेड इन पाकिस्तान एंड स्पेंट द लास्ट थ्री डिकेड्स ऑफ हिज लाइफ इन एजाइल इन यूके अगेन ही लेफ्ट इंडिया फर्स्टली अ टूक एजाइल इन पाकिस्तान एंड फिर अपने लास्ट तीन डिकेड 30 साल यूके में ये रहे आगे चलते हैं फाइनली कमिंग ऑन टू द थर्ड इशू व्हिच इज मूवमेंट्स अगेंस्ट आउटसाइडर्स जो बाहर से माइग्रेट करके रिफ्यूजीस आए हैं और इंडिया के नॉर्थ ईस्टर्न पार्ट में सेटल हुए हैं उनके अगेंस्ट मूवमेंट्स जो कर रहे हैं वहां के लोकल पीपल चलिए देखते हैं सो लार्ज स्केल माइग्रेशन इन टू नॉर्थ ईस्ट पिटेड द लोकल कम्युनिटीज अगेंस्ट पीपल हु वर सीन एज आउटसाइडर्स और माइग्रेंट्स राइट तो अब वहां के जो लोकल कम्युनिटीज हैं जो सालों से सदियों से यहीं रहती आई है उनके एरिया में जो है आउटसाइडर्स माइग्रेंट्स आके सेटल हो रहे हैं और वो भी भारी तादाद में तो जो लोकल पॉपुलेशन है वो कम होती जा रही है राइट सो दिस वाज सीन एज एन दिस वाज सीन एज एंक्रोचर्स ऑन स्कार्स रिसोर्सेस लाइक लैंड एक तो वैसे ही क्योंकि लैंड रिसोर्सेस कम है स्कार्स यानी कि लेस रिसोर्सेस कमी है जहां पे रिसोर्सेस की उस पे भी जो है भाई अब डिस्ट्रीब्यूशन और ज्यादा लोगों में बट रहा है पोटेंशियल कंपट र्स टू एंप्लॉयमेंट अपॉर्चुनिटी एंड पॉलिटिकल पावर और किस चीज में कंपटीशन बढ़ रहा है भाई एंप्लॉयमेंट अपॉर्चुनिटी कम हो रही है फॉर द लोकल पीपल एज वेल एज पॉलिटिकल पावर राइट रिप्रेजेंटेशन इन द पॉलिटिकल सिस्टम बेस्ट एग्जांपल ऑफ मूवमेंट्स अगेंस्ट आउटसाइडर्स इज द आसाम मूवमेंट कब से कब तक हुई 1979 से 1985 तक वेरी वेरी वेरी इंपोर्टेंट फॉर योर एमसी क्यूज राइट अब आसाम मूवमेंट अ सस्पेक्टेड दैट देयर वर ह्यूज नंबर्स ऑफ इलीगल बंगाली मुस्लिम सेटलर्स फ्रॉम बांग्लादेश जैसे मैंने बताया कि 1971 में जब इंडो पार्क वॉर होती है ओवर द बांग्लादेश इशू जब बांग्लादेश अ इंडिपेंडेंट होती है तो इसके दौरान जब पाकिस्तानी आर्मी यहां के बंगाली मुस्लिम्स को सप्रे करने के लिए इनके वायलेंस का इस्तेमाल करते हैं तो ये बचने के लिए इंडिया में माइग्रेट हो जाते हैं है स्पेशली इन द नॉर्थ ईस्ट रीजन दैट इज व्हाई ये इलीगल बंगाली मुस्लिम सेटलर्स जो यहां आके बस गए फ्रॉम बांग्लादेश इनके अगेंस्ट द आसाम मूवमेंट में आवाज उठाई गई असमीज फेल्ट दैट दे वुड रिड्यूस द इंडिजन असमीज इनटू अ माइनॉरिटी भाई जो इंडिजन असामीज हैं जो यहां के ट्रेडिशनल लोकल पीपल हैं जो सदियों से यहां रहते आए हैं वो अल्टीमेटली यहां पे माइनॉरिटी बन जाएंगे और सप्रे हो जाएंगे और क्या है भाई जो नेचुरल रिसोर्सेस है वो भी जो है ड्रेन आउट हो रहे हैं विदाउट एनी यूज टू द लोकल पीपल राइट जो यहां के इंडिजन अस लोग हैं उनको फायदा नहीं हो रहा है बल्कि आउटसाइडर्स को फायदा हो रहा है एंड वाइड स्प्रेड पॉवर्टी और अनइंप्लॉयमेंट इन आसाम और ज्यादा बढ़ रही है राइट तो उन्होंने बोला जब तक ये जो आउटसाइडर्स हैं इनको आइडेंटिफिकेशन है वो माइनो में बदल जाएगी फिर 1979 में ऑल आसाम स्टूडेंट्स यूनियन आसू लेड एन एंटी फॉर्नर मूवमेंट राइट तो जो हमने आसाम मूवमेंट पढ़ी उसकी शुरुआत होती है 1979 में जब आसू ऑल आसाम स्टूडेंट्स यूनियन एक एंटी फॉरेन मूवमेंट अ चलाता है शुरू करता है राइट आसू क्या है अ स्टूडेंट्स ग्रुप नॉट एफिलिएट टू एनी पार्टी किसी पॉलिटिकल पार्टी से रिलेटेड नहीं है शुरुआत में राइट इ एंटी फॉरेनर मूवमेंट क्या थी इट वाज अगेंस्ट इल्लीगल माइग्रेशंस अगेंस्ट डोमिनेशन ऑफ बंगाली एंड अदर आउटसाइडर्स अगेंस्ट फॉल्टी वोटर्स रजिस्टर्ड दैट इंक्लूडेड द नेम्स ऑफ लैक्स ऑफ इमीग्रेंट राइट तो पॉलिटिकल वोट भी है जो आउटसाइडर्स को मिल रहा है यहां पे राइट दे डिमांडेड दैट ऑल आउटसाइडर्स हु हैड एंटर्ड इन द स्टेट आफ्टर 1951 शुड बी सेंट बैक जो भी भाई 1951 के बाद आउटसाइडर्स आए हैं हमारी स्टेट में उनको वापस भेज दिया जाए आगे देखिए सो इस एजटेक सारे नोवल मेथड्स यूज किए जाते हैं नोवल यानी कि न्यू तरीके के मेथड्स टू मोबिलाइज ऑल सेक्शंस ऑफ असमीज पीपल मोबिलाइज यानी कि उनको अवेयर करना और उनको अपने साथ एकजुट करना उनको उनका सपोर्ट लेना एंड उनको इस रिवोल्ट का हिस्सा बनाना राइट इट आल्सो इवॉल्व मेनी ट्रैजिक एंड वायलेंट इंसीडेंट्स लीडिंग टू लॉस ऑफ प्रॉपर्टी एंड ह्यूमन लाइव्स लॉस ऑफ प्रॉपर्टी भी हुआ है और ह्यूमन लाइव्स भी जो है इस अराइजिंग में गई है ट्राइड टू ब्लॉकेड द मूवमेंट्स ऑफ ट्रेंस एंड द सप्लाई ऑफ ऑइल फ्रॉम आसाम टू रिफाइनरी इन बिहार राइट लाइक दिस इज एन एग्जांपल कि भाई ट्रेंस की मूवमेंट्स को ब्लॉक कर देना सप्लाई जो कि ऑयल और टी फेमस है आसाम की वो सप्लाई हो रही है टू अदर पार्ट्स ऑफ इंडिया उसको ब्लॉक कर देना राइट क्लियर है सो राजीव गांधी लेट गवर्नमेंट एंटर्ड इनटू नेगोशिएशंस विद आसू डर्स अगेन जो इंडियन गवर्नमेंट है अंडर राजीव गांधी एज द प्राइम मिनिस्टर वो जो है और नेगोशिएट करने की कोशिश करती है टू कम टू अ डिसीजन फिर आता है द आसाम अकॉर्ड पंजाब अकॉर्ड पढ़ा था आसाम अकॉर्ड फॉरेनर्स हु माइग्रेटेड इन टू आसाम ड्यूरिंग एंड आफ्टर बांग्लादेश वॉर एंड सिंस वर टू बी आइडेंटिफिकेशन [संगीत] भेजने में कि भाई जो भी फॉरेनर्स बांग्लादेश वॉर के दौरान और उसके बाद आए हैं उनको हम आइडेंटिफिकेशन रीजनल पॉलिटिकल पार्टी बना लेती है नोन एज असोम गाना परिषद एजीपी राइट सो एजीपी वाज अ पॉलिटिकल पार्टी मेड ऑफ आसू एंड एजी एसपी असोम गाना संग्राम परिषद क्लियर है व्हिच केम इनटू पावर इन द ईयर 1985 इन आसाम राइट 1985 में पावर में आती है एंड प्रॉमिस टू रिजॉल्व द फॉरेन नेशनल प्रॉब्लम एंड बिल्ड अ गोल्डन आसाम ये जो प्रॉब्लम है इसको सॉल्व करेंगे और एक गोल्डन आसाम बनाएंगे हाउ एवर द आसाम अकॉर्ड डिड नॉट सॉल्व द प्रॉब्लम ऑफ इमीग्रेशन कैसे बिकॉज इट कंटिन्यूज टू बी अ लाइव इशू इन द पॉलिटिक्स ऑफ आसाम बहुत ज्यादा मुश्किल है आइडेंटिफिकेशन की माइग्रेंट्स की जो आके सेटल हो रहे हैं ये फेस हो रही है त्रिपुरा में एज द ओरिजिनल इनहैबिटेंट्स बीन रिड्यूस्ड टू अ माइनॉरिटी एंड आउटसाइडर ज्यादा आ गए हैं और सिमिलरली जो लोकल पॉपुलेशन है मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश की वो चकमा रिफ्यूजीस से अगेन माइनॉरिटी में सप्रे हो रही है एंड यह रिफ्यूजीस इनको ओवरटेक कर रहे हैं इनटू अ मेजॉरिटी राइट आगे चलते हैं इसी के साथ हमारा पर्सनालिटी बॉक्स अबाउट राजीव गांधी प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया बिटवीन 1984 एंड 89 सन ऑफ इंदिरा गांधी जॉइड एक्टिव पॉलिटिक्स आफ्टर 1980 रीच एग्रीमेंट्स विद मिलिटेंट्स इन पंजाब मिजोरम एंड स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ आसाम राइट जो कि हमने पढ़ा राइट तीनों चीज पढ़ी प्रेस्ड फॉर अ मोर ओपन इकॉनमी एंड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी दिस इज वेरी इंपोर्टेंट एक एक्चुअल में अ जो है पाथ ब्रेकिंग चेंज था अंडर राजीव गांधी प्राइम मिनिस्टरशिप लिबरलाइजेशन एंड आपका कंप्यूटर टेक्नोलॉजी सेंट इंडियन आर्मी कंट जेंट ऑन द रिक्वेस्ट ऑफ श्रीलंकन गवर्नमेंट टू सॉर्ट आउट द सिहाला तमिल कॉन्फ्लेट आल्सो हेल्प इन द श्रीलंकन कॉन्फ्लेट जहां पे तमिल्स और अ सिन्हा कम्युनिटीज एंगेज थी इन द एथनिक वॉर राइट जो कि आप बुक वन में पढ़ेंगे एसिनेट बाय सस्पेक्टेड एलटीटीई सुसाइड बॉम्बर अगेन बुक वन में हम इसे पढ़ेंगे अ अंडर दी कंटेंपररी साउथ एशिया चैप्टर आगे चलते हैं अब जानते हैं अबाउट सिक्किम मर्जर जो कि हमारा बॉक्स है राइट चलिए एट द टाइम ऑफ इंडिपेंडेंस इंडिपेंडेंस के समय सिक्किम वाज अ प्रोटेक्टरेट ऑफ इंडिया प्रोटेक्टरेट यानी कि नॉट अ फुल्ली सोवन कंट्री जो डिफेंस और फॉरेन रिलेशंस है वो इंडिया के अंदर आते थे यानी कि इंडिया टेक केयर करता था डिफेंस और फॉरेन रिलेशंस राइट सो दैट इज व्हाई सिक्किम वाज अ प्रोटेक्टरेट ऑफ इंडिया अब पावर ऑफ इंटरनल एडमिनिस्ट्रेशन जो थी इट वाज विद द को गयाल सिक्किम मोनार्क सिक्किम के मोनार्क के पास इंटरनल एडमिनिस्ट्रेशन राइट जो गवर्नेंस है स्टेट की उसकी जो है पावर थी ही वाज अनेबल टू डील विद द डेमोक्रेटिक एस्पिरेशंस ऑफ द पीपल अब जहां पे मोनार्की है जहां पे डिक्टेटरशिप है अनार्की है राइट लोग जो है आवाज उठाएंगे एक रेवोल्यूशन जरूर होगा देर सवेर होगा जरूर राइट तो सिमिलरली डेमोक्रेटिक एस्पिरेशंस है जो वहां के लोगों की इच्छाएं हैं वो अ उभर के आती है एंड ही वाज अनेबल टू मैनेज सो मेजॉरिटी ऑफ सिक्किम पॉपुलेशन इज नेपाली सिक्किम की मेजर जो पॉपुलेशन है दे आर नेपाली चोग्याल वाज सीन एज परपे चुएट द रूल ऑफ अ स्मल एलीट फ्रॉम द माइनॉरिटी लेपचा भूटिया कम्युनिटी एंड चोग्याल बिलोंग टू अ माइनॉरिटी कम्युनिटी नोन एज लेपचा भूटिया कम्युनिटी एंड वो चाहते थे कि इन्हीं का जो है रूल चले ऑन दिस स्टेट राइट चाहे भले ही ये माइनॉरिटी कम्युनिटी क्यों ना हो क्यों ना हो हाउ एवर जो मेजोरिटी पॉपुलेशन दैट इज नेपाली इसीलिए एंटी चोग लीडर्स ऑफ बोथ द कम्युनिटीज सोट एंड गट सपोर्ट फ्रॉम द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया राइट जो एंटी चोग लीडर्स हैं जो चाहते हैं कि चोग्याल हट जाए वो साथ में आते हैं नेपाली और लेपचा भुटिया कम्युनिटी से दोनों मिलके इंडियन गवर्नमेंट को रीच आउट करते हैं और हेल्प मांगते हैं चलिए फिर 197 फ में फर्स्ट डेमोक्रेटिक इलेक्शंस होते हैं सिक्किम लेजिसलेटिव असेंबली के जिसमें सिक्किम कांग्रेस जीत जाती है एंड इट स्टूड फॉर ग्रेटर इंटीग्रेशन विद इंडिया कि सिक्किम को भी इंडिया एस अ होल में और ज्यादा इंटीग्रेट करेंगे असेंबली फर्स्ट सॉट द स्टेटस ऑफ एसोसिएट स्टेट एसोसिएट स्टेट का स्टेटस लाते हैं व्हाट इज इन एसोसिएट स्टेट राइट व्हिच इज कि जो डोमेस्टिक अफेयर्स है उसमें अ जो सिक्किम गवर्नमेंट है उसका ही रोल रहेगा हाउ एवर जो हमारे डिफेंस और फॉरेन रिलेशंस है उसमें इंडियन नेशन इंडियन गवर्नमेंट का रोल रहेगा आगे चलते हैं अप्रैल 1975 में एक रेजोल्यूशन पास होता है आस्किंग फॉर फुल इंटीग्रेशन विद इंडिया राइट कि एज अ प्रॉपर स्टेट इन इंडिया सिक्किम हो पाए हरिडली ऑर्गेनाइज रेफरेंडम पुट अ स्टैंप ऑफ पॉपुलर अप्रूवल ऑन द असेंबलीज रिक्वेस्ट क्या हुआ बोला जाता है कि एक रेफर रेंडम होगा रेफरेंडम यानी कि डायरेक्ट वोट ऑफ द पीपल ठीक है लोगों से वहां के लोगों से पूछा जाएगा दैट क्या वो इंडिया का हिस्सा बनना चाहते हैं फुली या नहीं राइट तो जल्दबाजी में रेफरेंडम कराया जाता है और एक स्टैंप लगवा दिया जाता है कि हां भाई लोग खुश हैं और एक पॉपुलर अप्रूवल है ऑन दी असेंबलीज रिक्वेस्ट जो गवर्नमेंट है उसकी रिक्वेस्ट पे इसी वजह से इंडियन पार्लियामेंट जो है एक्सेप्ट कर लेता है इस रिक्वेस्ट को इमीडिएट एंड बन जाती है द 22 स्टेट ऑफ द इंडियन यूनियन राइट अब प्रॉब्लम क्या है चोग्याल डिड नॉट एक्सेप्ट दिस मर्जर एंड हिज सपोर्टर्स एक्यूज द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ऑफ फाउल प्ले एंड यूज ऑफ फोर्स यूज ऑफ फोर्स जबरदस्ती किया यह सब और गलत माइनों से किया बोला रेफरेंडम होगा लेकिन असेंबली ने अपनी मर्जी से एक पॉपुलर अप्रूवल का जो है थप्पा लगा दिया चाहे हो या ना हो और सिक्किम को मर्ज कर दिया इंडिया के साथ साथ आगे चलते हैं ऑन टू काजी लेंड अप अ दोरजी खान सर्पा अ राइट सॉरी फॉर द रॉन्ग प्रोनंसिएशन इन केस लीडर ऑफ डेमोक्रेटिक मूवमेंट इन सिक्किम फाउंडर ऑफ सिक्किम प्रजा मंडल एंड लेटर लीडर ऑफ द सिक्किम स्टेट कांग्रेस ठीक है जी 1962 में ही फाउंडेड द सिक्किम नेशनल कांग्रेस आफ्टर एन इलेक्टोरल विक्ट्री ही लेड द मूवमेंट फॉर इंटीग्रेशन ऑफ सिक्किम विद इंडिया जो अभी हमने सारा पढ़ा लीडर वाज हिम आफ्टर द इंटीग्रेशन सिक्किम कांग्रेस मर्ज विद द इंडियन नेशनल कांग्रेस इंटीग्रेशन के बाद मर्जर हो जाता है पार्टीज का मूविंग ऑन टू द लास्ट टॉपिक व्हिच इज अकोमोडेशन एंड नेशनल इंटीग्रेशन इंपॉर्टेंट टॉपिक है क्या लेसंस हमने लर्न किए क्या सबक हमने सीखे ये सारी रीजनल एस्पिरेशंस की सिचुएशंस को एनालाइज करके फर्स्ट एंड द मोस्ट एलिमेंट्री लेसन मोस्ट बेसिक लेसन क्या है दैट रीजनल एस्पिरेशंस जो अलग-अलग रीजंस में लोगों की इच्छाएं हैं एस्पिरेशंस हैं दे आर वेरी मच अ पार्ट ऑफ डेमोक्रेटिक पॉलिटिक्स वो डेमोक्रेसी का एक अच्छा खासा हिस्सा है नेशन बिल्डिंग इज एन ऑन गोइंग प्रोसेस और ये चलता ही रहेगा जब तक जो है हर एक इंडिविजुअल की एस्पिरेशन फुलफिल नहीं हो जाती जो कि यरली इंपॉसिबल है राइट एंड दिस इज आल्सो प्रेजेंट इन स्मॉलर कंट्रीज राइट रीजनल एस्पिरेशंस फॉर एग्जांपल इन द यूनाइटेड किंगडम देयर आर रीजनल एस्पिरेशंस इन स्कॉट लैंड वेल्स एंड नदन आयरलैंड अ स्पेन फेसेस सक्सेस निस्ट मूवमेंट फ्रॉम दी बास्क एंड श्रीलंका फ्रॉम दी तमिल्स तो हर जगह जो है ये होता है इट इज वेरी कॉमन इन डावर्स कंट्रीज सेकंड लेसन क्या है दूसरा सबक क्या है बेस्ट वे टू रिस्पॉन्ड अगर कोई भी रीजनल एस्पिरेशन हो उसको रिस्पॉन्ड करने का बेस्ट तरीका क्या है इज थ्रू डेमोक्रेटिक नेगोशिएशंस रदर दन थ्रू सप्रे कि उनको दबाया ना जाए वायलेंस का प्र प्रयोग ना हो बल्कि डेमोक्रेटिक मेथड्स यूज करे जाए बातचीत करी जाए नेगोशिएट किया जाए और एक जो है डिसीजन पे आए जहां दोनों पार्टीज जो है वो हैप्पी है राइट एग्जांपल ऑफ मिजोरम शोज हाउ पॉलिटिकल सेटलमेंट कैन रिजॉल्व द प्रॉब्लम ऑफ सेपरेटिज्म इफेक्टिवली राइट दोनों जो पार्टीज है उनकी डिमांड जहां फुलफिल हो ऐसे आप एक डिसीजन पे स्टैंड करें थ्रू नेगोशिएशन बातचीत करके डिस्कशन करके थर्ड लेसन क्या है सिग्निफिकेंट ऑफ पावर शेयरिंग पावर शेयरिंग की जो पावर है जो सिग्निफिकेंट है जो इंपॉर्टेंट है वो बताई गई है कि भाई ग्रुप्स एंड पार्टीज फ्रॉम द रीजन नीड टू बी गिवन शेयर इन पावर एट द स्टेट लेवल जो वहां के लोग हैं जिनके रूट्स है उस रीजन में चाहे वो पार्टीज है या ग्रुप्स है या ट्राइब्स है या कम्युनिटीज है उनको कुछ हिस्सा कुछ शेयर ऑफ पावर दिया जाना चाहिए एट द स्टेट लेवल एंड रीजंस मस्ट हैव अ शेयर इन डिसाइडिंग द डेस्टिनी ऑफ़ द नेशन और रीजंस ही मिलके डिसाइड करेंगे कि नेशन एज अ होल कैसे फंक्शन करेगा राइट अदर वाइज द फीलिंग ऑफ इंजस्टिस एंड एलियने कैन स्प्रेड इंजस्टिस भाई इनक्व गलत हो रहा है हमारे साथ एलियने यानी कि सेपरेटिज्म अलग होने की भावना एक्सक्लूडेड फील कराना एंड फोर्थ लेसन फोर्थ एंड द फाइनल लेसन इज दैट रीजनल इंबैलेंस इन इकोनॉमिक डेवलपमेंट कंट्रीब्यूट्स टू द फीलिंग ऑफ रीजनल डिस्क्रिमिनेशन अगर फॉर एग्जांपल एक कपल के दो बच्चे हैं एक बच्चे को बहुत पढ़ा लिखा के डॉक्टर बना देते हैं एंड दूसरे को वो बेसिक एजुकेशन भी प्रोवाइड नहीं करते तो क्या हो रहा है बहुत इंजस्टिस हो रही है इन इक्वलिटी हो रही है ऑब् वियस जो बच्चा है जिसको एजुकेशन तक प्रोवाइड नहीं हुई एक पॉइंट पे वो आके सोचेगा कि ऐसा क्यों हुआ मेरे साथ गलत हुआ इसको इतना पढ़ा लिखा दिया सिमिलरली अगर आप एक स्टेट को जो है बहुत ज्यादा इकोनॉमिक डेवलपमेंट दे दोगे बहुत ज्यादा डेवलप्ड बना दोगे ट्रांसपोर्ट कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर सब कुछ और दूसरी स्टेट पे ध्यान नहीं दोगे तो क्या है डिस्क्रिमिनेशन फील होगा रीजन वाइज राइट सो रीजनल इंबैलेंस यानी कि इनक्व इन इक्विटी राइट जो रिसोर्सेस हैं वो इक्वली डिस्ट्रीब्यूटर इकोनॉमिक डेवलपमेंट इक्वली नहीं हो रहा तो रीजनल डिस्क्रिमिनेशन की भावना जागेगी इफ सम स्टेट्स रिमन पुअर एंड अदर्स डेवलप रैपिड इट लीड्स टू रीजनल इंबैलेंसस एंड इंटर रीजनल माइग्रेशंस फिर दूसरी स्टेट में जो पॉपुलेशन है वो माइग्रेट करती है राइट सो दिस इज द क्रक्स राइट चलिए आगे चलते हैं दीज केसेस मेक अस अप्रिशिएट द फार साइटेडनेस ऑफ द मेकर्स ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन इन डीलिंग विद क्वेश्चंस ऑफ डाइवर्सिटी ये सब देख के हमें पता चलता है कि जो हमारे कॉन्स्टिट्यूशन मेकर्स हैं राइट जो हमारी कॉन्स्टिट्यूशन असेंबली के मेंबर्स थे उन्होंने कितना दूर तक का सोचा और जो हमारी अ नेशनल यूनिटी के चैलेंज थे डाइवर्सिटी को भी प्रिजर्व करना उसको कितने अच्छे से जो है एड्रेस किया दैट इज व्हाई क्या किया फेडरल सिस्टम को अडॉप्ट किया राइट ताकि जो डाइवर्सिटी है वो भी प्रिजर्व्ड रहे और यूनिटी है उसको भी बचा के रखें फेडरल सिस्टम यानी कि डिवीजन ऑफ पावर्स बिटवीन द सेंटर एंड द स्टेट यूनियन गवर्नमेंट और स्टेट गवर्नमेंट फ्लेक्सिबल अरेंज मेंट है ये एक जिससे स्टेट्स को भी जो है अ पावर फील होती है अपनी एंड सेंटर का भी है जो कंट्रोल रहता है ऑन दी एनटायर नेशन वाइल मोस्ट ऑफ द स्टेट्स हैव इक्वल पावर्स देयर आर स्पेशल प्रोविजंस फॉर स्टेट्स लाइक जम्मू एंड कश्मीर जो हमने शुरुआत में डिस्कस किया द सिक्स्थ शेड्यूल ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन अलाउ डिफरेंट ट्राइब्स कंप्लीट ऑटोनॉमी ऑफ प्रिजर्विंग देयर प्रैक्टिसेस एंड कस्टमरी लॉ तो कुछ ऐसे ट्राइब्स जो है मेंशन है सिक्स्थ शेड्यूल में कॉन्स्टिट्यूशन के जो कि उन्हें एक एक स्पेशल ऑटोनॉमी देता है टू प्रिजर्व देयर प्रैक्टिसेस एंड कस्टम्स राइट चलिए मूविंग ऑन टू द लास्ट बॉक्स व्हिच इज गोवा ज लिबरेशन गोवा की आजादी फ्रीडम कैसे हुई किसकी कॉलोनी थी देखते हैं जरा ब्रिटिश एंपायर इन इंडिया केम टू एन एंड इन 1947 है ना हम इंडिपेंडेंट हो गए ब्रिटिशर्स से बट पोर्च रिफ्यूज्ड टू विड्रॉ फ्रॉम द टेरिटरीज ऑफ गोवा दू एंड दमन राइट गोवा दू और दमन से पोर्च गल का जो कंट्रोल था उन्होंने मना करा कि हम नहीं हट रहे इंडियन गवर्नमेंट ट्राइड वेरी पेशेंटली टू पर्स एड द पोर्तुगीज गवर्नमेंट टू विथड्रावल पॉपुलर मूवमेंट होती है गोवा में फॉर फ्रीडम तो फ्रीडम स्ट्रगल होता है गोवा में जो व्हिच वाज स्ट्रेंथ बाय सोशलिस्ट सत्याग्रही फ्रॉम महाराष्ट्र महाराष्ट्र के सोशलिस्ट सत्याग्रह ही सपोर्ट करते हैं इस मूवमेंट में एंड प्रॉब्लम क्या थी अ द पोर्च गीज सुप्रेस द पीपल ऑफ गोवा डिनाइड देम सिविल राइट्स बेसिक ह्यूमन राइट्स सिविल राइट्स डिनायर दे थे नहीं देते थे एंड कैरिड आउट फोर्स रिलीजियस कन्वर्जंस उनका रिलीजन जो है वो कन्वर्ट कराते थे सो इन दिसंबर 1961 गवर्नमेंट ऑफ इंडिया सेंट दी आर्मी इंडियन आर्मी व्हिच लिबरे दीज टेरिटरीज आफ्टर बेरली टू डेज ऑफ एक्शन तो सिविल वॉर होती है और जो है दो दिन में ही अ वो गोवा को आजाद कर देती है इंडियन आर्मी बाय फाइटिंग विद द पोर्तुगीज गोवा दू एंड दमन बिम यूनियन टेरिटरीज राइट चलिए आगे देखते हैं वन सेक्शन डिजायर्ड दैट गोवा एज अ मराठी स्पीकिंग एरिया शुड मर्ज विद महाराष्ट्र कुछ लोगों का ओपिनियन था कि गोवा क्योंकि मराठी स्पीकिंग पीपल हैं वहां पे उसको महाराष्ट्र में मर्ज हो जाना चाहिए हाउ एवर मेनी गो अंस द गोवन पीपल अ लोकल पीपल वर कीन टू रिटेन अ सेपरेट गोवन आइडेंटिटी एंड कल्चर पार्टिकुलरली द कोनकला ग्वेज वो अलग से अपने कल्चरल लैंग्वेज को प्रिजर्व करके अलग स्टेट बनना चाहते थे राइट अ सो दिस सेक्शन वाज लेड बाय द महाराष्ट्रवादी गोम गोमन गोमन अटक पार्टी एमजीपी एंड दिस वाज लेड बाय द यूनाइटेड गोवन पार्टी द मोर यू रीड द मोर यू आर एबल टू मेमराइज दीज पार्टीज राइट जितनी बार एनसीआरटी पढ़ेंगे उतनी ज्यादा बार हमें याद होगा जनवरी 1967 में सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्ड स्पेशल ओपिनियन पोल जो यूनियन गवर्नमेंट है वो एक ओपिनियन पोल रखती है एंड लोगों से पूछती है इफ दे वांटेड टू बी पार्ट ऑफ महाराष्ट्र और रिमन सेपरेट एंड मेजॉरिटी वोटेड इन फेवर ऑफ रिमेनिंग आउटसाइड ऑफ महाराष्ट्र अगेन टू प्रिजर्व देयर गोवन आइडेंटिटी एंड इसी के कारण गोवा कंटिन्यूज टू बी एन यूनियन टेरिटरी एंड 1987 में गोवा बिम अ स्टेट ऑफ दी इंडियन यूनियन राइट गोवा इज नाउ अ स्टेट नॉट अ यूनियन टेरिटरी राइट सो 1987 में गोवा बिम अ स्टेट क्लियर है इन व्हिच ईयर 1987 ऑल दीज आर ऑल दीज ईयर्स आर वेरी क्रुशल फॉर योर सीईटी परफेक्ट तो इसी के साथ जो है हमारा चैप्टर आ गया है एंड पे वी हैव कवर्ड ईच एंड एवरीथिंग पूरी एनसीआरटी जो है आपकी एक बहुत प्रेजेंटेबल वे में हमने कवर कर ली है राइट आई एम ग्लैड दैट यू स्टिक टिल दी एंड अगर आपने एंड तक वीडियो देखी है यू आर सीरियस एंड यू आर गोइंग टू स्कोर ग्रेट मार्क्स इन योर बोट्स थैंक यू सो मच फॉर वाचिंग एंड बस देखना मत यार सब्सक्राइब जरूर करना बहुत मेहनत लगती है राइट सो अ इट डजन कॉस्ट यू अ पेनी टू सब्सक्राइब अ प्लीज सब्सक्राइब लाइक एंड शेयर इट विद योर फ्रेंड्स जिनको भी प्रॉब्लम आ रही है पॉलिटिकल साइंस पढ़ने में सो गाइज दैट इज़ इट फॉर आवर टुडेज वीडियो आई होप यू लाइक्ड इट एंड इफ यू डिड प्लीज लाइक शेयर एंड सब्सक्राइब टू द चैनल यू आर एट ह्यूमैनिटीज हैप्पी लर्निंग आई विल सी यू इन द नेक्स्ट वीडियो