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हिंदू लॉ के स्रोत और विकास

हेलो गाइस यह हिवाईजी लॉ और आज हम पढ़ेंगे फैमिली लॉ में सोर्सेज और स्कूल्स आफ हिंदू लॉ चलिए शुरू करते हैं बिना टाइम वेस्ट करें देखो हिंदू लॉ के सोर्सेज और स्कूल्स दोनों इंटर कनेक्टेड हैं शुरूतीज चार थी टोटल रिगवेद, यजुरवेद, सामवेद और अथरवेद अब शुरूति का मतलब क्या होता है शुरूति का मतलब होता है शुरू का मतलब होता है एक टू हियर मतलब जो सुन सुन के आई सुन सुन के कैसे आई क्योंकि जब यह बनी थी शुरूति तब रिटेन मटीरियल अवेलेबल नहीं था और वह आगे के जनरेशन को बताएंगे तो यह फैमिली और उनके जो जैसे मान लो जो गुरू थे उनके जो शिष्य थे उन्होंने आगे बढ़ा बढ़ा के जैसे knowledge आई उस पर और supplement किया और उसमें जोड़ा और forward करा forward करा ऐसे जूड़ जूड़ के वो knowledge बनी जो ये knowledge के चार main वेद हैं वो हैं रिगवेद, यजुरवेद, सामवेद इन वेदों में कोई लॉ नहीं थे, इसमें धर्म का कॉंसेप्ट दिया था, धर्म का कॉंसेप्ट मतलब जीने का तरीका, मतलब जीने का तरीका दिया था, इसमें ऐसा कोई लॉ नहीं था, कि सजा नहीं थी, लॉ आफ एविडेंस नहीं था, कुछ नहीं इन में सोसाइटी का स्ट्रक्चर भी बताया गया था, जो बताता था कि हर फैमिली एक यूनिट होती है, हर इंडिविजुअल एक यूनिट नहीं होता, हर फैमिली एक यूनिट होती है, और उस यूनिट का हेड होता है, Oldest Living Ascendant, और उसको बोलते हैं ग्रीपती, तो ये थे कम से कम 3000 साल पहले की मतलब जीजस के बॉन होने से पहले भी अपने न जीजस से पहले का जो BC period होता है और उसके बाद AD period होता है तो ये शुरूती जीजस के आने से पहले की बात है ठीक है BC की बात है उसके बाद जीजस आये जीजस के बाद आयी स्विर्थी तो यह सिर्फ perspective देने के लिए मैं आपको बता रहा हूँ कि कितनी पुरानी शुरूतिज हैं और उसके बाद श्मृति कितनी पुरानी है तो जीज़स के बाद फर्स्ट सेकंड थर्ड सेंचुरी के राउंड श्मृतिज आना चालू हुई श्मृति जो तीन श्मृति मानी जाती हैं वो मानी जाती है मनू श्मृति यज्ञवल के श्मृति और नारद श्मृति श्मृति का मतलब होता है which is remembered अब यह second source of Hindu law है जो supreme source है वो तो शुरूति ही है second जो इसके बाद आता है वो आता है श्मृति यह body of text है बहुत सारी इसमें एक difference शुरूती से यह है कि यह एक author की होती है जो स्मृति होती है, मतलब एक author ने लिखी है, जो अपनी शुरूती ना जो वेद है, वो वेद के कोई author नहीं है, जो शुरूती है वो authorless है, जो स्मृति है उनका author है, जो शुरूती है वो solely generations के थूँ transmit हुई है, लेकिन स् तो इसमें जो मेन तीन स्मृतिज हैं वो कौन-कौन सी हैं? पहली है मनु स्मृति, ये oldest स्मृति है, इसके writer थे मनु और इसको बाद में supplement के आगे के generations ने मनु की क्योंकि writing तब भी invent नहीं हुई थी जब मनु स्मृति आई थी और orally ही transmit करना पड़ता था मनु स्मृति के हिसाब से ब्राह्मिंद्स को एक eminent position दी गई थी society में और woman और शुद्र के लिए मनु स्मृति में कोई rights नहीं थे इसके बाद है यजनवल के स्मृति, ये बुद्धा और विक्रमदत्य के पीरिड, मतलब बुद्धा का जो पीरिड था और विक्रमदत्य का जो पीरिड था, उसके बीच के टाइम में कभी आई थी, एक्जाक्ट डेट आप नहीं पता लगा सकते हैं, उसके बीच के टाइम म और शुद्र को भी यजनेवल के स्मिरिती ने मनू स्मिरिती से बेटर स्टेटस दिया था। उसके बाद आई थी नारद स्मिरिती। नारद जो थे वो एक नेपाली सेज थे, मतलब नेपाली संत्र टाइप थे। बंदन होता है तो दूसरी शादी को बहुती बड़ा टैबू माना जाता था तो इन्होंने विडोस के रीमैरेज के राइट भी रेकगनाइज करें इन्होंने वुमिन को राइट्स दिये प्रॉपर्टी हो कि इन मेड लॉइन है मतलब उस टाइम पर जो रूलर है उसका लॉग यह जो अपने यह वाले लॉज है मतलब जो लिखेवे लॉज हैं पुराने इंशेंट जैसे वेद हो गई है उनसे हायर स्टैंडिंग थोड़ी और इन्होंने काफी एडवांस्ट लॉज भी दिया उस टाइम पर मतलब इन्होंने लॉज दिए रिगार्डिंग प्लीडिंग्स एविडेंस विटनेस जो एविडेंस आक्ट में बहुत कितनी लेट बना मतलब इतनी broad minded approach और इतनी systematic approach लौके towards होना उस time पे तो नारद स्मिरिती में जो नारद है इनको भी मैं एक jurist मानूँगा काफी अच्छा jurist तो ये सारे थे लेकिन उन्होंने काफी broad minded approach से काफी अच्छे से systematic way में लौ दिया और काफी broad minded भी थे उस time के हिसाब से तो ये तीन अपनी हो गई स्मिरिती main main main अब शुरूतीज और स्मिरितीज के बाद है commentaries and digest अब commentaries and digest actually होती क्या है और क्या purpose इनने fulfill करा है इसके लिए अपने को एक बात समझनी है वो बात क्या है कि अपने पड़ा सारी की सारी शुरूतीज सुप्रीम है लेकिन इन सारी की सारी सुप्रीम शुरूतीज में law नहीं है मतलब law अलग से होना चाहिए ना जो rules and वो सब ठीक है लेकिन laws का कोई source नहीं है शुरूतीज तो laws define किये स्मृती ने अब स्मृति में ये दिक्कत आ गई कि ये तीनों स्मृति इसको सुप्रीम माना जाता है मनू स्मृति भी सुप्रीम है यजन वलके भी सुप्रीम है और नारत भी सुप्रीम है लेकिन मनू स्मृति वुमिन्स और शुद्रस को राइट नहीं देती यजन वलके स्मृति देती है नारत और ज़्यादा देती है अब किसकी बात माने मनू स्मृति की माने की यजन वलके की माने की नारत की माने की कि तीनों ही सुप्रीम है आप एक को दूसरे से उपर सुप्रीम नहीं मान सकते ना तो इसके लिए आई Commentaries and Digest Commentaries and Digest ने क्या करा इन्होंने ये सारा, ये जो पूरा सार है ना, इसको डिवाइड कर दिया, इसको डिवाइड किस चीज में करा, इसको डिवाइड करा मिताक्षरा और दया भागा में, तो एक अपने पास Commentaries and Digest में है मिताक्षरा, और एक Commentary है दया भागा, अब ये दो अक्चुली हैं क्या, 11 कमपेंडियम किस चीज का था यह मिताक्षरा एक कमेंट्री है जो विजनानेश्वर यह थे इन्होंने यह कमेंट्री की थी जैसे अपने देखते हैं कमेंट्री ओफ दिस दिस दिस ओन आईपीसी कमेंट्री ओफ दिस दिस दिस ओन ट्रांसफर आफ प्रॉपर्टी जो अपने तो मिताक्षरा एक कमेंट्री है विजनानेश्वर ने दी थी यजनवल के स्मृति में 11th century के राउन और दया भागा है जो जिमुतवहन ने कमेंट्री दी थी 12th century के राउन मिताक्षरा से थोड़ी बाद में लेकिन ये कमेंट्री को specific स्मृति या शुरूति पे नहीं है मगर तो यह major major difference है मिताक्षरा और दयाभागा में मिताक्षरा और दयाभागा में कई बार detailed में भी difference पूछ लेते हैं subjective में question आ जाता है कभी कबार 2-5 number का तो उसके लिए यह matter है यहां pause करो पढ़ लो ऐसा कुछ खास समझाने जैसा है नहीं जो difference ���ै वो है यहाँ पे कफी patriarchal था यहाँ थोड़ा matriarchal element आ जाता है यहाँ पे थोड़े women's को right दाया भागा में ज़्यादा मिलते हैं मिताक्षरा में थोड़े कम मिलते हैं ठीक है और यह basis of succession यह पढ़ लेना और यह basis of inheritance पे based है यह इनका जो succession inheritance का difference है यह भी एक major difference का point था कोई query हो तो comment में आप लिख सकते हो स्कूल्स आफ हिंदुलोग स्कूल्स आफ हिंदुलोग का क्या सीन है स्कूल्स आफ हिंदुलोग का देखो यह सीन है कि 11th सेंचुरी के अराउंड अपनी कमेंटरीज और डाजेस्ट है 11th सेंचुरी में अपनी मिताक्षर आगे 12th सेंचुरी में अपनी दयाबाग आगे लेक मतलब वो स्टेट्स बन गए थे, well-defined state बन गए थे, यह बाई हमारा राज्य है, तुम्हारा राज्य है वाली type scene हो गया था, उससे पहले तो इतनी advanced society हुई नहीं थे न, कि राज्य वाज्य बन जाया, तो इस time तक राज्य वाज्य बन गए पूरे अपने, तो संप्रदाय ह लेकिन हिंदु संप्रदाय अलग-अलग कस्टम्स अलग-अलग रूल्स मानती थी तो उन्होंने अपने-अपने स्कूल बना लिए ठीक है तो वह पांच बलो तो यह स्कूल दॉफ इंदुला का बेसिकली सीनिय है अब इसमें जो पांच स्कूल है ना इन में से जो यह चार स्कूल है टॉप के यह फॉलो करते थे मिताक्षरा इनका मिताक्षरा को रूल्स मतलब एक्सैक्टली मिताक्षरा नहीं यह वर्जन आफ मिताक्षरा फॉलो करते थे और जो बेंगॉल स्कूल था ना वह इकलोता स्कूल था जो दया भगा अपना फॉलो करता था वर्ज आप सबके कस्टम्स, सबके ट्रेडिशन्स थोड़े थोड़े अलग होते थे, तो वर्जन्स आफ दया बागा और मिताक्षरा फॉलोग करते थे, लेकिन मेजर मेजर इनके आइडियोलोजी जो चार स्कूल्स की, पहले चार स्कूल्स की थी, वो मिताक्षरा की थी और बेंग वह मिताक्षर और दया बागा के बेसिस पर स्कूल डिवाइडिंग सब इंटर कनेक्टेड है देखो कनेक्टेड में समझोगे तो ज्यादा समझ में तो यह पूरा सीन है इसके बाद बात आती है अंग्रेज आ गए ठीक है मुगल जाया उसके बाद अंग्रेज आ गए तो डेवलपमेंट किया अंग्रेज होने अंग्रेजों ने development कैसे किया अंग्रेज एक तो लिया है courts और एक लिया है legislation courts ने दिये judicial decisions और legislations निकाले तो ये दो major source है और एक और मतलब sources and schools of Hindu law पढ़ रहे हैं तो judicial decision भी एक बहुत बड़ा source है और legislation भी एक बहुत बड़ा source है judicial decision तो जैसे कि अपने को पता है अब जैसे कोई dispute आया दो हिंदूस का dispute आया judge ने पूरा अपना सारा ग्रंथ निकाले पढ़ा बढ़ा ठीक है अंग्रेज वगैरह भी इतनी मेहनत करते थे ठीक है जजेज ऐसे टैलेंटेड होते थे उस टाइम के भी वो निकालते थे पूरा ब्रह्मेंट को बुलाते थे वोले समझाओ भाई क्या लिखा है समृति शुरूति और कमेंटरीज में वगैरह वगैरह वो उनको बतात अब क्या यह इतने सारे ग्रंथ ग्रुंथ और मनुस्मृति और कमेंट्री और यह सब निकालने की वजह ने सोचा कि लेजिस्ट्लेशन मना देते हैं ठीक है अब इंडिया इतना डाइवर्स सबकी डाइवर्स प्रैक्टिस सब कंफ्यूजन ही पूरा कॉन्फ्लिक्� तो नहीं निकलता था मतलब कॉपीज मंगा लो आप एक बार प्रिंट हो जाए तो एक वह तो जाता था ना पूरा डाटाबेस तो बन जाता था असर्टेनेबल भी होते थे और अथॉरिटी भी होती थी क्योंकि गवर्नमेंट की तरफ से आफ रिटी मिलती थी वह लेजिस्ट्रेशन को लेकिन उस टाइम पर भी जैसे लेजिस्ट्रेशन बनाओगे ना तो हिंदुधर्म के जो रूल्स है अब आप ताकि रिफॉर्म लाया जा सके उनको अलग नहीं मतलब कुछ चेंज करने की ट्राइनी की थी बस जो बेकार प्रैक्टिस थी उनको हटाने की ट्राइ की गई थी मतलब राइट दिये गए थे जिनको राइट नहीं मिल रहे थे तो अंग्रेजों के जो काफी सही वाले लेजिस्लेशन जो काफी अब हिंदू में तो हमेशा से भाई family एक unit है, फैमिली से यह बाहर कर दिया, या मालो उसने अपना religion change कर लिया, तो भी उसकी property उसकी property रहेगी, यह ऐसा इस act में थोड़ा था, फिर हिंदू विडोज री मैरेज आक्ट, हिंदू विडोज को री मैरेज का right दिया इस act ने, हिं फिर special marriage act जो inter-religious marriage, inter-caste marriage या intra-caste marriage allow करता था तो ये reformative laws अंग्रेज ने बना है तो ये legislations हैं अपने पुराने legislation अंग्रेजों के time पे इसके बाद बात आती है modern legislations की modern legislations की short में story क्या है कि 1944 में Hindu Law Committee बनी उस Hindu Law Committee के चेर्में थे सर बेनेगल नरसिंग राउ अब इन्होंने क्या बनाया एक draft code इस draft code का purpose था कि uniform code for Hindus बनाओ जिसको सारे Hindus को उस code के अंडर लियाओ confusion हट जाए पूरा कि हाँ बाई ये code है इन सब का सार बनाओ एक code में और उस एक code से करो इन सब को judge हमारे sacred law पर attack है अभी हमेशा का नाटक हमारे सेकरेट लॉपे अटाक है अभी अपने देखो पूरी की पूरी सिस्ट्री पढ़ी है अपने देखा ना कि कितनी बार नूमरस टाइम वो लॉपो रिफॉर्म किया गया चेंज किया गया मतलब अपने एंशन्ड पास्ट के जो सेजिस थे उनमें कि वह नहीं पचा भाई क्यों क्योंकि फालतू की मतलब पास पता नहीं है ना हिस्ट्री पता होती हिंदूजन की हिस्ट्री पता होती तो यह आता ही नहीं यह वाली बात आती नहीं कि सेक्रेड लॉप अटाक हो रहा है कि अपना जो सेक्रेड लॉप तो है ऐसा जो रिफॉर्म होकर बना है ठीक है उसकी हिस्ट्री रिफॉर्मेशन की है तो अपने हिंदूज आइडिया ड्रॉप कर दिया कि भाईया नहीं बनाते यूनिफॉर्म कोड लेकिन अम्बेटकर को यह बात पसंद नहीं आई अम्बेटकर ने बोला कि यह आइडिया आपने ड्रॉप करा है तो मैं रिजाइन कर रहा हूं तो उन्होंने रिजाइन कर दिया सिर्फ इस रिज़ वो आपके sacred law के against है, तो भाईया हमसे तो ना हो पाएगा ये law ministry का काम, हम तो resign कर रहे हैं, तो उन्होंने resign कर दिया, लेकिन eventually इनकी नानुकुर चली नहीं, ठीक है, जो regressive लोग हैं, उनकी नानुकुर नहीं चली, और एक code बना गया, जो चार part में implement हुआ, जो की अभी भी implemented है हिंदू माइनरिटी एंड कार्जिनशिप एक्ट और हिंदू अडॉप्शन एंड मिंटेनेंस एक्ट तो यह अपना कोड बन गया मतलब एक साथ नहीं आया 55-56-56 ऐसे यह अलग-अलग टाइम पर आया कुछ-कुछ महीने के ग्याप में लेकिन यह फाइनली बन गए लॉस ब उसके साथ से बढ़िया काम किया है लॉज ने और अभी भी मेजर जो हिंदू लॉज पूरा मेजर मेजर वह एक चार एक्ट्स में ही डिवाइड है यह चार एक्ट्स अभी भी अप्लाई होती है तो एक बार सब कुछ रिवाइस करते हैं यह अपनी टाइमलैन बीसी के टाइम की है और जो बाकी सब कुछ है वह जो स्मृति वगैरह एंगी वह मतलब जीज़स क्राइस के बर्थ के बाद की बात है तो उसके बाद आई स्मिर्टीज, मनू स्मिर्टी, यजनेवल के स्मिर्टी, नारस स्मिर्टी याद रखना की वेद सिर्फ चार हैं लेकिन स्मिर्टी बहुत सारी हैं ये पपिलर वाली स्मिर्टीज हैं अब ये सारे सोर्सेस के अलावा अपने बास दो सोर्सेज और हैं, वो दो सोर्सेज क्या हैं, वो दो सोर्सेज मैंने इस टाइमलाइन में कहीं नहीं डाले क्योंकि वो हर जगे एपलिकेबल हैं, ठीक है, वो इस टाइम से लेके इस टाइम तक, पूरे टाइम लगते थे बैगराउंड में, पहला सोर्स तो है और दूसरा सोर्स है rules of equity, justice and good conscience ये basically reasonableness है, rules of justice, equity and good conscience मतलब अच्छा अच्छा होना चाहिए मान लो कोई law किसी चीज़ पर बात नहीं कर रहा तो judge अपनी reasonability से justice को दिमाग में रखते हुए good conscience से कुछ वहाँ पर decision देगा, कुछ interpret करेगा, कुछ assume करेगा तो वो चीज़ हमेशा law का सोर्स रहते हैं सारी conditions में, सारी जगों पर तो ये तो ever present है और customs, customs एक बार आपको समझने की ज़रूरत है कि अब कस्टम्स का सीन है देखो कस्टम्स का जैसे मैंने आपको बताया फोर्स ऑफ लॉफ होती है कस्टम्स की काफी सिचुएशन में लेकिन जो कमेंटरी जाना उन्होंने कस्टम को अंदर लेने की ट्राइड करी ठीक है लेकिन वह सारे कस्टम्स को नही इतने वेराइट प्राक्टिसेस और कस्टम, रीजिनल लेवल पर लग कस्टम, लोकल लेवल पर लग कस्टम, स्टेट लेवल पर लग कस्टम, फैमिली लेवल पर कस्टम, तो इंपॉसिबल है सारे कस्टम को इंक्लूड करना, तो कस्टम को माना जाता है, सोर्स अगर वो इं और नहीं बदला और पुछा पुछा पुछा प� और rules of equity, justice and good conscience, देखो मैंने try किया है कि मैंने एकदम exhaustive video बनाया, थोड़ा सा लंबा हो गया, लेकिन exhaustive video बनाया, अगर आपको अच्छा लगा, तो please comments में बताओ अच्छा लगा, मेरे को moral boost मिलता है, यहाँ पर से आके subscribe करो, अगर आप नए आयो चैनल पर, तो ऐसे ही हम मस्त म रोज का एक वीडियो एट एन अवरेज में डालता हूँ और लॉग का सब कुछ कवर कर दूँगा मैं हर सबजेक्ट की सीरीज कमप्लीट होने के लिए मैं पोल डालता हूँ उस पोल में जो सबजेक्ट सबसे ज़्यादा वोट्स लेता है मैं वही पढ़ाना चलू करता हू�