[संगीत] नमस्कार बच्चों वेरी गुड इवनिंग कैसे हो सभी लोग क्या चल रहा है ऑल गुड ऑल वेल तैयारी बढ़िया चल रही है समझ में आ रहा है बच्चे कांस्टीट्यूशन जो भी चीजें अभी तक हम लोगों ने कवर की है आधे ऑल क्लियर कहीं पर कोई डाउट कोई कंफ्यूजन कोई परेशानी तो नहीं है सब कुछ बढ़िया चल रहा है बच्चे कोई दिक्कत कोई परेशानी वेरी गुड इवनिंग बच्चे सभी लोगों को बहुत-बहुत गुड इवनिंग और उम्मीद है कि आप सभी लोग बहुत अच्छा कर रहे हैं और आपकी तैयारी जो है कांस्टीट्यूशन की बहुत अच्छी चल रही है और आप क्लासेस को भी एंजॉय कर रहे हो कर रहे हो ना एंजॉय अगर कर रहे हो तो फटाफट से चैट बॉक्स में बताओ आई टाइप करके आर वी ऑल एंजॉयिंग द लर्निंग प्रोसेस क्योंकि कांस्टीट्यूशन को अगर आप एंजॉय कर पा रहे हो ना तो आप बिल्कुल राइट डायरेक्शन में हो ठीक है आज सब कुछ ठीक है वेलकम बैक उदय चलो ठीक है वेरी नाइस तो सुन लो आज हम लोग क्या-क्या कवर करने वाले हैं आज का सेशन बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट है रीजन बीइंग क्योंकि आज हम लोग काफी सारे टॉपिक्स को कवर करने वाले हैं जो कवर होते हैं सेंट्रल एग्जीक्यूटिव के अंदर जैसे कि हम सबसे पहले प्रेसिडेंट की पोस्ट को समझेंगे वेरी इंपॉर्टेंट वाइस प्रेसिडेंट को समझेंगे बच्चों प्राइम मिनिस्टर को समझेंगे बच्चों काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स को समझेंगे और आखरी में अटॉर्नी जनरल को समझेंगे तो यह तो पांच एरियाज हैं पांच टॉपिक्स हैं जिनको पहले कवर करेंगे फिर मैं आपको दो लीडिंग अथॉरिटीज पढ़ाऊंगा बहुत इंपॉर्टेंट अथॉरिटीज पढ़ाऊंगा और ऐसी अथॉरिटीज पढ़ाऊंगा जिनको आप यूज कर पाओगे कहीं पे भी और आखरी में हम लोग क्या करेंगे एमसीक्यू को कवर करेंगे ठीक है तो आज का सेशन बिल्कुल फुल पैक्ड है इंफॉर्मेशन से डिटेल से इंपॉर्टेंस से तो आप लोग बिल्कुल तैयार हो जाओ बट इट इज गोइंग टू बी अ हैवी सेशन मैं पहले ही बोल रहा हूं आप लोगों को तो अगला एक घंटा पूरा ध्यान केंद्रित रखना मेरी तरफ स्क्रीन की तरफ और कोशिश करना कि जितना ज्यादा समझ पाओ जितना अच्छे से चीजों को एनालाइज कर पाओ मैं भी थोड़ा सा बच्चे स्पीड को मेंटेन करके चलूंगा जैसे मैंने आपको बताया हम लोग पांच टॉपिक्स को कवर कर रहे हैं और फिर केस लॉस को भी कवर करना है एक घंटे के अंदर तो अगर बाय चांस मैं आप सब लोगों को बहुत ज्यादा रेस्पों ना कर पाऊं या आप लोगों का नाम ना ले पाऊं तो मुझको माफ कर देना ये सब आप ही लोग लोगों के भले के लिए है और आखिरी में मैं कोशिश करूंगा जितना इंटरेक्शन हो पाएगा ठीक है चलो शुरू हो जाएं कैन वी स्टार्ट नाउ चलो स्टार्टिंग विद टुडेज सेशन तो आज का सेशन हमारा चैप्टर फोर को हमारा लेक्चर फोर होने वाला है और एमपी जन बुक का सेंट्रल एग्जीक्यूटिव का चैप्टर कवर होगा जो पेज नंबर 126 से लेक 191 तक जाता है ठीक है तो इतने सारे पेजेस कवर कर रहे हैं क्लास को शुरू करें उससे पहले एक छोटी सी बात आप लोगों को बता दूं हमारा स्टडी आईक्यू जुडिशरी का बैच शुरू हो रहा है कब से शुरू हो हो रहा है बच्चे 27th ऑफ मार्च को शुरू हो रहा है ठीक है और इसकी जो फीस है वो 23000 और 999 केवल 24000 है मात्र और अगर आप ये कोड यूज करोगे ए बी एच आई एल आईवी तो आपको हो सकता है कि और अच्छे डिस्काउंट मिल जाए और आप मेरी स्टूडेंट बन जाओगे सबसे बढ़िया बात ये है आपका डायरेक्ट कनेक्ट रहेगा मेरे साथ मैं भी इस कोर्स के अंदर पढ़ाता हूं और हम लोग एक दूसरे की गाइडेंस में कुछ सीख ही लेंगे ठीक है तो अगर आप तैयारी कर रहे हो सीरियसली क्योंकि ये बहुत बढ़िया टाइम चल रहा है जुडिशरी की प्रिपरेशन के लिए वी आर वांटिंग टू डू इट बहुत बढ़िया अपॉर्चुनिटी है ठीक है चलो शुरू करते हैं आज के सेशन के साथ तो सबसे पहले समझते हैं कि आज की क्लास का टाइटल क्या है ठीक है सेंट्रल एग्जीक्यूटिव का अगर हम लोग डिस्कशन करें तो हमारे इंडियन कांस्टिट्यूशन का पार्ट फाइव जो है बच्चों वो बात करता है इसी की किस नाम से यूनियन एग्जीक्यूटिव के नाम से बात वही है और आर्टिकल्स की अगर बात करूं तो आर्टिकल 52 से लेकर 78 तक हमारा आज का डिस्कशन जाएगा और क्या-क्या कवर करेंगे प्रेसिडेंट को कवर करेंगे वाइस प्रेसिडेंट को कवर करेंगे प्राइम मिनिस्टर को कवर करेंगे काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स को कवर करेंगे और आखिरी में अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया को कवर करेंगे यही पांच पोस्ट हैं जो सेंट्रल एग्जीक्यूटिव मतलब यूनियन एग्जीक्यूटिव को कांस्टीट्यूट करते हैं पांचों को हमें आज ही समझना है शुरुआत करते हैं प्रेसिडेंट से देखो पहले तो आपने हजारों बातें च सुनी होंगी प्रेसिडेंट के बारे में वो सारी ठीक है कि प्रेसिडेंट हमारा हेड ऑफ दी स्टेट है पर वो नॉमिनल हेड है रियल हेड नहीं है मतलब वो एक स्टैंप हेड है रियल पावर प्राइम मिनिस्टर के पास होती है पर कहने को कानूनी रूप से देखा जाए तो नाम जो है प्रेसिडेंट का हर जगह जाता है तो वो बेसिक बातें तो रहेंगी मैं आपको लीगल कॉन्टेक्स्ट बता रहा हूं कि आपको आंसर में क्या लिखना होगा अगर मेंस में क्वेश्चन आएगा तो ये आपके मेंस की तैयारी है ठीक है जिसमें प्रीलिम्स की तैयारी तो निहित है ही ठीक है तो जो प्रेसिडेंट है बच्चे उसका इलेक्शन कैसे होता है यह बहुत इंपॉर्टेंट है समझना हमेशा याद रखना जब भी प्रेसिडेंट के इलेक्शन की बात होगी बेटा तो इलेक्टोरल कॉलेज कॉन्स्टिट्यूशन किया जाएगा इलेक्टोरल कॉलेज का मतलब क्या है यहां से एक बात निकल के आएगी आपकी कि प्रेसिडेंट का इलेक्शन जो होता है वो डायरेक्ट नहीं होता है डायरेक्ट नहीं होता है प्रेसिडेंट का इलेक्शन जो है बच्चों वो इनडायरेक्ट होता है इनडायरेक्ट होने का मतलब क्या है हम लोग प्राइम मिनिस्टर की तरह यहां मेंबर ऑफ द स्टेट जो मेंबर ऑफ पार्लियामेंट है उनकी की तरह हम लोग आप जैसे मेरे जैसे आम लोग जाके वोट नहीं डालते हैं प्रेसिडेंट को हम लोग नहीं चुनते हैं डायरेक्टली हमने जिनको चुना है जो हमारे मेंबर ऑफ पार्लियामेंट हमने जिनको चुना है जो मेंबर ऑफ लेजिसलेटिव असेंबलीज है जिनको हमने चुना है वो लोग हमारे बिहाव पे चुनते हैं प्रेसिडेंट को तो सबसे पहली बात तो समझने वाली यही है कि प्रेसिडेंट का जो इलेक्शन है वो डायरेक्ट नहीं है वो इनडायरेक्ट होता है अब वो होता कैसे है वो होता है इलेक्टोरल कॉलेज के माध्यम से इलेक्टोरल कॉलेज का बड़ा सिंपल सा मतलब है यह कोई कॉलेज नहीं है आपका या मेरा कॉलेज इसका मतलब होता है इसमें वो सारे लोग आएंगे जो वोट डाल सकते हैं प्रेसिडेंट के इलेक्शन में तो जो सारे लोग वोट डाल सकते हैं प्रेसिडेंट के इलेक्शन में उनको बोलते हैं कि वह इलेक्टोरल कॉलेज है तो कौन-कौन लोग हैं बच्चे सारे इलेक्टेड मेंबर्स किसके हाउसेस ऑफ पार्लियामेंट के मतलब लोकसभा के और राज्यसभा के पर ध्यान देना सारे मेंबर्स नहीं लोकसभा के सारे मेंबर्स नहीं राज्यसभा के सारे मेंबर्स नहीं केवल इलेक्टेड मेंबर्स इलेक्टेड मेंबर्स मतलब जो लोग चुन के आए हैं तो चुन के आए हैं इलेक्टेड और दूसरे कौन से होते हैं नॉमिनेटेड पढ़ाया था ना मैंने आपको लोकसभा में भी 550 तो इलेक्टेड होंगे स्टेट से यूटी से पर दो लोग एंग्लो इंडियन कम्युनिटी वाले थे जो नॉमिनेटेड थे ऐसे ही राज्यसभा में 238 लोग तो इलेक्टेड होंगे पर 12 लोग जिनको प्रेसिडेंट नॉमिनेट कर सकता था तो हमेशा याद रखना जो प्रेसिडेंट का इलेक्शन है उसमें जो पार्टिसिपेशन होता है जो इलेक्टोरल कॉलेज का पार्ट बनते हैं वो केवल ये इलेक्टेड वाले लोग बनते हैं नॉमिनेटेड वाले लोग नहीं बनते तो राज्यसभा से 238 लोग और लोकसभा से 550 लोग ठीक है क्लियर है पहले इस बात को याद रखो दूसरा इसके अलावा और कौन होगा तो जितने भी राज्य हैं बच्चे जितनी भी स्टेट्स हैं या फिर जो यूनियन टेरिटरीज है जिनके अंदर लेजिसलेटिव असेंबलीज बनी हुई है सबके अंदर नहीं बनी हुई है जैसे दिल्ली के अंदर बनी हुई है पुडुचेरी के अंदर बनी हुई है तो जो सारे राज्य हैं उनमें तो सब में है ही लेजिस्लेटिव और वो जो यूटी हैं जिनके अंदर लेजिसलेटिव असेंबलीज है उनके भी सारे इलेक्टेड मेंबर्स वही वाली बात सेम बात मैं दोबारा रिपीट करूंगा तो लेजिस्लेटिव असेंबलीज में भी नॉमिनेशन का प्रोसेस होता है वहां पे भी पॉसिबिलिटी होती है गवर्नर के हाथ में पावर होती है तो लेजिस्लेटिव मेंबर्स के भी केवल इलेक्टेड मेंबर्स मतलब जो आप जैसे मेरे जैसे लोगों के द्वारा चुन के गए हैं वहां पे वही लोग इलेक्टोरल कॉलेज का पार्ट बनते हैं तो प्रेसिडेंट के इलेक्शन के लिए कांस्टीट्यूट किया जाता है इलेक्टोरल कॉलेज जिसमें सारे इलेक्टेड मेंबर्स लोकसभा के राज्यसभा के और सारे इलेक्टेड मेंबर्स लेजिसलेटिव असेंबलीज के काउंसिल के नहीं बच्चे लेजिस्लेटिव असेंबली के किसी भी स्टेट की किसी भी यूटी की ठीक है सारे लोग जो इलेक्टेड है ठीक है अब देखो अब यहां से कहानी शुरू होती है बहुत इंपॉर्टेंट अब देखो यह जो इतने सारे लोग हैं अब देखो चलो लोकसभा के 550 हो गए राज्यसभा 238 हो गए यह तो इतने ज्यादा नहीं है पर आप देखो हमारा देश कितना बड़ा है कितने सारे राज्य हैं कितनी बड़ी-बड़ी असेंबलीज है कुछ राज्यों में तो जैसे यूपी ले लो एमपी ले लो तो कितने सारे लोग हो जाएंगे ना इलेक्टोरल कॉलेज के अंदर तो एक बात समझना यह जो भी इतने सारे लोग होंगे इलेक्टरल कॉलेज के अंदर सबका बराबर महत्व नहीं होगा सबकी जो इंपॉर्टेंस है वो बराबर नहीं होगी कुछ लोगों को ज्यादा वोट देने को मिलेंगे जो नंबर ऑफ वोट्स होंगे जैसे हमारे तो नॉर्मल एक वोट होता है हर आदमी का आप जैसे मेरे जैसे का जब वो इलेक्शन में जाता है ना एमएलए या एमपी के तो एक वोट डाल के आ जाता है बात खत्म पर इलेक्टोरल कॉलेज में ऐसा नहीं होता आपको कई सारे वोट मिलते हैं ठीक है कई सारे वोट बोल लो या ऐसा बोलो कि आपके वोट की वैल्यू कम ज्यादा होती है तो इलेक्टोरल कॉलेज के अंदर यह जो भी मेंबर्स हैं सबके वोट के नंबर या फिर उनके वोट की वैल्यू अलग-अलग होती है कम ज्यादा होती है अब ऐसा कैसे होता है कैसे डिसाइड होती है किसके पास कितने वोट्स होंगे वही बता रहा हूं मैं आपको तो सबसे पहले बता रहा हूं आपको कि ये जो लेजिस्लेटिव असेंबली के मेंबर्स हैं इनके वोट की वैल्यू कैसे डिसाइड होगी मतलब इनके पास कितने वोट होंगे यह कैसे डिसाइड होगा तो इसका बड़ा सिंपल सा फंडा होता है बड़ा सिंपल सा फॉर्मूला है हम क्या करेंगे कि जितनी भी किसी भी स्टेट की पॉपुलेशन है जो भी उसकी टोटल पॉपुलेशन है उसको बच्चे डिवाइड कर देते हैं उन इलेक्टेड मेंबर्स से तो जितने भी इलेक्टेड मेंबर्स हैं उससे डिवाइड कर देंगे इससे क्या होगा हमें उस राज्य की उस लेजिस्लेटिव असेंबली की जो इलेक्टेड मेंबर्स हैं उनकी वोट की वैल्यू मिल जाएगी तो एग्जांपल में देखो देखो कितने सारे राज्य अलग-अलग राज्य जैसे हमारे यूपी एक राज्य है राजस्थान एक राज्य फॉर एग्जांपल इन दोनों राज्यों को ले लो केवल समझाने के लिए बता रहा हूं रियलिस्टिक कुछ भी नहीं है केवल समझाने के लिए बताऊंगा अब मानो यूपी के अंदर लेजिस्लेटिव असेंबली के मेंबर है 300 ठीक है फॉर एग्जांपल और वहां की जो पॉपुलेशन है मान लो फॉर एग्जांपल केवल रियलिटी से कोई लेना देना नहीं है वहां की पॉपुलेशन है मान लो 20 करोड़ तो यह जो मेंबर्स एंड लेजिस्लेटिव असेंबली के यूपी में 300 इसमें हर एक इलेक्टेड मेंबर्स मानो इलेक्टेड है 300 के तीन 300 इलेक्टेड है तो हर एक इलेक्टेड मेंबर के पास कितने वोट होंगे अगर हमको यह पता लगाना है तो हमें क्या करना है यूपी की जो टोटल पॉपुलेशन है उसको डिवाइड कर देना है जितने भी टोटल इलेक्टेड मेंबर्स है उससे जितने भी है अब जो भी यहां पर रिजल्ट निकल के आएगा डिवाइड करने के बाद एक्स वाई जड उसको डिवाइड कर देंगे हम लोग 1000 से उसको डिवाइड कर देंगे हम लोग 1 जो वैल्यू निकल के आएगी आखिरी में वही होगी हर एक लेजिस्लेटिव असेंबली के मेंबर की वोट की वैल्यू या उसके पास उतने ही वोट होंगे दोनों का मतलब वही है ठीक है ऐसे ही राजस्थान का ले लो तो राजस्थान में मानो 200 है 200 इलेक्टेड मेंबर्स है और वहां की पॉपुलेशन मानो 10 करोड़ तो सेम प्रोसेस फॉलो करेंगे डिवाइड करेंगे जो वैल्यू निकल के आएगी उसका देखेंगे 1000 से कितने मल्टीपल बन रहे हैं मतलब डिवाइड करके जो वैल्यू निकल के आएगी दैट वुड बी दी वैल्यू ऑफ दी वोट जो राजस्थान की लेजिस्लेटिव असेंबली के मेंबर्स की होगी तो हमें कुछ नहीं करना है हमें वहां प मैथ्स नहीं करनी है एग्जाम में वो तो मैं आपको समझाने के लिए बता रहा हूं आपको जो एग्जाम में लिखना है वो बस इतना सा लिखना है और यहां पे भी आपको ये सब लिखा दिख जाएगा कोश एट वगैरह ये सब लिखने की जरूरत नहीं है बस इतनी सी बात लिखो जितना मैं बोल बोल रहा हूं अगर आपको किसी भी राज्य की लेजिस्लेटिव असेंबली के इलेक्टेड मेंबर के वोट की वैल्यू निकालनी है वोट के नंबर डिटरमाइंड करने हैं तो उस राज्य की टोटल पॉपुलेशन को लो और उस राज्य में जितने भी इलेक्टेड मेंबर्स बैठते हैं लेजिस्लेटिव असेंबली में उसको उससे डिवाइड कर दो जो वैल्यू निकल के आए उसे हज से डिवाइड कर दो आपके पास वोट की वैल्यू आ जाएगी बात खत्म बस उससे ज्यादा कुछ भी करने की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी बच तो ऐसे करके हर एक राज की हर एक लेजिस्लेटिव मेंबर की वोट की वैल्यू निकाली जाती है ठीक है पहला स्टेप हैय अब भैया हमने लेजिस्लेटिव असेंबली के इलेक्टेड मेंबर्स की तो वोट वैल्यू निकाल दी ऐसे एक एक करके एक एक करके अब दूसरे नंबर पर बच्चे हमको क्या करना है दूसरे नंबर पर हमको जो मेंबर ऑफ पार्लियामेंट है मतलब जो लोकसभा में राज्यसभा में जो बैठते हैं उनकी वोट की वैल्यू निकालनी उनकी भी तो वोट की वैल्यू निकालनी पड़ेगी अब इसका जो फार्मूला है वह अलग हमें क्या करना है कि जितने भी लेजिसलेटिव असेंबली के यह जो मेंबर्स है जो इलेक्टेड मेंबर्स है इन सबकी जो वोट की वैल्यू निकल के आई अलग-अलग सबको हम जोड़ लेंगे सबको हम जोड़ लेंगे टोटल कर लेंगे जैसे यूपी के इतने सारे मेंबर्स है उन सबकी मिलाकर इतनी वैल्यू आई राजस्थान के इतने सारे मेंबर्स है उनकी वोट की वैल्यू इतनी आई मध्य प्रदेश के इतने सारे मेंबर्स है उनकी वोट की वैल्यू इतनी आई जितने भी मेंबर्स है जितनी भी उनकी रिस्पेक्टिव वोट वैल्यूज है सबको हम लोग ऐड कर देंगे और फिर उसको डिवाइड कर देंगे किससे जितने भी इलेक्टेड मेंबर्स हैं लोकसभा और राज्यसभा में मिला के तो जितनी भी वोट की वैल्यू आई सारी असेंबली के सारे इलेक्टेड मेंबर्स की जोड़ने के बाद उसको हमने सिंपल से डिवाइड कर दिया बेटा किससे जितने भी मेंबर्स बैठते हैं लोकसभा और राज्यसभा में मिला के इससे क्या होगा आपकी जो लोकसभा और राज्यसभा के जो इलेक्टेड मेंबर्स है उनकी वोट वैल्यू निकल के आ जाएगी या फिर उनके पास कितने वोट हैं यह बात निकल के आ जाएगी तो ये दोनों ही बातों को समझकर आपको क्या समझ में आया पहला कि जो इलेक्टोरल कॉलेज है वह फिक्स्ड है जिसमें केवल लोकसभा और राज्यसभा के इलेक्टेड मेंबर्स हैं और सारे लेजिस्लेटिव असेंबलीज के सारे राज्यों के और यूटी के मेंबर्स हैं पर सबकी वैल्यू बराबर नहीं है सबके वोट सबके पास अलग-अलग नंबर ऑफ वोट्स हैं और यह डिपेंड करेगा कि वह कौन से राज्य से रहा है उसके राज्य में कितनी ज्यादा पॉपुलेशन है क्योंकि आखिरी में तो पॉपुलेशन के आधार पर ही हम किसी व्यक्ति को वैल्यू देते हैं तो जो बड़े राज्य से आ रहे होंगे लोग उनके वोट की वैल्यू ज्यादा होगी क्योंकि वो ज्यादा पॉपुलेशन का रिप्रेजेंटेशन कर रहे हैं ठीक है तो हम क्या करेंगे कि जितनी भी लेजिस्लेटिव असेंबलीज है सबकी वोट की वैल्यू निकालेंगे एकएक करके कैसे करेंगे टोटल पॉपुलेशन डिवाइड बाय जितने भी इलेक्टेड मेंबर्स है ठीक है ऐसे कर कर के सबकी निकाल लेंगे और फिर सब कु जोड़ लेंगे और उसको डिवाइड कर देंगे किससे जितने भी मेंबर्स हैं जो पार्लियामेंट में बैठ रहे हैं तो हमारे पास दोनों की वोट की वैल्यू आ गई हर एक लेजिस्लेटिव असेंबली के मेंबर की भी आ गई फिर वो चाहे यूपी का भी हो राजस्थान का भी हो सबकी अलग-अलग होगी पर जो भी हो आ गई और हमको मेंबर ऑफ पार्लियामेंट्स की भी वोट वैल्यू पता चल गई अब इसी के हिसाब से वो वोट करेंगे और उसी के हिसाब से प्रेसिडेंट का चुनाव हो पाएगा अब अगर यहां तक आप मेरे साथ हो तो फटाफट से चैट बॉक्स में वही टाइप करो क्योंकि ये अच्छी इंपोर्टेंट बात है एग्जाम में बच्चे ये लिखना पड़ेगा आप लोगों को तभी अच्छे मार्क्स मिलेंगे फटाफट से बताओ आर यू ऑल क्लियर सोफा वाई टाइप करके बताओ कहीं पर कोई डाउट कोई कंफ्यूजन नहीं है अगर बाय चांस किसी बच्चे को समझ में नहीं आया हो या कोई क्लेरिटी में कमी रह गई हो ना तो जब ये सेशन खत्म हो जाए तो इस वीडियो को शुरू से दोबारा देखना और तब तक देखना जब तक ये बात समझ में ना आए ठीक है अब देखो नेक्स्ट स्टेप बता रहा हूं मैं आपको अब ये तो सारी चीजें हो गई आपने प्रोसेस पूरा फॉलो कर लिया हमेशा याद रखना जो प्रेसिडेंट का इलेक्शन होता है यह बच्चे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट के आधार पर होता है यह चीज मैंने आपको कल भी बताई थी और सीक्रेट बैलट होता है सीक्रेट बैलट का सिंपल सा मतलब है कि डिस्क्लोज करने की जरूरत नहीं होती किसने किसको वोट दिया सिंगल ट्रांसफरेबल वोट वही जो मैंने आपको बताया कि आपको ऐसा कुछ कोई डॉक्यूमेंट मिलेगा उसमें सारे कैंडिडेट्स का नाम लिखा होगा जो भी लड़ रहे हैं इलेक्शन के लिए और उनके आगे ऐसा बॉक्स बना होगा और आपको किसी एक व्यक्ति को वोट नहीं देना आपको प्रेफरेंस देनी है कि आप किसको चाहते हो कि वो प्रेसिडेंट बने तो उसको दे दो पहली प्रेफरेंस फिर आप किसको चाहते हो कि अगर यह ना बने तो कौन बने दो फिरसे तीन और जैसे ही मैंने आपको कल बताया था कि पहले देखेंगे फर्स्ट प्रेफरेंस सबसे ज्यादा किसको मिली ठीक है मानो ए को टोटल फर्स्ट प्रेफरेंस मिली फॉर एग्जांपल 20 और बी को मानो फर्स्ट प्रेफरेंस मिली 10 और सी को मानो फर्स्ट प्रेफरेंस मिली कितनी पाच ऐसा हुआ तो सी रेस से बाहर हो गया तो ये जो पांच फर्स्ट प्रेफरेंस मिली थी सी को हम देखेंगे इन लोगों ने सेकंड रिफरेंस किसको दी थी सेकंड प्रेफरेंस किसको दी थी और वो इसी हिसाब से इन दोनों में बढ़ जाएगी और जो जीतेगा जो विनर निकलेगा वो प्रेसिडेंट बन जाएगा तो सिंगल ट्रांसफरेबल वोट के आधार पे यहां पे बच्चे इलेक्शन चलता है और सीक्रेट बैलेट से चलता है ठीक है क्लियर है ये वाली बात अब बात करते हैं क्वालीफिकेशंस की मतलब अगर कोई व्यक्ति प्रेसिडेंट बनना चाहता है देन व्हाट आर द क्राइटेरिया दैट ही मस्ट सेटिस्फाई देखो सबसे पहली बात वो आपको हर पोस्ट में लगेगी कि भारत का नागरिक होना जरूरी है दूसरी इंपॉर्टेंट बात देखो प्रेसिडेंट बनने के लिए आपकी उम्र कम से कम 35 इयर्स होनी चाहिए कम से कम और आप क्वालिफाइड होने चाहिए इलेक्शन लड़ने के लिए लोकसभा का यहां पे एक बात को समझना मैं यह नहीं कह रहा प्रेसिडेंट बनना है तो आपको लोकसभा के इलेक्शन लड़ना है आप वो क्वालिफिकेशन का जो क्राइटेरिया है कानून के हिसाब से मतलब जो भी रिक्वायरमेंट्स एक व्यक्ति को पूरी करनी होंगी अगर उसे लोकसभा के इलेक्शन लड़ना है तो वो सारी रिक्वायरमेंट्स उस व्यक्ति को भी पूरी करनी होंगी जो प्रेसिडेंट बनना चाहता है तो प्रेसिडेंट का क्वालिफिकेशन का क्राइटेरिया सीधे तौर पर किससे जुड़ा हुआ है समझ रहे हो किससे जुड़ा हुआ है लोकसभा के मेंबर्स ठीक है क्लियर है और आखिरी बात इस पर तो हमने कल केस भी पढ़ा कि जो भी व्यक्ति इलेक्शन लड़ना चाहता है प्रेसिडेंट होने का वो कोई भी ऑफिस ऑफ प्रॉफिट होल्ड नहीं करेगा ना ही से ल गवर्नमेंट के अंदर ना ही स्टेट गवर्नमेंट के अंदर ना ही किसी अन्य अथॉरिटी के अंदर क्योंकि ओबवियस सी बात है हमको एक ट्रांसपेरेंट बनना चाहिए इंडिपेंडेंट बनना चाहिए तो 35 साल क्वालिफिकेशन फॉर कंटेस्टिंग द इलेक्शंस ऑफ लोकसभा और कोई भी ऑफिस ऑफ प्रॉफिट होल्ड नहीं करना चाहिए ठीक है क्लियर है आसान सी बात है अब देखो अब यह जो टर्म होता है एक बार प्रेसिडेंट आप बन गए जीत गए इलेक्शन तो आपका जो टर्म होगा बच्चे वो फाइव इयर्स का होगा 5 साल के लिए बनो प्रेसिडेंट और यह काउंटिंग कब से शुरू होगी उस दिन से शुरू होगी जिस दिन आप अपने ऑफिस में एंटर करोगे पर एक बात याद रखना जरूरी नहीं है कि आप प्रेसिडेंट बन गए हो तो आप पूरे पा साल प्रेसिडेंट बने रहोगे या तो य ऐसा हो सकता है कि आप खुद ही रिजाइन कर दो ऐसा हो सकता है अगर प्रेसिडेंट रिजाइन करता है तो व अपना रेजिग्नेशन किसको देता है ध्यान से देखो प्रिलिम्स का क्वेश्चन है वाइस प्रेसिडेंट को किसको देता है वाइस प्रेसिडेंट को पर केवल रे नेशन नहीं रेजिग्नेशन तो इच्छा वाली बात हो गई ना कि मैं नौकरी छोड़ रहा हूं बच्चे एक प्रेसिडेंट को हटाया भी जा सकता है उसको इंपीच भी किया जा सकता है ऐसा भी पॉसिबल है इंपीच मेंट का प्रोसेस भी जरूरी है पॉसिबल है प्रेसिडेंट के संबंध में अब ये इंपीच मेंट का प्रोसेस क्या होता है हल्का सा बता देता हूं आपको देखो प्रेसिडेंट हमारा हेड ऑफ दी स्टेट है तो ओबवियस सी बात है कि उसको हमें कुछ प्रोटेक्शन देनी पड़ेगी इसलिए उसको जो निकालने की प्रक्रिया है वह भी इतनी आसान है नहीं ठीक है तो अब इसके संबंध में पावर किसके पास है पावर है लोकसभा के पास पावर है राज्यसभा के पास तो सबसे पहले अगर आपको रिमूव करना है प्रेसिडेंट को तो आपको मोशन इनिशिएटिव मोशन जो आप इनिशिएटिव कि कम से कम इतने लोग उस पर दस्त करें जब वो मोशन इनिशिएटिव को बच्चे उस मोशन को पास करना होगा यह है सबसे खतरनाक स्टेज और मोशन को पास करने के लिए चाहिए बच्चों स्पेशल मेजॉरिटी देखो पढ़ाई पर ध्यान दो मेरी तरफ ध्यान दो बाकी की बातें बाद में करेंगे पहले सुनो मैं क्या तो मोशन इनिशिएटिव का इंपीच मेंट का अब उस मोशन को पास करना है जिस भी सदन में वो इनिशिएटिव क्या है वो जो सदन है जिसमें भी वह मोशन इनिशिएटिव है उस सदन की जितने भी मैक्सिमम स्ट्रेंथ है उसके कम से कम 50 पर प्लस वन व्यक्ति इस फेवर में वोट दे कि इंपीच करना है तो टोटल मेंबरशिप की हमको सिंपल मेजॉरिटी चाहिए 50 पर प्लस वन इतना काफी नहीं है इसके अलावा हमको यह भी चाहिए कि जो वोट दे रहे हैं मतलब जो वोटिंग प्रोसेस में लोग पार्टिसिपेट कर रहे हैं ओबवियस सी बात है सारे लोग नहीं करेंगे जो मैक्सिमम स्ट्रेंथ सब लोग तो पार्टिसिपेट करने नहीं आएंगे तो जितने पार्टिसिपेट करने आ रहे हैं जितने भी हो उनका कम से कम 2 थर्ड दो तिहाई जो वोट हो वो इंपीच मेंट की तरफ दो तिहाई टू थड तो हमको क्या चाहिए टोटल मेंबरशिप का टोटल मेंबरशिप का 50 पर प्सव और जो लोग वोट कर रहे हैं एक्चुअली प्रेजेंट एंड वोटिंग बोलते हैं उनको द पीपल प्रेजेंट एंड वोटिंग जो पार्टिसिपेट कर रहे हैं प्रोसेस में हम हमको उनका थड चाहिए दो तिहाई चाहिए तो मानो टोटल मेंबरशिप अगर मान लो 500 है तो हमको पहले लेवल पर चाहिए कि 250 प्सव मतलब 251 लोग हां बोले दूसरे लेवल में हमको चाहिए कि अगर मानो 400 लोग या 300 लोग पार्टिसिपेट कर रहे हैं तो उसका दो तिहाई हां बोले मतलब 200 आदमी हां बोले ये दोनों ही क्राइटेरिया जब सेटिस्फाई होते हैं बच्चे तब माना जाता है कि वो जो मोशन है उस सदन के अंदर सक्सेसफुल हो गया है अभी इंपीच मेंट हुआ नहीं जब एक सदन से यह मोशन सक्सेसफुल हो जाएगा इंपीच मेंट का तब वो जाएगा दूसरे सदन में और दूसरे सदन में डायरेक्ट वोटिंग नहीं हो जाती इंक्वायरी होगी इन्वेस्टिगेशन होगी प्रेसिडेंट को मौका मिलेगा अपनी बातों को रखने का उसे 14 डेज का नोटिस दिया जाएगा मतलब पूरा मौका मिलेगा अपनी बात को रखने का प्रॉपर और उसके बाद में अगर सही लगेगा तो उस सदन में भी वोटिंग होगी और उस सदन में भी सेम प्रोसेस होगा टोटल मेंबरशिप का 50 पर प्लस वन देना पड़ेगा बेटा और जो मेंबर्स प्रेजेंट एंड वोटिंग होंगे उसका भी टू थर्ड देना पड़ेगा मतलब उस सदन को भी वो इंक्वायरी वगैरह कंडक्ट करने के बाद यही सेम प्रोसेस से होकर गुजरना पड़ेगा अगर वह दूसरा सदन भी ऐसा कर देता है तब हम मानेंगे तब हम मानेंगे कि इंपीच मेंट का प्रोसेस पूरा हुआ है बचों तो इतना लंबा प्रोसेस तो मोशन इनिशिएटिव को पास कराने के लिए चाहिए पहले सदन से फिर दूसरे सदन में इंक्वायरी वगैरह होगी सारी प्रक्रिया होगी फिर दूसरे सदन से भी उसको स्पेशल मेजॉरिटी से पास कराना है तो इतना इलब प्रोसेस है किसी को भी किस प्रेसिडेंट के पस से हटाना दो तिहाई का मतलब बच्चे मैथ्स है सीधी सधी अगर तीन चीजें हैं तो तीन चीजों की दो तिही कितनी हो गई दो ू थर्ड मैथ्स ठीक है चलो पर ये सब कैलकुलेशन नहीं करनी पड़ेगी आपको एग्जाम में यह सब तो मैं आपको समझाने के लिए बता रहा हूं आपको बस यह बातें लिखनी होंगी ठीक है तो नॉर्मल टर्म फाइव इयर्स का है रिजाइन कर सकता है वाइस प्रेसिडेंट को अपना रेजिग्नेशन लेटर देके और इंपीच मेंट प्रोसेस क्या होता है मैंने आपको हल्का सा बता दिया अब देखो प्रेसिडेंट के संबंध में जो इंपॉर्टेंट बात जो एक रह गई वो रह गई ऑर्डिनेंस की देखो ऑर्डिनेंस मेकिंग पावर बहुत इंपॉर्टेंट पावर होती है प्रेसिडेंट की और इसकी बात की गई है आर्टिकल 123 के अंदर अभी ऑर्डिनेंस होता क्या है फटाफट से समझ लो देखो बच्चे आप सभी को पता है कि जो लोकसभा है राज्यसभा है हमेशा तो बैठी रहती नहीं है वो तो सेशंस में काम करती है तीन महीना काम करेगी फिर ब्रेक होगा फिर वह बैठेगी सेशन में फिर ब्रेक होगा फिर वोह बैठेगी सेशन में पर बच्चे एक बात समझो आप हम लोग इतना बड़ा देश हैं कभी भी कानून की तो जरूरत पड़ सकती है मानो कोई भी इमरजेंसी की सिचुएशन हो गई है और कानून बनाना जरूरी है पर सदन तो है नहीं और सदन को बुलाओगे भी इतने सारे लोग हैं सब मेंबर्स को आने में बहुत टाइम लग जाएगा इसलिए हमने एक प्रेसिडेंट को यह स्पेशल पावर दी है कि अगर कभी ऐसी सिचुएशन हो जाए कि किसी कानून को बनाने की बहुत ज्यादा जरूरत है पर लोकसभा राज्यसभा सेशन में नहीं है तो प्रेसिडेंट क्या करेगा ऑर्डिनेंस प्रोमल्गेट्स जारी करेगा और वह जो ऑर्डिनेंस जारी करेगा वो कुछ नहीं है वो कानून ही है और वो तुरंत के तुरंत लागू हो जाएगा उसमें कुछ जरूरत नहीं है और वह बिल्कुल जैसे कि यह कानून काम करता है पार्लियामेंट से पास होकर बिल्कुल वैसे ही काम करेगा कोई फर्क नहीं होगा बस फर्क कहां पर आएगा कि जब बाद में ऑर्डिनेंस को प्रोमिल गट हो गया ऑर्डिनेंस इफेक्ट में आ गया कानून की तरह काम करने लगा अब जब भी आगे चलकर लोकसभा और राज्यसभा बैठेगी मतलब पार्लियामेंट सेशन में आएगी तो व पार्लियामेंट के सेशन में आने के छ हफ्तों के अंदर मतलब छ हफ्तों के बाद सिक्स वीक्स अपने आप खत्म हो जाए तो जो मैक्सिमम वैलिडिटी होती है किसी ऑर्डिनेंस की वह छ हफ्तों तक होती है सदन के सेशन में आने के बाद ठीक है इन छ हफ्तों के अंदर जो पार्लियामेंट है वो अगर चाहती है तो उसके ऊपर कानून ले आती है और वो ऑर्डिनेंस रिप्लेस हो जाता है विद लॉ ठीक है क्लियर है और अगर पार्लियामेंट कानून बनाना नहीं चाहती और कहती है कि ऑर्डिनेंस भी बेकार था तो उसे जरूरत नहीं कि वो छ हफ्ते तक बैठ के वेट करें कि खत्म होगा अगर पार्लियामेंट चाहे तो कांस्टीट्यूट होने के पहले दिन ही उस ऑर्डिनेंस को कैंसिल भी कर सकती है ठीक है तो ऑर्डिनेंस मेकिंग पावर एक इमरजेंसी सिचुएशन से डील करने की पावर है जहां पे प्रेसिडेंट ऑर्डिनेंस प्रोमल्गेट्स सिचुएशन से डील करता है जहां पर पार्लियामेंट सेशन में नहीं होती है बच्चों और इस ऑर्डिनेंस की वैलिडिटी है छ हफ्तों तक पार्लियामेंट के सेशन में आने के बाद ठीक है दिस इज आर्टिकल 123 अब आते हैं हम लोग अपने दूसरे टॉपिक पे जो कि है वाइस प्रेसिडेंट वाइस प्रेसिडेंट बच्चे कंपैरेटिव आसान टॉपिक है ठीक है इसका भी जो प्रोसीजर है वह काफी सिमिलर लगेगा आपको प्रेसिडेंट से जैसे कि इसका भी जो इलेक्शन है वो इनडायरेक्ट होता है आप जैसे मेरे जैसे लोग इसके इलेक्शन में पार्टिसिपेट नहीं करते हमारे रिप्रेजेंटेटिव करते हैं यहां पर भी वही सिस्टम है इलेक्टो कॉलेज वाला पर इसका इलेक्टोरल कॉलेज अलग है प्रेसिडेंट के इलेक्टोरल कॉलेज से जैसे प्रेसिडेंट के इलेक्टोरल कॉलेज में तो पार्लियामेंट के भी मेंबर्स थे लेजिस्लेटिव असेंबली के भी मेंबर्स थे पर वाइस प्रेसिडेंट के इलेक्टोरल कॉलेज में केवल और केवल लोकसभा और राज्यसभा के ही मेंबर्स होते हैं पहला फर्क तो यह है दूसरा फर्क यह है कि जैसे प्रेसिडेंट के इलेक्टोरल कॉलेज में केवल और केवल इलेक्टेड मेंबर्स थे नॉमिनेटेड वाले मेंबर्स को वोटिंग का राइट नहीं था पर वाइस प्रेसिडेंट के इलेक्शन में इलेक्टेड मेंबर्स भी बच्चे पार्टिसिपेट करते हैं और नॉमिनेटेड भी करते हैं तो मतलब जो पूरी टोटल स्ट्रेंथ है लोकसभा की और राज्यसभा की मतलब राज्यसभा के 250 के 250 और लोकसभा में भी अगर नॉमिनेशन हो रखा है तो 552 लोग सबकी सब इलेक्टोरल कॉलेज का पार्ट होंगे और वो वोट करेंगे और यहां पे वो वैल्यू वगैरह कैलकुलेट करने की भी जरूरत नहीं होती है सबकी वैल्यू बराबर है तो सिस्टम वैसा ही है पर कंपैरेटिव आसान है सिंपल है ठीक है वाइस प्रेसिडेंट का अब देखो यहां पर भी वही वाला सिस्टम चलता है सिंगल ट्रांसफरेबल वोट वाला मतलब वैसे ही आपको पर्चा दे दिया जाएगा आपको प्रेफरेंस देनी होगी एक दो या तीन और उसी के हिसाब से हम लोग डिसाइड करेंगे कि कौन जीता और वही सीक्रेट बैलेट है डिस्क्लोज करने की जरूरत नहीं होती है अब यह वाली जो बात आप देख रहे हो दिस इज वेरी इंपॉर्टेंट अगर बच्चे कभी भी कोई भी डाउट अराइज होगा कोई भी डिस्प्यूट अराइज होगा कोई भी कंफ्यूजन अराइज होता है वाइस प्रेसिडेंट के इलेक्शन से संबंधित उसके बारे में फैसला देने का अधिकार केवल और केवल सुप्रीम कोर्ट के पास होता है और किसी कोर्ट के पास नहीं होता यह मैंने स्पेसिफिकली डाला है क्योंकि कुछ सालों में पहले यह क्वेश्चन बार-बार पूछा जा रहा है मुझे नहीं पता क्यों पूछा जा रहा है पर बार-बार पूछा जा रहा है अब वाइस प्रेसिडेंट बने की क्वालिफिकेशन क्या होती है सबसे पहला भारतीय नागरिक होना चाहिए दूसरा 35 साल का होना चाहिए कम से कम वही है प्रेसिडेंट की तरह 35 इयर्स का होना चाहिए पर यह फर्क है जैसे प्रेसिडेंट के लिए आपको जो क्वालिफिकेशन का क्राइटेरिया है वो लोकसभा वाला है कि आप लोकसभा के इलेक्शन को कंटेस्ट करने के लिए कैपेबल होना चाहिए यहां पे जो क्राइटेरिया है वो राज्यसभा का है कि जो भी व्यक्ति वाइस प्रेसिडेंट बनना चाहता है वो क्वालिफाइड होना चाहिए टू कंटेस्ट अ इलेक्शन फॉर अ मेंबरशिप ऑफ राज्यसभा और वही आखिरी बात तो वही है कि कोई भी ऑफिस ऑफ प्रॉफिट होल्ड ना करें क्योंकि वाइस प्रेसिडेंट का भी एक इंपॉर्टेंट पद है हमको चाहिए कि ट्रांसपेरेंसी रहे न्यूट्रलिज्म होना चाहिए कम से कम राज्यसभा के लिए क्वालिफाइड होना चाहिए और ऑफिस ऑफ प्रॉफिट होल्ड ना करें प्रेसिडेंट की तरह वाइस प्रेसिडेंट का भी जो टर्म होता है बच्चे नॉर्मल वो फाइव इयर्स का ही होता है उसकी काउंटिंग उस दिन शुरू हो जाती है जब वो अपने ऑफिस में पहली बार जाता है पर वो रिजाइन भी कर सकता है अब देखना बड़ी इंटरेस्टिंग सी बात वाइट प्रेसिडेंट अपना रेजिग्नेशन किसको देता है प्रेसिडेंट को देखो कितनी अजीब सी सिचुएशन है प्रेसिडेंट अपना रेजिग्नेशन दे रहा है वाइस प्रेसिडेंट को और वाइस प्रेसिडेंट अपना रेजिग्नेशन किसको दे रहा है प्रेसिडेंट ठीक है समझ रहे हो तो ये दो लोग आपस में रेजिग्नेशन रेजिग्नेशन खेलते हैं ठीक है भाई भाई वाली सिचुएशन है अब देखो रिमूवल की बात करते हैं देखो प्रेसिडेंट में तो वो इंपीच मेंट वाला प्रोसेस है कितना डिटेल प्रोसेस है वाइस प्रेसिडेंट के में भी प्रोसेस है पर इतना डिटेल नहीं है कंपैरेटिव आसान है वाइस प्रेसिडेंट को अगर आपको निकालना है तो आप एक रेजोल्यूशन पास करोगे ठीक है और यह रेजोल्यूशन कहां पास होगा ये इंपॉर्टेंट बच्चे यह रेजोल्यूशन केवल और केवल राज्यसभा में पास होगा ठीक है और इसके लिए क्या चाहिए मेजॉरिटी चाहिए ठीक है जो भी सदस्यता है राज्यसभा की उसकी मेजोरिटी बोले कि हां हमको इस व्यक्ति को रिमूव करना और एक बार यह रेजोल्यूशन पास हो गया फिर इसको एग्री करना पड़ेगा लोकसभा मतलब करना पड़ेगा वाली बात नहीं लोकसभा भी अपना प्रोसेस फॉलो करेगी और उसको मूव करेगी वो वाला सिस्टम नहीं है कि भाई आपको पहले मोशन मूव करो फिर उसको इतना लेबोरेटरी नहीं है कि इंक्वायरी वगैरह बैठा हो सिंपल से राज्यसभा के अंदर वो रेजोल्यूशन क्लियर हो जाए और लोकसभा उसको एग्री कर ले बात खत्म हो जाती है कुछ बहुत ज्यादा आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है ठीक है अब मुझे फटाफट से यहां पर बता दो प्रेसिडेंट और वाइस प्रे डेंट कोई डाउट कोई कंफ्यूजन जल्दी से बताओ सब कुछ क्लियर है अभी तक कोई भी ऐसी बात जो समझ में नहीं आई है आर यू ल क्लियर सो फार देखो बच्चे कांस्टिट्यूशन का एक ऐसा सब्जेक्ट है जिसमें थोड़ी हिम्मत रखनी पड़ती है ठीक है इसमें यह जरूरी होगा कि आप थोड़ा सा अपने खुद की क्षमता से भी चीजों को लिखो इसके लिए चीजों को समझ में आना बहुत जरूरी है यहां पर इस बात का महत्व नहीं है कि आपने ने कितना सारा पढ़ा है यहां पे इस बात का महत्व है कि आपने जितना पढ़ा है उसमें आपको इतनी मतलब डिटेल में नॉलेज है कि आप उसको अच्छे से लिख लोगे और बाल की खाल निकालने से बच्चे कुछ नहीं होता है क्वेश्चंस जो है बड़े सीधे-सीधे आते हैं बिना बात के पीएचडी करने की जरूरत नहीं है चीजों के अंदर उतना पढ़ो जितना जरूरी है क्योंकि हमारा पर्पस बच्चे एग्जाम को निकालना है ठीक है क्लियर है अगर बातें मेरी समझ में आ रही है तो सब कुछ ठीक चल रहा है ठीक है थैंक यू सो मच आ जाओ अब मैं आपको लेकर चल रहा हूं थर्ड और फोर्थ टॉपिक पे दोनों प एक साथ क्योंकि दोनों ही जुड़े हुए हैं कौन-कौन से प्राइम मिनिस्टर और काउंसिल ऑफ मिनिस्टर देखो ये दोनों ही टॉपिक के अंदर कुछ भी याद करने वाला नहीं है आर्टिकल नंबर के अलावा कुछ भी याद करने वाला नहीं है सब कुछ समझने वाला है और एक बार मेहनत लगेगी समझने में एक बार बच्चों अगर आप लोगों ने समझ लिया कभी दिक्कत परेशानी आपको झेलनी ही नहीं होगी सुनिए जरा देखो आर्टिकल 74 सबसे इंपॉर्टेंट आर्टिकल है जो आपको सबसे पहले लिखना होगा अपने आंसर में अगर इन दोनों में से क्वेश्चन आता है तो यह आर्टिकल कहता है कि देयर शैल बी अ काउंसिल ऑफ मिनिस्टर विद द प्राइम मिनिस्टर एट इट्स हेड अभी आधा हुआ है मतलब हमारा आर्टिकल 74 कहता है कि एक काउंसिल ऑफ मिनिस्टर होगी जिसका हेड कौन होगा प्राइम मिनिस्टर होगा अब पढ़ते हैं दूसरा पार्ट यह जो काउंसिल ऑफ मिनिस्टर है जिसका प्राइम मिनिस्टर हेड है यह एड कर शब्दों पर ध्यान देना यह एडवाइज करेगी किसको करेगी एड और एडवाइस हमारे प्रेसिडेंट साहब को जिनको अभी हमने पढ़ा और किस चीज में एडवाइस करेगी अपने फंक्शंस को एक्सरसाइज करने में और सबसे इंपॉर्टेंट बात यह है कि जो प्रेसिडेंट है वह उसी एडवाइस के हिसाब से ही काम करेगा अब यहां पे होता है खुलासा तो जो भी शुरू में महान महान बातें हम पढ़ रहे थे कि जो प्रेसिडेंट है वो नॉमिनल हेड है प्राइम मिनिस्टर जो है वो रियल हेड है वो क्यों है इस एक छोटे से आर्टिकल की वजह से इस छोटे से एक आर्टिकल की वजह से ये सच्चाई बाहर निकल के आती है क्योंकि प्रेसिडेंट जो भी कुछ करेगा जो भी कुछ करेगा अपनी ऑफिशियल कैपेसिटी के अंदर वह काउंसिल ऑफ मिनिस्टर की जिसका हेड प्राइम मिनिस्टर है उसकी एड और एडवाइस पर करेगा उसकी सहायता और सलाह पर करेगा करना ही होगा तो प्रेसिडेंट की कोई से है नहीं बस चीजें उसके नाम से हो रही है इस बात का वो हेड है इसलिए बोलते हैं उसे नॉमिनल हेड स्टैंप हेड जो असल फैसला लिया जा रहा है ना देश का चाहे वो कानून बनाने के संबंध में हो पॉलिसी बनाने के संबंध में हो या हटाने के संबंध में हो दैट इज ऑल विद दी काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स विद द प्राइम मिनिस्टर एट इट्स हेड मैंने आपको क्या समझाया था परसों की क्लास में कि सारे गुटबाजी पहले ही हो जाती है इलेक्शन से पहले कि ये फलानी पार्टी है ये फलानी पार्टी फिर इलेक्शन होते हैं फिर उनमें से कोई एक पार्टी मेजॉरिटी में आती है वो सरकार बनाती है तो सरकार में सब लोग हैं जो एक पार्टी के हैं जो जीते हैं उनमें से कुछ लोग अपना लीडर चुनते हैं कुछ लोग क्या मतलब सब लोग मिलके अपना एक लीडर चुनते हैं जिसको हम बोलते हैं प्राइम मिनिस्टर और वो प्राइम मिनिस्टर फिर उन सभी लोगों में से जो गवर्नमेंट में है अपने काउंसिल ऑफ मिनिस्टर चुनता है तो सरकार ने बनाया प्राइम मिनिस्टर प्राइम मिनिस्टर ने बनाई अपनी काउंसिल ऑफ मिनिस्टर और यही जो काउंसिल ऑफ मिनिस्टर है और प्राइम मिनिस्टर टॉप पे है यही मिलकर पूरा देश चलाते हैं और प्रेसिडेंट को हर वही फैसला लेना होता है जो यह लोग उसको लेने के लिए बोले और यह बात कहां लिखी है आर्टिकल 74 के अंदर ठीक है क्लियर है यह बात दूसरी बात जो हमारा प्रेसिडेंट होता है प्रेसिडेंट कह रहा हूं प्राइम मिनिस्टर जो हमारा होता है जो लीडर ऑफ द गवर्नमेंट है हेड ऑफ द काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स है इसको अपॉइंटमेंट देखो यहां से एमसीक्यू बनता है प्रीलिम्स का बच्चे कंफ्यूज हो जाते हैं प्राइम मिनिस्टर को कौन अपॉइंटमेंट ठीक है उसका डिस्क्रेडिट के लोग बोलेंगे उसको ही करना पड़ेगा पर जो बाकी के मिनिस्टर्स है जो मिलके काउंसिल ऑफ मिनिस्टर बनाएंगे उसको भी अपॉइंटमेंट ही करेगा बच्चे पर प्राइम मिनिस्टर की एडवाइस पर करेगा तो प्राइम मिनिस्टर जिसको बोलेगा कि इसको मिनिस्टर बनाना है तो प्रेसिडेंट उसी को बनाएगा तो पहले प्रेसिडेंट एक प्राइम मिनिस्टर को चुनेगा किसके कहने पर चुनेगा जो सरकार में मेजॉरिटी में आई है जिसके नंबर ज्यादा है और जैसे ही प्राइम मिनिस्टर को चुन लिया फिर उस प्राइम मिनिस्टर के कहने पे उसके मिनिस्टर्स को चुनेगा जो उसकी काउंसिल बनाएंगे ठीक है और एक बात याद रखना कहने की बात है बस कि ये जो सारे मिनिस्टर्स है ना काउंसिल ऑफ मिनिस्टर प्राइम मिनिस्टर यह प्रेसिडेंट के प्लेजर पर काम करते हैं खासकर काउंसिल ऑफ मिनिस्टर पर ये पूरी तरीके से कहने की बात है असल में यह जो सारे मिनिस्टर्स हैं किसके प्लेजर प काम करते प्राइम मिनिस्टर के क्योंकि प्राइम मिनिस्टर के कहने पर ही प्रेसिडेंट ने उनको मिनिस्टर बनाया है वैसे ही प्राइम मिनिस्टर के ही कहने पर वह उनको उस मिनिस्टरशिप से हटा सकता ठीक है क्लियर बात है कोई कन्फ्यूजन नहीं है और आखिरी बात और बहुत इंपॉर्टेंट बात यह सारी बातें जो मैं आपको पढ़ा रहा हूं य सेक्शन 75 में लिखी हुई है सेक्शन कह रहा हूं आर्टिकल 75 में लिखी हुई है बच्चे यह बात बहुत ध्यान से सुनना यह जो काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स हैं जैसा मैंने बताया सबसे पावरफुल लोग हैं हमारे देश में हमारे देश को चलाने वाले लोग यह बच्चे कलेक्टिवली रिस्पांसिबल होते हैं दो शब्द है एक है कलेक्टिवली एक है रिस्पांसिबल किसको हाउस ऑफ द पीपल को मतलब लोकसभा अब यह वाला लॉजिक समझना बहुत जरूरी है आप लोगों के लिए देखो इतना तो आप समझ गए आर्टिकल 74 75 देख के कि जो रियल पावर है दैट इज विद दीज काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स और प्राइम मिनिस्टर एट इट्स हेड प्रेसिडेंट वगैरह बाकी सब तो बस हाथों की कठपुतलियों की तरह काम कर अब इतनी बड़ी पावर दी है तो जिम्मेदारी भी तो देगी जवाबदेही भी तो देनी पड़ेगी वह भी तो साथ के साथ ही चलती है तो हर एक जो मिनिस्टर है काउंसिल ऑफ मिनिस्टर के अंदर वह डायरेक्टली रिस्पांसिबल होता है लोकसभा को आप सोचोगे कि सर लोकसभा क्यों लिखा राज्यसभा क्यों नहीं लि लोकसभा इसलिए लिखा क्योंकि बच्चे लोकसभा बैठते हम सब लोगों के रिप्रेजेंटेटिव जिनको हम लोगों ने चुना है डायरेक्टली चुना किसी के थ्रू नहीं खुद डायरेक्टली चुना है उसमें कुछ सरकार के भी लोग हैं कुछ अपोजिशन के भी लोग हैं जो सरकार नहीं बना पाए पर जो सरकार नहीं बना पाए उनको भी तो हम ही लोगों ने चुना है सही बात है तो जब हम यह कहते हैं कि काउंसिल ऑफ मिनिस्टर रिस्पांसिबल होगी टू द लोकसभा तो हम क्या कह रहे हैं इनडायरेक्टली कि काउंसिल ऑफ मिनिस्टर रिस्पांसिबल होगी हम लोगों को जब कह रहे हमारे रिप्रेजेंटेटिव को तो हम यही तो कह रहे हैं कि हम लोगों को उनकी जवाबदेही हमारी तरफ होगी उनके हर एक फैसले के लिए यह तो हो गई रिस्पांसिबिलिटी बात ये जो कलेक्टिव शब्द है यह बहुत महत्त्वपूर्ण है यह जो काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स की रिस्पांसिबिलिटी है वो ये नहीं है कि इस मिनिस्टर ने ये गलत कर दिया तो इसको डाटो बाकी को कुछ मत बोलो या बाकी का कोई लेना देना नहीं है ये मिनिस्ट्री तो इसकी है जैसे डिफेंस में कोई गड़बड़ होगी तो केवल डिफेंस मिनिस्ट्री के डिफेंस मिनिस्टर के पीछे पड़ जाओ या होम मिनिस्ट्री में कोई गड़बड़ होगी तो होम के पीछे पड़ जाओ बाकियों को कोई लेना देना नहीं गड़बड़ कोई भी करे गलत कोई भी करे डजन मैटर हर एक व्यक्ति जो काउंसिल ऑफ मिनिस्टर का पार्ट है इंक्लूडिंग द प्राइम मिनिस्टर उसकी जवाबदेही बनती है उसकी रिस्पांसिबिलिटी बनती है टुवर्ड्स अस मतलब टुवर्ड्स द लोकसभा तो जो रिस्पांसिबिलिटी है वो कलेक्टिव है यह नहीं कर सकते जसे हम लोग आपस में दोस्त करते हैं इसने मारा इसने मारा या इसने गलत किया उसने गलत नहीं नहीं डजन मैटर किसने किया गलती काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स से हुई है क्योंकि उनकी जो रिस्पांसिबिलिटी है वो कलेक्टिव ठीक है समझ में आ गया प्राइम मिनिस्टर की बात और किसकी बात काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स की बात मुझे फटाफट से बताओ चैट बॉक्स में आर यू ऑल क्लियर सो फार बच्चे प्राइम मिनिस्टर कैसे रेगुलेट कर रहा है काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स को काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स कैसे डिसीजन ले रही है और कैसे रिस्पांसिबल हो रही है टुवर्ड्स द लोकसभा कोई डाउट कोई कंफ्यूजन तो नहीं है बच्चे दीपिका श्वेता सुष्मिता सलोनी श्रेया श्रुति शालिनी निखिल शिवम अमनप्रीत अमन आंचल कोमल काजल मुनीम साक्षी सुरभी अक्षिता श्रुति वर्मा अनिल मंजू संजय पूर्वा बच्चे किसी का नाम मेंस हो जाए प्लीज मुझे माफ कर देना बिकॉज थोड़ा सा स्पीड से चलता है तो जो मेरी आय पकड़ पाती मैं उसका नाम ले देता हूं ठीक है प्रियांशु पूर्व में सभी से बराबर प्यार करता हूं और कभी इतना मन हो जाए ना मेरे से प्यार करने का तो मेरे टेलीग्राम चैनल प आ जाओ मैं कल लाइव आऊंगा तो आराम से बात करेंगे ठीक है राहुल प्रियांशु चलो ठीक है अब हम बढ़ते हैं अपने आज के डिस्कशन के लास्ट पॉइंट पर जो है अटॉर्नी जनरल इसके बाद केस लॉज भी बचे हैं ठीक है अटॉर्नी जनरल की बहुत बढ़िया पोस्ट है इसके लिए जो प्रोविजन है वो है आर्टिकल 76 अभी अटॉर्नी जनरल क्या होता है य अटॉर्नी जनरल फॉर इंडिया हम बोलते हैं यह क्या होता है जैसे कई बच्चे तो इसी में कंफ्यूज रहते हैं अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया फॉर इंडिया इसमें भी बाल की खाल निकालते य ऑफ क्यों है ये फॉर क्यों है अरे बच्चे ये सब बेगार की बात है ये सब लिख लिख के भी मत आना अपने आंसर में टीचर सोचेगा किस में फसा हुआ है कांसेप्ट कांसेप्ट को समझना है ठीक है तो अटॉर्नी जनरल फॉर इंडिया आर्टिकल 76 यह होता कौन है बच्चे हाईएस्ट लॉ ऑफिसर होता है हमारे कंट्री का हमारे देश का सर्वप्रिय सबसे बड़ा कानून का ऑफिसर होता है कौन अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया तो आप जैसे मेरे जैसे सब लोगों का ये रिप्रेजेंटेटिव है ठीक है अब इसके लिए क्वालिफिकेशन क्या है क्राइटेरिया क्या है कौन बन सकता है अटॉर्नी जनरल तो हर कोई व्यक्ति जो क्वालिफाइड है सुप्रीम कोर्ट का जज बनने के लिए वो व्यक्ति अटॉर्नी जनरल बन सकता है तो अगर कोई व्यक्ति अटॉर्नी जनरल बनना चाहता है तो उसे वो सारे क्राइटेरिया सेटिस्फाई करने पड़ेंगे जो सुप्रीम कोर्ट का जज बनने के लिए जरूरी होता है अब आप कहोगे सर आपने सुप्रीम कोर्ट तो अभी पढ़ाया नहीं वो तो मैं आपको अगली क्लास में पढ़ाने वाला हूं तो कैसे पता हमको क्या क्राइटेरिया तो हल्का सा बता देता हूं वैसे कल डिटेल में समझाऊ देखो अगर आपको सुप्रीम कोर्ट का जज बनना है तो पहला क्राइटेरिया है कि आपने जज होने की पोजीशन होल्ड करी हो कम से कम 5 साल के लिए किसी भी हाई कोर्ट में या एक से ज्यादा हाई कोर्ट में मतलब टोटल आपके पास पा साल का एक्सपीरियंस हो हाई कोर्ट के जज होने दूसरा क्राइटेरिया कि आप ने प्रैक्टिस की हो आपने एज एन एडवोकेट प्रैक्टिस की हो हाई कोर्ट के सामने या एक से ज्यादा हाई कोर्टों के सामने 10 साल के लिए और तीसरा क्राइटेरिया कि आप एक एक डिस्टिंग्विश्ड जूरिस्ट हो मतलब आप बहुत ज्ञानवान आदमी हो कानून के क्षेत्र में और डिस्टिंग्विश मतलब अलग से आपकी वैल्यू है समाज में और किसकी नजर में होनी चाहिए वैल्यू प्रेसिडेंट की नजर प्रेसिडेंट को अगर लगता है कि कोई व्यक्ति डिस्टिंग्विश जूरिस्ट है भले ही वो वकील नहीं है भले ही वो उसके पास जज होने का एक्सपीरियंस नहीं है तो सुप्रीम कोर्ट का जज बना सकता है आपको तो यही सेम क्राइटेरिया 5 साल हाई कोर्ट का जज होना या फिर 10 साल का एडवोकेट होना हाई कोर्ट के सामने या फिर डिस्टिंग्विश रिस्ट होना क्वालिफिकेशन है अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया बनने की पर भैया सुप्रीम कोर्ट के जजेस तो बहुत प्रोटेक्टेड होते हैं कल आप देखना 65 साल पर रिटायर होते हैं उनको निकालना बहुत मुश्किल है इंपीच मेंट प्रोसेस बहुत खतरनाक है प्रेसिडेंट के भी इंपीच मेंट के प्रोसेस को पीछे छोड़ देता है पर बेचारा जो अटॉर्नी जनरल होता है ना इसका टर्म फिक्स नहीं होता बे दिस इज मोर ऑफ ए पॉलिटिकल अपॉइंटमेंट तो जब तक सरकार रहती है जिस सरकार ने उसको अपॉइंट्स बात बता रहा हूं यह सब कांस्टिट्यूशन में जैसे ही सरकार का टर्म खत्म होता है नॉर्मली 5 साल पूरा करके तो व बेचारा खुद भी अपना पद छोड़ देता है ठीक है तो कोई फिक्स टर्म नहीं है अपॉइंटमेंट होता है तब तक चलता है जब तक प्लेजर है और प्लेजर कब तक है जब तक सरकार है सीधी बात तो अटॉर्नी जनरल आर्टिकल 76 ठीक है हाईएस्ट लॉ ऑफिसर है सुप्रीम कोर्ट के लिए जो क्वालिफिकेशन चाहिए वो सेटिस्फाई करता होना चाहिए और इसका जो टर्म होता है वो फिक्स ठीक है क्लियर है अब आते हैं किस पर केस लॉस प दो केसेस है दोनों का पर्सपेक्टिव बहुत डिफरेंट है एक दूसरे से अब इस्तेमाल करना सीखेगा जैसे कल थोड़ा सा बच्चों से बात कर रहा था तो कई बच्चों ने बोला सर केस लॉज ना डिटेल में पढ़ेंगे अच्छा एक बत बताओ डिटेल में पढ़ने का मतलब क्या होता है जब आप एग्जाम में एजाम आंसर लिख रहे होंग और आपके पास 25 मिनट होंगे फुल फ्लेड आंसर लिखने के लिए जिसमें आपको यह सारा डिस्कशन करना होगा तो आप केस ल डिटेल में लिखो सोचो मैं आपको सही बात बताऊ किसी भी केस लॉ प चाहे कितनी भी रिसर्च कर लेना दुनिया भर की तीन चार लाइन से ज्यादा लिखने का समय नहीं होगा और अगर तीन चार से ज लाइन से ज्यादा दोगे ना किसी केस लॉ को तो केस लॉज ही लिखते रह जाओ या तो फिर वो क्वेश्चन ही ऐसा है कि उसम पूछा ही वो केस लॉ तो बात अलग है मैं नॉर्मल किसी टॉपिक के अंदर अगर किसी केस लॉ को मेंशन कर रहे हो दो तीन चार लाइन से ज्यादा लिख पा रहे हो तो भाई भगवान हो आप इंसान तो नहीं तो केस लॉ हमें ये आना चाहिए कि वो केस लॉ है क्या वो कह क्या रहा है और उसका इस्तेमाल कहां करना है ना कि ये कि उसकी फैक्चर कहानी कितनी महान थी उसमें जजों का नाम क्याक था क्या क्या आर्गुमेंट हुए थे वाह किसको सुनाओ ग यार कौन किसके पास टाइम है सुनने का ऐसे ऐसे हाथ कापरे होते हैं कैसे कान से खत्म हो सुन लिया करो कभी-कभी कुछ पढ़ाया करू तो मेरे को भी एक्सपीरियंस है भाई मुझे पता है बच्चे को कितना देना है थोड़ा भरोसा किया करो हमेशा ओवर स्मार्ट बनने की जरूरत नहीं है सुनो पहला केस यूएन राव वर्सेस इंदिरा गांधी बहुत बड़ा अथॉरिटी है सुप्रीम कोर्ट का 1971 का जजमेंट है यह कहता है आर्टिकल 74 का सब आर्टिकल वन वही बात जो अभी मैं आपको बता रहा था क्या बता रहा था कि भाई जो प्रेसिडेंट है वह काउंसिल ऑफ मिनिस्टर की एड और एडवाइस पर काम करेगा यह जजमेंट ने स्वीकार किया आर्टिकल 74 की यह बात मैंडेटरी है और प्रेसिडेंट के पास कोई चॉइस नहीं है हमारे भारतीय संविधान ने यह साफसाफ लिखा है कि जो प्रेसिडेंट है वह एड और एडवाइस पे ही चलेगा क्योंकि हमारा पार्लियामेंट्री फॉर्म ऑफ़ गवर्नमेंट है हमारा प्रेसिडेंशियल फॉर्म ऑफ गवर्नमेंट है ही नहीं कि किसी प्रेसिडेंट के पास रियल पावर हो हमारे यहां का प्रेसिडेंट और ब्रिटेन का मोनार्क राजा रानी बराबर ही है कहने को सब कुछ उनका नाम पे है कहने को उन्हीं का राज चल रहा है बट रियल पावर उन पे कुछ है नहीं तो ट इज़ दी सेम सिचुएशन जो हमारे इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन में है प्रेसिडेंट की तो कहने का मतलब है सच्चाई को स्वीकार कर लो प्रेसिडेंट साहब कितनी भी कड़वी लगे पर आपको एड और एडवाइस पर ही काम करना है किसकी किसकी काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स की विद द प्राइम मिनिस्टर एट इट्स हेड तो जब भी आंसर लिखोगे तो इस जजमेंट को चुका देना ये केवल कांस्टिट्यूशन नहीं कह रहा हमारा सुप्रीम कोर्ट भी कह रहा है क्लियर शब्दों में क्लियर है दूसरी बात दूसरा केस डीसी वाधवा वर्सेस स्टेट ऑफ बिहार अनदर अथॉरिटी दूसरी चीज के बारे में बहुत इंपॉर्टेंट है 1987 का सुप्रीम कोर्ट तो कभी भी ऑर्डिनेंस के ऊपर आंसर लिखने को आ जाए फुल फ्लेज आ जाए छोटा वाला आ जाए यह जजमेंट जरूर लिखनी है इसमें क्या बोला गया इसमें बोला गया किसी भी ऑर्डिनेंस का सक्सेसिव रिप्रोमल्गेशन हमारे भारतीय संविधान के साथ धोखाधड़ी है फ्रॉड है अब ये पूरा बैकग्राउंड क्या है हल्का सा एक लाइन में समझाता हूं देखो बच्चों मैंने क्या बोला कि पार्लियामेंट सेशन में नहीं है और कानून बनाने की जरूरत है तो प्रेसिडेंट को हमने यह पावर दी है कि व ऑर्डिनेंस जारी करे और व बिल्कुल कानून की तरह काम करती और उसकी वैलिडिटी क्या होती है कि जैसे ही सदन बैठेगा उसके छ हफ्तों के अंदर व एक्सपायर कितना अच्छा प्रावधान है कितना प्रैक्टिकल है पर यार मिसयूज करने वाला व्यक्ति किसी चीज को छोड़ता है क्यों अगर कोई व्यक्ति इस ऑर्डिनेंस की पावर को मिसयूज करने पर आ जाए तो व क्या करेगा इसी ऑर्डिनेंस को बारबार जारी करता रहे पहली बार जारी करेगा छ महीनों के छ हफ्ते के बाद फिर एक्सपायर हो जाएगा फिर जारी कर दे फिर जारी कर देगा फिर जारी कर देगा क् भारतीय संविधान में यह तो नहीं लिखा कि किसी सब्जेक्ट मैटर के बारे में एक ही बार में जारी कर सकता हूं अब सवाल यह है कि ऐसा करों करेगा क्यों प्रेसिडेंट देखो प्रेसिडेंट बच्चों अपनी मर्जी से कुछ नहीं करता वो किसके कहने पर करेगा काउंसिल ऑफ मिनिस्टर के काउंसिल ऑफ मिनिस्टर उसे ऐसा क्यों करवा रहे हैं काउंसिल ऑफ मिनिस्टर ऐसा इसलिए करवा रहे हैं क्योंकि अगर ऑर्डिनेंस खत्म होगा तो अगर व उस चीज पर कानून चाहते हैं तो उन्हें क्या करना पड़ेगा उस बिल को पास करवाना पड़ेगा लोकसभा में भी राज्यसभा में भी तो कई क बार ऐसा होता है कि सरकार जिसकी है उसके पास मेजॉरिटी लोकसभा में तो है पर राज्यसभा में नहीं है तो बिल कैसे पास होगा तो चालाकी क्या करते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि उनका कानून नहीं बनने वाला है पार्लियामेंट के माध्यम से प्रेसिडेंट से बारबार बार बार सेम सब्जेक्ट मैटर के बारे में ऑर्डिनेंस निकलवा रहते हैं इसी बात का संज्ञान लिया डीसी बाधवा की जजमेंट के अंदर और यह क्लियर शब्दों में बोला बच्चों कि अगर आप ऐसा करते हो आप बार-बार ऑर्डिनेंस को रि प्रोमल्गेटिंग ना तो वहां पर भी यह वाली बात आएगी यह वाली जजमेंट फिर से इंपोर्टेंट हो जाएगी ठीक है चलो अब मुझे एक बार बता दो मेरी तसल्ली के लिए अभी तक जो भी बताया कोई कहीं कोई कंफ्यूजन तो नहीं आया बच्चे प्रेसिडेंट समझ में आया वाइस प्रेसिडेंट समझ में आया प्राइम मिनिस्टर समझ में आया काउंसिल ऑफ मिनिस्टर समझ में आया अटॉर्नी जनरल समझ में आया दोनों जो जजमेंट बताई यूएन राव और ये डीसी वाधवा आर दे ऑल क्लियर जल्दी से मेरे को बताओ नवेंद्र प्रतिका मौसमी शिवम विनेता अभी अमन साहिल दीपिका अक्षिता आरती शिवम साक्षी वर्मा मंजू शिवी ऑल क्लियर आकाश श्रेया सुष्मिता श्वेता शकी शिवी गायत्री रुखसार आपके इंटरेस्टिंग कुछ बच्चों के तो बड़े मॉडर्न नाम है मेरे समझ भी नहीं पाता क्या लिखा हुआ है पर बड़े अच्छे हैं चलो वेरी नाइस तो अब क्वेश्चन करें तैयार हो कमर कस लो अंकु और श्रेया आर यू ऑल रेडी क्वेश्चंस करें टेस्ट करें क्या सीखा क्या सीखा पिछले 50 मिनट में आ जाओ बताओ भाई दिखा दो मेरे को भी प्राउड कर दो थोड़ा सा आ जाओ इन इंडिया प्रेसिडेंट इज इलेक्टेड बाय डायरेक्ट इलेक्शन सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम प्रोपोर्शनल वोट सिस्टम ओपन बैलेट सिस्टम बताओ भारत के अंदर राष्ट्रपति का चुनाव किसके द्वारा किया जाता है प्रत्यक्ष चुनाव एकल हस्ता तरणय वोट प्रणाली अनुपातिक वोट प्रणाली ओपन बैलेट सिस्टम अब देखो कित कितनी जल्दी ज कितनी जल्दी बी बी बी बी उदय दीपिका श्रेया सब लोग बी कोमल सुर भी रुखसार मौसमी सोहिल उदय काजल विकारे यार बहुत स्मार्ट हो शिवी श्रेया ल गुड साक्षी प्रज्योत रितिक लीगल विंग्स बेटा अपने नाम से आओ यार आई सी यू एवरी डे बट कितना अजीब लगता है लीगल विंग श्रद्धा अमन चलो बहुत बढ़िया क्या था क्या था सिंगल ट्रांसफरेबल वोट ठीक है आ जा दूसरा क्वेश्चन द प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया इज इलेक्टेड बाय ओनली द मेंबर्स ऑफ राज्यसभा ओनली द मेंबर्स ऑफ लोकसभा ओनली बाय द मेंबर्स ऑफ स्टेट लेजिस्लेटिव असेंबली एंड लोकसभा या फिर द इलेक्टेड मेंबर्स ऑफ राज्यसभा लोकसभा स्टेट लेजिस्लेटिव असेंबली अब बताओ अब डी की ब आरोही सर्जन दीपिका मौसमी शिवम रुक्स सुजोन अभी जगमीत विनिता एक बंदा है टॉक्सिक रियल नेम से आ बेटा सोहिल विनय रुखसार रुचिका आयुष प्रियांशु ऋतिक सुष्मिता अमन श्रेया आकांक्षा प्रितिका आरती अंजली विथ शिवानी वेरी नाइस बच्चे सभी लोग सही दे रहे हो सॉरी मैं इसका आंसर हिंदी में पढ़ना भूल गया भारत के राष्ट्रपति का चुनाव किसके द्वारा किया जाता है केवल राज्यसभा के सदस्य केवल लोकसभा के सदस्य केवल राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के सदस्य राज्यसभा लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य इसका डी आंसर है बेटा तीसरा क्वेश्चन हाउ इज वाइफ प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया इलेक्टेड बाय डायरेक्ट नेशनल इलेक्शन नॉमिनेशन बाय प्रेसिडेंट बाय डायरेक्ट इलेक्शन बाय दी एमपीज ऑफ लोकसभा एंड एमएलएस ऑफ विधानसभा बाय इलेक्शन बाय एमपीज ऑफ लोकसभा एंड राज्यसभा थोड़ा कन्फ्यूजिंग सा क्वेश्चन है ध्यान से पढ़ लेना भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे किया जाता है प्रत्यक्ष राष्ट्रीय चुनाव द्वारा राष्ट्रपति द्वारा नामांकन लोकसभा के सदस्य और विधानसभा के विधायको को द्वारा सीधे चुनाव द्वारा लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों द्वारा बताओ शिवम सुरभी जगमीत श्रेया गायत्री विनीता दीपिका सुजोन काजल साहिल पूर्वा रितिक अमन विपिन शिवम कोमल आकांशा अंजलि मोना श्रद्धा रुखसार अमन वेरी नाइस बच्चे बहुत बढ़िया यह अच्छा थोड़ा सा कन्फ्यूजिंग क्वेश्चन था ना अगर यहां पर इनडायरेक्ट लिखा होता तो थोड़ा सा और मामला फस जाता चलो आ जाओ प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया इस क्वेश्चन को धन से सुनना प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया इ इलेक्टेड सिलेक्टेड नॉमिनेटेड अपॉइंटेड अभी आंसर मत देना मैं पीछे देख नहीं रहा हूं भारत के प्रधानमंत्री हैं चुने हुए चयनित नामांकित नियुक्त किया गया उनको बताओ फटाफट बताओ यहां दिमाग लगाओ अगर इसका आंसर आप लोग सही दोगे तो मैं समझ जाऊंगा कि मेरी मेहनत रंग ल रही है और आपकी भी आ रही है भाग्यश्री रुखसार विनीता सुजोन शे रुक्स भाग्यश्री दीपिका सोहेल सूरज कोमल तान्या विदुषी आरती अनुराग संजय मोना सुरभी अश्विन रितिक विनीता मधुसूदन निशा गार्गी वर्मा वर्मा जी अपना रियल नाम आओ मौसमी हुसनप्रीत निखिल रितिक प्रियांशु वेरी गुड विनय कुनाल श्रिया शुक्ला सुष्मिता सभी बच्चों ने सही आंसर दिया मुझे लग रहा था आप लोग कंफ्यूज हो जाओगे किसमें इलेक्टेड में और अपॉइंटेड में हां इलेक्टेड होता है वो लोकसभा का मेंबर होता है तब उसका इलेक्शन होता है पर प्राइम मिनिस्टर बनने के लिए आपको अपॉइंट्स क्योंकि वह मेजॉरिटी वाली पार्टी का लीडर होता है तो अपॉइंटेड करना हमेशा ठीक है क्लियर है आ व्ट इज द मिनिमम एज रिक्वायरमेंट टू बिकम द प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया कितना बढ़िया क्वेश्चन है प्राइम मिनिस्टर बनने के लिए मिनिमम जज क्या है 21 साल 25 साल 30 साल 35 साल भारत का प्रधानमंत्री बनने के लिए न्यूनतम आयु क्या है 21 साल 25 साल 30 साल 35 साल बताओ भाई प्रधानमंत्री प्रेसिडेंट नहीं बेटा प्रधानमंत्री शिवम अक्षिता बच् मैं भी हूं आपका नाम फिर चला गया ऊपर फिर भी लिख दो प्रियांश श्रेया रुक्स भाग्यश्री सलोनी प्रेम आकाश विनीता आयुष यूपीएससी बेटा अपने नाम से आओ शिवम लक्ष्मी सुरभी अभी रुखसार गर्गी कुनाल काजल आकाश वर्मा शिवानी सुनील मधुसूदन हिमांशु सुनील मनीषा गुप्ता रोहित कुमार लीगल विंग्स मनीषा गुप्ता चंचल यादव कुनाल सागर मौसमी मोना पाल आराधना चतुर्वेदी प्रियांश श्रीवास्तव वेरी नाइस बेटा बहुत बढ़िया वेरी गुड सैल्यूट है आप सभी लोगों को अरे भाई प्राइम मिनिस्टर पूछ रहा हूं कुछ बच्चों ने शुरू में 35 साल दिया मैंने कहा गए पानी में अरे यार लोकसभा की मेंबरशिप के लिए एज है 25 साल प्राइम मिनिस्टर बनने के लिए क्या चाहिए लोकसभा का मेंबर होना तो बन सकता हूं मैं 25 साल प भी प्राइम मिनिस्टर बनूंगा या नहीं बनूंगा भगवान जाने मोदी जी बनने दे तो पर बन सकता हूं ठीक है चलो आज का सेशन होता है समाप्त अगर मेरे कुछ ए टू जेड लैंग्वेज का पेपर सारे सब्जेक्ट सब कुछ कवर करा रहे हैं बस अगर आप मेरे अंदर आना चाहते हो मतलब मेरी गाइडेंस के अंदर इसकी तैयारी करना चाहते हो तो आपको यह कोड यूज करना है ए बी एच आई एल आई वी ई अभी लाइव मेरे नाम के पहले चार डिजिट और फिर लाइव लगा देना है तो आपको जो बेस्ट पॉसिबल डिस्काउंट है वो भी मिल जाएगा और आप सीधे मेरे गाइडेंस के अंदर आ जाओगे तो मैं ही आपको गाइड करूंगा कि इस एपीओ को कैसे क्रैक करना है भाई कर लेंगे कर लेंगे कुछ भी नहीं ठीक है चलो थैंक यू सो मच कैसा रहा बेटा स्कोर बताओ सभी लोगों का मुझे लग रहा है फ फ आया हाउ वाज द स्कोर सबका बढ़िया था ऑल गुड ऑल वेल चलो बहुत बढ़िया आप सभी लोगों से मैं कल मिलूंगा कल बच्चे सुबह 11 बजे आईव ऑर्गेनाइज स्पेशल सेशन इलेक्टोरल बंड्स के ऊपर इलेक्टोरल बॉन्ड एक बहुत इंपोर्टेंट टॉपिक होने वाला है मेंस एग्जामिनेशन के लिए माइंडेड बच्चों क्योंकि उसका सीधा रिलेशन है आर्टिकल 19 से राइट टू इंफॉर्मेशन वाली बात से तो जरूर आइएगा 11 बजे मैं पूरा इलेक्टोरल बंड का कांसेप्ट समझाने वाला हूं जो रिसेंट इवेंट है उनको भी समझाने वाला हूं तो 11 बजे का टाइम फिक्स कर लीजिए कल अपने कैलेंडर में और रात को 8:30 बजे तो आपको मिलूंगा ही ठीक है चलो थैंक यू सो मच आई विल सी यू टुमारो एट 11 एम एंड 8:30 पीएम बाय बाय गुड नाइट हां रितेश माहेश्वरी [संगीत]