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मोहनजोदड़ों: सिंधु घाटी सभ्यता का अनोखा नगर
Jul 19, 2024
मोहनजोदड़ों: सिंधु घाटी सभ्यता का अनोखा नगर
परिचय
स्थान:
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में लड़काना जिला
काल:
लगभग 5000 साल प्राचीन
प्रसिद्धि:
अवशेष मानव सभ्यता की महत्वपूर्ण विरासत, गौरवपूर्ण अतीत
नाम और अर्थ
नाम:
मोहनजोदड़ों
अर्थ:
'मुर्दों का टीला' (सिंधी भाषा)
इतिहास और खोज
प्रारंभिक खोज:
1911 में डीआर भंडारकर द्वारा
प्रमुख योगदान:
सर जॉन मार्शल और सर राखलदास बनर्जी
प्रमुख खोजें:
बौद्ध स्तूप, प्राचीन सिक्के, कच्ची और पक्की ईंटों की संरचनाएं
नगर की संरचना
आकार:
125 हेक्टेयर में विस्तारित
मुख्य ढांचा:
मजबूत और संगठित
प्रसिद्ध स्थल:
ग्रेट बथ (40 फुट लंबा, 25 फुट चौड़ा, 7 फुट गहरा)
जल प्रबंधन:
उत्कृष्ट, कुओं की प्रचुरता, पक्की ईंटों की नालियां
सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू
आर्थिक समाज:
धनी, व्यापारी और विद्वान
खेती और पशुपालन:
गेहूं, सरसों, जो, चना, और प्राचीन कपड़ा
शहर का विभाजन:
पूर्वी भाग (रईसों का बस्ती), पश्चिमी भाग (मध्यमवर्गीय बस्ती)
सांस्कृतिक और तकनीकी पहलू
कला:
वास्तुकला, धातु और पत्थर की मूर्तियां, मृदभांड, चित्रकारी
शिल्प:
मुहरे, खिलौने, आभूषण, माप तौल के साधन
लिपि:
शुद्ध अक्षरों का उपयोग
समाज:
लोकतांत्रिक, अनुशासन बुद्धि के बल पर
संग्रहालय
प्रदर्शन:
तांबे और कांसे के बर्तन, विशाल मृदभांड, आभूषण, रोजमर्रा के औजार
निष्कर्ष
विशेषता:
सौंदर्य बोध, तकनीक और कला की उन्नत सभ्यता
अन्य जानकारी
वर्तमान स्थिति:
उत्खनन कार्य सीमित, पाकिस्तान सरकार द्वारा बंद
महत्व:
विश्व की सबसे उन्नत और सभ्यता में से एक
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