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अर्ली वैदिक एज की जानकारी

Apr 29, 2025

अर्ली वैदिक एज

परिचय

  • आर्यन्स के भारतीय माइग्रेशन से शुरू हुआ यह पीरियड।
  • इंडस वैली सिविलाइजेशन (लगभग 1500 बीसी)।
  • वैदिक पीरियड 1500 बीसी से 500 बीसी तक।

वैदिक सिविलाइजेशन

  • इसे दो भागों में विभाजित किया गया है:
    • अर्ली वेदिक एज (1500 - 1000 बीसी): ऋग्वेद को संकलित किया गया।
    • लेटर वैदिक एज (1000 - 500 बीसी): अन्य वेदों, ब्राह्मणों और उपनिषदों का निर्माण।

आर्यन्स का आगमन

  • आर्यन्स एक सेमी-नोमेडिक जनजाति।
  • आर्यन्स का मूल स्थान:
    • सेंट्रल एशिया या रूस के स्टेप्स।
    • भारत में प्रवेश: पूर्वी अफगानिस्तान, नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रांत, पंजाब।
  • ऋग्वेद में कई नदियों का उल्लेख:
    • सिंधु नदी और उसकी उपनदियाँ: झेलम, रावी, ब्यास, सतलज।
    • सरस्वती नदी का भी उल्लेख।

ऋग्वेद का महत्व

  • ऋग्वेद सबसे पहला वेद।
  • 108 हाइम्स का संग्रह, 10 मंडल में विभाजित।
  • विभिन्न देवताओं की प्रार्थनाएँ।
  • आर्यन संस्कृति के संदर्भ अन्य धार्मिक ग्रंथों में भी मिलते हैं।

पॉलिटिकल, सोशल और इकोनॉमिक स्ट्रक्चर

पॉलिटिकल लाइफ

  • जन (जनजाति) और राजन (राजा/मुखिया) की भूमिका।
  • राजन की जिम्मेदारी: जन और पशुओं का संरक्षण।
  • राजन की स्थिति हेरिटेड और कभी-कभी चुनाव द्वारा।
  • पुरोहित वर्ग, सेना का मुख्य, क्षेत्र नियंत्रक।

सोशल लाइफ

  • कुल (परिवार) और विस (क्लन) की संरचना।
  • विवाह सामान्यतः एकालौकिक।
  • सती और पर्दा प्रथा का अभाव।
  • वर्ण व्यवस्था का परिचय, लेकिन सामाजिक उत्थान संभव।

इकोनॉमिक स्ट्रक्चर

  • मुख्य रूप से पशुपालन।
  • काव (गाय) का महत्व, बर्तन प्रणाली।
  • व्यापार मुख्यतः बर्तन के माध्यम से।

धार्मिक विश्वास

  • प्राकृतिक शक्तियों की पूजा: अग्नि, इंद्र, वरुण, सोम आदि।
  • यज्ञ का महत्व।
  • महिला देवी और उनके उल्लेख।

निष्कर्ष

  • अर्ली वैदिक एज ने भारतीय इतिहास और संस्कृति की नींव रखी।
  • आर्यन्स का भारत में प्रवेश एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना।

यह नोट्स अर्ली वैदिक एज के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं और इस समय की प्रमुख विशेषताओं को उजागर करते हैं।