महाभारत में पासे का खेल और इसके परिणाम

Sep 18, 2024

महाभारत की प्रसिद्ध घटना: जुआ का खेल

पृष्ठभूमि

  • कौरवों ने पांडवों को रहने के लिए खाली जगह खांडवप्रस्थ दी।
  • मायासुर की मदद से, पांडवों ने वहां एक मोहक महल बनाया।
  • दुर्योधन महल की सुंदरता से चकित था।
  • द्रौपदी के कुछ शब्दों ने दुर्योधन को चोट पहुँचाई।

दुर्योधन का प्रतिशोध का संकल्प

  • दुर्योधन की ईर्ष्या और अपमान की भावनाओं ने उसे प्रतिशोध की ओर प्रेरित किया।
  • शकुनि ने दुर्योधन को जुआ खेल का आयोजन करने की सलाह दी।

जुआ खेल

  • पांडवों को जुए के खेल के लिए बुलाया गया था।
  • शकुनि ने दुर्योधन की ओर से खेला।
  • शकुनि के पास जादुई पासे थे जो उसकी बात मानते थे।
  • युधिष्ठिर ने खेल में सब कुछ खो दिया, यहाँ तक कि द्रौपदी को भी दाँव पर लगा दिया।

द्रौपदी का चीरहरण

  • दुर्योधन के आदेश पर, दुशासन ने द्रौपदी को दरबार में खींच लाया।
  • द्रौपदी का चीरहरण करने का प्रयास किया गया।
  • भीम ने दुशासन का खून पीने और दुर्योधन की जाँघ तोड़ने की कसम खाई।

एक और जुआ खेल और वनवास

  • एक और खेल का आयोजन किया गया, जिसे पांडव हार गए।
  • परिणामस्वरूप, उन्हें 12 वर्षों का वनवास और 1 वर्ष का अज्ञातवास सहना पड़ा।

निष्कर्ष

  • जुआ का खेल महाभारत के युद्ध की दिशा में एक महत्वपूर्ण घटना है।

नोट्स

  • द्रौपदी की अपमानजनक स्थिति ने पांडवों को प्रतिशोध लेने के लिए प्रतिबद्ध किया।
  • यह कहानी महाभारत के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती है।