देखिए इंग्लिश लिटेरिचर पढ़ने का मज़ा तो तभी आता है जब उसके अंदर हमारे एपिक्स को शामिल किया जाएं तो आज की इस वीडियो में मैं डिसकस करने वाला हूँ दे गेम आफ डाइसिंग को महाबारत का एक बहुत ही फेमस इवेंट है जिसके अंदर कौरवो और पांडवो के बीच में एक डाइसिंग का गेम हुआ था डाइसिंग का मतलब होता है दोस्तों जूआ जिसमें डाइस फैके जाते हैं शकूने डाइस फैके थे आपको याद होतो तो ये गेम अप डाइसिंग हमारे इस सलिवस में शामिल है तो क्या हुआ था इसको समझने से पहले, इस event को समझने से पहले हमें इसका background समझना पड़ेगा। मैं आपको समझाता हूँ क्या हुआ था। कौरवो ने पांडवो को रहने के लिए एक खाली से जगए दे दी थी। एक खंडर जैसी जगए जो की जंगल के अंदर थी। खांडो प्रस्त कहा गया उसे। कौरवो ने पांडवो को रहने के लिए एक जगए दी जो की खंडर जैसी थी। जो एकदम खाली थी जंगल जैसी जिसे खांडव प्रस्थ कहा जाता है लेकिन बहुती कम समय में इन्होंने पांडवोंने मायासूर के साथ मिलकर वहाँ पर एक बहुती शांदार भव्य महल बनवा लिया। लेकिन ये महल मायावी था दोस्तों। मायावी का मतलब ये एक ऐसा महल था जो की बहुत जादूई था। और यही सब बातें इस कहानी के अंदर है। हम इस कहानी को अच्छे से डिस्कस करते हैं। जब कौरवों ने पांडवों को रहने के लिए एक खाली सी जगह दी खांडो प्रस्त नाम की। जोकी एक जंगल था, खंडर जैसा बना हुआ था, तो वहाँ पर पांडवों ने एक मायावी महल बनवा लिया, ये महल जादूई था, यानि इसके अंदर अलग रख टाइप के एलिजन्स थे, और इस खांडव प्रस्त नाम की जगए का नाम बदल कर रख दिया गया, इंद आसपास के सभी एरिये के सभी राजाओं को बुलाया गया इन्होंने कॉरवो को भी निमंतरन भेजा यानि दुरियोधन दुरियोधन आया और आकर देखता है तो वड़ा हैरान हो जाता है कि इन्होंने इतने कम टाइम में इतना अच्छा महल इतना भवे महल कैसे बनवा लिया लेकिन उसको ये मालुम नहीं था कि ये एक मायावी महल है यानि ये असली का महल नहीं है जैसा उसका महल है वैसे असली महल नहीं है ये मायावी महल है दुरियोधन महल की बनावट सुन्दर्ता को देखता देखता अंदर जब घुसा, तो उसने एक ऐसी जगह पर पाहव रख दिया, जो की था तो एक तालाब, लेकिन उसने फर्ष समझ कर पाहव रख दिया उसपर, कि ये तो फर्ष है, उसकी नजर नहीं पड़ी, और वो ता ये बात दुर्योधन को बहुत बुरी रगी यहां तक कि ऐसा भी कहा जाता है कि द्रौपदी ने दुर्योधन को कुछ शब्द कहे थे जो दुर्योधन को बहुत लगे थे दुर्योधन ने कहा था अंधे का बेटा अंधा जो एक तालाब और फर्श में फर्क पता नहीं कर पाया एहली चीज तो दुर्योधन जैलिसी के मारे मरा जा रहा था कि इन लोगों ने इतना भव्य महल बना कैसे लिया और दूसरी चीज ये कि उसकी बेजती हो गई थी वो जब हस्तिनापर वापस गया तो वहाँ गुस्से की जलन की बदले की आग में जला जा रहा था अब दुरियोधन की मामा थे शकुनी शकुनी का नाम आपने सुना होगा तो शकुनी ने दुरियोधन को अडवाइस दी कि तुम क्यों ना एक जूई का गेम रखवा लो यही एक तरीका है जिससे तुम अपने बेजती का बदला ले सकते हो तुम पांडवों को इन्वाइट करो और उनसे जूआ खेलो यहाँ डाइसिंग का गेम खेलो तो अब जुआ शुरू होता है देखो दोस्तों शकूनी अच्छे से जानता था कि युदिस्टर एक नंबर का जुआरी है पांडवो में जो सबसे बड़ा भाई है युदिस्टर वो एक नंबर का जुआरी है वो यहां ना आए ऐसा हुई नहीं सकता और कॉरवो और पांडवो के बीच में जुए का गेम होता है दुर्योधन कहता है कि मेरी जगा मेरे मामा शकूनी ये गेम खेलेंगे अब युदिस्टर कितना भी बड़ा जुवारी हो लेकिन एक बात मैं आपको बता दू यहाँ पर एक पॉइंट है इसको नोट कर लेना शकूनी के पास में जो डाइस थे न जो डाइस वो फैंकता था वो उसके खुद के थे और ऐसा कहा जाता है कि शकूनी के वो डाइस और वो डाइस शकूनी की बात मानते थे यानि जब भी शकूनी कोई नंबर बोलेगा तो वो ही नंबर गिरेगा, इसके साथ में वो डाइस कभी भी तूटेंगे नहीं, जब भी वो तूटेंगे कोई उसे गुस्से में तोड़ने की कोशिश करेगा तो वो तूटेंगे नहीं, अपने आप ही जुड़ जाएंगे, यूजिस्टर कितना में बड़ा जुवारी हो लेकिन शेकूनी के सामने वो नहीं टिकने वाला और ऐसा ही होता है जैसा शेकूनी ने सोचा था एक एक करके यूजिस्टर सब कुछ हारने लगता है यानि भाईयों की पास जो कुछ था वो सब कुछ भी हार गया फिर नकुल, सहदेव, अर्जुन, भीम और खुद यूजिस्टर खुद को भी हार जाता है अब एक एक करके ये सारी चीजे कैसे हार गया क्योंकि शकूनी को उकसाना बड़े अच्छे से आता था और आखिर में यूजिस्टर ने एक गलती कर दी बहुत बड़ी क्या गलती की उसने द्रापदी को भी दाव पर लगा दिया जो कि उन पांचों की बीबी भी लेकिन शकूनी खेल में माहिर था ये बात बहुत गलत थी वो हार गया वो जब हार गया, तो दुरियोधन ने अपने बाई दुशाशन को आर्डर दिया, जाकर दुरियोधन को महल से लेकर आओ, अगर वो मना करें तो उसके बाल पकड़ कर खीच कर लेकर आओ, और वैसा ही होता है, दुशाशन जब जाता है तो दुरियोधन मना करती है, दुशा तो उसने द्रापदी से कहा कि मेरी थाइस पर आकर बैठो जांग पर और इसके बाद महल में सब के सामने होता है द्रापदी का वस्र हरन वो सीन तो आपने देखा ही होगा कैसे द्रापदी का वस्र हरन किया जाता है उस वक्त दुशाशन उसका कपड़ा खीसते खीसते ठक जाता है लेकिन उस वक्त पांडवों में एक भाई भीम ने कारवों को ललकार कर कहा था एक बात बोली थी कि एक दिन पद रखना एक ना एक दिन मैं आँगा और आकर दुश्याशन की छाती चीर कर उसका खून पियूंगा। जस जांग के लिए दुरियोधन ने कहा था द्रापदी को कि आओ मेरी जांग पर बैठो उस जांग को भीम खुद तोड़ेगा ऐसी कसम खाई। तब दुरियोधन ने क्या कहा कि चलो एक और गेम हो जाए। हम तुम लोगों को दास नहीं बनाएंगे लेकिन अब पांड़व कोई भी गेम नहीं खेलना चाते थे लेकिन उन पर प्रशर पड़ा, दबाव पड़ा तो उन्हें खेलना पड़ा लेकिन अब इस गेम में सिर्फ एक ही बार चाल चली जाएगी इस चाल में अगर पांड़व हारते हैं तो उन्हें बारा सालों क�� लिए वनवास पे जाना पड़ेगा यानि जब उन्हें भेज बदल के रहना पड़ेगा तो इन्हें वापिस से बारा वर्ष का वनवास करना पड़ेगा और फिर वो मान जाता है फिर एक और गेम होता है और वो लोग फिर से हार जाते हैं और उन्हें बारा साल का वनवास हो जाता है लेकिन पांडवों की मा उनके साथ मैं वनवास में नहीं जाती पांडव और द्रौपती पाँच और छै जने वनवास पर निकल जाते हैं ये गेम अप डाइसिंग तो यहीं पर खतम होता है लेकिन इसकी बाद कारवो को क्या हल हुआ था हमें महाभारत के युद्ध में पता चलता है उम्मीद करता हूँ आपको ये कहानी पस