गुरुदेव रविंद्रनाथ ठाकुर का दृष्टिकोण

Sep 29, 2024

गुरुदेव रविंद्रनाथ ठाकुर

परिचय

  • रविंद्रनाथ ठाकुर: भारतीय बांग्ला विचारक, कवि, संगीतकार और चित्रकार।
  • तीसरे बांग्ला राजनीतिक विचारक: राजा राम मोहन राय, विवेकानंद के बाद।
  • नेशनलिज़्म पर विचार: उनके 'Critique of Nationalism' को समझना।

पॉलिटिकल थॉट का आधार

  • फ्रीडम और क्रिएटिविटी: ठाकुर एक स्वतंत्र आत्मा थे, जो स्वतंत्रता के लिए जीते थे।
  • वेदांत दर्शन का प्रभाव: सृष्टिकर्ता और सृष्टि का एकता।
  • जर्मन और इटालियन नेशन की अवधारणाओं का अवलोकन।
  • इनलाइटेनमेंट और रोमांटिसिज़्म का प्रभाव।
  • मार्क्सिज़्म और एनार्किज़्म से प्रभाव।

नेशनलिज्म की आलोचना

  • नेशन स्टेट: एक कल्पित समुदाय, जो स्वार्थ की भावना से बना है।
  • नेशनलिज्म: व्यक्तियों के बीच विभाजन और संघर्ष को बढ़ावा देता है।
  • आधुनिकता की अवधारणा: नेशनलिज्म को एक ब्रेन डिजीज के रूप में देखा गया।
  • शोषण और हिंसा: नेशनलिज्म का इतिहास खून और संघर्ष से भरा है।

सामाजिक संगठना का वैकल्पिक दृष्टिकोण

  • सोसाइटी बनाम स्टेट: सोसाइटी एक स्वाभाविक सह-अस्तित्व है, जबकि स्टेट एक सामाजिक निर्माण है।
  • संविधानिक स्वायत्तता: ग्राम पंचायतों की भूमिका और सामाजिक प्रबंधन को मजबूत करना।
  • धार्मिक सहिष्णुता: विभिन्न समुदायों का समन्वय।

ठगोर का मानवीय दृष्टिकोण

  • मानवता की एकता: सभी मनुष्य एक ही सृष्टि के भाग हैं।
  • अधिकारों का संरक्षण: मानव स्वतंत्रता और सर्वजन हिताय की दिशा में।

आलोचनात्मक मूल्यांकन

  • आदर्शवादी विचार: कई आलोचकों ने उनके विचारों को अव्यावहारिक माना।
  • राजनीतिक सक्रियता की कमी: वे एक सक्रिय राजनीतिज्ञ नहीं थे।
  • समकालीनता से अलगाव: उनके विचार अपने समय से अलग थे।

निष्कर्ष

  • गुरुदेव का संदेश: नेशनलिज्म से मुक्ति और मानवता के प्रति प्रेम।
  • जागरूकता: उनकी विचारधारा आज भी प्रासंगिक है।
  • कविता का महत्व: "Where the mind is without fear..." उनकी सोच का सार।

संदर्भ

  • पुस्तकों की सिफारिश: DU की अनुशंसित पुस्तकें और ऑनलाइन संसाधन।

धन्यवाद!